राजस्थान में सत्ताधारी काँग्रेस में रार
राजस्थान में काँग्रेस की अंतर्कलह अब सामने दिखाई पड़ रही है, वहीं पाइलट को मुख्य मंत्री बनाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। जादूगर गहलोत का जादू कोई रंग नहीं चला पाया और राजस्थान में लोक सभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद भी गहलोत का अपनी करसी पर जमे रहना काँग्रेस कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा। दूसरी ओर राहुल 3 दिनों से गहलोत से समय दे कर भी नहीं मिल रहे।
जयपुर: कांग्रेस में नेतृत्व के संकट के बीच, राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह बढ़ती जा रही है. प्रदेश कांग्रेस समित के सचिव सुशील असोपा ने मंगलवार को अपनी एक फेसबुक पोस्ट में सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की मांग की. इस पोस्ट के सामने आने के बाद पार्टी में फूट के आसार और बढ़ गए हैं. असोपा ने अपनी पोस्ट में कहा कि अगर सचिन पायलट सीएम होते तो राज्य में लोकसभा के नतीजे बिल्कुल जुदा होते.
उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, “आप राजस्थान में कहीं पर भी जाएं, एक ही आवाज सुनाई देती है: अगर पायलट सीएम होते तो चुनावी नतीजे कुछ और होते. लोग कह रहे हैं कि पायलट के प्रयास की वजह से ही राज्य में कांग्रेस सत्ता में आई क्योंकि युवाओं को लग रहा था कि राज्य में उन्हें नेतृत्व का मौका मिलेगा.”
इसी बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कहा है कि कांग्रेस के 25 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस को समर्थन देने वाले बसपा विधायक भी कांग्रेस से परेशान हैं. सोमवार को बसपा के छह विधायकों ने गवर्नर से मिलने का वक्त मांगा था. हालांकि अंतिम क्षणों में यह मीटिंग रद्द कर दी गई.
200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 100 सदस्य हैं. भाजपा के 73, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन, माकपा के दो, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो, राष्ट्रीय लोकदल के एक और 13 निर्दलीय विधायक हैं. गहलोत सरकार को बसपा के छह विधायकों और 12 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया है. हालांकि सरकार अब संकट में दिख रही है.
सचिन पायलट दे सकते हैं इस्तीफा
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने पर अनिश्चितता बरकरार रहने के बीच यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर राहुल अपने इस्तीफे पर अड़े रहे तो इस स्थिति में सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री का पद छोड़ सकते हैं और इसके साथ ही वह अपने विधायकों की टीम के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का भी पद छोड़ सकते हैं.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी 2014 में पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के सूत्रधार थे। पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। अब जब कांग्रेस अध्यक्ष खुद अपने इस्तीफे पर टिके हुए हैं, पायलट का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है. ऐसी रिपोर्ट है कि राज्य के एक मंत्री, कांग्रेस के लालचंद कटारिया ने भी संभवत: इस्तीफा दे दिया है, हालांकि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के कार्यालय से इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है.