सीज़ फायर उलंघन के दौरान भारतीय सीमा में पाकिस्तानी BAT कमांडो ढेर

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के मद्देनजर जारी की गई एडवायजरी के बाद शनिवार को पाकिस्तान ने एकबार फिर से संघर्षविराम का उल्लंघन किया. पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी की गई. वहीं, सीमा पर पाकिस्‍तानी गोलीबारी का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं. शनिवार को कैरन सेक्‍टर में हुई पाकिस्‍तानी गोलीबारी का जवाब भारतीय सेना ने तत्काल रूप से दिया. पाकि‍स्‍तानी की ओर से जारी गोलीबारी की नापाक हरकत पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बैट (बार्डर एक्शन टीम) के 5 से 7 सैनिक ढेर कर दिए हैं. 

बीते 36 घंटों से कैकन सेक्टर में पाकिस्तानी बैट टीम घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. बताया जा रहा है कि बैट टीम के 5 से 7 ढेर कर दिए गए हैं. उनके 4 शव अभी भी सीमा पर ही पड़े हुए हैं. भारी गोलीबारी के चलते अभी तक शवों को नहीं उठाया गया है.

बताया जा रहा है कि भारतीय सेना की ओर से की गई कार्रवाई में पाकिस्तान के कई चौकियां भी तबाह हो गई हैं. पाकिस्‍तानी सेना फायरिंग की आड़ में लगातार घुसपैठ का प्रयास करती रहती है. गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से जुलाई महीने के दौरान कुल 272 संघर्षविराम उल्लंघन हो चुके हैं. पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन करता रहा है. इस साल पाकिस्तान की ओर से कुल 1,593 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए हैं. मार्च में तीन, जून में एक और जुलाई में दो सैनिक शहीद हो चुके हैं. इसके अलावा जुलाई महीने के दौरान ही कुल 272 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए हैं.

जगाधरी सम्मेलन ओ लेका अग्ग्र्वल समाज पंचकुला की बैठक

आज अखिल भारतीय अग्रवाल समाज, पंचकूला की बैठक जिला प्रधान राजीव गुप्ता की अध्यक्षता में हुई, जिसमें महासचिव सुनीत सिंगला, वित्त सचिव यशपाल गर्ग सहित सुमित  गोयल, बी डी गर्ग, राजेश गोयल, अश्विन गुप्ता, दर्शन बंसल, सतपाल गर्ग, अभिनव अग्रवाल, संजय जिन्दल, अंकित गोयल तथा प्रदीप गुप्ता ने भाग लिया । बैठक में 29 सितम्बर को जगाधरी में होने वाले अग्रवाल वैश्य युवक-युवती वैवाहिक परिचय सम्मेलन के बारे में विचार विमर्श किया गया ।जिला प्रधान राजीव गुप्ता ने कहा कि आज के दौर में अच्छा रिश्ता ढूंढना भी एक चुनौती बन गया है । हमारे समाज के युवक युवतियों को कई बार  30 से 32 साल की आयु तक भी उपयुक्त रिश्ता नहीं मिल पाता है, ऐसे हालात में परिचय सम्मेलन किसी वरदान से कम नहीं होता है । इसमें एक दिन में एक मंच पर सैकड़ों की संख्या में आए हुए प्रत्याशियों में से अपना मनपसंद जीवन साथी ढूंढने का सुनहरा मौका मिलता है और दहेज जैसी कुप्रथा पर भी रोक लगती है । महासचिव सुनीत सिंगला ने बताया कि परिचय सम्मेलन के दिन कई रिश्ते  मौके पर ही तय हो जाते हैं और अभिभावकों को प्रत्याशियों के बारे में ज्यादा छानबीन भी नहीं करनी पड़ती है । उन्होंने अग्रवाल वैश्य समाज के लोगों से अपील की कि वे इस सम्मेलन के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी दें ।

भारत में जल्द ही बिजली से चलने वाले ट्रक मिलेंगे

सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय इस तरह की एक संयुक्‍त परियोजना में काम कर रहे हैं. जिसके तहत, दिल्‍ली से मुंबई के बीच में निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में बिजली से ट्रकों को दौड़ाने का ट्रायल रन शुरू करने की भी योजना है

नई दिल्‍ली: सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय की योजना सफल रही तो जल्‍द ट्रक का डीजल की जगह बिजली से दौड़ते नजर आएंगे. जी हां, सड़क परिवहन और भारी उद्योग मंत्रालय इस तरह की एक संयुक्‍त परियोजना में काम कर रहे हैं. जिसके तहत, दिल्‍ली से मुंबई के बीच में निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में बिजली से ट्रकों को दौड़ाने का ट्रायल रन शुरू करने की भी योजना है. मंत्रालय का यह ट्रायल रन सफल रहा तो दिल्‍ली से मुंबई के बीच निर्माणाधीन इस हाईवे में बिजली से चलने वाले ट्रकों के लिए एक अलग कॉरिडोर बनाया जाएगा.  

80 टन क्षमता वाले ट्रक का बिजली से होगा परिचालन 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, दिल्‍ली से मुंबई के बीच निर्माणाधीन ग्रीन एक्‍सप्रेस हाईवे में भारी उद्योग मंत्रालय की मदद से दस किलोमीटर का एक कॉरिडोर बनाया जाएगा. जिसमें बिजली की तारें लगी होंगी. इन तारों की मदद से 80 टन क्षमता वाले इलेक्ट्रिक ट्रक को पैंटोग्राफ से जोड़ा जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इस कॉरीडोर पर चलने वाले ट्रकों में बैटरी का विकल्‍प भी होगा. पैंटोग्राफ की मदद से कुछ किलोमीटर ट्रक चलेंगे. इस समयावधि में ट्रक की बैटरी चार्ज हो जाएगी. जिसके बाद बैटरी पर ट्रकों को चलाया जा सकेगा. बैटरी डिस्‍चार्ज होने पर ये ट्रक वापस बिजली से चलेंगे. 

A truck with a pantograph drives on the “eHighay” test track in Gross Doelln, eastern Germany, on November 6, 2015. Since 2011 German engineering giant Siemens runs the test track for the development of electric driven freight traffic.

120 किमी कम हो जाएगी दिल्‍ली से मुंबई की दूरी
उन्‍होंने बताया कि यदि यह योजना सफल रहती है तो एक लीटर डीजल में जितनी दूरी एक ट्रक तय करता है, उसकी दूरी को तय करने में महज 12 रुपए का खर्च आएगा. उन्‍होंने संभावना जाहिर की है कि दिल्‍ली से मुंबई के बीच बनने वाला यह ग्री न एक्‍सप्रेस हाईवे अगले ढाई से तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रकों का परीक्षण इस कारिडोर में किया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इस हाईवे के बनने के बाद दिल्‍ली से मुंबई की दूरी करीब 120 किमी कम हो जाएगी और महज 12 घंटे में दिल्‍ली से मुंबई का सफर पूरा किया जा सकेगा. 

इन देशों में सफलतापूर्वक चल रहे हैं इलेक्ट्रिक ट्रक 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, बिजली से चलने वाले ट्रक हमारे देश के लिए भले ही नई बात हों, लेकिन दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जहां पर बिजली से ट्रकों को चलाया जा रहा है. जिन देशों में बिजली से ट्रक चलाए जा रहे हैं, उनमें अमेरिका, सैनफ्रांसिस्को, जर्मनी और स्‍वीडन शामिल हैं. उन्‍होंने बताया कि हाल में उन्‍होंने स्‍वीडन और जर्मनी में बिजली से चलने वाले ट्रकों की परियोजना को देखा है, जिसे जल्‍द ही भारत में लागू किया जाएगा. इस योजना के लागू होने के बाद सामान को एक शहर से दूसरे शहर ले जाने में आने वाली लागत में खासी कमी आएगी. 

जूनागढ़ निकाय चुनावों में काँग्रेस का सूपड़ा साफ

हर समय लोकतन्त्र को धता बता कर लोकतन्त्र ही की दुहाई देने वाली कॉंग्रेस के लिये आज चहुं ओर से बुरी ख़बरें ही आ रहीं हैं। एक ओर जहां कॉंग्रेस तेलंगाना में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है वहीं कर्नाटक में अपनी सत्ता गंवा चुकी है ओर गुजरात में तो और भी बुरा हाल है। जहां जूनागढ़ नगरपालिका की 56 सीटों पर लड़े गए चुनावों में कॉंग्रेस मात्र 1 सीट पर सिमट कर रह गयी है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात में स्‍थानीय निकाय चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. जूनागढ़ महानगर पालिका में भाजपा ने 54 जबकि एनसीपी 4 पर तथा कांग्रेस 1 सीट पर जीत दर्ज की है. जिला पंचायतों की पांच सीट के उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जूनागढ़ महानगर पालिका के चुनाव रविवार को हुए थे. मनपा के 15 वार्ड की 59 सीट के लिए रविवार को 56 सीटों पर वोट डाले गए थे. 3 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन पत्र भरने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी को समर्थन दे दिया था.

यह भी पढ़ें: 99 के फेर में काँग्रेस – जेडीएस गयी

इस परिणाम से ऐसा लगता है कि जूनागढ़ नगर निगम से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. चुनाव प्रचार के समय, कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहा गया था कि जूनागढ़ के कुछ वार्डों के लोग भाजपा उम्मीदवार को बाहर कर देंगे. लेकिन इस चुनाव का परिणाम बता रहा है के लोगों ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को साफ करने का निर्णय लिया है.

खास बात यह है कि जूनागढ़ नगर निगम का मुस्लिम बहुल इलाके में है. यह चुनाव एक बार फिर संकेत दे रहे हैं कि जमीन पर कांग्रेस बिलकुल खत्म होती जा रही है. हार की सबसे बडी वजह यह है की कांग्रेस जूनागढ़ में नेतृत्व संकट से जूझ रही है.

भाजपा अध्‍यक्ष जीतू भाई वाघाणी ने कहा कि यह प्रजा व लोकतंत्र की जीत है, विधानसभा, लोकसभा व स्‍थानीय निकाय हर चुनाव में जनता भाजपा के साथ रही जबकि कांग्रेस ने जाति वर्ग में लोगोंको बांटकर चुनाव जीतने का प्रयास किया. 

“हम विधानसभा सत्र के निर्वाध संचालन के लिए विश्वस्त और तैयार हैं.” कुमारस्वामी

कर्नाटक विधानसभा से सत्तारूढ़ कांग्रेस व जेडीएस के विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद सरकार के भविष्य पर बड़ा संकट पैदा हो गया है.

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा से सत्तारूढ़ कांग्रेस व जेडीएस के विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद सरकार के भविष्य पर बड़ा संकट पैदा हो गया है. पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस के 13 जबकि जेडीएस के तीन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिससे गठबंधन सरकार संकट में पड़ गई है. राज्य में आज यानी शुक्रवार से मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है. इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि उनकी सरकार मजबूत है, हालांकि अस्थिर किए जाने का प्रयास किया जा रहा है. कुमारस्वामी ने कहा, “हम विधानसभा सत्र के निर्वाध संचालन के लिए विश्वस्त और तैयार हैं.” 
   
इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि उन्हें सत्ताधारी कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों के इस्तीफे नियत फॉर्मेट में मिले थे. कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “विधायकों ने अपना इस्तीफा मेरे कार्यालय में नियत फॉर्मेट में लिखे. मैं उन पर विचार करूंगा और उनकी बात निजी तौर पर सुनने के बाद फैसला लूंगा.”

उन्होंने कहा, “मैं शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित करूंगा कि मैंने मामले पर कार्रवाई कानून और दिन में पूर्व में जारी अपने आदेश के अनुसार की है.”

अगर 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हुए
अगर अध्यक्ष 16 विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार कर लेते हैं, तो विधानसभा की प्रभावी ताकत 225 से घटकर 209 हो जाएगी और बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 105 हो जाएगा जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन 100 पर सिमटकर अल्पमत में आ जाएगा. 

कर्णाटक स्पीकर ने कहा की सर्वोच्च न्यायालय तय नहीं करेगा की कब और क्या फैसला लेना है

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर रमेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को अपने उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है, जिसमें गुरुवार सुबह सुप्रीम कोर्ट की ओर से विधायकों के इस्‍तीफे के मामले पर आज ही फैसला लेने को कहा था. 

बेंगलुरू:  कर्नाटक के बागी कांग्रेस और जेडीएस विधायक गुरुवार को विधासभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे. विधायकों से मुलाकात के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि मेरा काम किसी को बचाना या हटाना नहीं है. सुनवाई में देरी के आरोप से दुखी हूं. स्पीकर ने कहा – 8 विधायकों का इस्तीफा सही प्रारूप में नहीं था. मुझसे किसी विधायक ने मिलने का वक्त नहीं मांगा.’ 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होने के लिए कहा था. इससे पहले अब कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया. अध्यक्ष ने न्यायालय द्वारा उन्हें 10 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के आदेश को रोकने की अपील की है. 

अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह का निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नहीं किया जा सकता है. उन्होंने अपने आवेदन पर तत्काल सुनवाई की मांग भी की. अध्यक्ष ने कहा कि उनके संवैधानिक कर्तव्यों और विधानसभा के नियमों ने उन्हें यह सत्यापित करने के लिए बाध्य किया कि विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे के पीछे मूल कारण क्या हैं. क्या ये स्वैच्छिक हैं या इनके पीछे किसी का दबाव है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि यह पता लगाने के लिए उस निश्चित समय-सीमा के अंदर जांच पूरी नहीं की जा सकती है जिसे शीर्ष अदालत ने तय किया है.

पीठ का मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया.  लेकिन, अदालत ने अध्यक्ष के आवेदन को दायर  करने की अनुमति देते हुए यह संकेत दिया कि मामले को 10 बागी विधायकों की याचिका के साथ सुनवाई के लिए लिया जाएगा.

अध्यक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए. एम. सिंघवी और देवदत्त कामत ने अदालत के सामने तर्क दिया कि अध्यक्ष संवैधानिक रूप से अयोग्यता की कार्यवाही  पहले करने के लिए बाध्य हैं. प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने जवाब दिया कि उसने पहले ही सुबह आदेश पारित कर दिया था कि यह फैसला अध्यक्ष को करना है कि इस पर क्या कार्रवाई की जानी है. हम आपको कल (शुक्रवार को) सुनेंगे.

गोवा में कॉंग्रेस विलुप्त

काँग्रेस को सिर्फ सत्ता लोलुपता और ऐय्याशियों ने डुबोया है, काँग्रेस सत्ता से दूर शायद रह भी ले परंतु कोंग्रेसी नहीं रह सकते। आज जिस प्रकार से भाजपा में शामिल होने की होड़ मची है सासे यही साबित होता है की येन केन प्रकारेण कोई पद, कोई कुर्सी या महकमा हाथ लग जाये। मोदी के नेतृत्व में भाजपा की प्रचंड जीत और सर्वोपरो अमेठी से राहुल गांधी की शर्मनाक हार का असर कॉंग्रेस पर इतना पड़ा की वह 2024 के लिए भी परेशान हो गए। आज गोवा में कॉंग्रेस विल्प्त हो गयी। गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने इस मामले पर कहा कि कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं. यह उनके कुल विधायकों की संख्या का दो-तिहाई है.

नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार पर सियासी संकट गहरा रहा है. वहीं, इन सबके बीच कांग्रेस के लिए गोवा राज्य से भी बुरी खबर सामने आ रही है. गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इन विधायकों में चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल हैं, जो विपक्ष के नेता थे. कांग्रेस के 10 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों के अपने विपक्षी नेता के साथ बीजेपी में शामिल होने से हमारी संख्या 27 हो गई है. सभी विधायक बिना किसी शर्त के बीजेपी में शामिल हुए हैं.

गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने इस मामले पर कहा कि कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं. यह उनके कुल विधायकों की संख्या का दो-तिहाई है. कांग्रेस विधायकों का विलय नियमानुसार हुआ है. वहीं, गोवा विधानसभा के स्पीकर राजेश पाटनेकर ने कहा कि आज कांग्रेस के 10 विधायकों ने मुझे पत्र देकर बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी. दूसरा पत्र मुझे गोवा के सीएम प्रमोद सावंत की ओर से मिला, जिसमें बीजेपी का संख्याबल बढ़ने की बात कही गई थी. मैंने दोनों पत्र स्वीकार कर लिए हैं.  

वहीं, कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि अगर विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास नहीं होगा तो लोग हमें दोबारा कैसे चुनेंगे. कांग्रेस ने जो भी वादें किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास गोवा में सरकार बनाने के कई मौके थे, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में एकता की कमी के कारण यह नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि यह कभी हो भी नहीं पाएगा इसलिए हमनें बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है. 

कावलेकर ने कहा कि गोवा के सीएम प्रमोद सावंत अच्छा काम कर रहे हैं इसलिए हम 10 विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया है. मैं विपक्ष का नेता होने के बावजूद अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करवा पा रहा था. उन्होंने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कुछ लोगों के कारण हम सरकार नहीं बना सके. बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में बाबू कावलेकर, बाबुश मोनसेराट, उनकी पत्नी जेनिफर मोनसेरेट, टोनी फर्नांडिस, फ्रांसिस सिल्वेरा आदि हैं.  

भाजपा ने गुजरात की दोनों राज्य सभा सीटें जीतीं

दो सीटों के लिए अलग अलग हुई वोटिंग में बीजेपी के उम्‍मीदवार केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उत्तर गुजरात के ओबीसी सेल के सदस्य जुगलकिशोर ठाकोर को विजय मिली. वहीं कांग्रेस ने भी इन दोनों सीटों पर अपने उम्‍मीदवार खड़े किए थे, लेकिन अलग-अलग वोट डालने के कारण उनके उम्‍मीदवार को जरूरी वोट नहीं मिले.

गांधीनगर: केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी द्वारा खाली की गई दो राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में बीजेपी को जीत हासिल हुई है. शुक्रवार को अलग अलग हुई वोटिंग में बीजेपी के उम्‍मीदवार केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उत्तर गुजरात के ओबीसी सेल के सदस्य जुगलकिशोर ठाकोर को विजय मिली. वहीं कांग्रेस ने भी इन दोनों सीटों पर अपने उम्‍मीदवार खड़े किए थे, लेकिन अलग-अलग वोट डालने के कारण उनके उम्‍मीदवार को जरूरी वोट नहीं मिले. ऊपर से कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग भी की.

कांग्रेस ने इस चुनाव पर अपनी आपत्‍त‍ि दर्ज कराई है. इसलिए आधिकारिक तौर पर परिणाम देर से घोषित हुए. इससे पहले बीजेपी के दोनों उम्‍मीदवार एस जयशंकर को 104 और जोगाजी ठाकोर को 105 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के दोनों उम्‍मीदवार को 70-70 वोट मिले.

इससे पहले शुक्रवार को सुबह 9 बजे से वोटिंग हुई. दो सीटों के लिए चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले के अनुसार अलग-अलग मतदान हो रहे हैं. 100 विधायकों की अपनी ताकत के आधार पर, भाजपा के दोनों उम्मीदवार, केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उत्तर गुजरात के ओबीसी सेल के सदस्य जुगलकिशोर ठाकुर राज्यसभा पहुंच गए हैं. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता चंद्रिका चुडासमा और दक्षिण गुजरात से गौरव पांड्या को उतारा.

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Gujarat Chief Minister Vijay Rupani: External Affairs Minister Dr. S Jaishankar and Jugalji Thakor of BJP have been elected to Rajya Sabha from Gujarat. Official results yet to be declared, but it is clear that we have won7838:42 PM – Jul 5, 201985 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

अपना वोट डालने के बाद, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने संवाददाताओं से कहा, “हमारे पास पर्याप्त ताकत है और मुझे यकीन है कि हमारे दोनों उम्मीदवार आराम से जीतेंगे.”


ठकोर ने इस्तीफा दिया, भाजपा जीती

इस्तीफा देने के बाद अल्पेश ठाकोर ने कहा, ‘मैंने राहुल गांधी पर भरोसा करके कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन किया था, लेकिन, उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं किया. हर बार हमें बेइज्जत किया गया’.

नई दिल्ली/अहमदाबाद, बृजेश दोषी: कांग्रेस बागी विधायक अल्पेश ठाकोर और धवन झाला ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है. कांग्रेस ने व्हिप जारी किया है, इसके बावजूद अल्पेश ठाकोर और धवन झाला ने क्रॉस वोटिंग की. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस विधायक भरत जी ठाकोर भी बीजेपी के संपर्क में है, जल्द ही वह भी इस्तीफा दे सकते हैं. 

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Alpesh Thakor, Rebel Congress MLA from Radhanpur (Gujarat): I joined Congress trusting Rahul Gandhi, but unfortunately he did nothing for us. We were insulted again & again. So, I have resigned from the post of Congress MLA.4393:25 PM – Jul 5, 2019190 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

इस्तीफा देने के बाद अल्पेश ठाकोर ने कहा, ‘मैंने राहुल गांधी पर भरोसा करके कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन किया था, लेकिन, उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं किया. हर बार हमें बेइज्जत किया गया, इसलिए मैंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस छोड़ दी है.’View image on Twitter

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Alpesh Thakor, Rebel Congress MLA on Rajya Sabha elections: Maine antar aatma ki awaz se matdan kiya, aur rasthriya netretavya ko dhyan mein rakh ke kiya. Jo party jan aadhar kho chuki hai aur jis party ne hamare sath droh kiya hai, usko maddhe nazar rakh ke kiya. #Gujarat4993:17 PM – Jul 5, 2019160 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

अल्पेश ठाकोर वोटिंग के बाद कहा, ‘मैंने अंतर आत्मा की आवाज सुनकर और राष्ट्रीय नेतृत्व को ध्यान में रखकर मतदान किया है. जो पार्टी (कांग्रेस) जन अधिकार खो चुकी है और जिस पार्टी ने हमारे साथ द्रोह किया है, उसे मद्देनजर रखकर वोटिंग किया है’.

आपको बता दें कि गुजरात में दो राज्यसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए बीजेपी से विदेश मंत्री एस जयशंकर और जुगलजी ठाकोर मैदान में है. जबकि कांग्रेस की तरफ से चंद्रिका चुड़ासमा और गौरव पांड्या उम्मीदवार हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी सीट से लोकसभा सदस्य चुने जाने की वजय से दोनों राज्यसभा सीटें रिक्त हुई है.

गुजरात की राज्य सभा सीटों पर चुनाव से पहले कॉंग्रेस ने अपने विधायकों को भेजा माउंट आबू

नई दिल्‍ली: गुजरात में पांच जुलाई को दो सीटों के लिए होने जा रहे राज्‍यसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की आशंका है. इसलिए पार्टी गुजरात के अपने सभी विधायकों को आज शाम बजे गुजरात से राजस्‍थान के माउंट आबू भेजने जा रही है. वर्कशॉप के नाम पर इन विधायकों को वहां रखा जाएगा. उधर पार्टी ने गुजरात राज्यसभा चुनाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत को दी है. सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुजरात प्रभारी राजीव सातव से चर्चा भी की है. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत राजीव सातव से मिले हैं.

इस बीच कांग्रेस के बागी विधायक अल्‍पेश ठाकोर ने दावा किया है कि 18 विधायक कांग्रेस को छोड़ना चाहते हैं. अल्‍पेश ठाकोर ने इसके साथ ही कहा कि वह माउंट आबू नहीं जाएंगे.

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उल्‍लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक हैं. भाजपा नेताओं अमित शाह और स्‍मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने और राज्‍यसभा से इस्‍तीफा देने के कारण ये सीटें खाली हुई हैं.  इन सीटों के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात के ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जुगलजी ठाकोर ने ठाकोर ने नामांकन दाखिल किया है.

ठाकोर उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले से हैं, जहां से नरेंद्र मोदी भी हैं. ठाकोर राज्य में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. विदेश सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके एस जयशंकर को पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है और उन्‍हें विदेश मंत्री बनाया गया है. राज्‍यसभा चुनावों में संख्‍याबल के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है.

राज्यसभा में स्थिति मजबूत करेगा एनडीए
इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) इस सप्ताह के अंत में चार और सदस्यों को शामिल कर राज्यसभा में अपनी स्थिति मजबूत करेगा. यह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) के एक सदस्य के शामिल होने के बाद होगा. इसके साथ, राजग के पास 115 सांसद होंगे.

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ये सदस्य बिहार, गुजरात और ओडिशा से हैं. बिहार में, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को जगह मिलेगी. गुजरात में भाजपा के खाते में दो और ओडिशा में एक सीट जुड़ जाएगी. भारतीय जनता पार्टी उच्च सदन में 75 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस 48 सदस्यों वाली सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस 13-13 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी गैर-कांग्रेस-गैर भाजपा पार्टी हैं.

24 जुलाई को तमिलनाडु से पांच सीटें खाली होंगी. ये सीपीआई के डी. राजा और अन्नाद्रमुक के के.आर. अर्जुनन, डॉ. आर. लक्ष्मणन, डॉ. वी. मैत्रेयन और टी. रथिनवेल हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के विपरीत, राजग इस बार राज्यसभा में कम बाधाओं की उम्मीद कर रहा है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में अपने भाषण में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विधेयकों को मंजूरी देने में बाधा डालकर लोगों के जनादेश को नहीं दबाया जाना चाहिए.