करीब 8 साल बाद ‘गुलाब-जामुन’ में आएंगे अभिषेक-ऐश्वर्या नजर


इस फिल्म के लिए रेकी और शेड्यूलिंग का काम पूरा हो चुका है. शूटिंग का प्लान निर्माताओं के जरिए बताया जाएगा


कोरल(पुरनूर)

‘मनमर्जियां’ तो अपना जादू बॉक्स ऑफिस पर बिखेर ही रही है. इस फिल्म में काफी अरसे के बाद अभिषेक बच्चन की एक्टिंग की तारीफ भी हुई है. लेकिन इसी बीच एक और अच्छी खबर अभिषेक से जुड़ी हुई सामने आ रही है. वो बहुत जल्द एक और फिल्म में नजर आने वाले हैं.

तकरीबन 8 सालों के बाद ऐश्वर्या राय बच्चन अपने पति अभिषेक बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर करती हुई नजर आएंगी. पिछली बार दोनों को फिल्म ‘रावण’ में देखा गया था. पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों की ये फिल्म अगले साल तक फ्लोर पर जा सकती है. सूत्र ने पिंकविला को बताया है कि, ‘अभिषेक ‘मनमर्जियां’ करने के बाद इस फिल्म की शूटिंग इसी साल अक्टूबर से करने वाले थे लेकिन कबड्डी सेशन के होने की वजह से उन्होंने अपने प्रोजेक्ट्स को अगले साल के लिए बढ़ा दिया है. वो साल 2019 की पहली तिमाही तक अपने सभी प्रोजेक्ट्स खत्म कर देंगे. जिसके बाद ही इस फिल्म की शूटिंग शुरू हो पाएगी.’

हो चुकी है रेकी और शेड्यूलिंग

सूत्र ने आगे बताया है कि, ‘इस फिल्म के लिए रेकी और शेड्यूलिंग का काम पूरा हो चुका है. शूटिंग का प्लान निर्माताओं के जरिए बताया जाएगा. शुरुआती स्तर पर इस फिल्म की शूटिंग तीन महीने की होगी जिसे मुंबई में ही शूट किया जाएगा.’

India beats Pakistan by 90 in ‘Wheelchairs T 20 Cricket tournament’

 

Yesterday at Sharjah (UAE) India beat Pakistan by 90 runs in first T 20 wheel chairs Cricket tournament at Eden Garden Ajman Thanks to Mr. Shahji Mulk ,President of of Ajman Cricket Council & former UAE Captain Shahzad Altaf Sir affiliated with Sharjah Cricket Council & ICC for encouraging cricket for wheel chairs participants/Teams.

नंदिता के मंटो कि भागवत से मुलाकात


नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के लेक्चर में जाकर राजनीति पर नजर रखने वाले कई जानकारों को चौंका दिया है


कोरल(पुरनूर)

चंडीगढ़

एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी से आज दिल्ली में आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने मुलाकात की. मोहन भागवत ने आज लोगों के सामने अपना विजन पेश किया. जिसमें नवाज के साथ-साथ अन्नू कपूर, मनीषा कोईराला, अन्नू मलिक जैसे स्टार्स ने भी शिरकत की.

आप तस्वीरों में मनोज तिवारी को भी देख सकते हैं. तो इस कार्यक्रम में नवाज अपनी फिल्म मंटो का प्रमोशन करने गए थे या फिर इसमें उनका अपना प्रमोशन भी छिपा है?

आपको बता दें कि ये कोई फिल्म प्रमोशन स्ट्राटेजी नहीं कही जा सकती क्योंकि मंटो के प्रचार के लिए न तो नवाज को आरएसएस की जरूरत है और न आरएसएस को फिल्मों में कोई खास इंट्रेस्ट. तो फिर नवाज या आरएसएस का कॉमन इंट्रेस्ट क्या हो सकता है? वो आप इस तस्वीर से समझने की कोशिश करें. क्या नवाज के सहारे अल्पसंख्यकों की विरोधी का दाग धोने की कोशिश में है आरएसएस?

फोटोग्राफ्स में आप देख सकते हैं कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी मोहन भागवत के साथ सहज नजर आ रहे हैं. नवाज के करीबी सूत्रों के मुताबिक ये मुलाकात बहुत ही हल्के फुल्के माहौल में हुई. नवाज के साथ मोहन भागवत ने ठीक-ठाक वक्त गुजारा. उन्होंने नवाज के काम की तारीफ की और नवाज ने भी उन्हें अपनी फिल्मों के बारे में खुलकर बताया.

मुंबई में नवाज ने छोड़ा मंटो का प्रीमियर

नवाज की फिल्म मंटो का प्रीमियर आज मुंबई के जुहू पीवीआर में रखा गया था जिसमें इंडस्ट्री के तमाम बड़े स्टार्स ने शिरकत की. नवाज को इसकी पूरी जानकारी थी फिर भी उन्होंने इसे मिस करके आरएसएस के कार्यक्रम को ज्यादा तवज्जो दी.

नंदिता हैं बीजेपी की विरोधी

नवाज की फिल्म मंटो रिलीज के लिए तैयार है. इस फिल्म को बनाया है नंदिता दास ने. नंदिता दास लंबे वक्त से बीजेपी के साथ-साथ पीएम मोदी की भी धुर विरोधी रही हैं. मोदी के खिलाफ उनके विचार जानने के लिए आप गूगल कर सकते हैं. जाहिर है आरएसएस के बारे में भी नंदिता के ऐसे ही विचार हैं.

समाजवादी पार्टी के समर्थक रहे हैं नवाज

मुजफ्फरनगर के रहने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी अखिलेश यादव सरकार की योजनाओं के ब्रांड एंबैसडर रहे हैं. उन्हें इसका इनाम भी मिला जब उनके छोटे भाई सबा सिद्दीकी की बेगम फैजुद्दीन सिद्दीकी को एसपी ने बुढ़ाना नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया. जिसके बाद से ये माना जाने लगा था कि उनका परिवार अखिलेश का फैन है और वो अपना समर्थन उन्हें दे चुका है.

आमिर खान को भी मिला था आरएसएस का साथ

आमिर खान जब देश में असहिष्णुता की बात करके फंस गए थे तो कई कंपनियों के कॉन्ट्रेक्ट से हाथ धोना पड़ा था. आमिर को लोगों ने इतना ट्रोल कर डाला था कि स्नैपडील जैसी कंपनियों ने आमिर से अपनी डील ही रद्द कर दी थी. जिसके बाद आमिर खान ने मोहन भागवत से अवॉर्ड लिया था. जिससे संदेश ये ही गया कि आमिर को अब आरएसएस को सपोर्ट मिल गया है. आप इस फोटो में देख सकते हैं कि मोहन भागवत उन्हें अवॉर्ड दे रहे हैं.

बॉलीवुड में बढ़ चुका है नवाज का कद

नवाज की इस मुलाकात के बाद ये माना जा सकता है कि वो भले ही राजनीति में एंट्री सीधे तौर पर न करें लेकिन अंदरखाने में उन्होंने अपना संदेश साफ दे दिया है कि वो भी अब बॉलीवुड के उन सुपरस्टार्स में शामिल हो चुके हैं जो फिल्मों के साथ साथ सत्ता को भी अपने फेवर में साधकर रखने में माहिर हैं.

रणवीर और रोहित हुए सोनू सूद के 6 पैक्स के दीवाने


रणवीर सिंह इन दिनों अपनी फिल्म ‘सिंबा’ की शूटिंग कर रहे हैं. जिसमें सोनू सूद अहम किरदार प्ले कर रहे हैं


कोरल (पुरनूर)

ऐसा लगता है कि सोनू सूद की बॉडी और पर्सनालिटी के रणवीर सिंह और रोहित शेट्टी भी दीवाने हो गए हैं. केवल ऐसा नहीं है कि सोनू की लड़कियां ही फैंस हैं, उनके कई मेल फैंस भी हैं जिनमें दो और नाम जुड़ गए हैं. और ये कोई और नहीं बल्कि रणवीर सिंह और रोहित शेट्टी हैं.

रणवीर ने दिखाए सोनू के एब्स

रणवीर सिंह ने सोनू सूद और रोहित शेट्टी के साथ एक तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर में रणवीर, सोनू सूद के 6 पैक एब्स को देखकर काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं. रणवीर सिंह ने ये तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. रणवीर और रोहित ने सोनू को घेरा हुआ है और रणवीर, सोनू की शर्ट उठाकर उनके एब्स दिखा रहे हैं, जबकि सोनू खुद शर्माते हुए हंस रहे हैं. सोनू की बॉडी ‘दबंग’ में नजर आ चुकी है. तीनों की मस्ती देखकर तो यही कहा जा सकता है कि तीनों ‘सिंबा’ के सेट पर काफी अच्छे दोस्त बन चुके हैं.

तेलुगू की हिंदी रीमेक है सिंबा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रणवीर सिंह इन दिनों अपनी फिल्म ‘सिंबा’ की शूटिंग कर रहे हैं. जिसमें सोनू सूद अहम किरदार प्ले कर रहे हैं. रोहित शेट्टी की ये फिल्म तेलुगू की ‘टेम्पर’ की हिंदी रीमेक है. इस फिल्म से सारा अली खान अपना डेब्यू कर रही हैं. इन दिनों इस फिल्म की शूटिंग हैदराबाद में चल रही है.

‘मेड इन चाइना’ 15 अगस्त 2019 को रिलीज होगी. अपने कैलेंडर पर दर्ज कीजिए.’ राजकुमार राव


इस फिल्म का निर्माण ‘मडोक फिल्म्स’ के अंतर्गत दिनेश विजन कर रहे हैं.


कोरल (पुरनूर)

चंडीगढ़

अपनी हालिया रिलीज फिल्‍म ‘स्त्री’ से धमाका करने के बाद अभिनेता राजकुमार राव एक बार फिर सबको गुदगुदाने आ रहे हैं. जहां उनकी हालिया रिलीज फिल्म ‘स्त्री’ बॉक्स ऑपिस पर धमाल मचा रही है और कई नए कीर्तिमान रच रही है. वहीं अब उनके फैंस के लिए एक बड़ी खुशबरी आ गई है. इसकी जानकारी खुद राजकुमार राव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए फैंस के साथ शेयर की है.

राजकुमार राव ने अपनी अपकमिंग फिल्‍म ‘मेड इन चाइना’ की तस्‍वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया है. राजकुमार द्वारा शेयर की गई तस्‍वीर में उनके साथ मौनी रॉय भी शानदार अंदाज में नजर आ रही हैं. उन्‍होंने लिखा है, ‘रघु और रुक्मणि से मिलने के लिए हो जाइए तैयार, ‘मेड इन चाइना’ 15 अगस्त 2019 को रिलीज होगी. अपने कैलेंडर पर दर्ज कीजिए.’

राजकुमार फिल्म में रघु के किरदार में होंगे जबकी मौनी रुक्मणि के किरदार में होंगी. फिल्म में उनके अलावा बोमन ईरानी भी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे. इस फिल्म का निर्माण ‘मडोक फिल्म्स’ के अंतर्गत दिनेश विजन कर रहे हैं.

इन फिल्‍मों भी नजर आएंगे राजकुमार

वहीं राजकुमार की अपकमिंग फिल्‍मों की बात करें तो वह साल 2019 में इन धमाकेदार फिल्‍मों भी नजर आएंगे. जिसमें ‘5 वेडिंग’, ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’, ‘मेंटल है क्या’ जैसी फिल्में शामिल हैं.

‘रंगीला राजा’ से वापसी कर रहे हैं गोविंदा


पहलाज निहलानी ‘रंगीला राजा’ के साथ एक बार फिर गोविंदा के साथ वापसी कर रहे हैं.


कोरल(पुरनूर) 

बॉलीवुड के राजाबाबू और कॉमेडी किंग गोविंदा एक बार फिर फिल्मों में धमाकेदार एंट्री करने के लिए तैयार है. ‘आंखें’, ‘इल्जाम’, ‘शोला और शबनम’ को प्रोड्यूस करने वाले पहलाज निहलानी ‘रंगीला राजा’ के साथ एक बार फिर गोविंदा के साथ वापसी कर रहे हैं. फिल्म का पोस्टर आउट कर दिया गया है.

इसका फर्स्ट लुक पोस्टर तरण आदर्श ने ट्वीट कर शेयर किया है. इस फिल्म में गोविंदा डबल रोल में नजर आएंगे और 4 किरदार भी निभाएंगे. फिल्म में उनके साथ मिशिका चौरसिया, अनुपमा अग्निहोत्री और दिगांगना सूर्यवंशी नजर आएंगी. फिल्म की शूटिंग राजस्थान में होगी. इस पोस्टर में गोविंदा कलरफुर शर्ट पहने हुए मूछों में दिख रहे हैं.

फिल्म का पोस्टर देखने के बाद 90 के दशक के गोविंदा की याद तरोताजा हो जा रही है। वहीं गोविंदा जल्‍द ही अपनी अपकमिंग फिल्म ‘फ्राईडे’ से बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैं. जिसमें उनके साथ वरुण शर्मा और दिगांगना सूर्यवंशी दिखाई देंगे. ‘फ्राईडे’ 12 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है.

कई बरसों के बाद अचानक एक मुलाकात… उस सारी नज्म लकीर फेर दी.


विवाहिता अमृता को जरा भी झिझक नहीं होती है अपने इश्क का इजहार करने में. वो साहिर के नजरिए से भी इस दास्तान को बयान करती हैं


पुरनूर, कोरल:

प्यार करना, उसका इजहार करना और फिर सुनने वालों से उसके लिए इज्जत पाना. जाहिर सी बात है कि ऐसे हादसे, खूबसूरत हादसे कहलाते हैं और शोहरत की पतंग बनकर मिसाल की डोर से बांध जाते हैं. आवागमन के इस मंच पर कुछ लोग प्रेम की मूरत बनकर आते हैं और हीर, लैला, मीरा या अमृता कहलाते हैं. ये प्रेम दीवाने अपने मन को दर्पण बनाते हैं और दुनिया के तमाम भले-बुरे कर्मों को देखते-दिखाते हैं.

आइए, अमृता प्रीतम के जन्मदिन पर बात शुरू करने के लिए उनकी एक याद को केंद्र में रखकर उस शख्सियत को समझने की कोशिश करते हैं जो कीचड़ में कमल की तरह हैं. वो कमल जिसे ‘विश्व का गर्भ’ कहा जाता है क्योंकि यह मन की पवित्रता, इंसानी स्वभाव और आध्यात्मिक रोशनी का प्रतीक है.

दोनों लंबी खामोशी में डूबे थे

‘अमृता-इमरोज़–ए लव स्टोरी’ इसकी लेखिका हैं उमा त्रिलोक, जो अमृता और इमरोज़ की दोस्त भी हैं. उमा लिखती हैं कि अमृता ने गुफ्तुगू के दौरान बताया कि एक दिन अचानक साहिर लुधियानवी ने अमृता से कहा ‘ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि हम दोनों जाकर चीन में रहने लगें?’ मुझे साहिर की इस अचानक राय ने उलझा दिया. मैंने भी अचानक सवाल पर सवाल कर दिया, ‘हम वहां चीन जाकर क्या करेंगे?’ ‘हम वहां शायरी करेंगे.’ साहिर ने जवाब दिया. हैरत में डूबी अमृता के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा, ‘शायरी तो हम यहां भी कर सकते हैं, चीन जाए बगैर.’ ‘हां बेशक हम कर सकते हैं लेकिन अगर हम चीन चले जाएं तो यहां लौटकर नहीं आयेंगे.’ साहिर ने जवाब दिया.

अमृता बता रही थीं कि इस तरह एक दोस्त ने, एक दोस्त के आगे जीवन-साथी बन जाने की पेशकश की, दोस्त ने पेशकश का सार समझा, उसे ठुकराया नहीं, बल्कि ये कह दिया कि ‘शायरी तो हम यहां भी कर सकते हैं, चीन जाए बगैर’.

साहिर की अधजली सिगरेटों ने पकड़ाई लत

इसके बाद आदतों ने पूरे दृश्य को संभाल लिया. लम्बी खामोशी में दोनों डूब गए. साहिर ने कुछ और सिगरेटें फूंकीं और चले गए. अमृता ने आदतन उन अधजली सिगरेटों को उठाया और अलमारी में उसी जगह रख दिया जहां ऐसी कई और सिगरेटें रखी थीं.

अपनी आत्मकथा ‘रसीदी-टिकट’ में अमृता लिखती हैं, ‘जब साहिर लाहौर में हमसे मिलने आते थे तो ऐसा लगता था जैसे मेरी खामोशी का ही एक हिस्सा मेरी बगल वाली कुर्सी पर पसर गया है और फिर अचानक उठकर चला गया…

‘वो खामोशी से सिगरेट जलाता और फिर आधी सिगरेट ही बुझा देता, फिर एक नई सिगरेट जला लेता. जबतक वो विदा लेता, कमरा ऐसी सिगरेटों से भर जाता. मैं इन सिगरेटों को हिफाजत से उठाकर अलमारी में रख देती. और जब कमरे में अकेली होती तो उन सिगरेटों को एक-एक करके पीती. मेरी उंगलियों में फंसी सिगरेट, ऐसा लगता कि मैं उसकी उंगलियों को छू रही हूं. मुझे धुएं में उसकी शक्ल दिखाई पड़ती. ऐसे मुझे सिगरेट पीने की लत पड़ी.’

विवाहिता अमृता को जरा भी झिझक नहीं होती है अपने इश्क का इजहार करने में. वो साहिर के नजरिए से भी इस दास्तान को बयान करती हैं. ‘साहिर ने बहुत बाद में, जीवन का काफी अरसा गुजर जाने के बाद एक दिन बताया था कि ‘उन दिनों लाहौर में मैं अक्सर तुम्हारे मकान के पास नुक्कड़ की दुकान से पान या सिगरेट के बहाने, कभी-कभी सोडे की बोतल पकडे घंटों गुजार देता और तुम्हारे घर की उस खिड़की पर टकटकी लगाए रखता जो उस तरफ खुलती थी.’

मुशायरे ने दो शायरों को मिलाया

अमृता और साहिर की पहली मुलाकात 1944 के आस-पास ‘प्रीत नगर’ में होती है, जो लाहौर और अमृतसर के बीच में पड़ता था. देखिये पहली मुलाकात की जगह भी अद्भुत है, प्रीतनगर. 25 साल की अमृता प्रीतनगर एक मुशायरे में शिरकत के लिए आई हैं. विवाहित हैं और पति का नाम है प्रीतम सिंह. वो प्रीतम जो देर तक जीवनसाथी नहीं रह सका लेकिन अमृता ने उसे अपने नाम का हिस्सा बना लिया.

इस मुशायरे में पंजाबी और उर्दू शायरों का जमावड़ा है. साहिर उठते हैं और मुशायरे में अपनी शायरी के जलवे बिखेरते हैं.

‘मुझे नहीं पता कि ये उसके शब्दों का जादू था या उसकी खामोश नजरों की जंजीर, में पूरी तरह से खुद को जकड़ा हुआ पा रही थी. मुशायरा आधी रात तक चला. उस रात बारिश भी झूम-झूम के हुई. आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो ऐसा लगता है जैसे उस रात, नसीब ने प्यार का एक बीज बोया, जिसे बारिश ने पाला.’

ये वो जमाना था जब मुशायरा और कवि सम्मलेन, समाज की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र हुआ करते थे. अगले दो-तीन वर्ष अमृता-साहिर का ऐसे आयोजनों में बार-बार मिलना एक आपसी अनुराग में बदल गया. लेकिन इसी बीच विभाजन की त्रासदी ने नफरतों का वो तांडव किया कि एक प्रेम दीवानी को सोए हुए वारिस शाह को आवाज देनी पड़ी.

अज्ज आखां वारिस शाह नूं कित्थों कबरां बोल

ते अज्ज किताब-ए-इश्क दा कोई अगला वरका खोल

इक रोई सी धी पंजाब दी तू लिख-लिख मारे वैन

अज्ज लक्खां धीयां रोंदियाँ तैनू वारिस शाह नू कैन

उठ दर्दमदां देआ दर्देया उठ तक्क अपना पंजाब

अज्ज बेले लाशां बिछियां ते लहू दी भरी चिनाब

(आज मैं वारिस शाह से कहती हूं, अपनी कब्र से बोल/ और इश्क की किताब का कोई नया पन्ना खोल/ पंजाब की एक ही बेटी (हीर) के रोने पर तूने पूरी गाथा लिख डाली थी/ देख, आज पंजाब की लाखों रोती बेटियां तुझे बुला रही हैं/ उठ! दर्दमंदों को आवाज देने वाले! और अपना पंजाब देख/ खेतों में लाशें बिछी हुई हैं और चेनाब लहू से भरी बहती है.)

एक संगमरमरा का टुकड़ा थीं अमृता

अमृता एक बेहद खूबसूरत औरत थीं. फिल्म लेखक सी. एल. काविश इस खूबसूरती के बखान में उतने ही खूबसूरत शब्द तलाशते हुए कहते हैं, ‘अमृता एक संगमरमर का टुकड़ा थीं. अगर किसी संगतराश की आंखें उनपर पड़ गई होतीं तो वो एक ऐसी मूरत गढ़ता जो राधा की हू-ब-हू होती और आज मंदिरों में पूजी जा रही होती.’

अमृता पर जी-जान से न्योछावर उनके आशिक ‘इमरोज़’ अपने और अमृता के इश्क में साहिर की हिस्सेदारी को लेकर विलेन नहीं बनते बल्कि इस जज्बे की पूजा करते नजर आते हैं. किसी जगह, शायद उमा त्रिलोकी की ही किताब में, इमरोज़ खुद ही अमृता के इस इश्क का बयान करते हैं. वो कहते हैं कि अमृता की हमेशा से एक आदत थी कि वो हर वक़्त कुछ न कुछ लिखती रहती थीं. उनकी उंगलियाँ बिना पेन के भी चलती रहती थीं. इमरोज़ ऐसे मौकों को याद करते हैं जब वो स्कूटर से अमृता को ले जा रहे हैं और अमृता, इमरोज़ की पीठ पर आदतन उँगलियों से कुछ लिख रही है. इमरोज़ बताते हैं कि कई बार उन्होंने महसूस किया जैसे अमृता ने उनकी पीठ पर लिखा ‘साहिर’.

प्रीतम सिंह, साहिर, इमरोज़ और अमृता. ये मुहब्बत की कहानी के वो किरदार हैं जो प्यार को प्यार की हद तक जानते हैं. यहां खोने की कल्पना ही नहीं है.

‘गीता’ में कृष्ण कहते हैं ‘पाने का अर्थ है खोने की चिंता से मुक्त हो जाना.’ यहां किसी को खोने की चिंता ही नहीं है. किसी को किसी से इर्ष्या नहीं है. कोई किसी के रस्ते की दीवार ही नहीं है. इस तस्वीर को अमृता अपने शब्दों से ऐसे रंगती हैं –

कई बरसों के बाद अचानक एक मुलाकात

हम दोनों के प्राण एक नज्म की तरह कांपे

सामने एक पूरी रात थी

पर आधी नज्म एक कोने में सिमटी रही

और आधी नज्म एक कोने में बैठी रही

फिर सुबह हुई

हम कागज के फटे हुए टुकड़ों की तरह मिले

मैंने अपने हाथ में उसका हाथ लिया

उसने अपनी बांह में मेरी बांह डाली

और हम दोनों एक सेंसर की तरह हंसे

और कागज को एक ठंडी मेज पर रखकर

उस सारी नज्म लकीर फेर दी.

प्रधान मंत्री अपना 68वां जन्म दिन नौनिहालों के साथ वाराणसी में मनाएंगे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्म दिन 17 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे तथा हजारों स्कूली बच्चों के साथ खुशियां बांटने के अलावा अरबों रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को देंगे।


वाराणसी, 13 सितम्बर, 2018: 

भारतीय जनता पार्टी की काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि मोदी के दौरे की सूचना मिलने के बाद तैयारियां शुरु कर दी गईं हैं। 17 सितंबर को उनका 68वां जन्म दिन है और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री वाराणसी वासियों को फिर अरबों रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगातें देंगे।

उन्होंने बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि वह किन परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे से पहले भाजपा कार्यकर्ता विशेष सफाई अभियान चलाएंगे। शहर को साफ-सुथरा बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं विशेष अपील की गई है।

अधिकारिक सूत्रों ने मोदी के प्रस्तावित दौरे की पुष्टि करते हुए बताया कि इसके बारे में बुधवार रात प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रारंभिक जानकारी मिलने के बाद आवश्यक तैयारियां शुरु कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम स्थल का चयन अभी नहीं हुआ। गुरुवार को इसके बारे में कोई फैसला लिया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि मोदी अपने जन्म दिन पर काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना एवं करीब पांच हजार बच्चों के साथ अपने जन्म दिन की खुशियां बांटने के अलावा अपने जीवन पर आधारित चलो हम जीते हैं फिल्म भी देख सकते हैं।

यह कार्यक्रम बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित किए जाने की संभावना है। वह किसी एक दलित बस्ती में जाकर श्रमदान एवं लोगों से खुशियां साझा कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि 68 दलित बस्तियों में विशेष सफाई अभियान के अलावा एवं स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किए जाने की योजना है। प्रधानमंत्री अगले दिन 18 सितंबर को एक सभा को संबोधित कर सकते हैं। सभा स्थल का चयन किया जा रहा है।

मोदी गोइठहां स्थित सिवरेज ट्रिटमेंट प्लांट, लहरतारा स्थित कैंसर अस्पताल और रिंग रोड फेज-एक का उद्घाटन सहित अनेक विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर सकते हैं।

Pune’s Ganesha in ‘Thanjavur temple’

The famous Dagdusheth Ganpati idol that will be installed in this replica during the 10-day Ganesha festivities.  

Dagdusheth Ganpati will spend this year’s Ganesh Chaturthi in a replica of the Brihadeeswara temple

In what is one famous temple’s tribute to another, the idol of Pune’s Dagdusheth Ganpati temple will spend this year’s Ganesh Chaturthi festivities, which commence on Thursday, in a replica of Thanjavur’s iconic Brihadeeswara temple.

Dagdusheth Halwai Ganpati Trust, the custodians of the Dagdusheth Ganpati Temple, has a 75-year-old tradition of making replicas of historic temples across the country on the occasion of Ganesh Chathurthi, said Ashok Godse, president of the Trust. This year, a 100 ft by 100 ft replica of the 11th century Brihadeeswara temple would be featured as part of the Trust’s 126th year of public Ganesha festivities.

“The original purpose was two-fold: to showcase our country’s heritage to devotees who cannot afford to travel to other parts of the country, and to serve the larger purpose of uniting people during festivities,” Mr. Godse said.

 

Idol as tribute

In 1893, Dagdusheth Gadve, a successful sweetmeat seller (or halwai), made an idol of Lord Ganesha on the advice of his spiritual guru, following the death of his only son in a plague epidemic. The halwai, who was known to have been admired by ‘Lokmanya’ Bal Gangadhar Tilak, built a second Ganesha idol in 1896. Around this time, with Tilak at the fore, the mobilisation of public Ganesha festivities had begun in earnest.

With the passage of time, however, the condition of the second Ganesha idol deteriorated. “Rarely has the name of a person been so intertwined with that of the idol of a deity,” said Mahesh Suryawanshi, treasurer of the Trust.

He said the idol currently installed at the Dagdusheth Ganpati Temple was sculpted in 1968 at a cost of Rs. 4,500. “It was the work of the Dharwad-based sculptor, Naglingacharya Shankaracharya Shilpi. This idol is 1.5 m in height, 1.25 m wide, and adorned with 40 kg of gold. This is the idol that will be kept in the Thanjavur temple replica.”

जिप्सी एंटेर्टेनरस अब पंचकुला में

Photo by RK

पंचकुला 12 सितंबर

जिप्सी एंटरटेनर्स संगीत की दुनिया में धमाल के बाद अब नए उभरते कलाकारों के लिए स्टुडियो की दुनिया में कदम रख दिया है। बुधवार को जिप्सी एंटरटेनर्स ने 9 के एससीओ 341 खोल दिया है। जिप्सी साउंड 1987 से साउंड की दिनीय में धमाल मचा रहा है। इसके बाद बड़े कलाकारों को लांच करने के लिए जिप्सी एंटरटेनर्स ने प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया है।

जिप्सी एंटरटेनर्स के प्रबन्धक शेरी कैम ने बताया की वह कई बड़े सींगेर्स को प्लेटफार्म दे चुके हैं जिनमें प्रमुख तौर पर जाने माने सिंगर बादशाह, फैजल पूरिया, बल्ली सग्गू, मांकिरत औलाह, सुख्छिंदर छींदा शामिल हैं। शैरी ने बताया की उनके पिता श्री बीएस ऋषि ने जिप्सी साउंड की शुरुआत की टी। उसके बाद इनहोने अपने पिता के सपने क इस मुकाम तक पहुंचाया ओर जिप्सी स्टुडियो की शुरुआत की।

उन्होने बताया की स्टुडियो में जहां नए उभरते कलाकारों के लिए संगीत प्रोड्यूस किया जाएगा वहीं उभरती पीढ़ी के मूसिक प्रॉडक्शन ओर डीजे की ट्रेनिंग दी जाएगी।इस स्टुडियो में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।