पंचांग 27 जुलाई 2020

आज 24 जुलाई को हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज तुलसी जयंती है. आज ही के दिन महाकवि रामचरित मानस की रचना करने वाले गोस्वामी तुलसीदास का जन्म हुआ था. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः श्रावण़़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः सप्तमी प्रातः 07.10 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः चित्रा प्रातः 11.04 तक, 

योगः साध्य रात्रि 08.49 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.43, 

सूर्यास्तः 07.11 बजे।

नोटः अष्टमी तिथि का क्षय है। गोस्वामी तुलसीदास जयंती व्रत एवं श्री दुर्गाष्टमी व्रत एवं मेला चिन्तापूर्णी चामुण्डा देवी (हिमाचल प्रदेश) समाप्त हो रहा है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

कारगिल विजय दिवस पर रक्तदान शिविर, 115 यूनिट एकत्रित

पंचकूला।

कारगिल विजय दिवस और शहीद मेजर अनुज सूद की याद में रविवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन श्री कुंज बिहारी आश्रम सीताराम मंदिर, श्री शिव कांवड़ महासंघ चेरीटेबल ट्रस्ट और श्री शिव लोतरियां मंदिर कमेटी पिंजौर, एचडीएफसी के सौजन्य से लगाया गया। रक्तदान शिविर में पंचकूला वेलफेयर ट्रस्ट के ब्लड बैंक की टीम द्वारा रक्त एकत्रित किया गया। शिविर में 115 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। शिविर का शुभारंभ मुख्यातिथि एसडीएम कालका राकेश संधू ने किया। जिनका श्री शिव कांवड़ महासंघ चेरीटेबल ट्रस्ट के प्रधान राकेश संगर ने स्वागत किया। राकेश संधू और पंचकूला वैल्फेयर ट्रस्ट के प्रधान कुलभूषण गोयल ने रक्तदाताओं से मुलाकात की। दोनों ने उनका हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है और इस संकट की कड़ी में शिव कांवड़ महासंघ चेरीटेबल ट्रस्ट और पंचकूला वैल्फेयर ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे कार्यों की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। रक्त की कमी को पूरा करने में भी यह संगठन पीछे नहीं है।

गोयल ने बताया कि मौजूदा समय में रक्त की बहुत कमी है और पंचकूला के सरकारी एवं निजी अस्पतालों को ब्लड बैंक पंचकूला वेलफेयर ट्रस्ट से रक्त मुहैया करवाया जा रहा है। जितना रक्त पिछले शिविर में एकत्रित किया था, वह जरूरतमंदों तक पहुंच चुका है।

कुलभूषण गोयल ने कहा कि शहर में लोगों को एमरजेंसी में रक्त की कमी को पूरा करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। राकेश संगर ने लोगों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर शिविरों में रक्तदान करें, क्योंकि इन दिनों अस्पतालों में खून की बहुत कमी है और आज खून कई कीमती जिंदगियों को बचा सकता है। उन्होंने अब तक लॉकडाउन और उसके बाद घर से निकलकर रक्तदान करने वालों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान शारीरिक दूरी एवं लोगों के मास्क पहनने पर विशेष फोक्स रहा। अंत में रक्तदाताओं को स्मृति चिन्ह, गिफ्ट एवं पौधे भी दिये गये।

इस अवसर पर श्री कुंज बिहारी आश्रम सीताराम मंदिर के प्रधान पवन कुमार गुप्ता, शेर चंद चावला, डा. नरेश मित्तल, भूपिंद्र गोयल, आर सी गोयल, अशोक कुमार, रमेश शर्मा, संजीव कुमार, एचडीएफसी के हरीश कुमार, विक्रम सिंह, आसीम, गुलशन कत्याल, लक्षमण सिंह रावत, राजेंद्र कौशल भी उपस्थित थे। 

सांसद और मंत्री ने प्रधान मंत्री मोदी के मन की बात को सराहा

पंचकुला – 26 जुलाई:

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया यह जानकारी देते हुए  केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने बताया की आज मन की बात का यह 67वां भाग था।

पीएम मोदी ने कहा कि आज 26 जुलाई है, आज का दिन बहुत खास है, आज ‘कारगिल विजय दिवस’ है , 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षाबंधन की बात करते हुए  कहा कि अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है, मैं, इन दिनों देख रहा हूँ कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं ,कई लोग इसे वोकल फार लोकल  से भी जोड़ रहे हैं, और, बात भी सही है ,केन्द्रीय राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया  ने बताया कि पीएम मोदी ने अपील कि जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है, तो पल-भर के लिए उन डॉक्टर्स का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है, तो दूसरी ओर, कठोर मेहनत से, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी, कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको भी नई ऊंचाई पर ले जाना है ,उन्होंने कहा कि गांवों से, छोटे शहरों से, सामान्य परिवार से हमारे युवा आगे आ रहे हैं ,सफलता के नए शिखर चूम रहे हैं , ये लोग संकटों के बीच भी नए-नए सपने संजोते हुए आगे बढ़ रहे हैं ,मंत्री रत्नलाल कटारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं , नौजवानों से आग्रह है, कि आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियाँ, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएं, शेयर करें , उन्होंने कहा कि मैं,आज सभी देशवासियों की तरफ से हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उनकी माताओं को भी नमन करता हूँ, जिन्होंने, माँ-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया , पीएम मोदी ने कहा कि  गांवों से, छोटे शहरों से, सामान्य परिवार से हमारे युवा आगे आ रहे हैं,सफलता के नए शिखर चूम रहे हैं ,ये लोग संकटों के बीच भी नए-नए सपने संजोते हुए आगे बढ़ रहे हैं ,उन्होंने कहा कि हमारा आचार, हमारा व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य, सभी, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं ,कह रहे है, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े , केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया  ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कभी-कभी हम किसी बात को समझे बिना सोशल मीडिया  पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं. कभी-कभी जिज्ञासा वश फारवर्ड करते रहते हैं ,पता है ये गलत है –  फिर भी फारवर्ड करते रहते है ,इस अवघारणा को बदल कर अपने में सुधार लाना है।”

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है, वो कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने, राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं लोकमान्य तिलक जिनकी 100वीं प्ण्यतिथि अगस्त माह में आ रही है.

केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि सभी नागरिकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताई गई बातों का गहराई से चिंतन करना चाहिए व इन बातों का अनुसरण करना चाहिए, इस दौरान भाजपा नेत्री श्रीमती बंतो कटारिया, निजी सचिव राजेश सपरा व पी. ए. सन्नी राजपूत  साथ रहें।

स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

प्ंाचकूला  26 जुलाई:

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कोविड-19 के चलते सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन करते हुए पूरे देश मंे कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर कारगिल शहीदों को नमन किया।  

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष  ने पंचकूला के सैक्टर 12 स्थित युद्व स्मारक, सैक्टर 2 स्थित मेजर संदीप संाखला व सैक्टर 8 स्थित मेजर संदीप सागर की प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्वाजंलि दी। उन्होंने शहीदों को समर्पित पौधारोपण भी किया। पुलिस के जवानों ने शस्त्र उलटे कर वीर शहीदों को श्रद्वांजलि दी और मातमी धून भी बजाई।

गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 26 जुलाई 1999 को आज ही के दिन भारत माता के वीर सपूतों ने 18000 फीट की ऊंचाई  पर अदम्यय साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी घूसपेठियों को खदेड़कर कारगिल की चोटी पर तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्व विपरित परिस्थितियों में लड़ा गया किन्तु हमारे जवानों ने बहादुरी का परिचय दिया। यह क्षण हमारे लिए विस्मरणीय है और उसी के बाद आज के दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। कारगिल के शहीदों का बलिदान युवा पीढी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं और उनमें देश भक्ति का जज्बा पैदा करता है।

एक सवाल जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला खेलों के हब के रूप में विकसित हो रहा है। इसलिए भारत सरकार  ने यहां के खेल इन्फ्रास्कचर को ध्यान में रखते हुए खेलो इंडिया यूथ 2021 खेलों की मेजबानी देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह पंचकूला के लिए गौरव की बात है कि इन खेलों में देशभर के लगभग 25 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि  पंचकूला में पहले भी इस तरह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन करवाया जाता है और इन खेलों से पंचकूला में खेल गतिविधियों में ओर अधिक सुधार होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कारगिल युद्व में हमारे 527 वीर शहीद हुए थे। इनमें हरियाणा के भी 89 जवान शामिल थे जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए शहादत दी। उन्होंने कहा कि इस युद्व में लगभग 1400 सैनिक घायल भी हुए। देश के लिए यह ऐतिहासिक क्षण कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे जांबाज वीर सैनिकों की बदौलत ही हम आज खुली हवा में सांस ले रहे हैं जो निरंतर सीमा पर सजग प्रहरी बनकर हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे है। ऐसे बहादुर  सैनिकों पर हमें नाज है जिनकी बदौलत नागरिक चैन की नींद सो रहे है।

गुप्ता ने कहा कि हम सैनिकों के बलिदान का कर्ज तो नहीं उतार सकते है, परंतु उनके आश्रितों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्व के शहीदों को तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की बदौलत उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में सम्भव हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने कारगिल शहीदों को पैट्रोल पम्प व गैस एजेंसियां आंवटित की थी।

गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सैनिकों के परिवारों के आश्रितों के कल्याण के लिए अलग से सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग का गठन किया है। इसके माध्यम से वितिय सहायता एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इस अवसर पर कारगिल युद्व के दौरान सेना प्रमुख जनरल वी पी मलिक, एसडीएम धीरज चहल, एसीपी राजकुमार, तहसीलदार पुण्यदीप शर्मा, कार्यकारी अधिकारी नगर निगम जनरैल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, महामंत्री हरेन्द्र मलिक, योगेश शर्मा सहित कई पूर्व सेना अधिकारियों ने भी कारगिल शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्वाजंलि दी।

शहीद मेजर संदीप सागर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सैक्टर 7 में भी कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्वांजलि दी गई।

मेरठ में महिला अधिवक्ताओं की तरफ से अधिवक्ताओं को 5 लाख रुपए तक का लोन देने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश देने की मांग उठी

अधिवक्ता शुचि शर्मा, मेरठ:

अधिवक्ता शुचि शर्मा

संपूर्ण भारत की महिला अधिवक्ताओं द्वारा कोविड महामारी के कठिन समय में सभी अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति का संज्ञान लेते हुए सर्व अधिवक्ताओं के हितों और आत्मसम्मान का ध्यान रखते हुए बैंक ॠण हेतु एक याचिका राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन माध्यम से सहमति प्रपत्र अभिसमर्थित किया गया। जिसे देशभर की महिला अधिवक्ता शक्ति का विधिक इतिहास में पहली बार संगठित स्वरूप के रूप में देखा गया।

उक्त याचिका केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष महिला प्रतिनिधियो द्वारा हस्ताक्षरित कर प्रस्तुत की गयी, जिसमें अधिवक्ताओ के विधि व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य आय स्रोत के निर्बंधनों और बार कौंसिल द्वारा की गयी मदद अपर्याप्त होने से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2015 के अंतर्गत अधिवक्ता  5,00,000/- तक के ॠण प्राप्ति की सुविधा हेतु निवेदन याचिका के माध्यम से दिनांक 24.07.2020 को प्रस्तुता किया गया। याचिका में न्यायिक दृष्टांत के माध्यम से भी अधिवक्ताओं की समस्याओं पर प्रकाश डाला गया तथा विकट परिस्थितियों में अधिवक्ताओं को हुई जीवन क्षति से भी अवगत कराया गया।

उक्त राष्ट्र व्यापी मुहिम में मेरठ उत्तर प्रदेश से जिला एवं सत्र न्यायालय, मेरठ की अधिवक्ता शुचि शर्मा के द्वारा विभिन्न जिलों में महिला अधिवक्ताओं को इस विषय के बारे में जानकारी देते हुए सहमति पत्र भरने हेतु आग्रह किया जिससे मेरठ जिले की 20 महिला अधिवक्ताओं ने पत्रक भरकर अपनी सहमति प्रदान की। महिला अधिवक्ताओं के द्वारा सामुहिक रूप से यह प्रथम प्रयास था, जिसमें पूरे भारत से ढाई हजार के लगभग महिला अधिवक्ताओं की सहभागिता रही।

26 जुलाई : विजय दिवस पर मन की बात

  • करगिल युद्ध भारत कभी नहीं भूल सकता है-PM मोदी
  • ‘पाक ने पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी’
  • करगिल युद्ध के दौरान अटल जी संदेश को याद करें

नई दिल्ली: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि आज का दिन बहुत खास है. आज कारगिल विजय दिवस है. 21 साल पहले आज के दिन करगिल में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा लहराया था. कारगिल का युद्ध किन परिस्थितियों में हुआ था, वह भारत कभी नहीं भूल सकता. पीएम मोदी ने अमर शहीदों के साथ वीर माताओं को भी नमन किया. 

पीएम मोदी ने कहा, “पाकिस्तान में बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था. भारत और पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था. दुष्ट का स्वभाव भी होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं. इसलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान के द्वारा पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश हुई थी लेकिन इसके बाद जो भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया उसे पूरी दुनिया ने देखा.” 

पीएम मोदी ने आगे कहा, “जीत पहाड़ों की ऊंचाई कि नहीं भारत के वीरो के ऊंचे हौसले की हुई. वीर माताओं के प्यार के बारे में एक दूसरे को बताए शहीदों की वीरता के बारे में एक दूसरे को बताएं. मैं देश के लोगों से अपील करता हूं. कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने यहां दिल्ली से जो कहा था वह आज भी हमारे लिए प्रासंगिक है. महात्मा गांधी का मंत्र था कि किसी को कोई दुविधा हो तो उसे क्या करना क्या ना करना, उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए. जो वह करने जा रहा है. उससे उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी. गांधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था कि करगिल युद्ध ने हमें एक दूसरा मंत्र दिया है. यह मंत्र था कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम यह सोचे कि क्या हमारा यह कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी.” 

कोरोना का खतरा टला नहीं

पीएम मोदी ने कोरोना के खतरे के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा, “आज हमारे देश में कोरोना का रिकवरी एक अन्य देशों के मुकाबले बेहतर साथ ही हमारे देश में मृत्यु दर भी विदेशों से कम. हमें कारोना से बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. चेहरे पर मास्क लगाना या गमछे का प्रयोग करना दो गज़ की दूरी हाथ धोना कहीं पर थूकना नहीं साफ सफाई का पूरा ध्यान यही हमारे हथियार हैं. जब भी मास्क हटाने का मन करे, तब उन डॉक्टर का कोरोना वायरस का स्मरण करिए वह घंटों तक मास्क पहनकर जुटे रहते हैं.” 

आपदा को अवसर में बदलने का वक्त

पीएम मोदी ने एक बार फिर दोहराया को कोरोना संकट की आपदा को अवसर में बदलने का यही सही वक्त है. उन्होंने लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने की बात कही. पीएम मोदी ने कहा, “उत्तर पूर्व में कारीगरों ने बांस से बनी इको फ्रेंडली बोतलें और बर्तन बनाए हैं. यह हम सबके लिए उदाहरण है. झारखंड में लेमन ग्रास की खेती कर कारोबार बढ़ाया जा रहा है. लद्दाख और लेह में चूली फल या खुमानी की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे खुमानी को सुखाकर दूसरे हिस्सों में भेजा जा रहा है.” 

अब राहुल गांधी पर लगा आइडिया चोरी का आरोप

कॉंग्रेस के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी को यूं तो बहुत से उपनामों से पुकारा जाता है परंतु आज ही उन्हे एक नया नाम दिया गया है ‘आइडिया चोर’। राहुल आज कल सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं। ऐसा जान पड़ता है कि उन्होने कोई नयी पीआर कंपनी की सेवाएँ लीं हैं। कभी multi – camera shoot के साथ अपने छोटे छोटे विडियो बनाते हैं जिनमे वह कभी अर्थशास्त्री बन कभी किसानी विशेषज्ञ बन कभी चीन – भारत के मुद्दे पर मोदी को ज्ञान देते दीख पड़ते हैं, वहीं कभी कभी भजपा नीत सरकारों के कामों को अपना पूर्व का सुझाया हुआ काम कह कर प्रसारित करते हैं। इसी संदर्भ में ट्वीट के जरिए गुजरात के CM विजय रूपानी ने राहुल गाँधी पर तंज कसते हुए कहा, “मैं यह आशा नहीं करता कि आपको किसी भी चीज की जानकारी है, लेकिन जो आपकी स्क्रिप्ट लिखते हैं उन्हें तो पता होना चाहिए! आपके लिए ‘एक हार, एक बदलाव’ की नीति कैसी रहेगी?”

चंडीगढ़(ब्यूरो):

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी कोरोना संकट की शुरुआत से ही ट्विटर पर ज्यादा एक्टिव नजर आते है। इधर कई महीनों से राहुल गाँधी भाजपा पर ऊँगली उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन हर बार उल्टा वही घिर जाते हैं। इस बार भी वही हुआ। शनिवार (25 जुलाई, 2020) को कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के एक ट्वीट पर बीजेपी ने उनपर निशाना साधा है।

गुजरात के सीएम और बीजेपी नेता विजय रूपाणी ने राहुल गाँधी के ट्वीट पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राहुल गाँधी हिमाचल प्रदेश के जिस ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोजेक्ट’ का आइडिया खुद का बता रहे हैं, वो गुजरात सरकार की पहल थी। रुपाणी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके राहुल पर निशाना साधा है।

दरअसल, वायनाड से एमपी राहुल गाँधी ने हिमाचल प्रदेश में चल रहे ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्लान’ को लेकर आयोजित सर्वे की सराहना एक ट्वीट के जरिए की थी। जिसमें उन्होंने इस योजना का क्रेडिट खुद को देते हुए लिखा था कि, इस योजना का सुझाव उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार को कुछ समय पहले दिया था। और कहा, इसे लागू करने के लिए मानसिकता को पूरी तरह बदलना जरूरी है।

वहीं राहुल गाँधी को सच्चाई का आइना दिखाते हुए गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “राहुल जी गुजरात की योजना को आपने कॉपी कर लिया और उसे अपना आइडिया बता रहे हैं, यह आपको शोभा नहीं देता।”

ट्वीट के जरिए रूपानी ने राहुल गाँधी पर तंज कसते हुए कहा, “मैं यह आशा नहीं करता कि आपको किसी भी चीज की जानकारी है, लेकिन जो आपकी स्क्रिप्ट लिखते हैं उन्हें तो पता होना चाहिए! आपके लिए ‘एक हार, एक बदलाव’ की नीति कैसी रहेगी?”

सीएम रूपाणी ने अपने ट्वीट के साथ राज्य की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल के द्वारा किए गए ट्वीट के स्क्रीनशॉट को भी साझा किया जिसमें उन्होंने ‘वन विलेज, वन प्रोडक्ट’ की जानकारी साल 2016 में दी थी।

आनंदीबेन पटेल के ट्वीट में यह साफ दिख रहा है कि उन्होंने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ को इम्प्लीमेंट करते हुए पायलट प्रोजेक्ट की तरह इसको प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने की बात की थी।

सिर्फ गुजरात सीएम ही नहीं उत्तरप्रदेश के सीएम ने भी राहुल गाँधी पर निशाना साधा और उनकी याददाश्त को कमजोर बताया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शायद उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है। थोड़ा जोर डालेंगे तो याद आ जाए। बीजेपी के 2017 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में हर जिले के स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने की बात कही गई थी। आज यह योजना छोटे उद्योगों और स्थानीय कामगारों के लिए वरदान साबित हो रही है।

सेना और आरएसएस को ‘कश्मीरियों के विनाशकारी नरसंहार’ कहने वाले सईद पर प्राथमिकी दर्ज़

  • जेएनयू स्कॉलर साजिद बिन सईद कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का अध्यक्ष हैं
  • सईद ने भारतीय सेना पर कश्मीरियों के नरसंहार का आरोप लगाया
  • सईद ने RSS को भी कश्मीरियों के नरसंहार के लिए दोषी ठहराया

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

अपने ट्वीट के माध्यम से नफरत फैलाने वाले जेएनयू के स्कॉलर साजिद बिन सईद पर दिल्ली पुलिस ने शिकंजा कसा है। सईद ने भारतीय सेना और आरएसएस पर ‘कश्मीरियों के विनाशकारी नरसंहार’ का आरोप लगाया था। दिल्ली पुलिस ने सईद के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है। जल्द ही दिल्ली पुलिस सईद से पूछताछ शुरू कर सकती है।

सईद के खिलाफ आईपीसी की धारा 504, और 153 के तहत FIR दर्ज किया गया है।

धारा 504 आईपीसी– शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना , IPC Section 504 ( IPC Section 504. Intentional insult with intent to provoke breach of the peace ) यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध पीड़ित / अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।

भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 153 के अनुसार, जो भी कोई शख्स अवैध बातें करके किसी व्यक्ति को द्वेषभाव या बेहूदगी से निशाना बनाता है और ऐसे भाषण या बयान से परिणामस्वरूप उपद्रव हो सकता है.

कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष साजिद बिन सईद ने ट्विटर पर अपने पोस्ट में कहा, “भारतीय सेना कश्मीरियों के नरसंहार को अंजाम देती है जो आरएसएस द्वारा तैयार किया जाता है। भाजपा सरकार को अपने क्षेत्रीय लालच को रोकना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र द्वारा गारंटीकृत स्व-निर्णय के लिए कश्मीरियों के अधिकार को स्वीकार करने के लिए तैयार होना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने का सही समय आ गया है।”

टाइम्स नाउ के निकुंज गर्ग के अनुसार, सोशल मीडिया समाज में किसी भी तरह की परेशानी का सबसे बड़ा स्रोत है। बोलने की आज़ादी के नाम पर विश्वविद्यालयों से जुड़े छात्र भारतीय सेना और सरकारी संस्थानों की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब सैयद ने सेना और भाजपा सरकार के खिलाफ जहर उगला है। 12 जुलाई 2012 के अपने ट्वीट में सईद ने केंद्र पर कश्मीर में जातीय सफाई की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने जेएनयू पीएचडी स्कॉलर शरजील इमाम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया है। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर हुई हिंसा और इस फरवरी के दिल्ली दंगों में आरोपित है, हाल ही में वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।

शरजील इमाम पर दिल्ली, असम और उत्तर प्रदेश सहित पाँच राज्यों द्वारा राजद्रोह, दंगे और सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाड़ने के लिए मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, शरजील ने पिछले साल दिसंबर में जामिया परिसर के बाहर एक भड़काऊ भाषण दिया था।

पंचांग 26 जुलाई 2020

आज 26 जुलाई को हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि है. आज रविवार भी है. रविवार को पूरी भक्ति भावना के साथ सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. सूर्य देव की पूजा करने से यश गान की प्राप्ति होती है और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं. रविवार के दिन सुबह सुबह सूर्य देव की पूजा जरूर करें. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः श्रावण़़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः षष्ठी प्रातः 09.33 तक है, 

वारः रविवार, 

नक्षत्रः हस्त दोपहर 12.37 तक, 

योगः सिद्धि रात्रि 11.43 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः सायं 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.43, 

सूर्यास्तः 07.12 बजे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

नाग पंचमी 2020

व्रत – उपवास – त्यौहार, चंडीगढ़ – 25 जुलाई:

नाग पंचमी का त्योहार आज 25 जुलाई को मनाया जा रहा है. आज लोग सांपों/नाग देवताओं की पूजा करेंगे और नाग देवता को दूध पिलाएंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली के राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं. जिन जातकों की कुंडली में सांप का भय और सर्पदंश का योग होता है वो नाग पंचमी के दिन कालसर्प योग की पूजा करेंगे. आज कई महिलाएं सांप को भाई मानकर उनकी पूजा करती हैं और भाई से अपने परिवार की रक्षा का आशीर्वाद मांगती हैं. आइए नाग पंचमी के मौके पर पढ़ते हैं नाग पंचमी कथा …

नाग पंचमी कथा:

नाग पंचमी की पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत समय पहले की बात है जब प्राचीन नगर में एक सेठजी के सात पुत्र थे. सातों के विवाह हो चुके थे. सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था.

एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी धलिया और खुरपी लेकर मिट्टी खोदने लगी. तभी वहां एक सर्प निकला, जिसे बड़ी बहू खुरपी से मारने लगी. यह देखकर छोटी बहू ने उसे रोकते हुए कहा- ‘मत मारो इसे? यह बेचारा निरपराध है.’

यह सुनकर बड़ी बहू ने उसे नहीं मारा तब सर्प एक ओर जा बैठा. तब छोटी बहू ने उससे कहा-‘हम अभी लौट कर आती हैं तुम यहां से जाना मत. यह कहकर वह सबके साथ मिट्टी लेकर घर चली गई और वहां कामकाज में फंसकर सर्प से जो वादा किया था उसे भूल गई.

उसे दूसरे दिन वह बात याद आई तो सब को साथ लेकर वहां पहुंची और सर्प को उस स्थान पर बैठा देखकर बोली- सर्प भैया नमस्कार! सर्प ने कहा- ‘तू भैया कह चुकी है, इसलिए तुझे छोड़ देता हूं, नहीं तो झूठी बात कहने के कारण तुझे अभी डस लेता. वह बोली- भैया मुझसे भूल हो गई, उसकी क्षमा मांगती हूँ, तब सर्प बोला- अच्छा, तू आज से मेरी बहन हुई और मैं तेरा भाई हुआ. तुझे जो मांगना हो, मांग ले. वह बोली- भैया! मेरा कोई नहीं है, अच्छा हुआ जो तू मेरा भाई बन गया.

कुछ दिन व्यतीत होने पर वह सर्प मनुष्य का रूप रखकर उसके घर आया और बोला कि ‘मेरी बहन को भेज दो.’ सबने कहा कि ‘इसके तो कोई भाई नहीं था, तो वह बोला- मैं दूर के रिश्ते में इसका भाई हूं, बचपन में ही बाहर चला गया था. उसके विश्वास दिलाने पर घर के लोगों ने छोटी को उसके साथ भेज दिया. उसने मार्ग में बताया कि ‘मैं वहीं सर्प हूं, इसलिए तू डरना नहीं और जहां चलने में कठिनाई हो वहां मेरी पूंछ पकड़ लेना. उसने कहे अनुसार ही किया और इस प्रकार वह उसके घर पहुंच गई. वहां के धन-ऐश्वर्य को देखकर वह चकित हो गई.

एक दिन सर्प की माता ने उससे कहा- ‘देश परंतु सर्प के समझाने पर शांत हो गई. तब सर्प ने कहा कि बहिन को अब उसके घर भेज देना चाहिए. तब सर्प और उसके पिता ने उसे बहुत सा सोना, चांदी, जवाहरात, वस्त्र-भूषण आदि देकर उसके घर पहुंचा दिया.

इतना ढेर सारा धन देखकर बड़ी बहू ने ईर्ष्या से कहा- भाई तो बड़ा धनवान है, तुझे तो उससे और भी धन लाना चाहिए. सर्प ने यह वचन सुना तो सब वस्तुएं सोने की लाकर दे दीं. यह देखकर बड़ी बहू ने कहा- ‘इन्हें झाड़ने की झाड़ू भी सोने की होनी चाहिए’. तब सर्प ने झाडू भी सोने की लाकर रख दी.

सर्प ने छोटी बहू को हीरा-मणियों का एक अद्भुत हार दिया था. उसकी प्रशंसा उस देश की रानी ने भी सुनी और वह राजा से बोली कि- सेठ की छोटी बहू का हार यहां आना चाहिए.’ राजा ने मंत्री को हुक्म दिया कि उससे वह हार लेकर शीघ्र उपस्थित हो मंत्री ने सेठजी से जाकर कहा कि ‘महारानीजी छोटी बहू का हार पहनेंगी, वह उससे लेकर मुझे दे दो’. सेठजी ने डर के कारण छोटी बहू से हार मंगाकर दे दिया.

छोटी बहू को यह बात बहुत बुरी लगी, उसने अपने सर्प भाई को याद किया और आने पर प्रार्थना की- भैया ! रानी ने हार छीन लिया है, तुम कुछ ऐसा करो कि जब वह हार उसके गले में रहे, तब तक के लिए सर्प बन जाए और जब वह मुझे लौटा दे तब हीरों और मणियों का हो जाए. सर्प ने ठीक वैसा ही किया. जैसे ही रानी ने हार पहना, वैसे ही वह सर्प बन गया. यह देखकर रानी चीख पड़ी और रोने लगी.

यह देख कर राजा ने सेठ के पास खबर भेजी कि छोटी बहू को तुरंत भेजो. सेठजी डर गए कि राजा न जाने क्या करेगा? वे स्वयं छोटी बहू को साथ लेकर उपस्थित हुए. राजा ने छोटी बहू से पूछा- तुने क्या जादू किया है, मैं तुझे दंड दूंगा. छोटी बहू बोली- राजन ! धृष्टता क्षमा कीजिए, यह हार ही ऐसा है कि मेरे गले में हीरों और मणियों का रहता है और दूसरे के गले में सर्प बन जाता है. यह सुनकर राजा ने वह सर्प बना हार उसे देकर कहा- अभी पहनकर दिखाओ. छोटी बहू ने जैसे ही उसे पहना वैसे ही हीरों-मणियों का हो गया.

यह देखकर राजा को उसकी बात का विश्वास हो गया और उसने प्रसन्न होकर उसे बहुत सी मुद्राएं भी पुरस्कार में दीं. छोटी वह अपने हार और इन सहित घर लौट आई. उसके धन को देखकर बड़ी बहू ने ईर्ष्या के कारण उसके पति को सिखाया कि छोटी बहू के पास कहीं से धन आया है. यह सुनकर उसके पति ने अपनी पत्नी को बुलाकर कहा- ठीक-ठीक बता कि यह धन तुझे कौन देता है? तब वह सर्प को याद करने लगी.

तब उसी समय सर्प ने प्रकट होकर कहा- यदि मेरी धर्म बहन के आचरण पर संदेह प्रकट करेगा तो मैं उसे खा लूंगा. यह सुनकर छोटी बहू का पति बहुत प्रसन्न हुआ और उसने सर्प देवता का बड़ा सत्कार किया. उसी दिन से नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है और स्त्रियां सर्प को भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं.