नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर मोदी सरकार ने लोकसभा में विपक्ष को एक तरह से पंगु तो बना ही दिया है. राज्यसभा में भी विपक्ष के कथित मनमानी से निज़ात पाने की तैयारी कर ली है. हाल ही में टीडीपी के 4 और इंडियन नेशनल लोकदल के एक सांसद ने बीजेपी ज्वॉइन की है. इन 5 सांसदों को मिलाकर राज्यसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 76 हो गई है.
इसके अलावा, गुजरात से भी 5 जुलाई को 2 सीट पार्टी के खाते में आ जाएगी. इससे बीजेपी की संख्या 78 हो जाएगी. ये सीटे गृह मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा में चुनकर आने से खाली हुई थी. इसी तरह ओडिशा में नवीन पटनायक से पीएम मोदी की बातचीत के बाद एक सीट बीजेपी के खाते में आ जाएगी. उसके बाद पार्टी के सदस्यों की संख्या 79 हो जाएगी. बीजेपी की इस संख्या में नामांकित 7 सदस्य भी शामिल हैं, जिन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली है.
यही नहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई राज्यसभा सीट एनडीए के खाते में जा रही है. लोकसभा चुनाव के समय लोजपा से हुए समझौते के अनुसार ये सीट रामविलास पासवान को दी गई है. पासवान के चुनकर आने के बाद राज्यसभा में एनडीए की संख्या 112 हो जाएगी. मोदी सरकार को 4 निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन हासिल है. 3 नामांकित सदस्य भी सरकार के साथ हैं. ये सदस्य हैं: स्वप्नदास गुप्ता, डॉ. नरेंद्र जाधाव और मैरी कॉम. इस तरह बीजेपी, एनडीए के सहयोगी, नामांकित और निर्दलीय सांसदो के साथ सरकार के पक्ष में 112 सदस्य हो गए हैं. आने वाले कुछ दिनों में ये संख्या 116 हो जाएगी.
इसके अलावा, अब उन दलों पर नजर डालते है जो मोदी सरकार को समर्थन कर सकते है. ये दल हैं: बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, नागा पीपुल्स फ्रंट, टीआरएस. इन सभी दलों के राज्यसभा सांसदों की संख्या 14 है. इनको मिलाकर संख्या 130 हो जाएगी. राज्यसभा में मौजूदा सदस्य 243 हैं. इस तरह ये संख्या आधे से ज्यादा हो जाएगी.
उधर, विपक्ष की मौजूदा ताकत इस प्रकार है: यूपीए के पास 61 राज्यसभा सांसद हैं. इसमें Cong के 48, आरजेडी के 5, एनसीपी के 4, केरला कांग्रेस (एम) का एक, जेडीएस 1, आईयूएमएल 1, नामांकित सदस्य 1 (केटीएस तुलसी) शामिल हैं. इसी तरह अन्य विपक्षी दलों की संख्या 49 है. इसमें सपा के 13, टीएमसी के 13, सीपीएम 5, बीएसपी के 4, डीएमके के 3, आप के 3, टीडीपी के 2, पीडीपी के 2 सदस्य शामिल हैं. दो निर्दलीय राज्यसभा सांसद (वीरेंद्र कुमार और रीताब्राता बनर्जी) शामिल हैं.
UPA और NDA के विरोध वाले अन्य दल मिलकर संख्या 110 होती है. ऐसे में इस समय भी राज्यसभा में सरकार किसी भी बिल को पारित कराने के हालात ने दिख रही है. लेकिन जैसा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा था कि देशहित में विपक्ष बिल का विरोध करना छोड़े.