Face masks being donated by SBI R-SETI Doda to Distt Admin

Today Ist consignment of face masks prepared by SBI R-SETI Doda handed over to Distt: Administration received by BDO Bhalla and Marmat. Many more consignments be handed over to the Administration in the days to come.

Entire Banking fraternity and R-SETI has pledged to shoulder its all related responsibilities in the Distt.

मंडियों में खरीदी को सुनिश्चित करें : मुख्य सचिव हरियाणा

चंडीगढ़, 9 अप्रैल:

हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने आगामी गेहूं और सरसों की खरीद को देखते हुए जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे मंडी या खरीद केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाओं का जायजा लें और खरीद केंद्रों के एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट पर कड़ी निगरानी रखी जाए द्य  इसके अलावा, खरीद केंद्रों पर भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए केन्द्रों के स्टाफ, आढ़तियों, श्रमिकों और किसानों को प्रवेश पास जारी किए जाएं।
        मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक में दिए।
        उन्होंने निर्देश दिए कि खरीद केन्द्रों पर मास्क, सैनीटाइजर और थर्मल स्कैनर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्रों पर कंप्यूटर,  लैपटॉप, और टैब्लेट की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रमिकों की मैपिंग की जाए और प्रत्येक श्रमिकों को पास जारी किए जाएं और इस सारी व्यवस्था की कड़ी निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि खरीद करते समय सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पूरी तरह से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के अंतर जिला आवागमन पर कड़ी निगरानी रख जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि  सभी खरीद केन्द्रों के स्टाफ, खरीद एजेंसियों के कर्मचारियों, आढ़तियों, श्रमिकों और किसानों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मास्क उपलब्ध करवाने होंगे, इसके लिए टेक्सटाइल उद्योग और स्वयं सहायता समूहों का सहयोग लिया जाए ताकि मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि खरीद केन्द्रों पर और उसके आस-पास पुलिस कर्मियों की तैनाती भी उचित प्रकार से की जाए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त जिले में खरीद केन्द्रों से संबंधित जो भी कार्य योजना तैयार करें, उसमें पुलिस अधीक्षकों को अवश्य शामिल करें ताकि व्यापक तौर पर बंदोबस्त में कोई कमी न रहे और यह सुनिश्चित करने के लिए एक सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारी को तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक खरीद केंद्र में तैनात अधिकारियों की एक अलग सूची तैयार की जाए। इसके अलावा, मेरी फसल मेरा ब्यौरा  पोर्टल पर किसानों के पंजीकरण की सुविधा के लिए सभी सामान्य सेवा केंद्रों को तुरंत सक्रिय किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रत्येक उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि सभी किसान मेरी फ़ेसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत हैं ताकि मंडियों में उनके प्रवेश के लिए जो तंत्र बनाया गया है उसका अच्छी तरह पालन किया जा सके।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जो क्षेत्र कंटनेमेंट प्लान के दायरे में आते हैं, ऐसे क्षेत्रों में सब्जीवालों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए और इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति घर द्वार पर पहुंचाना सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार, प्रत्येक अधिकारी द्वारा ठिकरी पहरा पर तैनात व्यक्तियों के नाम और संपर्क नंबर सहित विस्तृत विवरण का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने इस संकट की घड़ी में कार्य कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी मुख्यालय और जिला कार्यालयों का सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए और सभी अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का भी ध्यान रखें।

राज्यों ने लॉकडाउन समय में वृद्धि का प्रस्ताव दिया

सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश में लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाई जाएगी या नहीं इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर से संवाद के बाद फैसला लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्रियों, प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर्स से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन हटाने को लेकर सुझाव मांगे थे, जिससे गरीब और प्रवासी श्रमिकों की परेशानी खत्म हो सके। सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्र उन जगहों से प्रतिबंध हटाने को तैयार है, जहां कोविड -19 के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कई सचिवों के साथ ही नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि 15 अप्रैल के बाद भी पूर्ण रूप से लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। वे उन क्षेत्रों में प्रतिबंध खत्म करने के पक्ष में हैं जो ‘रेड जोन’ नहीं हैं।

बता दें कि मौजूदा लॉकडाउन की अवधि 21 दिन की है जो 14 अप्रैल की मध्य रात्रि खत्म हो जाएगी। इससे पहले कई राज्यों ने अपनी चिंता जाहिर की है। बुधवार सुबह 9 बजे स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5194 मामले दर्ज किये गये जिसमें से 4643 केस एक्टिव हैं और 401 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। वहीं 149 लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही 1 मरीज विदेश शिफ्ट हो चुका है।

बता दें Covid19 से निपटने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है। मंत्री समूह का कहना है कि सरकार चाहे 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown In India) को आगे बढ़ाये या नहीं, लेकिन शैक्षणिक तथा धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि देश के कुछ राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, लेकिन इसपर अभी फैसला नहीं लिया गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है. महाराष्ट्र ने भी लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, पर कैबिनेट की बैठक में इसपर कोई ठोस फैसला नही हुआ.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा, ‘हमारे लिए जनता की जिंदगी महत्वपूर्ण है. इसलिए #Lockdown और सह लेंगे, अर्थव्यवस्था बाद में भी खड़ी कर लेंगे, लेकिन लोगों की जिंदगी चली गई तो वापस कैसे ले आयेंगे? इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ायेंगे. परिस्थितियां देखकर फैसला करेंगे.’

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है. ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, ‘संवेदनशीलता बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता है. इस पर कुछ भी कहना, अभी संभव नहीं होगा, क्योंकि लॉकडाउन से जितनी भी व्यवस्था बनाकर केसों को नियंत्रित किया गया है, अगर 1 भी केस प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन को खोलना उचित नहीं होगा. लॉकडाउन खुलने से पुनः वही स्थिति आ सकती है.’

तेलंगाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है, ‘जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाएं लॉकडाउन, वरना कंट्रोल संभव नहीं. तत्काल सभी सीएम से बात करके लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर फैसला करना चाहिए.’ 

पुडुचेरी

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में यदि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया तो उनकी सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करेगी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा है कि यदि 14 अप्रैल से अंतर्राज्यीय आवागमन प्रारंभ किया जाता है तो उसके पहले कोविड-19 का प्रसार रोकने के ठोस उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि लॉक डाउन समाप्त होने से पहले इस संबंध में व्यापक विचार विमर्श होना चाहिए.

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्दशों का पालन करेंगे. जैसा हम देख रहे हैं कि कोरोना वायरस की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है कि हम लॉकडाउन खत्म करेंगे या आगे बढ़ाएंगे.’

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में लोकडाउन को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका. सरकार आनेवाले दिनों में स्थिति का जायझा लेकर कोई भी फैसला करेगी. कैबिनेट बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो राज्य में लॉकडाउन रखा जाएगा.’

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘राज्य में एक साथ लॉकडाउन नहीं खुलेगा. राजस्थान में 40 जगहों पर कर्फ्यू है. जो भी होगा वो फेज वाइज होगा. इस मुद्दे पर जो भी फैसला लिया जाएगा, वो चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.’

दिल्ली

ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार, ‘कोरोना को अकेले कोई ठीक नहीं कर सकता है. आज सारी सरकारें टीम की तरह काम कर रही हैं. राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही हैं. सारी राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.’

सूत्रों ने बताया कि सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

डबल्यूएचओ का चीन के प्रति नरम रुख अपनाने पर ट्रम्प नाराज़ दी अनुदान रोकने की धमकी

अमेरिका में कोरोना वायरस का खतरा लगातार गहराता जा रहा है। हर दिन मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है और यह संख्या 12 हजार पार कर गई है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO पर चीन केंद्रित होने का आरोप लगाकर फंडिंग रोकने की धमकी दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे WHO की फंड रोकने जा रहे हैं। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़ी मात्रा में धन प्राप्त होता है, उन्होंने मेरे द्वारा लगाये गये यात्रा प्रतिबंध की आलोचना की और असहमती जताई। वे बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे। वे बहुत चीन-केंद्रित लगते हैं। हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च होने वाली रकम पर रोक लगाने जा रहे हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर डेली ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम डब्ल्यूएचओ पर बहुत ही शक्तिशाली रोक लगाने जा रहे हैं और हम इसे देखने वाले हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में अपनी ही बात का एक तरह से खंडन कर दिया और कहा कि, ‘नहीं, मैंने ऐसा नहीं कहा। मैंने कहा कि मैं इसे देखता हूं।’

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर डेली ब्रीफिंग के दौरान ये बातें कही. उन्होंने कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर बहुत ही शक्तिशाली रोक लगाने जा रहे हैं और हम इसे देखने वाले हैं.अगर यह काम करता है तो बहुत अच्छी बात होती, लेकिन जब वे हर कदम को गलत कहते हैं तो यह अच्छा नहीं है.’ बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जिनेवा में स्थित है और उसे अमेरिका मोटी फंडिंग करता है.

ट्रंप ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले विमानों पर रोक लगाने का जिक्र भी किया. उन्होंने पूछा कि WHO ने इस तरह की दोषपूर्ण सिफारिश क्यों की है? उन्होंने कहा कि सौभाग्य से मैंने चीन से अपनी सीमाएं जल्द खोलने की उनकी सलाह को खारिज कर दिया.

इससे पहले भी मार्च में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर कोरोनो वायरस संकट को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने उस वक्त दावा किया था कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के इस रवैये को लेकर कई लोग नाराज हैं और महसूस कर रहे हैं कि ‘यह बिल्कुल ठीक नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें 5.8 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देते हैं. इतने वर्षों में उन्हें जो पैसा दिया गया है उसके मुकाबले 5.8 करोड़ डॉलर छोटा-सा हिस्सा हैं. कई बार उन्हें इससे कहीं ज्यादा मिलता है.’

अमेरिका में कोरोना से मौत
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। अमेरिका में कोरोना वायरस का हर दिन एक नया तांडव देखने को मिल रहा है। अमेरिका में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी से करीब 2000 लोगों की मौत हुई है। यह जानकारी जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी ने दी है। इस तरह से अमेरिका में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 12021 हो गई है।

निजामुद्दीन मरकज व तब्लीकी जमात पर लगे पूर्ण प्रतिबन्ध : डॉ सुरेन्द्र जैन

विहिप के संयुक्त महा सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है। संपूर्ण देश तब्लीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित व खिन्न है। ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है.

दिनेश पाठक,अप्रेल 05, 2020 – जयपुर

    तबलीगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज की देश व्यापी करतूतों के कारण सम्पूर्ण भारत आज गम्भीर संकट में है. विश्व हिन्दू परिषद् ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महा-सचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तब्लीकी जमात के आर्थिक श्रोतों का पता लगाकर उसके बेंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलम्ब विराम लगाया जाए.  

     उन्होंने कहा कि 8 दिन के लाकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था। कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गई थी। तभी 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में एक भयंकर विस्फोट हुआ। वहां से 2300 से अधिक तब्लीगियों को निकाला गया जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा। 9 हजार से अधिक तबलीगी  पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं। 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02% हो गई। सारा देश सकते में आ गया। मस्जिदों मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धरपकड़ होने लगी। इनके कारण सामुदायिक संक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई। 14-15 मार्च को मुंबई में 2 से 3 लाख तबलीगीयों का इज्तेमा होना वाला था। विहिप के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया। अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर आने वाले महाराष्ट्र के साथव उसके साथ देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

     डॉ जैन ने कहा कि अपने इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जगह इन संक्रमित मौलवियों को छुपाने के लिए पुलिस-कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को देश की पचासियों बस्तियों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इनकी ही जान बचाने गए डॉक्टरों पर हमले किए गए। क्वॉरेंटाइन किए गए तब्लीगी नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने लगे और डॉक्टरों पर थूकने लगे। नरेला के क्वॉरेंटाइन सेंटर में तो सेना के चिकित्सकों और सैनिकों को ही बुलाना पड़ा।  केवल निजामुद्दीन में ही नहीं, देश भर में मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने वाले भाषण भी दिए। बंगाल के एक मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने तो नमाजियों को भड़काते हुए यहां तक कह दिया कि अल्लाह ऐसा वायरस भेजें जिससे 50 करोड़ हिंदू खत्म हो जाए। 

     विहिप के संयुक्त महा सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है। संपूर्ण देश तब्लीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित व खिन्न है। ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है.  

     1926 में निजामुद्दीन से प्रारंभ तबलीग, हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण की सफलता से उत्साहित होकर आज विश्व के 80 से अधिक देशों में कम से कम 8 करोड़ लोगों को अपनी कुत्सित मानसिकता से संक्रमित कर चुका है। आज इसके निजामुद्दीन मुख्यालय से प्रशिक्षित होकर लाखों तबलीगी संपूर्ण विश्व में कट्टरता व आतंक फैला रहे हैं। विश्व के अधिकांश आतंकी संगठनों को प्रारंभ करने वाले भी तबलीग से जुड़े रहे हैं। अमेरिकी ट्रेड सेंटर के हत्यारों से लेकर गोधरा में 59 हिंदुओं को जिंदा जलाने वालों तक के सम्बन्ध मरकज से रहे हैं।

विहिप की मांग है कि:

  1. भारत में तब्लीगियों और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
  2. निजामुद्दीन मरकज के भवन और इससे जुड़े बैंक खातों को अविलंब सील किया जाए।
  3. इन के आर्थिक स्रोतों का पता लगाकर इन को बंद कर देना चाहिए।
  4. इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की सूची विदेश व गृह मंत्रालय को देकर क्या मरकज ने इसकी स्वीकृति ली थी ?
  5. टूरिस्ट वीजा पर जेहादी प्रशिक्षण व कट्टर इस्लाम का प्रचार करने वाले मौलवीयों पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई ? संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए।

भाजपा ने मनाया 40वाँ स्थापना दिवस

पंचकूला  6 अप्रैल:

भारतीय जनता पार्टी के 40वां स्थापना दिवस  सैक्टर 2 स्थित पार्टी कार्यालय में केन्द्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने ध्वजारोहण कर मनाया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, पार्टी के प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी, जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, जिला महामंत्री हरेन्द्र मलिक भी मौजूद रहे।

केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी स्थापना दिवस पर प्रत्येक कार्यकर्ता को कार्य करने का आहवान किया है। इनमें 40 घरों में सम्पर्क स्थापित करना और खाना पहुंचाना, प्रत्येक कार्यकर्ता से 100-100 रुपए एकत्र कर प्रधानमंत्री कोरोना रिलीफ फण्ड में जमा करवाना तथा सभी कार्यकर्ताओं को अपने अपने घरों से 5-5 व्यक्तियों का खाना बनाकर जरूरतमंद व्यक्तियों को वितरित करने जैसे कार्य करने है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिशा निर्देशों की अनुपालना में कार्य करने के लिए जुटे हुए है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना बीमारी को भारत से हराने के लिए दृढ संकल्पित हैं। इसके लिए राज्य सरकारों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि कोरोना के लिए सभी राज्यों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाने के साथ साथ जनता को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही भारत के प्रधानमंत्री व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर नियमित रूप से फीड बैक लेकर आगामी कार्यप्रणाली बना रहे है।

कटारिया ने कहा कि भारत कोरोना मुक्त होने की ओर जा रहा  था, उसी समय निजामुद्वीन जैसी अप्रिय घटना हो गई जिससे कोरोना संक्रमण में 30 प्रतिशत वृद्वि हुई। उन्होंने कहा कि तबलीगी मंे शामिल लोगों की पहचान करके क्वारंटीन किया गया है और उन्हें आईसोलेशन में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद्व लोगों की सेवा करने में स्वंयसेवी संस्थाओं एवं संगठनों का भरपूर सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आहवान् पर 5 अप्रैल को सायं 9 बजे सभी देशवासियों ने राष्ट्रीय एकता का जो जज्बा दिखाया है, उसकी मिसाल कहीं नहीं देखने को मिलती।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि 40 साल के कार्यकाल में पार्टी ने लम्बा सफर तय किया है। इस दौरान अनेक उतार चढाव आए, लेकिन आज उन्हें प्रसन्नता है कि भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है और देश के 17 राज्यों मंें सरकारें चला रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए आगे बढकर कार्य किया है तभी यह सफलता मिली है। श्री गुप्ता ने प्रदेश के प्रत्येक कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे कोरोना को भगाने और गरीब लोगों का सहयोग करने के लिए आगे आएं ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अनुरोध पर प्रदेश के लोगों ने 9 मिनट तक दीपक, मोमबती, टाॅर्च, मोबाईल की लाईट से अंधेरे को प्रकाश में तबदील कर प्रदेश में एकता और अखण्डता का अनोखा सबूत पेश किया। इसके लिए सभी प्रदेशवासी बधाई के पात्र है।

उन्होंने कहा कि सभी लोगों को लोकडाउन के दौरान दिशा निर्देशों की पालना करनी है तभी इस भयानक बीमारी पर विजय पाई जा सकती है। 

मोदी के आवाहन पर भारत ने दिखाई एकता, की दीपावली

कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की अपील के बाद देशवासी आज रात 9 बजे 9 मिनट दीया, कैंडल, मोबाइल फ्लैश और टार्च जलाकर एकजुटता का परिचय देंगे. लोग दीया जलाने की तैयारी कर लिए हैं.

नई दिल्ली: 

कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश ने एकजुट होकर प्रकाश पर्व मनाया. पीएम मोदी की अपील पर एकजुट होकर देश ने साबित कर दिया कि कोरोना के खिलाफ हिंदुस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा. देश के इस संकल्प से हमारी सेवा में 24 घंटे, सातों दिन जुटे कोरोना फाइटर्स का भी हौसला लाखों गुना बढ़ गया. गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में हैं. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश कोरोना के आगे बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं लेकिन भारत के संकल्प की वजह से देश में कोरोना संक्रमण विकसित देशों के मुकाबले कई गुना कम है.

Live Updates- 

  • कोरोना के खिलाफ एकजुट हुआ भारत, प्रकाश से जगमगाया पूरा देश
  • पीएम मोदी की अपील पर हिंदुस्तान ने किया कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान
  • कोरोना के खिलाफ जापान में जला पहला दीया,
  • कुछ देर बाद 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेंगे एकजुटता का संकल्प

अमित शाह ने जलाए दीये

दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर सभी लाइट बंद करने के बाद मिट्टी के दीपक जलाए. 

योगी आदित्यनाथ ने जलाया दीया

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीया जलाकर एकता की पेश की मिसाल. दीए की रोशनी से बनाया ऊं.

अनुपम खेर ने जलायी मोमबत्ती

अनुप खेर ने दीया जलाकर दिया एकता का संदेश

बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपील की थी कि पूरे देश के लोग रविवार रात 9 बजे घर की बत्तियां बुझाकर अपने कमरे में या बालकनी में आएं और दीया, कैंडिल, मोबाइल और टॉर्च जलाकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी एकजुटा प्रदर्शित करें.

विपक्षी नेताओं से मोदी की वार्ता देती है बड़े कदम के संकेत

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनावायरस से देश में बढ़ते संकट के बीच न केवल अभी तक देशवासियों को कई बार संबोधित कर चुके हैं बल्कि वह समय समय पर देशवासियों, कोरोना पीड़ित मरीज जो ठीक हो कर घर पहुंच चुके हैं उनके साथ-साथ देश के खिलाड़ियों से भी बात की. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति सहित विपक्ष के नेताओं से भी बात की है.

नई दिल्ली. 

कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण देश भर में लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इसे रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) लगातार प्रभावी कदम उठा रहे हैं. वहीं खबर है कि कोरोना वायरस (Covid-19) के खिलाफ लड़ाई में पीएम मोदी कोई बड़ा उठा सकते हैं. दरअसल सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की है. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं से भी बात की, जिसमें सोनिया गांधी से लेकर ममता बनर्जी तक शामिल हैं. बताया कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे हैं.

कई बड़े नेताओं से की बात

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से बातचीत की, जो किसी जमाने में कांग्रेस के संकटमोचक माने जाते थे. इसके अलावा उन्होंने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह को भी कॉल किया. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी बातचीत की. इस सिलसिले में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बातचीत की. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बीजू जनता दल सुप्रीमो और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, डीएमके चीफ एमके स्टालिन और तेलंगाना के सीएम केसीआर से भी फोन पर बात की. उन्होंने अकाली दल के सीनियर नेता प्रकाश सिंह बादल को भी फोन मिलाया.

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने इस गंभीर मसले पर बाकी नेताओं की राय ली और आगे के कदमों के लिए सहयोग मांगा.

बता दें कि पिछले महीने पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था. लेकिन सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया था कि बिना तैयारी के लॉकडाउन को लागू कराया गया है. हालांकि पीएम मोदी और बीजेपी के सारे नेता कह रहे हैं कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उनके पास कोई चारा नहीं था. पीएम मोदी कई बार ये दोहरा चुके हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग ही इस वायरस से बचने का सबसे कारगर तरीका है.

पीएम मोदी ने इससे पहले गुरुवार को देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की थी. उस दौरान उन्होंने लॉकडाउन खत्म होने की सूरत में उन सभी से आगे लोगों को सड़कों पर निकलने से रोकने के लिए रोडमैप मांगा था.

खिलाड़ियों से भी की थी बात

पिछले दिनों शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए पांच एस यानी संकल्प, संयम, सकारात्मकता, सम्मान और सहयोग का मंत्र दिया था. पीएम मोदी के साथ इस वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की सूची में कई प्रमुख क्रिकेटर शामिल हैं. इनमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और विराट कोहली के अलावा विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान, युवराज सिंह और केएल राहुल का नाम भी है.

लॉकडाउन के दौरान फीस नहीं मांग सकेंगे हरियाणा के स्कूल

चंडीगढ़, 3 अप्रैल:

हरियाणा सरकार ने राज्य में स्थित सभी निजी विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान हालातों में लोकडाऊन होने के कारण विद्यार्थियों के अभिभावकों से फीस जमा करवाने के लिए दबाव न बनाए, स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने की कार्यवाही की जाए। ऐसे में अब सभी प्रकार की फीस जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित निजी विद्यालयों को राज्य सरकार के निर्देशों से अवगत करवाएं। उन्होंने बताया कि निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व बचाव के दृष्टिïगत प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को आगामी आदेशों तक बंद किया गया है। निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों के अभिभावकों को तत्काल शुल्क जमा करवाने हेतु दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील पर पूरे देश में लोडाऊन किया गया है, ऐसी स्थिति में फीस जमा करवाने के लिए दबाव बनाया जाना अनुचित है। अब राज्य सरकार ने सभी प्रकार की फीस जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। स्थिति के सामान्य होने और विद्यालयों के खुलने के पश्चात ही शुल्क लेने की कोई कार्यवाही की जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने उक्त सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सरकार के उक्त आदेशों की दृढ़ता से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोरोना के संबंध में सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप सांझा करने वाले सावधान, अब नपेंगें

सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी प्रमाणिकता को जांच ले। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सोशल मीडिया पर जो कुछ भी साझा करे उसके प्रति जिम्मेदार बने। इस तरह नागरिक न केवल पुलिस की मदद करेंगे बल्कि समाज और राष्ट्र की भी सेवा में भी अहम भूमिका निभाएंगें।

धर्मपाल वर्मा , चंडीगढ़

हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर कोविड-19 से जुड़ी भ्रामक और असत्यापित जानकारी साझा करने वालों चेतावनी देते हुए कहा कि इस संबंध में अफवाह फैलाने वालों को महामारी रोग अधिनियम 1897 की संबंधित धारा के तहत जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) श्री नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि नागरिकों को सोशल मीडिया पर कोविड-19 से संबंधित जानकारी शेयर करने से पहले इसकी प्रमाणिकता के बारे में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से तथ्यात्मक रूप से गलत और असत्यापित जानकारी फैलाने के कई मामले सामने आए हैं। इस तरह की गलत सूचना भ्रम फैलाकर संभावित रूप से आमजन में दहशत पैदा कर सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकृत स्रोतों से पुष्टि के बाद ही इस संबंध में कोई भी जानकारी या सूचना साझा की जानी चाहिए।

विर्क ने कहा कि साइबर पुलिस स्टेशनों / साइबर सेल और पुलिस की आईटी टीमों को इस संबंध में कठोर कार्रवाई के लिए कहा गया गया है। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप पर गतिविधियों की नियमित निगरानी की जा रही है। ग्रुप एडमिन के साथ-साथ ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर फेक या गलत सूचना पोस्ट करते हैं, उन्हें भी जिम्मेदार माना जाएगा। जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ पुलिस कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करेगी।

उन्होने कहा कि लॉकडाउन की मौजूदा स्थिति में कोविड-19 के खतरे के खिलाफ इस जंग में राज्य पुलिस की सभी अधिकारी व जवान अग्रणी होकर कार्य कर रहे हैं। लोगों को शिक्षित किया जा रहा है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी प्रमाणिकता को जांच ले। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सोशल मीडिया पर जो कुछ भी साझा करे उसके प्रति जिम्मेदार बने। इस तरह नागरिक न केवल पुलिस की मदद करेंगे बल्कि समाज और राष्ट्र की भी सेवा में भी अहम भूमिका निभाएंगें।