रशीद के बयान ने करतारपुर कॉरिडोर के पीछे छिपे हुए पाकिस्तान के नापाक डिजाइन को उजागर कर दिया. भारत ने सोचा था कि करतारपुर कॉरिडोर दोनों देशों के बीच एक शांति का पुल बनेगा.
नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद के बयान करतारपुर कॉरिडोर के पीछे पाकिस्तान के नापाक इरादों को उजागर कर दिया है. बता दें शेख रशीद ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज था.
उन्होंने कहा कि रशीद के बयान ने करतारपुर कॉरिडोर के पीछे छिपे हुए पाकिस्तान के नापाक डिजाइन को उजागर कर दिया. भारत ने सोचा था कि करतारपुर कॉरिडोर दोनों देशों के बीच एक शांति का पुल बनेगा.
इससे पहले अकाली दल के नेता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी शेख रशीद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट करके कहा, मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील करता हूं कि वह बयान जारी कर शेख रशीद के बयान के पीछे की मंशा स्पष्ट करें. अगर रशीद झूठ बोल रहे हैं तो सिख भवनाओं को आहत करने के लिए इस बड़ेबोले मंत्री खिलाफ सख्त एक्शन ले.
क्या कहा था शेख रशीद ने? बता दें पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद ने दावा किया है कि ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज थी और यह भारत के लिए हमेशा के लिए नुकसान करने वाला होगा. रशीद का यह बयान पाक सरकार के उस दावे के उल्ट है जिसमें वह कहती आई है कि करतारपुर कॉरिडोर पीएम इमरान खान की पहल है.
‘करतारपुर कॉरिडोर सुरक्षित, दुश्मन को कई बार सोचना होगा’
बीएसएफ के 55वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रायने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को बीएसएफ ने सुरक्षित रखा है. राय ने कहा कि दुश्मन को घुसपैठ के लिए कई बार सोचना पड़ेगा.
केंद्रीय गृह राज्य नित्यानंद राय ने कहा, ‘करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर डेरा बाबा नानक बीएसएफ जवानों ने सुरक्षित कर रखा है है। जवानों के प्रयासों के कारण दुश्मनों को किसी घुसपैठ या किसी अपराध को करने से पहले कई बार सोचना पड़ता है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/12/CM-Amarinder-expresses-anger-over-forced-marriage-of-Sikh-girl-in-Pak-demands-action-from-Imran.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-12-01 14:28:062019-12-01 14:28:09मंत्री शेख रशीद के बयान करतारपुर कॉरिडोर के पीछे पाकिस्तान के नापाक इरादों को उजागर कर दिया है: अमरिंदर सिंह
अकाली दल के नेता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने पाकिस्तान (pakistan) के रेल मंत्री शेख रशीद के करतारपुर कॉरिडोर को लेकर बयान की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इमरान खान को शेख रशीद के बयान को लेकर स्थिति साफ करनी चाहिए. सिरसा ने कहा, अगर रशीद का बयान झूठ है तो पीएम इमरान खान को सिख भावनाओं को आघात पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
सिरसा ने ट्वीट करके कहा, मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील करता हूं कि वह बयान जारी कर शेख रशीद के बयान के पीछे की मंशा स्पष्ट करें. अगर रशीद झूठ बोल रहे हैं तो सिख भवनाओं को आहत करने के लिए इस बड़ेबोले मंत्री खिलाफ सख्त एक्शन ले.
बता दें पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद ने दावा किया है कि ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज थी और यह भारत के लिए हमेशा के लिए नुकसान करने वाला होगा. रशीद का यह बयान पाक सरकार के उस दावे के उल्ट है जिसमें वह कहती आई है कि करतारपुर कॉरिडोर पीएम इमरान खान की पहल है.
‘करतारपुर कॉरिडोर सुरक्षित, दुश्मन को कई बार सोचना होगा’
एसएफ के 55वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को बीएसएफ ने सुरक्षित रखा है. राय ने कहा कि दुश्मन को घुसपैठ के लिए कई बार सोचना पड़ेगा.
केंद्रीय गृह राज्य नित्यानंद राय ने कहा, ‘करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर डेरा बाबा नानक बीएसएफ जवानों ने सुरक्षित कर रखा है है। जवानों के प्रयासों के कारण दुश्मनों को किसी घुसपैठ या किसी अपराध को करने से पहले कई बार सोचना पड़ता है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/12/manjinder-singh-sirsa_3779691_835x547-m.jpeg547835Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-12-01 14:04:342019-12-01 14:04:37‘करतारपुर कॉरिडोर को लेकर स्थिति साफ करें इमरान’: सिरसा
जनरल बाजवा करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए थे. कहा गया था कि ऐसा उन्होंने विवाद से बचने के लिए किया था. अब तक पाकिस्तान सरकार यह दावा कर रही थी कि कॉरिडोर खोलना प्रधानमंत्री इमरान खान की सोच है. यह सच भी है की सिद्धू ने खुद इसकी तसदीक की थी की जन॰ बाजवा ने जब उन्हे गलबहियाँ डालीं तभी बाजवा ने उन्हे इस बाबत उन्हे कहा था।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
इमरान खान के करीबी और पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने शनिवार को कबूल लिया है कि करतारपुर कॉरिडोर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज थी. कॉरिडोर के इस जख्म को हिंदुस्तान हमेशा याद रखेगा. जबकि इससे उलट पाकिस्तान सरकार अब तक यह दावा कर रही थी कि कॉरिडोर खोलना प्रधानमंत्री इमरान खान की सोच है.
पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, ”जनरल बाजवा ने करतारपुर कॉरिडोर का ऐसा जख्म लगाया कि हिंदुस्तान हमेशा इसे याद रखेगा. इस प्रोजेक्ट के जरिए सिखों के अंदर पाकिस्तान के लिए खुशदिली और मोहब्बत पैदा की गई.”
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही आगाह कर चुके हैं कि करतारपुर कॉरिडोर के पीछे पाकिस्तान का एक छिपा हुआ एजेंडा है.
पाकिस्तान में अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा जैसे कई देशों से पहुंचे अलगाववादियों और खालिस्तानी तत्वों की मौजूदगी तथा भारत से करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं से उनकी संभावित मुलाकात भारत के लिए चिंता का विषय है. खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे सिख कट्टरपंथी संगठनों की उनके विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने की योजना है.
सिख रेफरेंडम 2020
भारत ने इस पर चिंता जताई है कि पाकिस्तान में कई गुरुद्वारों का इस्तेमाल खालिस्तान-समर्थक विचारों को बढ़ावा देने में किया जा रहा है और कथित सिख रेफरेंडम 2020 से संबंधित पैंपलेट्स के वितरित किए जाने से संबंधित जानकारी साझा की है. एसएफजे के प्रमुख अवतार सिंह पन्नू और गुरपटवंत सिंह पन्नू हैं, जो पृथक खालिस्तान राज्य की मांग करते हैं.
पाकिस्तान द्वारा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), खालिस्तान कमांडो फोर्स (केजेडएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) जैसे अन्य प्रतिबंधित संगठनों को पुनर्जीवित किए जाने को लेकर भारत चिंतित है. जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठन भारत में हथियारों की तस्करी में संलिप्त पाए गए.
पाकिस्तान से हथियार तस्करी
खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान से ड्रोन्स के माध्यम से हथियार भारत भेजे जाने से भी चिंतित हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान से हथियार तस्करी कर लाने वाले दो ड्रोन्स हाल ही में पकड़े गए थे.
भारत ने जताई चिंता
आतंकवादी हाफिज सईद के सहयोगी और कुख्यात अलगाववादी गोपाल सिंह चावला के करतारपुर साहिब कॉरिडोर की 10 सदस्यीय समिति का सदस्य बनाए जाने पर भी भारत ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है.
आपत्तिजनक वीडियो
एक नवंबर को जारी करतारपुर पर पाकिस्तान के आधिकारिक वीडियो में जरनैल सिंह भिंडरांवाले समेत खालिस्तानी आतंकवादी और भारत-विरोधी तत्व दिखे थे. साल 1984 में ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उसका सैन्य सहयोगी शाबेग सिंह मारा गया था. वीडियो में प्रतिबंधित ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ संगठन के पोस्टर भी दिखे थे. भारत ने इस वीडियो में दिखे आपत्तिजनक लोगों को लेकर आपत्ति जताई थी.
‘भारतीय बम’ पर एक पोस्टर
करतारपुर में दरबार साहिब गुरुद्वारा के निकट ‘भारतीय बम’ पर एक पोस्टर की मौजूदगी से भी भारत की भौंहें तनी हैं. दावा किया गया है कि वह बम भारतीय वायुसेना ने 1971 के युद्ध के दौरान तीर्थस्थल पर गिराया था. पोस्टर में उर्दू, गुरुमुखी और अंग्रेजी में लिखा है, “वाहे गुरु जी का चमत्कार.” बम को सिखों के लिए पवित्र खंडा से सजे एक छोटे खंबे के ऊपर शीशे के अंदर रखा गया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/12/Kartarpur-Corridor-the-brainchild-of-Army-Chief-General-Bajwa-Pakistani-Railway-Minister.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-12-01 13:44:442019-12-01 13:44:47करतारपुर कॉरिडोर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज: शेख रशीद अहमद
आज का दिन भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि का दिन है. आज ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से PSLV-C47 रॉकेट की मदद से. अंतरिक्ष में एक साथ 14 Satellites की कामयाब लॉन्चिंग की है. परिश्रमी और मेहनती लोगों के आंसू उनकी असफलता की निशानी नहीं बल्कि उनकी आने वाली कामयाबी का सबूत होते हैं. करीब दो महीने पहले चंद्रयान Two की असफलता के बाद आपने ISRO के चेयरमैन K Sivan की भावुक तस्वीरें देखी होगी… लेकिन सिर्फ दो महीनों में उसी लगन और मेहनत से K Sivan और ISRO के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और ये कीर्तिमान है अंतरिक्ष में भारत के सबसे शक्तिशाली कैमरे की सफल लॉन्चिंग.
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
आज PSLV-C47 रॉकेट ने स्वदेशी Cartosat-3 सैटेलाइट के साथ अमेरिका के 13 Nano Satellites को भी अंतरिक्ष में स्थापित किया है. PSLV-C47 रॉकेट श्रीहरिकोटा से आज सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर रवाना हुआ और सिर्फ 17 मिनट 38 सेकेंड में इसने Cartosat-3 को अपनी मंजिल तक पहुंचा दिया . लेकिन आज की सबसे बड़ी कामयाबी है. दुश्मनों पर नजर रखने की भारत की क्षमता में बड़ी सफलता. इसलिए आज हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे.
Cartosat-3… तीसरी पीढ़ी का यानी Third Generation Advanced Earth Observation Satellite है. इसे अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है. और 1625 किलोग्राम का ये सैटेलाइट अगले 5 वर्षों तक अंतरिक्ष में काम करता रहेगा.
Cartosat Series के Satellite में State-Of-The-Art Camera लगा हुआ है. आसान शब्दों में कहें तो ये Satellite पृथ्वी की कक्षा में मौजूद एक High Tech कैमरे जैसा है. जिसकी मदद से पृथ्वी की बेहद साफ तस्वीरें ली जा सकेंगी.
509 किलोमीटर की ऊंचाई से ये कैमरा 25 सेंटीमीटर आकार की वस्तुओं की साफ तस्वीर ले पाएगा . यानी सैकड़ों किलोमीटर दूर से आपके मोबाइल Tablet की तस्वीर ली जा सकती है. एक उदाहरण से इसे समझिए. दिल्ली से लखनऊ की दूरी करीब 5 सौ किलोमीटर है. और आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आकार 25 सेंटीमीटर से थोड़ा बड़ा होता है. और ये सैटेलाइट दिल्ली से ही लखनऊ में मौजूद आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट की तस्वीर ले सकता है . इसी तरह पृथ्वी पर अगर 1 फीट ऊंची कोई वस्तु है… यानी सीमा पर तैनात दुश्मन का कोई सैनिक… तो Satellite की मदद से उसकी भी साफ तस्वीर मिलेगी.
आज आपके लिए गर्व करने की बात ये भी है कि Cartosat-3 Satellite और इसके कैमरे का निर्माण वैज्ञानिकों ने देश में ही किया है…Cartosat-3 Satellite से ली गई तस्वीरें कैसी दिखेगीं…इसे समझने के लिए हमने ISRO की Website की मदद ली. और इस वक्त आप Cartosat-2 Series के Satellite से ली गई तस्वीरें देख रहे हैं. ये तस्वीर राजस्थान के किशनगढ़ रेलवे स्टेशन की हैं, जिसे 26 जून 2017 को अंतरिक्ष से लिया गया था.
लेकिन Cartosat-3 Satellite की तस्वीर इससे ज्यादा साफ और स्पष्ट होगी… जिसे देखकर किसी इलाके के बारे में पूरी जानकारी मिल पाएगी . जो तस्वीर आप इस वक्त देख रहे हैं… ये एक प्राइवेट कंपनी के Satellite से ली गई तस्वीरें हैं . जिसकी क्षमता Cartosat-3 के बराबर है. यानी ऐसी ही तस्वीर हमारे स्वदेशी Satellite की भी होगी.
Cartosat-3 Satellite इसरो के सबसे मुश्किल Projects में एक रहा है . इसके बारे में आपको बताने के लिए आज हमने अंतरिक्ष विशेषज्ञों से भी बात करके पूरी खबर को आसान भाषा में तैयार किया है . ताकि शक्तिशाली कैमरे वाले इस Satellite के बारे में आपको हर सवाल का जवाब मिल सके.
इन्हीं खूबियों की वजह से ये Satellite भारतीय सेना और सुरक्षाबलों के लिए काफी मददगार है. और इसका इस्तेमाल भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमा के इलाकों में दुश्मनों पर नज़र रखने के लिए भी किया जा सकता है. पिछले 10 वर्षों में Satellite Imaging यानी अंतरिक्ष से तस्वीरें लेने की तकनीक में बड़ा बदलाव हुआ है. अंतरिक्ष से किसी देश की जासूसी करना फायदेमंद है क्योंकि इसके लिए किसी की सीमा में दाखिल होने की जरूरत नहीं होती है.
बताया जाता है कि पृथ्वी की कक्षा में 140 ऐसे Satellites हैं जो दिन रात किसी भी देश की तस्वीरें ले सकते हैं.अमेरिका और रूस के पास ऐसे कई Satellites हैं जो पृथ्वी पर मौजूद किसी कार की License Plate की भी साफ तस्वीर ले सकते हैं . दिसंबर 2018 में चीन ने गाओफेन-4(Gaofen) नामक एक Satellite लॉन्च किया था… जिसमें अंतरिक्ष से तस्वीरें लेने वाला सबसे शक्तिशाली कैमरा होने का दावा किया जाता है
लेकिन ये सर्वश्रेष्ठ कैमरे वाला सबसे बेहतर Satellite नहीं है. अमेरिका और रूस इस तकनीक का इस्तेमाल पिछले करीब 60 वर्षों से कर रहे हैं . और ऐसे Spy Satellite की लॉन्चिंग और तैनाती की खबरों को भी classified यानी गुप्त रखा जाता है . इनके बारे में कोई देश दूसरों को जानकारी नहीं देता है .
आज हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई होगी… क्योंकि, अब आसमान से भारत की आंख… उसकी एक-एक हरकत पर नज़र रखेगी. पाकिस्तान के आतंकवादी और भारत के खिलाफ अभियान चलाने वाले पाकिस्तान के सैनिक इस Satellite की नज़रों से बच नहीं पाएंगे.
Cartosat सीरीज के Satellites वर्ष 2005 से लॉन्च किए जा रहे हैं… और आज लॉन्च किए गए Cartosat-3 सहित पृथ्वी की निगरानी करने वाले… ऐसे 9 उपग्रह अबतक अंतरिक्ष में भेजे गए हैं . Cartosat-3 का इस्तेमाल Urban और Rural Infrastructure Development के अलावा, भौगोलिक स्थिति से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए होगा. इसकी मदद से ली गई तस्वीरों के आधार पर शहरों के लिए ज़रुरी Data इकट्ठा किया जाता है. इसलिए आज का दिन ISRO के लिए भी बड़ी कामयाबी का दिन है .
भारत ने PSLV रॉकेट के ज़रिए Satellite छोड़ने के काम में महारत हासिल कर ली है. भारत ये काम दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले बहुत सस्ते दामों में कर पाता है . ये Make In India का एक ऐसा चमत्कार है… जिसे पूरी दुनिया सलाम कर रही है . अब समझिए कि आज इसरो ने क्या नई कामयाबियां हासिल की हैं.
PSLV-C47… Satish Dhawan Space Centre से किया गया 74वां लॉन्च है .इस महत्वपूर्ण Satellite के लिए ISRO ने अपने सबसे भरोसेमंद PSLV सीरीज के रॉकेट का इस्तेमाल किया और ये PSLV की 49वीं उड़ान है. अब PSLV सीरीज में ही ज्यादा ताकतवर रॉकेट बनाए गए हैं जिसका नाम है PSLV-XL..और Cartosat-3 को इसी से लॉन्च किया गया है . ये रॉकेट 1800 किलोग्राम तक के Satellites को अंतरिक्ष में ले जा सकता है. और वर्ष 2019 में ISRO की ये 5वीं सफल लॉन्चिंग है…
श्रीहरिकोटा से लॉन्च किए गए सभी Missions को मिलाएं तो इसरो के कुल 76 में से 68 मिशन सफल रहे हैं और सिर्फ 8 नाकाम हुए हैं. इस हिसाब से ISRO…अब अंतरिक्ष की दुनिया का ऐसा खिलाड़ी है, जिसका Strike Rate 89 प्रतिशत है. अंतरिक्ष में भारत की अपार सफलता के पीछे ISRO के वैज्ञानिकों की काबिलियत और मेहनत का सबसे बड़ा योगदान है. आज का दिन ISRO के हर वैज्ञानिक और उनके परिवार को प्रणाम करने का है. क्योंकि इन्होंने ही दिन रात मेहनत करके दुनिया के मंच पर भारत की शान बढ़ाई है
साभार “DNA”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/11/cortoset3.jpg9001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-11-28 03:53:482019-11-28 04:49:24अंतरिक्ष में भारत का सबसे शक्तिशाली आँख
चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) में मिली आंशिक सफलता के बाद इसरो (ISRO) ने बुधवार को एक बार फिर अंतरिक्ष में सफलता का झंडा गाड़ा। देश की सबसे ताकतवर मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) 27 नवंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से बुधवार सुबह लॉन्च किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने पीएसएलवी-एक्सएल वेरिएंट के साथ 14 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा. इसकी मदद से आतंकी गतिविधियों पर भारतीय सेनाएं नजर रख सकेंगी.
नयी दिल्ली(ब्यूरो) :
देश के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी47) ने बुधवार सुबह कार्टोसैट 3 को उसकी कक्षा में सफलतापूर्वक छोड़ दिया और अमेरिका के 13 वाणिज्यिक छोटे उपग्रहों को भी उनकी निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया. पीएसएलवी-सी47 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार से बुधवार सुबह 9.28 बजे अंतरिक्ष के लिए छोड़ा गया. इस दौरान आसमान में बादल छाए हुए थे. काटरेसैट-3 उपग्रह उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें लेने की क्षमता से लैस तीसरी पीढ़ी का उन्नत उपग्रह है. यह 509 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित कक्षा में 97.5 डिग्री पर स्थापित जाएगा.
सुबह 9.55 तक PSLV-C47 ने सफलतापूर्वक कार्टोसैट 3 अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थापित कर दिया. साथ ही अमेरिका के 13 वाणिज्यिक उपग्रह सफलतापूर्वक ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया.
कार्टोसैट 3 की खास बातें..
-पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा. -दुनिया का सबसे एडवांस और ताकतवर कैमरा लगा हुआ है. -हाथ की घड़ी का समय तक देख लेगा कार्टोसैट- 3 सैटेलाइट. -जमीन पर 0.25 मीटर (9.84इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकता है. -सीमाओं की निगरानी और आतंकी घुस्पैठ राकने में मिलेगी मदद. -पाकिस्तान की नापाक हरकतों और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखेगा. -सभी प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/11/CARTOSAT-3.jpg441660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-11-28 03:25:102019-11-28 03:25:13कार्टोसैट 3 को उसकी कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित
BIG Breaking : SC orders that the disputed land must be given to Hindus. Centre to formulate a scheme within 3 months.
Muslims must be given alternate land.
AYODHYAVERDICT
A suitable plot of 5 acres must be granted to Sunni Waqf Board to set up a Mosque. The disputed land at Ayodhya must be given to a Board of Trustees for construction of #RamMandir. Centre to formulate scheme within 3 months.
AYODHYAVERDICT
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/ram-mandir-ie.jpg440660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-11-09 05:59:252019-11-09 05:59:28SC orders that the disputed land must be given to Hindus.
[09/11, 11:00 AM] www.demokraticfront.com: Muslims offered prayer inside the inner courtyard while the same was done by Hindus in the outer court yard : SC
[09/11, 11:01 AM] www.demokraticfront.com: SC holds that the mosque was not abandoned; mere cessation of namaz by Muslims cannot lead to inference that mosque was abandoned and they lost possession
AYODHYAVERDICT
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/Ram-Mandir-Model-Replica.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-11-09 05:38:472019-11-09 05:54:12#AYODHYAVERDICT
सूत्रों के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश ने दोनों अफसरों से अयोध्या की सुरक्षा को लेकर उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ली। साथ ही दोनों समुदायों के बीच आपसी सौहार्द बना रहे, इस संबंध में भी तैयारियों के बारे में पूछा।
सुप्रीम कोर्ट शनिवार को अयोध्या बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश की अदालत में शनिवार को फैसला सुनाने के लिए मामले को सुबह 10.30 बजे सूचीबद्ध किया गया है।
सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस बोबडे, चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की पीठ ने फैसला सुनाने के लिए शनिवार को विशेष सीटिंग करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने चालीस दिन की मैराथन सुनवाई के बाद मामले में 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मुख्य न्यायधीश ने की थी उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ गोपनीय बैठक
शुक्रवार को अयोध्या रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या व राज्य में कानून- व्यवस्था पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ गोपनीय बैठक की। करीब 1.30 घंटे तक चली इस बैठक के दौरान अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस अशोक भूषण भी शामिल रहे।
सूत्रों के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश ने दोनों अफसरों से अयोध्या की सुरक्षा को लेकर उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ली। साथ ही दोनों समुदायों के बीच आपसी सौहार्द बना रहे, इस संबंध में भी तैयारियों के बारे में पूछा। इससे पहले 16 अक्टूबर को 40 वें दिन की सुनवाई के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/21mandir1.jpg494670Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-11-09 03:30:382019-11-09 03:31:36राम मंदिर पर फैसला आज
It is for the information of the general public and students of Panjab
University Teaching Departments/Colleges in particular that result of the
following examinations have been declared:-
BHMS Ist Prof. September , 2019
BHMS 3rd Prof. September , 2019
BHMS 2ndProf. (Re-appear) September , 2019
B.Voc. Retail Management 5th Sem.
September, 2019 (Special Chance)
B.Voc. Retail Management 6th Sem.
September, 2019 (Special Chance)
B.Voc. Food Science & Technology 3rd
Sem. September, 2019(Special Chance)
Post Graduate Diploma in International
Business 2nd Sem. September, 2019 (Special Chance)
The
students are advised to see their result in their respective
Departments/Colleges/University website.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/panjab_university.jpg246500Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-11-07 11:38:022019-11-07 11:38:05PU Results
इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।
यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में
बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों
की संख्या नौ हो गई है।
आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।
श्रीनगर और
लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई
कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।
सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए
गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में
बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी
घमासान भी मचा।
भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का
दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे
को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।
सरदार पटेल की
जयंती पर बना नया इतिहास
सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया। देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।
जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने
कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर
के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की
कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और
लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों
ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है.
अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम
बंगाल के थे.
ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे
के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना
किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण
कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.
जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर
दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी
ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं
है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी
सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो
कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने
उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर
उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई.
उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर
में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को
भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी
से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो
विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी
सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म
होगा.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/jammudivision.jpg711831Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-10-30 23:52:292019-10-30 23:52:32अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं
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