Documentation सेन्टर की आड़ में करोडों के फ़र्ज़ी मेडिकल बिल बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
चंडीगढ़ / शिमला: सितंबर 3, 2019(सारिका तिवारी, कोरल)
हिमाचल प्रदेश क्राइम एवम विजिलेंस ब्यूरो ने शहर में अलग अलग स्थान पर दबिश दी और करीब छः घण्टे गहन पूछताछ औऱ खोजबीन के पश्चात भी कुछ हाथ न लगने पर पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। सेक्टर 11 स्थित दुकान अरोड़ा documentation, खुड्डा जस्सू और नया गांव आदर्श नगर पर दबिश दी गई जहां से कुछ दस्तावेज और एक लैपटॉप सील कर के कब्जे में ले लिया। जबकि घर पर खाली बक्से और सूटकेस ही मिले ।
जाने क्या है मामला
गत वर्ष स्थानीय पत्रकारोँ ने सी एम विंडो के माध्यम से एक शिकायत दी कि शहर में नकली मेडिकल बिलों का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है और कई सरकारी कर्मचारी जाली मेडिकल बिल के माध्यम से सरकार को चूना लगा रहे हैं। इस काम मे पी जी आई के कर्मचारी, केमिस्ट और डॉक्यूमेंट सेन्टर वाले शामिल हैं।
शिकायत के अनुसार मुख्य आरोपी प्रकाश चन्द्र अरोड़ा और उसका बेटा प्रवीण अरोड़ा उर्फ प्रवीण शर्मा सेक्टर 11 की मिनी मार्केट और नया गांव स्थित घर से यह गोरखधंधा चला रहे हैं। इतना ही नहीं यह एक या दो लोगों की बात नहीं बल्कि पूरे गिरोह है जो कि विभिन्न राज्यों में सक्रिय है।
आज चंडीगढ़ के अलावा हिमाचल प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ( HIPA ), हिमाचल के एक कर्मचारी चन्दरमणि को प्राथमिक पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों के अनुसार चन्दरमणि सरकार को बीस लाख से ज़्यादा का चूना लगा चुका है और शिमला स्थित कई विभागों के कर्मचारियों को भी इसी माध्यम से बिल वसूलने में मदद करता है।
अलग अलग राज्यों के बड़े अस्पतालों में बिना भर्ती हुए ही कागजों में बड़े बड़े ऑपरेशनों और महंगी दवाओं के बिल कर्मचारी राज्य सरकारों से वसूल रहे हैं और कागजों पर डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर ओर मोहर लगा कर असली सी आर नम्बर लगाए जाते हैं इस प्रक्रिया में पी जी आई के रिकॉर्ड रूम के कर्मचारी भी शामिल हैं। पी जी आई कई फाइलों के जाली होने की पुष्टि कर चुका है।पूरी फाइल बनाने की एवज में प्रकाश चन्द्र अरोड़ा और प्रवीण कुल राशि का चालीस प्रतिशत वसूलते हैं।
छापेमारी में शामिल अधिकारियों ने बताया कि जल्दी ही सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया जाएगा ।