अपने स्कूल टीचर्स को फिनलैंड भेजना चाहते हैं सिसोदिया
दिल्ली के तमाम मुद्दों को लेकर आज दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल अपने विधायकों व मंत्रियों के साथ विधानसभा से एलजी हाउस तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे। इस दौरान मीडिया से खास बातचीत के दौरान CM अरविंद केजरीवाल ने कहा LG दिल्ली के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश नहीं जाने दे रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली के कई विभागों का फंड रोक रखा है, जिससे दिल्ली का विकास रुक रहा है। दिल्ली सरकार की सबसे प्रभावशाली योजना मोहल्ला क्लीनिक में फंड के अभाव के चलते वहां के डॉक्टरों और स्टाफ को वेतन नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से आम जनता परेशान हो रही है। हैरानी यह है की अमरीका को कभी फ़िनलैंड की खासियत नहीं पता चली।
- दिल्ली के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने पर मचा है घमासान
- एलजी ऑफिस की ओर से नहीं मिल रही मंजूरी, केजरीवाल ने साधा निशाना
- फिनलैंड के एजुकेशन सिस्टम में क्या है अलग, क्या एलजी की मिलेगी मंजूरी
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :
दिल्ली सरकार अपने सरकारी स्कूल के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहती है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया। सरकारी स्कूल से 30 टीचरों का चुनाव कर लिया गया है, जिन्हें ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने की तैयारी है। लेकिन जब प्रस्ताव को मंजूरी के लिए दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेजा गया, तो उन्होंने इसे नामंजूर कर दिया। Delhi LG का कहना है कि उनकी ट्रेनिंग भारत में ही हो सकती है फिर Finland जाने की जरूरत क्यों? इसके बाद से सियासी तनातनी शुरू हो गई हैं।
स्मिथसोनियन की रिपोर्ट के अनुसार फिनलैंड में स्कूल सरकार द्वारा समर्थित हैं। फिनलैंड के स्कूलों में नंबरों के लिए कोई दबाव नहीं होता, इसलिए दुनिया के बेहतरीन स्कूलों में फिनलैंड का नाम सबसे आगे रहता है. यहां का एजूकेशनल सिस्टम अन्य किसी भी देश की तुलना में एकदम अलग है। फिनलैंड आज से ही नहीं बल्कि दशकों से इस मामले में बहुत आगे है। यहां स्टूडेंट्स को क्रिएटिविटी के लिए लगातार उत्साहित किया जाता है और उसे पूरी फ्रीडम मिलती है। छात्रों, स्कूलों या क्षेत्रों के बीच कोई रैंकिंग, कोई तुलना या प्रतिस्पर्धा नहीं है। स्मिथसोनियन रिपोर्ट में बताया गया है कि फिनलैंड में बच्चों चाहे वे ग्रामीण हों या शहरी, सभी को समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलता है।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, फिनलैंड में सबसे कमजोर और सबसे मजबूत छात्रों के बीच का अंतर दुनिया में सबसे कम है। स्मिथसोनियन को फ़िनलैंड के शक्तिशाली शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओली लुककेनन ने बताया कि “फिनिश शिक्षा में, समानता सबसे महत्वपूर्ण शब्द है। इस पर, सभी राजनीतिक दल सहमत हैं।”