घरेलू मैदान पर ममता दी को दोहरा झटका
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सांसद सौमित्र खान ने लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अभियान को बल देते हुए बुधवार को भगवा पार्टी का दामन थाम लिया. खान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी में शामिल हो गए. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान व पश्चिम बंगाल के नेता मुकुल रॉय भी मौजूद थे. सौमित्र खान 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वह विष्णुपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. विष्णुपुर से लोकसभा सांसद सौमित्र खान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद उनके पार्टी में शामिल होने की घोषणा संवाददाता सम्मेलन में की. सौमित्र ने कहा था कि वे पीएम मोदी के साथ काम करना चाहते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में टीएमसी के शकील अंसारी सहित सैकड़ों अल्पसंख्यक नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में अभियान में मजबूती मिली है.
तृणमूल कांग्रेस ने बोलापुर से सांसद अनुपम हाजरा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है। टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा है कि अनुपम हाजरा को ऐसी गतिविधियों में पाया गया है जो पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खाती है। इसलिए पार्टी ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया है।
बता दें कि हाजरा पश्चिम बंगला के शांति नेकतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। इसके बाद उन्होंने साल 2014 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बोलापुर से चुनाव लड़ा और सांसद बन गए। लेकिन अब पार्टी ने उन्हें निलंबति करने का फैसला किया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ममता बनर्जी के लिए यह किसी दोहरे झटके से कम नहीं है।
पश्चिम बंगाल में TMC के
सामने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी के रूप में उभरी BJP
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तौर जबरदस्त गहमागहमी चल रही है. पंचायत
चुनाव के समय हिंसा की व्यापक घटनाओं के साथ ही सांप्रदायिक झड़प के मामले भी
सामने भी आए हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस तथा माकपा की जगह बीजेपी ही हर
जगह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को चुनौती देती नजर आते दिख रही है.
इससे यह साबित हो गया है कि कांग्रेस और माकपा को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने में मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर सामने खड़ी नजर आ रही है. तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में उन्हें अच्छी कामयाबी मिलेगी. राज्य में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं और दोनों पार्टियां अधिकतम सीटों पर जीत के दावे कर रही है.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया था कि , ‘‘बंगाल से हम अधिकतम सीटें जीतेंगे. राज्य में हम कम से कम 26 सीटें जीतेंगे.’’ जवाब में, टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा था कि 2019 के चुनाव में उनकी पार्टी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
अमित शाह ने राज्य की 42 लोसकभा
सीटों में कम से कम 22 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा भी कहा था कि,
‘‘बंगाल में हम अधिकतर सीटें जीतेंगे. बंगाल के लोग टीएमसी के साथ
हैं और उपचुनाव तथा ग्रामीण चुनावों में भी यह साबित हो चुका है जहां पार्टी ने
जबरदस्त जीत हासिल की.’’ ग्रामीण चुनावों में बीजेपी के
प्रदर्शन से उत्साहित पार्टी प्रमुख अमित शाह ने राज्य की 42 लोसकभा सीटों में कम से कम 22 सीटें जीतने का लक्ष्य
तय किया है. पंचायत चुनाव के दौरान भगवा पार्टी को 7,000 से
ज्यादा सीटों पर जीत मिली थी.