आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


संसद का शीत कालीन सत्र 18 नवंबर से

संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस और अन्य दलों के विरोध के बीच प्रमुख नीति विधानों के माध्यम से लोकसभा में पूर्ण बहुमत का उपयोग करने और राज्यसभा में संख्या बढ़ाने के लिए एनडीए के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है।

सारिका तिवारी पंचकुला – 22 अक्टूबर 2019

संसद का शीत कालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होगा जो कि सचिवालय को भेजे गए कार्यक्रम के अनुसार लगभग एक महीने तक चलने की तैयारी है। आगामी शीतकालीन सत्र तीन प्रमुख कारणों से महत्वपूर्ण होगा – सरकार और विपक्ष के बीच नीतिगत विवाद, उत्पादकता और राजनीतिक संघर्ष।

अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 200 से अधिक सीटें मिलेंगी और अकेले भाजपा को हरियाणा की 90 में से 70 से अधिक सीटें मिलेंगी

संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस और अन्य दलों के विरोध के बीच प्रमुख नीति विधानों के माध्यम से लोकसभा में पूर्ण बहुमत का उपयोग करने और राज्यसभा में संख्या बढ़ाने के लिए एनडीए के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है।

मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में लौटने के बाद संसद का मानसून सत्र हाल के दिनों में सबसे उत्पादक सत्रों में से एक था। सत्र के दौरान, सरकार ने दोनों सदनों में कुछ सबसे महत्वपूर्ण और विवादास्पद विधानों को आगे बढ़ाया। इनमें धारा 370 और 35A का हनन शामिल है जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के लिए एक विधेयक प्रदान करता है। सरकार ने तत्काल ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाने के लिए सूचना का अधिकार विधेयक, राष्ट्रीय जांच प्राधिकरण विधेयक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बिल में संशोधन भी पारित किए।

सरकार को उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र में अपने कुछ महत्वपूर्ण लंबित कानूनों के जरिए नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) की अंतिम सूची की घोषणा के बाद फिर से पेश किया जाएगा। अगस्त। सरकार सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोगी और मित्रवत दलों के साथ अधिक से अधिक समन्वय का प्रयास कर सकती है।

इसकी ओर से विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया कि शीतकालीन सत्र में वे जिन दो प्रमुख मुद्दों को उठाएंगे, वे जम्मू-कश्मीर में अर्थव्यवस्था और स्थिति की स्थिति हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले सप्ताह मुंबई में एक बातचीत के दौरान कहा था कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक का मुद्दा संसद के अगले सत्र में आएगा।

पकस्तान ने नीलम घाटी में भारतीय सेना की कार्यवाई की स्वीकारी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में इंडियन आर्मी के ऑपरेशन की बात स्वीकार कर ली है. पाकिस्तान ने यह भी माना है कि भारत के हमले में उनके एक सैनिक की मौत हो गई हैं. हालांकि पाकिस्तान ने इंडियन आर्मी पर बिना उकसावे के सीजफायर उल्लंघन का आरोप भी लगाया है. पाकिस्तान ने इल्जाम लगाया है कि भारत ने जुरा, शाहकोट और नौशेरी सेक्टर में बगैर उकसावे के सीजफायर का उल्लंघन किया. 

पाकिस्तान ने यह भी दावा किया है कि उसने 9 भारतीय सैनिकों को मार गिराया जबकि दो भारतीय बंकरों को भी नष्ट कर दिए गए हैं.  पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों ओर से हुई गोलीबारी में हमारा 1 सैनिक और 3 नागरिक मारे गए जबकि 2 सैनिक और 5 नागरिक जख्मी हो गए हैं. इंडियन आर्मी ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पीओके की नीलम घाटी स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट बनाया.

भारतीय सेना ने इन ठिकानों पर तोप से हमला किया जिसमें आतंकियों के चार लॉन्चिंग पैड्स नष्ट हो गए. भारतीय सेना की कार्रवाई में पाकिस्तान के 4-5 सैनिक भी मारे गए हैं. इंडियन आर्मी ने यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा किए लगातार किए जा रहे सीजफायर उल्लंघन और आतंकी घुसपैठ के जवाब में की है.

सेना ने बड़ी कार्यवाही में POK स्थित 4 आतंकी लॉंचपैड तबाह किए 4-5 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है

पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही घुसपैठ की कोशिशों के बीच भारतीय सेना ने बड़ी कार्यवाही की है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेना ने जवाबी कार्यवाही में पीओके में आतंकियों के कई अड्डे तबाह कर दिए हैं तो उसे गोला बारूद दागे गए हैं जिसमें आतंकी कैंपों को बड़ा नुकसान हुआ है वहीं इस हमले में 4 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की भी खबर है इसके अलावा नीलम घाटी में 4 आतंकी लांचपैड्स को भी तबाह कर दिया गया है हालांकि अधिकारिक रूप से फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले काफी समय से पाकिस्तानी आर्मी आतंकियों की भारत में घुसपैठ की कोशिशों में मदद कर रही थी इन्हीं सब गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ने बड़ी कार्यवाही की और पीओके में स्थित आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया पीओके के नीलम घाटी में चल रहे आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों में करीब चार पांच पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है इसके साथ ही भारतीय सेना ने 4 लॉन्चिंग पैड भी तोबा कर दिए हैं भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर की गई भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक के बाद यह तीसरा सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है आतंकी कैंपों को निशाना बनाते हुए जोरदार हमले किए गए हैं बताया जा रहा है कि इंडियन आर्मी ने आतंकी शिविर को नष्ट करने के लिए आर्टिलरी गन का इस्तेमाल किया है।

बता दें भारतीय सेना की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब रविवार को ही संग भाड़ में पाकिस्तान आर्मी ने सीजफायर का उल्लंघन किया था इस दौरान ही भारी गोलाबारी में 2 जवान शहीद हो गए और एक आम नागरिक भी मारा गया इसके अलावा इस घटना में कई आम नागरिकों के घायल होने की भी खबर थी इस दौरान स्थानीय लोगों की संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था बताया जा रहा था कि पाकिस्तान आर्मी आतंकवादी कि भारत में घुसन��

2019 में सीजफायर उल्लंघन में हुई बढ़ोतरी

पाकिस्तान की ओर से बीते पांच वर्षो में 2019 में संघर्ष विराम उल्लंघन (Ceasefire Violation) की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इस वर्ष आज की तारीख में संघर्ष विराम उल्लंघन की 2300 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. जबकि वर्ष 2018 में इसकी संख्या 1629 थी.

भारतीय सेना के अनुसार, संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में बढ़ोतरी आतंकवादियों को जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ कराने के उद्देश्य से हुई है. खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा के पास रखा गया है, ताकि मौका मिलते ही वे भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकें.

PU Faculty awarded

Chandigarh October 18, 2019

Dr. Tanzeer Kaur, Assistant Professor, Department of Biophysics, Panjab University, Chandigarh has been awarded a research grant of Rs. 36 lakhs by Indian Council of Medical Research (ICMR). The project will be co-investigated by Dr. Neelima Dhingra, Assistant Professor, University Institute of Pharmaceutical Sciences(UIPS).

The project will be based on targeting and finding a vital treatment for Parkinson’s Disease (PD) by exploring the potential of novel drug therapies. PD is an old age disorder and is affecting a wider section of population in India. The individuals suffering from PD looses their control over the movement and currently numerous research has been going to treat the disease. The current project will advance the development, design and validation process of novel drugs against PD.

Dr. Tanzeer Kaur was chosen among the faculties of PU and awarded a research sum of Rs. 50,000 under DST-PURSE as a part of incentive grant program in the year 2018. 

ईडी ने 2 घंटे की पूछताछ के बाद किया चिदम्बरम को गिरफ्तार

पी चिदंबरम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बुधवार 16 अक्टूबर को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वह इस समय तिहाड़ जेल में बंंद हैं.

  1. गिरफ्तार से पहले दो घंटे हुई पूछताछ
  2. कोर्ट ने मंगलवार को दी थी मंजूरी
  3. तिहाड़ जेल में बंद हैं चिदंबरम

नई दिल्ली: 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले ईडी ने उनसे जेल में ही दो घंटे पूछताछ की. ED ने पी चिदंबरम की गिरफ्तारी अभी कागजातों में ही डाली है. कोर्ट के आदेश के बाद ही उन्हें तिहाड़ जेल से बाहर निकाला जाएगा. ईडी के पास अभी तक तिहाड़ जेल से चिदंबरम को बाहर निकालने का आदेश नहीं है. चिदंबरम से पूछताछ करने के लिए ईडी के तीन अधिकारियों की टीम गई थी. बता दें, एक स्थानीय अदालत के मंगलवार को केन्द्रीय जांच एजेंसी को मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से पूछताछ करने की अनुमति दी थी. 

साथ ही कोर्ट ने मंगलवार को ईडी को आवश्यकता पड़ने पर चिदंबरम को गिरफ्तार करने की अनुमति भी दे दी थी. बुधवार सुबह चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति भी तिहाड़ जेल परिसर पहुंचते देखे गए. कांग्रेस नेता करीब 55 दिन सीबीआई और न्यायिक हिरासत में बिता चुके हैं. 21 अगस्त को उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया है. चिदंबरम 2004 से 2014 तक संप्रग-1 और संप्रग-2 सरकारों के दौरान केंद्रीय वित्त और गृह मंत्री थे.

वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 में इस संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था.

PratigyaPatra: Swaraj India’s Madhu Anand reveals vision to transform Panchkula

DATE: 12/10/2019

MadhuAnand, Panchkula candidate of Swaraj India, held a press conference at the party office in Sector-6, Panchkula. With members of the party including ShaliniMalviya, Shailendra Kumar, and Pardeep Tiwari, Anand revealed the PratigyaPatra(election promises) of her candidature and shed light on the plans laid out for the development of Panchkula.

PratigyaPatrahighlights premier issues of the region such as jobs, education, health, colonies, civic amenities, and public security. This has been devised on the basis of the regular meetings of Anand with different sections of society and city in the previous months. With the aim to improve the prevailing conditions, Anand is looking to transform Panchkula into something bigger than just a satellite city of Chandigarh.

MadhuAnandstated that PratigyaPatra is not just another manifesto. It is an attempt to highlight the key issues of Panchkula along with their suggested, solution-centric framework. For instance, targeting the health sector, she said that there is only one government hospital in Panchkula, which is facing overcrowding issues. Anand added that the party will aim to build another hospital and strive to increase the number of doctors and machinery in the existing facility.

ShaliniMalviya expressed that rural Panchkula is in dire need of development and a voice that falls on the ears of the government. Previously, various manifestos have highlighted the same issue, but there has been negligible progress. Rather, these issues have become a veil for public money theft as crores sanctioned for issues like the improvement of primary schools, etc, remain unaccounted.

Emphasizing on the issues specific to rural regions, Anand said that she aims to improve the condition of the farmers by ensuring that they receive at least 1.5 times of their total cost of production for the sale of their crops. Furthermore, she would ensure that the government makes a separate functional body to address he compensation issues in an event of crop destruction.

Colonies and slums are not only deprived of basic services such as water pipes, health, hygiene, etc, but they continue to live in the fear of getting demolished, said Tiwari. The Pradhan MantriAawasYojana has an underlying philosophy of better housing. However, this is based on the in situ development of such colonies and it is being violated to the extent of forced removal of people from the city. Along with this, drugs, domestic violence, and increasing student dropout rates continue to impact countless lives.

Identifying the link between common issues, MadhuAnand added that the increasing number ofdropouts can be associated with increasing drug abuse, which, in turn, has a direct impact on the safety of women and senior citizens. To tackle this prolonged issue from its roots, the party would ensure that no liquor shop is established in a locality without the permission of women along with strong steps to curb the rising influence of drugs on the youth.

सशक्त हिन्दू – सशक्त भारत

रामचंद्र अग्रवाल
वरिष्ठ अधिवक्ता

कुछ समय पहले पूज्य शंकराचार्य जी से मैंने पूछा था कि भारतीय समाज में कई जातियों व संप्रदाय हैं ऐसे हालात में देश में एकता कैसे लाई जा सकती है तो उन्होंने जवाब दिया था कि यदि वर्ण व्यवस्था पुन: कर्म प्रधान हो जावे जैसा के प्राचीन भारत में थी तो जातिगत भेदभाव समाप्त हो जाएगा व सांप्रदायिक एकता भी आ जावेगी। यदि माता-पिता अपने बेटे बेटियों की शादी के लिए match स्वयं के व्यवसाय या बेटे – बेटी के व्यवसाय के हिसाब से देखना चालू कर दें तो वर्ण व्यवस्था पुन: कर्म प्रधान हो सकती है। एक डॉक्टर लड़के के विवाह के समय डॉक्टर लड़की को preference दी जावे चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय की हो तो इस तरह से वर्ण व्यवस्था को पुन: कर्मप्रधान बनाया जा सकता है। देश का अरबपति तबका परिवार के बच्चों के रिश्ते करते समय जातिगत विचार नहीं रखता यही बात जब उच्च शिक्षित वर्ग में भी है। विदेशों में जो भारतीय रहते हैं उनकी कोशिश यही रहती है कि बच्चों का रिश्ता किसी भारतीय परिवार में हो जावे, चाहे जाती कुछ भी हो। रिश्ते करते समय अनुकूलता व परिचित होने पर ज्यादा ध्यान होना चाहिए।

कई संपन्न व शिक्षित मुस्लिम परिवार भी ऐसा अनुभव करते हैं कि मुसलमान रहते हुए ज्यादा तरक्की नहीं कर सकते इसलिए यह हिंदू धर्म अपनाने को तैयार हैं लेकिन हिंदू समाज में इनके बच्चों की शादियां नहीं हो पाती। शिक्षक मुस्लिम युवतियों से मुस्लिम युवक निकाह नहीं करना चाहते क्योंकि यह सुधारवादी विचार रखती हैं, कश्मीर में कई मुसलमान भी बेटियों की शादी हिंदू युवकों से करना चाहते हैं क्योंकि आतंकवाद के कारण वहां के युवकों का कोई भविष्य नहीं है। यदि हिंदू समाज इनको अपनाना चालू कर देवें तो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत इन युवतियों की शादी हिंदू युवकों से संभव है। इसके लिए जगह-जगह मैरिज ब्यूरो बनाए जावें। जहां कोई हिंदू युवक किसी मुस्लिम युवती से विवाह करता है तो ऐसे मामले में इन जोड़ों के सम्मान का ध्यान हिंदू संगठनों को रखना होगा अन्यथा वह युवक भी मुसलमान बन जावेगा। यदि कई मुस्लिम परिवारों को सामूहिक रूप से हिंदू बनाया जाए तो इनके बच्चों के रिश्ते करने में कठिनाई नहीं होगी वहीं अकेलापन भी महसूस नहीं होगा। जब यह बड़े लोग हिंदू बन जाएंगे तो इनका अनुसरण करके कई मध्यम व गरीब लोग भी हिंदू बन जाएंगे देश को आज नुसरत जहां जैसी महिलाओं की जरूरत है जो मुस्लिम युवतियों को कट्टरवाद से छुटकारा दिला सकती है।

इस समय यूरोप अमेरिका वह विश्व में कई देशों में मुसलमानों को नफरत की नजर से देखा जाता है इस कारण इनमें से कई इस्लाम छोड़कर अन्य धर्म अपनाने को तैयार हैं। इस्लाम एकेश्वरवाद में विश्वास करता है वह मूर्ति पूजा में यकीन नहीं करता। आर्य समाज द्वारा प्रसारित वैदिक धर्म में भी यही बात है। आर्य समाज के महान संत स्वामी श्रद्धानंद जी ने शुद्धि आंदोलन चलाकर लाखों मुसलमानों व ईसाइयों को हिंदू बनाया था लेकिन बाद में आंदोलन कमजोर पड़ गया। फिर से अन्य धर्म मानने वालों को हिंदू बनाने का कार्य किया जावे तो विश्व के करोड़ों मुसलमान हिंदू धर्म अपना लेंगे। किंतु मुसलमान आर्य समाज से परिचित ही नहीं है जो कि मुसलमानों में क्रांतिकारी सुधार लाने में सक्षम है इससे वेदों की वाणी पुन: गुंजायमान होगी।

इस्लाम केवल मजहब ही नहीं वरन एक राजनैतिक आंदोलन भी है जिसका मकसद यह है कि पूरे विश्व में केवल इस्लाम धर्म हो व सभी देशों में मुसलमानों का शासन हो। मुस्लिम धर्म शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि यदि कोई भी मुसलमान किसी गैर मुस्लिम को प्रेरित करके मुसलमान बना दे तो ऐसे प्रेरक के सभी गुनाह खुदा माफ कर देता है उसे जन्नत मिलती है, इस कारण प्रत्येक मुसलमान इस्लाम का प्रचारक हो जाता है। इस कारण कई मुसलमान यह सोचते हैं कि कितने भी अपराध कर लो फिर बाद में किसी को भी मुसलमान बना दो तो सारे पाप धुल जाएंगे व मरने के बाद स्वर्ग मिल जाएगा। यह एक अंधविश्वास है। क्योंकि कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है यह अंधविश्वास समाप्त किया जाना जरूरी है अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए सलमान रुश्दी, अनवर शेख, तस्लीमा नसरीन जैसे लेखकों की किताबों का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए जिससे इस्लाम व मोहम्मद साहेब की सच्चाई की जनता को जानकारी हो सकेगी।

भारत में प्रतिवर्ष 400000 से जायदा हिंदू लड़कियां लव जिहाद का शिकार हो रही हैं। मुस्लिम युवकों ने इस तरह का एक बड़ा अभियान चला रखा है। ऐसे युवकों को इनके परिवार व समाज का पूर्ण सहयोग है जबकि इन लड़कियों को हिंदू समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है जिसके कारण नहीं लड़कियों का कोई रक्षक नहीं रहता और मुसलमानों द्वारा इनके कई तरह से शोषण किया जाता है। सुना है कि कुछ लड़कियों को बेच दिया जाता है, वहीं गुर्दे आंखें लीवर हार्ट इत्यादि अंग ऐसे मरीजों में प्रत्यारोपित कर दिए जाते हैं जिनको इन अंगों की जरूरत है। इसलिए बहिष्कृत लड़कियों का पता करके इन्हें पुन: अपने समाज से जोड़ा जावे। जिन लड़कियों का निकाह हो चुका है उनके निकाह का पंजीकरण कराकर उन्हें पुन: हिन्दू बनाया जा सकता है। यदि हिंदू ना भी बने तो इस पंजीयन से यह दंपत्ति शरीयत के दायरे से निकल जाएंगे। लेकिन ऐसी लड़कियों की जानकारी तभी संभव है जब बुर्का प्रथा समाप्त हो। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई आतंक कारी वह अपराधी पुरुष भी बचने के लिए बुर्का पहन लेते हैं। ऐसी लड़कियों को तलाश करने के लिए हिंदू महिलाओं को आगे आना होगा ऐसी लड़कियों की मदद से मुस्लिम समाज में कई सुधार लाए जा सकते हैं।

जिस किसी भी हिंदू परिवार की लड़की मुस्लिम परिवार में चली गई हो ऐसे हिंदू परिवारों की जानकारी एकत्रित की जानी चाहिए। फिर इन हिंदू परिवारों को भी प्रेरित करना चाहिए कि जिस मुस्लिम परिवार में हिंदू लड़की गई है उसी मुस्लिम परिवार या उसके रिश्तेदारों मित्रों पड़ोसी की लड़की किसी भी हिंदू परिवार में आजावे। इस तरह की क्रॉस रिलेशनशिप भी कानून में मान्य है ऐसा होने से जो हिंदू लड़की चले गई उसकी भी रक्षा करना सुगम हो जावेगा लव जिहाद के मामलों की रोकथाम तभी संभव है जबकि लड़की के परिवार के अलावा संपूर्ण हिंदू समाज भी निगरानी करें। जहां भी कोई हिंदू लड़की किसी मुस्लिम लड़के के साथ दिखे यदि हम उस लड़के से नाम वह लड़की से उसके पिता का नाम इत्यादि पूछना चालू कर देना तो उनके पास कोई स्कूटर मोटरसाइकिल या अन्य वाहन है तो उसका नंबर नोट कर लेना तो इससे भी रोक होना चालू हो जाएगा।

मुस्लिम समाज में शरिया कानून के कारण महिलाओं को निर्दोष होते हुए भी कई परेशानियां उठानी पड़ती है। तलाक के बाद ऐसा पुरुषों ने अपनी तलाकशुदा पत्नी से निकाह करना चाहे तो पहले उस महिला को किसी अन्य पुरुष से निकाह करना होगा व शारीरिक संबंध भी बनाने होंगे. इसके बाद जब दूसरा पति उसे उसे तलाक दे देवें तभी वह महिला अपने पूर्व पति से विवाह कर सकती है। यदि मुस्लिम दंपतियों को निकाह का पंजीयन स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत करवाने को प्रेरित किया जावे तो महिलाओं को कई परेशानियां नहीं झेलनी पड़ेगी। जो मुसलमान शरीयत के दायरे में रहना चाहते हैं उनके लिए दंड व्यवस्थाएं भी इस्लामी यदि इस्लामी कानून के अनुसार कर दी जावे तो भारत के आधे से अधिक मुसलमान शरीयत छोड़ने को तैयार हो जाएंगे। इसके लिए इंडियन पीनल कोड की धारा 4 में भी संशोधन करना पड़ेगा इससे मुसलमानों द्वारा किए जाने वाले अपराध बिल्कुल कम हो जाएंगे।

यदि मुस्लिम समाज की अनपढ़ लड़कियों व महिलाओं को इतना सा शिक्षित भी कर दिया जाए कि वह हिंदी का अखबार वह किताबें पढ़ सकें तो यह मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम समाज के पुरुषों को कट्टरपंथियों के चुंगल में नहीं फंसने देंगी। व जो पहले से फंसे हुए हैं उन्हें भी निकालने के लिए प्रयास करेंगी, क्योंकि कट्टरवाद के कारण इन महिलाओं को भारी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। मदरसों में ऐसी शिक्षा देना जरूरी है कि इनमें राष्ट्रीयता की भावना आवे व अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णुता भी। शिक्षा वैज्ञानिक सोच विकसित करने व अंधविश्वास खत्म करने वाली हो।

बहाई धर्म के संस्थापक बहाउल्ला ईरान के थे। उनका मानना था कि संपूर्ण विश्व एक देश होना चाहिए, व संपूर्ण मानव जाति बिना किसी धार्मिक भेदभाव व शांति व प्रेम के साथ – साथ रहे। बहाई धर्म का लोटस टेंपल दिल्ली में है इनका मानना है कि मुस्लिम धर्म ग्रंथों में यह भी वर्णन आता है कि ऐसा पैगंबर आवेगा जो विश्व में इस तरह की एकता लाने का प्रयास करेगा। भारत के मुसलमानों को बहाई धर्म की तरफ प्रेरित किया जा सकता है। भारत में मुसलमानों के अलावा अन्य कई भी बहाई धर्म मानते हैं इनमें विवाह की दशा में स्पेशल मैरिज एक्ट लागू होता है।

इस्लामिक आतंकवाद पूरे विश्व में फैल रहा है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र (UNO) को भी विश्व के देशों में जहां पर भी कॉमन सिविल कोड नहीं है इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। जिससे मुसलमान व अन्य भी कट्टरपंथियों के चुंगल से निकल सके। जिन देशों में कॉमन सिविल कोड नहीं है उन पर कई आर्थिक प्रबंध लगाकर उन्हें समान नागरिक संहिता के लिए बाध्य किया जा सकता है। शरिया मानने वाले मुसलमानों को गैर मुस्लिम देशों में आने पर प्रतिबंध लगाया जावे। कोई भी देश तब तक धर्मनिरपेक्ष नहीं कहा जा सकता जब तक के वहां समान नागरिक संहिता ना हो। क्योंकि इसके अभाव में कोई भी व्यक्ति बिना खुद की पहचान बदले बिना खुद के समाज से अलग हुए अपने जन्मजात धर्म के अलावा अन्य धर्म नहीं अपना सकता। वह एक से अधिक धर्मों की उपासना भी नहीं कर सकता। फिर इस्लाम में तो किसी भी सुधार की भी मनाही है। वह सुधारको के लिए कठोर यातनाएं भी हैं। भारत में जब तक समान नागरिक संहिता लागू नहीं होती तब तक स्पेशल मैरिज एक्ट व इंडियन सकसेशन एक्ट से ही काम चलाना होगा।

भारतीय उपमहाद्वीप में 95 प्रतिशत मुसलमान ऐसे हैं जिनके पूर्वज हिंदू थे, लेकिन उन्हें उस समय के मुस्लिम शासकों ने बलपूर्वक मुसलमान बनाया था। यदि यह लोग आज हिंदू होते तो अधिक शिक्षित व संपन्न होते। क्योंकि इस्लाम में जमाने के हिसाब से कोई भी सुधार नहीं हुए हैं। मुसलमानों को यह समझना चाहिए के मोहम्मद साहब का कार्य क्षेत्र केवल मक्का मदीना के आसपास के क्षेत्रों तक सीमित था। व उनकी सोच का दायरा केवल वहां के समाज का सुधार जो उस समय संभवत वही तक था। विश्व के अन्य देशों में उस समय भी कई उत्कृष्ट धर्म व्यवस्थाएं थी जिनसे मोहम्मद साहब अपरिचित थे। हिंदू कोई धर्म नहीं वरन एक जीवन शैली है, जिसका आधार यह है कि एक ही ईश्वर तक पहुंचने के लिए सभी धर्म अलग-अलग रास्ते हैं।
“एकम सत विप्रा: बहुधा वदन्ति”
सभी धर्मों में कई अच्छाइयां हैं तो कुछ बुराइयां भी हैं जिनमें समय के हिसाब से सुधार होना चाहिए। यदि विश्व के मुसलमान भी मानने लग जाए तो वह स्वयं की रूचि के अनुसार कई धर्मों की उपासना पद्धतियों का भी लाभ भी ले सकेंगे, जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सकेगा। इसके लिए सुधारवादी मुसलमानों को संगठन “राष्ट्रीय मुस्लिम मंच” से जोड़ने का काम हिंदुओं को भी करना होगा। अन्य कई नए सुधारवादी संगठन भी बनाने होंगे जिससे इस समाज के लिए कई प्रकार के सुधारात्मक कार्यक्रम चलाया जा सके।

विदेशों में हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी प्रेम से रहते हैं, क्योंकि दोनों में बोलचाल के अलावा भी कई सामान्यताएं हैं। वैसे भी 1947 का भारत विभाजन अंग्रेजों की एक चाल थी जिससे दोनों देश लड़ते रहें वह कभी तरक्की न कर सकें। दोनों जर्मनी पूर्वी व पश्चिमी मिलकर एक हो सकते हैं तो भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश भी एक हो सकते हैं। जिससे कश्मीर समस्या, आतंकवाद व भारत में बांग्लादेशियों की समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी। दोनों देशों का रक्षा खर्च भी कम हो जावेगा। पाकिस्तान और बांग्लादेश में सेना ने सत्ता का स्वाद चख रखा है इसलिए बिना भारत की मदद के वहां लोकतंत्र रह भी नहीं सकता। पाकिस्तान और बांग्लादेश की जनता को भी भारत में विलय हेतु प्रयास करना चाहिए जिससे इन दोनों देशों का आर्थिक विकास संभव है।

भारतीय राजनेताओं को यह समझना चाहिए कि इस्लाम पाकिस्तान की ताकत है। जिसके कारण पाकिस्तानियों में ना केवल भारत के खिलाफ एकता है बल्कि राष्ट्रीयता की भावना भी है। इस्लाम के कारण पाकिस्तानियों को विदेशों में वहां के मुसलमानों का सहयोग आसानी से मिल जाता है व उन देशों का भी जहां भी मुसलमान हैं। परवेज मुशर्रफ ने एक दफे कहा था कि पाकिस्तान की असली ताकत वहां की सेना नहीं बल्कि हिंदुस्तान में रहने वाले वह मुसलमान हैं जिनका पाकिस्तान पर प्रेम है। व जिनके कारण पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भारत में पनप रहा है। जिहाद के नाम पर पाकिस्तान मामूली खर्चे पर भारत के खिलाफ आतंकवादी तैयार कर लेता है। जो फिदायीन हमलों के लिए भी तैयार रहते हैं। अब यह एक अंतरराष्ट्रीय बीमारी बन गई है जो महामारी का रूप लेती जा रही है। जिहाद को धर्मयुद्ध समझना भी अंधविश्वास ही है।

आलेख में छपे विचार लेखक के निजी विचार हैं, डेमोक्रेटिकफ्रंट. कॉम इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

भारत माता की जय,का नारा लगाने की स्थिति में नहीं है कांग्रेसी: योगी आदित्यनाथ

काल्का , 11 अक्टूबर (सारिका तिवारी)

योगी आदित्यनाथ आज काल्का हल्के में भाजपा प्रत्याशी लतिका शर्मा के लिए प्रचार सभा में आमंत्रित थे। उन्होने हरियाणा में चुनावी रैली करने के लिए काल्का हल्के को दो कारणों से चुना पहला कारण यह मान कालिका का सिद्धपीठ है ओर दूसरे यह विधानसभा क्षेत्र संख्या अनुक्रमांक में पहले नंबर पर आता है। योगी ने काश्मीर से लेकर राफेल तक सभी मुद्दों पर बात की। वहीं उन्होने कॉंग्रेस के दोगले चरित्र पर खूब लताड़ लगाई। योगी ने याद दलाया की कॉंग्रेस में भारत माता का नारा रोक कर सोनिया गांधी ज़िंदाबाद के नारे लगवाए जाते है।

कांग्रेस ने पहले देश बेचा, अब टिकट बेच रहे : योगी आदित्यनाथ

कालका 11 अक्तूबर (सारिका तिवारी)

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए हुए उसे देश बेचने वाला बताया। योगी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले देश को बेचा। जब देश की सत्ता उनके हाथ से चली गई तो उन्होंने अपनी पार्टी की टिकट बेचना शुरू कर दी। पार्टी के नेता ही लगातार आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस के नेताओं द्वारा टिकट बेची गई हैं।इसलिए जिस पार्टी का स्वयं कोई भविष्य तय नहीं है, वह दूसरों के बारे में क्या सोचेगी।

योगी आदित्यनाथ ने लोगों से ज्ञान चंद गुप्ता और लतिका शर्मा के पक्ष में मतदान की अपील की। सीएम योगी आदित्यनाथ कालका में भाजपा प्रत्याशी लतिका शर्मा और पंचकूला से भाजपा के प्रत्याशी ज्ञानचंद गुप्ता के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया।


विजयदशमी के दिन रफेल की जब शस्त्र पूजा तो कांग्रेसियों को हंसी आ रही थी अपने देश के समृद्धि विकास पर हंसने वाले लोगों पर कौन विश्वास करेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कांग्रेस पार्टी घोटाला पार्टी के रूप में सामने आई है। कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान घोटालों खासतौर पर वाड्रा के विषय में बात करते हैं उन्होंने कहा कि दामाद जी ने घोटालों के नए कीर्तिमान स्थापित किए गुड़गांव से लेकर पंचकूला तक कोई ऐसी जमीन नहीं छोड़ी जिस पर घोटाला ना क्या हो।

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 370 को समाप्त करने की पहल करने और उस पर ऐतिहासिक निर्णय लिए जाने की उनकी सराहना की जबकि राहुल गांधी ने काश्मीर को लेकर कहा की एक बार आप वहाँ छूट दो तो वहाँ खून की नदियां बह जाएंगी और वहाँ एक पटाखा भी नहीं फूटा। कॉंग्रेस और पाकिस्तान की नीति एक ही है की वहाँ जाणीवन में गतिरोध बना रहे और जीवन अस्तव्यस्त रहे। वहाँ आतंकवाद पनपता रहे। दूसरी ओर प्रधान मंत्री मोदी आतंकवाद को वैश्विक चुनौती मानते हुए सम्पूर्ण विश्व को इस समस्या के खिलाफ एक जुट करने पर जुटे हुए हैं।

योगी ने आते ही सभी को नवरात्रि की बधाई दी और याद दिलाया की भाजपा के मंच पर भारत माता की जय जय आर होती है जबकि कॉंग्रेस के मंचों पर भारत मटा की जैकार के नारे रोक कर सोनिया गांधी के नारों की बौछार होती है।

योगी आदित्यनाथ ने रहल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि रहल गांधी हर च्नाव के बाद नानी याद आ जाती है और वह उनसे मिलने भी जाते हैं। यह तंज़ उनके अज्ञात विदेशी प्रवासों को लेकर था।

योगी ने कहा कि अब काँग्रेस का कोई भविष्य नहीं रह गया है, कॉंग्रेस के लोग खुद काँग्रेस कि जड़ें खोद रहे हैं। वहीं प्रधान मंत्री मोदी में जनता ने दूसरी बार विश्वास जताया है हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में जहां विकास कि बयार बही है वहीं हरियाणा सरार ने 72000 नोकरियाँ बिना साक्षात्कार के वरीयता के आधार पर मोहैया करवाईं गईं। किसी भी पद के लिए भाई भतीजावाद नहीं किया गया।

योगि ने याद दिलाया कि मोदी सरकार कि नीतियों को अक्षरश: पालन करने वाली मनोहर सरकार के कारण हरियाणा ने लोकसभा कि एक भी सीट नहीं गंवाई। सारी लोकसभा सीटें जीतने का गोरव हरियाणा के सर सजा है।

VOLUNTARY SEWA FOR 72nd ANNUAL NIRANKARI SANT SAMAGAM BEGINS

Chandigarh, October 7, 2019: 

Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj today inaugurated voluntary sewa for 72nd Annual Nirankari Sant Samagam at Sant Nirankari Spiritual Complex, Samalkha Haryana.  The Samagam is scheduled to be held at the SantNirankari Spiritual Complex near Samalkha on G.T. Road in Haryana from November 16 to 18, 2019.The Samagam is being held at the Mission’s own land for the second time.

While addressing Sewadal Adhikaris, volunteers and a large gathering of devotees from Chandigarh & Tricity, Delhi, Greater Delhi, Haryana, Punjab, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal and Jammu & Kashmir, Satguru Mata Ji said that Sewa (voluntary service) is not about the members of Sewadal only who have been contributing towards this selfless service rather it is for each member of the Mission who have been taking part with love and devotion. The realization of Nirankar Almighty enables each devotee to respect one another. This is how every devotee worships God here.

Recalling 90-year journey of the Mission, Satguru Mata Ji said that the Mission is all about spreading the message of Oneness, Peace, Universal Brotherhood and imbibing human values in devotees of the Mission.  For this, we must always adopt the ornaments of Sewa, Simran and Satsang.  Her Holiness prayed for the wellbeing of entire mankind and devotees coming for Sewa from God Almighty. 

          Approximately 4,000 volunteers would be rendering their services on daily basis at the Samagam venue from 7thOctober, 2019 onwards.

          Lakhs of devotees,like each passing year, are expected to arrive from all over India to attend the Samagam. A large number of saints will come from abroad also. For the convenience of devotees, Ministry of Railways has decided to halt every Express and Mail train for 3 minutes from November 5 to 30, 2019 at the Bhodwal Majri Railway Station located close to the Samagam venue.

          Besides the main Satsang Pandal and a large township of residential Shamianas, the Samagam Ground will have various offices, exhibitions, publication stalls, Langar (community kitchen), canteens and dispensaries, medical centres, etc. There will be parking areas for buses and other vehicles. All basic amenities would be well taken care of to make the stay comfortable for all the devotees.

          All arrangements for water, electricity supply, transport, traffic control and other necessary facilities are being well-coordinated with the local authorities concerned.

          Special attention will be paid to cleanliness and environment. Langar will be served in steel plates. There will be special arrangements for differently abled devotees coming to attend the Samagam.

For Publication in your esteemed Newspapers/ magazine.