अलगाववादी संगठनों पर कसा शिकंजा

नई दिल्‍ली: 

आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया. केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन JKLF (जम्‍मू कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट) पर प्रतिबंध लगा दिया है. कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में ये फैसला किया गया. सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत ये कार्रवाई की है.

यासीन मलिक पर आरोप है कि 1994 से भारत विरोधी गति‍विधियां चलाते थे. वह देश के पासपोर्ट पर पाकिस्‍तान जाते और वहां पर देश विरोधी गतिविधि‍यों में लिप्‍त रहते थे.  इससे पहले मोदी सरकार ने जमाते इस्‍लामी पर भी प्रति‍बंध लगाया था. बैन लगाने के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में गृह सचिव ने कहा, जेकेएलएफ देश की सुरक्षा के लिए खतरा है.  उन्होंने बताया कि संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसके प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं.

1988 से हिंसा में शामिल
सरकार ने इस पर बैन लगाते हुए कहा है कि ये संगठन घाटी में 1988 से हिंसा में शामिल है. गृह सचिव के अनुसार, कश्‍मीरी पंडितों को घाटी से भगाने का मास्‍टर माइंड यासीन मलिक ही है. उसका संगठन कश्‍मीर में पत्‍थरबाजों को पैसे देता है. वह इसके लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग करता है.

पूरी घाटी में तिरंगे का विरोध करते थे
यासीन मलिक की गिनती उन अलगाववादी नेताओं में होती है, जो घाटी में भारत विरोधी गत‍िव‍िधियों को हवा देते हैं. वह घाटी में त‍िरंगा के खि‍लाफ अभियान चलाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यासीन मलिक जैसे नेताओं पर बहुत पहले बैन लगाया जाना चाहिए था. लेकिन ये बहुत देर में हुआ है. यासीन मल‍िक को सरकार ने करोड़ों रुपए देकर पाला है.

जमात ए इस्‍लामी को कि‍या था बैन
28 फरवरी को केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (JIA) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि जम्‍मू कश्‍मीर के राजनीतिक दल इस पर बैन हटाने की मांग लगातार कर रहे हैं. गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. केंद्र के निर्देश पर अलगाववादी संगठनों और उनके नेताओं पर कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियां भी जब्त कर लीं या सील कर दीं.

हुरियत नेता गिलानी पर कसा शिकंजा, फेमा के तहत मामला दर्ज
हुरियत कान्फ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है. ईडी ने शुक्रवार को बताया कि गिलानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरोपित किया गया है. ईडी निदेशक संजय मिश्रा ने कहा कि गिलानी के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से बिना हिसाब-किताब की विदेशी मुद्रा जब्त करने के बाद उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.

‘This is not jihad but jahalat’ Kashmir

Hajin: Village women console the mother of minor boy Aatif Ahmad, who was killed while being held hostage by two alleged LeT militants, during a gunbattle with security forces at Hajin area of District Bandipora of North Kashmir, on Friday, March 22, 2019. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI3_22_2019_000164B)

On Thursday evening, Shareefa Bano stood near an army van, her hands shaking with fear and her dry lips murmuring divine verses, as an army soldier handed a microphone. Another soldier comforted her by placing his hand on her back.

Hours ago, a Pakistani militant from Lashkar-e-Taiba, Ali, active in Hajin belt since 2017, appeared at the Mir’s house in Mir Mohallah and took the family hostage, demanding they bring back one of their daughters who was shifted to Sopore after Ali had started threatening her to get married to him.

On Thursday, the police and army had launched three cordon and search operations (CASO) in Hajin belt and during one such operation, they arrived at the Mir’s house.

As forces cordoned off the house, two Pakistani militants, Ali and Hubaib, both affiliated with the Lashkar-e-Taiba (LeT) militant outfit, took 12-year-old Atif Mir, a Class 6 student, and his uncle Abdul Hamid Mir, hostage.

“For Allah’s sake, for the sake of Prophet Mohammad (PBUH), please let them go. I appeal to you, I used to give you food. Please, for Allah’s sake, let them go. Let my husband and child go,” Shareefa cried in Kashmiri on the microphone.

There was no response from the other side.

Much before the gunfight started on Thursday evening, the family had met a militant group, asking for their help to persuade their colleague against marrying their daughter. “They told us to solve the dispute among ourselves,” a relative said.

The gunfight broke after the forces failed to get the two members of the family out. When the initial exchange of fire started, one militant was injured, a police officer said. Abdul, the uncle, managed to jump out of the window and was rescued by the police. But the militants kept the 12-year-old boy hostage, until he died, along with them.  Yasir

Around a dozen of Shareefa’s family had managed to give a slip to militants but two were stuck inside for hours. The day-long encounter in Hajin in northern Kashmir ended on Friday morning. Hajin was once a bastion of pro-government militia Ikhwan, but in recent years it has become a hub of Pakistani militants.

This was the first time in a decade that a child was held hostage by militants. At the funeral, the villagers seemed visibly angry and openly criticised Pakistani militants for using the boy as a human shield and refusing to let him go.

“This was a chance encounter. We rescued six civilians with the help of the mohalla committee. When the team went to the third floor, the militants opened fire on them,” said Rahul Malik, SP, Bandipora, under whose jurisdiction Hajin lies.

“The child was killed on Thursday evening only. The terrorists killed him inside,” Malik added.sday. Sameer Yasir

Mohammad Shafi Mir, the father of the child, said the family members were taken to the encounter site by the army to convince the militants to let the child go but that did not help. “There was no response from the militants’ side,” he said.

“The boy was being held hostage by Ali. He did not allow the boy to go and before we stormed the building, he killed the boy,” Malik said, adding, “We showed a lot of patience for nine hours but they did not relent and killed the boy.”

A video featuring the child’s uncle went viral in Kashmir after the gunfight ended. “This is not jihad (crusade) but jahalat (ignorance),” the uncle was heard shouting towards the house where the militants were trapped. The videos of both the mother and uncle surfaced on social media, showing them pleading with the militants to release Atif Mir and his uncle.

चीनी उत्पाद खरीदना और इस्तेमाल करना भारत की मजबूरी: चीनि मीडिया

हाल ही में चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में चौथी बार मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने पर वीटो का उपयोग करने और एक लम्बे अर्से से पाकिस्तान की हर प्रकार की मदद करने पर चीन के प्रॉडक्ट्स के बॉयकॉट की उठी थी. चीनी सामानों के बहिष्कार पर चीन की मीडिया ने भारत पर तंज कसा है. चीन की अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री अभी भी अविकसित है और इसमें प्रतिद्वंद्विता की क्षमता नहीं है. यही कारण है कि भारत में बॉयकॉट चाइनीज प्रॉडक्ट्स मुहिम अब तक असफल रहा है.

सोमवार को प्रकाशित एक ब्लॉग में कहा गया है, कुछ भारतीय विश्लेषक मेड इन चाइना प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं. खासकर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को यूएन में चीन द्वारा रोके जाने के बाद #BoycottChineseProducts ट्विटर पर काफी लोकप्रिय हो गया है. लेकिन इतने सालों से बॉयकॉट का प्रयास असफल क्यों रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत खुद प्रॉडक्ट्स का उत्पादन नहीं कर सकता है. इसमें आगे कहा गया है, पसंद करें या नहीं, उन्हें अभी भी चीन में बने सामानों का इस्तेमाल करना पड़ेगा क्योंकि भारत की अभी भी बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की क्षमता कम है.

वहीं आतंकवादी मसूद अजहर को लेकर चीन के प्रति गुस्सा प्रकट करने के लिए देश के व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आवाहन पर आज दिल्ली सहित देश भर के विभिन्न राज्यों में व्यापारी संगठनो ने 1500 से अधिक स्थानों पर चीनी वस्तुओं की होली जलाई और चीन के बने सामान का बहिष्कार करने का संकल्प लिया. साथ ही सरकार से चीन के आयात पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की. अखबार ने कहा, भारत के भीतर मौजूद ताकतें ही देश में सुधारों की प्रक्रिया को रोक रही हैं.

न भूले हैं, न भूलेंगे: अजित डोवाल

डोभाल ने कहा ‘हमें क्या करना चाहिए ? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए ? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि देश का नेतृत्व आतंकवाद के किसी भी कृत्य और इसे बढ़ावा देने वाले लोगों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 80वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में डोभाल ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भारत न तो भूला है और न ही भूलेगा. 14 फरवरी को हुए इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे.

उन्होंने कहा ‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि देश का नेतृत्व इस तरह के (पुलवामा जैसे) आतंकी हमलों से और इसे बढ़ावा देने वालों से कारगर तरीके से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.’ डोभाल की, पुलवामा हमले के जवाब में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका मानी जाती है. पुलवामा हमला बीते तीन दशक में कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए भीषण हमलों में से एक है.

डोभाल ने कहा ‘हमें क्या करना चाहिए ? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए ? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है. देश हर तरह की चुनौती से निपट सकता है और इसके लिए हमारे अंदर साहस है.’

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह ‘बेहद त्रासदीपूर्ण घटना थी.’ उन्होंने कहा कि देश इन जवानों और इनके परिवारों का हमेशा ही ऋणी रहेगा.

डोभाल ने सीआरपीएफ से पीछे मुड़ कर न देखने और अतीत को लेकर चिंतित न होने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने बल से पेशेवर रूख अपनाने, विश्वसनीय प्रशिक्षण और शारीरिक क्षमता पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा ‘अगर आपका मनोबल ऊंचा है तो देश का भविष्य सुरक्षित है.’

डोभाल ने कहा ‘CRPF को शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभानी है. देश का प्रमुख अंदरूनी सुरक्षा बल होने के नाते CRPF के कंधों पर अपने दायित्व का निर्वाह करने की बड़ी जिम्मेदारी है.’’

ब्रिटिश शासन के दौरान 1939 में ‘क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव्स पुलिस’ के तौर पर CRPF की स्थापना की गई थी. देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में इस बल को युद्ध और शांति के दौरान देश में दी गई सेवाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान दिया. फिलहाल सीआरपीएफ में तीन लाख कर्मी हैं.

चीन देगा पाक को अत्याधुनिक ड्रोन

भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए चीन अब पाकिस्तान की मदद करने को आगे आया है। अमेरिका द्वारा दिये गए F-16 विमान के धरशाही होने के बाद से अमेरिकी सुरक्षा अजेंसियों द्वारा पाकिस्तान को लताड़ लगाए जाने के बाद अब चीन पाकिस्तान का खेवन हार बन कर आगे आया है।

नई दिल्लीः बालाकोट के टेरर कैंपों में भारतीय वायुसेना की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक से परेशान पाकिस्तान ने चीन से बेहद आधुनिक रेनबो सीरीज के CH4 और CH5 कॉम्बैट ड्रोन्स खरीद रहा है .ख़ुफ़िया एजेंसीज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर में भी ड्रोन्स की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है जिससे वो लाइन ऑफ कंट्रोल समेत अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर निगरानी बढ़ा सके. रिपोर्ट के मुताबिक बालाकोट में जैश के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना को चीन रेनबो (Rainbow) सीरीज के अत्याधुनिक ड्रोन्स (Drones) की सप्लाई करेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक़ कॉम्बैट ड्रोन्स रेनबो CH4 करीब  5 हज़ार किलोमीटर दूर तक के टारगेट पर नज़र रख सकता है और करीब 40 घंटे तक आसमान में रह कर अपने साथ 400 किलोग्राम तक का विस्फोटक के साथ किसी भी टारगेट को नष्ट कर सकता है. जबकि रेनबो CH5 अपने साथ एक हज़ार किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है और 60 घंटे तक आसमान में रह सकता है. ये ड्रोन्स करीब 17 हज़ार फ़ीट की हाइट पर उड़ सकते है.

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तानी वायु सेना और सेना में इन ड्रोन्स के शामिल हो जाने के बाद पाकिस्तान कॉम्बैट ड्रोन्स के जरिये भारत मे डीप पेनेट्रेशन कर सकता है यानी इन ड्रोन्स की मदद से भारत मे काफी अंदर तक दाख़िल होकर किसी भी टारगेट को हिट कर सकता है.

रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने इजरायल से 54 ‘Harop’ कॉम्बैट ड्रोन्स खरीदने का फैसला किया है भारतीय वायु सेना के पास ऐसे 110 कॉम्बैट ड्रोन्स पहले से हैं. लेकिन पाकिस्तान के पास अब तक लंबी दूरी तक मार करने वाले  कॉम्बैट ड्रोन्स नही थे. 

देखा जाए तो चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती किसी से छुपी नही है .चीन लगातार पाकिस्तानी सेना की मदद करने में लगा हुआ है और टैंक से लेकर,फाइटर प्लेन,वॉर शिप और परमाणु पनडुब्बियों की मदद कर रहा है जिससे भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Emerging Dynamics of INDO-PAK relations: a seminar

Chandigarh March 15, 2019

            Department of Defence and National Security Studies, Panjab University, Chandigarh and Gyan Setu Think tank is organizing national seminar on Emerging Dynamics of INDO-PAK relations as per schedule below:-

Venue:            Rajiv Gandhi College Bhawan

Date:               18.3.2019

Time:               11.00 am

वाड्रा तो महज़ मुखौटा है, विवादित जमीनी सौदों के पीछे राहुल हैं: समृति

सोनिया गांधी की शैक्षणिक (पाँचवीं पास का झूठा प्रतिज्ञा पत्र देने पर) योग्यताओं पर कोर्ट केस झेल चुकी कांग्रेस के प्रवक्ता सुरजेवाला समृति ईरानी के बारे में मानना है की अयोग्य और अशिक्षित व्यक्ति के मंत्री बनने पर यही सब होता है.

भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा पर जमीन सौदे से जुड़े कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. बीजेपी ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी ने भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप देने का काम किया है, जो अब पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित करता है.

मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने  कहा कि राबर्ट वाड्रा विवादास्पद जमीन सौदे के संबंध में महज मुखौटा हैं और उनके साले राहुल गांधी असली चेहरा हैं.

वहीं, इन आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हार को भांपते हुए प्रधानमंत्री मोदी और उनके चहेते पूरी तरह से बेबुनियाद और फर्जी आरोप लगा रहे हैं. पार्टी ने कहा कि यह बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है.

स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश में भ्रष्टाचार की जननी रही है. अब तक यह माना जा रहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में हथियार डीलर संजय भंडारी के संबंध केवल रॉबर्ट वाड्रा से ही थे लेकिन अब देश की जानकारी में यह भी आ गया है कि ये संबंध रॉबर्ट वाड्रा के साले साहब राहुल गांधी तक भी पहुंचते हैं.

उन्होंने दावा किया, ‘UPA सरकार के दौरान पेट्रोलियम और रक्षा सौदों की जांच में पैसों का लेन-देन न केवल रॉबर्ट वाड्रा तक पहुंचा, बल्कि अब देश यह भी जान गया है कि जीजा जी (राबर्ट वाड्रा) के साथ साले जी (राहुल गांधी) भी इस फैमिली पैकेज भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं.’ केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रहा है और पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से सामने आए तथ्य दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है.

उन्होंने कहा कि नए खुलासों से देश की जनता अब समझने लगी है कि रक्षा सौदों में राहुल गांधी विशेष रुचि क्यों ले रहे हैं. रक्षा सौदों में राहुल की विशेष रुचि महज राजनीति नहीं बल्कि आर्थिक और पारिवारिक भी है. स्मृति ईरानी ने कहा कि पूर्ववर्ती UPA सरकार में रक्षा से संबंधित सौदे और पेट्रोलियम संबंधित सौदे में संजय भंडारी और सी सी थंपी के तार जुड़े हैं.

बीजोपी नेता ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार में जीजा-साले की संजय भंडारी, सी. सी. थंपी और एच. एल. पाहवा के साथ क्या मिलीभगत है, इस पर अब राहुल गांधी को देश की जनता को जवाब देना होगा.

उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एच. एल. पाहवा के यहां तलाशी के दौरान जब्त दस्तावेज से पता चलता है कि राहुल गांधी ने पाहवा से हरियाणा में औने-पौने दाम में कई एकड़ जमीन खरीदी थी.

उन्होंने आरोप लगाया कि एच. एल. पाहवा के साथ जमीन की खरीद-फरोख्त में श्रीमती वाड्रा (प्रियंका गांधी) से संबंधित कागजात भी पाए गए हैं.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी लगाए आरोप 

बाद में BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल संजय भडारी की तरफ से अदालत में पेश हुए थे, इससे विवादित हथियार डीलर और राहुल गांधी के बीच के ‘नापाक गठजोड़ का खुलासा’ होता है.

कांग्रेस ने किया पलटवार

आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्मृति ईरानी पर तंज कसते हुए कहा, ‘किसी अयोग्य और अशिक्षित व्यक्ति के मंत्री बनने पर यही सब होता है.’

‘चौकीदार चोर है’ के बाद ‘मोदी डरपोक है’ राहुल का नया नारा

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चीन द्वारा भारत कि हार से कांग्रेस बहुत खुश जान पड़ती है खास कर राहुल गांधी। राहुल गांधी ने “चौकीदार चोर है” के बाद नया जुमला उछाला है कि “मोदी डरपोक है”। राहुल के मुताबिक मोदी मौन है, चीन ने अज़हर मसूद को फिर से बचा कर अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। अब विडम्बना यह है कि इस बात पर राजनीति करते हुए और राष्ट्र कि हार को मोदी से जोड़ कर देखते हुए राहुल को कोई परेशानी नहीं हो रही। जबकि सच्चाई तो यह है कि यह हार भी ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू’ कि दी हुई है। अब इस मौके पर यदि मोदी कुछ कहते भी हैं तो शायद समूची कांग्रेस पार्टी को ही समझ न आए राहुल कि तो बात ही क्या?? सच है ‘यथा राजा तथा प्रजा’

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के प्रयास में चीन द्वारा अड़ंगा लगाए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरे हुए हैं और चीन के खिलाफ उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है.

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘कमजोर मोदी शी जिनपिंग से डरे हुए हैं. जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठाता है तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है.’ उन्होंने दावा किया, ‘मोदी की चीन कूटनीति , गुजरात में शी के साथ झूला झूलना, दिल्ली में गले लगाना, चीन में घुटने टेक देना रही.’

Weak Modi is scared of Xi. Not a word comes out of his mouth when China acts against India.

NoMo’s China Diplomacy:

1. Swing with Xi in Gujarat

2. Hug Xi in Delhi

3. Bow to Xi in China

दरअसल, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश सरगना अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था.

पाकिस्तान के साथ भारत स्थिति खराब नहीं करेगा, परंतु किसी भी आतंकी हमले का पुन: मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा: सुषमा

सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से आ रहीं सूचनाओं के अनसार पाकिस्तान गुपचुप तरीके से चुनावों के दौरान भारत में अस्थिरता का माहौल बनाने की या फिर एक बड़ा युद्ध थोपने का दु:साहस कर सकता है। ऐसे में हमारी सुरक्षा एजेंसियों को चक चौबन्द रहने का आदेश और सीमा पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही की छूट दे दी गयी है। साथ ही कूटनीतिक प्रयासों में और तेज़ी लायी गई है।
सुषमा स्वराज ने कहा,‘मुझे विदेश मंत्रियों के कॉल आते हैं, जो सबसे पहले पुलवामा हमले पर शोक प्रकट करते हैं फिर एकजुटता प्रकट करते हैं और इसके बाद वे धीरे से कहते हैं कि हमें लगता है भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा.’

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि पुलवामा हमले के बाद उन्होंने कई देशों को अवगत करा दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ हालात को बिगड़ने नहीं देगा लेकिन उस देश से कोई भी हमला हुआ तो वह चुप नहीं रहेगा. 

मोदी सरकार की विदेश नीति पर एक थिंक टैंक को संबोधित करते उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चिंता है कि भारत स्थिति को खराब करेगा और इस मुद्दे पर कई विदेश मंत्रियों के साथ उनका संवाद हुआ. 

उन्होंने कहा,‘मुझे विदेश मंत्रियों के कॉल आते हैं, जो सबसे पहले पुलवामा हमले पर शोक प्रकट करते हैं फिर एकजुटता प्रकट करते हैं और इसके बाद वे धीरे से कहते हैं कि हमें लगता है भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा.’

यह भी: चुनाव के दौरान भारत पर बड़ा युद्ध थोप सकता है पाकिस्तान

स्वराज ने कहा,‘इस पर मेरा जवाब रहता है – नहीं. मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा लेकिन कोई भी आतंकी हमला हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि पुलवामा हमले को हम अपनी नियति नहीं कह सकते.’

‘हम आतंकवाद पर बात नहीं चाहते, हम उस पर कार्रवाई चाहते हैं’ 
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान जब तक अपनी जमीन से चल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तब तक भारत की उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती । उन्होंने ‘बातचीत व आतंकवाद के साथ-साथ नहीं चलने’ पर जोर दिया। 

‘इंडियाज वर्ल्ड: मोदी गवर्नमेंट्स फॉरेन पॉलिसी’ पर बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आईएसआई और अपनी सेना पर नियंत्रण करने की जरूरत है जो बार-बार द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद पर बात नहीं चाहते, हम उस पर कार्रवाई चाहते हैं। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।’

चुनाव के दौरान भारत पर बड़ा युद्ध थोप सकता है पाकिस्तान

खुफिया रिपोर्ट ये है कि मसूद अजहर को डर है कि अगर ऑपरेशन कश्मीर से उसे बाहर निकाल दिया गया तो फिर पाकिस्तान उसकी चापलूसी करना छोड़ देगा। लिहाजा पाकिस्तान आर्मी और मसूद दोनों को एक दूसरे की ज़रूरत है। और दोनों भारत के खिलाफ जंग चाहते हैं।

साभार indiaTV

नई दिल्ली: जिस वक्त देश में आम चुनाव चल रहा होगा उस वक्त पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरफ से एक बड़ा युद्ध थोपा जा सकता है। इस इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक अहम मीटिंग कर तमाम तरह के हालात से निपटने पर चर्चा की। इंडिया टीवी को कुछ सीक्रेट दस्तावेज मिले हैं। ये सीक्रेट दस्तावेज देश की तीन बड़ी खुफिया एजेंसियों रॉ यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, एमआई यानी आर्मी इंटेलिजेंस और आईबी यानी इंटेलिजेंस ब्यूरो ने तैयार की है। तीनों ने अपनी अलग-अलग रिपोर्ट इस मीटिंग के दौरान सरकार के सामने रखी। तीनों खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में एक बात कॉमन है वो ये कि…पाकिस्तान युद्ध की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में जिस वक्त चुनाव हो रहे होंगे, पाकिस्तान जंग शुरू करने का पूरा प्लान बना चुका है।

साउथ ब्लॉक के वॉर रूम में ये मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बुलाई गई थी जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  उनके साथ सरकार के सबसे बड़े अफसर बैठे। उनके अलावा आर्मी चीफ बिपिन रावत, एयरफोर्स चीफ बी एस धनोआ,  नेवी चीफ सुनील लांबा और देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल राउंड टेबल पर बैठे। इस मीटिंग की वजह देश की सुरक्षा को लेकर आई ऐसी खुफिया रिपोर्ट थी जिसने चुनाव के समय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी। 

खुफिया रिपोर्ट बताती है कि जंग के जुनून में पाकिस्तान आर्मी अपने मुल्क की चुनी हुई सरकार की भी सुनने को तैयार नहीं है। ये बात दुनिया को पता है कि पाकिस्तान की हर हुकूमत वहां की फौज की गुलाम है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा, इमरान के बदले जैश चीफ मसूद अजहर से मीटिंग कर रहे हैं। जैश और पाकिस्तान आर्मी इस सेटिंग में लगी है कि कैसे भी हिन्दुस्तान से युद्ध किया जाए। इसीलिए हमारी सेना पूरी तरह चौकस और मुस्तैद है। हर दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री की तैयारी पूरी है।  

पाकिस्तान के सिर पर भारत के साथ युद्ध करने का जुनून क्यों चढ़ा है। इसकी तीन बड़ी वजहें हैं। पहली वजह…पाकिस्तान में आर्मी इमरान खान की नहीं सुन रही । दूसरी वजह मौलाना मसूद अजहर का ‘ऑपरेशन कश्मीर’ फ्लॉप हो चुका है, जिन आतंकियों को उसने तैयार किया, वो भारत की एयरस्ट्राइक में कब्रिस्तान पहुंच चुके हैं, इसीलिए मसूद पाकिस्तान आर्मी के पीछे छिप कर हिंदुस्तान से जंग के लिए बेताब हो रहा है। तीसरी वजह IS और जैश-ए-मोहम्मद में आतंकिस्तान पर कब्जे को लेकर जबर्दस्त अंदरुनी लड़ाई चल रही है। आतंकी संगठन IS चाहता है कि मिशन-कश्मीर का जिम्मा अब उसे मिले। लेकिन खुफिया रिपोर्ट ये है कि मसूद अजहर को डर है कि अगर ऑपरेशन कश्मीर से उसे बाहर निकाल दिया गया तो फिर पाकिस्तान उसकी चापलूसी करना छोड़ देगा। लिहाजा पाकिस्तान आर्मी और मसूद दोनों को एक दूसरे की ज़रूरत है। और दोनों भारत के खिलाफ जंग चाहते हैं।