राष्ट्रीय परियोजनाओं के रूप में सिंचाई परियोजनाओं की घोषणा

नई दिल्ली, 09 अगस्त 2018, डेमोक्रेटिक फ्रंट।

इस योजना के दिशा-निर्देश के अनुसार देश में 16 परियोजनाओं की घोषणा, राष्ट्रीय परियोजनाओं के रूप में की जा चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकारें समय-समय पर राष्ट्रीय परियोजनाओं की योजना में परियोजनाओं को शामिल करने के लिए अनुरोध भेजती रहती हैं। यद्यपि इनका समावेशन जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के तकनीकी-आर्थिक दृष्टिकोण, निवेश मंजूरी, राष्ट्रीय परियोजनाओं की योजना के मानदंडों की पूर्ति, धन की उपलब्धता इत्यादि पर सलाहकार समिति द्वारा मूल्यांकन/अनुमोदन पर निर्भर करता है। इस संदर्भ में राज्य सरकारों द्वारा प्राप्त अनुरोधों की स्थिति निम्नलिखित हैं-

क्रं•स• परियोजना का नाम राज्य स्थिति

11. जामरानी बहुउद्देशीयीय बांध परियोजना उत्तराखंड राष्ट्रीय परियोजना के लिए मानदंड न भरें

22. बार्गी मोड़ परियोजना मध्य प्रदेश

33. परवान बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना राजस्थान निवेश मंजूरी राज्य द्वारा प्राप्त नहीं की गई

44. पूर्वीय राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान टीएसी मंजूरी राज्य द्वारा प्राप्त नहीं की गई

55. साबरमती बेसिन से जवाई बांध तक राजस्थान

अधिशेष पानी का विचलन

66. कालेश्वरम सिंचाई परियोजना तेलंगाना • निवेश मंजूरी राज्य द्वारा प्राप्त नहीं की गई

यह सूचना लोकसभा में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई।

सुधांशु जैन: और आशीष तिवाड़ी को जूस पीला कर अनशन तुड़वाया


केईडीएल कम्पनी और सरकार की मिलीभगत के कारण की जा रही गड़बड़ियों में सुधार किए जाने की मांग को लेकर बीते चार दिन से अनशन कर रहे कार्यकर्ताओं को भारत वाहिनी की युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु जैन और प्रदेश पदाधिकारी आशीष तिवाड़ी ने ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।


कोटा:

युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु जैन ने बताया कि कोटा शहर अध्यक्ष मनीष शर्मा और युवा वाहिनी अध्यक्ष अभिनव शर्मा दोनों पदाधिकारी पिछले 4 दिनों से केईडीएल कम्पनी और सरकार की मिलीभगत के कारण की जा रही गड़बड़ियों में सुधार किए जाने की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे। दोनों को ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।

वाहिनी के प्रदेश पदाधिकारी आशीष तिवाड़ी ने कहा कि इस सरकार में कोई भी सुनने वाला नहीं है। आदरणीय घनश्याम तिवारी अपने कार्यकर्ताओं की बहुत चिंता करते हैं। इसलिए उन्होंने आदेश दिया है कि अनशन को समाप्त करके जन-जन तक इस मुद्दे को लेकर जाएं।

चुनाव में ही जनता इस सरकार को जवाब देगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत वाहिनी पार्टी राजस्थान में ऊर्जा स्वाधीनता का कार्य करेगी, जिसमें किसानों और घरेलू बिजली को शुल्क मुक्त किया जाएगा।

युवा वाहिनी के प्रदेश संगठन महामंत्री अंकित शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार आजादी से पहले भगत सिंह, राजगुरु और अन्य क्रांतिकारियों ने जेल में अनशन किया था। आज वैसी ही तानाशाही सरकार, राजस्थान के अंदर बनी हुई है। इसके लिए 4 दिन से दो कार्यकर्ता अनशन पर बैठे लेकिन इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

इस दौरान युवा वाहिनी के प्रदेश प्रवक्ता कविराज सेठी, मनीष सिंघानिया, सुनीश शशि, अजय भट्ट और वाहिद मुलतानी समेत अनेक कार्यकर्ता अनशन स्थल पर मौजूद थे।

घनश्याम तिवाडी को लेकर बीजेपी प्रदेश में पैदा कर रही है भ्रम की स्थिति

जयपुर। भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बुद्धि प्रकाश बैरवा ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काले कारनामे से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़ने से न केवल विधानसभा चुनाव बल्कि लोकसभा चुनाव में भी हार सुनिश्चित है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि वसुंधरा राजे केंद्रीय नेतृत्व के पुराने काले कारनामे उजागर कर सकती है, इसी कारण वो वसुंधरा राजे पर कार्यवाही करने से डर रहे हैं।

डॉ बुद्धि प्रकाश बैरवा ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी भाजपा से त्यागपत्र दे चुके हैं और भाजपा आलाकमान के पास राजस्थान में वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर घनश्याम तिवाड़ी के अलावा कोई नेता नहीं है। अत: केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि राजपूत-एससी समाज की नाराजगी के बाद कहीं ब्राह्मण समाज भी पार्टी से नाराज हो जाए ओर पार्टी का मूल वोट बैंक खिसक जाये।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ बैरवा ने कहा कि प्रदेश की जनता में भाजपा भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है कि घनश्याम तिवाड़ी अब भी भाजपा में ही हैं। जबकि उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि नई पार्टी बनाकर उसकी सदस्यता ग्रहण करते ही पुरानी पार्टी की सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती है। आम जनता भाजपा के ये नापाक मंसूबे जान चुकी है और अब भारत वाहिनी पार्टी व घनश्याम तिवाड़ी को समर्थन देने का मन बना लिया है।

ACB की SI बबीता 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर।

शिप्रा पथ मानसरोवर थाना में तैनात SI बबीता को एसीबी ने 5 लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वत की यह राशि परिवादी से उसकी रजिस्टर्ड फर्म के खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज नहीं करने की एवज में ली गई थी। परिवादी से 50 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की जो 45 लाख रूपय में तय हुआ जिसकी पहली किस्त आज SI बबीता द्वारा 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
एसीबी के SP नवरत्न वर्मा ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि बिटकॉइन के लेनदेन को लेकर एक फर्म के खिलाफ मामला नहीं दर्ज नहीं करने की एवज में यह रिश्वत ली गई थी। ACB आईजी सचिन मित्तल के निर्देश पर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। थाने के बाहर ही बने चस्का रेस्टोरेंट में ASP नवरतन वर्मा ने यह कार्यवाही।

गो तस्करी में हिन्दू युवकों पर झूठे मुकद्दमों के खिलाफ वीएचपी सरकार को ज्ञापन सोंपेगी

जयपुर, 5 अगस्त, 2018 :

 

कल दिनांक 6 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता अलवर ज़िले में आए दिन गो तस्करी की घटनाऐं हो रही है वह गोमांस को बेचा जा है। ये सब प्रशासन की अनदेखी के कारण हो रहा है जहाँ हिन्दू नागरिक पुलिस को सूचित करते हैं तो उल्टे उन्ही को मुक़दमे में लपेटा जा रहा है ऐसी ही घटना रामगढ़ तहसील के ग्राम ललावंडी में गौ तस्करों द्वारा रात्रि में गाड़ी ले जाने पर हुई जिसमें भी निर्दोष हिंदू युवकों को फँसाया जा रहा है गोतस्कर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है गोविन्दगढ़ अलवर में गोमांस व गायों की खालें पुलिस द्वारा बरामद की गई है अलवर भरतपुर दोनों ज़िलों में आए दिन ऐसी घटनाएँ हो रही हैं प्रशासनिक अधिकारी इस संबंध में बने हुए कानूनों का ठीक से पालन नहीं कर पा रहे हैं जिससे गौ तस्करी एवं गौ वध की घटनाएँ बढ़ रही हैं जिसके कारण सम्पूर्ण हिन्दू समाज में आक्रोश व्याप्त है इसलिए अलवर और भरतपुर ज़िलों में पर्याप्त संख्या में सशस्त्र पुलिस बल तैनात किया जावे एवं उन मार्गों वह गांवों की पहचान कर जहाँ से गौ तस्करी एवं गोकशी होती है उसको रोका जावे एवं हिन्दू समाज के जागरूक नागरिको एवं गो के प्रति संवेदनशील युवकों के विरुद्ध अलवर और भरतपुर ज़िलों में दर्ज झूठे मुकदमों की कार्रवाई रोकी जावे ।

यह जानकारी देते हुए वीएचपी के विधि प्रकोष्ठ प्रमुख दिनेश पाठक ने कहा “गोतस्करों एवं गोवध करने वालों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करने की माँग को लेकर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा के प्रान्त के सभी जिला केंद्रों पर माननीय कलेक्टर महोदय के द्वारा माननीया मुख्यमंत्री एवं माननीय गृह मंत्री जी को 6 अगस्त को प्रातः 11 बजे ज्ञापन दिया जावेगा”

इमरान की ताजपोशी का तोहफा होगा भारत पर आतंकी हमला


जिस दिन से इमरान खान चुनाव जीते हैं उसी दिन से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खुली छूट मिल गयी है।स्कूलों का जलाना, नेताओं की हत्याएँ और अब खुल कर भारत पर आतंकी हमले की तैयारी मानो वह अपने नेता को उसकी जीत का तोहफा देना चाहते हैं जिसे इमरान खान खामोशी से स्वीकार करेंगे। 


नई दिल्ली:

पाकिस्तान में भले ही नई सरकार बनने जा रही हो, पर आतंकवाद को लेकर उसकी नीतियों में बदलाव के संकेत नहीं दिख रहे हैं. एक तरफ पूर्व क्रिकेटर इमरान खान 14 या 15 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. वहीं, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तानी आतंकी भारतीय सेना के शिविरों पर बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 15 अगस्त को सेना के शिविरों पर बड़ा हमला हो सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 20 से ज्यादा आतंकी हमले के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) को जैश-ए-मोहम्मद पर पूरा भरोसा है. इस बाबत दो रिपोर्ट हैं कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर चूरा के पास कुछ आतंकी मौजूद हैं, जिन्हें टंगधार क्षेत्र में स्थित सेना के कैंप पर हमले के लिए भेजा गया है.

खबर है कि कुछ आतंकी सीमा पार कर गए हैं और फिलहाल वे रेकी कर रहे हैं. यह बात सेटेलाइट फोन से पकड़ में आई है. दूसरी रिपोर्ट जैश-ए-मोहम्मद को लेकर है. जैश आतंकियों को बारामुला इलाके में हमले के लिए रवाना किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पट्टन और बारामुला टाउन के बीच के इलाके में उन्हें हमले के लिए कहा गया है.

बताया जा रहा है कि हमले के लिए ये आतंकी जम्मू-कश्मीर के एक स्थानीय व्यक्ति की भी मदद ले रहे हैं. पुंछ, राजौरी में भी घुसपैठ या हमले का खतरा है.

क्या है आतंकी अलर्ट 
1. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में खोली नामक जगह से जैश के 5 आतंकी टंगधार में सेना के शिविरों पर हमले की साजिश रच रहे हैं.
2. आर्मी के कैंपों पर हमले से पहले आतंकियों को रेकी करने के लिए कहा गया है.
3. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को उत्तरी कश्मीर में केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमले के लिए भेजा गया है.
4. लश्कर के 6 आतंकी एक गाइड के साथ खोजाबंडी में टेरर लॉन्चपैड पर मौजूद हैं.
5. पुंछ के दूसरी तरफ से 3 आतंकी भारत में घुसने की फिराक में हैं.

Nirankari Mata Savinder Hardev ji passes away

Nirankari Mata Savinder Hardev ji passes away after a prolong illness at 5:15 pm in New Delhi. She was 61. Born on 2nd January 1957 to Sh. Manmohan Singh and Smt. Amrit Kaur and later was adopted by Sh. Gurumukh Singh and Mrs Madan Kaur ji.

She got her education at convent of Christian and Mary Mussoorie As a better half of Baba Hardev Singh she supported him in prachar and welfare in india and abroad.

She was the 5th Saduru of nirankari mission

She is survived by three daughters. Samta, Renuka and Sudeeksha

Sadguru Sudiksha ji is the 6th head of Nirankari Mission

The body of Mata ji will be plaed for last ‘darshans’ in Samagam ground no. 8 till 7th of August, 2018, the cremation will be held at Nigam Bodh Ghat on 8th August at 12 noon in electrical crematorium. The mission sources told.

The Shradhaanjli samaroh will take place in samagam ground the same day at 2:00 pm

दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे फुटवियर फेयर में दिखीं रोजगार ओर व्यापार की अपार संभावनाएं

दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे फुटवियर फेयर में पहुंचे हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ कार्यक्रम में की शिरकत

हरियाणा में बहादुरगढ़ को बीजेपी सरकार बना रही फुटवियर हब- विपुल गोयल

सुरक्षा, सुविधा और इज ऑफ डूइंग बिजनेस से हरियाणा औद्योगिक निवेश के लिए सबसे अनुकूल राज्य- विपुल गोयल

लापता

इस बच्चे का नाम आशीष है उम्र 15 वर्ष निवासी 1393A सेक्टर 39B चंडीगढ़ कल शाम को (31.7.2018) घर से हरे रंग की स्पोर्ट्स साईकल पर खेलने गया था लेकिन घर वापिस नहीं पहुंचा। अगर किसी को ये बच्चा मिलता है तो जल्द से जल्द इसके पिता श्री राजपाल जो कि हरियाणा विधान सभा में कार्यरत है मोo 9888098899 को तुरंत सूचित करें। इस सम्बन्ध में रिपोर्ट सेक्टर 39 थाना में भी दर्ज करवा दी गई है आप इस मैसेज को आगे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
धन्यावाद

विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए केंद्र कर रहा सी बी आई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल : कैप्टन यादव


-हबीबुर्रहमान ने दिखाई अपनी ताकत

-मेवात को कोटला झील, लघु सचिवालय, ईरिगेसन रेस्ट हाउस, जुडिसियल कॉमपेलक्स, हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज, तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलिटेक्रिक तथा आईटीआई का जाल भी कांग्रेस ने मेवात में बिछाया

-कांग्रेस की सरकार बनने पर रेलवे लाईन, युनिवर्सिटी और आईएमटी का निमार्ण करवाया जाएगा

-इनेलो भाजपा के साथ थी, साथ है और साथ ही रहेगी


पुन्हाना।
मोदी सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है और दूसरी तरफ 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे रखी है। विपक्ष की आवाज दबाने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई व अन्य जांच ऐजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने शाहचौखा में पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। वहीं कांग्रेसियों सहित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से जीतते हैं लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है। इनेलो भी भाजपा की बी टीम हैं क्योंकि इनेलो को वोट देना भी इनडारेक्ट रूप में भाजपा को ही वोट देना है। इनेलो भाजपा के साथ थी, साथ है और साथ ही रहेगी। पिछले लोकसभा चुनाव मे जीते 2 सांसदों ने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दिया बल्कि राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार का ही साथ दिया। इसलिए इस बार आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में सिर्फ कांग्रेस को वोट देना है। पुन्हाना विधानसभा से हबीबुर्रहमान को मजबूत करो। ये ईमानदार और बेदाग छवि के हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी जी ने अशोक गेहलोत जी को निर्देष दे दिए हैं कि हबीबुर्रहमान को जल्द से जल्द पार्टी ज्वाईंन करवाई जाए।
श्री यादव ने मेवात की जनता से वादा किया कि उन्होंने सांसद बनाया तो मेवात को मेवात का हक दिलाकर रहूंगा। मेवात में ड्राईविंग लाईसेंस का नवीनीकरण बंद करके यहां के लोगों के ट्रांस्पोर्ट के काम-धंधे को बंद कर दिया है। जिससे हजारों लोगों की आजीविका संकट में पड गई है। हबीबुर्रहमान के विधायक रहते हुए कांग्रेस ने मेवात को कोटला झील, लघु सचिवालय, ईरिगेसन रेस्ट हाउस, जुडिसियल कॉमपेलक्स तो बनवा ही दिया था। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कांग्रेस ने हसन खां मेवाती के नाम पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी की। तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलिटेक्रिक तथा आईटीआई का जाल भी कांग्रेस ने मेवात में बिछाया। मेवात के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए आईएमटी की स्थापना भी की, लेकिन बडे अफसोस की बात है कि भाजपा ने पिछले 4 साल में आईएमटी की एक ईंट भी नही रखी।
कैप्टेन अजय सिंह यादव ने तालियों की गडगडाहट की बीच कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मेवात में रेलवे लाईन और युनिवर्सिटी बनवाई जाएगी और जितने भी काम लंबित पडे हैं उनको पूरा किया जाएगा।
पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक रहते हुए उन्होंने विकास कार्यों में कोई कमी नही छोडी थी बिना किसी भेदभाव के युवाओं को नौकरी मैंने दी। लेकिन मेरे बाद बने विधायकों ने यहां के हिस्से की नौकरी को दूसरे जिले के लोगों को देकर भेदभाव किया। उन्होंने कहा कि इस बार आपने आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजा तो क्षेत्र का रिकार्ड विकास कराने के साथ ही थाने-तेहसील व लूट-खसौट की राजनीति को खत्म करूंगा।
इस मौके पर अमन अहमद, पूर्व चेयरमैन शकुर खान, मुबीर तेड़, मुबारिक मलिक, अब्दुल हई ठेकेदार, शकील अहमद इत्यादि मौजूद रहे।

एक घटना से सारे राजनैतिक जीवन पर प्रश्नाचिन्ह नहीं लगाना चाहिए


अलवर में गाय के नाम पर जो कुछ हुआ, उसे किसी भी हालत में जायज नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार मानें ऐसा भी ठीक नहीं


कुछ वक्त पहले दिल्ली के एक मुशायरे में राहत इंदौरी साहब का सुना एक शेर याद आ गया-

कौन जालिम हैं यहां, जुर्म हुआ है किस पर, क्या खबर आएगी, अखबार को तय करना है.

अपने घर में मुझे क्या खाना-पकाना है, ये भी मुझको नहीं, सरकार को तय करना है.

राजस्थान के अलवर से जब खबर आई, तो दिल को तकलीफ सी दे गई, खासतौर से इसलिए क्योंकि मैं अरसे से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जानता हूं, थोड़ा-थोड़ा वो भी मुझे पहचानती होंगी. वसुंधरा जी की छवि एक मुख्यमंत्री के तौर पर, एक प्रशासक के तौर पर एक जन प्रतिनिधि के तौर पर भी बेहद दमदार हैं. उन्हें कमजोर मुख्यमंत्री नहीं कहा जा सकता और यह भी नहीं माना जा सकता कि वे हमेशा ही सिर्फ लोक लुभावन फैसले करती हैं.

मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंनें बहुत बार ऐसे कदम भी उठाए हैं जिनका फायदा दूरगामी हो, ज्यादा से ज्यादा लोगों को होता होगा, लेकिन कई बार वे चुनावी राजनीति के तौर पर फायदेमंद नहीं होते. भारतीय जनता पार्टी जैसे बड़े संगठन में उनकी आवाज को ना तो दबाया जा सकता है और ना ही नजरअंदाज किया जा सकता है, यह कई बार उन्होंने साबित किया है. उनके इस अंदाज से अक्सर बहुत से लोग परेशान भी रहते हैं.

मुझे याद आते हैं वो दिन जब राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सबसे बड़े नेता होते थे, या ये कहना भी गलत नहीं होगा कि किसी दूसरी पार्टी में भी उनके बराबर के कद का नेता नहीं था. कांग्रेस में जो कद मोहन लाल सुखाड़िया को हासिल हुआ, वो शख्सियत शेखावत की रही, लेकिन तमाम वर्षों में बीजेपी को कभी बहुमत वाली सरकार नहीं मिल पाई और वे दूसरे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाते रहे, चलाते रहे, साथ ही पार्टी के भीतर लगातार चलती रहती उठापटक से भी निपटते रहे. शेखावत और राजमाता रही विजया राजे सिंधिया के बीच बेहद अच्छे संबंध थे.

माना जाता है कि वसुंधरा जी को राजनीतिक तौर पर तैयार करने में शेखावत का भी अहम योगदान रहा, लेकिन जो लोग उस वक्त उन्हें एक कमजोर या नौसिखिया नेता के तौर पर देख रहे थे, उनको जवाब दिया उन्होंनें पहली बार राजस्थान में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर. ज्यादातर लोगों को 2014 के आम चुनावों के नतीजे याद होंगें जब नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी की अगुवाई में बीजेपी ने पहली बार केंद्र में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई, लेकिन इससे पांच महीने पहले दिसंबर 2013 के चुनाव में राजस्थान में वसुंधरा के नेतृत्व में बीजेपी ने 160 से ज्यादा सीटें हासिल कर ली थीं और फिर आम चुनाव में सभी 25 संसदीय सीटें भी जितवाई.

जाहिर है कि वसुंधरा जी की ताकत को केंद्रीय आलाकमान नजरअंदाज नहीं कर सकता था और तमाम कोशिशों के बावजूद हुआ वही जो वसुंधरा जी को पसंद था. तो क्या इतनी ताकतवर मुख्यमंत्री से राज्य में कानून-व्यवस्था कायम रखने की उम्मीद करना नाइंसाफी होगा?

अलवर में गाय के नाम पर जो कुछ हुआ, उसे किसी भी हालत में जायज नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार मानें ऐसा भी ठीक नहीं. लेकिन गाय और मरते हुए आदमी में से पहले गाय को गौशाला छोड़ना और फिर अस्पताल जाने की पुलिस की कारवाई इस बात का अंदाजा तो देती ही है कि या तो पुलिस और प्रशासन को एक ताकतवर मुख्यमंत्री की परवाह नहीं या फिर उनकी शह है. इससे भी ज़्यादा इस घटना के बाद उनकी सरकार के मंत्री, विधायक और हाल में बने बीजेपी अध्यक्ष के बयान और उन सब पर मुख्यमंत्री की चुप्पी हैरान करती है.

1992 में 6 दिसंबर की घटना याद आती है कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरने के बाद देश भर में दहशत का माहौल था, और जगह-जगह सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे. उस रात राजस्थान के मुख्यमंत्री भैरोंसिह शेखावत अपने निवास पर बैठे पूरे माहौल पर नजर रखे हुए थे. तब रात को करीब दस बजे खबर मिली कि जयपुर की एक मुस्लिम बस्ती पर हमला हो सकता है, मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को तो सख्ती का आदेश दिया ही साथ में वह अपने अफसरों के साथ उस बस्ती में पहुंच गए और देर रात तक सड़क पर ही डेरा डाल कर बैठे रहे.

नतीजा एक मुस्लिम बस्ती बच गई,किसी की हिम्मत नहीं हुई हमला या दंगा करने की. शेखावत जी अक्सर कहा करते थे कि सरकार सिर्फ़ रुआब से चलती है यानी आपका डर होना चाहिए कि अगर कोई गड़बड़ हुई तो फिर किसी को बख्शा नहीं जाएगा और रुआब इस बात से बनता है कि आपने किसी घटना पर किस तरह का प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवहार किया, जिसे वाजपेयी जी की जबान में राजधर्म कहते हैं.

 

राजस्थान में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं यानी जनता फिर से याद आने लगी है और अब हर दरवाजे तक पहुंचना है. अच्छी बात है. मुख्यमंत्री चार अगस्त से सुराज यात्रा शुरू कर रही हैं. सुना है कि रथ तैयार हो गया है, दूसरी तैयारियां भी पूरी होने को होंगी. यह मौका हो सकता है जनता में इस बात का विश्वास दिलाने का कि वे एक निष्पक्ष और ताकतवर मुख्यमंत्री हैं और उनके रहते हुए किसी को किसी बात की चिंता की जरूरत नहीं हैं.

वसुंधरा जी बीजेपी की नई पीढ़ी का नेतृत्व करती हैं. उनके साथ के शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह मुख्यमंत्री के तौर पर तीन-तीन पारी पूरी कर चुके हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में लगातार तीन बार चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंचे हैं यानी वसुंधरा जी को राजस्थान में हर चुनाव में दूसरी पार्टी की सरकार के खेल को बदलने की तैयारी करनी है.

माफी के साथ, एक बार फिर शायर राहत इंदौरी याद आ रहे हैं कि–

झूठ से, सच से, जिससे भी यारी रखें, आप तो अपनी तकरीर जारी रखें.

इन दिनों आप मालिक हैं बाजार के, जो भी चाहें वो कीमत हमारी रखें..