2019 कुम्भ राशि की वार्षिक भविष्यवाणी


Aquarius

इस राशि के जातको को वर्ष 2019 कई मामलों में मिश्रित फल देने वाला होगा। किन्तु  शुरूआती दिनों में गुरू से शुभ दृष्ट होने के कारण सेहत खिली हुई व जोश से युक्त होगी। दाम्पत्य जीवन में खुशहाली रहेगी। कार्य व व्यापार के संबंधित क्षेत्रों की क्षमताओं में वृद्धि के योग हैं। किसी सम्मानित व्यक्ति के साथ मित्रता का लाभ होगा। किन्तु राशि स्वामी शनि का संचरण शत्रु राशिगत होने के कारण कार्यो में रूकावटे व सरकारी व निजी संस्थाओं के मध्य संम्पर्क का आभाव परिणामतः अपेक्षित लाभ अवरूद्ध होना। इस वर्ष के मध्य भाग में स्वजनों के मध्य कहासुनी की स्थिति हो सकती है। मन में असंतोष उभर सकता है। इन सब कठिनाइयों के उपरान्त भी इस राशि के जातकों को वर्षान्त तक लाभ अवश्य प्राप्त होगा। किन्तु कार्यो के संचालन में कठिनाइयां हो सकती हैं। कुछ अनचाही यात्राएं अचानक ही करनी पड़ सकती हैं। धैर्य अपेक्षित होगा।

उपायः– इस राशि के जातकों को हनुमान प्रभु व सीताराम भगवान की पूजा से लाभ होगा। अपने वैभव के अनुसार दान-दक्षिणा देना शुभफल को बढ़ाने वाला होगा।

2019 मकर राशि का वार्षिक भविष्यवाणी


Capricorn

इस राशि के जातकों को नववर्ष 2019 शुरूआती दिनों से ही तरक्की देने वाला होगा। स्वगृही दृष्टि होने से इस राशि के जातकों को भू-जायदाद में लाभ रहेगा। कार्य व व्यापार को विस्तारित करने के सुअवसर रहेंगे। किसी खास योजनाओं को क्रियान्वित करने का मौका प्राप्त होगा। नौकरी पेशा में सम्मान प्राप्त होगा। कैरियर को चमकाने के विशेष अवसर प्राप्त होगे। किन्तु वर्ष के मध्य भाग मे सूर्य व शनि का योग होने से स्वजनों के मध्य तनाव की आशंका रहेगी। मन में अशान्त व क्रोध की आवृत्ति रहेगी। सेहत की पीड़ाएं हो सकती हैं। कई मामलों में धनाभाव झलक सकता है। इस वर्ष के अंत में इस राशि के जातको को योजनाओं को अंतिम रूप देने हेतु अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। गुरू की नीच पंचम दृष्टि होने से प्रतियोगी क्षेत्रों में सफलता हेतु अधिक कशमकश करनी पड़ सकती है। कैरियर के क्षेत्रों में अचानक उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में नारागी रहेगी। किन्तु संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा।

उपायः-इस राशि के जातकों को भगवान शिव, सूर्य, व श्रीराधेकृष्ण की अर्चना से लाभ होगा। विप्र व गुरू के प्रति श्रद्धा व दान देने वे अशुभ फलों से…

2019 मे मकर राशि के लिए ग्रहों का गोचर

2019 में मकर राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से प्रथम भाव में, 13 फरवरी को द्वितीय भाव में, 14 मार्च को तृतीय भाव में, 14 अप्रैल को चतुर्थ भाव में, 15 मई पंचम भाव, 15 जून को षष्ठ भाव में, 16 जुलाई को सप्तम भाव में, 17 अगस्त को अष्टम भाव में, 17 सितम्बर को धर्म भाव में, 17 अक्टूबर को कर्म भाव में, 16 नवम्बर को आय भाव में, 16 दिसम्बर को व्यय भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 22 मार्च को पंचम भाव में, 07 मई को षष्ठ भाव में, 22 जून को दारा भाव में, 08 अगस्त को अष्टम भाव में, 25 सितम्बर को धर्म भाव में, 10 नवम्बर को कर्म भाव में, 25 दिसम्बर को आय भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को व्यय भाव में, 20 जनवरी को प्रथम भाव में, 07 फरवरी को द्वितीय भाव में, 25 फरवरी को तृतीय भाव, 03 मई को चतुर्थ भाव में, 18 मई को पंचम भाव में, 01 जून को षष्ठ भाव में, 20 जून को दारा भाव में, 26 अगस्त को अष्टम भाव में, 10 सितम्बर को धर्म भाव में 29 सितम्बर को कर्म भाव में, 23 अक्टूबर को आय भाव 25 दिसम्बर को व्यय भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू आय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को व्यय भाव 22 अप्रैल को आय भाव में 04 नवम्बर को व्यय भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को आय भाव में, 29 जनवरी व्यय भाव में, 24 फरवरी को प्रथम भाव में 21 मार्च को द्वितीय भाव में, 15 अप्रैल को तृतीय भाव में, 10 मई को चतुर्थ भाव में, 04 जून को पंचम भाव में, 28 जून को षष्ठ भाव में, 23 जुलाई को दारा भाव में, 16 अगस्त को अष्टम भाव में, 09 सितम्बर को धर्म भाव में, 03 अक्टूबर को कर्म भाव में, 28 अक्टूबर को आय भाव में 21 नवम्बर को व्यय भाव में 15 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त व्यय भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक दारा भाव इसके पश्चात् षष्ठ भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक प्रथम भाव में इसके पश्चात् व्यय भाव में संचरण करेगा।

2019 धनु राशि का वार्षिक भविष्यवाणी

इस वर्ष 2019 में इस राशि के जातकों को वर्षारम्भ से संबंधित कार्य क्षेत्रों में तरक्की प्राप्त होगी। आपके सेवा क्षेत्रों में पदोन्नति के योग है। रूकी हुई योजनाओं को मूर्तरूप देने में प्रगति होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। हंसी-खुशी के पल और अधिक प्राप्त होगे। आमदनी का जरिया और मजबूत होगा। कला, साहित्य, फिल्म, निर्माण, उद्योग, उत्पादन, प्रबंधन के सबंधित कार्यों मे पद व गरिमा की वृद्धि के योग हैं। संतान पक्ष की उन्नति होगी। व निजी संबंधों में मधुरता का क्रम होगा। सेहत को खिलाए रखने में कामयाबी हासिल होगी। सरकारी व निजी क्षेत्रों की संस्थाओं से लाभ होगा। देवारधन में रूचि होगी। किन्तु शनि की साढ़े साती का प्रभाव वर्षपर्यन्त होने के कारण छोटी-छोटी परेशानियां भी आ सकती है। इस वर्ष अगस्त माह से गुरू के शत्रुराशि में संचरण करने से शुभ फलों में कमी होती नजर आएगी। फलस्वरूप इस राशि के जातकों को आजीविका व आमदनी बढ़ाने हेतु कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। विरोधियों से परेशानियां हो सकती हैं।

उपायः-भगवान विष्णु व श्रीगणेश जी का पूजन वंदन करना व करवाना चाहिए। गुरू ब्राह्मणों की सेवा तन व धन द्वारा करने से लाभ होगा।

2019 में धनु राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

धनु राशि

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से द्वितीय भाव में, 13 फरवरी को तृतीय भाव में, 14 मार्च को चतुर्थ भाव में, 14 अप्रैल को पंचम भाव में, 15 मई षष्ठ भाव, 15 जून को सप्तम भाव में, 16 जुलाई को अष्टम भाव में, 17 अगस्त को धर्म भाव में, 17 सितम्बर को कर्म भाव में, 17 अक्टूबर को आय भाव में, 16 नवम्बर को व्यय भाव में, 16 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को पंचम भाव में, 22 मार्च को षष्ठ भाव में, 07 मई को दारा भाव में, 22 जून को अष्टम भाव में, 08 अगस्त को धर्म भाव में, 25 सितम्बर को कर्म भाव में, 10 नवम्बर को आय भाव में, 25 दिसम्बर को व्यय भाव में संचरण करेंगे।

अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पन्त से संपर्क करे | हम आपको निश्चित समाधान का आश्वासन देते है |

बुधः 01 जनवरी को प्रथम भाव में, 20 जनवरी को द्वितीय भाव में, 07 फरवरी को तृतीय भाव में, 25 फरवरी को चतुर्थ भाव, 03 मई को पंचम भाव में, 18 मई को षष्ठ भाव में, 01 जून को दारा भाव में, 20 जून को अष्टम भाव में, 26 अगस्त को धर्म भाव में, 10 सितम्बर को कर्म भाव में 29 सितम्बर को आय भाव में, 23 अक्टूबर को व्यय भाव 25 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू व्यय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को प्रथम भाव 22 अप्रैल को व्यय भाव में 04 नवम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को व्यय भाव में, 29 जनवरी प्रथम भाव में, 24 फरवरी को द्वितीय भाव में 21 मार्च को तृतीय भाव में, 15 अप्रैल को चतुर्थ भाव में, 10 मई को पंचम भाव में, 04 जून को षष्ठ भाव में, 28 जून को दारा भाव में, 23 जुलाई को अष्टम भाव में, 16 अगस्त को धर्म भाव में, 09 सितम्बर को कर्म भाव में, 03 अक्टूबर को आय भाव में, 28 अक्टूबर को व्यय भाव में 21 नवम्बर को प्रथम भाव में 15 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त प्रथम भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक अष्टम भाव इसके पश्चात् सप्तम भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक द्वितीय भाव में इसके पश्चात् प्रथम भाव में संचरण करेगा।

2019 वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल


Scorpio

इस राशि के जातको के लिए नववर्ष कई पहुओं को सुधारने वाला साबित होगा। अचल सम्पत्ति व भू-जायदाद का लाभ होगा। कैरियर व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में इच्छित प्रगति होगी। यद्यपि शनि की साढे़साती का प्रभाव इस राशि के जातकों को शुरू के दिनों में छोटी-छोटी परेशानियां भी दे सकता है। कार्य व व्यापार हेतु अधिक भागदौड़ का क्रम बढ़ सकता है। तद्पश्चात् राशि स्वामी मंगल के गोचर प्रभाव वश वर्ष के मध्य भाग में इस राशि के जातकों को सामाजिक जीवन व कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा का लाभ होगा। जून के मध्य भाग से उत्तेजना का क्रम अधिक तीव्र हो सकता है। इस वर्ष के अंतिम चरण में जातकों के धन, बल, विवेक की वृद्धि होगी। सेहत संदर्भों में सुधार और पदोन्नति प्राप्ति होगी।

उपायः-इस राशि के जातको को स्वकल्याण हेतु हनुमान प्रभु की, भगवती दुर्गा व सीताराम प्रभु की अर्चना करना व करवाना चाहिए तथा गुरू व ब्राह्ममणों को दान श्रद्धा व विश्वास के साथ देना चाहिए।

2019 में वृश्चिक राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से तृतीय भाव में, 13 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 14 मार्च को पंचम भाव में, 14 अप्रैल को षष्ठ भाव में, 15 मई दारा भाव, 15 जून को अष्टम भाव में, 16 जुलाई को धर्म भाव में, 17 अगस्त को कर्म भाव में, 17 सितम्बर को आय भाव में, 17 अक्टूबर को व्यय भाव में, 16 नवम्बर को प्रथम भाव में, 16 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को षष्ठ भाव में, 22 मार्च को दारा भाव में, 07 मई को अष्टम भाव में, 22 जून को धर्म भाव में, 08 अगस्त को कर्म भाव में, 25 सितम्बर को आय भाव में, 10 नवम्बर को व्यय भाव में, 25 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को द्वितीय भाव में, 20 जनवरी को तृतीय भाव में, 07 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 25 फरवरी को पंचम भाव, 03 मई को षष्ठ भाव में, 18 मई को दारा भाव में, 01 जून को अष्टम भाव में, 20 जून को धर्म भाव में, 26 अगस्त को कर्म भाव में, 10 सितम्बर को आय भाव में 29 सितम्बर को व्यय भाव में, 23 अक्टूबर को प्रथम भाव 25 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू प्रथम भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को द्वितीय भाव 22 अप्रैल को प्रथम भाव में 04 नवम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को प्रथम भाव में, 29 जनवरी द्वितीय भाव में, 24 फरवरी को तृतीय भाव में 21 मार्च को चतुर्थ भाव में, 15 अप्रैल को पंचम भाव में, 10 मई को षष्ठ भाव में, 04 जून को दारा भाव में, 28 जून को अष्टम भाव में, 23 जुलाई को धर्म भाव में, 16 अगस्त को कर्म भाव में, 09 सितम्बर को आय भाव में, 03 अक्टूबर को व्यय भाव में, 28 अक्टूबर को प्रथम भाव में 21 नवम्बर को द्वितीय भाव में 15 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त द्वितीय भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक धर्म भाव इसके पश्चात् अष्टम भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक तृतीय भाव में इसके पश्चात् द्वितीय भाव में संचरण करेगा।

2019 तुला राशि का वार्षिक भविष्यफल

इस राशि के जातकों को नववर्ष आजीविका के संबंधित क्षेत्रों में लाभ दिलाने वाला साबित होगा। यद्यपि राशि स्वामी के मित्र शनि के प्रभाव वश जातकों को भू-भवन के संदर्भों में लाभ होगा। दलाली, उत्पादन, कानूनी कार्यों में जातकों को वर्ष पर्यन्त लाभ प्राप्त होगा। परन्तु मंगल का संचरण फरवरी माह में चिंताएं दे सकता है। वर्ष के मध्य भाग में स्वजनों के मध्य तालमेल का आभाव झलक सकता है, अचानक ही कहीं लंबी यात्रा में जाना पड़ सकता है। कार्य में छोटी-छोटी रूकावटे हो सकती हैं व सेहत मे सुस्ती व्याप्त हो सकती है। वर्ष के अंतिम भाग में जातकों को पद व प्रतिष्ठा का लाभ प्राप्त होगा। धनार्जन की स्थिति में सुधार संभव हैं।

उपायः– इस राशि के जातकों को संबंधित अनिष्ट हटाने हेतु हनुमान प्रभु व परमेश्वर शिव की पूजा अर्चना शास्त्रीय विधि के अनुसार करने से लाभ होगा। गौ सेवा भी अपेक्षित है।

2019 में तुला राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

तुला राशि

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से चतुर्थ भाव में, 13 फरवरी को पंचम भाव में, 14 मार्च को षष्ठ भाव में, 14 अप्रैल को सप्तम भाव में, 15 मई अष्टम भाव, 15 जून को धर्म भाव में, 16 जुलाई को कर्म भाव में, 17 अगस्त को आय भाव में, 17 सितम्बर को व्यय भाव में, 17 अक्टूबर को प्रथम भाव में, 16 नवम्बर को द्वितीय भाव में, 16 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को दारा भाव में, 22 मार्च को अष्टम भाव में, 07 मई को धर्म भाव में, 22 जून को कर्म भाव में, 08 अगस्त को आय भाव में, 25 सितम्बर को व्यय भाव में, 10 नवम्बर को प्रथम भाव में, 25 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को तृतीय भाव में, 20 जनवरी को चतुर्थ भाव में, 07 फरवरी को पंचम भाव में, 25 फरवरी को षष्ठ भाव, 03 मई को दारा भाव में, 18 मई को अष्टम भाव में, 01 जून को धर्म भाव में, 20 जून को कर्म भाव में, 26 अगस्त को आय भाव में, 10 सितम्बर को व्यय भाव में 29 सितम्बर को प्रथम भाव में, 23 अक्टूबर को द्वितीय भाव 25 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू द्वितीय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को तृतीय भाव 22 अप्रैल को द्वितीय भाव में 04 नवम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को द्वितीय भाव में, 29 जनवरी तृतीय भाव में, 24 फरवरी को चतुर्थ भाव में 21 मार्च को पंचम भाव में, 15 अप्रैल को षष्ठ भाव में, 10 मई को दारा भाव में, 04 जून को अष्टम भाव में, 28 जून को धर्म भाव में, 23 जुलाई को कर्म भाव में, 16 अगस्त आय भाव में, 09 सितम्बर को व्यय भाव में, 03 अक्टूबर को प्रथम भाव में, 28 अक्टूबर को द्वितीय भाव में 21 नवम्बर को तृतीय भाव में 15 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त तृतीय भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक कर्म भाव इसके पश्चात् धर्म भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक चतुर्थ भाव में इसके पश्चात् तृतीय भाव में संचरण करेगा।

2019 कन्या राशि का वार्षिक भविष्यफल

नववर्ष 2019 इस राशि के जातको को वर्ष के प्रारम्भ से ही कार्य व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में मिश्रित फल देने वाला साबित होगा। बुध का पंचमेश से संबंध होने के कारण संतान पक्ष की खुशहाली का समाचार प्राप्त होगा। प्रतियागी क्षेत्रों में सफलता होगी। आजीविका के संबंधित क्षेत्रों में उन्नति कठिन प्रयासों के बाद होगी। कला, शिक्षा, फिल्म निर्माण के कार्यों उत्पान के संबंधित कार्यों में छोटी-छोटी रूकावटें हो सकती हैं। सेहत प्रारम्भिक दिनों में अच्छी साबित होगी, किन्तु माह अप्रैल से वर्ष के मध्य में सेहत में नरमी के आसार हैं। निकट व्यक्तियों से अचानक ही विरोध उत्पन्न हो सकता है। मन व वाणी का संयम आवश्य है। वर्ष के अंत मे सेवा व कार्य क्षेत्रों में तथा नए अवसरों की तलाश में सफलताएं प्राप्त होगी। आपके विवेक का स्तर उच्च होगा। पारिवारिक जीवन में मांगलिक कार्यो को मूर्तरूप देने मे सफलता प्राप्त होगी। धैर्य व साहस अपेक्षित होगा।

उपायः– अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातकों को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा।

2019 में कन्या राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

कन्या राशिः

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से पंचम भाव में, 13 फरवरी को षष्ठ भाव में, 14 मार्च को सप्तम भाव में, 14 अप्रैल को अष्टम भाव में, 15 मई धर्म भाव, 15 जून को कर्म भाव में, 16 जुलाई को आय भाव में, 17 अगस्त को व्यय भाव में, 17 सितम्बर को प्रथम भाव में, 17 अक्टूबर को द्वितीय भाव में, 16 नवम्बर को तृतीय भाव में, 16 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को अष्टम भाव में, 22 मार्च को धर्म भाव में, 07 मई को कर्म भाव में, 22 जून को आय भाव में, 08 अगस्त को व्यय भाव में, 25 सितम्बर को प्रथम भाव में, 10 नवम्बर को द्वितीय भाव में, 25 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।

अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पन्त से संपर्क करे | हम आपको निश्चित समाधान का आश्वासन देते है |

बुधः 01 जनवरी को चतुर्थ भाव में, 20 जनवरी को पंचम भाव में, 07 फरवरी को षष्ठ भाव में, 25 फरवरी को दारा भाव, 03 मई को अष्टम भाव में, 18 मई को धर्म भाव में, 01 जून को कर्म भाव में, 20 जून को आय भाव में, 26 अगस्त को व्यय भाव में, 10 सितम्बर को प्रथम भाव में 29 सितम्बर को द्वितीय भाव में, 23 अक्टूबर को तृतीय भाव 25 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू तृतीय भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को चतुर्थ भाव 22 अप्रैल को तृतीय भाव में 04 नवम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को तृतीय भाव में, 29 जनवरी चतुर्थ भाव में, 24 फरवरी को पंचम भाव में 21 मार्च को षष्ठ भाव में, 15 अप्रैल को दारा भाव में, 10 मई को अष्टम भाव में, 04 जून को धर्म भाव में, 28 जून को कर्म भाव में, 23 जुलाई को आय भाव में, 16 अगस्त व्यय भाव में, 09 सितम्बर को प्रथम भाव में, 03 अक्टूबर को द्वितीय भाव में, 28 अक्टूबर को तृतीय भाव में 21 नवम्बर को चतुर्थ भाव में 15 दिसम्बर को पंचम भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक आय भाव इसके पश्चात् कर्म भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक पंचम भाव में इसके पश्चात् चतुर्थ भाव में संचरण करेगा।

2019 सिंह राशि का वार्षिक भविष्यफल

नववर्ष 2019 इस राशि के जातको को कई मामलों में शुभप्रद होगा। वर्षारम्भ से ही लग्नेश में गुरू चंद का योग जातको को सेहत में सुधार देगा, चल रही पीड़ाओं का अंत होगा। कोई रूके हुए कार्य व व्यापार की योजनाओं को पुनः शुरू करने में मद्द प्राप्त होगी। जीवन निर्वाह के साधनों को उन्नत करने में वांछित सफलता प्राप्त होगी। संबंधित सेवा व व्यापार के क्षेत्रों में उन्नति होगी। इस वर्ष के मध्य भाग में पितृ पक्ष के मध्य तनाव व मानसिक आशान्ति उभरने की संभावना है। वर्ष के अंतिम भाग में इस राशि के जातकों को राहु शनि तथा मंगल के संबंधित गोचरों के कारण मिश्रित फल- जैसे-स्वास्थ्य में पीड़ाएं व विरोधियों से परेशानी, अदालती मामलों की भागदौड़ कार्य क्षेत्र में स्थान्तरण सम्मान की हानि व कभी वृद्धि जैसे फल प्राप्त होगे।

उपायः-अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातकों को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा।

2019 में सिंह राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से षष्ठ भाव में, 13 फरवरी को सप्तम भाव में, 14 मार्च को अष्टम भाव में, 14 अप्रैल को धर्म भाव में, 15 मई कर्म भाव, 15 जून को आय भाव में, 16 जुलाई को व्यय भाव में, 17 अगस्त को प्रथम भाव में, 17 सितम्बर को द्वितीय भाव में, 17 अक्टूबर को तृतीय भाव में, 16 नवम्बर को चतुर्थ भाव में, 16 दिसम्बर को पंचम भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को धर्म भाव में, 22 मार्च को कर्म भाव में, 07 मई को आय भाव में, 22 जून को व्यय भाव में, 08 अगस्त को प्रथम भाव में, 25 सितम्बर को द्वितीय भाव में, 10 नवम्बर को तृतीय भाव में, 25 दिसम्बर को चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को पंचम भाव में, 20 जनवरी को षष्ठ भाव में, 07 फरवरी को दारा भाव में, 25 फरवरी को अष्टम भाव, 03 मई को धर्म भाव में, 18 मई को कर्म भाव में, 01 जून को आय भाव में, 20 जून को व्यय भाव में, 26 अगस्त को प्रथम भाव में, 10 सितम्बर को द्वितीय भाव में 29 सितम्बर को तृतीय भाव में, 23 अक्टूबर को चतुर्थ भाव 25 दिसम्बर को पंचम भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू चतुर्थ भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को पंचम भाव 22 अप्रैल को चतुर्थ भाव में 04 नवम्बर को पंचम भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को चतुर्थ भाव में, 29 जनवरी पंचम भाव में, 24 फरवरी को षष्ठ भाव में 21 मार्च को दारा भाव में, 15 अप्रैल को अष्टम भाव में, 10 मई को धर्म भाव में, 04 जून को कर्म भाव में, 28 जून को आय भाव में, 23 जुलाई को व्यय भाव में, 16 अगस्त प्रथम भाव में, 09 सितम्बर को द्वितीय भाव में, 03 अक्टूबर को तृतीय भाव में, 28 अक्टूबर को चतुर्थ भाव में 21 नवम्बर को पंचम भाव में 15 दिसम्बर को षष्ठ भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त पंचम भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक व्यय भाव इसके पश्चात् आय भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु 06 मार्च तक षष्ठ भाव में इसके पश्चात् पंचम भाव में संचरण करेगा।

2019 कर्क राशि का वार्षिक भविष्यफल



 इस राशि के जातकों को वर्ष के प्रथम चरण में आजीविका के साधनों में बढ़त की स्थिति होगी। जनवरी के दो सप्ताह तक लग्नेश गोचरीय बुध द्वारा दृश्य होने के कारण कारोबार को विस्तारित करने में इस राशि के जातको को शनैः शनैः सफलता प्राप्त होगी। इसी प्रकार फरवरी व मार्च के महीने में व्यापार व स्वास्थ्य, शिक्षा, कैरियर का लाभ दूरदेश की यात्राओं का लाभ होगा। किन्तु जातको को संबंधित पहलुओं में छोटी-छोटी परेशानियों से भी दो चार होना पड़ सकता है। वर्ष के मध्य भाग में भी जातको को सेहत व सम्मान तथा रोजी-रोटी के क्षेत्रों में आंशिक सफलता प्राप्त होगी। वर्ष के अंतिम चरण में स्वजनों के मध्य तालमेल का आभाव झलक सकता है।

उपायः– अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातको को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा

2019 में कर्क राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

कर्क राशि

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से सप्तम भाव में, 13 फरवरी को अष्टम भाव में, 14 मार्च को धर्म भाव में, 14 अप्रैल को कर्म भाव में, 15 मई आय भाव, 15 जून को व्यय भाव में, 16 जुलाई को प्रथम भाव में, 17 अगस्त को द्वितीय भाव में, 17 सितम्बर को तृतीय भाव में, 17 अक्टूबर को चतुर्थ भाव में, 16 नवम्बर को पंचम भाव में, 16 दिसम्बर को षष्ठ भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को कर्म भाव में, 22 मार्च को आय भाव में, 07 मई को व्यय भाव में, 22 जून को प्रथम भाव में, 08 अगस्त को द्वितीय भाव में, 25 सितम्बर को तृतीय भाव में, 10 नवम्बर को चतुर्थ भाव में, 25 दिसम्बर को पंचम भाव में संचरण करेंगे।

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बुधः 01 जनवरी को षष्ठ भाव में, 20 जनवरी को दारा भाव में, 07 फरवरी को अष्टम भाव में, 25 फरवरी को धर्म भाव, 03 मई को कर्म भाव में, 18 मई को आय भाव में, 01 जून को व्यय भाव में, 20 जून को प्रथम भाव में, 26 अगस्त को द्वितीय भाव में, 10 सितम्बर को तृतीय भाव में 29 सितम्बर को चतुर्थ भाव में, 23 अक्टूर को पंचम भाव 25 दिसम्बर को षष्ठ भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू पंचम भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को षष्ठ भाव 22 अप्रैल को पंचम भाव में 04 नवम्बर को षष्ठ भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को पंचम भाव में, 29 जनवरी षष्ठ भाव में, 24 फरवरी को सप्तम भाव में 21 मार्च को अष्टम भाव में, 15 अप्रैल को धर्म भाव में, 10 मई को कर्म भाव में, 04 जून को आय भाव में, 28 जून को व्यय भाव में, 23 जुलाई को प्रथम भाव में, 16 अगस्त द्वितीय भाव में, 09 सितम्बर को तृतीय भाव में, 03 अक्टूबर को चतुर्थ भाव में, 28 अक्टूबर को पंचम भाव में 21 नवम्बर को षष्ठ भाव में 15 दिसम्बर को सप्तम भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त षष्ठ भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक प्रथम भाव इसके पश्चात् व्यय भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक सप्तम भाव में इसके पश्चात् षष्ठ में संचरण करेगा।

2019 मिथुन राशि का वार्षिक भविष्यफल

इस राशि के जातको को नववर्ष 2019 कैरियर के लिहाज से अनुकूल अवसर प्रदान करने वाला होगा। किन्तु धन मामलों मे प्रयासों को और तेज करना होगा। बुध की गोचरीय स्थिति के कारण फरवरी के दूसरे सप्ताह और मार्च में छोटी-छोटी परेशानियां हो सकती हैं। वर्ष के मध्य भाग में शारीरिक पीड़ाएं हो सकती हैं। कार्य क्षेत्र में कुछ विरोधी परेशानी दे सकते हैं। ग्रह गोचर के अनुसार वर्ष के अंतिम भाग में आमदनी में इजाफा होगा। सामाजिक जीवन मे मान-सम्मान प्राप्त होगा। रूकी हुई योजनाओं को मूर्तरूप देने पर विचार हो सकता है।

उपाय- अनिष्ट ग्रह की शांति हेतु देवाराधन तथा दान कर्म को जारी करना होगा।

2019 मे मिथुन राशि के लिए ग्रहों का गोचर

2019 में मिथुन राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से अष्टम भाव में, 13 फरवरी को धर्म भाव में, 14 मार्च को कर्म भाव में, 14 अप्रैल को आय भाव में, 15 मई व्यय भाव, 15 जून को प्रथम भाव में, 16 जुलाई को द्वितीय भाव में, 17 अगस्त को तृतीय भाव में, 17 सितम्बर को चतुर्थ भाव में, 17 अक्टूबर को पंचम भाव में, 16 नवम्बर को षष्ठ भाव में, 16 दिसम्बर को सप्तम भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को आय भाव में, 22 मार्च को व्यय भाव में, 07 मई को प्रथम भाव में, 22 जून को द्वितीय भाव में, 08 अगस्त को तृतीय भाव में, 25 सितम्बर को चतुर्थ भाव में, 10 नवम्बर को पंचम भाव में, 25 दिसम्बर को षष्ठ भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को सप्तम भाव में, 20 जनवरी को अष्टम भाव में, 07 फरवरी को धर्म भाव में, 25 फरवरी को कर्म भाव, 03 मई को आय भाव में, 18 मई को व्यय भाव में, 01 जून को प्रथम भाव में, 20 जून को द्वितीय भाव में, 26 अगस्त को तृतीय भाव में, 10 सितम्बर को चतुर्थ भाव में 29 सितम्बर को पंचम भाव में, 23 अक्टूबर को षष्ठ भाव 25 दिसम्बर को दारा भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू षष्ठ भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को दारा भाव 22 अप्रैल को षष्ठ भाव में 04 नवम्बर को दारा भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को षष्ठ भाव में, 29 जनवरी दारा भाव में, 24 फरवरी को अष्टम भाव में 21 मार्च को धर्म भाव में, 15 अप्रैल को कर्म भाव में, 10 मई को आय भाव में, 04 जून को व्यय भाव में, 28 जून को प्रथम भाव में, 23 जुलाई को द्वितीय भाव में, 16 अगस्त तृतीय भाव में, 09 सितम्बर को चतुर्थ भाव में, 03 अक्टूबर को पंचम भाव में, 28 अक्टूबर को षष्ठ भाव में 21 नवम्बर को दारा भाव में 15 दिसम्बर को अष्टम भाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त दारा भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक द्वितीय भाव इसके पश्चात् प्रथम भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक अष्टम भाव में इसके पश्चात् दारा में संचरण करेगा।

2019 वृषभ राशि का वार्षिक भविष्यफल

इस राशि का स्वामी शुक्र है। जो कि स्वगृही दृष्ट होने के कारण इस राशि के जातको के लिए प्रारम्भिक वर्ष में शुभप्रद होगा। सेहत अच्छी होगी व कारोबार को विस्तारित करने के अनुकूल अवसर पाप्त होगे। साथ ही में शनि मित्र से दृश्य होने के कारण भू-जायदाद में लाभ की स्थिति और मजबूत होगी। किन्तु शुक्र की अष्टम स्थिति के कारण जनवरी के तृतीय सप्ताह से छोटी-छोटी रूकावटे आ सकती हैं व सेहत में पीड़ाएं उभर सकती है। सितंबर के उत्तरार्द्ध में और वर्ष के अंत तक में इस राशि के जातकों को धन, कैरियर व स्वास्थ्य से संबंधित उतार-चढ़ाव देखने को प्राप्त होगे।

उपायः– इस राशि के जातकों को संबंधित अनिष्ट फल से बचने हेतु गौ पालन हेतु दान और सफेद वस्त्राभूषणों का दान, साथ ही में भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।

2019 में वृषभ राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी

सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से धर्म भाव में, 13 फरवरी को कर्म भाव में, 14 मार्च को लाभ भाव में, 14 अप्रैल को व्यय भाव में, 15 मई प्रथम भाव, 15 जून को द्वितीय भाव में, 16 जुलाई को तृतीय भाव में, 17 अगस्त को चतुर्थ भाव में, 17 सितम्बर को पंचम भाव में, 17 अक्टूबर को षष्ठ भाव में, 16 नवम्बर को सप्तम भाव में, 16 दिसम्बर को अष्टम भाव में संचरण करेगा।

चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।

मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को व्यय भाव में, 22 मार्च को प्रथम भाव में, 07 मई को द्वितीय भाव में, 22 जून को तृतीय भाव में, 08 अगस्त को चतुर्थ भाव में, 25 सितम्बर को पंचम भाव में, 10 नवम्बर को षष्ठ भाव में, 25 दिसम्बर को दारा भाव में संचरण करेंगे।

बुधः 01 जनवरी को अष्टम भाव में, 20 जनवरी को भाग्य भाव में, 07 फरवरी को कर्म भाव में, 25 फरवरी को लाभ भाव, 03 मई को व्यय भाव में, 18 मई को प्रथम भाव में, 01 जून को द्वितीय भाव में, 20 जून को तृतीय भाव में, 26 अगस्त को चतुर्थ भाव में, 10 सितम्बर को पंचम भाव में 29 सितम्बर को षष्ठ भाव में, 23 अक्टूबर को दारा भाव 25 दिसम्बर को अष्टम भाव में संचरण करेंगे।

गुरूः इस वर्ष गुरू दारा भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को अष्टम भाव 22 अप्रैल को दारा भाव में 04 नवम्बर को अष्टम भाव में संचरण करेंगे।

शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को दारा भाव में, 29 जनवरी अष्टम भाव में, 24 फरवरी को भाग्य भाव में 21 मार्च को कर्म भाव में, 15 अप्रैल को आय भाव में, 10 मई को व्यय भाव में, 04 जून को प्रथम भाव में, 28 जून को द्वितीय भाव में, 23 जुलाई को तृतीय भाव में, 16 अगस्त चतुर्थ भाव में, 09 सितम्बर को पंचम भाव में, 03 अक्टूबर को षष्ठभाव में, 28 अक्टूबर को दारा भाव में 21 नवम्बर को अष्टम भाव में 15 दिसम्बर को धर्मभाव में संचरण करेंगे।

शनिः शनि वर्ष पर्यन्त अष्टम भाव में गोचर करेंगे।

राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक तृतीय भाव इसके पश्चात् द्वितीय भाव में संचरण करेगा।

केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक धर्म भाव में इसके पश्चात् अष्टमभाव में संचरण करेगा।