कुशवाहा, महागठबंधन के नेताओं ओर आम आदम पार्टी के भारद्वाज द्वारा नतीजे अनुरूप न आने पर गृह युद्ध छिड़ने की धमकी दिये जाने पर, गृह मंत्रालय ने अनुकूल नतीजे न मिलने पर हिंसा भड़काने को आतुर दलों का नाम लिए बिना एक अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि कुछ पक्षों द्वारा किए गए हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा की आशंका के मद्देनजर बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट कर दिया. मंत्रालय का कहना है कि कुछ पक्षों द्वारा किए गए हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कानून एवं व्यवस्था तथा शांति बनाये रखने के लिए कहा है.
बयान में कहा गया है,‘गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को कल मतगणना के सिलसिले में देश के अलग..अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के संबंध में अलर्ट किया है.’ मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही यह भी कहा गया है कि वे स्ट्रांग रुम और मतगणना स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठायें.
इसमें कहा गया है,‘यह विभिन्न पक्षों की ओर से मतगणना वाले दिन हिंसा भड़काने और बाधा उत्पन्न करने के लिए किए गए आह्वान और दिये गए बयानों के संबंध में किया गया है.’’
एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और व्यक्तियों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में, कुछ बयान दिये हैं जिससे हिंसा उत्पन्न होने की आशंका है और इससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है.’’
लोकसभा चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक हुए थे. मतगणना गुरुवार को होगी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/35899-bengal-panchayat-polls-pti.jpg477850Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-22 17:58:082019-05-22 18:11:11गृह मंत्रालय की केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को चौकन्ना रहने के आदेश
एक होती है नूरा कुश्ती इस कुश्ती में दो भिड़ने वाले पहलवान आपस ही में तय कर लेते हैं की कोई भी चित्त नहीं होगा या फिर कौन चित्त होगा। हम नूरा कुश्ती पहले भी समाजवादी परिवार में होती देख चुके हैं। अब गठबंधन और कांग्रेस में भी नूरा कुश्ती ही चल रही है। अभी हाल ही में बदोही में भी यही कुश्ती एक बार फिर दोहराई गयी, जहां जिले की कांग्रेस अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने कांग्रेस छोड़ दी ओर गठबंधन के उम्मीदवार के हित में जुट गयी। इसे कहते हैं तेल गिरा तो कड़ाही में। एक ओर बात जो सामने आ रही है वह है नामदारों का अपने कार्यर्ताओं के प्रति रवैया। अभी सैम पित्रोदा के दिल्ली में सिक्ख कत्लेआम पर दिये गए ब्यान “हुआ तो हुआ” थमा नहीं की प्रियंका वादरा आ महिलाओं के लिए दिया गया यह बयान। जानते हैं पूरा मामला
भदोही: लोकसभा चुनाव 2019 के छठवें चरण में रविवार को सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान हुआ. इस दौरान उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की कांग्रेस अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने पूर्वी यूपी की प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. नीलम मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने भदोही से एक बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है. इस बारे में जब हमने प्रियंका गांधी से बात की तो उन्होंने कई अपमानजनक बातें कहीं.
आरोप है कि शुक्रवार को यहां हुई चुनावी
सभा के बाद उन्होंने प्रियंका से शिकायत की थी कि भदोही से पार्टी के प्रत्याशी
रमाकांत यादव लगातार जिला कांग्रेस कमेटी की उपेक्षा कर रहे हैं। यहां तक कि रैली
में पार्टी पदाधिकारियों को घुसने तक नहीं दिया जा रहा है।
इसपर प्रियंका गांधी ने कथित रुप से नीलम मिश्रा क सबके सामने डांटना शुरु कर दिया और कहा कि ‘अगर आप लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं तो करते रहिए’।
नीलम मिश्रा ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से शनिवार को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि भदोही से रमाकांत यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. वह बाहरी व्यक्ति हैं और हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका था. नीलम ने दावा किया कि इस बारे में एक बैठक के दौरान हमने प्रियंका गांधी से बात करने की कोशिश भी की थी. लेकिन, प्रियंका गांधी नाराज हो गईं और हमारे लिए कई अपमानजनक बातें कहीं.
बताते चलें कि रमाकांत यादव को चुनाव आयोग का नोटिस भी मिल चुका है. चुनाव आयोग ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जनता को बताने के लिए कहा था, जिसके लिए उम्मीदवारों को छोटे या बड़े अखबारों में इसे प्रकाशित करवाना था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार रमाकांत यादव ने इसकी अनदेखी की थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला निर्वाचन आयोग ने यादव को नोटिस भेजा था
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/Modi-is-Pradhan-Prachar-Mantri-Priyanka-Gandhi.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-13 10:20:342019-05-13 10:20:37प्रियंका वाड्रा द्वारा अपमानित नीलम मिश्रा ने दल बल सहित छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आदिवासियों के कानून पर दिए बयान को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में राहुल गांधी से 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आदिवासियों के कानून पर दिए बयान को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में राहुल गांधी से 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है. राहुल ने कहा था, “कानून में आदिवासियों को गोली से मारने की बात है. आदिवासियों को गोली से मारा जा सकेगा.” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 23 अप्रैल को शहडोल की रैली में ये बयान दिया था.
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था, “अब नरेंद्र मोदी ने नया कानून बनाया है. आदिवासियों के लिए नया कानून बनाया है. उसमें एक लाइन लिखी है कि आदिवासियों को गोली से मारा जा सकेगा. कानून में लिखा है कि आदिवासियों पर आक्रमण होगा, आपकी जमीन छीनते हैं, जंगल लेते हैं, जल लेते हैं और फिर कहते हैं कि आदिवासियों को गोली मारी जा सकेगी.”
आयोग ने गांधी को नोटिस का जवाब देने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया है. इस अवधि में जवाब नहीं देने की सूरत में आयोग अपनी तरफ से कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा. एक विशेष संदेशवाहक के जरिए उन्हें नोटिस दिया गया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/03/Rahul-Gandhi-Minimum-Income-Guarantee-Scheme-Nyay-644x362.jpg362644Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-02 01:29:312019-05-02 01:31:10ईसी ने राहुल को नोटिस दिया, 48 घंटे में देना होगा जवाब
गढ़चिरौली : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ है. इस हमले में सीआरपीएफ के 15 जवान शहीद हो गए हैं. सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही गाड़ी का ड्राइवर भी मारा गया है. नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट कर पेट्रोलिंग के लिए जा रही गाड़ी को उड़ा दिया है. ये सभी जवान नक्सल विरोधी सी-60 ग्रुप के सदस्य थे.
घटनास्थल पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के भी गोलीबारी भी हुई. पुलिस के जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. ज्ञात हो कि गाड़ी में 16 जवान सवार थे. आईजी शेलार शरद ने जवानों के शहीद होने के खबर की पुष्टि की है. आईडी ब्लास्ट काफी जोरदार था. इस ब्लास्ट में गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए. 24 घंटे के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नक्सली हमले की निंदा की है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. शहीद जवानों के परिजनों के साथ मेरी संवेदना है. मैं बहादुर जवानों को सलाम करता हूं.
Strongly condemn the despicable attack on our security personnel in Gadchiroli, Maharashtra. I salute all the brave personnel. Their sacrifices will never be forgotten. My thoughts & solidarity are with the bereaved families. The perpetrators of such violence will not be spared.5,7872:32 PM – May 1, 2019
रामदास आठवले ने नक्सली हमले की निंदा करते हुए कहा कि नक्सलियों को खत्म करने की आवश्यक्ता है. नक्सलवादी लोगों की मांग से तो हम सहमत हैं, लेकिन उन्होंने जो मार्ग अपनाया है उससे किसी का भला होने वाला नहीं है.
घटनास्थल पर सीआरपीएफ और पुलिस की टीम पहुंच चुकी है. ज्ञात हो कि आज महाराष्ट्र अपना स्थापना दिवस मना रहा है. इस दिन नक्सली हिंसी की दूसरी घटना है. बीती रात नक्सलियों ने 50 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सड़क निर्माण में जुटी कंपनी के लगभग 50 वाहनों को निशाना बनाया गया.
नक्सलियों ने यहां कुरखेडा तालुका के दानापुर इलाके में इस वारदात को अंदाज दिया था. बताया जा रहा है कि रात के 11 से 3 बजे के बीच नक्सलियों ने यह अग्निकांड किया था. दरअसल इस इलाके में रास्तों की मरम्मत और नए रास्ते बनाने का काम चल रहा था. जिसके लिए जेसीबी और सीमेंट से लदे ट्रक रास्ते पर खड़े थे. स्थानीय पुलिस ने बताया था कि यह नक्सली प्रभावित इलाका है. जब काम शुरू हुआ तब कोई भी विरोध नही हुआ था. अचानक बीती रात नक्सलियों नें एक-एक कर 50 से भी ज़्यादा गाड़ियां फूंक दी.
महाराष्ट्र पुलिस के नक्सलरोधी अभियान के आईजी शरद शेलार ने कहा कि नक्सलियों ने क्यूआरटी कमांडो को ले जा रहे वाहन को निशाना बनाया। घटनास्थल पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां रवाना की गई हैं।
क्या है सी 60 कमांडो
नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान शामिल होते हैं। यह काम गढ़चिरौली के तब के एसपी केपी रघुवंशी ने किया था। सी-60 में शामिल पुलिस के जवानों को गोरिल्ला युद्ध के लिए तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है।
अभी गढ़चिरोली के धमाके की गूंज भी शांत नहीं हुई की राजनीति शुरू हो गयी है.
R भारत के प्रवक्ता आलोक वर्मा से छत्तीस गढ़ में नक्सलियों के छूट जाने और चार्जशीट न होने या फिर ढुलमुल चार्जशीट दायर करने से उनके छूटने की वजह पूछने पर कांग्रेस प्रवक्ता रमेश वर्लीयान ने कहा कि नक्सली कोई देश के दुश्मन नहीं हैं, उन्हे ठीक से डील (deal) नहीं किया गया इसीलिए वह हिंसा का रास्ता अपनाते हैं। उन्होने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने इतने साल क्या किया?
जबकि नकसलवाद 1969 में आज़ादी के मात्र 22 वर्ष बाद उभरा था और यह ततकालीन सरकार की कुनीतियों के कारण शोषित वर्ग का दंश था।
भारत में नक्सलवाद की बड़ी घटनाएं
2007 छत्तीसगढ़ के बस्तर में 300 से ज्यादा विद्रोहियों ने 55 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट पर उतार दिया था।
2008 ओडिसा के नयागढ़ में नक्सलवादियों ने 14 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की हत्या कर दी।
2009 महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में हुए एक बड़े नक्सली हमले में 15 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गयी।
2010 नक्सलवादियों ने कोलकाता-मुंबई ट्रेन में 150 यात्रियों की हत्या कर दी।
2010 पश्चिम बंगाल के सिल्दा केंप में घुसकर नक्सलियों ने 24 अर्द्धसैनिक बलों को मार गिराया।
2011 छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में हुए एक बड़े नक्सलवादी हमले में कुल 76 जवानों की हत्या कर दी जिसमें सीआरपीएफ के जवान समेत पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
2012 झारखंड के गढ़वा जिले के पास बरिगंवा जंगल में 13 पुलिसकर्मीयों को मार गिराया।
2013 छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने कांग्रेस के नेता समेत 27 व्यक्तियों को मार गिराया।
नकसलवाद पर पहले भी कांग्रेस ए बयान आते रहे हैं राज बब्बर नक्सलवादियों को क्रांतिकारी कहते हैं। मतलब भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का उन्हे अधिकार है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/Maoist-1-1.jpg450800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-05-01 10:37:112019-05-01 10:37:14गढ़चिरौली पर नक्सली हमला 15 शहीद
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा. पार्टी ने 2014 मे इन सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं विपक्षी दल बीजेपी से ये सीटें छीनना चाहेंगे. यह चरण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है.
नई दिल्ली: देश में सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण के साथ गुजरात, केरल, गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा जहां पार्टी ने 2014 मे जीत हासिल की थी. इसलिए यह चरण बीजेपी के लिए काफी अहम है.
तीसरे चरण में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों दलों के प्रमुख चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव में उतर हैं. वह गांधीनगर से पार्टी के प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस चरण में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में इनमें से 16 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, जबकि अन्य सीटें बीजद (6), माकपा (7), राकांपा (4), समाजवादी पार्टी (3), शिवसेना (2), राजद (2), एआईयूडीएफ (2), आईयूएमएल (2), लोजपा (1), पीडीपी (1), आरएसपी (1), केरल कांग्रेस-एम (1), भाकपा (1), स्वाभिमानी पक्ष (1), तृणमूल कांग्रेस (1) और निर्दलीय (3) की झोली में गई थीं.
गुजरात में बीजेपी की परीक्षा इस बार बीजेपी की परीक्षा उसका गढ़ रहे गुजरात में होगी. प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटों पर अज मतदान होगा. इसके अलावा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की परीक्षा होगी जहां पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. बीजेपी ने इस चरण में मतदान वाली सीटों पर 2014 में गुजरात की सभी 26 सीटों, कर्नाटक की 14 में से 11 सीटों और उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से आठ पर, छत्तीसगढ़ की सात में से छह सीटों पर, महाराष्ट्र की 14 में से छह सीटों पर, गोवा की दोनों सीटों पर और असम, बिहार, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की एक-एक सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के कारण बीजेपी इस बार भी गुजरात की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी है. लेकिन, कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को कड़ी चुनौती थी, इसलिए कांग्रेस भी 10 से 15 सीटों पर इस बार जीत की उम्मीद कर रही है. गुजरात के तीन युवा नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने में मदद की थी, लेकिन इस बार वे चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पाटीदार नेता पटेल पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन दंगा से संबंधित मामले में अभियुक्त होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि ठाकोर ने इसी महीने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया.
तय होगी यादव परिवार की किस्मत समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे मैनपुरी, बदायूं और संभल लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होने जा रहा है और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन होने के बाद इन क्षेत्रों में सपा की संभावना को मजबूती मिली है. यह भी एक राय है कि कांग्रेस भी बीजेपी का ही वोट काटेगी. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से अपने भतीजे व सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और वह सपा-बसपा गठबंधन के विरोध में लोगों को वोट करने कह रहे हैं. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं.
कर्नाटक में बीजेपी को मिल रही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती कर्नाटक में मंगलवार को जिन 14 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन उसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. उधर, बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी तीसरे चरण में यादव बहुल इलाके में कड़ी चुनौती मिल रही है.
महाराष्ट्र में तीसरे चरण में बारामती, माधा, कोल्हापुर और सतारा समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गढ़ में मतदान हो रहा है. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव मैदान में हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपनी सभी मौजूदा सांसदों को बदल दिया है. पार्टी को प्रदेश में 15 साल बाद पिछले साल सत्ता में वापस आई कांग्रेस से चुनौती मिल रही है.
मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष बिहार में इस चरण में जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है उनमें से बीजेपी को 2014 में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी और पार्टी इस बार भी इनमें से एक ही सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) तीन सीटों पर और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, महागठबंधन में शामिल आरजेडी तीन सीटों पर जबकि कांग्रेस और विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. मुख्य मुकाबला मधेपुरा में है जहां वर्तमान सांसद पप्पू यादव (पिछली बार राजद के टिकट पर) इस बार अपने ही दल जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ आरजेडी उम्मीदवार शरद यादव चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं. मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष है.
क्या पुरी में खिलेगा कमल ओडिशा के पुरी लोकसभा क्षेत्र में भी त्रिकोणीय संघर्ष है जहां तीन प्रमुख दलों के प्रवक्ताओं के बीच लड़ाई है. वर्तमान सांसद और बीजू जनता दल (बीजद) प्रवक्ता पिनाकी मिश्र का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से है, जबकि कांग्रेस के मीडिया सेल अध्यक्ष सत्यप्रकाश नायक भी चुनावी मैदान में हैं. असम में चार लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होगा जहां कांग्रेस और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर बीजेपी के विरोध का लाभ मिलने की उम्मीद है.
केरल में राहुल गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों में से आठ पर पार्टी ने 2014 में जीत दर्ज की थी और उसके सहयोगियों ने भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी भी केरल में चार सीटों पर जीत की उम्मीद लगा रही है. पश्चिम बंगाल में बहुकोणीय संघर्ष है जहां तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/Logo-of-Election-Commission.jpg16001598Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-04-23 01:20:302019-04-23 01:21:25लोकतन्त्र के महापर्व के 3सरे चरण की 117 सीटों पर मतदान आज
नई दिल्ली : भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और गोरखपुर सीट से लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी रवि किशन ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर आम चुनाव में विजय के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया.
योगी से मुलाकात के बाद रवि किशन ने कहा, ‘गोरखपुर में कोई चुनौती नहीं है क्योंकि बाबा गोरक्षनाथ और योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किये गये कार्यो का भी आशीर्वाद है. पूरी दुनिया की निगाह इन चुनावों पर है.’ उन्होंने कहा, ‘हर घर जाउंगा, हर दरवाजा खटखटाउंगा. समाज के विभिन्न वर्गों के लिए सरकार की ओर से चलायी गयी कल्याण योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में सबको बताउंगा. विपक्ष अपने निहित स्वार्थ के चलते कई चीजें जनता को भुलवाना चाहता है इसलिए हम हर दरवाजे जाएंगे.’
लोकसभा के इस बार के चुनाव को महत्वपूर्ण बताते हुए रवि किशन ने कहा कि यह ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं है बल्कि यह प्रधानमंत्री चुनने के लिए हो रहा चुनाव है. यह एक ओर नि:स्वार्थ प्रधानमंत्री तो दूसरी ओर वंशवादी पार्टियों के गठबंधन के बीच का संघर्ष है. यह आतंकवाद के खिलाफ चुनाव है. उन्होंने दावा किया कि अगर भाजपा विरोधी गठबंधन सत्ता में आया तो वह देश को विभाजित कर देगा.
गोरखपुर सीट 1991 से भाजपा के पास है. खुद योगी यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं लेकिन जब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उपचुनाव में यह सीट प्रवीण निषाद के खाते में चली गयी. निषाद सपा के टिकट पर लडे़ थे और उन्हें बसपा का समर्थन हासिल था. गोरखपुर में 19 मई को मतदान होना है. रवि किशन आज ही गोरखपुर पहुंचकर भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/04/ravikishan-yogi.jpg506749Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-04-17 16:58:522019-04-17 16:58:54योगी से मिले रवि किशन प्राप्त किया जीत का आशीर्वाद
8th All-India Women Artists’
Contemporary Art Exhibition, 2019 was inaugurated by Shri Dinkar Gupta, IPS.
Director General of Police at the Galleries of Fine Arts Museum, Punjab
University, Chandigarh,here today.
He gave away the following
awards:
4 Professional Category:
Rs 50,000/- KavitaMehrotra
(from Lukhnow Uttar Pradesh) for ‘Exist of Life’
Rs 45,000/- Neha Jaiswal (from
Allahabad, UP ) for Paturkar ‘Campanion’
Rs 40,000/- PreetiDhaniya (from
Panchkula, Haryana) for ‘Bounded Precious Time’
Rs 35,000/-
VarshaMithunNiranjan (from Solapur, Maharashtra ) for ‘Good Morning’
4 Student Category :
Rs. 25,000/- AratiMaurya (from
Khairaghar, Chattisgarh ) for ‘Qurisity-3′
Rs 20,000/- Agomoni Sen
(from Ranchi, Jharkhand ) for ‘Inward Lookingl’
Rs 20,000/-
PriyaSisodiya (from Hyderabad, Telangana ) for ‘3 Generations’
KavitaMehrotra lives in lukhnow
Uttar pradesh
Armed with a master’s degree in
fine arts, Kavita is a talented young artist from Lucknow. She has participated
in many National and International shows, exhibitions and has received
admiration for her solo show” oozy of Formative Art”. An immensely gifted
artist Kavita is sure to leave a mark on your creative mind and heart.
Exist of Life
Etching with Dry paint 60 cm x
46 cm
Neha Jaiswal lives in
Allahabad, UP
Hailing from Allahbad, home for
many renowned artists, Neha had been a brilliant students in both
academics and arts. Neha has participated in many National art activities
over the years. With many awards under her belt she wants to paint the world
with her creativity. Neha has also hosted 2 solo exhibitions which
received great rave reviews from the world of art.
Campanion
Etching 49 cm x 50 cm
Preeti Dhaniya lives in Panchkula, Haryana
The effervescent Preeti hails
from Panchkula, Haryana. She has been actively participating in various shows,
exhibitions in Haryana, Chandigarh, Shimla on a regular basis. Preeti has been
awarded by All India Fine Arts and crafts society for hew wonderful work in
sculpting. A motivated artist,she has done some astounding work and has many
achievements to her credit
Bounded Precious Time
Wood 99 cm x 49 cm x 11 cm
Varsha Mithun Niranjan lives in Solapur, Maharashtra
A talented young artist from
Sholapur, has been a recipient of special jury award at 123rd All India Annual
Art Exhibition in 2015. Her dedication and love for art reflects from all the
work she firmly believes in the language of her craft. She has won accolades
for her work at the 52nd Maharashtra State art exhibition and Camal art
Foundation Western Region Art Exhibition.
Good Morning
Oil and acrylic 36 cm x 48 cm
Arati Maurya lives in Khairaghar, Chattisgarh
Pursuing her M.F.A.
(Graphics) , talented and ambitious Arati has many achievements under her
belt. She has been awarded at the Annual Art Exhibition , BHU .
This young artist is determined to follow her dreams and carve a niche for
herself.
Qurisity-3
Woodcut 30″ x 48″
Reetu lives in Khairaghar,
Chattisgarh
Having won the Zonal Art Award
2017-18, by State Lalit kala Academy, U.P Reetu has proved her mettle in the
field of art. With numerous participations, awards and a solo show; “Astitva”
An Exhibition of paintings and graphics prints under her belt , she has
been winning high accolades. Her stupendous work which celebrates her
versatility and creativity is sure to take her places.
Emergence
Woodcut 90 cm x 120 cm
Agomoni Sen lives in Ranchi,
Jharkhand
Hailing from Ranchi Agomani has
done her Masters in Fine arts from Visva Bharti, Kala BhavanaShantiniketan. An
artist who lets her work speak for her, Agomoni is immensely talented and
determined to follow her dreams.
Inward Looking
Acrylic on Canvas 48″ x
36″
Priya Sisodiya lives in Hyderabad, Telangana
PriyaSisodiya is a fiercely
motivated young artist hailing from Hyderabad. She is doing final year of her
BFA degree course from Sri Venkateswara College of Fine Arts, Hyderabad. Her
work is a reflection of nature, tender softness and inclined love towards girl
child. Seeking inspiration from every existing thing as almighty’s expression
her work is a reflection of her soul.
3 Generations
Wood Cut On Paper
33″x24″
Art Critic
All India Women Artists
Contemporary Art Exhibition 2019
Professor Seema Bawa
Art Historian, Critic and
Curator
Painting a World of their Own
Ah, well, do I wish that we
lived in a world where gender didn’t figure so prominently? Of course. Do I even
think about myself as a woman when I go to make art? Of course not.’
-Judy Chicago
‘Ah, well, do I wish that we
lived in a world where gender didn’t figure so prominently? Of course. Do I
even think about myself as a woman when I go to make art? Of course not.’ Judy
Chicago
Chicago’s views on her own art
practice with a concomitant awareness about gender imbalance and on the overt patriarchy
that informs social and cultural behavior is very telling; given that Chicago
has brought a critical feminist gaze to the gender construct of masculinity,
exploring how prevailing definitions of power have affected the world in
general — and men in particular, in the way artists view their own work
process.
The role of the subversive
artist, particularly the woman artist, becomes significant in the exhibitions
of Artscapes; which is holding the eighth edition of All-India Women Artists Contemporary
Art Exhibition, that encourage women artists to simultaneously engage with
creativity and contemporary concerns.
The continuous commitment to
the cause of projecting and encouraging women artists through competition,
selection and subsequent display can be seen in the larger context of feminist
art movements in India and abroad. Through such movements the artist as both an
activist with a creative soul and also as a symbol of resistance and subversion
of dominant ideology is brought center-stage. Thus, Art enters into fields of
political and social activism, becoming one of the catalysts for struggle for
visibility, validity and assertion of value. Women artists all over have taken
up the issues of oppression, race, colour, and gender. They have succeeded in
privileging a special position for women within the larger discourse of
cultural practice. Women in art have brought to the fore an agenda that can be
differentiated from the largely androcentric art practice. They have done this
not merely by questioning and resisting patriarchy but also by endorsing an
agenda of their own.
Mainstream art criticism seeks
to contain the dichotomy between the woman artist’s richer albeit different
lived-world through “placing” or labeling it. There is an inherent inequality
and bias embedded in the very language that we use in common as well as
academic discourse, where there is a very conscious emphasis on the gender of
the creator when referring to women who write, sing, paint, or run for
political office as specifically “women writers”, “women singers”, “women
painters”, and “women politicians”. Exhibition of works of “male artists” are
only mentioned as “artists” without emphasizing the gender. Thus, on the one
hand men are seen to be the norm and women an aberration and therefore need to
be labelled and /or valorised. On the other hand, women artists, writers, etc.,
become categories representative of all women while men are perceived to be
unique individuals. This aspect predicates the felt need by women artistes
to on the one hand recover a space of their own within the discourse of art and
on the other mainstream it from the margins as unique painterly works. To
appreciate the polyphony of inherent in these works, we have to be aware of and
be sensitive to the heterogeneity of backgrounds, styles and genres the women
artists’ represent. The artists in the current show have a larger canvas to
work with, especially given the competition format, that allows for a wide
array of genres, styles, mediums and sensibilities at play.
This brings us to a significant
question regarding as to whether women artist have a world of their own to
paint and sculpt qua women artists’ art practice. Perhaps the training
and the technique belong to a shared space of both men and women, where gender
is insignificant and at this level it is skill that takes front stage. However,
the lived experience, the fears, insecurities, dis-privileging are definitely
gendered and at some level do pervade the Weltanschauung of women as artists.
The space painted is often personal, with a deep emotive content that seems to
somehow be ‘smaller’ but more dense or “thicker”.
The concern with women’s’ art
and artist is entangled with the discourse of the individual artefact and its
meanings that occurred during ‘the transition from modernism to postmodernism,
which was also that from the concept of the artist as a bohemian to the artist
as a social thinker; from the microcosm of the studio to society.’
This can be seen in the works
of women artists in India who despite a lack of a formal engagement with the
feminist movements, have been carving out and recovering spaces as their own.
The feminisation of themes, the experimentations with style, uniqueness of
sensibility, are all hallmarks of women’s art as can be seen in the current
show. This is not to suggest that art produced and conceptualised by women
artists is homogenous and monolithic- it is in fact, just the opposite- diverse
and vibrant, mirroring the diversity of artists themselves. From the self to
the family and from there on to larger social issues and concerns that inform
women’s lives and worlds are the tropes within which artists such as
PriyaSisodiya’s and Shobha Nagar’s work.
One way to for the viewer to
recover the depth of the works could be to examine women’s engagement with art
in both historical and critical terms and to relate these with contemporary art
practice. Given the colonial discourse within which easel and academy art
developed, it is not surprising that traditional arts, which were the forte of
women, got marginalised, trivialised and pushed into the background.
Most of traditional arts, be it
painting the alpana and the kolam on the floor, or the elaborate paintings on
the bridal chamber of Mithila, were and are still done by women, be it in the
folk or the tribal style. Neha Jaiswal’s etching Companion uses this style to
excavate the notion of nascent violence perpetrated against women by
patriarchal societies.
Contemporary art practice by
women tends to locate the female and the feminine in the self where there is an
increasing concern with the body as the site within which feminine identity is
framed. The works of Agomoni Sen and AratiMauraya highlight this, especially
the latter where the woman is gazing at her reflection in the mirror and
inviting the viewer to become part of this self-conscious engagement with the
self.
Indeed one observes a
preponderance of figurative works in the selection. One wonders if abstraction
is gender neutral or can we read some degree of feminisation in terms of
colours and compositions. We hope that subsequent shows of women artists by
Artscape shall be able to provide some insights into the processes and
practices that go into making of women’s painted worlds.
The Event
Since its inception in 2011,
Artscapes has become an integral part of creativity and cognition at the
national level. We have envisioned the main objective of working towards the
development of women artists through our various art activities. Apart from art
exhibition, other art activities are also organized from time to time. It is
very important to understand and know the efforts of Artscapes for society.
Promotion of originality and innovation, which is the sensory nature of the
challenges of aesthetical beauty and fantasies, has always been a part of our
norms. Artscapes in a way represents feminism through almost all of its
art programmes, wherein women artists get to come together and share their
expressions. This overall involvement of women is introduced and displayed
through their artworks, which combines both uncompromising human and artistic
values in it. It is a demonstration of unique creativity, thus also including
cooperation within competition. Artscpaes fosters and encourages both folk art
and modern contemporary art concepts. It gives away awards to the best creative
works and collects and preserves many of them too as encouragement.
Artscapes works on the
fundamental aspect of art and culture. It provides an opportunity and support
in priority to explore, research and project various forms and mediums of
artistic expressions. We leave the interpretation of creativities on the
viewers regardless of the debate of professional or academic qualities of the
artworks, in order to make them share their own true experiences and
expressions of joy and Rasa to the society themselves. Primarily our goal is to
continue displaying artworks surrounding the centralization of women’s
existence in the context of culture, aesthetics, social, economic and human
values. Artscapes happens to be a medium through which we represent the
artistic interpretation of organisational arrangements in between the artist
and the society. We try to showcase the art originated and inspired by the
insights of women’s entity it its purest and true sense. It indeed is a matter
of sensitivity and thoughtfulness. All the events and activities of Artscapes,
majorly this particular All India Contemporary Women Artists Art exhibition is
organised annually to support their vital contribution and resurrection of
their existence through art as a means of voicing out. In this way, we accept
and present various means of defining the identity of Indian art such as
painting art, sculpture, art and art. Through this event we display the art of
rural and urban contemporary women providing them an equal and similar
platform. This makes our Indian multi-cultural unity and integrity more
precious, prestigious, developed and empowered!
Through our All India
Contemporary Women Artists Art Exhibition 2019, it is our humble effort to
present the powerful and creative spirit of women artists working in all the
parts of the country to art lovers, critics, students and viewers. About 170
artworks are included in the exhibition through the process of juried
selection. By honoring the prize and honorable citation during the inaugural
ceremony of the exhibition, we strive to convert the nature of women’s thinking,
power, respect and equality into the empowerment.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/04/133A5503.jpg11222096Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-04-17 03:31:592019-04-17 03:32:028th All-India Women Artists’ Contemporary Art Exhibition, 2019
Amid allegations of a huge cash-for-votes racket in Tamil Nadu, officials of the Income Tax department visited the house of DMK leader Kanimozhi this evening to “verify allegations of cash being stashed there,” sources said. Kanimozhi, DMK lawmaker and the sister of party chief MK Stalin, is the candidate for the Tuticorin seat. It was alleged that “lots of cash” was stashed on the first floor of her house in Thoothukudi, sources said. IT sources, however, said later that it was a “false tip” and they drew a blank. No case has been registered.
“Crores and crores of rupees are kept in the house of Tamilisai Soundararajan’s (state BJP chief) residence, why no raids there? Modi is using IT, CBI, judiciary and now Election Commission to interfere in the elections. They are doing this as they fear losing,” DMK chief Stalin said.
Elections for the state’s 39 Lok Sabha seats and 18 assembly seats will be held on Thursday, during the second phase.
In the run-up to the polls, a string of raids have been held in the state, in which around Rs. 500 crore — in illegal cash and gold — has been seized.
Today, in a first, election for the Vellore Lok Sabha seat was cancelled following recovery of huge cash from alleged associates of DMK candidate Kathir Anand, the son of DMK treasurer Durai Murugan.
On March 30, tax officials raided Durai Murugan’s residence and allegedly seized Rs. 10.50 lakh. Two days later, they claimed to have seized Rs. 11.53 crore from a cement godown belonging to an associate of the DMK leader.
Last week, tax department officials conducted searches at 18 locations in the state. The list of sites included state capital Chennai, Namakkal and Tirunelveli. Most of the searches were on properties owned by opposition leaders.
Tax raids on opposition leaders have become one of the key issues in the ongoing elections, with most leaders accusing the BJP of targeting political rivals through government agencies.
DMK spokesperson A Saravanan called it “a murder of democracy and a sick joke”. He added, “This is not an embarrassment for us, but this will backfire and the sympathy this would generate will make the DMK win all seats”.
Though 204 crore unaccounted cash has been recovered in Tamil Nadu ahead of polls, the Income Tax officials have not named any political party or candidates with regard to the remaining 190 crore cash.
A senior officer told newsmen “We are investigating their political affiliation”.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/04/kanimozhi-1555433134.jpg394642Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-04-16 17:49:262019-04-16 17:49:29Kanimozhi house raided IT officials said it was ‘false tip’
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के लिए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के लिए चुनाव प्रचार करना बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद को भारी पड़ गया है. दरअसल, गृह मंत्रालय ने ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की रिपोर्टमिलने के बाद कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी अभिनेता का बिजनेस वीजा रद्द कर दिया है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने फिरदौस को भारत छोड़ने का नोटिस भी जारी कर दिया है. वहीं, गृह मंत्रालय ने उन्हें भविषअय के लिए ब्लैकलिस्ट भी कर दिया है.
मालूम हो कि बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार के समर्थन में सोमवार को चुनाव प्रचार किया था. इसके बाद मंगलवार को गृह मंत्रालय ने कोलकाता के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी. बता दें कि बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद ने रायगंज से तृणमूल उम्मीदवार कन्हैयालाल अग्रवाल के समर्थन में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया था.
बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट में पाया है कि फिरदौस अहमद ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेकर वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है. इससे पहले भी अहमद बिजनेस वीजा पर कई बार भारत आ चुके हैं. अहमद को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास हेमताबाद और करांदिघी में चुनाव प्रचार रैलियों में अग्रवाल के समर्थन में वोट मांगते देखा गया था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/04/813237-firdous-1.jpg583875Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-04-16 17:20:222019-04-16 17:20:25टीएमसी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए बंगलादेशी कलाकार को किया ब्लैक लिस्ट
राबर्ट वाड्रा भारतीय राजनीति में कोई नया नाम नहीं है। आप कांग्रेस के प्रथम परिवार के दामाद हैं। पेशे से व्यापारी और कांग्रेस में इतना दम रखते हैं की यह जब चाहें सक्रिय राजनीति में कूद सकते हैं। राज बब्बर ने तो यहाँ तक कह दिया की उन्हे कौन रोक सकता है राजनीति में आने से? यह दीगर बात है की उन पर ईडी की जांच में सहयोग न देने की शिकायत कई बार हो चुकी है और वह 5 लाख के मुचलके पर बाहर हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में आने को लेकर बड़ा बयान दिया है. रॉबर्ट वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फिलहाल अभी मेरी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है. अब तक इस बारे में कोई योजना नहीं बनाई है. उन्होंने कहा कि मैं लोगों के बीच जाकर कड़ी मेहनत कर रहा हूं. जब लोगों को लगेगा कि मुझे राजनीति में प्रवेश करना चाहिए तो, मैं पूरी ताकत के साथ राजनीति के मैदान में उतरूंगा.
वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को रॉबर्ट वाड्रा के पार्टी में शामिल होने को लेकर कहा था कि अगर वह चाहेंगे तो पार्टी उनके बारे में जरूर सोचेगी. वह परिवार का हिस्सा हैं. उन्हें पार्टी में सम्मलित करने के लिए कौन मना करेगा. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने सक्रिय राजनीति में आने के बाद कांग्रेस महासचिव के साथ पूर्वी यूपी प्रभारी का पद संभाला था. इसके बाद से ही रॉबर्ट वाड्रा के राजनीति में आने की चर्चाएं लगातार बनी हुई हैं.
बीते सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन से पहले हुए रोड शो में रॉबर्ट वाड्रा अपने दोनों बच्चों और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ नजर आए थे. कुछ समय पहले रॉबर्ट वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि जैसे ही मेरे ऊपर लगे सभी आरोप निराधार साबित हो जाएंगे उसके बाद में बड़े स्तर पर काम करना चाहूंगा
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/Robert-Vadra-ED-office-6-Feb-696x392.jpg392696Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-04-16 15:35:052019-04-16 15:36:29कभी भी राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं रोबर्ट वाड्रा, उन्हे कौन रोकेगा? राज बब्बर
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