प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग जिसमें लागत कम और उपज की कीमत अधिक : तोमर

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 3 दिसम्बर :

            केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग है, जिसमें लागत कम लगती है और उपज की कीमत अधिक मिलती है। प्राकृतिक खेती अब कृषि शिक्षा में भी आएगी। प्राकृतिक खेती पद्धति कृषि शिक्षा पाठ्यक्रम में शीघ्र जुड़े, इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। तोमर ने यह बात कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनसुंधान संस्थान (अटारी), जबलपुर और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ग्वालियर में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कही।

            तोमर ने कहा कि एक समय था जब देश में आबादी के हिसाब से खाद्यान्न की कमी थी। तब केमिकल-फर्टिलाइजर की ओर जाकर उत्पादन केंद्रित नीति बनी, जिसके कारण उत्पादन बढ़ा व आज खाद्यान्न सरप्लस हैं, लेकिन अब एक बार फिर से खुद को संवारने की जरूरत है, ताकि आगे का जीवन ठीक से चले और प्रकृति से तालमेल ठीक से बन सके, यह सिर्फ हमारी नहीं बल्कि पूरी दुनिया की चिंता है।

            तोमर ने कहा कि आज जरूरत स्वस्थ मन, स्वस्थ खाना, स्वस्थ कृषि और स्वस्थ इंसान के सिद्धांत पर चलने की है। इसके लिए प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए। प्राकृतिक खेती पूर्णता की खेती है। इसमें पशुधन का महत्वपूर्ण योगदान है। एक देशी गाय का गोबर व गौमूत्र एक सामान्य किसान के लिए प्राकृतिक खेती में काम करने को पर्याप्त है। देश प्राकृतिक खेती अपनाएगा तो गायें सड़कों पर नहीं दिखेगी, बल्कि इनका सही उपयोग होगा। अब देश इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। गुजरात के डांग जिले में शत-प्रतिशत प्राकृतिक खेती हो रही है। हिमाचल में भी तेजी से किसान इस ओर बढ़ रहे हैं। म.प्र. में 5 हजार गांवों में इसकी योजना बनाई गई है।

            तोमर ने कहा कि हमारे देश में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। यह सिर्फ आजीविका के लिए ही नहीं, बल्कि सबकी जरूरत भी है। किसान खेती से सिर्फ आजीविका प्राप्त करने के लिए काम नहीं करता, बल्कि वह देश के 130 करोड़ से ज्यादा लोगों की भूख मिटाने के लिए खेती करता है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया को खाद्यान्न देने वाला देश बन गया है। दुनिया के बहुत-से मित्र देश आज भारत की तरफ देखते हैं कि अगर भारत में खाद्यान्न उत्पादन की स्थिति ठीक है तो बुरे वक्त में भारत हमारी मदद करेगा। किसानों के सामने देश व दुनिया की भी जिम्मेदारी है।

            तोमर ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण माटी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है। मित्र बैक्टीरिया मारे जा रहे हैं। हम हर साल धरती की खाद की प्यास बढ़ाते जा रहे हैं। जिस संकट से देश 25 साल बाद जूझने वाला है उससे बचाना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती पद्धति को फिर से लांच किया व इसे जनांदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है।

            केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए भारत सरकार प्रयत्नशील है। एमएसपी डेढ़ गुना की गई, वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से करोड़ों किसानों को हर साल छह-छह हजार रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक 2.16 लाख करोड़ रुप‌ए से ज्यादा राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कराई जा चुकी हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को फसलों के नुकसान के बदले 1.24 लाख करोड़ रु. दिए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्डों द्वारा 18 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिलते हैं।

            किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।कार्यक्रम में म.प्र. के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. वेद प्रकाश चहल, राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डॉ. अरविंद शुक्ला, अटारी जबलपुर के निदेशक डॉ. श्यामरंजन सिंह, सहित जनप्रतिनिधि व वैज्ञानिकगण-अधिकारी उपस्थित थे।

राजस्थान:1977 में कांग्रेस शासन उखाड़ फेंका: भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने, 2023 में कांग्रेस का क्या होगा? अब हालात बुरे से बुरे।

 करणीदानसिंह राजपूत – सूरतगढ़ 3 दिसंबर 2022

            30 साल के संघर्ष के बाद राजस्थान में 1977 में आपातकाल के बाद में जनता पार्टी की जीत हुई। भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने उस समय कांग्रेस की क्या स्थिति थी? कांग्रेस क्यों हारी? इस पर राजस्थान समाचार प्रचार समिति की ओर से 21 जून 1977 को समाचार बुलेटिन जारी किया गया वह कांग्रेस पार्टी की नीतियों के प्रति बहुत कुछ बता रहा था। 2003 के चुनाव में फिर 2013 के चुनाव में कांग्रेस को पराजय मिली। अब आगे आने वाले चुनाव 2023 में कांग्रेस के हाल क्या होंगे? कांग्रेस राज के 2018 में जीतने के बाद 4 साल बीत चुके हैं।इन चार सालों में लोगों को जो मिला और जो देखा उससे तो यह कहा जा सकता है कि हालत 1977 के चुनाव में जो थी अब उससे कई गुना अधिक बिगड़ चुकी है। सरकार का नियंत्रण खत्म जैसा हो रहा है। भ्रष्टाचार और अनाचार बढ रहा है।

            नारी अत्याचार और हत्याकांड बढ रहे हैं। रिश्वत के बिना काम ही नहीं हो रहे। प्रतिदिन किसी न किसी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रंगे हाथों गिरफ्तार कर रहा है। दावा किया जा सकता है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में बहुत सख्त है।  लेकिन फिर भ्रष्टाचार क्यों और कैसे बढ रहा है? जो लोग पकड़े गए उनको अपराधी सिद्ध होने के बावजूद अधिकांश के विरुद्ध अदालत में केस चलाने की अनुमति संबंधित विभाग क्यों नहीं दे रहे। इस पर सरकार की तरफ से कोई दिशा निर्देश नहीं हो रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या कोई भी अन्य मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों कर्मचारियों को लताड़ता नहीं है और चेतावनी भी नहीं देता। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में वर्षों से प्रकरण लंबित पड़े हैं और उनकी संख्या बढती जा रही है। किसी  मामले  की जांच कितने दिन में पूर्ण हो जानी चाहिए? सब जगह मामले दबाने से जनता परेशान हो रही है।

            शिक्षा चिकित्सा का बुरा हाल है और सुनवाई नहीं हो रही। ऐसी बिगड़ी सूरत में 2023 के चुनाव होंगे। कांग्रेस की जीत की उम्मीद तो एक प्रतिशत भी नहीं। किसान खेत की रखवाली नहीं करे,लोगों के कहने पर भी खेत को देखे नहीं और अच्छी उपज की आस करे। कांग्रेस की ऐसी दुर्दशा है तो ऐसा ही चुनाव परिणाम होगा।

            सन् 2023 के चुनाव होने से पहले 1977 में कांग्रेस जिन जन विरोधी नीतियों के कारण हारी,उनके बारे में जानकारी लेते हुए अब की नीतियों पर विचार करना चाहिए।

            राजस्थान में राजनीति करने वालों को चाहे वे किसी भी दल के हों वह समाचार बुलेटिन पढ़ना चाहिए जो मेरे रिकॉर्ड में मिला। आज 30 नवंबर 2022 के हिसाब से 44 साल पहले

            कांग्रेस किन जनविरोधी नीतियों से हारी थी। उसका उल्लेख है। मै  उस समय स्वय का भारत जन साप्ताहिक समाचार पत्र (1973 से 1979) का संपादन प्रकाशन कर रहा था। भारतजन के नाम से ही राजस्थान समाचार प्रचार समिति के बुलेटिन मिलते रहते थे।

उस बुलेटिन में जो लिखा गया वह आपके समक्ष यहां शब्द से शब्द प्रस्तुत कर रहा हूं।

30 साल बाद भैरों सिंह शेखावत जनता नेता निर्वाचित राजस्थान में उमंग और उत्साह का वातावरण

जयपुर( राजस्थान 21 जून. 1977.

            दुर्भावना और आशंकाओं के गहरे कोहरे को चीर कर आज प्रबल वेग से जनता सूर्य के रूप में जन नेता भैरों सिंह शेखावत के राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में उदय हो जाने से सारे राज्य में उमंग और उत्साह का वातावरण व्याप्त हो गया है

            कांग्रेस के एक दलीय  अहंकार से चूर और घृणा की राजनीति से भरपूर शासन को जनता ने उसके आपातकाल में चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाने और अन्याय और की समस्त परिस्थितियों को लांघने सामने के बाद चतुर  किंतु खामोशी के आत्मिक बल के साथ उखाड़ फेंका।

* 30 साल तक बेबस और अनजान जनता ने अपने आंगन में जिस पेड़ को सींचा था उसके कांटो की असह्य चुभन को बर्दाश्त न करने से गत दो चुनावों में उस वृक्ष को जड़ सहित उस वृक्ष को भूमिगत कर दिया।

            राजस्थान विधानसभा के प्रांगण में कांग्रेस की घृणा की राजनीति और असहनीय भ्रष्टाचार के बखिया उधेड़ने वाले जन नेता भैरों सिंह शेखावत को जनता ने आज अवसर दे दिया है कि अन्याय के आगे अपने नए झुकने वाले व्यक्तित्व से प्रदेश की करोड़ों जनता को सामाजिक न्याय प्रदान करें।

             प्रदेश के सौहार्दपूर्ण वातावरण को कभी जाट- राजपूत, कभी हरिजन गैर हरिजन, कभी मुसलमान और हिंदू की वैमनस्यता के गंदे पानी से खींचने वाले कांग्रेसी सत्तालोलुपों का जनता ने एक बार ही पर्दाफाश कर दिया है और जन नेताओं को अवसर दिया है कि वे ईमानदारी से प्रदेश में जनप्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना करें जिसके प्रकाश ने गत आमचुनावों के परिणामों से विश्व को हतप्रभ कर दिया और भारत की प्रजातंत्र में अपूर्व निष्ठा को उजागर कर दिया।

             जनता के मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत अब तक के समस्त मुख्यमंत्रियों में सर्वाधिक आदर के साथ अपने पद पर प्रतिष्ठित हुए हैं। उन्हें अधिक से अधिक विधायकों का जहां विश्वास प्राप्त हुआ है वहां प्रबल जनसमर्थन से भी उनके मनोबल को शक्ति प्राप्त हुई है।

             शेखावत का जन्म 1923 में सीकर जिले के एक गांव खाचरियावास में हुआ है। प्रारंभिक दीक्षा के बाद उन्होंने 4 वर्षों तक सरकारी नौकरी की और 1952 में राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए। अपने 20 वर्ष के विधायक काल में भैरो सिंह ने सुखाड़िया सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का निरंतर विरोध किया और नाथद्वारा कांड,पानरवा कांड, सहारिया भूमि कांड आदि को विधानसभा के समक्ष रखा।

            संगठन पक्ष में शेखावत राजस्थान प्रदेश जन संघ के उपाध्यक्ष, अध्यक्ष,अखिल भारतीय जन संघ की कार्यसमिति के सदस्य और उपाध्यक्ष रहे हैं।

            उन्होंने कच्छ रक्षा आंदोलन, शिमला समझौता विरोधी आंदोलन,सिंधी शरणार्थी बचाओ आंदोलन, महंगाई विरोधी आंदोलन, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों में भाग लिया और उन्होंने अनेक बार गिरफ्तारियां दी।

             1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय उन्होंने अपने साथी निरंजन नाथ आचार्य के साथ सैनिकों की सेवा तथा युद्ध प्रयत्नों में भारी सहायता दी। भैरों सिंह शेखावत ने 1971 के बाद भारतीय सेनाओं द्वारा विजित पाकिस्तान क्षेत्र की यात्रा की और पचास हजार

सिंधी शरणार्थियों को मौत के मुंह में धकेले जाने से बचाने में सफलता प्राप्त की।

            गत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में जनता पार्टी के चुनाव संयोजक के रूप में प्रदेश भर में उन्होंने विस्तृत चुनाव सभाएं आयोजित की और जनता को स्वच्छ और लाभकारी प्रशासन देने का वचन दिया। उनके ही एकथ परिश्रम का फल रहा कि जहां सुखाड़िया गए वहां ही कांग्रेस उम्मीदवार पराजित हुआ।

             धुन के धनी और सादा जीवन के पक्षपाती भैरों सिंह शेखावत जनता के बहुत निकट हैं। साहित्य और कला के अनुरागी के रूप में वे सहज हास्य और अनुराग के भरपूर हैं।

            राज्य के नेता के चुनाव के रूप में उन्होंने प्रदेश की गंभीर जन समस्या के समाधान, अनुसूचित परिगणित जातियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने तथा जनता पार्टी की घटक प्रवृत्ति को तोड़ने का तथा प्रदेश से भ्रष्टाचार के तीव्र पलायन का  जनता से वायदा किया है।०

            आपने बुलेटिन पढ लिया। उस समय कांग्रेस के हारने के कारण भी जान गए। अब हालात बुरे से भी बुरे हैं जिनका कुछ वर्णन प्रारंभ में आपने पढ लिया।

सूरतगढ़ : नगरपालिका के भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा नेताओं की चुप्पी रहस्यमय

 करणीदानसिंह राजपूत – सूरतगढ़ 3 दिसंबर 2022

            नगरपालिका की भ्रष्टाचार और जन विरोधी कार्रवाइयों के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल प्रदर्शन में 5 दिन की चेतावनी देने की घोषणा करने के बाद 3 महीने से चुप है। नगर पालिका सूरतगढ़ पर 24 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी ने 10 सूत्री मांग पत्र दिया था। विधायक रामप्रताप कासनिया की अगुवाई में भाजपा के सभी नेता प्रदर्शन में थे और घोषणा की थी कि 5 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

  • क्या नगरपालिका भ्रष्टाचार मुक्त हो गई या भाजपा को पालिका भ्रष्टाचार के कालवा अजगर ने निगल लिया। क्या अजगर इतना विशाल हो गया कि उसने सभी भाजपा नेताओं और संगठन को निगल लिया? अगर ऐसा हो गया है तो जिला अध्यक्ष आत्मा राम तरड़ को यहां नये पदाधिकारी बना कर भाजपा के नाम को जिंदा रखने की कोशिश करनी चाहिए।
  • 24 अगस्त 2022 को प्रदर्शन किया उसमें खूब फोटो हुए और भाषण भी हुए। वे सभी चेहरे यहां फोटो में देख सकेंगे जिनकी आवाज सुनाई नहीं पड़ रही।
  • 24 अगस्त को प्रदर्शन के बाद तीन पदाधिकारी नगरपालिका गए। गुपचुप सरेंडर हुए। नगरपालिका को मांग पूरी करने के लिए 1 माह का समय दे आए। एक माह का समय कर आए तो फिर प्रदर्शन 23 या 24 सितंबर को करना था लेकिन 24 अक्टूबर 24 नवंबर भी बीत गए। सरेंडर और क्या होता है? तीन महीने बीत गए और आगे भी बीतेंगे।
  • कांग्रेस की प्रदेश सरकार के विरुद्ध जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी मगर कांग्रेस के नगरपालिका बोर्ड एवं अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के जनविरोधी रवैये के विरुद्ध आक्रोश नहीं फूटेगा?
  • मीडिया की आत्मा भी मर चुकी है वे भी पत्रकार वार्ता में भाजपा नेताओं से सवाल नहीं करेंगे कि राज्य सरकार के विरुद्ध रैली तो यहां विरोध के बजाय सरेंडर क्यों? अगर सरेंडर नहीं है तो क्या भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया  पूर्व विधायक अशोक नागपाल नगर मंडल अध्यक्ष ने धर्मेला कर लिया है? अगर सरेंडर नहीं धर्मेला नहीं तो फिर क्या गुपचुप होली खेल ली और पालिका बोर्ड के रंग में रंग गए? सवाल अनेक हैं और नये पैदा होते रहेंगे। कासनिया के फ्री हैंड से बनाया नगर मंडल है और भ्रष्टाचार के मामलों में एकदम चुप है।

प्रदर्शन में जो नेता कार्यकर्ता थे उनको देखलें

विधायक रामप्रताप कासनिया, पूर्व विधायक अशोक नागपाल,नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, जिले के पदाधिकारियों में शरणपालसिंह मान,श्रीमती आरती शर्मा, युवा मोर्चे के प्रेमप्रकाश राठौड़, भाषण देने वाले सुभाष गुप्ता।

  • पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू 24 अगस्त के प्रदर्शन में शामिल नहीं थे लेकिन नगरपालिका के भ्रष्टाचार और जनविरोधी रवैये पर चुप हैं। भादू कांग्रेस,निर्दलीय से भाजपा में आने और 2013 से 2018 तक विधायक रहने के बाद जिम्मेदारियों से दूर नहीं भाग सकते। वे बताएं कि चार साल से मुंह बंद का क्या कारण है?
  • सन् 2023 के विधानसभा चुनाव में बारह महीने ही शेष हैं। भाजपा गतिविधियों पर नजर रखने वाला संघ और हिंदु जागरण मंच,विश्व हिंदु परिषद यह सब देख रहे हैं और चुप हैं। यहां आक्रोश क्यों नहीं है? मोदी नाम के समर्थक लोग यह देख कर हत्प्रभ हैं।

जिला परिषद के चुनाव परिणाम से बसपा के वोटबैंक में हुई बढोत्तरी : मनीष कशयप

 सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :

            बहुजन समाज पार्टी के हल्का कोषाध्यक्ष मनीष कश्यप ने जिला परिषद के चुनाव परिणाम पर बसपा के 4 प्रत्याशियों की भारी बहुमत से हुई जीत पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी एक मजबूत विकल्प के रूप में जनता समक्ष आ चुकी है।

            उन्होंने कहा कि इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव परिणाम है। कश्यप ने बताया कि जिला में 18 जिला परिषद सदस्यों के पदों में से 4 पदों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों की ऐतिहासिक जीत होना सीधे तौर मौजूदा सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है क्योंकि सरकारी तन्त्र और भाजपा से प्रभावित माहौल के बाद भी बसपा का जनाधार पूर्व की भांति स्थापित रहना बहुजन समाज पार्टी की महत्वत्ता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।

            उन्होंने कहा कि जिला परिषद के चुनाव में भारी मतों से बसपा के उम्मीदवारों की विजय के लिए सभी उम्मीदवार बधाई के पात्र हैं। मनीष कश्यप ने बताया कि आज जनता अपना मन बना चुकी है कि बहुजन समाज पार्टी ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो सर्व समाज के हितों की रक्षा करने के लिए सक्षम है।

            उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों ने भी अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की थी और पुनः इसी जीत को दोहराया गया है। प्रत्याशियों की इस जीत का श्रेय जनता को जाता है। मनीष कश्यप ने कहा कि आज आम जनता महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और धर्म जाति की राजनीति से त्रस्त है वही उम्मीद की किरण के रूप में बहुजन समाज पार्टी जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का कार्य कर रही हैं।

            उन्होंने विजयी हुए उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा कि जिस प्रकार जनता ने इन सभी उम्मीदवारों पर अपनी अपेक्षाएं जताई हैं उन पर खरा उतरना भी उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती हैं। मनीष कश्यप ने कहा कि आने वाले समय में आने वाले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी और निश्चित तौर पर जिला परिषद के चुनाव की भांति ही सभी उम्मीदवार भारी मतों से विजयी होंगे।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने जागरूकता प्रोग्राम करवाया

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पंजाब ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सहयोग से मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भवन में 2 दिसंबर, 2022 को एम. एस. एम. इज के लिए एस. आई. डी. बी. आई. की स्कीमों, टीआरईडीएस स्कीम और सौर ऊर्जा संबंधी एक जागरूकता प्रोग्राम करवाया। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पंजाब के प्रमुख सचिव दलीप कुमार ने मुख्य मेहमान के तौर पर समागम की अध्यक्षता की।

            इस मौके पर प्रमुख सचिव ने बताया कि पंजाब सरकार ने सिडबी के साथ ऐमओयू (समझौता) सहीबद्ध किया है जिससे सिडबी की अलग-अलग स्कीमों और भारत सरकार की अन्य स्कीमों का लाभ लेने में एम. एस. एम. इज़ की मदद की जा सके। उन्होंने उद्योगों को इन स्कीमों का लाभ लेने के लिए आगे आने की अपील की और राज्य सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग देने का भरोसा भी दिया।

            इस दौरान, सिडबी के जनरल मैनेजर ने एम. एस. एम. इज़ और आरऐकसआईऐल के लिए उपलब्ध अलग-अलग स्कीमों के बारे जानकारी दी और टी. आर. ई. डीज. प्लेटफार्म के लाभ उजागर किये। टाटा पावर की टीम ने राज्य में टाटा ग्रुप ने, सिडबी की स्कीमों के अधीन वातावरण अनुकूल ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) का प्रयोग करके, लगाए जा रहे सौर ऊर्जा प्लांटों की विशेषताओं के बारे बताया। इस समागम में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग पंजाब, सिडबी और जि़ला एस. ए. एस. नगर, रूपनगर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और एस. बी. एस. नगर के 100 से अधिक एम. एस. एम. इज के अधिकारियों ने भाग लिया।

अहमद पटेल की बेटी ने खड़गे को दी सलाह – सोच – समझकर बोलें

गुजरात में आज पहले चरण की 89 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। इस चरण में कुल 788 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक बढ़चढ़ कर वोटिंग के लिए मतदान केंद्रों तक पहुंचे। इतना ही नहीं भाजपा-कांग्रेस और विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के कई दिग्गज नेताओं ने भी अपना वोट डाला। इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी हिस्सेदारी दर्ज कराई। 

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ नयी दिल्ली :

            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रावण जैसा बताने वाले बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का विरोध पार्टी के अंदर ही शुरू हो गया है। गुजरात में पार्टी की नेता मुमताज पटेल ने खड़गे के बयान का विरोध किया और लगे हाथ सलाह भी दे डाली।

मुमताज ने कहा – नेता अपनी बात कहते समय शब्द सावधानी से चुनें, क्योंकि उनका गलत इस्तेमाल हो सकता है। इस तरह की टिप्पणियों से बचने में ही समझदारी है। बता दें कि मुमताज सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे दिवंगत अहमद पटेल की बेटी हैं। दो साल पहले कोविड से अहमद का निधन हो गया था।

           कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 28 अक्टूबर को गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। अहमदाबाद में जनसभा के दौरान खड़गे ने कहा- प्रधानमंत्री बोलते हैं कि कहीं और मत देखो। मोदी को देखकर वोट दो। कितनी बार तुम्हारी सूरत देखें? हमने कॉर्पोरेशन चुनाव में तुम्हारी सूरत देखी। MLA चुनाव में, MP इलेक्शन में सूरत देखी। हर जगह पर। क्या रावण की तरह आपके 100 मुख हैं। मुझे समझ नहीं आता।

            बयान के ठीक दो दिन बाद यानी 1 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को जवाब दिया। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा- कांग्रेस पार्टी को तो राम सेतु से भी नफरत है। कांग्रेस में PM पद को नीचा दिखाने और गाली देने की कॉम्पिटिशन चल रही है। मुझे गाली देने के लिए रामायण से रावण को ले आए। एक रामभक्त को रावण कहना गलत है। लोग जितना कीचड़ उछालेंगे, कमल उतना ही खिलेगा।

            अब अहमद की राजनीतिक विरासत उनकी बेटी मुमताज ही संभाल रही हैं। अहमद पटेल 2001 से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे। जनवरी 1986 में वे गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। 1977 से 1982 तक यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक वे कांग्रेस के जॉइंट सेक्रेटरी रहे। बाद में उन्हें कांग्रेस का कोषाध्यक्ष बनाया गया था।

नड्‌डा की टीम में पंजाब के तीन दिग्गज नेता कार्यसमिति में शामिल

                        कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इसके साथ बीजेपी ने कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर जगह दी है। दोनों नेता कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं। बता दें कि अगस्त महीने में ही जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस छोड़ी थी। वे पार्टी के सबसे युवा राष्ट्रीय प्रवक्ता थे। 39 वर्षीय जयवीर शेरगिल ने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस पर कड़े आरोप लगाए थे। जयवीर ने कहा था कि उन्होंने सबसे पुरानी पार्टी के साथ सभी संबंध तोड़ने का फैसला किया है क्योंकि चाटुकारिता ‘दीमक’ की तरह संगठन को खा रही है।

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ नयी दिल्ली :

            पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और पूर्व कांग्रेसी नेता सुनील जाखड़ को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है। वहीं, जयवीर शेरगिल को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है।  जानिए और क्या किए गए हैं बदलाव।

            पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा अभी से यहां 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग गई है। इसी के तहत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने पंजाब के तीनों दिग्गज नेताओं को अपनी टीम में जगह दी है।

            बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कैप्टन और जाखड़ पार्टी से नाराज चल रहे थे। बाद में इसी विवाद में जहां कैप्टन को CM की कुर्सी गंवानी पड़ी, वहीं जाखड़ ने विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी को अलविदा कह दिया। जाखड़ को हटाकर ही सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।

            इन तीन नेताओं के अलावा स्वतंत्रदेव सिंह (उत्तर प्रदेश) को भी राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। इनके अलावा मदन कौशिक, विष्णु देव साय, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, मनोरंजन कालिया और अमनजोत कौर रामूवालिया को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।

गैंगरेप के 11 दोषियों को दोबारा जेल भेजने की मांग, इनकी 15 अगस्त को हुई थी रिहाई

            13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सजा 2008 में मिली, इसलिए रिहाई के लिए 2014 में गुजरात में बने कठोर नियम लागू नहीं होंगे। 1992 के नियम ही लागू होंगे जिसके तहत  गुजरात सरकार ने 14 साल की सजा काट चुके लोगों को रिहा किया था। अब बिलकिस बानो 13 मई के आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि जब मुकदमा महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होंगे गुजरात के नहीं।

गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों में बिलकिस का गैंगरेप हुआ

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ नयी दिल्ली – 30 नवंबर :

            2002 के गुजरात दंगों के दौरान परिवार की हत्या और गैंगरेप के 11 दोषियों को रिहाई मिलने के बाद बिलकिस बानो ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के मई के उस आदेश को चुनौती देते हुए एक समीक्षा याचिका भी दायर की जिसमें गुजरात सरकार को 1992 की छूट नीति के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई थी।

            पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती दी गई है और सभी को तुरंत जेल भेजने की मांग की गई है। जबकि दूसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट के मई के आदेश पर पुनर्विचार याचिका है। बिलकिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की भी मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश भारत,  डी वाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिया कि मामले में देखेंगे कि कब सुनवाई हो सकती है।

मुख्य न्यायाधीश भारत डी वाई चंद्रचूड़ ने दिया भरोसा

            याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय उस फैसले पर फिर से विचार करे जिसमें कहा गया था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। बिलकिस ने कहा है कि इसके लिए उपयुक्त सरकार महाराष्ट्र सरकार है।  क्योंकि केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था। बिलकिस की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में जल्द सुनवाई की भी मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश भारत डी वाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिया कि मामले में देखेंगे कि कब सुनवाई हो सकती है।

            हादसे के समय बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे गर्भवती थीं। दंगों में उसके परिवार के 6 सदस्य जान बचाकर भागने में कामयाब रहे। गैंगरेप के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। जनवरी 2008 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की सजा को बरकरार रखा था। आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की सबजेल में भेज दिया गया था।

            दोषियों की रिहाई पर बिलकिस के पति याकूब रसूल ने कहा, ‘हमें यकीन ही नहीं हो रहा कि बिलकिस से गैंगरेप करने वाले, मेरी 3 साल की बेटी को पटक-पटककर मार देने वाले, मेरे परिवार के सात लोगों की हत्या करने वालों को सरकार ने कैसे छोड़ दिया। ये सोचकर ही हमें डर लग रहा है। इस फैसले ने बिलकिस को तोड़ दिया है। वो किसी से बात नहीं कर रही हैं। वह कुछ भी कहने की हालत में नही हैं।’

           जेल से रिहा होने के बाद एक आरोपी ने कहा- जब हम जेल से छूटे तो परिवार में खुशी का माहौल था। जेल में रहने के दौरान हमने असहनीय कष्ट और अपमान सहा। अपने कई दोस्तों-रिश्तेदारों को भी खो दिया। हमारे साथ सजा काट रहे जशुकाका की पत्नी की कैंसर से मौत हो गई।


           27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में भीड़ ने आग लगा दी थी। इसमें अयोध्या से लौट रहे 57 कारसेवकों की मौत के बाद दंगे भड़क गए थे। दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातर मुसलमान थे। केंद्र सरकार ने मई 2005 में राज्यसभा में बताया था कि गुजरात दंगों में 254 हिंदू और 750 मुसलमान मारे गए थे।

नौजवानों को रोजग़ार देने का वायदा पूरा करते हुए केवल आठ महीनों में 21,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दीं-मुख्यमंत्री


अलग-अलग विभागों में भर्ती प्रक्रिया जारी, और नौजवानों को मिलेंगी सरकारी नौकरियाँ


पंजाब राज्य बिजली निगम के 603 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे, सहायक लाइनमैनों के 2100 पद अगले महीने भरने का ऐलान

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि पहली बार किसी राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के केवल आठ महीनों के समय में 21,000 नौजवानों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे हैं।  


            मुख्यमंत्री यहाँ म्यूनिसिपल भवन में पंजाब राज्य बिजली निगम के 603 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र बाँटने के अवसर पर संबोधन कर रहे थे। इन 603 उम्मीदवारों में 476 क्लर्क, 68 जे.ई. (इलैक्ट्रिकल) और 59 जे.ई. (सब- स्टेशन) थे।  


            मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक स्तर पर शुरू की गई इस भर्ती मुहिम में सरकार की नौजवानों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दिखाती है, क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने इतने थोड़े समय में नौजवानों के लिए सरकारी नौकरियों के दरवाज़े खोले हैं। उन्होंने बताया कि आम आदमी सरकार को अभी आठ महीनों का समय हुआ है परन्तु अब तक 21 हज़ार से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दी जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस समय कई विभागों में भर्ती चल रही है, जिससे और नौजवान नौकरी हासिल करने के योग्य होंगे।  


            पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नौजवानों को नौकरी सिफऱ् और सिफऱ् मैरिट के आधार पर मिलेगी और नौकरी हासिल करना योग्य नौजवान का अधिकार होता है। इस मामले में मैं न किसी की सिफ़ारिश मानता हूँ और न ही किसी की सिफ़ारिश चलने देता हूँ क्योंकि नौजवान मुझ पर बहुत विश्वास करते हैं और इस भरोसे को मैं किसी भी कीमत पर टूटने नहीं दूँगा।’’  


            नौजवानों को अधिक से अधिक रोजग़ार देने के वायदे को निभाते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि पी.एस.पी.सी.एल. में सहायक लाईनमैनों के 2100 पद अगले महीने भरे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन पदों के लिए परीक्षा हो चुकी है और परिणाम भी इसी हफ़्ते घोषित किया जा रहा है और अगले महीने चुने गए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जिससे बड़ी संख्या में और नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ हासिल होंगी।  


            भ्रष्टाचारियों को राज्य के असली दुश्मन बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार करने वालों के खि़लाफ़ कानून के मुताबिक सख़्त कार्रवाई कर रही है, जिससे बाकियों को भी सबक मिल सके। यहाँ तक कि कुछ पूर्व मंत्री भी अपने गुनाहों की सज़ा भुगत रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वाला किसी भी पार्टी से सम्बन्धित हो, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।  
इस दौरान नियुक्ति पत्र देने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए नव-नियुक्त मनप्रीत कौर ने कहा कि इस समूची प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि आज का दिन उसकी जि़ंदगी का ऐतिहासिक दिन है क्योंकि राज्य सरकार ने केवल मैरिट के आधार पर रोजग़ार दिया। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति के लिए वह राज्य सरकार के हमेशा ऋणी रहेंगे।  


            एक अन्य नव-नियुक्त उम्मीदवार संजय कुमार ने भी इस नौकरी के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि उनकी भर्ती प्रक्रिया बीते कुछ सालों से लटकी हुई थी परन्तु मुख्यमंत्री ने पद संभालने के तुरंत बाद निजी रूचि लेकर इस प्रक्रिया को मुकम्मल करवाया। उन्होंने कहा कि इस नौकरी से वह अपना जीवन मान-सम्मान से व्यतीत करेंगे।  


            नव-नियुक्त क्लर्क हरगोबिन्द सिंह मारग ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी से उसकी और उनके परिवार की तकदीर बदल जाएगी। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को केवल मैरिट के आधार पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद किया।  
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने बताया कि पी.एस.पी.सी.एल. द्वारा बहुत जल्दी 66 के.वी. की क्षमता वाले नए ग्रिड स्थापित करने के साथ-साथ अंडरग्राउंड तारें डालने का काम शुरू किया जा रहा है, जिससे बिजली आपूर्ति को और अधिक सुचारू बनाया जा सके।  


            इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद और पी.एस.पी.सी.एल. के चेयरमैन-कम- मैनेजिंग डायरैक्टर बलदेव सिंह सरां उपस्थित थे।  

सिटी विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने दड़वा डेयरी काम्पलेक्स का किया औचक निरीक्षण

  डेमोक्रेटिक फ्रंट, सुशील पंडित, यमुनानगर – 26 नवंबर  

            भाजपा यमुनानगर विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास अनुरोध के बाद आज उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के साथ फिर से दड़वा डेयरी काम्प्लेक्स का औचक निरीक्षण किया,विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने आज दढ़वा डेयरी कंपलेक्स का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था पर संतोष जताया व उपस्थित निगम अधिकारियों को दिशा निर्देशित करते हुए कहा कि सोमवार को एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें दडवा डेयरी कांपलेक्स में और कैसे बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके इस विषय पर विचार विमर्श कर के अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।

             उन्होने अधिकारियों से कहा कि सफाई व्यवस्था पर विशेष रूप से लगातार नजर रखे व यहाँ कार्य कर रहे लोगों को सभी सुविधाएं प्राप्त हो,भाजपा विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार का पूरा प्रयास है कि दडवा डेयरी कांपलेक्स में ज्यादा से ज्यादा आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि वहां पर कार्य कर कर रहे लोगों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत या परेशानी ना आए, भाजपा सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि दडवा डेयरी काम्प्लेक्स को आदर्श काम्प्लेक्स के रुप में स्थापित किया जाए।

            सिटी विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार यमुना नगर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए पूरी तरह से कृत संकल्प है ,आगे भी ऐसे ही और भी विकास कार्यों का औचक निरीक्षण जारी रहेगा।

            इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता गिरीश पुरी,नरेश उप्पल, नितीश दुआ, भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग सहित नगर निगम अधिकारी साथ रहे।