नोटः आज दोपहर 12.53 से पंचक समाप्त हो रहे है। आज मकर संक्रांति है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Hindu-Panchang-1.jpg388997Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-14 01:10:582019-01-14 01:11:00आज का पांचांग
13 जनवरी 2019: आज आप अपने भाषाई ज्ञान को बढ़ाने के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति से सहयोग की अपेक्षा में होगे। आप देखेंगे कि आज कुछ तकनीक स्तर को उच्च करने की जरूरत है। वैसे व्यवसाय को बढ़ाने में आज अधिक धन खर्च करना होगा। स्थानीय बाज़ार में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा से निपटने की आज भी चुनौती है।
13 जनवरी 2019: आज आप बेटे व बेटी को जहाँ पढ़ाने लिखाने के लिए भरपूर प्रयास जारी रखेंगे। वहीं आमदनी को उच्च करने के लिए भी तैयार होगे। वैसे इन कामों को करने में पहले आपको कुछ कठिनता का एहसास होगा। किन्तु ग्रहीय स्थिति से फिर सरलता होगी। व्यवसाय में बढ़त होगी। प्रेम संबंधों में सुखद स्थिति कुछ प्रयासों से होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने निवास स्थान की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए तत्पर होगे। आप देखेंगे कि आज भौतिक सुख के साधनों को घर में लाना जरूरी हो गया है। यदि आप व्यवसाय करते हैं। तो आज अधिक सफलता की स्थिति होगी। किन्तु धन खर्च अधिक होगा। आज आपका स्वास्थ्य बढ़िया होगा। जिससे कामों में बाधा नहीं होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने पराक्रम को बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। जिससे आगामी प्रतियोगी क्रीड़ा के क्षेत्रों में आपको बढ़त अर्जित हो सके। आज आप अपने परिवारिक जीवन में तालमेल को बढ़ाने के लिए तैयार होगे, आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों का लाभ हो रहा है। नौकरी में चिंता होगी।
13 जनवरी 2019: आप आज किसी भूमि को खरीदने के लिए लोगों से कुछ पूंछ-ताँछ करते हुए दिखेंगे। आप इस बात को लेकर काफी सजग होगे। कि मेहनत की कमाई कहीं विवादों में न फंस जाएँ। नौकरी के क्षेत्रों को आप परिवर्तित करने के लिए कुछ नए कदम उठाना चाहेंगे। आज आपके धन में अधिक व्यय होगा। जिससे आप परेशान होगे।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने आगामी कल को सुखद व सुन्दर बनाने के लिए कुछ नई योजनाओं को अमल में लेना चाहेंगे। जिससे समय रहते धन लाभ को अर्जित किया जा सके। आज आपका स्वास्थ्य सुखद व सुन्दर होगा। जिससे आप अपने कामों को पहले की तरह सामान्य रूप से करते होगे। प्रेम संबंध मधुर होगे।
13 जनवरी 2019: आज के दिन को आप अपने लिए हित वर्धक बनाने के लिए सक्रिय होगे। जिससे आने वाले दिनों में आपको व्यवसायिक मुनाफा होगा। अपने प्रेम संबंधों में निकटताओं को बढ़ाना चाहेंगे। किन्तु समय का आभाव होने से आज यह कुछ कठिन सा होगा। धन में व्यय की स्थिति तेज होगी। जिससे आप कुछ परेशान हो सकते हैं।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने आजीविका के क्षेत्रों में पहले की ही तरह सामान्य से रूप से काम करते होगे। आप देखेंगे कि आज आपके लाभ की स्थिति और मज़बूत हो रही है। किन्तु आज पिछली देन-दारी को चुकाने के लिए आपको अधिक धन व्यय करना होगा। प्रेम संबंधों में आज हंसी खुशी होगी। सांस की व रक्त पीड़ाएं होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काजी जीवन में कुछ नयापन लाने के लिए तत्पर होगे। आप बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार तो होगे। किन्तु कुछ लोगों के कपट व्यवहार के कारण आपके यह प्रयास प्रभावित हो सकते है। स्वास्थ्य अच्छा होगा। प्रेम संबंधों में मधुर संवाद की स्थिति मज़बूत होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने औषधीय ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए कुछ अनुभवी लोगों से चर्चाएं तेज कर देंगे। आपका स्वास्थ्य वैसे आज अच्छा होगा। जिससे आपके काम पहले की ही तरह होते रहेंगे। किन्तु संतान पक्ष को पढ़ाने-लिखाने की चिंताएं होने से आप कुछ अप्रसन्न हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में चिंताएं होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने कामों को तेजी देने के लिए कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति करना चाहेंगे। इस काम में आपको पूरी सावधानी की जरूरत होगी। वैसे आज आपके पराक्रम व साहस में बढ़त की स्थिति होगी। स्वास्थ्य सुखद बना रहे, इसके लिए आप रोज कुछ व्यायामों को करने में दिलचस्पी दिखा देंगे। प्रेम संबंध तनाव मे होगे।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने शादी-शुदा जीवन में रौनकता को बढ़ाने के लिए भरपूर प्रयास करते हुए होगे। जिसमें आपको सफलता प्राप्त होगी। आज आपके व्यवसाय में बढ़त की स्थिति और बढ़िया होगी। स्वाथ्य सामान्य होगा। किन्तु भूमि के मामलों में चिंताएं उभर सकती है। कुछ कपटी लोग आपको अधूरी जानकारी देंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/rashifal.jpg476715Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-14 01:06:452019-01-14 01:06:48आज का राशिफल
इतिहास ने कितने ही ऐसे नामों को संजोया जो हमें हमारे होने पर मान करवाते हैं। एक इतिहास है जो किताबों में लिखा गया और पाठशालाओं में हमने पढ़ा, और एक इतिहास वो जो लोगों के दिलों में रचा बसा, दादी नानी की कहानियों में, गावों से शहरों तक आये लोक गीतों में झूमता-डोलता है। कितने ही वीर सूरमा, कितने प्यार के परवाने, कितने भक्ति में डूबे दीवाने, कितने हंसी-ठट्ठा करते-कराते शेख़चिल्ली, कितने दानी धीर-वीर, सदियों से दिनों-दिन बदलते समाज के ढाँचे में लगे ईंट-पत्थर के समान उसकी सांस्कृतिक इमारत को बुलंद रखे हुए, बने हैं इन्हीं गीतों-कहानियों के ज़रिये हमारी आत्मा के प्रबल सम्बल। जिस समाज की कहानियाँ जितनी पुरानी हैं, उतनी ही गहरी है उसके शीलाचार, शिष्टाचार एवं सिद्धांतों की नींव। समय की आँधियाँ उस समाज के लोगों की प्रतीक्षित परीक्षाएं ही तो हैं। अपने बड़े-पुरखों की कहानियों में रचित जिजीविषा से प्रेरित वह समाज नयी कहानियाँ रचता है, परन्तु कभी समाप्त नहीं होता, बल्कि नया इतिहास बनाता है – पुरानी कहानियाँ-गीत संजोता है, और नए नए विचार गुनता है।
ऐसी ही भाग्यशाली शगुनों के ख़ुशी-भरे नाच-गानों में संजोयी एक खूबसूरत कहानी है, वीर सूरमा ‘दुल्ला भट्टी’ की जो लोहड़ी (मकर संक्रांति) के शुभ त्यौहार के दिन उत्तर भारत में घर-घर में न सिर्फ़ गायी जाती है, अपितु नाची भी जाती है। राय अब्दुल्लाह खान लोक-वाणी में ‘दुल्ला भट्टी’ नाम से प्रचलित हैं। हम में से कितनों की ज़बान पर यह नाम बिना इसकी सही जानकारी के लोहड़ी त्यौहार के प्रचलित लोक गीत में थिरकता है कि यह एक श्रद्धांजलि है एक ऐतिहासिक राजपूत वीर को जिसने सम्राट अक़बर के समय छापामार युद्ध किये, और आततायियों की सतायी कितनी ही स्त्रियों के जीवन पुनः बसाये।
पंजाब में फ़ैसलाबाद के पास के संदलबार इलाक़े में जन्मे दुल्ले की माँ का नाम लड्डी और पिता का नाम फ़रीद खान था, दादा थे संदल खान। ‘संदलबार’ (संदल की बार) का इलाका उन्ही संदल खान के नाम से पड़ा, रावी और चनाब नदियों के बीच का यह इलाक़ा अब पाकिस्तान में है और यहीं मिर्ज़ा-साहिबां की अमर प्रेमगाथा भी प्रसिद्ध हुई। दुल्ला के दादे-नाने यहीं संदलबार में पिंडी भट्टियाँ के राजपूत शासक थे। मुग़लों के शासन काल में पिंडी भट्टियां के राजपूत लड़ाकों नें विद्रोह करते हुए कर देना बंद कर दिया व मुगल सैनिकों से छापामार युद्धों की शुरुआत की। इस विद्रोह को डर से कुचलने के लिए पकड़े गए विद्रोहियों को मारकर उनकी मृत लाशों की चमड़ी उधड़वा, उनमें भूसा भर कर गावों के बाहर लटकाया गया, इन्हीं में दुल्ले के पिता और दादा भी थे। पंजाबी लोकगीतों ‘दुल्ले दी वार’ और ‘सद्दां’ में दुल्ले की यह गाथा मिलती है । इस शहादत के बारे में ‘सद्दां’ में ऐसे लिखा गया है –
दुल्ला, जिसका कि जन्म इस घटना के बाद हुआ, ओजस्वी अनख वाली राजपूत माँ का पुत्र था जिसके बारे में एक कहानी यह भी है कि अक़बर का पुत्र सलीम भी उसी समय के दौरान पैदा हुआ किन्तु वह एक कमज़ोर शिशु था, और अक़बर की आज्ञा से पिंडी भट्टियां की लड्डी को सलीम को दूध पिलाने की दाई रखा गया। क़रीब 12-13 वर्ष तक सलीम और दुल्ला इकट्ठे पले-बढ़े, एक ही दाई माँ की परवरिश में। लड्डी को जब उसकी इस सेवा से निवृत किया गया, और जब वह वापिस पिंडी भट्टियाँ आयी तो उसने दुल्ले को उसके पिता-दादा की शूरवीरता की कहानियाँ सुनाई, और उनके हश्र की भी। ज़ाहिर है कि उन दोनों के वापिस आने पर गाँव के बड़े-बूढ़ों की जुबां पर भी यही वीर-गाथाएं दिन-रात थिरकती रहती होंगी। दुल्ला ने अपने अंदर के दावानल को मुगलों की ताक़त के ख़िलाफ़ पूरे वेग से लगा दिया। दुल्ला ने फिर से अपने लोगों को इकट्ठा कर एक बार पुनः विद्रोह को जमाया, छापामार युद्ध किये, राजसी टोलों को लूट कर, लूट के धन को जनता में बांटा, संदलबार में लोगों ने फिर से ‘कर’ देना बंद कर दिया। कहानी है कि विद्रोह इस हद तक बढ़ा और फैला कि मुगलों को अपनी शहंशाही राजधानी दो दशकों तक लाहौर बनानी पड़ी।
यह राजपूत वीर सूरमा न सिर्फ़ राज-विद्रोह के लिए लोगों के मन में बसा, बल्कि इसने उस समय के समाज में हो रही स्त्रियों की दुर्दशा के ख़िलाफ़ ऐसे कदम उठाये जो कि उसको एक अनूठे समाज सुधारक की श्रेणी में ला खड़ा करते हैं। पंजाब की सुन्दर हिन्दू लड़कियां जिन्हें ज़बरन उठा लिया जाता था और मध्यपूर्वी देशों में बेच दिया जाता या शाही हरम के लिए या मुग़ल ज़मींदारों के लिए, दुल्ले ने उनको न सिर्फ़ आततायियों से छुटकारा दिलवाया बल्कि उनके एक नयी रीति से विधिपूर्वक विवाह भी रचाये। सोचिये, हम बात कर रहे हैं सोहलवीं सदी की – जिन लड़कियों को छुड़वाया गया, उनके दामन दाग़दार, इज्ज़त रूठी हुई , आबरू के आँचल कमज़ोर, झीने और ज़ार ज़ार थे। ऐसे में अत्याचारियों से छुड़वा कर उनको उनके घर वापिस ले जाना कैसे सम्भव हुआ होगा? कौन-सा समाज ऐसी कुचली हुई दुखी आत्माओं के लिए भूखे भूतों का जंगल नहीं है? ये सभी माँएं, बहनें, बेटियां उन सभी रिश्तों को खो तब किस हश्र के हवाले थी? लेकिन दुल्ले ने उसी समाज में से ऐसे ऐसे सुहृदय पुरुष ढूँढ निकाले जिन्होंने इन स्त्रियों को सम्बल दिया, घर-परिवार व सम्मान दिया और विवाहसूत्र में उनके साथ बंध गये।
ये सभी बनी दुल्ले की बेटियां – किसी पंडित के न मिलने पर हिन्दू विवाह की रीति निभाने के लिए शायद ‘राइ अब्दुल्लाह खान’ उर्फ़ मुसलमान राजपूत दुल्ला भट्टी ने स्वयं ही अग्नि के आस पास फेरे दिलवा, आहुति डाल उनके विवाह करवाये, न जाने कितनी ऐसी बेटियों का कन्यादान दिया, उनका दहेज बनाया जो एक सेर शक्कर के साथ उनको दिया जाता और इन विवाहों की ऐसी रीति बना दी कि दुल्ले के करवाये इन्ही विवाहों की गाथा आज हम लोहड़ी के दिन ‘जोड़ियां जमाने’ के लिए गाते हैं, विवाहों में समन्वय और ख़ुशी के संचार के लिए अग्नि पूजा करके गाते और मनाते हैं। –
12000 सैनिकों की सेना से युद्ध के बावजूद जांबाज़ दुल्ला को पकड़ न पाने पर धोखे से उसे या ज़हर दे कर मार देने का उल्लेख है, या बातचीत का झांसा दे दरबार बुला कर गिरफ़्तार कर जनता के सामने कोतवाली में फांसी दिए जाने का। धरती के इस सच्चे सपूत के जनाज़े में सूफ़ी संत शाह हुसैन ने भाग लिया और अंतिम दफ़न का काम पूर्ण किया, दुल्ला भट्टी की क़ब्र मियानी साहिब कब्रिस्तान (लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान) में है। आज भी इस दरगाह पर फूल चढ़ते हैं।
उत्तर भारत में लोहड़ी का त्यौहार जो मकर संक्रांति की पूर्व संध्या का उत्सव है दुल्ले की याद की अमरता से जुड़ा है। अब जब हर साल लोहड़ी पर अग्नि में आशीर्वाद के लिए मूंगफली और फुल्ले डालें, उसके फेरे लें और “सुन्दर मुंदरिये” पर नाचते गाते बच्चों के थाल भरेंगे तो मन में इस अनूठे समाज सुधारक वीर सूरमा दुल्ला भट्टी को भी याद कर नमन करें और स्वयं भी अच्छे कर्म करने का संकल्प लें।
************************************************************************ लोकगाथाओं के सही सही काल का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है। समय की अनेकानेक परतों से गुज़रती यह गाथाएं कहीं कहीं कल्पनाशील अतिश्योक्तियों से पूर्ण भी होती हैं। मैं कोई शोधकर्ता नहीं, किन्तु जीवन और संस्कृति के प्रति जिज्ञासु ज़रूर हूँ। राय अब्दुल्लाह खान भट्टी की इस कथा के जालघर पर कोई २-४ वर्णन मिलते हैं। सन १९५६ में “दुल्ला भट्टी” नामक एक पंजाबी चलचित्र में भी यह कहानी दर्शायी गयी है। मेरा यह लेख इन्ही सूत्रों से प्रेरित है, हाँ, इसमें मामूली सी कल्पना की छौंक मेरी भी है, जो बस इस जोशभरी कहानी को जान लेने के बाद आयी एक स्वाभाविक उत्सुकता है जिसको सांझा करना सही समझती हूँ। कहीं उल्लेख है कई स्त्रियों के विवाह का, कहीं सिर्फ़ एक का, कहीं बताया है के ‘सुन्दर मुंदरिये’ गीत दुल्ले ने ही गाया। कहीं अक़बर की राजधानी दिल्ली से लाहौर ले जाने की बात है – जो कि लिखित इतिहास के अनुसार न कभी दिल्ली थी और न ही कभी लाहौर! तो ख़ैर, लेख लिखते समय मेरे लिए शायद यह एक बहुत ही बड़ी बात थी कि जिस गीत को मैं बचपन से गाती आ रही हूँ लोहड़ी पर वह उस वीर सुरमा की शौर्य गाथा है न कि कोई शादी का ‘दूल्हा’!! मेरा बाल-मन बस उछल उठा ‘दुल्ला भट्टी’ के कारनामों को पढ़ के और देख के, और अब आप से सांझा कर के। साभार: विभा चसवाल
लोहड़ी के लोक गीत
सुन्दर मुंदरिये,— हो तेरा कौन विचारा,— हो दुल्ला भट्टीवाला, —हो दुल्ले धी व्याही, —-हो सेर शक्कर पायी,— हो कुड़ी दा लाल पताका,—- हो कुड़ी दा सालू पाटा,—- हो सालू कौन समेटे,—- हो मामे चूरी कुट्टी, —-हो, जिमींदारां लुट्टी, —- हो ज़मींदार सुधाये, —-हो गिन गिन पोले लाए, — हो इक पोला घट गया! —-हो ज़मींदार वोहटी ले के नस गया—-हो इक पोला होर आया —-हो ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया—-हो सिपाही फेर के ले गया,—–हो सिपाही नूं मारी इट्ट —-हो भावें रो ते भावें पिट्ट। —-हो
साहनूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी! साहनूं दे दाणे तेरे जीण न्याणे!!
‘पा नी माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी हाथी उत्ते जौं तेरे पुत्त पोते नौ! नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई टेर नी माँ टेर नी लाल चरखा फेर नी! बुड्ढी साह लैंदी है उत्तों रात पैंदी है अन्दर बट्टे ना खड्काओ सान्नू दूरों ना डराओ! चार क दाने खिल्लां दे पाथी लैके हिल्लांगे कोठे उत्ते मोर सान्नू पाथी देके तोर!
जहां से लोहड़ी मिल जाती थी वहाँ कंघा बी कंघा एह घर चंगा
और जहां से ना मिले
हुक्का बी हुक्का एह घर भुक्खा
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/15_59_126282610lohri-1-ll-1.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 06:01:242019-01-13 06:01:27लोहड़ी पर्व: राय अब्दुल्लाह खान जिसकी स्मृति में हम नाचते गाते हैं
नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर और अक्षय खन्ना की फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ शुक्रवार (11 जनवरी) को सिनेमाघरों में रिलीज हो हुई. सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया है और यही वजह है कि इस ने पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर हंगामा मचा दिया है. यह फिल्म भारतीय नीति विश्लेषक संजय बारू की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, द मेकिंग एंड एनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह’ पर आधारित है. उन्होंने इसे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन में हुई घटनाओं के आधार पर लिखा था. संजय बारू उनके मीडिया सलाहकार भी रहे हैं. हंसल मेहता ने इस किताब पर फिल्म बनाई है और डायरेक्शन विजय रत्नाकर गुट्टे ने किया है
बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार इस फिल्म ने अपने रिलीज के पहले दिन लगभग 3.5 करोड़ रुपये की कमाई करने में सफलता हासिल की है. गौरतलब है कि अपने ट्रेलर के रिलीज के बाद से ही यह फिल्म विवादों में घिर चुकी थी. फिल्म को लेकर कई नेताओं के बयान भी सामने आए थे. यहां तक कि ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की याचिका भी दिल्ली हाइकोर्ट में दायर की गई थी, जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ की कहानी की बात की जाए तो यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के बीच रिश्तों पर आधारित है या यह कह लें कि यह फिल्म न्यूक्लियर डील को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के बीच जो विवाद थे उसी पर आधारित है. राजनीति में दिलचस्प रखने वालों लोगों के लिए ये एक जबरदस्त फिल्म है, लेकिन राजनीति से दूर रहने वालों को शायद ही यह फिल्म ज्यादा समक्ष में आए.
फिल्म में अभिनय की बात की जाए, तो सभी किरदारों ने जबरदस्त भूमिका निभाई है. डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका में अनुपम खेर और सोनिया गांधी की भूमिका में सुजैन बर्नर्ट के अलावा संजय बारू के किरदार में अक्षय खन्ना ने तो मानो फिल्म में जान फूंक दी हो. फिल्म में अक्षय खन्ना संजय बारू के किरदार में है, जो मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे. फिल्म में अक्षय आपको स्टोरी सुनाते नजर आएंगे. अक्षय खन्ना का किरदार फिल्म की जान है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/prime-759.jpg422759Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-12 18:43:132019-01-13 01:54:173.5 करोड़ की कमाई के साथ द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ने की अछि शुरुआत
The Indian Railways on Friday announced five special trains to handle the extra rush of passengers during the forthcoming Kumbh Mela in Prayagraj.
A superfast special train between Allahabad Jn. and Delhi’s Anand Vihar Terminal will make a total of 24 round trips between the two terminal stations between January 15 and March 3. It will stop only at Fatehpur, Kanpur Central and Aligarh Jn. stations in both the directions.
The train includes two AC two tier, nine AC three tier, four sleeper class, four general class, and two disabled friendly second class cum luggage van coaches.
Train No. 12539 Yesvantpur – Lucknow Express will depart Prayag station at 02.52 hrs.
Train No. 12540 Lucknow – Yesvantpur Express will depart Prayag station at 00.50 hrs.
Train No. 12669 Chennai Central – Chhappra Ganga Kaveri Express will depart Prayag station at 04.27 hrs.
Train No. 12670 Chhappra – Chennai Central Ganga Kaveri Express will depart Prayag station at 03.52 hrs.
Train No. 16793 Rameswaram – Faizabad Jn Shraddha Sethu Express will depart Prayag station at 01.37 hrs.
Train No. 16794 Faizabad Jn – Rameswaram Shraddha Sethu Express will depart Prayag station at 06.18 hrs.
Train No. 22683 Yesvantpur – Lucknow Express will depart Prayag station at 13.22 hrs.
Train No. 22684 Lucknow – Yesvantpur Express will depart Prayag station at 00.08 hrs.
The railways will also run trains from Punjab’s Bathinda to the Prayag Ghat (4 trips), from Bathinda to Phaphamau (2 trips), from Himachal Pradesh’s Amb Andaura to Prayag Ghat (6 trips) and from Chandigarh to Prayag Ghat (6 trips).
The 55-day long Kumbh Mela will start on January 15 and will end on March 4. It is the largest human congregation in the world, with over 130 million pilgrims expected to participate in the festival with the belief that taking a dip in the holy water of Ganges River will pave the way for their salvation and would rid them of their sins.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/ttttt_3961502_835x547-m.jpg547835Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-12 05:00:562019-01-12 05:00:59Train to Kumbh(Prayagraj)
प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाले कुंभ मेला 2019 (Kumbh Mela 2019) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अखाड़ों, संतों, देशी-विदेशी मेहमानों और अन्य अतिथियों के लिए कुंभ में तैयारी पूरी कर ली गई है। ऐसे में आपके लिए भी ये जानना जरूरी है कि यहां पुण्य कमाने के अलावा भी ऐसी कई वजहें हैं, जिसके कारण आपको यहां अवश्य आना चाहिए। कुंभ मेला 2019 को लेकर सरकार की तरफ से खास और भव्य तैयारी की गई है। यहां आकर आप इस भव्यता के साथ कई ऐसे ऐतिहासिक पलों का गवाह बनेंगे जो कुंभ के अलावा कहीं देखने को नहीं मिलती। आइये जानते हैं कौन सी हैं वो वजहें…
प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी तैयार की गई है। इन टेंट में लाखों लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहां टेंट में आलीशान सूईट से लेकर धर्मशालाएं तक बनी हैं। ये टेंट सिटी इतनी विशाल है कि इसे पैदल पूरा घूमना आसान नहीं होगा। यहां संगम तट पर बनी टेंट सिटी का एरियर व्यू इतना मनोरम होता है, जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।
संगम तट किनारे आम
तौर पर शाम या रात के वक्त अंधेरा रहता है, लेकिन कुंभ के दौरान यहां टेंट सिटी
में आकर्षक लाइटिंग की जाती है। शाम को संगम तट पर अखाड़ों, साधू-संतों और
श्रद्धालुओं द्वारा भव्य आरती की जाती है। कल-कल करती लहरों पर पड़ने वाली इन
लाइटों और दीयों की रोशनी शाम को इसे झिलमिलाते तारों का शहर बना देती है। संगम
पुल से इस नजारे को देखना बेहद मनोरम होता है। दुनिया में शायद ही कहीं और ऐसा
नजारा देखने को मिलता है। इन नजारों को देखना किसी संयोग से कम नहीं।
कुंभ मेले में आस्था को जो जमघट लगता है उसका हिस्सा बनकर आपको बराबरी का एहसास होता है। यहां करोड़पति और गरीब सब एक साथ आस्था की डुबकी लगाते हैं। हजारों आलीशान पांच सितारा सूईट वाले टेंट से लेकर साधारण टेंट, किसी मुगलकालीन शहर से जैसे लगने लगते हैं।
हर बार कुंभ में
साधु-संतों के 13 अखाड़े शामिल होते हैं। ये पहला मौका है जब कुंभ में 14 अखाड़े शिरकत
करेंगे। कुंभ के दौरान इनकी भव्य पेश्वाई निकलती है। पेश्वाई का अभिप्राय इनकी
शाही सवारी से है। इसमें हाथी,
घोड़े, ऊंट, बग्घी, बैंड से लेकर सोने-चांदी से सजे
सिंहासनों पर अखाड़ा प्रमुख सजधज कर बैठे होते हैं। इनकी सवारी के लिए अखाड़ों के
शिविर से संगम तट तक एक विशेष राजपथ बनाया जाता है, जिस पर केवल अखाड़े ही चलते हैं।
मार्ग के दोनों तरफ इनके सेवादार और श्रद्धालु आशीर्वाद पाने को खड़े रहते हैं। ये
अखाड़े, साधू-संत और महंत कुंभ का प्रमुख आकर्षण होते हैं, जिन्हें देखने के
लिए पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। दुनिया भर के फोटोग्राफर इन पलों को अपने
कैमरों में कैद करने के लिए हर वक्त मुस्तैद रहते हैं। दरअसल यही एक मौका होता है, जब सभी अखाड़े एक
साथ जुटते हैं और पूरी भव्यता से अपनी पेश्वाई निकालते हैं।
खूब विवादों के बाद किन्नर आखाडा पहली बार करेगा पेशवाई
प्रयागराज कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़ा भी शामिल हो रहा है। इस बार कुंभ में जाने वाले लोग किन्नर अखाड़े की पेश्वाई भी देख सकेंगे। कुंभ में किन्नर अखाड़े को शामिल करने को लेकर पिछले दिनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काफी हंगामा और विरोध भी किया था। बावजूद प्रशासन को उन्हें मंजूरी देनी पड़ी। इसके बाद किन्नर संयासियों के अखाड़े ने दो दिन पहले कुंभ में हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर अपनी शानदार पेश्वाई निकाली थी। इस बार के कुंभ में नागाओं के बाद ये प्रमुख आकर्षण हो सकते हैं।
किन्नरों की दुनिया के नियम, कायदे सब आम लोगों से काफी अलग होते हैं। इसलिए लोगों को उनके जीवन के बारे में जानने की उत्सुकता हमेशा बनी रहती है। किन्नरों की इसी हैरतअंगेज दुनिया से रूबरे कराने के लिए कुंभ में किन्नर आर्ट विलेज भी बनाया गया है। यहां चित्र प्रदर्शनी, कविता, कला प्रदर्शनी, दृश्य कला, फिल्में, इतिहास, फोटोग्राफी, साहित्य, स्थापत्य कला, नृत्य एवं संगीत आदि के जरिए लोगों को किन्नरों की दुनिया से रूबरू कराया जाएगा। लोगों को रामायण और महाभारत में किन्नरों के महत्व और भूमिका के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। यह आर्ट विलेज किन्नरों की रहस्यमयी दुनिया का झरोखा होगा।
इस बार कुंभ में सांस्कृतिक संध्याओं से संगम तट को गुलजार करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए पहली बार कुंभ मेले में देशी-विदेशी रामलीला का मंचन भी होगा। इसके अलावा सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा भी मेले में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान यहां देश की सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके लिए कुंभ मेले में पांच विशाल सांस्कृतिक पांडाल बनाए गए हैं। यहां प्रतिदिन धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होंगे।
हेलीकॉप्टर और क्रूज की सवारी इस बार कुंभ मेले में आप क्रूज के
अलावा हेलीकॉप्टर की सवारी का भी मजा किफायती कीमत पर ले सकते हैं। हेलीकॉप्टर के
जरिए आप टेंट सिटी का एरियर व्यू देख सकेंगे। साथ ही इस विशाल मेले का हवाई नजारा
ले सकेंगे। पर्यटकों को ये सुविधाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वह कई
किलोमीटर में फैले कुंभ के अद्भुत नजारों को अपनी आंखों से देख सकें।
टूरिस्ट वॉक का भी अवसर कुंभ मेले में इस बार आपको आसपास के
दर्शनीय स्थलों पर जाने की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए मेले में कुछ टूरिस्ट वॉक
भी बनाए गए हैं। यहां आप टूर ऑपरेटरों से संपर्क कर पैकेज ले सकते हैं। मेले में
शंकर विमान मंडपम से टूरिस्ट वॉक शुरू होगा जो रामघाट पर आकर खत्म होगा। इस बीच
बड़े हनुमान जी का मंदिर, पातालपुरी मंदिर,
अक्षय वट और इलाहाबाद का किला देख
सकेंगे।
फेरी का मजा ले सकेंगे कुंभ में आप यमुना नदी पर जलमार्ग से फेरी का मजा भी ले सकेंगे। फेरी सेवा सुजावन घाट से शुरू होकर रेल सेतु (नैनी की ओर) के नीचे से वोट क्लब घाट और सरस्वती घाट होता हुआ किला घाट पर जाकर खत्म होगा। ये फेरी करीब 20 किलोमीटर लंबी है। इस दौरान आपको की टर्मिनल मिलेंगे।
35000 का है सबसे आलीशान टेंट कुंभ मेले का सबसे आलीशान टेंट 35000 रुपये प्रति रात का पांच सितारा सूईट जैसा है। ये टेंट 900 वर्ग फुट क्षेत्रफल में बना है। इसमें दो बेडरूम, एक लिविंग रूम, फर्निचर, बेड, प्राइवेट वाशरूम और एलईडी टीवी के साथ गृहस्थी का सारा सामना भी है। इसके अलावा यहां वैदिक टेंट सिटी में 24000 रुपये प्रति रात की दर पर टेंट में बना प्रीमियम विला भी है। यहां लग्जरी टेंट की कीमत 19,000 रुपये और 15,000 रुपये प्रति रात है। कल्प वृक्ष टेंट सिटी में 8500 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक की कीमत के टेंट एक रात के लिए बुक कर सकते हैं। सबसे सस्ता टेंट 650 रुपये प्रति रात की दर से है। यहां 24 घंटे चलने वाले कई रेस्टोरेंट भी हैं, जहां आपको देशी-विदेशी हर तरह का शाकाहारी भोजन उपलब्ध होगा। इन रेस्टोरेंट में बिना लहसुन प्याज का भोजन भी विशेष तौर पर तैयार किया जाएगा।
कुंभ के रंग में रंगा प्रयागराज, विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए
यहां पहली बार पेंटिगं भी देखने लायक होगी। सरकार ने पूरे प्रयाग को कुंभ के रंग
में रंगने के लिए कई महीने पहले ही पेंट साई सिटी योजना शुरू कर दी थी। इसके तहत 600 से ज्यादा पेंटरों
ने यहां के जर्रे-जर्रे को अपनी कूची और पेंट के जरिए कुंभ के रंग में रंग दिया
है। पेंट माई सिटी योजना पर सरकार ने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च
किया है। पेंट माई सिटी योजना के तहत इलाहाबाद की नैनी जेल की दीवार पर समुद्र
मंथन की सबसे बड़ी चित्रकारी बनाने का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। इसे
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया जा चुका है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Kumbh_Tent_Booking_2019.jpg10801920Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-12 04:21:032019-01-12 05:04:11सर्वासिद्धिप्रद: कुम्भ:, स्वागत है
प्रयागराज : कुछ लोगों ने इंडिया टीवी के नाम का गलत इस्तेमाल किया है। एक ऐसे गिरोह का पता चला है जो इंडिया टीवी के नाम पर प्रयागराज में आने वाले साधु-संतों, दूसरे विदेश भक्तों को झांसा दे रहा था और उनसे पैसे ऐंठ रहा था। इंडिया टीवी को पता चला है कि सोनीपत के रहने वाले कुछ लोग कुंभ मेले में आने वाले साधु संत विदेशी लोगों से उनके इंटरव्यू के नाम पर उन्हें टीवी न्यूज चैनल पर दिखाने के नाम पर इंडिया टीवी का फर्जी माइक बनाकर इंडिया टीवी का फर्जी प्रेस कार्ड बनवाकर लोगों को एप्रोच कर रहे थे और उनसे मोटी वसूल ऐंठकर फरार होने के चक्कर में थे। लेकिन कुछ लोगों को इनपर शक हुआ तो पुलिस में शिकायत हुई और पुलिस ने जब छानबीन की तो पूरा रैकेट सामने आ गया।
गिरफ्तार हुए आरोपी सभी सोनीपत हरियाणा के हैं इनका नाम हिमांशु कौशिक, विकास कौशिक, सचिन कौशिक और सुमित हैं। फरार आरोपियों के नाम आशीष पांचाल विवेक कुमार और नवीन बंसल हैं। यह सब भी सोनीपत के हैं। पुलिस इस मामले में कुछ और आरोपियों की तलाश कर रही है। प्रयागराज के एसएसपी का कहना है कि फर्जीवाज़े के इस रैकेट से जितने भी लोग जुड़े है उन्हें जल्द से जल्द कानून की गिरफ्त में लिया जाएगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/2018_12image_23_06_482477460xdfh-ll.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-12 02:19:012019-01-12 02:19:03कुंभ में सोनीपत के चार नकली पत्रकार गिरफ़्तार
नक्षत्रःपूर्वाभाद्रपद (की वृद्धि है जो प्रातः 08.43 तक है),
योगः परिघ की वृद्धि है जो (रविवार को प्रातः 07.35 तक है)
करणः कौलव,
सूर्य राशिः धनु,
चंद्र राशिः मीन,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 07.20,
सूर्यास्तः 05.39 बजे।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Hindu-Panchang-1.jpg388997Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-12 01:49:452019-01-12 01:49:47आज का पांचांग
12 जनवरी 2019: आज आप अपने आय को बढ़ाने के लिए कुछ प्रभावी कदम उठाने के लिए तैयार होगे। आप देखेंगे कि आज आमदनी बढ़ाने के प्रयास सफलता मे तब्दील हो रहे है। जिससे आपको प्रसन्नता हो रही है। आज आपके पद प्रतिष्ठा में वृद्धि के अवसर होगे। प्रेम संबंधों में गजब की मधुरता होगी। पैसे के लेन-देन में तनाव होगे।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काज में दबदबा को बनाने के लिए अधिक सक्रिय होगे। आप देखेंगे कि आज का दिन आपके लिए सहयोगी है। जिससे आप अपने कामों को भाग-दौड़कर पूरा करने में लगे हुए है। आज आपका स्वास्थ्य सामान्य होगा। कोई दवा खानी नहीं होगी। किन्तु धन लाभ प्राप्त करने हेतु चिंता होगी।
12 जनवरी 2019: आज आप कोई खास व साहसिक निर्णय लेने के लिए तैयार होगे। आप दखेंगे कि आपको अपने सगे भाई से सहयोग प्राप्त हो रहा है। जिससे आपके घर के काम नहीं रूक रहे हैं। यदि आप नौकरी करते है। तो आपको अपनी दक्षताओं को बढ़ाने की चुनौती होगी। प्रेम संबंधों में आज कोई खास प्रगति नहीं होगी।
12 जनवरी 2019: आज आप भौतिक सुख के साधनों को और अधिक संग्रहित करने के लिए तैयार होगे। आप अपने धन को किसी सुरक्षित स्थान में लगाने पर आमादा होगे। आप देखेंगे कि आज वैसे खर्च तो हो रहा है। किन्तु वह उपयोगी कामों के लिए है। स्वास्थ्य में आज सिर व कंधे के दर्द आपको परेशान कर सकते हैं।
12 जनवरी 2019: आप आज अपने कामों को प्राथमिकता के तौर पर करना चाहेंगे। आप आज अपने शादी-शुदा जीवन में कुछ प्रसन्न होगे। जीवन साथी के साथ मिलकर घरेलू उपकरणों की खरीद को अंतिम रूप देने के लिए तैयार होगे। व्यवसाय के मामलों में आज अच्छी स्थिति बनाएं रखने में कामयाब होगे। किन्तु किसी पुराने भुगतान मे चिंता होगी।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने मन को अधिक प्रसन्न रखने के लिए किसी आकर्षक स्थान में भ्रमण हेतु जाने की तैयारी कर लेंगे। आप देखेंगे कि आज पत्नी से कुछ कमतर सहयोग प्राप्त हो रहा हैं, किसी बात में उनकी नाराजी से आप परेशान हो रहे हैं। प्रेम संबंधों में पहले की तुलना में अधिक चाहत होगी। व्यवसाय में बढ़त होगी।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने कम्प्यूटर के ज्ञान को और आगे ले जाने के लिए कुछ और अध्ययन करना चाहेंगे। आज का दिन आपके लिए कई मामलों में सहयोगी व सकारात्मक होगा। प्रेम संबंधों में चाहत की स्थिति और सुदृढ़ होगी। आज अपको धन लाभ तो होगा। किन्तु इसके लिए आपको और सजग होना होगा।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काज में दोहरे लाभ की नीति पर काम करने के लिए तैयार होगे। आप देखेंगे कि आज लोगो के साथ काम करने का अच्छा माहौल प्राप्त हो रहा है। आप अपनी निजी काम-काजी चिंताओं से मुक्त हैं। प्रेम संबंध भी अच्छे चल रहे हैं। किन्तु संतान पक्ष की पढ़ाई को लेकर आप परेशान होगे
12 जनवरी 2019: आज आप अपने काम के क्षेत्रों में टिके रहने की चुनौती देख कर कुछ परेशान से होगे। आप देखेंगे कि कुछ तकनीक व कुछ भाषागत कमी आपको पीछे छोड़ रही है। जिसे आप दूर करना चाहेंगे। किन्तु धैर्य व साहस की कमी के कारण इसे सम्भव करने में कठिनाइयां होगी। प्रेम संबंधों मे उतार-चढ़ाव की स्थिति होगी।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने बाहरी सम्पर्क को बढ़ाने के लिए कुछ ई-मेल व संचार के साधनों का भरपूर उपयोग करना चाहेंगे। आप लोगों से अपनी बात को कहने का एक मंच ढूढेंगे। जिससे आपके व्यवसाय में फायदा हो। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन कुछ साख नहीं होगा। जिससे आपको किसी अस्पताल का रूख करना होगा।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने जरूरत की चीजों को जुटाने में कुछ समय लगाना चाहेंगे। आप देखेंगे कि आज व्यापारिक क्षेत्रों की सम्भावनाएं और सकारात्मक रूप से उभर रही हैं। जिससे आपके मन में प्रसन्नता की स्थिति हो रही हैं। प्रेम संबंध पहले के मुकाबले अधिक सुखद हो रहे हैं। किन्तु भूमि के मामलों में विवाद बढ़ रहे हैं।
12 जनवरी 2019: आज आप अपने कामों में तेजी लाने के लिए कुछ नये उपायों पर अमल करना चाहेंगे। आप देखेंगे कि, आज धन लाभ की स्थिति उतनी प्रबल नहीं है। किन्तु खर्च अधिक हो रहे हैं। जिससे आपको परेशानी हो रही है। प्रेम संबंधों में आज तालमेल का आभाव होगा। जिसे सामान्य करने में और समय देना होगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/rashifal.jpg476715Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-12 01:46:322019-01-12 01:46:35आज का राशिफल
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Lohri-at-PU-1.jpg13752096Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-11 16:46:102019-01-11 16:46:13Lohri celebrations at PU
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