दिल्ली पुलिस ने लगाया अपहरण का आरोप, हरियाणा पुलिस ने छुड़ाया, पंजाब पुलिस पहुंची कोर्ट

इधर, BJP नेता तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी के बाद कवि कुमार विश्वास ने CM भगवंत मान को एक गहरी नसीहत दी है| कुमार विश्वास ने इशारों-इशारों में केजरीवाल को असुरक्षित तानाशाह और दुर्योधन बताया है| दरअसल, कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा- ”प्रिय छोटे भाई भगवंत मान,  खुद्दार पंजाब ने 300  साल में, दिल्ली के किसी असुरक्षित तानाशाह को अपनी ताक़त से कभी नहीं खेलने दिया। पंजाब ने तुम्हारी पगड़ी को ताज सौंपा है किसी बौने दुर्योधन को नहीं। पंजाब के लोगों के टैक्स के पैसों व उनकी पुलिस का अपमान मत करो। पगड़ी सम्भाल जट्टा….” इसके साथ ही बाद में कुमार ने एक चौपाई भी लिखी जिसमें उन्होंने कहा- “स्वारथु सुकृत न श्रम वृथा ,देखी बिहंग बिचार, बाज पराए पाणि पर तू पच्छीनु न मार..।”

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्ली/ चंडीगढ़: 

भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्‍गा को आज यानी शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया। तजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर दिल्‍ली से लेकर हरियाणा तक सियासी बवाल मचा. तजिंद। पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद मोहाली जाने के क्रम में पंजाब पुलिस की टीम को हरियाणा में रोक लिया गया। कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस की टीम ने पंजाब पुलिस को रोका, और बग्गा की गिरफ्तारी के संबध में काफी समय तक पूछताछ की। इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम भी कुरुक्षेत्र के थानेसर पुलिस स्टेशन पहुंची, जहां बग्गा को रखा गया था। अब खबर है कि दिल्ली पुलिस की टीम बग्गा को लेकर राजधानी के लिए रवाना हो गई है. बता दें कि दिल्ली में पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज हो गया है। इस तरह से बग्गा की गिरफ्तारी पर दिल्ली से लेकर कुरुक्षेत्र तक सियासी महाभारत जारी है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित तौर पर धमकी देने के मामले में पंजाब पुलिस द्वारा भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को गिरफ्तार किए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया है। इस मामले में राजधानी के जनकपुरी थाने केस दर्ज किया गया है, जिसमें पंजाब पुलिस पर बग्गा के अपहरण का आरोप है।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 365, 342, 392, 295/34 के तहत मामला दर्ज किया है।

आईपीसी की धारा 452 : उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् गृह-अतिचार के लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 452 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 452 में ऐसा अपराध करने पर – 7 साल कारावास + आर्थिक दंड से दण्डित होगा ।

आईपीसी की धारा 365 : भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

आईपीसी की धारा 342 : भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा। किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करना।

आईपीसी की धारा 392 : जो कोई लूट करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, और यदि लूट राजमार्ग पर सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच की जाए, तो कारावास चौदह वर्ष तक का हो सकेगा ।

आईपीसी की धारा 295 : किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना अपराध माना गया है , इसके लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 295 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295 में ऐसा अपराध करने पर – 2 वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों दिए जा सकते है ।

दिल्ली बीजेपी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को शुक्रवार (6 मई, 2022) को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि करीब एक दर्जन गाड़ियों में पंजाब पुलिस के करीब 50 पुलिसकर्मियों ने इस काम को अंजाम दिया। बग्गा की कथित अवैध गिरफ्तारी की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में भाजपा नेता और समर्थक जनकपुरी थाने पहुँच गए।

ऑनलाइन दैनिक समाचार पत्र द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में जनकपुरी थाने के बाहर बड़ी संख्या में बीजेपी नेता नजर आए। बता दें कि जब भी किसी एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में कोई ऑपरेशन करती है तो प्रोटोकॉल के तहत ये जरूरी होता है कि स्थानीय पुलिस को पहले इसके बारे में बताया जाय। हालाँकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि स्थानीय पुलिस को सूचित किया था या नहीं।

बीजेपी समर्थकों का कहना था कि क्या इसीलिए केजरीवाल पुलिस की कमान अपने हाथ में चाहते थे। बीजेपी नेताओं ने कहा कि बग्गा एक नेता हैं, एक उम्मीदवार हैं और भाजपा में राजनीतिक पदों पर हैं, वह आतंकवादी नहीं हैं। पंजाब पुलिस ने उनके साथ इस तरह का व्यवहार करते हुए उन्हें केवल इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान जारी किया था।

इस मामले में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बग्गा कि गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने बग्गा के पिता के साथ मारपीट की। गुप्ता ने आगे कहा, “तेजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने अवैध रूप गिरफ्तार किया है। उन्होंने उन्हें पगड़ी तक नहीं पहनने दिया। उनके पिता द्वारा तजिंदर बग्गा के साथ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई गई थी। केजरीवाल की हिटलर जैसी हरकत की कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी। पंजाब पुलिस केजरीवाल के निर्देश पर काम कर रही है।”

तेजिंदर बग्गा के पिता ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया था, “पहले मेरे घर में 2 पुलिसकर्मी घुसे। वो मुझ से सामान्य ढंग से बात कर रहे थे। उस समय घर पर तेजिंदर और उनके अलावा कोई नहीं था। उसी समय तेजिंदर कपड़े पहन कर बाहर आए। थोड़ी बातचीत के बाद कई पुलिसकर्मी मेरे घर में जबरन घुस गए। उनके इस काम की मैं वीडियो बनाने लगा। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी मुझे खींच कर कमरे की तरफ ले गया और मुझ से हाथापाई की।”

बग्गा के पिता ने आगे बताया, “इसके बाद वो तेजिंदर को खींच कर बाहर ले गए और हिरासत में ले लिया। पुलिसकर्मियों ने बग्गा को उनकी पगड़ी तक नहीं पहनने दी, जबकि उसने इसे पहनने की गुजारिश की। पुलिसवाले बग्गा का फोन भी अपने साथ ले गए।”

हालाँकि, पंजाब पुलिस को हरियाणा पुलिस ने रोक लिया है। हरियाणा की पुलिस बग्गा समेत पंजाब पुलिस को पूछताछ के लिए सदर थाना पिपली ले गई है। वहीं दिल्ली पुलिस भी बग्गा को वापस लाने के लिए कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हो चुकी है। इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने दो टूक कहा है कि तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को दिल्ली पुलिस को ही सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी का अपहरण हुआ है तो उसे रोकना हमारी जिम्मेदारी है। वहीं बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस भी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

वहीं अभी यह खबर आ रही है कि बग्गा को लेकर दिल्ली पुलिस वापस आ रही है।

हिमाचल में AAP पर AAP ने चलाया ‘झाड़ू’, प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी समेत 3 बड़े नेता BJP में शामिल हुए

आम आदमी पार्टी के नेताओं के भाजपा में शामिल हो जाने से प्रदेश में भाजपा का कुनबा और बढ़ गया है। हिमाचल विधान सभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। AAP के हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी और संगठन मंत्री भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, प्रदेश में भाजपा और मजबूत हुई है। आने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) से असंतुष्ट इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने से प्रदेश में पार्टी की ताकत बढ़ी है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

आम आदमी पार्टी को हिमाचल विधान सभा चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका लगा है। AAP पार्टी के हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री ने भाजपा में शामिल हो गए हैं। AAP के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, संगठन महामंत्री सतीश ठाकुर समेत कई नेता भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने तीनों नेताओं को नड्डा के आवास पर शुक्रवार देर रात भाजपा में शामिल करवाया। अनुराग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने तीनों नेताओं को नड्डा के आवास पर शुक्रवार देर रात भाजपा में शामिल करवाया। अनुराग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की।

AAP के महासचिव सतीश ठाकुर और ऊना जिला प्रमुख इकबाल सिंह के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद केसरी ने कहा कि केजरीवाल पार्टी नेताओं से मिलते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में रैली के दौरान केजरीवाल ने स्थानीय नेताओं की तरफ देखा भी नहीं।

बकौल केसरी, “हिमाचल प्रदेश में हम पार्टी के लिए 8 वर्षों से पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम कर रहे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मंडी में रैली और रोड शो के दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी की। राज्य के AAP कार्यकर्ताओं ने इस अनदेखी को अपना अपमान माना और पार्टी छोड़ दी।”

मंडी में रोड शो के दौरान कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने को लेकर केसरी ने कहा कि जो दिन-रात पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उन लोगों की तरफ केजरीवाल ने देखा तक नहीं। रोड शो के दौरान केवल अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मुख्य आकर्षण थे।

अनुराग ठाकुर ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीति व नेतृत्व में विरोधी भी आस्था जता रहे हैं, क्योंकि उपेक्षा की, उत्पीड़न की, प्रताड़ना की नहीं बल्कि सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र के साथ जोड़ने में भरोसा रखते हैं।”

भाजपा के साथ आए इन नेताओं ने हिमाचल प्रदेश से आने वाले भाजपा के कद्दावर नेता अनुराग सिंह ठाकुर और जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ मिलकर काम करने और भाजपा को मजबूत करने का आश्वासन दिया है।

आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। हिमाचल प्रदेश में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस बार आम आदमी पार्टी वहां पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंडी जिले में रोड शो किया और कहा कि पंजाब की तरह हिमाचल प्रदेश में भी इस बार बदलाव होगा। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल से घबराई हुई है और इसलिए चुनाव से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हटाकर अनुराग ठाकुर को सीएम बना सकती है।

गोवा में कॉंग्रेस को बड़ा झटका, दिगंबर कामत भाजपा  में शामिल हो सकते हैं

गोवा में कांग्रेस 10 साल से सत्ता में नहीं है। जबकि कामत तीन साल तक नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। उन्हें गोवा में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे की सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। 2005 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और 2007 में वे सीएम बने। कामत पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं। 2007 से 2012 के बीच, जब वह सीएम थे, तब जस्टिस एमबी शाह आयोग ने उन पर 35,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले का आरोप लगाया था। 2014 में भी उनसे इस संबंध में पूछताछ की गई थी।

पणजी/नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट – 06 अप्रैल :

गोवा  में कांग्रेस  के बड़े नेता दिगंबर कामत भाजपा  ज्वॉइन कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है। दिगंबर कामत ने ही साल 2000 की शुरुआत में गोवा में मनोहर पर्रिकर की सरकार को उखाड़ फेंका था और राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री बने थे। दिगंबर कामत फिलहाल राज्य में कांग्रेस के विधायक हैं।  दिगंबर कामत, कांग्रेस और भाजपा  दोनों ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। विज्ञान में स्नातक दिगंबर कामत गोवा के बेहद कुशल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। वैसे दिंगबर कामत पेशे से बिजनेसमैन और रियल एस्टेट डेवलपर रहे हैं.। उनके परिवार में पत्नी आशा कामत और दो बच्चे हैं।

सात बार के विधायक, कामत 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में सीएम पद के लिए कांग्रेस में सबसे आगे थे। 68 वर्षीय ने अपने गढ़ मडगांव से चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की।

2017 में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद, कांग्रेस ने इस साल के विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया। पिछली बार सरकार बनाने के लिए ग्रैंड ओल्ड पार्टी को पछाड़ने वाली भाजपा ने 40 सदस्यीय सदन में 28 सीटों के साथ लगातार तीसरी बार सत्ता सुनिश्चित की।

दिगंबर कामत ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। 1994 में जब कांग्रेस ने दिगंबर कामत को चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया, तो वह पार्टी की सदस्यता त्याग बीजेपी से जुड़ गए। एक लंबे समय के बाद 2005 में दिगंबर कामत कांग्रेस में पुन: शामिल हुए और सर्वसम्मति से विधानसभा के नेता चुने गए। 2007 के विधासभा चुनाव में जब कांग्रेस को जीत हासिल हुई, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप राणे और राज्य के कांग्रेस मुखिया रवि नाइक के बीच हुए समझौते के बाद दिगंबर कामत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वहीं साल 2019 में जब भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही तो दिगंबर कामत गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।

वर्तमान में, भाजपा के पास 20 विधायक हैं और 21 के बहुमत के लिए सिर्फ एक की जरूरत है। अब तक एमजीपी और तीन निर्दलीय ने समर्थन दिया है।

कांग्रेस की कलह फिर सामने आई, विश्वबंधु राय ने सोनिया गांधी को भेजा पत्र

महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों का कहना है कि गठबंधन सरकार की तो छोड़िये यदि हमारे मंत्री ही हमारी नहीं सुनेंगे तो आगामी चुनावों में पार्टी कैसे अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी। इकॉनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर तुरंत दखल देने की मांग की है, ताकि चीजें बिगड़ने से पहले संभल जाए। विधायकों ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री हमारी चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और वे हमसे तालमेल नहीं बना रहे हैं। 

  • विधानसभा में कांग्रेस के 44 विधायक हैं, इनमें से 25 विधायकों ने नाराजगी जताई है
  • कांग्रेस के लिए यह खतरे का संकेत माना जा रहा है, नाराज विधायकों ने सोनिया गांधी को लेटर लिखा है
  • इन 14 के अलावा 30 विधायक हैं, उनमें से 25 विधायकों ने नाराजगी जताई है

मुंबई/नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

महाराष्‍ट्र  कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। राज्‍य के विधायकों की नाराजगी और उनके कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी  से मिलने का समय मांगे जाने के बाद अब ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य विश्वबंधु राय ने भी सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। उन्‍होंने राज्‍य में कांग्रेस की स्थिति को लेकर संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्‍होंने कहा कि जैसा नुकसान पार्टी को पंजाब में हुआ, वैसा ही महाराष्‍ट्र में होने वाला है। महाराष्‍ट्र प्रभारी पार्टी के अंदरूनी असंतोष से अनजान रहते हैं। एनसीपी के साथ-साथ हमारे मंत्रियों से भी कई विधायक नाराज चल रहे हैं।

कॉन्ग्रेस के 25 विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में अपनी ही पार्टी के मंत्रियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मिलने का समय माँगा है। इन कॉन्ग्रेस विधायकों का कहना है कि पार्टी के मंत्री भी उनकी बात नहीं सुनते। उनकी चिंताओं का जवाब नहीं देते हैं। विधायकों ने सोनिया गाँधी को भेजे पत्र में उनसे हस्तक्षेप करने और चीजों को सही करने का आग्रह किया है।

कुछ विधायकों ने ET से कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्री, विशेष रूप से कॉन्ग्रेस के मंत्री, उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। उनमें से एक ने कहा, “अगर मंत्री विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में काम को लागू करने के अनुरोधों की अनदेखी करते हैं, तो पार्टी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कैसे करेगी?”

पार्टी में कोऑर्डिनेशन की कमी का संकेत देते हुए विधायकों ने कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह ही पता चला कि कॉन्ग्रेस के प्रत्येक मंत्री को पार्टी विधायकों से जुड़े मसलों का तरीके से समाधान करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत हर मंत्री के जिम्मे तीन पार्टी विधायक आते हैं। एक कॉन्ग्रेस विधायक ने कहा, “हमें इसके बारे में तब पता चला जब एचके पाटिल ने हाल ही में एक बैठक की थी। इसमें बताया गया कि कॉन्ग्रेस मंत्रियों को तीन-तीन विधायक आवंटित किए गए हैं। राज्य मे एमवीए की सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही ऐसा किया गया था। लेकिन हमें इसके बारे में सरकार बनने के ढाई साल बाद पता चल रहा है। अब भी कोई नहीं जानता कि कौन सा मंत्री हमसे जुड़ा हुआ है।”

इसके अलावा कॉन्ग्रेस के विधायकों का यह भी कहना है कि इस तरह की परिस्थिति के कारण राज्य में पार्टी एनसीपी से भी पिछड़ रही है। विधायकों ने चिट्ठी में लिखा है कि एनसीपी के नेता और उद्धव सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार लगातार अपनी पार्टी के विधायकों से मिलते हैं, उनकी बात सुनते हैं और योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था भी कराते हैं। उन्होंने ये भी लिखा है कि एनसीपी लगातार कॉन्ग्रेस पर निशाना साधती है। अगर अभी कदम नहीं उठाया गया, तो कॉन्ग्रेस बाकी राज्यों की तरह महाराष्ट्र में हाशिए पर चली जाएगी। विधायकों ने कहा कि पंजाब में पार्टी की हार के बाद तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर पार्टी का महाराष्ट्र में ऐसा ही रवैया रहता है तो पंजाब जैसा परिणाम आ सकता है। बता दें कि हालिया विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में करारी हार मिली है।

हरियाणा में सत्ता पक्ष और कांग्रेस की जमीन खिसकने लगी है- डा सुशील गुप्ता

  • दलगत राजनीति से उठकर व सेवा के इरादे से पार्टी में लगातार जुड रहे है प्रदेश के लोग-डा सुशील गुप्ता, राज्यसभा सांसद व हरियाणा प्रभारी आम आदमी पार्टी
  • दिल्ली, पंजाब के बाद अब हरियाणा मंे बदलाव चाहती है जनता-डा सुशील गुप्ता गुप्ता


नई दिल्ली, 28 मार्च :

दलगत राजनीति से उपर उठकर जो भी व्यक्ति हमारे साथ प्रदेश की जनता के लिए कुछ करना चाहता है तो उसके लिए आम आदमी पार्टी के दरवाजे हमेशा खुले है। यह बात आज यहां अपने निवास पर हरियाणा से आम आदमी पार्टी में शामिल होने आए कार्यकर्ताओं को हरियाणा प्रदेश के प्रभारी व राज्यसभा सांसद डा सुशील गुप्ता ने कही।
उन्हांेने कहा कि दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रचंड बहुमत के बाद हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस-भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस करने वाले कार्यकर्ता और नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम रहे है। जिससे साफ है कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव 2024 में होने वाले चुनावों का असर दिखेगा। हरियाणा में अगली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी। इसके लिए हमारे कार्यकर्ता अभी से ही जी जान स जुट गए है। वहीं आप की सक्रियता को देखते हुए सत्ता पक्ष व कांग्रेस के पैरो तले से जमींन खिसकने लगी है।

हरियाणा प्रभारी डा गुप्ता ने कहा अरविंद केजरीवाल के विकास मॉडल को आज दिल्ली, पंजाब ही नही अपूति देशभर में पूछा जा रहा है। देश का नागरिक केजरीवाल के मॉडल को अपने प्रदेश में लागू करवाने के लिए आम आदमी पार्टी के साथ जुडता जा रहा है। इसी कडी मंे आज हरियाणा के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में लोग डा गुप्ता से मिलने और आम आदमी पार्टी में जुडने के लिए दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान पर पहुंचे। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि शिखा गर्ग साहित पार्टी के कई उच्चपदाधिकारी उपस्थित थे।

राकेश भडाना महासचिव राष्टृीय किसान कांग्रेस,प्रदेश प्रभारी, उत्तर प्रदेश, गोवा व लोकसभा प्रभारी गुरूग्राम, अखिल भारतीय दलित महासंघ अंबाला के ओमप्रकाश बल्ली,हरिपाल पूर्व सरपंच चरूडमाजरा कैथल,दीपा शर्मा अध्यक्ष आल इंडिया कांग्रेस महिला विंग हरियाणा,गुलशन सैनी पूर्व विधानसभा प्रत्याशी,सतपाल सिठाना सरपंच सिंगपुरा,रणबीर सिंह सरपंच इसराना पानीपत,गुरमेज सिंह पूर्व सरपंच, बलंवत कुमार पूर्व सरपंच, रामनिवास शर्मा उपप्रधान ब्राहमण सभा,मनजीत फरमाना, जिला महासचिव जिला कांग्रेस सेवा दल जिला संगठन सोनीपत, शिव कुमार पूर्व पार्षद, नगर पालिका सांपला को राज्यसभा सांसद डा सुशील गुप्ता ने  पार्टी की टोपी पहनाकर सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर डा गुप्ता ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव होना तय है। हरियाणा का बड़ा हिस्सा दिल्ली तथा दूसरी ओर पंजाब के साथ लगता है। किसान आंदोलन के समय हरियाणा-पंजाब के लोगों का आपस में काफी जुड़ाव हुआ। प्रदेश के कांग्रेसी, भाजपा, जजपा के नेताओं में आपसी टकराव है। पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जो तीसरे विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी को अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला ,कैथल, पंचकूला, जींद,कैथल, सोनीपत,पानीपत, रोहतक, हिसार, बेरी सहित सभी जिलों से लोग लगातार पार्टी में जुडने के लिए आ रहे है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गोवा सीएम प्रमोद सावंत के शपथ ग्रहण समारोह में लिया हिस्सा

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हुए शामिल

चण्डीगढ़, 28 मार्च :

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोवा के दूसरी बार निर्वाचित हुए मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया तथा श्री प्रमोद सावंत को लगातार उनके दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
शपथ ग्रहण का कार्यक्रम बम्बोलिम के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आशा व्यक्त की कि अपने दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री के रूप में श्री प्रमोद सावंत और बेहतर कार्य करेंगे।
हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शपथ समारोह में भाजपा अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री विनोद तावड़े के साथ पहुँचे थे। इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।  

लगातार दूसरी बार प्रमोद सावंत बनेंगे मुख्यमंत्री

गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 20 सीटें जीती थीं, जो 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करने से सिर्फ एक कम थी, लेकिन सरकार गठन के लिए एमजीपी के दो विधायकों और निर्दलीयों ने समर्थन देने का ऐलान किया। इस तरह देश के सबसे छोटे राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया। यह लगातार तीसरी बार है जब बीजेपी राज्य में सरकार बना रही है। ऐसे में लोगों की पार्टी से उम्मीदें भी अधिक हैं। 2017 के चुनावों में, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन बीजेपी अपनी सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को लुभाने में कामयाब रही। गोवा के मनोनीत सीएम प्रमोद सावंत ने कहा, “मैं पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने मुझे अगले 5 वर्षों तक गोवा के सीएम के रूप में काम करने का मौका दिया। मुझे खुशी है कि गोवा के लोगों ने मुझे स्वीकार किया है। मैं राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास करूँगा।”

डेमोरेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली/गोवा :

भाजपा ने गोवा के लिए मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने एक बार फिर प्रमोद सावंत पर भरोसा जताया है। राज्य में आज विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसके बाद ये निर्णय लिया गया। इस तरह प्रमोद सावंत ने गोवा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में जीत हासिल कर ली है और वह अब राज्य में दूसरी बार भाजपा सरकार का नेतृत्व करेंगे। सोमवार को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों नरेंद्र सिंह तोमर और एल मुरुगन की मौजूदगी में सावंत को अपना नेता चुना गया. सावंत ने 2019 में मनोहर पर्रिकर की मृत्यु के बाद गोवा की बागडोर संभाली थी।

केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने सावंत के नाम की घोषणा करते हुए कहा, “विश्वजीत राणे ने विधायक दल के नेता के रूप में प्रमोद सावंत के नाम का प्रस्ताव रखा। सभी ने सर्वसम्मति से सावंत को नेता चुना। वह अगले 5 वर्षों के लिए विधायक दल के नेता होंगे।”

गोवा के मनोनीत सीएम प्रमोद सावंत ने कहा, “मैं पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने मुझे अगले 5 वर्षों तक गोवा के सीएम के रूप में काम करने का मौका दिया। मुझे खुशी है कि गोवा के लोगों ने मुझे स्वीकार किया है। मैं राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास करूँगा।”

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि बीजेपी ने गोवा के राज्यपाल से आज शाम को मिलने का वक्त माँगा है। इस मुलाकात में प्रमोद सावंत सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। वहीं माना जा रहा है कि सहयोगी दलों के साथ मिलकर बीजेपी गोवा में फिर से सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगा।

बता दें कि हालिया चुनावों में बीजेपी को 40 सीटों में से 20 सीटें हासिल हुई हैं। ऐसे में उसे सरकार बनाने के लिए केवल एक और विधायक के सपोर्ट की जरूरत है, जिसे वह आसानी से हासिल कर सकती है।

गौरतलब है कि प्रमोद सावंत ने 2019 में मनोहर पर्रिकर की मृत्यु के बाद गोवा की बागडोर संभाली थी।

भाजपा ने चार राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों का किया एलान, शाह को यूपी की जिम्मेदारी

विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के चार दिन बाद भाजपा ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के दो केंद्रीय पर्यवेक्षक सोमवार शाम को विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान गोवा में अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चा हो सकती है। हालांकि, सूत्रों ने बताया है कि पार्टी सावंत को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में चुनेगी। भाजपा ने 40 सदस्यीय विधानसभा में सबसे अधिक 20 सीट पर जीत हासिल की थी। तीन निर्दलीय और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के दो सदस्यों ने पहले ही भाजपा को अपना समर्थन दिया है। 

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अपने पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड ने सोमवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों और सह-पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सरकार गठन करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को केंद्रीय पर्यवेक्षक, जबकि झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास को  सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को मणिपुर का पर्यवेक्षक नियुक्‍त किया गया है। किरेन रिजिजू मणिपुर के सह-पर्यवेक्षक होंगे। इसी तरह नरेंद्र सिंह तोमर को गोवा के पर्यवेक्षक की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन गोवा के सह-पर्यवेक्षक की जिम्‍मेदारी संभालेंगे। सभी पर्यवेक्षक नई सरकार के गठन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

उम्‍मीद है कि होली बाद यूपी में सरकार का गठन किया जाएगा। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली आए थे। उन्‍होंने दिल्‍ली में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यूपी में नई सरकार के गठन की तारीख घोषित नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में जिन चेहरों को शामिल किया जाएगा उनके नामों पर मंथन हो रहा है। 

उल्‍लेखनीय है कि भाजपा ने यूपी में सहयोगियों के साथ मिलकर 403 विधानसभा सीटों में से 273 पर जीत हासिल की है जबकि समाजवादी पार्टी को 111 सीटें मिली हैं। उत्‍तराखंड की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 47 पर जीत हासिल की है। उत्‍तराखंड में कांग्रेस को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा है। वहीं गोवा की 40 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 20 सीटें हासिल हुई हैं। मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 32 सीटों पर जीत दर्ज की है। 

पाँच राज्यों में शर्मनाक हार के बाद गांधी परिवार करेगा इस्तीफे की ‘पेशकश’

कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया है कि गांधी परिवार – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा – अपने शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय कांग्रेस कार्य समिति या सीडब्ल्यूसी की रविवार को होने वाली बैठक में इस्तीफा देने जा रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार शाम कहा, “कथित इस्तीफे की खबर अज्ञात स्रोतों पर आधारित है और पूरी तरह से अनुचित एवं गलत है.” यह पहली बार नहीं होगा जब गांधी परिवार के सदस्यों ने हार के बात अपने इस्तीफे की पेशकश की हो. 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी जिसे कांग्रेस वोर्किंग कमिटी ने अस्वीकार कर दिया था। आज कल इस बार भी तीनों के इस्तीफे की पेशकश को खारिज कर दिया जाएगा और जल्दी ही प्रियंका गांधी वाड्रा को राज्य सभा भेजा जाएगा। अभी कुछ दिन पहले ही जब एक्ज़िट पोल जानने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अपनी इछ ज़ाहिर आर दी थी, जिसे किस ने भी नहीं नकारा।

राजविरेन्द्र वसिष्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

2019 में, राहुल गांधी ने पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं। इतनी पुरानी पार्टी कोई नया अध्यक्ष तक नहीं खोज पाई है।गुरुवार को घोषित 5 राज्यों के चुनाव नतीजों में पार्टी का बेहद खराब प्रदर्शन जारी रहा। इसने अपने नियंत्रण वाले प्रमुख राज्यों में से एक, पंजाब को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों खो दिया। तीन अन्य राज्यों में एक मजबूत लड़ाई लड़ने में विफल रही, जहां उसने वापसी की उम्मीद की थी। ये थे – उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर। यूपी में, जहां चुनाव अभियान का नेतृत्व प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया था, कांग्रेस को 403 में से सिर्फ 2 सीटें मिलीं, पिछले चुनावों के मुकाबले पार्टी को 5 सीटों का नुकसान हुआ। पार्टी को महज 2.4 फीसदी वोट मिले।

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पांच राज्यों में बुरी तरह हार का सामना करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने कल कांग्रेस वोर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई है। इस बैठक को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। एनडीटीवी की एक खबर के अनुसार कांग्रेसकी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्होंने ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र पार्टी के प्रचार अभियान की जिम्मेदारी ली हुई थे, तीनों कल पार्टी के पदों से अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।

इस बार भी तीनों के इस्तीफे की पेशकश को खारिज कर दिया जाएगा और जल्दी ही प्रियंका गांधी वाड्रा को राज्य सभा भेजा जाएगा। अभी कुछ दिन पहले ही जब एक्ज़िट पोल जानने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अपनी इछ ज़ाहिर आर दी थी, जिसे किस ने भी नहीं नकारा।

गोवा में कांग्रेस को हराने में ममता बनर्जी ने भाजपा की मदद की – अधीर रंजन चौधरी 

ममता बैनर्जी ने कहा कि अगर कोई इस तटीय राज्य में भाजपा को हराना चाहता है तो वह हमारी पार्टी का समर्थन करें। ममता ने गोवा को एक प्यारा, सुंदर और बहुत बुद्धिमान राज्य बताते हुए साफ किया कि उनकी पार्टी ने राज्य को नियंत्रित करने या मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं, बल्कि चुनाव में गोवा के लोगों की मदद करने हेतु अपने अनुभव का उपयोग करने के लिए चुनावी मैदान में प्रवेश किया है। उन्होंने कहा कि उनके पास बंगाल की तरह ही गोवा के लिए भी एक योजना है, जिसे सत्ता में आने के छह महीने के भीतर तटीय राज्य में लागू किया जाएगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को अपने प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को खुश करने के लिए गोवा विधानसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पिछले कुछ समय से आमने-सामने हैं, दोनों के बीच तनाव उस वक्त और बढ़ गया था जब टीएमसी ने गोवा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।

बंगाल के छात्र नेता अनीश खान की हत्या के विरोध में धरने पर बैठे चौधरी ने तृणमूल सुप्रीमो पर तीखा हमला बोला और कहा, “आज तक, कांग्रेस के पास पूरे भारत में 700 विधायक हैं. कांग्रेस ने विपक्ष का 20 फीसदी वोट शेयर हासिल किया। ममता बनर्जी भाजपा को खुश करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि वह उसका एजेंट बन सके. इसलिए आज वह बहुत कुछ कह रही हैं।”

विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद भाजपा-विरोधी गठबंधन के लिए क्षेत्रीय दलों से संपर्क साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस को साथ रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अब उसमें वह बात नहीं रही। बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस गोवा कांग्रेस को हराने गई थी।

चौधरी ने कहा था, “आज वह दुष्प्रचार कर रही हैं कि विपक्षी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा जाए। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे हैं और दीदी कांग्रेस के बगैर विपक्ष के गठबंधन की गठबंधन की बात कर रही हैं। ”

10 मार्च को आए गोवा चुनाव परिणाम में 40 सदस्यीय विधानसभा में से 20 सीटें जीतकर भाजपा राज्य में अकेली सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। कांग्रेस 11 सीटों पर जीत हासिल कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है।

तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना 14 फरवरी को हुए गोवा चुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही. वहीं, एमजीपी और आप को दो सीटें मिली हैं। इसी तरह से जीएफपी और आरजीपी के खाते में एक सीट आई है, जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी।