Farooq threatens to boycott local bodies, assembly and parliamentary elections


He said the Centre and the state government hurriedly announced the the ULB and panchayat polls.


Days after the National Conference announced its decision to not participate in the panchayat and urban local bodies (ULB) elections, the party on Saturday threatened to boycott the assembly and parliamentary polls too if the Centre does not take effective steps for protection of Article 35-A.

Article 35-A, which was incorporated in the Constitution by a 1954 Presidential Order, accords special rights and privileges to the citizens of Jammu & Kashmir and bars people from outside the state from acquiring any immovable property in the state. It is facing legal challenge in the Supreme Court.

“How can we go to our workers and ask them to come out to vote? First do justice to us and clear your (Centre) stand (on Article 35-A). If your plan is that (weakening Jammu and Kashmir’s special position), then our ways are separate. Then we cannot have elections. Not only these (urban local bodies and panchayat) polls, but we will also boycott the assembly and parliamentary elections then,” NC president Farooq Abdullah said in Srinagar.

He was addressing party workers at a function here to mark the 36th death anniversary of his father and NC founder Sheikh Mohammad Abdullah.

The former chief minister said his party was not running away from polls, but wanted the Centre to do justice with the people of Jammu and Kashmir first and take effective steps for the protection of the state’s special position.

“On one hand they (Centre) want to conduct polls here. On the other hand they want to revoke Article 35-A, Article 370 has been weakened and there are also attacks on the (Jammu and Kashmir) Constitution,” Mr. Abdullah said.

He said the Centre and the state government hurriedly announced the the ULB and panchayat polls, which will be held next month in four and eight phases respectively.

“First they should have talked to us. They should have called every leader that they plan to conduct polls and asked for our opinion. They did not. The prime minister, like Hitler, announced on 15 August from the Red Fort that elections will be held in Jammu and Kashmir,” he said.

The NC president also trained his guns at National Security Advisor (NSA) Ajit Doval over his statement that having a separate constitution for Jammu and Kashmir was probably an “aberration”.

“Their (Centre’s) intentions are not right. They never were. The NSA has said that a separate constitution for Jammu and Kashmir is an aberration. I want to tell him from this stage that if the constitution is an aberration, then this accession (of Jammu and Kashmir to India) is also an aberration,” he said.

“On one hand they tell us that we are their crown, but on the other hand they put that crown in their feet So, they have to think. They cannot control this state if they cause any further problems here. If they want this state together with the country, then they should stop what they are doing,” Mr. Abdullah said.

अग्रवाल समाज के व्यक्ति विवाह-शादियों में पहली मिलनी महाराजा अग्रसैन जी के नाम पर ले – बजरंग गर्ग 

पंचकूला :

अग्रोहा विकास ट्रस्ट अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने वैश्य समाज के प्रतिनिधियों की बैठक लेने के उपरांत अग्रवाल भवन में पत्रकार वार्ता में कहा कि अग्रवाल विकास ट्रस्ट द्वारा पंचकूला में 4 नवंबर 2018 को उत्तरी भारत का 13 वां युवक-युवती परिचय सम्मेलन का भव्य आयोजन संस्था के प्रधान सत्यनारायण गुप्ता के नेतृत्व में किया जाएगा। जिसमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, यूपी, राजस्थान व उत्तराखंड के अलावा देश भर से अग्रवाल युवक-युवती परिवार सहित भारी संख्या में भाग लेंगे। युवक-युक्तियों के परिचय फार्म भरवाने के लिए हर राज्य में अलग-अलग स्थान बनाए गए है। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि परिचय सम्मेलन के माध्यम से युवक-युवतियों को एक ही मंच पर मनचाहा वर-वधु मिलने में आसानी होती है। जबकि पंचकूला में परिचय सम्मेलन के माध्यम से लगभग अब तक 5000 परिवारों के रिश्ते हो चुके हैं। इतना ही नहीं इन रिश्तो के माध्यम से फजूल खर्चों पर रोक लगती है। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने समाज के व्यक्तियों से अपील की है कि वह विवाह- शादियों में पहली मिलनी महाराजा अग्रसेन जी के नाम की ली जाए व मिलनी चांदी व सोने की बजाए पहले की तरह कागज के रुपए की ले। श्री गर्ग ने कहां की देश की विकास व तरक्की में अहम भूमिका वैश्य समाज की है। जिन्होंने राष्ट्रीय व जनता के हित में मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल, गौशाला, धर्मशाला, मंदिर, स्कूल, पियाऊ आदि संस्थाएं देश के गांव व शहरों में बना कर सेवा कार्यों में जुटा हुआ है। इतना ही नहीं केंद्र व प्रदेश की हर सरकारों को चलाने व देश के विकास कार्यों के लिए भी सबसे ज्यादा धन टैक्स के रूप में राजस्व देकर सरकार को पूरा सहयोग कर रहा है। मगर जो सहयोग केंद्र व प्रदेश की सरकारों से वैश्य समाज को मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा हैं। जिसके कारण आज देश का वैश्य समाज का परिवार रात-दिन व्यापार में पिछड़ता जा रहा है। जो समाज के साथ-साथ देश के हित में नहीं है। क्योंकि वैश्य समाज व्यापार व उद्योग के माध्यम से लाखों बेरोजगारों को रोजगार देकर बेरोजगारी को काफी हद तक कम करने में अपनी अहम भूमिका पूरे देश में निभा रहा हैै। राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार को देश की तरक्की, वैश्य समाज व व्यापारियों के हित में नई-नई योजना बनाकर ज्यादा से ज्यादा सुविधा व रियायते देनी चाहिए। ताकि देश में पहले से ज्यादा व्यापार व उद्योग को बढ़ावा मिल सके। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि बिना राजनीति के सामाजिक व धार्मिक कार्य पूरे करने में बड़ी भारी दिक्कतें समाज में आती है। श्री गर्ग ने कहा कि समाज के युवाओं से समाज व राष्ट्र के हित में आगे आकर ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक में भागीदारी सुनिश्चित करें। इस मौके पर अग्रवाल विकास ट्रस्ट जिला प्रधान सत्यनारायण गुप्ता, संरक्षक कुसुम गुप्ता, उप प्रधान मनोज अग्रवाल, मनोज कुमार अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, वरिष्ठ उपप्रधान प्रमोद जिंदल, सेक्रेटरी बी एम गुप्ता, राकेश गोयल, रामनाथ अग्रवाल, सचिव विपिन बिंदल, नरेंद्र जैन, वीरेंद्र गर्ग, कृष्ण गोयल, नरेश सिंगला, रामचरण सिंगला, विवेक सिंगला, राजेश जैन, इंद्र गुप्ता, सेक्रेटरी सचिन अग्रवाल, महिला अग्रवाल विकास ट्रस्ट प्रधान उषा अग्रवाल, कोषाध्यक्ष स्नेह लता गोयल, पी आर ओ रोहित आदि प्रतिनिधी भारी संख्या में मौजूद थे।

फोटो बाबत – अग्रोहा विकास ट्रस्ट अग्रोहा धाम व व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग पत्रकार वार्ता करते हुए।

विज बोले कि आये और कई गए

Anil Vij फोटो बी राकेश शाह

चंडीगढ़ ,8 सितम्बर ।

कुछ इनैलो नेताओं की ओर से अनिल विज को उनके रहमो करम से बने विधायक कीअटकलों पर विराम लगाते हुए मीडिया के समक्ष इस मामले में बड़ा खुलासा किया । केबिनेट मिनिस्टर अनिल विज ने कहा कि ये बच्चे हैं, इनको कोई जानकारी नहीं है। मैं 5 चुनाव जीता हूँ और पांचों चुनावों में इनैलो ने मेरे खिलाफ अपना कैंडिडेट खड़ा किया और मैं इनैलो के कैंडिडेट को हराकर जीता। एक बार इनको कैंडिडेट नहीं मिला था उस बार मैं भी हार गया था। 1990 में इन्होंने अम्बाला कैंट में अपनी पूरी ताकत लगाई और इनका सारा खानदान, सारी इनैलो पार्टी गली गली में भिखारियों की तरह वोट मांगते हुए घूमें परन्तु लोगों ने इन्हें नकार दिया। ये बात ये किस मुँह से कहते हैं। इनैलो- बसपा की चुनौती को नकारते हुए अनिल विज ने कहा कि ऐसे कई आए और कई गए।

CEC condemns CM Telangana’s remarks over election schedule

Chief Minister K. Chandrasekhar Rao had earlier stated that the State would go to polls in November

Chief Election Commissioner (CEC) O.P. Rawat on Friday condemned the remarks by caretaker Telangana Chief Minister K. Chandrasekhar Rao about the scheduling of fresh pools in the State. He said an EC team will be visiting the State on September 11 to assess the ground situation.

“The Commission strongly condemns the way the Chief Minister of Telangana announced the supposed schedule. It is uncalled for,” said Mr. Rawat, also denying that he had recently interacted with Mr. Rao or any State government official on the issue.

On Thursday, Mr. Rao had said: “The election notification is expected in the first week of October, polls in November and results in December”. The Telangana Pradesh Congress Committee had objected to it.

Following a government notification on the dissolution of the House, the Commission had sought a report from the State Chief Electoral Officer, which was discussed at the EC’s regular meeting on Friday.

“No decision has been taken on the poll schedule yet,” said Mr. Rawat. The EC is sending a team of officials headed by Senior Deputy Election Commissioner Umesh Sinha to assess the ground situation in the State. Further action will be taken on the basis of its report.

“Whenever a House is dissolved prematurely, as per the Supreme Court guidelines laid down in 2002, the ECI is required to initiate immediate steps for holding elections for constituting the Legislative Assembly on the first occasion and in any case, within six months from the date of premature dissolution of the Assembly,” said Mr. Rawat.

Given that circumstances, the Commission is faced with two possible scenarios. In case the EC receives a report confirming full preparedness, the election may be conducted along with those in Madhya Pradesh, Rajasthan, Chhattisgarh and Mizoram by December 15. However, if more arrangements are to be made, it may be held in January next year, ensuring that its results do not influence the 2019 Lok Sabha polls.

While the revision of the voters’ list in Telangana is also an issue before the EC, the electoral body is confident that it will not prove to be a hindrance. The process had been initiated on September 1.

The EC is also awaiting a corrigendum to be published by the Union Home Ministry on the transfer of seven “mandals” from Telangana to Andhra Pradesh and three from Andhra Pradesh to Telangana, under the reorganisation law. “We have been told that it would be done in a few days. The Ministry had earlier issued a corrigendum, but it had some flaws,” said Mr. Rawat.

सुरजेवाला ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा

आज हरियाणा विधानसभा सत्र की शुरुआत पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला।

सुरजेवाला ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा।

सुरजेवाला ने कहा कि महंगाई से त्रस्त देश की जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए कांग्रेस 10 सितंबर को देशव्यापी #भारत_बंद करेगी।

पेट्रोल,डीजल,गैस की कीमतों व रैफेल विमान घोटाला के खिलाफ काँग्रेस का प्रदर्शन, मोदी का पुतला फूंका

फोट राकेश शाह


बीजेपी पेट्रोल,डीजल,गैस की कीमतों को रोकने में नाकाम:-कांग्रेस


राकेश शाह

चंडीगढ़, 7 सितंबर:

देश मे बढ़ती पैट्रोल, डीजल,गैस की कीमतों के खिलाफ चंडीगढ़ काँग्रेस ने आज जबरदस्त प्रदर्शन किया। बढ़ती पेट्रोल,डीजल व गैस की कीमतों के खिलाफ सेक्टर 15 में मार्च निकाल मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी व पुतला फूंका। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने जबरदस्त नारेबाजी की। छाबडा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय जो विदेश से क्रूड ऑयल 107 से 120 डॉलर प्रति बैरल खरीदकर देश की जनता को सस्ता पेट्रोल, डीजल देती थी आज बीजेपी सरकार 70 डॉलर प्रति बैरल (जो कि पिछली सरकार के मुकाबले लगभग आधी कीमत) खरीद कर मोदी सरकार 85 रु प्रति लीटर पेट्रोल बेच रही है पेट्रोल डीजल व गैस की कीमतें अबतक के उच्चतम स्तर पर है। दीपा दुबे ने कहा महंगे डीजल से किसानों की खेती पर बुरा असर पड़ रहा है, ट्रांस्पोर्टेशन महंगी होती जा रही है जिस से महंगाई मोदी सरकार के लिए बेलगाम हो चुकी है।

फोटो राकेश शाह

मनु दुबे ने कहा की जिस कांग्रेस की सरकार के समय गैस सिलेंडर की कीमत 400 रु होती थी अब केंद्र की नाकाम व नकारा बीजेपी सरकार के समय 800 से ऊपर हो गई है। ब्लॉक अध्यक्ष जावेद अली ने कहा कि भर्ष्टाचार मुक्त भारत का ढोंग करने वाली आज रैफेल विमान घोटाले में लिप्त हो चुकी है देश की जनता को झूठे वादे व गुमराह करके सत्ता पाने वाली बीजेपी के ढोंग का खुलासा हो गया है 2019 में जनता बीजेपी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है।

फोटो राकेश शाह

वहां मौजूद अन्य नेताओं में रामपाल शर्मा, डीडी जिंदल, भूपिंदर बढ़ेरी, अनिता शर्मा, यादविंदर मेहता, राजीव मौदगिल, अश्वनी शर्मा, शेरी, रवि ठाकुर, नरिंदर सिंह,साहिल दुबे,सुभाश बकस,जावैद अलि, विक्की कनौजिया, विकासदीप, दिप्पू, नहिम अहमद, अशोक थापा, रूबल,उमेश सैठी, हरमनप्रीत,सरताज, अँकित ।

फोटो राकेश शाह

Gen Bajwa supports ‘Self Determination’ for J&K


Islamabad supports self-determination, Gen. Qamar Javed Bajwa says in the presence of Prime Minister Imran Khan during Defence and Martyrs Day ceremony.


Pakistan Army chief Gen. Qamar Javed Bajwa on Friday raked up the Kashmir issue and reaffirmed Islamabad’s support for “self-determination” in Jammu and Kashmir.

The Pakistan Army learnt a lot from the 1965 and 1971 wars with India and had made the country’s defence impregnable by developing nuclear weapons, he said at a Defence and Martyrs Day, organised to mark the anniversary of the 1965 war with India, at the Army headquarters in Rawalpindi.

The event was attended by Prime Minister Imran Khan.

Gen. Bajwa said Pakistan supported the people of Jammu and Kashmir in their “struggle for the right to self-determination”.

“We have learned a lot from the wars of 65 and 71. We were able to further strengthen our defence forces in the wake of these wars. Despite difficult economic times, we were able to become an atomic power. September 6, 1965, is an important day in the history of our nation,” he said, adding that Pakistani soldiers jumped into the fiery pits of warfare but did not let the country be harmed. “The bravery shown by our nation during the 1965 war serves as an important lesson and an inspiration to our youth even today.”

Won’t fight other people’s wars, says Khan

Mr. Khan said Pakistan would never fight any other country’s war in future and his government’s foreign policy would be in the best interest of the nation. “We will not become part of a war of any other country [in future]… Our foreign policy will be in the best interest of the nation,” he said, apparently referring to the country’s involvement in neighbouring Afghanistan.

Pakistan was the ally of the United States during the Cold War as it fought the American war with the erstwhile Soviet Union in Afghanistan.

Mr. Khan praised the armed forces for combating terrorism. “No other nation has fought the war on terror like the Pakistan Army.” The role of the security forces and intelligence agencies in making the country safer against all threats was unparalleled, he said.

Mr. Khan also talked about investing in human capital by sending children to schools and building hospitals and system of merit so that everyone is treated equally on the pattern of first Muslim state of Medina. “The government will bring meritocracy and transparency in all sectors by following the golden principles of state of Medina,” he said.

सरकार ने भीमा कोरेगांव में किसी तीसरे का हाथ होने की आशंका जताई


भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के लिए फरवरी में कमीशन को स्थापित किया गया था और बुधवार से मुंबई में इसकी सुनवाई शुरु हुई. इसकी सुनवाई पुणे में भी होगी


राज्य सरकार के स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर ने भीमा कोरेगांव हिंसा में पूछताछ कर रहे आयोग के सामने दावा किया कि 1 जनवरी को हुई घटना किसी ‘तीसरे ग्रुप’ ने ‘अराजकता फैलाने’ के लिए किया हो सकता है. 44 वर्षीय मनीषा खोपकर पर हिंसा के दौरान हमला हुआ था. मनीषा ने आयोग को बताया कि एक ग्रुप ने उनपर पत्थरों से हमला किया था. और भगवा झंडे लिए लड़के मोटरसाइकिलों पर नारे लगाते हुए वहां से निकल गए.

समस्त हिंदू अघादी नेता मिलिंद एकबोट और श्री शिव प्रतिस्ठान हिंदुस्तान नेता संभाजी भिड़े के खिलाफ शिक्रपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. 1 जनवरी को कोरेगांव की लड़ाई में शहीदों की 200 वीं वर्षगांठ के समय इकट्ठा हुए लोगों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने में उन लोगों की भूमिका की जांच की जाएगी. पुणे पुलिस ने पिछले साल 31 दिसंबर को शनिवार वाडा में आयोजित एल्गार परिषद के आयोजकों और प्रतिभागियों को भी नामजद किया है और आरोप लगाया कि उनके उत्तेजक भाषणों की वजह से ही हिंसा भड़की.

गवाहों से पूछताछ शुरु:

मनीषा खोपकर से जब ये पूछा गया कि, ‘क्या यह संभव है कि दोनों समूहों के बीच में गलतफहमी और हिंसा बढ़ाने के मकसद से किसी ने ये काम किया हो?’ इसके जवाब में खोपकर ने कहा कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रही हैं. हालांकि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे एन पटेल ने कहा कि सवाल ‘कल्पित’ था. लेकिन हिरय ने कहा कि गवाह से सवाल पूछा गया क्योंकि उन्हें ‘विचारधारा’ का अर्थ पता है. किसी तीसरे पक्ष की संलिप्तता के बारे में सवाल पूछने से पहले मनीषा से पूछा गया था कि क्या वो विचारधारा का अर्थ समझती हैं. इसके बाद हिरय ने लिखा कि हिंसा के पीछे ‘अलग विचारधारा’ के तीसरे समूह की संभावना थी.

 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हिरय ने गवाह से कोरेगांव की लड़ाई के इतिहास के बारे में भी सवाल किया और पूछा कि क्या उनके पास इसके बारे में कोई लिखित सबूत है. खोपकर ने कहा कि पेशवा के खिलाफ लड़ाई में महारों की जीत का इतिहास उन्होंने अपने माता-पिता से सुना था. इसके बात हिरय ने खोपकर से 2014-15 में उनके खिलाफ चेक-बाउंसिंग के तीन लंबित मामलों को दिखाया. साथ ही उन्होंने खोपकर से उनके इस दावे के बारे में भी सवाल किया कि 1 जनवरी को दुश्मनों द्वारा उन्हें और दूसरे लोगों पर भीड़ द्वारा जातिवादी टिप्पणी की गई थी पुलिस ने उनके इस आरोप ध्यान नहीं दिया. एकतरफ जहां हिरय ने दावा किया कि वह झूठ बोल रही हैं. वहीं खोपकर ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इसके बारे में बताया पर पुलिस ने इसे दर्ज नहीं किया था.

गुरुवार को एक और गवाह, तुकाराम गावड़े को भी पेश किया गया. कमीशन के वकील आशीष सतपूते द्वारा सवाल पूछने पर गावड़े ने कहा कि वह 2006 में राज्य और मुंबई पुलिस में अस्सिटेंट इंस्पेकटर के रूप में रिटायर हुए थे. उन्होंने कहा कि वो इसके पहले चार पांच बार भीम कोरेगांव का दौरा कर चुके थे. और 200वीं वर्षगांठ के समय वो एक बड़े समूह के साथ गए थे.

कमीशन को फरवरी में स्थापित किया गया था और बुधवार से मुंबई में इसकी सुनवाई शुरु हुई. इसकी सुनवाई पुणे में भी होगी.

मुलायम से भी नहीं संभली घर की तकरार, शिवपाल की नयी पार्टी अक्तूबर में


अब तक शिवपाल यादव मुलायम सिंह के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है


समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके शिवपाल यादव अब आखिरकार अक्टूबर के मध्य में लॉन्च करेंगे. अब तक वो यादव परिवार के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है.

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राजनीति के यादव परिवार में शांति वार्ता पर बात बन नहीं पाई है और शिवपाल सिंह यादव आखिरकार अपनी नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा अक्टूबर में लॉन्च कर देंगे.

शिवपाल यादव ने कुछ दिनों पहले ही अपनी नई पॉलिटिकल पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम की घोषणा की थी और उन सभी को अपनी पार्टी जॉइन करने का न्योता भेजा था, जिन्हें लगता है कि समाजवादी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिलता.

इसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि शिवपाल के इस घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव ने उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश की. वो चाहते थे कि उनके भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश यादव के बीच का विवाद खत्म हो जाए. हालांकि, लगता है कि ये दोनों नेता ही झुकने के मूड में नहीं हैं. कहा जा रहा है कि शिवपाल सिंह ने शर्त रखी है कि वो पार्टी में तभी रुकेंगे जब उनको और उनके साथियों को पार्टी में समुचित आदर मिलेगा.

खबर थी कि जब शिवपाल यादव ने अपने पार्टी के नाम की घोषणा की थी, उस वक्त ये खबर भी आई थी कि उन्होंने खुद मुलायम सिंह यादव तक इसमें शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे मुलायम ने नकार दिया था. उधर लग रहा है कि अखिलेश यादव भी इस मामले को पूरी तरह से सुलटाने के मूड में हैं.

शिवपाल सिंह ने भी गुरुवार को ऐसी बात कही, जिससे लगता है कि अब वो पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगी. हम बीजेपी के खिलाफ सेक्युलर मोर्चे को मजबूत करेंगे.

शिवपाल धड़े के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस नई पार्टी को मैदान में ले जाने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नामों पर चर्चा की जा रही है और जल्दी ही पार्टी के लिए प्रवक्ता चुन लिए जाएंगे. अक्टूबर के मध्य तक रजिस्ट्रेशन तक का काम पूरा कर लिया जाएगा.

हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता इन खबरों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे और यादव परिवार भी हाथ खड़े कर चुका लगता है, ऐसे में इस डेवलपमेंट से बीजेपी को काफी खुशी होगी. इस सबमें सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.

‘Everyone knows what Rahul Gandhi is…the biggest buffoon in the country’: KCR

 

Hours after dissolving the Telangana Assembly, K Chandrashekhar Rao set the tone for the state elections. Revealing his game plan, KCR said that his party Telangana Rashtra Samithi won’t go for any pre-poll alliance with the BJP.

‘TRS is a 100% secular party. How can we join hands with BJP,’ KCR asked while addressing media on Thursday.

Maintaining an equidistance from the Congress, KCR also attacked the Congress and its chief Rahul Gandhi.

‘Rahul Gandhi inherited the legacy of Congress Delhi sultanate, he is the legal heir of Congress empire of Delhi. That is the reason I appeal to the people, let us not become slaves to Congress, slaves to Delhi. Telangana ka nirnay Telangana mein hona chahiye (Telangana’s fate must be decided in the state itself),’ Rao said.

‘Everyone knows what Rahul Gandhi is…the biggest buffoon in the country. Whole country has seen how he went to Mr Narendra Modi and hugged him, the way he is winking. He is a property for us, the more he comes (to Telangana) the more seats we will win,’ Rao said while mocking the Congress chief.

However, he was all in praise of Asaduddin Owaisi’s AIMIM. ‘We are going to contest election alone but no doubt we are friends with MIM (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen),’ Rao added.

During the press conference, KCR also announced a list of 105 candidates.

But the move has sparked a debate on what prompted the TRS supremo to bite the bullet.

The ruling Telangana Rashtra Samithi said the aim is to leverage what they call the “feel good factor” prevailing in the state which has received good rainfall.

Rao is “upbeat” as his popularity rate has not fallen and his personal image continues to be strong, the sources claimed, adding that “the idea is to encash the positive mood among the people”.

A leader of an opposition party said Rao was trying to play a “very safe game”.

“He (Rao) wants to win back the state and hand it over to KTR (his son K T Rama Rao)”, he said, seeing the early poll move as part of the chief minister’s “succession plan”.

“He (Rao) wants to become a hero. You become a hero only when you fight an incumbent (NDA) government. The man wants to be a regional hero, just like (late) Jayalalithaa (former Tamil Nadu Chief Minister). He wants to play the same politics,” the leader said.

The TRS would “go with whoever gets bigger numbers” in the next Lok Sabha elections, he added.

A Congress leader said Rao did not want his opponents to get their act together.

“He wants to give them less resource-mobilisation time, less alliance-mobilisation time, and also less preparation time for the elections,” the leader said.

Meanwhile, a member of the Bharatiya Janata Party (BJP) said Rao was nursing national ambitions.

He wants to play a bigger role in national politics and that’s possible only if he wins the state polls. He desires to play a key role, pre-poll and post-poll, the leader said.

Another Congress leader claimed Rao was at a stage in his life where he was “losing energy and health” citing his “less-spirited” speech at last Sunday’s public meeting.

“He (Rao) wants to execute the succession plan; he needs two different elections. He can win back (the state) and promote his son (to the post of CM) and then focus on national elections himself,” he claimed.

As a smart politician, Rao understands the fluid nature of politics, a politial analyst said.

“Tomorrow, if all opposition (parties) including NDA allies rally together then he knows that things are going to be shaky for the NDA. In that kind of scenario, he will fight as a formal ally of the opposition alliance. So, he is giving himself a lot of elbow room to take those decisions pre-poll,” he said.