कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, मंगलवार तक गिरफ्तारी पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को अंतरिम जमानत देते हुए राज्यों से पूछा है कि आखिर उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है । उनके खिलाफ तीनों एफआईआर को एक साथ लाकर एक कोर्ट में सुनवाई करने के लिए कहा गया है । हालांकि कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी , जिसपर कोर्ट ने कहा कि वह एफआईआर को रद्द नहीं कर सकती । कोर्ट ने खेड़ा को लेकर कहा है कि यह अंतरिम राहत मंगलवार तक है , उन्हें तब तक रेगुलर बेल अप्लाई करनी होगी।  

कांग्रेसी नेता एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठै।- India TV Hindi

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर बड़ा फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी पुलिस और असम पुलिस को FIR एक साथ करने के लिए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि खेड़ा के खिलाफ जो मामले अलग-अलग राज्यों में दर्ज है उन्हें एक जगह कर दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने खेड़ा की गिरफ्तारी पर मंगलवार तक रोक लगा दी है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने और कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एकसाथ जोड़कर रोक लगाने की मांग की है। सिंघवी की इस मांग पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “ठीक है हम सारी FIR एक जगह कर देते हैं।”

अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ लखनऊ, बनारस और असम में केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने आज दिल्ली एयरपोर्ट पर पवन खेड़ा को रायपुर जाने नहीं दिया और फिर असम पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान सिंघवी ने कहा कि ‘यह पूरा मामला दरअसल कन्फ्यूजन का था कि असल नाम दामोदर दास या कुछ और…  मैं खुद टीवी पर बैठता हूं, मैं मानता हूं ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।’

इस पर असम सरकार की तरफ से पेश एएसजी एश्वर्या भाटी पेश ने कहा, “वीडियो देखिए क्या बयान जानबूझकर नहीं दिया गया था।” इसके बाद सीजेआई ने पवन खेड़ा का वीडियो देखा। इस दौरान एएसजी ने दलील दी, “पीसी में देखा जा सकता है कि किस तरह से हंस रहे थे, ये देश के पीएम के प्रति बोला जा रहा था।”

बता दें पवन खेड़ा को गुरुवार को यहां आईजीआई हवाईअड्डे से असम पुलिस के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। वह रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार होने वाले थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां असम पुलिस ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा पर असम के 15 जिलों में 15 मुकदमे दर्ज हैं।

पवन खेड़ा को असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, 15 FIR हैं दर्ज

पवन खेड़ा ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद से भाजपा भड़की हुई है। लखनऊ समेत अन्य शहरों में पवन खेड़ा के खिलाफ शिकायत भी दर्ज हुई है।पवन खेड़ा गुरुवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी मौजूद थे। जैसे ही पवन खेड़ा को रोका गया, ये नेता भी रनवे पर ही प्रदर्शन करने लगे।

Congress Claims police tried detain pawan khera at delhi airport ANN Pawan Khera Arrested: पवन खेड़ा गिरफ्तार, असम ले जाने की हो रही तैयारी, कांग्रेस बोली- तानाशाही का दूसरा नाम...
दिल्ली पुलिस ने करीब 2 घंटे के हंगामे के बाद पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। खेड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा- “लड़ाई अभी लंबी है। देखते हैं आगे क्या होता है।”

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 23 फरवरी :

रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर एक दिन पहले ही असम पुलिस ने कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दीमापुर में केस दर्ज किया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस पर दोपहर 3 बजे से सुनवाई करेगी।

इससे पहले खेड़ा को गुरुवार सुबह दिल्ली पुलिस ने फ्लाइट से उतार दिया था। खेड़ा रायपुर में शुक्रवार से शुरू हो रहे कांग्रेस के अधिवेशन में हिस्सा लेने जा रहे थे। इस कार्रवाई के विरोध में फ्लाइट में मौजूद दूसरे कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और विमान से उतर गए।

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को रायपुर जाने वाली उड़ान से नीचे उतार दिया गया। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया कि किस आधार पर खेड़ा को नीचे उतारा गया है और देश में कानून का कोई राज है या नहीं। बताया जाता है कि यह घटना इंडिगो की विमान संख्या 6 ई 204 में हुई और विरोध में कांग्रेस के कई नेता विमान से नीचे उतर गए।

असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। असम के पुलिस महानिरीक्षक (लॉ एंड ऑर्डर) और प्रवक्ता प्रशांत कुमार भुइयां ने एएनआई से कहा, “मामले के सिलसिले में पवन खेड़ा की रिमांड लेने के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। हमने दिल्ली पुलिस से पवन खेड़ा को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया है। स्थानीय अदालत से अनुमति लेने के बाद हम उन्हें असम लाएंगे।”

दिल्ली पुलिस की तरफ से भी इस मामले में बयान जारी किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने कहा कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली हवाईअड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया गया क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें रोकने का अनुरोध किया था।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस बारे में कहा, “मुझे बताया गया है कि मेरे सामान को लेकर कुछ समस्या है, जबकि मेरे पास केवल एक हैंडबैग है। जब फ्लाइट से नीचे आया तो बताया गया कि आप नहीं जा सकते हैं. फिर कहा गया। आपसे डीसीपी मिलेंगे। मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। नियम, कानून और कारणों का कुछ अता-पता नहीं है।”

दरअसल, रायपुर में शुक्रवार से कांग्रेस पार्टी का महाधिवेशन होने वाला है। इसी सिलसिले में पवन खेड़ा पार्टी के अन्य नेताओं के साथ रायपुर जाने वाली फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के सत्र को बाधित करने का यह प्रयास है, ठीक वैसे ही जैसे ईडी का छापा 20 फरवरी को मारा गया था।

कांग्रेस नेता दिल्ली से रायपुर इंडिगो की फ्लाइट से जाने वाले थे। फ्लाइट अभी भी नहीं उड़ पाई।

असम पुलिस के प्रवक्ता सुशांत भुयन ने भास्कर को बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बुधवार रात केस दर्ज किया गया है। इन्होंने एक बयान दिया था, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। असम पुलिस की एक टीम दिल्ली में मौजूद है। उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस को कहा गया है। लोकल कोर्ट से परमिशन के बाद उन्हें असम लाया जाएगा।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘पवन खेड़ा पर ये कार्रवाई किस धारा के तहत कार्रवाई की है। वे आम नागरिक की तरह क्यों उड़ान नहीं भर सकते।। भाजपा हमारे अधिवेशन से बौखला गई है। पहले ईडी भेजते हैं और अब यह। अगर कुछ गलत किया है तो लुकाछिपी क्यों कर रहे हैं, कार्रवाई कीजिए। वजह सिर्फ यह है कि तानाशाह बौखलाया हुआ है। जब तक पवन खेड़ा नहीं आते, हम फ्लाइट को उड़ान नहीं भरने देंगे।’

20 फरवरी को पवन खेड़ा दिल्ली में पत्रकारों से बात कर रहे थे। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा था, ‘जब अटल बिहारी बाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ अपने बयान में उन्होंने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गौतमदास मोदी कहा था।

इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा गौतम दास है या दामोदरदास। इसके बाद उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।

20 फरवरी को लखनऊ महानगर भाजपा के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने पवन खेड़ा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। उन्होंने गलत उद्देश्य के साथ यह बयान दिया था।

छत्तीसगढ़ में 20 फरवरी की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापा मारा। इसमें विधायक और पार्टी पदाधिकारी शामिल थे। एजेंसी ने कोयला लेवी घोटाले में कार्रवाई की थी। छापा रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से 4 दिन पहले मारा गया। कांग्रेस ने कहा कि ये कार्रवाई अधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस एक्शन पर कहा था, “पिछले 9 सालों में ED ने जो रेड की हैं उसमें 95% विपक्षी नेता हैं, और सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ है।’

शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले पर बिफरे शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने चुनाव आयोग के इस फैसले को राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला करार देते हुए कहा, “सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना कुछ संगठनों की जिम्मेदारी है।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि “क्या आपने कभी चुनाव आयोग को एक राजनीतिक दल का पूरा नियंत्रण छीनकर दूसरे को देते देखा है?” शरद पवार ने इसके साथ उद्धव ठाकरे को आगे बढ़कर ‘एक नया चुनाव चिह्न लेने’ की सलाह दी. उन्होंने कहा, “एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है… इसका (शिवसेना का चुनाव चिह्न को खोने का) कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग (नए चुनाव चिह्न को) स्वीकार कर लेंगे। “

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की है.  (पीटीआई फाइल फोटो)
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की है 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/मुंबई – 22 फरवरी :

महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे गुट के बीच जारी विवाद में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है, जिसे लेकर शरद पवार ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि “चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया था। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग द्वारा ऐसा फैसला पहले कभी नहीं देखा। बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद शिवसेना की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी जाएगी।

पवार ने आगे कहा कि एक विचारधारा और पार्टी देश में भाईचारे को खत्म कर रही है। अटल बिहारी वाजपेयी जब PM थे, तब देश की संस्था पर इस तरह का हमला नहीं हुआ था। नरेंद्र मोदी की सरकार देश की संस्था पर हमला कर रही है और राजनीतिक दल को काम नहीं करने दे रही है।

इलेक्शन कमीशन ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी थी। उसे शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न भी दे दिया। कमीशन के इस फैसले के विरोध में शिवसेना (उद्धव गुट) ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में याचिका दाखिल की। बुधवार यानी आज SC ने इस मामले में EC के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। SC ने कहा कि हम आदेश पर रोक नहीं लगा सकते।

इस दौरान शरद पवार ने देश की केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है। आज देश में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो संस्था काम कर रही है, वह सोचती है कि सत्ता उनके हाथ में रहेगी।

आपको बता दें, शरद पवार ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने और पार्टी के लिए नए चुनाव चिह्न पर सहमती जाहिर करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है। पुराने चुनाव चिह्न को खोने का कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार कर लेंगे। बाद में उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह इस विवाद में और नहीं फंसना चाहते हैं। जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले से दूरी बना ली थी।

Sarpanch Association Haryana warns of CM residence gherao

Demokratic Front, Chandigarh /Kurukshetra – February 22 :

The Sarpanch Association of Haryana held a meeting today at Jat Dharamshala in Kurukshetra and warned the Haryana government that if their demands are not met, the CM House will be gheraoed on March 1 and a massive protest will be held in Panchkula on the lines of the Kisan Andolan. President of the Sarpanch Association, Ranbir Samain said that the state government was not paying attention to the villages. That’s why from tomorrow we will not allow any representative of JJP and BJP to enter the villages in rural Haryana.

Expressing objection to e-tendering, demand for family identity cards and Right to Recall rule, the association said that these things are causing problems to the people of the state. The rule of Right to Recall should be applicable to MPs and MLAs before it is applied to Sarpanchs. Their demand is that all the 29 rights extended to the village panchayats in the 11th schedule of the 73rd amendment of the Constitution should be implemented. With the abolition of the rights of the Gram Sabha, the importance of the Panchayats will end. That’s why the contractual practice should not be implemented again.

Samain said that the rule of online attendance of MNREGA is also creating trouble, because the mobile network does not support in many places. 90 MLAs of the state are elected by rural votes only, but they remain absent when the villagers need them most. There was an unanimous voice in the meeting that the government should give back the rights of the Sarpanchs. Among their demands, the salary of sarpanches is advised to raise to Rs 30,000, panchs to Rs 5000 and MNREGA payment to Rs 600 per day.

Those present in the meeting included Santosh Beniwal (Vice President), Isham Singh (General Secretary), Ashish, Ravinder Kajal, Rakesh (IT Cell Head), Sandeep Gulia (Member), Narendra Kadyan, Chunni Lal (Treasurer), Ashish Kalwash, Nirbhay Kala, Sonu Dhakla, Sanjay Kuwari, Arif Hathodi (Press Spokesperson), Parveen, Ram Chandar, Manoj, Ajit Singh, Surajpal, Sundar Lal, Neeraj Sharma, Sumer Dahiya, Mukesh, Chander Mohan Potalia and Sandeep.

एनआइए की 4 टीमों ने 5 जगहों पर 6 घंटे तक खंगाले संदिग्धों के ठिकाने

  • कालांवाली, तख्तमल, डबवाली व मल्लेकां में एक साथ की रेड

डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, कालावाली    – 21 फरवरी :

गैंगस्टर टेरर फंडिंग के खिलाफ एनआइए की टीम ने एक बार फिर से सरसा क्षेत्र में दस्तक देते हुए 5 जगहों पर करीब 6 घंटे तक संदिग्धों के ठिकाने खंगाले।

इससे पहले भी करीब 2 माह पूर्व एनआइए ने जिला के गांव तख्तमल व चौटाला में रेड की थी। मंगलवार सुबह करीब 5 बजे एनआइए की 4 टीमों ने कालांवाली, तख्तमल, डबवाली व मल्लेकां में 5 जगहों पर एक साथ रेड की। इन रेड में करीब 70 अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। गांव तख्तमल में इंस्पेक्टर महेश कुमार व कालांवाली में इंस्पेक्टर संग्राम सिंह टीम का नेतृत्व किया तो वहीं डबवाली व मल्लेका में भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल थे।

तख्तमल में टीम ने सर्वप्रथम बलकार सिंह के यहां रेड की। बता दें कि बलकार सिंह जग्गा तख्तमल का साथी है जोकि इस समय कालांवाली डबल मर्डर मामले में जेल में बंद है। बलकार के यहां टीम ने काफी-कुछ खंगालते हुए जांच की, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। वहीं कालांवाली में टीम ने हैप्पी उर्फ बिट्टू के यहां रेड की। जहां से 5 लाख रुपये की नकदी व कुछ चांदी के आभूषण बरामद हुए। लेकिन टीम ने नकदी व आभूषण परिजनों को सौंपते हुए उन्हें रिकॉर्ड में लेकर परिजनों को हैप्पी के नाम नोटिस देते हुए उसे 24 फरवरी को दिल्ली मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा। वहीं मल्लेकां में टीम ने जगमीत उर्फ जग्गा व रणसिंह के घरों में रेड की। जहां जगमीत के घर से 12 बोर की एक बंदूक व जिंदा कारतूस बरामद हुए। वहीं रणसिंह के घर से भी 12 बोर की बंदूक बरामद हुई। लेकिन ये हथियार लाइसेंसी थे। उधर डबवाली में टीम ने जगदेव सिंह के घर रेड की। जिसमें कोई प्रतिबंधित वस्तु तो नहीं मिली, लेकिन टीम कुछ जरूरी दस्तावेज साथ ले गई।

एनआइए ने सरसा पुलिस को साथ लेकर डबवाली, कालांवाली, तख्तमल व मल्लेकां सहित 5 जगहों पर संदिग्ध किस्म के लोगों के यहां रेड की गई है। इस दौरान कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है। एनआइए ने पूछताछ के लिए सभी को नोटिस देकर मुख्यालय तलब किया है। :- कुलदीप बैनीवाल, डीएसपी (डबवाली)

एनआइए की इस रेड के बाद जिला में दिनभर हडक़ंप मचा रहा। बता दें कि एनआइए की 2 माह के अंतराल में जिला में ये दूसरी रेड है। इससे पहले 21 दिसंबर को गांव तख्तमल में पूर्व सरपंच जग्गा सिंह व गांव चौटाला में छोटू भाट के यहां रेड की थी। जग्गा के घर से बंदूक व धारदार हथियार बरामद हुए थे, तो वहीं छोटू भाट के घर से वॉकी-टॉकी व जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। जिसके बाद दोनों के नाम नोटिस थमाते हुए उन्हें दिल्ली तलब किया गया। छोटू भाट मुख्यालय में पेश हो गया था। वह इस समय दिल्ली जेल में बंद है। मंगलवार को एनआइए ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली व चंडीगढ़ में करीब 72 जगहों पर रेड की है।

सूत्रों के मुताबिक एनआइए ने जिन लोगों के घरों में रेड की है उनके तार गैंगस्टरों से जुड़े हुए हैं। बता दें कि कालांवाली में कुछ दिन पूर्व व्यापारियों से फोन पर गैंगस्टरों के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी। एनआइए की रेड को इस मामले से भी जोडक़र देखा जा रहा है।

ओपीएस, ई-टेंडरिंग, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था जैसे कई मुद्दों को लेकर विधानसभा तक कांग्रेस का मार्च

  • प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, महंगाई और अत्याचार चरम पर- हुड्डा
  • सड़क से लेकर सदन तक जनता के मुद्दे उठाने के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध- हुड्डा 
  • हरियाणा की नौकरियों में हरियाणवियों की बजाए अन्य राज्यों के लोगों को मिल रही तरजीह- हुड्डा
  • पंचायतों पर ई-टेंडरिंग थोप रही सरकार, बनाना चाहती है भ्रष्टाचार का नया अड्डा- हुड्डा
  • कांग्रेस शासित राज्यों की तरह बीजेपी-जेजेपी क्यों नहीं दे रही कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ- हुड्डा
  • कांग्रेस ने बजट सत्र में चर्चा के लिए 2 दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर दिए हैं प्रस्ताव- हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 21 फरवरी : 

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में आज कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा तक पैदल मार्च किया। हाथों में तख्तियां लेकर पार्टी विधायकों ने जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाया और बीजेपी-जेजेपी सरकार को आईना दिखाया। मार्च में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान विशेष तौर पर शामिल रहे। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश की जनता के सामने समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, महंगाई और अत्याचार चरम पर है। लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग उठाने वाले लोगों पर सरकार लाठियां बरसा रही है।

इस सरकार ने पहले किसानों, फिर नौजवानों, उसके बाद पंचकूला में कर्मचारियों और जींद में पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों पर लाठीचार्ज करवाया। सरकार की ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों के विरुद्ध कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाने के लिए प्रतिबंध है।

हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। सरकारी विभागों में करीब 2 लाख पद खाली पड़े हुए हैं। तमाम गड़बड़ घोटाले और पेपर लीक के बीच जो इक्का-दुक्का भर्तियां होती हैं, उनमें भी हरियाणा की बजाय अन्य राज्य के लोगों का चयन हो रहा है। टेक्निकल लेक्चरर की ताजा भर्ती का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सामान्य वर्ग के 157 में से करीब 100 पदों पर अन्य राज्य के उम्मीदवारों का चयन हुआ। जबकि तमाम राज्य सरकारें अपनी भर्तियों में मूल निवासियों को प्राथमिकता देती है। लेकिन हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार कभी रिहायशी सर्टिफिकेट के नियमों में बदलाव करके तो कभी भर्ती पेपर से हरियाणा का जीके गायब करके अन्य राज्य के लोगों को तरजीह दे रही है। ऐसे में हरियाणवी युवा जाएं तो कहां जाएं?

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जिस तरह गठबंधन सरकार छेड़छाड़ के आरोप में मंत्री का बचाव कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हरियाणा की महिलाएं सरकार के इस रवैए को देख रही हैं। विपक्ष की मांग बेहद जायज है क्योंकि, मंत्री के पद पर रहते मामले में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए नैतिकता के आधार पर उनका इस्तीफा लिया जाना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों पर ई-टेंडरिंग सिस्टम थोप रही है। क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार का एक नया अड्डा खोलना चाहती है। गठबंधन को अपना फैसला वापस लेते हुए पंचायतों को विकास का अधिकार देना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा के तमाम वर्गों के साथ आज कर्मचारी भी सड़कों पर हैं। अगर कांग्रेस शासित राज्य अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दे सकती हैं तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाएगा।

हुड्डा ने कहा कि सीएमआईई के बाद केंद्र सरकार के सामाजिक प्रगति सूचकांक ने भी बीजेपी-जेजेपी को आईना दिखाया है। यह रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवालिया पिट चुका है। प्रदेश का हर नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस करता है। कांग्रेस विधायकों ने जनता से जुड़े दो दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा में प्रस्ताव दिए हैं। इन तमाम मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।

राजनीति में अपना जनाधार खो चुके दल  लोकतंत्र को अस्थिर करने के प्रयास कर रहे हैं : रत्नलाल कटारिया 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 21 फरवरी :

पूर्व मंत्री अम्बाला लोकसभा से भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया जन संपर्क अभियान के तहत जिला यमुनानगर के जडोदा,हरनौली,में पहुंचे ,भाजपा सांसद रत्नलाल कटारिया का लोगों ने फूलों के बुके भेंटकर स्वागत किया ,भाजपा सांसद रत्नलाल कटारिया ने लोगों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश लगातार मजबूत होता जा रहा है,भारत देश की यह उन्नति देखकर भारत देश की विरोधी शक्तियों में खलबली मच गई है ,अमेरिकी नागरिक जार्ज सोरोस पीएम मोदी विरोध के कारण पोस्टर ब्वॉय बने हुए हैं।जार्ज सोरोस बूढ़े और धनी होने के साथ-साथ हठधर्मी और खतरनाक व्यक्ति हैं, जो भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र रच कर भारतीय लोकतंत्र को अस्थिर करने के प्रयास कर रहे हैं।

सांसद कटारिया ने कहा कि म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में जार्ज सोरोस ने हिडनबर्ग की अदानी समूह पर रिपोर्ट के साथ ही मोदी सरकार को तानाशाह और भारत में जल्द लोकतांत्रिक परिवर्तन की भविष्यवाणी कर, भारतीय मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है। वह ऐसा विभिन्न तरीकों से कई देशों में पहले भी कर चुके हैं। इसलिए भारत को उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। परंतु भारत देश उनके इस हस्तक्षेप की कोशिशों को कभी स्वीकार नहीं करेगा। कटारिया ने कहा कि जो लोग अपना राजनीतिक जनाधार खो चुके हैं, वह जॉर्ज सोरोस और पश्चिमी मीडिया की मदद कर भारत को अस्थिर करने की की कोशिश कर रहे हैं। कटारिया ने कहा कि ओपन सोसायटी फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है, जो देश विरोधी ताकतों को फंडिंग करता है और टुकड़े टुकड़े गैंग के माध्यम से देश में बगावत के बीज बोने के प्रयास कर रहा है। पीएफआई गैर कानूनी तरीके से क्रिश्चियन मिशनरीज, भारत विरोधी वेबसाइट और देश में गतिरोध को बढ़ावा देने के प्रयासों में संलिप्त पाया जा चुका है। भारत देश को ऐसी गलत ताकतों को पहचानने की आवश्यकता है। 

कटारिया ने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित देश के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री हैं। जिन्हें जनता ने दो बार शानदार बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनाया है। उनके नेतृत्व में आज भारत की छवि विश्व भर में बेहतर हुई है और वह सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के साथ विश्व के नंबर एक नेता के रूप में उभरे हैं। देश में अपना जनाधार खो चुके लोग बाहरी ताकतों के साथ मिलकर भारत और भारत के लोकतंत्र को अस्थिर करने के प्रयास कर रहे हैं। जिन से सावधान रहने की आवश्यकता है।इस दौरान भाजपा जिला मीडिया प्रमूख कपिल मनीष गर्ग साथ रहे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने मंगलवार सुबह सेक्टर 21 में पहुंच लोगों से की बातचीत

  • लोगों ने बताई सेक्टर में टूटी सड़कें, आवारा पशुओं और बदहाल सफाई की कहानी

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 21 फरवरी :

पंचकूला के सेक्टर 21 में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए कांग्रेसी नेता एडवोकेट नवीन बंसल के बुलावे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री चौधरी चंद्रमोहन मंगलवार सुबह 8:30 बज सेक्टर के बड़े पार्क में लोगों के बीच पहुंचे।

इस अवसर पर सेक्टर निवासियों द्वारा पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें राष्ट्रीय कांग्रेस का सदस्य निर्वाचित होने पर बधाई दी गई।

बैठक में सेक्टर से एडवोकेट नवीन बंसल, सीताराम शर्मा, रविंद्र राठौर, एमएस कंबोज, एसके गोयल, सुरेंद्र शर्मा, मदन लाल गोयल, हनीश सिंगला, दिनेश सिंगला, मोहनलाल धीमान, उमेश चौधरी, चंदन कालड़ा,अश्वनी, महेंद्र सांगवान, बलवीर चौधरी, सुरेंद्र गर्ग, विनोद सिंगला, आदर्श यादव, राजकुमार शर्मा, चंदन बंसल और काफी संख्या में महिला निवासी मौजूद रहे।

बैठक में उपस्थित लोगों ने पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन को सेक्टर में  ए रोड में खड्डों में सड़क, बी रोड पर जगह जगह खुदाई होना, पूरे सेक्टर में आवारा पशुओं और स्ट्रीट डॉग की भरमार, खाली स्थानों पर कूड़े के ढेर जमा होना, सेक्टर में कूड़े का सही उठाने होना, सेक्टर के पार्कों की बदहाल स्थिति टूटी लाइटें, पुराने कम्युनिटी सेंटर में पिछले लंबे समय से बिना यूज़ नगर निगम द्वारा खड़े किए गए 1 दर्जन से अधिक नए ट्रक, पुराने कम्युनिटी सेंटर की रीमॉडलिंग का कार्य कछुआ चाल से होना, सेक्टर की गलियों की स्ट्रीट लाइट की बदहाल स्थिति आदि मुद्दों को उठाया। सेक्टर निवासियों ने मांग करते हुए कहा कि सभी पार्कों के बाहर नगर निगम संबंधित ठेकेदार, जेई और पाक के इंचार्ज का नाम और मोबाइल नंबर का बोर्ड लगाए ताकि कोई भी उनसे सीधे उनसे बात कर समस्या बता सके।

इस अवसर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सेक्टर 21 के लोगों का उन्हें चाय पर चर्चा के लिए बुलाने पर आभार। उन्होंने कहा कि वह सेक्टर के लोगों की समस्याओं से भली-भांति परिचित है। प्रदेश की बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल हो चुकी है। सत्ता के नशे में चूर सरकार को आम आदमी से कोई सरोकार नहीं है यही कारण है कि सरकार केवल अखबारों में बयानबाजी तक ही सिमट कर रह गई है, विकास धरातल पर कहीं नजर नहीं आता। पंचकूला शहर में अव्यवस्था का आलम है, लोग टूटी सड़कों,आवारा पशुओं, स्ट्रीट डॉग्स और गंदगी से परेशान हैं।

उन्होंने सेक्टर के लोगों से वादा किया कि कांग्रेस की सरकार बनते ही पंचकूला के सेक्टर 21 में कोई समस्या शेष नहीं रहेगी। पंचकूला को पेरिस बनाने का जो उनका सपना है वह कांग्रेस की सरकार बनते ही पूरा किया जाएगा और पंचकूला के लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा शहर को प्रदेश ही नहीं देश का सबसे खूबसूरत शहर बनाया जाएगा।

राजस्थान के बाद अब हिमाचल की कॉन्ग्रेस सरकार ने अडानी से की डील

अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। आज कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता संसद से लेकर सड़क तक विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। संसद परिसर में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर पार्टी की यूथ विंग, भारतीय युवा कांग्रेस अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, यूपी सहित कई राज्यों में कांग्रेस के कार्यकर्ता एलआईसी और बैंकों के दफ्तरों के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन हिमाचल में हिमाचल प्रदेश में अदानी ग्रुप के दो सीमेंट प्लांट और ट्रक ऑपरेटर का विवाद कॉंग्रेस के रहते थम नहीं रहा था। सोलन जिला के डार्लाघाट और बिलासपुर के बरमाना में सीमेंट प्लांट करीब 68 दिन से बंद पड़े सत्ता परिवर्तन के बाद उपजे इस विवाद को सुलझाना सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए सरकार इस मामले में समाधान निकालने में प्रयासरत तो है लेकिन मामले को लेकर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बना पा रही।

गतिरोध टूटा है, डिस्पैच का मुद्दा अभी बाकी – रामकिशन
  • ‘अदानी’ कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता संसद से लेकर सड़क तक विरोध – प्रदर्शन कर रहे है
  • हिमाचल में डीजल मंहगा है, माल भाड़ा भी अधिक होगा इसीलिए सीमेंट भी अधिक महंगा होगा

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/शिमला – 20 फरवरी :

हिमाचल प्रदेश में बीते ढाई महीने से बंद चल रही अंबुजा और एसीसी सीमेंट  कंपनियों दोबारा खुल जाएंगी. कंपनी और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच चल रहा विवाद सुलझ गया है। सोमवार को शिमला में सीएम सुक्खविंदर सिंह, कंपनी के पदाधिकारियों और ट्रक ऑपरेटर्स के नेताओं के बीच मीटिंग में विवाद खत्म करने को लेकर सहमति बन गई है।

जानकारी के अनुसार, हिमाचल में नई सरकार के गठन के ठीक बाद बिलासपुर के बरमाणा और  सोलन के अर्की में एसीसी और अंबुजा कंपनी ने उत्पादन बंद कर दिया था। कंपनी ने ट्रक ऑपरेटर्स के ज्यादा मालभाड़ा लेने के चलते कंपनी पर तालाबंदी कर दी थी। इस दौरान लगातार सरकार, कंपनी और ऑपरेटर्स के बीच बातचीत चलती रही। कई बार बात के बाद विवाद सुलझ नहीं रहा था। (हिमाचल में डीजल मंहगा है, माल भाड़ा भी अधिक होगा इसीलिए सीमेंट भी अधिक महंगा होगा )

सोमवार (20 फरवरी, 2023) को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता हुआ। समझौते के अनुसार, मालभाड़े के नए रेट 9.30 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन और 10.30 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन तय किए गए। ट्रक ऑपरेटर्स ने इस दौरान कहा कि राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए वो नए रेट को स्वीकार कर रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने दावा किया कि इसके कारण उन्हें सालाना 5-7 लाख रुपए का नुकसान होगा।

फिर उन्होंने ये भी कहा कि जनहित के लिए वो इस नुकसान को झेलने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही मंगलवार से ही अडानी समूह की दोनों सीमेंट कंपनियाँ अम्बुजा और ACC अपने-अपने प्लांट्स में प्रोडक्शन शुरू कर देंगी। ट्रक यूनियन वाले भी कल से काम पर लौट जाएँगे। हालाँकि, उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में आपस में और चर्चा अभी बाकी है। 15 दिसंबर से 2 प्लांट्स बंद होने के कारण 35,000 लोग बेरोजगार हो गए थे।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद इस मामले पर निगरानी रख रहे थे और उन्होंने ये तीसरे दौर की वार्ता की। ट्रक ऑपरेटर्स के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत चलती रहेगी। दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने के लिए सरकार के साथ अब तक 16 दौर की वार्ताएँ हो चुकी हैं। सीएम ने CEO लेवल के अधिकारियों को भी बुलाया था। इस विवाद से दोनों पक्षों को नुकसान हुआ। सीएम सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार आने के 5 दिनों बाद ही ये मामला सामने आया था।

दर्दनाक सड़क हादसे का शिकार हुए त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री, गाड़ी के उड़े परखच्चे

  वह दिल्ली से चड़ीगढ़ की आ रह रहे थे। इस दौरान शहर के झटटीपुर के पास जीटी रोड पर एक गाड़ी ने उनके कार को टक्कर मार दी, लेकिन संयोग अच्छा रहा कि वह और गाड़ी में सवार बीजेपी की जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता सुरक्षित बच गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों गाड़ियों को टोचन करके ले गई।

पानीपत में त्रिपुरा के पूर्व सीएम की गाड़ी के एक्सीडेंट की सूचना पाकर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/ नई दिल्ली :

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरियाणा के बीजेपी प्रभारी बिप्लब देव की गाड़ी पानीपत के जीटी रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि वह बाल-बाल बचे गए। बता दें कि वह सड़क मार्ग से दिल्ली से चंडीगढ़ जा रहे थे। इस दौरान बीच रास्ते में ही यह घटना हो गई।  मिली जानकारी के अनुसार हादसे से पूर्व सीएम विप्लब देब को किसी प्रकार की चोट नहीं आई है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि एक बड़ा हादसा टल गया। फिलहाल पूर्व सीएम सुरक्षित हैं।

हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर ट्रैफिक थाना पुलिस, समालखा थाना पुलिस पहुंची। स्थिति को संभालते हुए यातायात को सुचारू करवाया। यहां से सांसद बिप्लब देव दूसरी गाड़ी में बैठकर जिलाध्यक्ष अर्चना गुप्ता के आवास पर पहुंचे।

जानकारी देते हुए सांसद बिप्लब देव ने बताया कि वे सोमवार को दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए चले थे। दोपहर करीब 3:30 बजे का समय होगा, जब वे पानीपत की सीमा से गुजर रहे थे। उनकी गाड़ी के आगे पानीपत पुलिस की पायलट चल रही थी।

NH-44 से गुजरते वक्त अचानक पायलट के आगे एक टायर पंचर वाली गाड़ी खड़ी थी। पायलट और उनकी गाड़ी निर्धारित स्पीड में थी। इसी बीच अचानक पायलट से टायर पंचर गाड़ी के आगे से कट ले लिया। पायलट तो वहां से सुरक्षित निकल गई।

इसके बाद पायलट जिप्सी के आगे निकलते ही उनकी गाड़ी के ड्राइवर को पता लगा कि आगे टायर पंक्चर गाड़ी खड़ी है। जिससे बचाने के लिए गाड़ी चालक ने काफी प्रयास किए, मगर फिर भी उनकी गाड़ी उक्त कार से टकरा गई। हादसे में कार की ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठे गनमैन को चोट लग गई। वह सुरक्षित हैं।