आईएफएफआई 53 का फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर पुरस्‍कार मैगास्टार चिरंजीवी को 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो,21 नवम्बर :

            सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि चिरंजीवी। जी हां, 2022 के लिए आईएफएफआई का इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड मैगास्टार और अभिनेता-निर्माता चिरंजीवी कोनिडेला को दिया जाता है। केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आईएफएफआई के 53वें संस्करण के रविवार को गोवा में भव्य उद्घाटन के मौके पर यह घोषणा की।

            4 दशकों से अधिक के शानदार फिल्मी करियर में, चिरंजीवी ने तेलुगु में 150 से अधिक फीचर फिल्मों के साथ-साथ हिंदी, तमिल और कन्नड़ में कुछ फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें तेलुगु सिनेमा के सबसे सफल और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक माना जाता है।उन्होंने 1982 में इनिट्लो रामय्या वीडिलो कृष्णाय्या में अपने प्रदर्शन के साथ जनता की कल्पना पर कब्जा कर लिया। उनकी अपने दिलचस्‍प नृत्य प्रदर्शन और शक्ति से भरपूर लड़ाई के दृश्यों के लिए सराहना की जाती है। उनके प्रभाव ने उन्हें मैगास्टार की उपाधि दिलाई।भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए 2006 में  उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

            आईएफएफआई के उद्घाटन समारोह में मंच पर केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन की उपस्थिति में इस पुरस्कार की घोषणा की। यह पुरस्‍कार पसंदीदा मेगास्टार को सिनेमा में उनके योगदान, लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्य के लिए मान्‍यता प्रदान करता है।

            जाने-माने अभिनेता को बधाई देते हुए, केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि चिरंजीवी का लगभग 4 दशकों का एक शानदार करियर रहा है, जिसमें एक अभिनेता, नर्तक और निर्माता के रूप में 150 से अधिक फिल्में शामिल हैं। दिल को छू लेने वाले प्रदर्शन!” सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, “दिल को छू लेने वाले अविश्वसनीय अभिनय से, वह तेलुगु सिनेमा में बेहद लोकप्रिय हैं।वहीदा रहमान, रजनीकांत, इलैयाराजा, एसपी बालासुब्रह्मण्यम, अमिताभ बच्चन, सलीम खान, बिस्वजीत चटर्जी, हेमा मालिनी और प्रसून जोशी जैसे फिल्मी दिग्गजों को पहले इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

अभिनेत्री पायल गोगा कपूर अब मुंबई के ‘सोशल मीडिया” नाटक के बाद ‘जय श्री राम'(रामायण) नाटक में दिखेंगी

शर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई :

          हर प्रकार के विभिन्न नाटकों में मंचन करनेवाली प्रतिभाशाली अभिनेत्री व सुप्रसिद्ध अभिनेता गोगा कपूर की बेटी पायल गोगा कपूर ने ज्यादातर नाटकों में,कुछ फिल्मों में व कुछ धारावाहिकों में काम किया है और अपनी प्रतिभा को एक अलग मुकाम तक पहुँचाया है। उन्हें नाटक के दर्शकों से मिलनेवाली लाइव प्रतिक्रिया व स्टेज शो काफी पसंद है,इस कारण उन्होंने नाटकों में ज्यादा काम किया और कुछ लोग ‘नाटक क्वीन'(थिएटर क्वीन) भी कहते है।

            अभी पिछले हफ्ते उनके रूही जे अब्बास द्वारा निर्मित और संजय झा द्वारा लिखित हिंदी पारिवारिक कॉमेडी नाटक ‘सोशल मीडिया’ (बचके रहना रे बाबा) का सुपरहिट शो हुआ। जिसमें वे विंदू दारा सिंह की बीबी बनी है। उसमें पायल के कैरेक्टर के कई सेड है।उसके बारे में पायल गोगा कपूर कहती है,” यह बहुत ही अच्छा शो रहा। इसे हमलोग इसका शो पूरे देश व विदेश में करने वाले हैं। इसमें मै शुरू से लास्ट तक हूँ और कैरेक्टर में काफी वेरायटी है, जिसे बताकर मैं इसे लीक नहीं करना चाहती हूँ।”

              इस हफ्ते पायल के नए नाटक ‘जय श्री राम'(रामायण)का शो है’, जोकि पुनीत इस्सर द्वारा प्रजेंट है और सिद्धांत इस्सर द्वारा निर्देशित नाटक है। इस बारे में पायल कहती है,”यह ढाई घंटे का शो है, जिसमें पूरी रामायण को दिखाया है। इसमें मैं रावण की बहन सूर्पनखा की भूमिका निभाया है, लेकिन इसमें अलग तरह की कैरेक्टर है। इसमें नार्मल और खूबसूरत दिखती हूँ ना कि बड़े दाँत वाली डरावनी असुर लगती हूँ। अच्छा और थोड़ा डिफरेंट तरह की सूर्पनखा हूँ। इसमें कुछ लोगों को छोड़कर किसी का भी रोल लंबा नहीं है।”

          पायल गोगा कपूर का शाहबाज़ खान के साथ का एक उर्दू प्ले ‘दाग ओ हिजाब’ था , जोकि गुरुवार को ज़ी थिएटर चैनल पर भी प्रसारित हुआ। इससे पहले कई फिल्मों,धारावाहिकों व विज्ञापन फिल्मों में काम कर चुकी हैं।अब जल्द ही दो वेब सीरीज़ में दिखेंगी।अपने भविष्य की योजना के बारे में पायल कपूर कहती है,”अब मैं अपना पूरा फोकस फ़िल्म व धारावाहिकों पर करने जा रही हैं।मैं भविष्य में भी एक अच्छे आर्टिस्ट के तौर पर अपनी पहचान बनाये रखना चाहती हूँ और अपने माँ बाप के नाम को रोशन करना चाहती हूँ,हमारे माँ बाप ही हमारे भगवान है। जीवन में अच्छे काम करते रहना है।”

सतिंदर सरताज का नया रोमांटिक गीत  ज़रा फासले ते रिलीज़ , सुनिए प्यार व खूबसूरती से भरे बोल 

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :

            जब भी कोई सतिंदर सरताज शब्द बोलता है तो एक अद्भुत सुरीली आवाज दिल को आकर्षित करती है। कई हिट फ़िल्म व  गाने देने के बाद अब रिलीज हो रहा है  ज़रा फासले ते साॅन्ग निस्संदेह ये दिखाता है कि यह अपने प्यार भरे जज्बातों से दर्शकों के दिलों पर राज करेगा। 

            सरताज अपने गीतों के जरिए नैतिकता के सिद्धांतों की पैरवी कर रहे हैं। इसके साथ ही वह बाकी सिंगर्स, लेखक को आगे बढ़ने और इसका पालन करने और दर्शकों के प्यार का स्वाद चखने का मार्ग प्रशस्त कर  रहे हैं। सरताज के बड़ी संख्या में प्रशंसक उनकी अच्छाई, निष्ठा और वे जो लिख रहे हैं, गा रहे हैं और रचना कर रहे हैं उसके गूढ़ ज्ञान का प्रमाण है। सरताज की रचनात्मकता हमेशा एक अलग स्तर को छूती है और नए मानक स्थापित करती है। उनके प्रोजेक्ट हर बार गहरे अर्थ, मूल्यों और दर्शकों को विस्मित करते हैं।

            सरताज के अनुसार युवाओं की मानसिकता को अच्छे और बुरे गीतों की पहचान करनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक दर्शक अच्छे गानों की मांग करें  ,जो संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और प्रकृति के करीब हैं। इससे ग्लैमराइज्ड, अल्कोहलिक या गैंगस्टर गानों पर खुदबखुद  रोक लगेगी। 

            इस गाने को सतिंदर सरताज ने गाया, लिखा और कंपोज किया है। म्यूजिक बीट मिनिस्टर ने दिया है और वीडियो रिक्की  ने डायरेक्ट किया है। गाने को  को  जुगनू ग्लोबल के लेबल के तहत रिलीज किया गया है। यह गाना दर्शकों के दिलों को जरूर छुएगा।

तानिया और गुग्गू गिल के साथ एम्मी विर्क की अपनी आने वाली फिल्म ‘ओए मखना’

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ –  1 नवम्बर : 

            तानिया और गुग्गू गिल के साथ एम्मी विर्क ने अपनी आने वाली फिल्म ‘ओए मखना’ से पहले नेक्सस एलांते कोर्टयार्ड में प्रस्तुति दी। अपने चहेते सितारों की एक झलक पाने के लिए फैन्स काफी संख्या में जमा हो गए थे। स्टार कास्ट ने अपने डायलॉग्स और गानों से वहां मौजूद दर्शकों का खूब मनोरंजन किया, जिसे देखकर फैन्स ने खूब तालियां बजाई।

देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहा म्हारा छोरा अखिल शर्मा इसमाइलपुर 

मलेशिया में होने जा रही यूएन की संस्था बेस्ट डिप्लमैटस की कॉन्फ़्रेन्स में हुआ चयन 80 देशों के प्रतिनिधि लेंगे भाग

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर : 29 अक्तूबर :

            यमुनानगर के गाव ईसमाईलपुर निवासी अखिल शर्मा का चयन वैश्विक मुद्दों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की बेस्ट डिप्लमैट्स संस्था की चार दिवसीय कॉन्फ़्रेन्स जनवरी में मलेशिया में होगी जिसमें शहर के जाने माने परथिष्ठित परिवार के सदस्य पूर्व ज़िला जज  शिवा शर्मा इस्माइलपुर के भतीजे व युवा समाजसेवी अधिवक्ता अखिल शर्मा का चयन एक परीक्षा के माध्यम से हुआ है।

            जानकारी देते हुए उनके भाई अधिवक्ता निखिल शर्मा ने बताया कई महीने के परिश्रम का ही फल है जो हमारे शहर के होनहार बेटे का चयन हुआ है जो अपने परिवार की भाँति देश ओर यमुनानगर का नाम रोशन करने जा रहा है वैश्विक समस्याओं को लेकर होने जा रही इस कॉन्फ़्रेन्स में 80 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे जो 4 दिन तक चलेगी अखिल पहले भी हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय में अपना लोहा मना चुका है ज़िले के सबसे शिक्षित परिवार से सम्बंधित अखिल के परिवार से आइएस आइपीएस जज डीजीपी आदि रह चुके है अखिल स्वयं LLB Llm करने के पश्चात अब  phd के छात्र है हम आशा करते है वो इतने बड़े मंच पर देश प्रदेश ज़िले का नाम रोशन करेंगे।

फर्जी ट्रेवल एजेंटों के राज खोलेगी राहदारियां

प्रोड्यूसर मीनार मल्होत्रा की जल्द रिलीज होने वाली वेब सीरीज करेगी आए आम लोगों को सावधान

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :  

फर्जी ट्रेवेल एजेंट विदेश जाने के इच्छुक लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगते है और उनको मुसीबत में फंसा देते हैं। देश की इस बड़ी समस्या की कुछ ताज़ी घटनाओं से प्रेरित ऐसी ही सीरीज है राहदारियाँ। जिसे आम लोगो को सावधान करने के उद्देश्य से लेकर आएं हैं प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और लेखक मीनार मल्होत्रा। 

वेब सीरीज राहदारियां  उन फर्जी एजेंट माफिया पर आधारित है जो झूठे वीजा और शादी के नाम पर लोगों को ठगते हैं व  इनसे कैसे बचना चाहिए।  इस सीरीज की खूबी है कि इसको पंजाब के भुक्तभोगी युवाओं की स्टडी करके तैयार किया गया है बताया मीनार मल्होत्रा ने ।

शिवालिक पब्लिक स्कूल जैतो में मनाया गया दीपावली पर्व

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो  –  22 अक्तूबर :

शिवालिक पब्लिक स्कूल जैतो में आयोजित दीपावली प्रोग्राम की झलकियां : पराशर

            शिवालिक पब्लिक स्कूल जैतो में दीपावली के अवसर पर  विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।  नर्सरी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने मोमबत्तियों, दीयों और थालियों को अलग-अलग तरीकों से सजाना, पोट सजाना, कांच की पेंटिंग, बंधन बार और रंगोली बनाना आदि विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। दीपावली के इस पावन अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने स्कूल को बहुत ही खूबसूरती से सजाया।

            स्कूल कोआर्डिनेटर प्रियंका मेहता ने शिवालिक परिवार के सदस्यों को इस पर्व की बधाई देते हुए कहा कि हमें प्रदूषण मुक्त दिवाली मनानी चाहिए।  ऐसे अच्छे प्रयास करके जहां हम अपनी मानवता के प्रति अपने सामाजिक कर्तव्य का निर्वाह कर रहे हैं, वहीं अन्य लोगों को भी जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।हमें पर्यावरण को स्वच्छ और शुद्ध रखने में मिलकर सहयोग करना चाहिए।  दिवाली के दिन हम सभी को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।पटाखे खरीदने के बजाय, उस पैसे का उपयोग गरीब और जरूरतमंद लोगों तक जरूरतमंद चीजों को पहुंचाने और उनकी दिवाली को खुश करने के लिए करें।

            स्कूल समन्वयकों, शिक्षकों और प्रबंधक समिति के सदस्यों ने हरित दिवाली मनाने का संकल्प लिया।

            स्कूल प्रबंधक समिति के सदस्यों ने शिवालिक परिवार के सदस्यों को उपहार देकर दीपावली की बधाई दी और स्कूल में शिक्षकों द्वारा की गई सजावट की सराहना की।

मैंने अपनी फिल्म के लिए 20 प्रोजेक्ट ठुकराए : यशपाल शर्मा 

  • ट्रेलर लॉन्च के मौके पर हुए पत्रकारो से हुए रूबरू

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 19 अक्तूबर :

            दादा लखमी के साथ निर्देशक बने अभिनेता यशपाल शर्मा इस बात से खुश हैं कि उनकी पांच साल की मेहनत रंग लाई है क्योंकि उनकी फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। 

            दादा लखमी फिल्म पंडित लखमीचंद के संगीतमयी यात्रा पर आधारित है। जिसको हाल में ही माननीय राष्ट्रपति द्वारा “राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार” से, सर्वोत्तम हरियाणवी फिल्म के रूप में पुरुस्कृत किया गया है। इसके अतिरिक्त 63 से जयादा अंतराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है। ये हरियाणा की एक मात्र फिल्म है जो आज तक के इतिहास में कांस फेस्टिवल में 2021 में कोरोना की वजह से ऑनलाइन प्रदर्शित की गयी। ये फिल्म लगभग 300 लोगो की 6 साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है। पंडित लखमीचंद जिला सोनीपत गांव जाटी से हरियाणा के लोक कलाकार थे।

            वह कभी स्कूल नहीं गए। लेकिन वह हरियाणा के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक थे ।

वह हरियाणा के शेक्स्पीयर, कबीरदास, भविष्य वक्ता, सांग सम्राट और सूर्य कवि के नाम से प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 1903 में हुआ था और 1945 में उनका निधन हो गया था। छोटी उम्र में ही वह इतने प्रसिद्ध हो गए थे कि लोग 50-50 मील से बैलगाड़ी पर उनकी रागिनी सुनने और सांग देखने के लिए आया करते थे। वह एक अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, गायक, नर्तक, सच में कहा जाये तो वो ऑल राउंडर थे। फिल्म में उनके महान बनने से पहले के संघर्ष को दिखाया गया है. असल में गागर में सागर बोला जाये तो फिल्म का निचोड़ इन दो पंक्तियों में समा जाता है।

दादा लख्मी – (पंडित लख्मी चंद की संगीतमय यात्रा – बायोपिक)

            यशपाल शर्मा, मेघना मालिक, राजेंद्र गुप्ता, सुमित्रा हुड्डा, राजू मान, रवि चौहान, हितेश शर्मा, योगेश वत्स, मुकेश मुसाफिर, सतीश कश्यप, योगेश भरद्वाज, सोनम स्टोबगाइस, तनिष्क चौधरी, हर्षित राजावत, मीना मलिक, गिरिजा शंकर, योगेश मोदी, प्रतिभा शर्मा, सुंदेशा, अल्पना सुहासिनी, राजेंद्र भाटिया, नवीन कुमार, रवि झांधु, रामपाल बल्हारा, रमा बल्हारा, अंकित भारद्वाज, अमित पहल, रोहित बच्ची, साहिल बाजवा, विक्रम मलिक, गोपाल शंकर, जगत परदेसी, अल्पना शर्मा रेनू,

“ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को नीरी एप से स्कैन करके इनकी पहचान की जा सकती है”

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता। चण्डीगढ़ :

            नीरी (नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इस्टीट्यूट), भारत सरकार की कोशिश है कि पटाखों के चलते प्रदूषण कम हो। इसलिए बेरियम नाइट्रेट और रेडलेड आक्साइड का उपयोग पटाखों में नहीं किया जा रहा। दीपावली के आसपास हवा की रफ्तार धीमी होती है। पटाखों में इन केमिकल के उपयोग से कार्बन डाईआक्साइड के कण कम ऊंचाई पर ही मौजूद रहते हैं। इसलिए सांस के साथ यह कण शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं, जोकि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। ये उपयोगी जानकारी दी जाने-माने लाइफस्टाइल एक्सपर्ट व पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एचके खरबंदा ने। उन्होंने बताया कि ग्रीन पटाखों में इन केमिकल की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत तक कम प्रदूषण होता है। यही वजह है कि नीरी ग्रीन पटाखों के उत्पादन के पक्ष में है। इसलिए उत्पादकों को ग्रीन पटाखों के लोगो अनिवार्य रूप से लगाने के आदेश दिए हैं। 

            ग्रीन पटाखे न सिर्फ आकार में छोटे होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने में रॉ मैटीरियल (कच्चा माल) का भी कम इस्तेमाल होता है। इन पटाखों में पार्टिक्यूलेट मैटर का विशेष ख्याल रखा जाता है ताकि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण फैले। ग्रीन क्रैकर्स से करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर निकलता है जबकि 10 प्रतिशत गैसें उत्सर्जित होती है। ये गैसें पटाखे की संरचना पर आधारित होती हैं। ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को NEERI नाम के एप से स्कैन करके इनकी पहचान की जा सकती है।

शहरवासियों ने जाना आठ राज्यों की नृत्य कला, लोक गीत, लोक वाद्यों को

लोक नृत्य उत्सव आयोजित

* संगीत और वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि से गुंजायमान हुआ इंद्रधनुष सभागार

* लोकनृत्य उत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक आदान प्रदान करना संस्कार भारती की एक अनूठी पहल,  कहा संस्कार भारती, पंचकुला के अध्यक्ष सुरेश गोयल ने

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला 15 अक्टूबर :

            अखिल भारतीय कला क्षेत्र के संगठन संस्कार भारती की पंचकूला इकाई द्वारा भारत के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के सहयोग से इंद्रधनुष ऑडिटोरियम, पंचकूला में  लोक नृत्य उत्सव का आयोजन किया गया, जिससे शहरवासियों को आठ राज्यों की नृत्य कला, लोक गीत, लोक वाद्यों को जानने व समझने का अवसर प्राप्त हुआ।

            इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर पंचकूला विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने शिरकत की। इस दौरान उनके साथ संस्कार भारती के उत्तर क्षेत्र प्रमुख श्री नवीन शर्मा, पंचकूला इकाई के अध्यक्ष सुरेश गोयल, मंत्री सतीश अवस्थी तथा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के निदेशक फुरकान खान व नगर निगम के मेयर कुलभूषण गोयल, शहर के जाने-माने व प्रतिष्ठित कलासाधक जैसे पंजाब की लोक गायिका और संस्कार भारती पंजाब प्रांत की अध्यक्षा सुखमिंदर कौर बराड़, शास्त्रीय गायक पण्डित अरविंद शर्मा, चित्रकार रवीन्द्र शर्मा, गज़ल व भजन गायक कुंवर जगमोहन प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री सुदेश शर्मा व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इनके अलावा संस्कार भारती के अन्य सदस्यों में मयंक बिंदल, अनिल गुप्ता, नरेश चौधरी, डॉ० प्रतिभा माही, मीनाक्षी जैन, मीनू अलावदी, मोनिका गहलावत, सुरेश सिरसवाल, दीपक गोयल तथा योगेश सिंगला उपस्थित थे।

            कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के तौर पर पंचकूला विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्रीमान फुरकान खान, निदेशक  एनज़ेडसीसी पटियाला ने दीप प्रज्वलित करके की। जिसके उपरांत इस भव्य उत्सव में आठ राज्यों त्रिपुरा,मणिपुर,असम, पंजाब, हरियाणा, लेह-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम के सांस्कृतिक लोककला के कलासाधकों ने अपने राज्य मे प्रचलित लोकगीतों, लोकवाद्यों और लोकनृत्यों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, साथ ही कार्यक्रम में हरियाणा राज्य की सांस्कृतिक प्रदर्शन की भी झलकी देखने को मिली। कलाकारों की एक के बाद एक नृत्य कला प्रस्तुति ने दर्शकों का समां घंटों बांधे रखा और उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। त्रिपुरा के कलाकारों ने होज़गीरी, मणिपुर ने पुंगचोलम/थांगता, लाई हराओब, सिक्किम ने तमांग सेलो,, हिमाचल प्रदेश ने गद्दी नटी, लेह- लद्दाख ने जबरू, पंजाब ने झूमर नृत्य की प्रस्तुति से सभी कदिल जीत लिया। इतना ही नही,  संगीत की मधुर ध्वनि ने पूरे वातावरण सहित सभागार को अपने में समा लिया।

            पंचकूला विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की कलाओं में जीवंतता है। ये सबको अपने साथ जोड़ लेती हैं। लोककला तो हमारी मिट्टी की खुशबू है, हमारे कला-इतिहास की वो थाती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी समाज को संस्कारित और शिक्षित करती आ रही है। ये समाज की वो जागरूक कला है जो कहीं भी किसी भी समय अंतरात्मा को झकझोर देती हैं। उन्होंने कहा कि लोक कलाएं हमारे राष्ट्र जीवन की आत्मा की अभिव्यक्ति है। इन लोक कलाओं में ही भारत के प्राण बसते हैं। संस्कार भारती की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कि संस्था कलाओं के माध्यम से संस्कारों को परिष्कृत करने में समाज में संस्कार जागरण का कार्य कर रही है। श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम के आयोजन से शहर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। इस दौरान उन्होंने प्रस्तुति देने आए सभी ककारों का अभिनंदन किया।

            इस अवसर पर संस्कार भारती, पंचकुला के अध्यक्ष सुरेश गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अंतर्गत संस्कार भारती का यह अनूठा  प्रयास है। इससे विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक एकता को तो बल मिलेगा ही, साथ ही समाज को भी एक-दूसरे के सांस्कृतिक वैभव व कला-साहित्य के कलात्मक दर्शन हो सकेंगे।

            उन्होंने कहा कि  संस्कार भारती कला क्षेत्र का अखिल भारतीय संगठन है जो एक साथ आठ कला-विधाओं में कार्य कर रहा है, उन्हीं कला विधाओं में से एक कला विधा है ‘लोककला विधा’ जिसके अंतर्गत हम प्रत्येक राज्य की वैभव सम्पन्न तथा कला- इतिहास से सिंचित लोकगीतों, लोक वाद्यों और लोक नृत्यों का संरक्षण व उसके संवर्धन का प्रयास करते रहते हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी कला को परिष्कृत करने के प्रयास कर रहे लाखों कलाकार व प्रतिष्ठित कलासाधक संस्कार भारती से जुड़कर अपने सपनों के गौरवशाली भारत के निर्माण के लिए समाज जागरण करने हेतु कलात्मक सहयोग कर रहे हैं। हमें  पूरा विश्वास है कि इस क्षेत्र के सभी कलाप्रेमी, कलावंत और समाज के सभी लोग इस कार्यक्रम से बहुत कुछ समझेंगे होकर कलासाधकों का सम्मान करेंगे।

            फुरकान खान, निदेशक  एनज़ेडसीसी पटियाला ने कहा कि सरकार की योजनानुसार हम भारत की कला के लिए समर्पित हैं और कला और कलासाधकों के उत्थान के लिए समग्र प्रयास जारी हैं।

इस कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध पंजाबी लोक कलाकार संजीव शाद ने किया।