CAA के समर्थन में भाजपा और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों की पदयात्रा

पंचकूला 10 जनवरी (कोरल) :

आज यहां सीएएए के समर्थन में एक भव्य पदयात्रा का का आयोजन किया गया रैली इस पद यात्रा का नेतृत्व हरियाणा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुभाष बराला इस पदयात्रा का नेतृत्व किया उन्होंने जनसाधारण से आह्वान किया कि इस कानून का समर्थन करें क्योंकि यह कानून किसी का विरोधी नहीं है उन्होंने यह भी बताया के कुछ विघटनकारी ताकतें भोली भाली जनता को बरगला रही हैं और देशहित को परे रखकर अपने राजनीतिक उद्देश्य को भुना रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी की विभिन्न इकाइयों के अलावा पंचकूला, रायपुर रानी, कालका, पिंजौर, नारायणगढ़ आदि क्षेत्रों से लोगों ने भाग लिया भाजपा के समर्थन में जिले के संगठनों विश्व हिंदू परिषद करणी सेना अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बजरंग दल आदि ने भाग लिया।


हरियाणा भाजपा के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, हरियाणा प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी वीरेंद्र गर्ग , महिला मोर्चा की अध्यक्ष परमजीत कौर अंजली बंसल , ओमप्रकाश देवी नगर, कालका से पूर्व विधायिका लतिका शर्मा भी मौजूद थी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी ABVP के समर्थन में आगे आए

चंडीगढ़ 9 जनवरी ,(पुरनूर)

पिछले दिनों जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय मैं छात्रों पर आक्रमण विरोध में जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देशव्यापी प्रदर्शन करगते हुए की मांग कर रही है वही
अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समर्थन में आगे आए हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान योगेश्वर दत्त ने इस घटना के कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश में रहते हुए देश खिलाफ अपने वाले इसी माध्यम से उन्होंने वामपंथियों और माओवादियों पर सीधे-सीधे आक्षेप लगाते हुए कहा देश को तोड़ने कि साजिश करने वाले एक शैक्षणिक परिसर में रह रहे हैं यह वही लोग हैं जिन्होंने अफजल गुरु तुम्हें नारे लगाए थे योगेश्वर ने विद्यार्थियों से कहा कि वह ऐसे लोगों से सतर्क रहें।

सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान बबीता फोगाट नेवी जेएनयू प्रकरण की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भारत के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को जिस प्रकार से वामपंथी विचारधारा के कुछ लोग वहां के आम विद्यार्थियों को साथ लेकर कर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं ।अपने माओवादी एवं वामपंथी विचारधारा को थोपने का उनका यह प्रयास सफल नहीं होगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि सभी एक साथ खड़ा होकर ऐसी ताकतों जो कि देश को बाँटने का काम कर रही हैं से विश्वविद्यालय को छुटकारा दिलाना होगा ।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी सोमवीर कादयान ने कहा कि भारत के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को एक खास विचारधारा के लोग बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। विद्यार्थियों को लेकर अपनी माओवादी और वामपंथी विचारधारा को लेकर आगे चलने का प्रयास देश जानलेवा है ।उन्होंने कहा कि इस तरह की इस विघटनकारी विचारधारा से विश्वविद्यालय को छुटकारा दिलाना हर भारतवासी का कर्तव्य है।

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 07.01.2020 :

Assault or criminal force to deter Public Servant

A case FIR No. 07, U/S 353, 427, 34 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh on the complaint of Ct. Joginder Singh, PCR Staff against Gutnu and others who pelted stones on PCR Vehicle Echo-33 No. CH-01GA-6669 and ran away after breaking front glass near # 838 Colony No. 4, Ph-1, Ind. Area, Chandigarh on 05.01.2020. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Sandeep Kumar R/o # 1133, Sector-11, Panchkula (HR) reported that unknown person stole away Maestro Scooter No. HR-03S-5069 parked near Plot No. 143/A Ph-1 Ind. Area, Chandigarh. A case FIR No. 08, U/S 379 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Anup Kumar Sharma R/o # 836, Burail, Chandigarh reported that unknown person stole away Hero Honda M/Cycle No. CH01-AM-4277 parked in front of his house on the night intervening 05/06-01-2020. A case FIR No. 02, U/S 379 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Missing/Abduction

A person resident of Sarangpur, Chandigarh reported that her daughter age about 13 years has been missing from her residence since 06.01.2020. A case FIR No. 02, U/S 363 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A lady resident of Sector-38, Chandigarh reported that her daughter age about 17 years has been missing from her residence since 04.01.2020. A case FIR No. 06, U/S 363 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

जेएनयू हिंसा में लिप्त नकाबपोश लड़की मिली, पर उसके दावे अलग हैं

नकाब में वायरल हो रही लड़की का नाम शाम्भवी है. शाम्भवी का कहना है कि जेएनयू में जब हिंसा हुई उस वक्त वह वहां मौजूद ही नहीं थी.

नई दिल्ली(ब्यूरो): 

जवाहर लाल नेहरू विवि (जेएनयू) परिसर में रविवार को हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक नकाबपोश लड़की की तस्वीर वायरल हो रही है. लोग लिख रहे हैं कि यही लड़की हमलावरों की अगुवाई कर रही थी. पत्रकारों से बातचीत के दौरान लड़की ने अपनी पूरी बात दुनिया के सामने रखी है. नकाब में वायरल हो रही लड़की का नाम शाम्भवी है. शाम्भवी का कहना है कि जेएनयू में जब हिंसा हुई उस वक्त वह वहां मौजूद ही नहीं थी. उसने बताया कि जिस समय साबरमती हॉस्टल में हंगामा हुआ वह उस समय हॉस्पिटल में भर्ती थी. उनके पास पर्ची भी है जब शाम 6.30 बजे वह AIIMS में भर्ती थी. उसने बताया कि पेरियार हॉस्टल में जब हमला हुआ था तब वो घायल हो गयी थी. शाम्भवी का आरोप है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वह है ही नहीं. वह आज भी वहीं चेक शर्ट पहनी हुई है. उसका कलर और उनके शर्ट का कलर दोनों अलग है.

JNU हिंसा में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR

इस मामले में वसंत कुंज थाने में दर्ज हुए मुकदमें मे कहा गया है कि जेएनयू के छात्र पिछले कुछ दिनों से हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विरोध की अनुमति नहीं है. मुकदमें में आगे कहा गया है कि एक इंस्पेक्टर की अगुवाई में एक पुलिस दल 5 जनवरी को अपराह्न 3.45 बजे प्रशासनिक ब्लॉक में तैनात किया गया, कुछ छात्रों के बारे में सूचना मिली कि पेरियार हॉस्टल में इकट्ठा हुए हैं और उनके बीच लड़ाई हुई है और वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. 

निरीक्षक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पेरियार हॉस्टल पहुंचे जहां उन्होंने लगभग 50 लोगों को नकाब पहने और लाठियों से लैस पाया. भीड़ हॉस्टल में छात्रों को पीट रही थी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही थी, लेकिन पुलिस को देखकर वे सभी भाग गए. शाम करीब 7 बजे साबरमती हॉस्टल में भड़के छात्रों और छात्रों की पिटाई के बारे में हिंसा के पीसीआर कॉल आने लगे. 

पीए सिस्टम की मदद से वैंडल्स को चेतावनी जारी की गई थी लेकिन वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और छात्रों की पिटाई कर रहे थे. वे सब भाग गए. कई छात्रों को चोटें आईं और उन्हें एम्स ले जाया गया. सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम को नुकसान की रोकथाम में आईपीसी की धारा 145, 147, 148 149, 151 और धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?

दिल्ली पुलिस के PRO मनदीप सिंह रंधावा ने बताया, ‘दोनों गुटों ने बाहरी लोगों को बुलाया था. रविवार (5 जनवरी) की घटना से पहले दिल्ली पुलिस तीन FIR पहले दर्ज कर चुकी है. कुल चार कैस दर्ज हुए हैं. शाम 5 बजे के बाद कॉल मिली था. ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन हुआ था. वहीं चेक करते हैं एडमिन ब्लॉक के पास पुलिस होती है. एडमिन ब्लॉक में पुलिस की दो पोलीमेंट होती है. सीसीटीव कलेक्ट कर जांच शरू कर दी गयी है. 34 एडमिट हुए थे सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है.’

उन्होंने कहा कि फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बनाई गई है. शालनी सिंह लीड कर रही हैं. सभी बिंदु की जांच की जा रही है. पीसीआर कॉल मिलते ही पुलिस गयी थी. सोशल मीडिया के वाट्सऐप की जांच की जा रही है.

अभी भी महिला सशक्तिकरण मात्र एक दिवास्वप्न

Sarika Tiwari Editor, demokratikfront.com

घर के साथ नौकरी चलाने का जैसा दबाव महिलाओं के ऊपर होता है, पुरुष न तो वैसा दबाव झेलते हैं और न ही नियोक्ता से लेकर घर-समाज उनसे वे अपेक्षाएं करता है।
यह बड़ी विडंबना है कि एक तरफ महिलाओं के साथ उनका समाज कोई रियायत नहीं बरतता, तो दूसरी तरफ कार्यस्थल पर उन्हें यह कहकर कोई छूट नहीं मिलती कि उन्हें तो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। महिला सशक्तिकरण हो जाए और घर के कामकाज में स्त्री के हाथ लगने का सुभीता बना रहे, इसके लिए अध्यापन जैसे पेशे को महिलाओं के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। कोई शिक्षिका यह नहीं कर सकती कि सुबह उठकर वह स्कूल जाने की तैयारी करे, पर घर का कामकाज न करे, परिवार के लिए भोजन न पकाए। जबकि उसी स्कूल में पढ़ाने वाले पुरुष शिक्षक घर में अखबार पढ़ने या चाय पीते हुए टीवी देखने से ज्यादा कोई योगदान शायद ही करते हों।

हम महिला सशक्तिकरण की चाहे जितनी डींगें हांक लें, लेकिन21वीं सदी में भी महिलाओं की स्थिति में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है। वे पढ़-लिखकर कामकाजी जरूर हुई हैं, पर घर से बाहर उन्हें और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नौकरी के लिए निकलते हुए उन्हें अपने पति और सास-ससुर से इजाजत लेनी पड़ती है। मर्दों से कम वेतन पर उन्हें ज्यादा असुविधाजनक माहौल में काम करना पड़ता है, बॉलीवुड इसका जीता जागता उदाहरण है जहाँ हर स्तर पर महिला कलाकारों का पुरूष कलाकारों के मुकाबले पारिश्रमिक कम है।योग्यता होते हुए भी महिलाओं को कई क्षेत्रों में एक सहायिका की तरह तो रखा जाता है लेकिन एक एक्सपर्ट की हैसियत से उसके लिए कोई स्थान नहीं जैसे कि बॉलीवुड में मेकअप का क्षेत्र वहाँ महिलाओं को मेकअप के लिए काम नहीं मिलता क्योंकि मेकअप मैन एसोसिएशन महिलाओं को इस क्षेत्र में रोजगार पाने में बरसों से रोड़ा अटका रही है।
कई बार सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न सहना पड़ता है और वे हिंसा का शिकार भी होती हैं। इसके बाद भी उन्हें घर के काम या अन्य जिम्मेदारियों से छूट नहीं मिलती।
विश्व बैंक की ‘महिला, कारोबार और कानून 2016’ रिपोर्ट में किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह घोर अन्याय है कि जिस समाज की उन्नति में महिलाएं अपना भरपूर योगदान देती हैं, वही समाज महिलाओं के नौकरी पाने की उनकी क्षमता या आर्थिक जीवन में उनकी भागीदारी पर पाबंदियां लगाता है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 30 देशों में विवाहित महिलाएं इसका चयन नहीं कर सकतीं कि उन्हें कहां रहना है और 19 देशों में वे अपने पति का आदेश मानने को कानूनन बाध्य होती हैं।

समाज तो जब बदलेगा, तब बदलेगा, लेकिन महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली कंपनियां-फैक्टरियां तो ऐसे प्रबंध कर ही सकती हैं कि वे कार्यस्थल पर महिलाओं के अनुकूल वातावरण बनाएं और उनकी अपेक्षाओं-जरूरतों को ध्यान में रखें। अभी हमारे देश में ऐसी पहलकदमी करने वाली कंपनियां उंगलियों पर गिनी जा सकती हैं।

पंजाब व चंडीगढ़ के निरंकारी यूथ सिम्पोजियम का समापन

पंचकुला 6 जनवरी,
सन्त निरंकारी मिशन की प्रमुख माता सुदीक्षा की अध्यक्षता में आयोजित पंजाब व चंडीगढ़ के निरंकारी यूथ सिम्पोजियम का समापन आज पंचकुला के सेक्टर -5 स्थित शालीमार ग्राउंड में सम्पन्न हुआ।         
   इस अवसर पर सद्गुरु माता सुदीक्षा जी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि – सत्संग, सेवा और सुमिरण यह केवल 3 शब्द बनकर न रह जाये बल्कि हमारी रोज़मर्रा कि जिंदगी में ऐसे बसा ले ।
         जिसमें पहले प्रदर्शन किया जिससे यहीं भाव निकलता निरंकारी यूथ सिम्पोजियम के दूसरे दिन तीन तत्वों वायु, आकाश व जीव को विभिन्न कलाओं व संवाद के सहयोग से दर्शाया गया जिसमें बाबा हरदेव सिंह जी के विचार ‘‘नफरत करने वाले से ईष्या न करें, बल्कि जिनके लिए भी नफरत के भाव मन में पनपते हैं, उनकी सूची बनाकर उसे समाप्त करने पर बल देना है।            यह विचार भी उभरकर आया कि आज पदार्थों की अंधी दौड़ में हमारी जीवन यात्रा प्रभु परमात्मा  की ओर जाने की बजाए सांसारिक  पदार्थों की और जा रही  है। अपनी ज़रूरतों को पूरा करने में कहीं हम प्रभु भक्ति से दूर न हो जाएं, जिसके लिए हमें यह मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है। दुनियावी कार्य करते हुए भी प्रभु सुमिरण में एकमिक होकर सत्संग, सेवा व सुमिरण को प्राथमिकता दें। गाँधी जी के सिद्धांतों का भी उल्लेख हुआ जिसमें ‘‘बुरा न देखें, बुरा न कहें व बुरा न सुने‘‘ पर ज़िक्र हुआ और इन सबमें सबसे अधिक ज़ोर दिया कि ‘‘बुरा न सोचें।“ जब सोच अच्छी होगी तो ऐसा कोई कर्म ही नहीं हो पायेगा।

8 जानवरी को होगी रोडवेज़ की राष्ट्रव्यापी हड़ताल

चंडीगढ़ 6 जनवरी

आगामी 7 जनवरी को हरियाणा रोडवेज की होने वाली हड़ताल अब नहीं होगी। रोड़वेज कर्मियों और परिवहन मंत्री मूलचन्द शर्मा के बीच हुई बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बन जाने पर यह निर्णय लिया । हालाँकि हरियाणा रोडवेज कर्मचारी 8 जनवरी को राष्ट्र व्यापी हड़ताल में सहयोग करेंगे और हड़ताल पर रहेंगे।

सरकार की प्रति किलोमीटर योजना के तहत परिवहन मंत्री ने लगभग 190 बसों को इस योजना के तहत शामिल किया था।

इस योजना की शुरुआत पिछले दिनों गुरुग्राम से की गई जिसके विरोध में भारी संख्या में कर्मचारी नेता वहां पहुंचे जहां यूनियन के अध्यक्ष सरबत सिंह पुनिया15 से करीब यूनियन नेताओ को एहतियातन हिरासत में ले लिया था।
आने वाली 8 जनवरी को हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी।

हमारे 25 सदस्य गंभीर रूप से घायल, 11 लापता: एबीवीपी

JNU प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से संबद्ध छात्रों ने उसके सदस्यों पर “निर्ममता” से हमला किया। 

नई दिल्ली। RSS से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने रविवार को आरोप लगाया कि लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन के सदस्यों ने जेएनयू इकाई के उसके सचिव समेत अन्य सदस्यों पर हमला किया और संगठन के 11 सदस्य लापता हो गए। डंडों से लैस नकाबपोश लोगों के छात्रों एवं शिक्षकों पर हमला करने और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद रविवार रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा भड़क उठी।

इसके बाद प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से संबद्ध छात्रों ने उसके सदस्यों पर “निर्ममता” से हमला किया। संगठन ने कहा, “इस हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए और 11 छात्रों का कुछ अता-पता नहीं।” एबीवीपी कहा, “लेफ्ट के नकाबपोश गुंडे आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में घुसे और पंजीकरण के लिए गए छात्रों को पीटा।” संगठन ने कहा, “एबीवीपी से संबद्ध जेएनयू के छात्रों पर निर्ममता से हमला किया गया।”

एबीवीपी के अनुसार, इसकी जेएनयू इकाई के सचिव और पिछले साल के जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगीड़ गंभीर रूप से घायल हो गए (उनके हाथ की हड्डी टूट गई है)। कई छात्रों के सिर पर चोट आई है और कुछ छात्र अब भी लापता हैं। वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी ने हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ा। यह हिंसा करीब दो घंटे तक जारी रही। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष के सिर पर चोट आई है। जेएनयू प्रशासन ने कहा, “डंडों से लैस नकाबपोश शरारती तत्व आस-पास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं।” 

अध्यापकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर हिंसा करवाने का आरोप लगाया

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में फिर हिंसा भड़क उठी. इस दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने साबरमती और अन्य हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की और पथराव किया.

  1. जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के तांडव की निंदा करता है
  2. जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत से हुई हिंसा, पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी
  3. एक प्रोफेसर ने कहा, वे राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें भड़काया गया था

नई दिल्ली(ब्यूरो):

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में हिंसा होने के कुछ घंटों बाद, शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि प्रशासन हमलावरों से मिला हुआ है. शिक्षकों ने यह भी कहा कि हिंसा ने छात्रों को हक्का-बक्का कर दिया है. डंडों से लैस नकाबपोश व्यक्तियों के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने और छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला करने के बाद परिसर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस हमले में कई लोग जख्मी हुए हैं.

शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के दरवाजे के अंदर से पत्रकारों से बातचीत की. जेएनयू में इतिहास विभाग में प्रोफेसर महालक्ष्मी ने कहा कि शिक्षकों ने शाम पांच बजे साबरमती टी प्वाइंट पर एक शांति बैठक आयोजित की थी. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही यह बैठक खत्म हुई, हमने देखा कि बड़ी संख्या में लोग परिसर में आ गए और उन्होंने शिक्षकों और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया.” महालक्ष्मी ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर, उन्हें कुछ शिक्षकों और छात्रों पर हमला करने के लिए कहा गया था और इसलिए उन्होंने यह किया. वे नहीं रुके. वे डंडे लेकर यहां-वहां घूम रहे थे और लोगों को बेदर्दी से पीट रहे थे.”

लेबर स्टडीज़ के प्रोफेसर प्रदीप शिंदे ने कहा, ‘‘कैसे इतनी बड़ी संख्या में रॉड से लैस लोग परिसर में प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए हम हैरान हैं. मेरे ख्याल से ये राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें उन लोगों ने भड़काया था जो हमें राष्ट्र विरोधी कहते हैं.” उन्होंने कहा कि छात्र फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

कैंपस में हुई हिंसा के बीच जेएनयू प्रशासन का आया बयान, कहा- सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन का विरोध और समर्थन कर रहे छात्रों के बीच हुआ संघर्ष

एक बयान में जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के तांडव की निंदा करता है ‘जो जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत से हुई है और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी.” जेएनयूटीए ने विश्वविद्यालय प्रशासन को गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया.

जेएनयू हिंसा पर प्रशासन का बयान

जेएनयू की ओर से कहा गया है कि एक जनवरी 2020 को विंटर सेशन की शुरुआत हो रही थी. सब कुछ ठीक चल रहा है. 3 जनवरी को छात्रों के एक समूह ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया. यह समूह कम्यूनिकेशन एंड इनफर्मेशन सर्विस(सीआईएस) परिसर में चेहरा ढककर दाखिल हुआ. इस समूह ने टेक्निकल समूह को जबरन बाहर निकाल दिया, जिससे सर्वर बंद हो गया. छात्रों की पहचान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

4 जनवरी को फिर सीआईएस को टेक्निकल स्टाफ ने फिर से चालू कर दिया. जैसे ही सर्वर ठीक हुआ, छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया. जिन छात्रों ने पहले सर्वर बंद किया था, फिर आपराधिक नियत से कैंपस में दाखिल हो गए. उन्होंने पॉवर सप्लाई को ठप कर दिया. ऑप्टिकल फाइबर्स को तबाह किया.

जनवरी को दोपहर 1 बजे फिर से सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया. फिर इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद 5 जनवरी को हिंसा भड़की, कुछ विरोध कर रहे लोगों ने हॉस्टल में पहुंचकर मारपीट की.

इससे पहले एबीवीपी के छात्र नेताओं ने भी आरोप लगया कि जेएनयू के पेरियार छात्रावास के छात्रों के साथ वामपंथी छात्रों ने मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश का दावा है कि करीब चार से पांच सौ वाम सदस्य पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा, ‘जेएनयू में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से जुड़े करीब 400 से 500 लोगों ने हमला किया है. इस हमले में एबीवीपी से जुड़े करीब 18 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं.

Sena was firmly in support of protests against the CAA: Raut

  • Shiv Sena leader Sanjay Raut said on Saturday that his party was firmly in support of protests against the Citizenship (Amendment) Act
  • Bal Thackeray was known as a(Hinduhriday Samrat) champion of Hindus, but the late Sena founder believed that this country belongs to all, Raut said.
  • ‘Daro mat’ (don’t be afraid) is the lesson Maharashtra has taught the country,’ he said
  • Raut was speaking at a meeting on the controversial legislation in Mumbai, organized by the Jamaat e-Islamic Hind and Association for Protection of Civil Rights.

Criticizing Union Home Minister Amit Shah, Raut said, “The home minister says the Congress could not stop Partition on religious lines. If that is so, where were you then?” Raut also slammed Prime Minister Narendra Modi for often accusing Opposition leaders of “speaking the language of Pakistan”. “This ‘divide and rule’ policy is dangerous,” he said.

New Delhi Bureau :

Shiv Sena leader Sanjay Raut said on Saturday that his party was firmly in support of protests against the Citizenship (Amendment) Act (CAA), and Maharashtra’s “lesson” to the country was “don’t be afraid”.

Raut was speaking at a meeting on the controversial legislation in Mumbai, organized by the Jamaat e-Islamic Hind and Association for Protection of Civil Rights. “My party is firmly in support of anti-CAA protests,” he said.

Claiming that the BJP was yet to come to terms with its loss of power in Maharashtra, Raut said, “They are still in grief, and we should give them more grief. “Daro mat” (don’t be afraid) is the lesson Maharashtra has taught the country,” he said, apparently referring to the Sena’s decision to sever the ties with the BJP and form government with the Congress and NCP in the state. “Maharashtra has shown the way to the country,” he added.

“The country is our religion. We all should be united, and this is what they (the BJP) are afraid of,” he said. Bal Thackeray was known as a champion of Hindus, but the late Sena founder believed that this country belongs to all, Raut said.

“Balasaheb never said Muslims should be thrown out. He stood up against traitors,” Raut said, adding that Thackeray had many Muslim friends. He also pointed out that Chief Minister Uddhav
Thackeray was the first in the country to criticize the police firing on students protesting against the CAA in Delhi. “When students are fired upon, the country and democracy are in danger,” Raut said.

Criticizing Union Home Minister Amit Shah, Raut said, “The home minister says the Congress could not stop Partition on religious lines. If that is so, where were you then?” Raut also slammed Prime Minister Narendra Modi for often accusing Opposition leaders of “speaking the language of Pakistan”. “This ‘divide and rule’ policy is dangerous,” he said.