रमोला क्या सच में भारतीय इतिहासकार है?

सम्राट अशोक को ब्राह्मणों द्वारा इतिहास से निकाले जाने से लेकर युधिष्ठिर को अशोक से प्रेरित बताने तक, रोमिला थापर के ‘ऐतिहासिक ब्लंडर्स’ के सामने आने के बाद सवाल तो पूछा जाएगा कि भारतीय इतिहास और हिंदुत्व से उन्हें इतनी भी क्या दुश्मनी है? यह कैसे इतिहासकार हैं, इनी किताबों के संदर्भ NCERT में लिए जाते हैं और बच्चों के कोमल मन को भ्रमित किया जाता है, इनकी किताबें सनताक अथवा स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में पढ़ाई जातीं हैं। फिर इनहन किताबों से ज्ञान ले कर हमारी प्रशासनिक सेवाएँ उत्तीर्ण आर लीं जातीं हैं। इन इतिहास्कारों का क्या करें?

कथित इतिहासकार रोमिला थापर ने इतिहास पर बड़ी-बड़ी पुस्तकें लिखी हैं, कई कॉलेजों में उनका लिखा पढ़ाया जाता है। हाल ही में उन्होंने ख़ुद को जेएनयू के नियम-क़ानूनों से ऊपर समझते हुए अपना सीवी भेजने से मना कर दिया था। अब सोशल मीडिया पर थापर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उनके इतिहास ज्ञान की पोल खुल रही है। रोमिला थापर का यह वीडियो 2010 में इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर (आईडीआरसी) के अध्यक्ष डेविड एम मैलोन से बातचीत के दौरान का है। इस कार्यक्रम को इसी संगठन द्वारा आयोजित किया गया था।

कहीं ऐसे ही इतिहासकारों की रचनाओं, पुस्तकों और विचारों से ही प्रेरित हो कर तो अलगाव वाद, सामाजिक दुराव और राष्ट्र विरोधी ताकतों को बल तो नहीं मिलता है? हैरानी है की पिछली सरकारें इन्हे ऐसे बढ़ावा दे रहीं थीं। अब तो उन सरकारों की सोच पर भी प्रश्न चिन्ह लगाना अनिवार्य है।

कार्यक्रम के दौरान रोमिला थापर से सम्राट अशोक को लेकर सवाल पूछे जा रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि इतिहास में अशोक के बारे में ज्यादा कुछ दर्ज क्यों नहीं है, तो उन्होंने इसका सारा दोष ब्राह्मणों पर मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि पुराणों सहित अन्य साहित्यों में ब्राह्मणों ने अशोक का मज़ाक उड़ाया और केवल बौद्धिक साहित्य में ही उनके बारे में लिखा गया। इस दौरान महाभारत की एक घटना का जिक्र भी किया, जब भीषण युद्ध के बाद युधिष्ठिर को कुरु साम्राज्य का सम्राट बनाया जाना था और उन्होंने इनकार कर दिया।

रोमिला थापर के अनुसार, जब युधिष्ठिर को राजा बनने के लिए कहा गया तब उन्होंने कहा कि वह राजसुख का त्याग कर के कहीं और जा रहे हैं। उन्होंने सिंहासन पर बैठने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें काफ़ी मनाया गया, तब जाकर वह तैयार हुए। रोमिला थापर का कहना है कि ‘राजसत्ता के त्याग’ का यह पूरा प्रकरण बौद्ध धर्मों का एक अहम हिस्सा रहा है और बौद्ध सिद्धांतों से प्रेरित है। रोमिला थापर के अनुसार, कुछ इतिहासकार मानते हैं कि राजकाज के त्याग की युधिष्ठिर की भावना के पीछे अशोक की छवि थी।

अर्थात, रोमिला थापर कहती हैं कि युधिष्ठिर ने सम्राट अशोक के सिद्धांतों से प्रेरित होकर राजकाज के त्याग की इच्छा जताई थी। सम्राट अशोक ने 268 ईसा-पूर्व से लेकर 232 ईसा-पूर्व तक राज किया था। इसका मतलब यह कि रोमिला थापर मानती हैं कि महाभारत का युद्ध अशोक के शासनकाल के बाद हुआ था। महाभारत युद्ध अशोक के जन्म के हज़ारों वर्ष पूर्व हुआ था। तमाम इतिहासकारों से लेकर कई विशेषज्ञों ने महाभारत युद्ध की तारीख़ का अनुमान लगाया है और सभी के अनुसार यह मौर्य साम्राज्य से हज़ारों वर्ष पूर्व हुआ था।

Ramola, why do we study dates? asks Sarika Tiwari, Editor: demokraticfront.com

अब आते हैं रोमिला थापर की डेटिंग पर। ख़ुद रोमिला थापर अपने एक लेख में मानती हैं कि महाभारत का युद्ध 3102 ईसा-पूर्व में हुआ था। यही रोमिला थापर कहती हैं कि 232 ईसा-पूर्व तक राज कर करने वाले अशोक से 3102 ईसा-पूर्व के बाद राज करने वाले युधिष्ठिर ने प्रेरणा ली। यह इसी तरह हो गया जैसे कोई कहे कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम ने भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा ली थी। या फिर यूँ कह लें कि महात्मा गाँधी कैलाश सत्यार्थी से प्रेरित थे।

अब तक ख़ुद को बड़ा इतिहासकार बता कर अपने ज्ञान की शेखी बघारने वाले इन कथित इतिहासकारों की सच्चाई यह है कि ये तथ्यों को अपने तरीके से पेश कर के एक ख़ास नैरेटिव बनाना चाहते हैं, भले ही वह झूठ हो, भ्रामक हो और सच्चाई से कोसों दूर हो। सम्राट अशोक को ब्राह्मणों द्वारा इतिहास से निकाले जाने से लेकर युधिष्ठिर को अशोक से प्रेरित बताने तक, रोमिला थापर के ‘ऐतिहासिक ब्लंडर्स’ के सामने आने के बाद सवाल तो पूछा जाएगा कि भारतीय इतिहास और हिंदुत्व से उन्हें इतनी भी क्या दुश्मनी है?

PU Results

Korel, Chandigarh September 20, 2019

                It is for the information of the general public and students of Panjab University Teaching Departments/Colleges in particular that result of the following examinations have been declared:-

  1. Post Graduate Diploma in Fashion Designing-2nd Semester,May-19
  2. B.Voc (Software Development)-2nd Semester,May-19

               The students are advised to see their result in their respective Departments/Colleges/University website.

International Day of Peace at PU

Korel, Chandigarh September 20, 2019

            Mahatma Gandhi Peace Club of Institute of Educational Technology and Vocational Education, Panjab University today celebrated International Day of Peace on the Theme: “Climate Action for Peace”. Celebrations started with tree plantation in the institute with a aim to cherish what the environment provides us would be the exact way for us to live peacefully and in harmony with our precious environment . Each student adopted one plant to make this world a greener place, to help in nurturing it to life and being responsible for its growth. Students recited poems, gave speeches, presentations and presented skits highlighting the different aspects of climate changes occurring across the World.

            Dr. Kanwalpreet Kaur, Chairperson, IETVE appreciated the efforts of the students and said “a peaceful society is one where there is harmony between the different institutions and equal opportunities for everyone. Peace will enable a sustainable environment to take shape and a sustainable environment will help promote peace”.

Blood Donation Camp

Korel, Chandigarh September 20, 2019

            A Blood Donation Camp was organised by the Panjab University Teachers’ Association (PUTA) and Students Central Association (Evening Studies) at Department of Evening Studies, Panjab University, Chandigarh, which evoked a very enthusiastic response from the donors.

            The prominent donors included Dr. Neeraj Aggarwal, University Institute Of Hotel And Tourism Management and member of PUTA Executive. Approximately 150 persons donated blood. Students showed a lot of enthusiasm in the event. 151 units of Blood was collected during the camp.

            Professor R.K. Singla, Dean Research was the Chief Guest on the occassin to bless the donors. Professor Rajesh Gill, President PUTA encouraged the students and appreciated the excellent work done by SCA-DES President Harkirat Singh and Secretary Balraj Singh. Professor Gurpal Singh, Chairperson, DES-MDRC thanked the donors who came forward to contribute to the noble cause.

Counselling Workshop at GH-3, PU

Korel, Chandigarh September 20, 2019

            Panjab University Alumni Association (PUAA), in collaboration with Social Substance organized a counseling workshop in Sarojini Hall (Girls Hostel 3), Panjab University, Chandigarh. The main motive of this counseling session was to extend relations with existing and future alumni and equip students with necessary knowledge to resolve their mental health issues like abuse, addictions, anger management, depression, Bereavement and loss and low self confidence.

            Ms. Neelam Dhamija, Ms. Kamal Malhi and Ms. Kavita Sharma chaired this workshop and had an interactive session with residents. They taught the students how they can extract best from a challenging situation. Ms. Kavita Sharma acquainted  residents with harmful effects of overuse of gadgets and how to get rid of screen addictions. Ms. Kamal Mahi told the students that overuse of phone or internet alert the reptilian brain in human body and we must calm it through meditation and practice. She taught the residents how to do meditation and exercise to detox mind and feel happy. She explained that the root cause of anxiety these days is fear which is totally a trans state and not permanent. We should love and comfort ourselves just like we expect somebody else to comfort us. Ms. Neelam Dhamija addressed the questions asked anonymously by residents and guided them how they can excel in academics and built self confidence. The workshop was concluded with a vote of thanks by Dr. Ravneet Kaur, Warden, Girls Hostel 3.

भारत में आतंकी चांद से नहीं पाकिस्तान से आते हैं : रिसजार्ड

पोलैंड ने सख्त तेवर अपनाते हुए कहा है कि भारत में आतंकी चांद से नहीं पाकिस्तान से आते हैं. पोलैंड ने यह बात EU की संसद में कही है. वहीं इटली ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी यूरोप में हमले की योजना बना रहे हैं.  कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के सपने को एक बार फिर झटका लगा है। बुधवार को यूरोपीय यूनियन की संसद ने इस मुद्दे पर भारत का साथ दिया। जानकारी के अनुसार संसद के ज्यादातर सदस्य भारत के साथ खड़े दिखाई दिए और पाकिस्तान को संदिग्ध देश करार दिया। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान मुंह की खा चुका है और इसके बावजूद कश्मीर मसले को किसी भी हाल में छोड़ने को तैयार नहीं है।

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर पर भारतीय कूटनीति की बहुत बड़ी जीत हुई है. यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है. पोलैंड ने सख्त तेवर अपनाते हुए कहा है कि भारत में आतंकी चांद से नहीं पाकिस्तान से आते हैं. पोलैंड ने यह बात EU की संसद में कही है. वहीं इटली ने कहा कि पाकिस्ता आतंकी यूरोप में हमले की योजना बना रहे हैं. फ्रांस के स्‍ट्रॉसबर्ग में यूरोपीय संघ की संसद ने बुधवार को पिछले 11 सालों में पहली बार कश्‍मीर मुद्दे पर चर्चा की और भारत को अपना समर्थन दिया. यहां जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने मसले पर चर्चा हुई. इससे पहले 2008 में यहां कश्‍मीर का मुद्दा उठा था.

यहां आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन उसे लगातार मुंह की खानी पड़ रही है. अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजराइल जैसे देशों के अलावा संयुक्त राष्ट्र से भी पाकिस्तान को फटकार लगाई जा चुकी है. अब यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर को लेकर फटकार लगाई है. चर्चा है कि पाकिस्तान इस पर जेनेवा में 9 सितंबर से 27 सितंबर तक चलने वाले संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद की 42वीं बैठक में पाकिस्‍तान एक बार फिर से जम्मू कश्मीर का प्रस्‍ताव ला सकता है.

यूरोपीय यूनियन ने कश्‍मीर मुद्दे पर शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए भारत-पाकिस्‍तान को बातचीत करने की नसीहत दी है. इटली के यूरोपीयन पीपुल्‍स पार्टी के फुल्‍वियो मार्तुसाइल्‍लो ने कहा, ‘पाकिस्‍तान परमाणु हथियारों के प्रयोग करने की धमकी दी है. यह देश आतंकी भेजकर यूरोप में अशांति फैलाने की योजना बना रहा है.’

पोलैंड के यूरोपीयन कंजर्वेटिव्‍स एंड रिफार्मिस्‍ट ग्रुप के रिसजार्ड ने कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. हमें भारत के जम्‍मू कश्‍मीर में होने वाले आतंकी घटनाओं की जांच करने की जरूरत है. ये आतंकी चांद से नहीं आते. वह पड़ोसी देश से आते हैं. हम भारत का समर्थन करते हैं.’

मालूम हो कि भारतीय संसद ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छे 370 को निष्क्रिय करते हुए विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया है. साथ ही इस राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया है. कड़ी सुरक्षा के चलते पाकिस्तान से भेज हुए आतंकी जम्मू कश्मीर में कोई भी वारदात को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं. इस बात से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वह लगातर अंतरराष्ट्रीय मंच ये भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे हर जगह मुंह की खानी पड़ रही है.

PU Results

Korel,Chandigarh September 18, 2019

                It is for the information of the general public and students of Panjab University Teaching Departments/Colleges in particular that result of the following examinations have been declared:-

  1. B.A (Hons.)Social Science-2nd Semester,May-19
  2. B.Voc ( Banking, Insurance & Retailing)-4th Semester,May-19
  3. B.Voc Multimedia(Graphics & Animation)-4th Semester,May-19                     

               The students are advised to see their result in their respective Departments/Colleges/University website.

POK भारत का हिस्सा है और भरोसा है कि वह भारत के नियंत्रण में होगा : विदेश मंत्री एस. जयशंकर

“एनआरसी हो या धारा 370 यह भारत के नितांत निजी मामले हैं, POK भारत का हिस्सा है और भरोसा है कि वह भारत के नियंत्रण में होगा,” यह कहना है विदेश मंत्री एस॰ जयशंकर का।

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर  ने PoK को लेकर बड़ा बयान दिया है. एस. जयशंकर ने कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है, भरोसा है हमारे नियंत्रण में होगा. एस. जयशंकर ने कहा कि एनआरसी हमारा हक है. और यह भी एक आंतरिक मामला है. पकिस्तान को ये देखना चाहिए कि वह अपने अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है. इससे पहले कि वो हम पर सवाल उठाए, वहां अल्पसंख्यकों का नंबर लगातार गिर रहा है और धर्मांतरण किए जा रहे हैं.”  एस. जयशंकर सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे.

जाकिर नाइक के बारे में विदेश मंत्री ने कहा, “हमने प्रत्यर्पण की अर्ज़ी जनवरी 2018 में डाली थी, तबसे हमने लगातार इस तरफ कोशिश की. व्लादिवोस्टोव में ये बात उठी थी और हमने फिर प्रत्यर्पण की बात की थी…हम ज़ाकिर नाइक को वापस लाना चाहते हैं.” 

विदेश मंत्री ने कहा, “भारत और अमेरिका का रिश्ता अब बहुत अच्छा हो गया है. कितना व्यापर बढ़ गया है. सिक्योरिटी के लिए देश एक साथ काम कर रहे हैं. हर विभाग में ये दोस्ती आगे बढ़ी है जबकि दोनों देशों में लगातार सरकारें बदलती रही लेकिन ये दोस्ती आगे बढ़ती रही. रिश्ते की सेहत बहुत अच्छी है. मैं आने वाले पांच सालों के लिए आशावादी हूं…व्यापार समस्या सामान्य बात है.” 

ह्यूस्टन में होने वाले कार्यक्रम मोदीजी का अमेरिका में तीसरा कार्यक्रम है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का वहां आना ये दिखाता है कि भारत की अमेरिका में इज़्ज़त बढ़ी है और ये हमारी जीत है. इस समय हम एकजुट हैं. नरेंद्र मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं. हमारे लिए ये गर्व की बात है की ट्रम्प वहां मौजूद होंगे. पूरा विश्व मोदी और ट्रंप को एक साथ देखेगा और सीखेगा भारत और अमेरिका से की काम केस होता है. पाकिस्तान भी देखेगा.”

STM Program for NTU and PU students commences at PU

Chandigarh September 17, 2019

            The delegation of students from Nottingham Trent University, UK are visiting Panjab University for a 10 day Short Term Mobility (STM) Program being organised by the Dean International Students, Panjab University in collaboration with ISSER, PU.

            The delegation today interacted with Prof. Raj Kumar, Vice-Chancellor, PU. Prof Kumar who had recently visited NTU Campus  remarked that  he is quite impressed with the activities of NTU students and would like to open doors of PU to more such participants from UK in times to come so that theyare also acquainted with rich and vibrant heritage of our country and our PU campus.

            These students are from diverse academic backgrounds like Banking, Law, Finance, Fashion  Technology and belong to different nationalities like British, African and Indian. The ten day program will focus on India and specially Punjab and its art, culture, heritage besides sessions on Role of Media, Democracy, Governance, Innovation, Technology and Social work.  In today’s globalized world such interactions are being a significant part of
the learning process.

            The first day of the program started with a session on ‘The Story of Indian
Democracy’ by Mr. Vikram Singh, Deputy Secretary, Controller of Administration, CSIR, IMTECH, which was followed by a session on Role of Media in Indian Democracy by Mr. Jyoti Kamal, Cluster Head and Executive Editor, CNN News18.Thereafter, the students were taken for a visit to City NGO ALA.

एलओसी पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना हरदम तैयार

पाकिस्तानी प्रधान मंत्री आए दिन अंतर्राष्ट्रीय अखबारों और टीवी चैनलों को साक्षात्कार दे रहा हैं की वह युद्ध नहीं चाहता, परंतु हर बार वह परमाणु शक्ति होने का दंभ भरता हैं। वह दुनिया को परमाणु ब्लैकमेल करता रहता हैं। वह अपने बयानों में हमेशा यह दोहराता हैं की पाकिस्तान पहले युद्ध आरंभ नहीं करेगा लेकिन एलओसी पर युद्धविराम का लगातार उल्लंघन भी करता रहता हैं। उसके हालिया साक्षात्कार के बाद से पाकिस्तान की तरफ से बढ़त सैनिक गतिवधियाँ और लगातार संघर्षविराम की अवहेलना पर भारतीय सेना ने युद्ध के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खतरों के मद्देनजर एलओसी(LoC) (नियंत्रण रेखा) पर अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है।

नई दिल्ली:

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बढ़ते आक्रामक रुख और युद्ध के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खतरों के मद्देनजर एलओसी(LoC) (नियंत्रण रेखा) पर अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा 6 अगस्त को खत्म कर दिए जाने के बाद सीमापार से युद्ध की अप्रत्यक्ष धमकियां मिलती रही हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने शनिवार को एलओसी पर पाकिस्तान से सैन्य हमले के खतरे के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की. इससे पहले, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने नियंत्रण रेखा पर भारत की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए घाटी का दौरा किया था.

कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह 

सेना ने खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया कि सितंबर के पहले सप्ताह में, पाकिस्तान ने अपने इलाके में एलओसी से 30 किलोमीटर दूर एक ब्रिगेड-साइज फौज को भेजा था. पाकिस्तान में पीओके के सामने बाग और कोटली सेक्टर में लगभग 2,000 जवानों को तैनात किया गया है. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन को भी बढ़ाया है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भारत के खिलाफ आक्रामक रुख रखा है. पाकिस्तान कश्मीर पर अपनी बयानबाजी में भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की पूरी कोशिश कर रहा है. 6 अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसले के एक दिन बाद, इमरान खान ने पाकिस्तान संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए भारत के साथ युद्ध होने की संभावना जताई थी.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, “पुलवामा जैसे हमले फिर से हो सकते हैं. मैं पहले से ही यह अनुमान लगा सकता हूं कि वे ऐसा करेंगे. वे फिर से हम पर आरोप लगाने की कोशिश करेंगे. वे हम पर फिर से हमला कर सकते हैं और हम इसका पलटकर जवाब देंगे, तब क्या होगा? उस युद्ध में कौन जीतेगा?” उन्होंने कहा, “कोई भी इसे नहीं जीतेगा और पूरी दुनिया के लिए इसके दुखद परिणाम होंगे. यह न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं है.”

इमरान ने शनिवार को अल जजीरा चैनल को दिए एक साक्षात्कार में भारत के साथ संभावित परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी फिर दोहराई. उन्होंेने कहा, “पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध शुरू नहीं करेगा. मैं शांतिवादी हूं, मैं युद्ध विरोधी हूं. मेरा मानना है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं होता..जब दो परमाणु सशस्त्र देश एक पारंपरिक युद्ध लड़ते हैं, तो इसकी परिणीति परमाणु युद्ध में होने की पूरी संभावना है. जो अकल्पनीय होगा.”

भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जो उस समय पूर्वी एशिया के दो-देशों के दौरे पर थे, उन्होंने भी जोरदार पलटवार किया, जिससे पाकिस्तान द्वारा किसी भी सैन्य दुरुपयोग के बारे में भारत का रुख स्पष्ट हो गया. सिंह ने दक्षिण कोरिया में कहा था, “भारत अपने इतिहास में कभी भी आक्रमण करने वाला नहीं रहा है और न ही कभी होगा.

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत अपनी रक्षा के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं करेगा.” पाकिस्तान कश्मीर घाटी पर भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के लिए दोहरी चाल चलता रहा है. साथ ही वह एलओसी पार कर भारतीय सीमा में घुसने के लिए घुसपैठियों को मदद देता रहा है.

सुरक्षा सूत्रों ने आकलन किया है कि पिछले एक महीने में कम से कम 40 से 50 प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में पार कर चुके हैं. यह भी अनुमान है कि लगभग 200 से 250 प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में प्रवेश करने के लिए विशेष रूप से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों ने एलओसी के किनारे आतंकी लॉन्च पैड सक्रिय कर दिए हैं. भारतीय सेना ने कहा है कि वह पाकिस्तान के किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए तैयार है.