मध्य प्रदेश निकाय चुनावों संबन्धित अध्यादेश को लेकर भाजपा काँग्रेस में ठहरी
मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर कमलनाथ कैबिनेट में एक प्रस्ताव मंजूर किया था। जिसमें नगरपालिका चुनाव के प्रावधानों में संशोधन किया है। जिसके बाद अब प्रदेश में महापौर का चुनाव सीधे जनता के बजाए पार्षदों के जरिए किया जाएगा। लेकिन इस अध्यादेश को फिलहाल राज्यपाल लालजी टंडन ने रोक दिया है, उनकी मंजूरी फिलहाल इस प्रस्ताव को नहीं मिली है। जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर भाजपा पहले ऐसे ही कांग्रेस के आमने-सामने है। अध्यादेश पर फिलहाल रोक लगाने से राज्यपाल पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने बयान दिया है उन्होंने राज्यपाल से राज धर्म पालन करने की अपील की है। इसी मामले में सोमवार को बीजेपी नेता उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर अध्यादेश पर विरोध जताया.
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने वाले कमलनाथ सरकार के अध्याधेश को मंजूरी नहीं देने का विवाद गहराता जा रहा है. इसे राज्य की कमलनाथ सरकार के लिए नगरीय निकाय चुनाव से पहले बड़ा झटका माना जा रहा है. बता दें कि बीजेपी इस अध्यादेश का विरोध कर रही है.
इसी मामले में सोमवार को बीजेपी नेता उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर अध्यादेश पर विरोध जताया. दरअसल, राज्यपाल लालजी टंडन ने महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने वाले राज्य सरकार के अध्याधेश को मंजूरी नहीं दी है. बता दें कि महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने संबंधी प्रस्ताव को बीते महीने मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दी थी.
इस प्रस्ताव के तहत प्रदेश में महापौर और नगर पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन पार्षदों द्वारा किया जाना है. वहीं, बीजेपी द्वारा इस प्रक्रिया का विरोध किया जा रहा है. बीजेपी ने निकाय चुनाव की अप्रत्यक्ष प्रक्रिया को मंजूरी नहीं देने के लिए राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा था. वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत के अध्यक्षों का चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए. उन्होंने सीएम कमलनाथ से चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने की मांग की है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज का कहना है कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होने पर खरीद-फरोख्त का खतरा बढ़ेगा. वहीं, विवेक तन्खा के ट्वीट पर शिवराज सिंह ने कहा कि राज्यपाल राजधर्म का पालन कर रहे हैं. उन्हें कांग्रेस नेता सीख ना दें. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर राज्यपाल लालजी टंडन को राजधर्म का पालन करने को कहा था.
बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने वाले राज्य सरकार के अध्याधेश को मंजूरी नहीं दी है. हालांकि, राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार के एक अन्य अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. ये अध्यादेश पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे में गलत जानकारी से जुड़ा है. इसमें विधानसभा चुनाव की तरह उन्हें 6 माह की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान है.