खालिस्‍तानी आतंकवादी भारत ही नहीं बल्कि कनाडा के ल‍िए भी बड़ा खतरा बन गए हैं : रिपोर्ट

कनाडा में वर्ष 2018 के लिए आई पब्लिक रिपोर्ट में देश को खालिस्तानी आतंकवाद से खतरा बताया गया है। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने पहली बार खालिस्तानी आतंकवाद को खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है। यह रिपोर्ट जनसुरक्षा मामलों के मंत्री राल्फ गुडाले ने पेश की है। इस रिपोर्ट में इस्लामी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट और अल कायदा से भी खतरे की आशंका जताई गई है। अतीत में कनाडा में रहने वाले तमाम सिख चरमपंथियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के सहयोग से पंजाब को अशांत रखा है। वे एक बार फिर से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रयासरत हैं।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम :

ओटावा के एक प्रमुख कनाडाई थिंक टैंक ‘मैकडोनाल्ड-लॉयर इंस्टीट्यूट’ ने खालिस्तानी चरमपंथ के उभरने में पाकिस्तान की भूमिका पर एक अध्ययन जारी किया है। इंस्‍टीट्यूट ने कहा कि खालिस्‍तान पाकिस्‍तान का प्रॉजेक्‍ट है और इसे कनाडा में ठग और राजनीतिक चालबाजों ने जिंदा रखा है। इस थ‍िंक टैंक ने सरकार को आगाह क‍िया है क‍ि खालिस्‍तानी आतंकवादी भारत ही नहीं बल्कि कनाडा के ल‍िए भी बड़ा खतरा बन गए हैं।

वरिष्‍ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की (Terry Milewski), [पीडीएफ], द्वारा लिखित, यह शोध पत्र खालिस्तान आंदोलन को कवर करता है और पाकिस्तान द्वारा विकसित और पोषित एक भू-राजनीतिक परियोजना के रूप में इसकी वास्तविकता को बताता है। यह पेपर कनाडा और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर लगाए गए खालिस्तान आंदोलन के खतरे पर शोध करता है।

कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ का प्रभाव

भारत के पंजाब प्रांत में सक्रिय खालिस्‍तानी आतंकियों को पाकिस्‍तान ने पैदा किया था और ये आतंकी अब न केवल भारत बल्कि कनाडा के राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं।

वरिष्‍ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की ने अपनी रिपोर्ट ‘खालिस्‍तान: ए प्रॉजेक्‍ट ऑफ पाकिस्‍तान’ में कहा कि खालिस्‍तान आंदोलन कनाडा और भारत दोनों की ही सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। पिछले कुछ दशकों में, विशेष रूप से 1985 में खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एयर इंडिया फ्लाइट 182 ‘कनिष्क’ पर बमबारी की भयानक घटना के बाद, कनाडा में खालिस्तानियों का प्रभाव तेज गति से बढ़ रहा है।

खालिस्तानी समर्थक सिख नेता, जो कनाडा में व्यापक राजनीतिक संरक्षण में हैं, गुरुद्वारा कैश फ्लो और सामुदायिक वोटों पर अपने नियंत्रण के लिए, कथित तौर पर ट्रूडो सरकार पर दबाव डालकर खालिस्तान आतंकवाद के खतरों की वार्षिक रिपोर्ट से हटाने का दबाव बनाया था।

एमएल इंस्टीट्यूट के अध्ययन में कहा गया है कि यह नतीजा एक विस्तृत अंतरराष्ट्रीय लॉबिंग अभियान के बाद सामने आया था।

खालिस्तान आंदोलन में पाकिस्तान की भूमिका

टेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस आंदोलन के बाद भी सच्‍चाई यह है कि कनाडा के सिख इस आंदोलन के जरिए अपने गृह राज्‍य पंजाब नहीं जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि कनाडा के लोगों के लिए पाकिस्‍तान का यह कदम बड़ा राष्‍ट्रीय खतरा बन गया है। चूँकि पंजाब में खालिस्‍तान के कुछ ही समर्थक बचे हैं, इ‍सलिए कनाडा में खालिस्‍तान के समर्थकों को पाकिस्‍तानी मदद बढ़ गई है।

रिपोर्ट में खालिस्तानी आंदोलन के विकास और पोषण में पाकिस्तान की भूमिका की जाँच की गई है, जो खालिस्तान नाम के सिखों के लिए एक अलग देश के विचार का समर्थन करता है।

टेरी मिलेवस्की लिखते हैं कि भारत में सिखों के गृह राज्य पंजाब में खालिस्तान आंदोलन को ज्यादा तूल नहीं मिल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खालिस्‍तानी आतंकी नवंबर, 2020 में स्‍वतंत्र खालिस्‍तान के लिए जनमत संग्रह कराना चाहते हैं और जैसे-जैसे यह दिन नजदीक आ रहां है, वैसे-वैसे दुनियाभर में सिख समुदाय में संशय बढ़ता जा रहा है। उन्होंने रिपोर्ट में चेतावनी दी कि जनमत संग्रह चरमपंथी विचारधारा को हवा देगा और युवा कनाडाई लोगों को कट्टरपंथी बनाएगा।

हालाँकि, कनाडा सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह खालिस्तान पर नवंबर में होने वाले तथाकथित जनमत संग्रह को ‘सिख फॉर जस्टिस’ जैसे समूहों द्वारा मान्यता नहीं देगी, जिसे 2019 में भारत द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के पूर्व कैबिनेट मंत्री उज्जल दोसांझ और थिंक टैंक के एक प्रोग्राम डायरेक्टर शुवालॉय मजूमदार ने कहा, “खालिस्तान प्रस्ताव का मार्गदर्शन करने में पाकिस्तान के प्रभाव को समझने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मिल्वेस्की की यह रिपोर्ट जरूर पढ़नी चाहिए।”

जस्टिन ट्रूडो सरकार ने 2015-19 के दौरान अपने पहले कार्यकाल में खालिस्तान समर्थक समूहों के प्रति कथित नरमी को भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट का एक प्रमुख कारण बताया। कनाडा में लिबरल पार्टी की सरकार ने खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियों को अनुमति देने के पीछे अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दिया था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि खालिस्तान का समर्थन भारत में कितना कम है, और यह वास्तव में बहुत कम हो गया है, लेकिन यह पाकिस्तान में अभी भी जीवित है, जहाँ जिहादी समूहों ने अपने साझा दुश्मन, भारत के खिलाफ सिख अलगाववादियों के साथ आम मुद्दा बना दिया है।

कौन हैं टेरी मिलेवस्की

टेरी मिलेवस्की एक अनुभवी पत्रकार हैं। 1967 में एक छात्र के रूप में वह पहली बार भारत आए थे। उस समय उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का साक्षात्कार लिया था। अपने करियर के दौरान कई बार सीबीसी टीवी न्यूज़ के संवाददाता के रूप में मिल्वेस्की ने भारत का दौरा किया। उन्होंने 1986 में एयर इंडिया में बमबारी सहित कई प्रमुख घटनाओं को कवर किया है। वह सीबीसी के लिए वरिष्ठ संवाददाता के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं।

रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया, लालू ने कहीं न जाने की बात कही

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ हर वक्त साये की तरह खड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा दे दिया। महज 38 शब्दों के लिखे पत्र में उन्होंने अपना पूरा दर्द बयां कर दिया। इस्तीफे का पत्र मीडिया में आते ही राजद में खलबली मच गई है। वहीं उनके बेहद खास लालू प्रसाद यादव भी बेचैन हो गए हैं। अब इसी बेचैनी को उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से व्यक्त किया है और रघुवंश प्रसाद सिंह से कहा है कि वे राजद (RJD) छोड़ कहीं नहीं जा रहे हैं।

पटना(ब्यूरो):

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन हर बदलते दिन के साथ राजनीति नई करवट लेती जा रही है। इसी क्रम में दिल्ली के एम्स में बिस्तर पर लेटे-लेटे ही पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा दे दिया है।

सादे कागज पर लालू प्रसाद यादव को संबोधित इस्तीफे में उन्होंने लिखा है, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे-पीछे खड़ा रहा। लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता कार्यकर्ता और आमजनों ने बड़ा स्नेह दिया। मुझे क्षमा करें।” जून में उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था और लालू ने खुद तेजस्वी यादव को रॉंची तलब कर उन्हें मनाने को कहा था।

रघुवंश प्रसाद सिंह के करीबियों ने ऑपइंडिया को बताया कि अब राजद से उनका रिश्ता टूट चुका है। पार्टी में बने रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। केंद्रीय मंत्री रहे राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव से जब हमने इस संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।

रघुवंश प्रसाद सिंह RJD में पूर्व सांसद रामा सिंह को शामिल करने के प्रयासों को लेकर नाराज चल रहे थे। बाहुबली छवि के रामा सिंह लोकसभा चुनाव में वैशाली से रघुवंश प्रसाद सिंह को हरा भी चुके हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे जगदानंद सिंह से भी वे नाराज चल रहे थे। जून में लालू को लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल भी उठाए थे।

बिहार में हर दल के अपने सामाजिक समीकरण हैं और चुनाव में मतदान उन्हीं समीकरणों के इर्द-गिर्द होता रहा है। ऐसे में सवाल है कि 74 साल के रघुवंश प्रसाद का जाना राजद के जमीनी समीकरणों को कितना प्रभावित करेगा?

रघुवंश प्रसाद सिंह के स्वजतीय राजपूत वोटर बिहार में 5 फीसदी के करीब हैं और पूरे राज्य में बिखरे हुए हैं। जब लालू ने ‘भूरा बाल साफ करो’ का नारा दिया था, उस दौर में भी राजपूत का बड़ा तबका उनके ही साथ रहा। इसकी वजह यकीनन रघुवंश प्रसाद और जगदानंद सिंह जैसे राजपूत नेता थे, जिनका सीमित क्षेत्रों में प्रभाव था। लेकिन, रघुवंश प्रसाद कभी भी बिहार के राजपूतों के एकमात्र नेता नहीं रहे।

बीजेपी के पास भी राधा मोहन सिंह और राजीव प्रताप रूडी जैसे चेहरे रहे हैं, जिनका अपने इलाके में और अपने स्वजातीय वोटरों के एक तबके पर प्रभाव है। इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत को जिस तरह इस बार ‘बिहारी प्राइड’ से जोड़ा गया है, उससे भी इस वर्ग का झुकाव एनडीए की तरफ बढ़ा है।

फिर यह इस्तीफा राजद की चुनावी संभावनाओं को कैसे प्रभावित करेगा? इसका जवाब हाल ही में पटना विश्वविद्यालय के कुछ पूर्व प्राध्यापकों के बीच हुई चर्चा में छिपा है। यह चर्चा इसी विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र और प्राध्यापक, जो कभी बीजेपी के बड़े नेता हुआ करते थे तथा चंद्रशेखर से लेकर वाजपेयी कैबिनेट तक में मंत्री रहे, की पहल पर हुई थी।

असल में राजनीति में अप्रसांगिक हो चुका यह नेता एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर बिहार चुनाव के जरिए खुद के लिए संभावनाओं की पड़ताल कर रहा था। इसी क्रम में हुई चर्चा के दौरान बात 1955 में बिहार में हुए छात्र आंदोलन, जो स्वतंत्र भारत का पहला छात्र आंदोलन माना जाता है, जिसमें उस समय के प्रधानमंत्री रहे जवाहर लाल नेहरू तक को दखल देना पड़ा था, से शुरू हुई। फिर हर दौर पर बात हुई। आखिर में ये निष्कर्ष निकला कि बिहार की राजनीति में सामाजिक समीकरणों का प्रभाव है।

एक वर्ग जो इससे अप्रभावित है, उसके लिए तमाम नाराजगी के बावजूद आज भी नीतीश कुमार ही विश्वसनीय चेहरा हैं। तेजस्वी यादव में उनकी जगह लेने की क्षमता नहीं है। सामाजिक समीकरणों को भी कमजोर करने के लिए चेहरे की जरूरत है और 15 साल बाद भी नीतीश का विकल्प नहीं है। विकल्प के बिना एनडीए की संभावनाओं को प्रभावित करना मुश्किल है। विपक्ष के पास तेजस्वी की जगह कोई ऐसा विश्वसनीय चेहरा होना चाहिए जो छवि के मामले में नीतीश कुमार पर बीस पड़े।

फिर उस नेता ने तेजस्वी से संपर्क किया। तेजस्वी ने टका सा जवाब दिया- हमको पता है कि हम हार रहे हैं, फिर भी विपक्ष का नेता तो मैं ही रहूॅंगा न।

रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे ने विधानसभा में विपक्ष के नेता बने रहने के तेजस्वी के इस गणित को फॅंसा दिया है। तेजस्वी फिलहाल राघोपुर से विधायक हैं। यह वो सीट है, जहॉं रघुवंश प्रसाद का प्रभाव है।

एलएसी पर भारत ने चीनी गोलाबारी का यथेष्ट जवाब दिया

  • 45 साल पहले हुई भारत-चीन के बीच आखिरी फायरिंग
  • 1975 में चीन ने धोखे से अरुणाचल में किया था हमला
  • चीन की फायरिंग में असम राइफल्स के 4 जवान शहीद हुए थे और अब
  • भारत-चीन के बीच सीमा पर फायरिंग
  • पैंगोंग इलाके के पास वॉर्निंग शॉट फायर

जे&के(ब्यूरो):

भारत और चीन की सीमा पर मई से जारी तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है. सोमवार की रात को लद्दाख सीमा पर वो हुआ जो पिछले चार दशक में नहीं हुआ था. LAC पर बीती रात गोलीबारी की घटना हुई, जहां दोनों ओर से फायरिंग की गई. हालांकि, इस फायरिंग में किसी को निशाना नहीं बनाया गया. ऐसे में जहां दोनों देश बातचीत से मसला सुलझाने की बात कर रहे हैं, तब LAC पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं.

क्या हुआ बीती रात को?

लद्दाख सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. काला टॉप और हेल्मेट टॉप समेत पैंगोंग इलाके के कई हिस्सों में भारतीय सेना का कब्जा है, जो रणनीतिक तौर पर काफी अहम है. यही कारण है कि चीन की सेना बौखला गई है. इसी बौखलाहट में चीनी सेना सोमवार की रात को बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगी. इसी दौरान भारतीय सेना की ओर से वार्निंग शॉट (चेतावनी के लिए हवा में फायरिंग) दागे गए, जिसके बाद चीनी सेना के जवान पीछे हट गए.

यहां चीनी सेना की ओर से भी गोलीबारी की गई, जिसका फिर भारतीय सेना ने जवाब दिया. हालांकि, कुछ देर की फायरिंग के बाद हालात काबू में हैं.

हाल ही दिनों में देखें तो इससे पहले 31 अगस्त की रात को भी फायरिंग की बात सामने आई थी. तब चीनी सेना ने पैंगोंग इलाके के पास से भारतीय सेना को हटाने के लिए फायरिंग की थी, हालांकि वो किसी तरह की आक्रामक फायरिंग नहीं थी.

आपको बता दें कि 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन और भारत की सीमा पर गोली चली हो. इससे पहले दोनों देशों ने गोली ना चलाने और किसी की जान ना गंवाने को लेकर समझौता किया था. लेकिन बीते 15 जून को भारत के 20 जवान शहीद हुए और अब गोली चल गई.

20 अक्टूबर 1975 को चीन की धोखेबाजी
भारत का कहना है कि 20 अक्टूबर 1975 को चीनी सैनिक घुसपैठ कर दक्षिण तुलुंग ला में भारतीय सीमा में आ गए थे, यहां से उन्होंने असम राइफल्स के जवानों पर घात लगाकर हमला किया. चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर गोलियां चलाईं. 

इस बाबत एक भारतीय अधिकारी ने तब द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि चीन ने घात लगाकर ये हमला भारतीय सीमा में घुसकर किया था. इस इलाके में भारतीय सेना कई सालों से पैट्रोलिंग करती थी. इस घटना पर भारतीय सेना ने चीन के सामने कड़ी प्रतक्रिया जताई थी. चीन ने इस घटना को लेकर पहले तो इनकार किया लेकिन 3 नवंबर 1975 को चीन ने इस घटना को स्वीकार किया लेकिन फ्रांस के अखबार La Monde के मुताबिक चीन ने बड़ी बेशर्मी से इस घटना की जिम्मेदारी भारत पर डाल दी. चीन ने कहा कि उसके सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई थीं. 

चीन की ओर से क्या कहा गया?

बीती रात को हुई इस घटना पर चीन ने एक बार फिर भारत पर ही आरोप लगा दिया है. चीनी सेना की ओर से बयान में कहा गया कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार किया गया. इसी दौरान भारत ने चीनी सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किया, ऐसे में चीनी सेना को इसका जवाब देना पड़ा.

इससे पहले भी चीनी सेना की ओर से 29-30 अगस्त की रात, 31 और 1 तारीख को घुसपैठ की कोशिश की गई थी. हालांकि, हर बार ये कोशिश सफल नहीं हो पाई, उल्टा भारतीय सेना ने पैंगोंग इलाके के पास अहम जगहों पर अपना कब्जा कर लिया.

प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पर आरोप लग रहे हैं कि वह यूपी कांग्रेस को ‘बर्बाद’ करने में लगी हैं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस अब नए सिरे से संगठन को चार्ज करने में जुट गई है। पार्टी के उभरते शक्ति केंद्रों से तालमेल बिठाने में नाकाम कांग्रेस नेताओं को नई संरचना से बाहर कर पार्टी नेतृत्‍व ने साफ संकेत दे दिए हैं कि जो संघर्ष के लिए तैयार नहीं हैं उन्‍हें चिठ़ठी लेखक ही बनकर रहना होगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े धड़े को लगता है कि दिल्ली में सोनिया-राहुल के पास इतना समय ही नहीं है कि वह यूपी कांग्रेस का विवाद सुलझा पाएं। कई नेता यह आरोप भी लगा रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व प्रियंका वाड्रा के हाथों में आने के बाद से पार्टी में बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। दरअसल, जब से प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी के रूप में कमान संभाली है, तब से कांग्रेस के पुराने और सोनिया-राहुल के वफादार नेताओं को साइड लाइन किए जाने का खेल चल रहा है।

उप्र(ब्यूरो):

पार्टी के प्रति समर्थित आम कांग्रेसी दुखी और हाशिये पर नजर आ रहा है।

दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक कांग्रेस में जारी कलह-कलेश थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस में नये-पुराने नेताओं के बीच अंतर्कलह मची है तो सोनिया और राहुल गांधी के समर्थक भी ‘टकराव’ की मुद्रा में हैं। सोनिया पुराने नेताओं की वफादारी की कायल हैं तो राहुल गांधी को युवा पीढ़ी के नेताओं पर ज्यादा भरोसा है। गांधी परिवार की खींचतान में बड़े-बड़े कांग्रेसी नेता गुटबाजी में लगे हैं तो पार्टी के प्रति समर्थित आम कांग्रेसी दुखी और हाशिये पर नजर आ रहा है। दिल्ली में जहां सोनिया-राहुल गांधी के बीच का सियासी मनमुटाव कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है तो वहीं उत्तर प्रदेश में प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पर आरोप लग रहे हैं कि वह यूपी कांग्रेस को ‘बर्बाद’ करने में लगी हैं।

गत दिनों कांग्रेस के 23 दिग्गज नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पार्टी की दिशा-दशा सुधारने के लिए पत्र लिखने के बाद उनके साथ दिल्ली में जैसा दुर्व्यवहार हुआ, वह किसी से छिपा नहीं है, लेकिन हद तो तब हो गई जब इन नेताओं के खिलाफ कांग्रेस की राज्य इकाइयों में भी विद्रोह की चिंगारी को जबर्दस्ती सुलगा दिया गया। इसी के चलते सोनिया को पत्र लिखने वालों में से एक उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को प्रदेश कांग्रेस की राज्य और जिला इकाइयों द्वारा बार-बार अपमानित किया गया। जितिन प्रसाद को अपमानित कराए जाने के पीछे प्रियंका वाड्रा का नाम सामने आ रहा है। सोनिया को लिखे पत्र की आड़ लेकर यूपी कांग्रेस में यहां के भी पुराने नेताओं के खिलाफ विरोध की चिंगारी पनपने लगी है। इस चिंगारी को प्रियंका द्वारा खूब हवा दी जा रही है। वर्ना जितिन प्रसाद सहित कुछ और पुराने दिग्गज कांग्रेसियों को अपमानित करने का सिलसिला ऐसे ही नहीं चलता रहता। कांग्रेस में पत्र प्रकरण धमाके के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस में काफी दिनों से चल रही बदलाव की बयार ने और भी स्पीड पकड़ ली है। यह बदलाव संगठन में चेहरों के साथ ही पार्टी के तौर-तरीकों में भी देखने को मिल रहा है, जिन पुराने कांग्रेसियों को यह बदलाव रास नहीं आ रहे हैं, उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली है।

प्रियंका के आने के बाद संगठन में ऐसे नेताओं को आगे किया जा रहा है, जिनकी सियासी जमीन ही नहीं है।

दरअसल, जब से प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी के रूप में कमान संभाली है, तब से कांग्रेस के पुराने और सोनिया-राहुल के वफादार नेताओं को साइड लाइन किए जाने का खेल चल रहा है। सबसे पहले प्रियंका ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में बदलाव किया। उसके बाद प्रदेश से लेकर जिला संगठन इकाइयों में भी अपनी पसंद के लोग रखना शुरू कर दिया। यूपी कांग्रेस में सभी महत्वपूर्ण पदों पर प्रियंका की विचारधारा के लोगों को तरजीह देने का आरोप लम्बे समय से लग रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि प्रियंका के आने के बाद संगठन में ऐसे नेताओं को आगे किया जा रहा है, जिनकी सियासी जमीन ही नहीं है। इसीलिए कांग्रेस का जनाधार खिसकता जा रहा है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े धड़े को लगता है कि दिल्ली में सोनिया-राहुल के पास इतना समय ही नहीं है कि वह यूपी कांग्रेस का विवाद सुलझा पाएं। प्रदेश कांग्रेस के कई नेता यह आरोप भी लगा रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व प्रियंका के हाथों में आने के बाद से पार्टी में बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। मौजूदा संगठन से किसी भी तरह की शिकायत पर शीर्ष नेतृत्व को न तो बताया जा सकता है और न ही उन्हें भरोसे में लेकर स्थितियों के बदलाव की उम्मीद की जा सकती है, जो नेता गांधी परिवार की विचारधारा से हटकर पार्टी हित में कुछ बोल देता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। यूपी में एक एक बाद एक नेताओं के खिलाफ लगातार हो रहीं कार्रवाइयां भी इसी का हिस्सा हैं। पहले पार्टी से दस वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया।

इसी तरह से रायबरेली सदर के पूर्व विधायक दिवंगत अखिलेश सिंह की विधायक पुत्री अदिति सिंह के प्रकरण में भी उनकी बात सुने बिना लखनऊ से लोगों को उनके आवास पर प्रदर्शन के लिए भेज दिया गया। जितिन प्रसाद के मामले में भी प्रियंका और पूर्व सांसद जफर अली नकवी के इशारे पर उनके खिलाफ नारेबाजी हुई। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को लखीमपुर खीरी में विरोध का सामना करना पड़ा। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद का भी नाम था। इसी के बाद उनके खिलाफ पार्टी में जहर उगला जाने लगा। हद तो तब हो गई जब कांग्रेस की लखीमपुर जिला इकाई ने जितिन प्रसाद को पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव पास कर दिया। इतना बड़ा कदम जिला इकाई बिना हाईकमान के इशारे से कर ही नहीं सकती थी। प्रस्ताव पर जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल और लखीमपुर खीरी के अन्य पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने जितिन प्रसाद सहित सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाली चिट्ठी पर जिन नेताओं के हस्ताक्षर हैं सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इन नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने को कहा गया था।

धीरज गुर्जर और प्रियंका गांधी जो भी करवा दें ठीक है

जितिन प्रसाद को पार्टी से बाहर किए जाने के लखीमपुर-खीरी की जिला के प्रस्ताव को ज्यदा गंभीरता से नहीं लिया जाता, यदि एक ऐसा ऑडियो वायरल न होता, जिसमें जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं, वह कह रहे हैं कि उनको ऐसी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया था। वायरल ऑडियो में वह किसी कार्यकर्ता से कहते सुने जाते हैं, ‘धीरज गुर्जर और प्रियंका गांधी जो भी करवा दें ठीक है। धीरज गुर्जर ने प्रस्ताव भेजा…। हमने कहा कि हम हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे…। कुछ लाइन इसमें से हटाई जाएं, लेकिन ऊपर से तलवार लटकी थी। हम भी क्या करते…। इस तरह की गंदगी कांग्रेस में रहेगी तो कांग्रेस कहां खड़ी हो पाएगी।’

अब कांग्रेस में पूर्व पीएम वीपी सिंह सरीखे नेताओं की जयंती मनाई जाने लगी है

खैर, वायरल ऑडियो की अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछले 31 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस इस तरह से सत्ता में वापसी की उम्मीद करेगी तो यह बेईमानी होगी। खासकर प्रियंका को सबको साथ लेकर चलना होगा और यह भी ध्यान रखना होगा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा से नहीं भटके। आश्चर्य होता है कि अब कांग्रेस में पूर्व पीएम वीपी सिंह सरीखे नेताओं की जयंती मनाई जाने लगी है, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की छवि को धूमिल करके ही सत्ता हासिल की थी। राजीव गांधी के समय खरीदी गईं बोफोर्स तोप में, घोटाले का आरोप लगाकर वीपी सिंह ने राजीव की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी भी इसे भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बनाए रखने में कामयाब रही थी। इसीलिए वीपी सिंह की जयंती मनाए जाने को लेकर कांग्रेस के भीतर ही एक वर्ग में नाराजगी पनपने लगी। नाराज नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए जो खुद पार्टी छोड़कर अलग हुआ, उसकी जयंती पार्टी दफ्तर में कांग्रेस नेता कैसे मना सकते हैं?

इसी तरह से हिन्दू-देवी-देवताओं के लिए अनाप-शनाप टिप्पणी के चलते विवादित रहे पेरियार और फिलस्तीनी मुक्ति संगठन के प्रमुख रह चुके यासिर अराफात की जयंती भी हाल ही में पार्टी कार्यालय में मनाई गई। इस तरह के आयोजनों पर प्रदेश कांग्रेस के पुराने नेताओं ने तमाम तरह के सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि प्रदेश संगठन में जो नए चेहरे शामिल किए गए हैं, उनकी वामपंथी विचारधारा को पार्टी पर थोपा जा रहा है। इसी तरह से हाल ही में सर्वसमाज के आंदोलनों में कांग्रेसियों द्वारा गले में नीला पटका डालकर आंदोलन करने को भी पार्टी के पुराने नेता पचा नहीं पाए थे। तब लखनऊ में हुए प्रदर्शन के बाद पार्टी के कई नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए थे। नाराज नेताओं का तर्क था कि कोई भी पार्टी झंडे और पोस्टरों से पहचानी जाती हैं। अब ऐसे में नीला पटका पहन कर आंदोलन करने से लोगों के बीच आखिर क्या संदेश दिया जा रहा है।

बहरहाल, सोनिया को वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के पत्र लिखे जाने के ‘धमाके’ के बाद उत्तर प्रदेश में पार्टी पूरी तरह से दो खेमों के बंटी नजर आ रही है। राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक खेमा है जो संगठन को मजबूत करने की बात कर रहा है तो दूसरा खेमा जिसकी पहचान गांधी परिवार के लिए कठपुतली के रूप में काम करने वाली है, वह संगठन को मजबूत करने की बात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ा है। इसीलिए कुछ गांधी परिवार के समर्थक नेता जितिन के खिलाफ जहर उगल रहे हैं तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने गुलाम नबी आजाद पर गंभीर आरोप लगाया है कि जब-जब वह यूपी कांग्रेस के प्रभारी बने तब-तब कांग्रेस का बंटाधार हो गया। यूपी के ही एक और नेता सलमान खुर्शीद भी सोनिया को पत्र लिखने वालों के खिलाफ बयानबाजी करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी तरह से उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान ने वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद को पार्टी से बाहर निकाल देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुलाम को पार्टी से आजाद कर दो। नसीब ने कहा कि पार्टी ने आजाद को बहुत कुछ दिया, किंतु उन्होंने वफादारी नहीं की।

लब्बोलुआब यह है कि आज की तारीख में राष्ट्रीय कांग्रेस की तरह ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस भी साफ तौर पर दो खेमों में बंटी साफ नजर आ रही है। दोनों खेमों के नेता अपने हिसाब से बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे पार्टी को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। लेकिन पार्टी के भीतर बारीकी से झांका जाए तो पार्टी में एक धड़ा ऐसा भी नजर आता है जो किसी तरह की गुटबाजी में विश्वास नहीं रखता है और पार्टी के मौजूदा हालात से काफी दुखी है। इस धड़े के नेताओं की मानें तो पार्टी को युवा आगाज की जितनी जरूरत है, उतनी ही आवश्यकता इस बात की है कि पार्टी के दिग्गज नेताओं के अनुभव का पूरा फायदा उठाया जाए।

साभार – अजय कुमार

पंचांग, 06 सितम्बर 2020

आज 6 सितंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार रविवार है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित माना जाता है. रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः आश्विनी़, प्रथम (शुद्ध), 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः चतुर्थी सांय 07.07 तक है, 

वारः रविवार, 

नक्षत्रः अश्विनी प्रातः 05.24 तक, 

योगः वृद्धि अपराहन् 03.36 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः सिंह, 

चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः सायं 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.05, 

सूर्यास्तः 06.33 बजे।

नोटः आज चतुर्थी तिथि का श्राद्ध है।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

मुंह की खाने के बाद भी नहीं सुधरा चीन, चुमार में फिर खाई लात

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है. अब तक चीन दो दिन में 2 बार घुसपैठ की नाकाम कोशिश कर चुका है, जिसके बाद भारतीय सेना को LAC के लोकेशन से आगे बढ़ना पड़ा है. भारतीय सुरक्षाबलों ने आगे घुसपैठ को रोकने के लिए वाहनों को तैनात कर दिया है. भारतीय जवान चीनी सैनिकों की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर हैं.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन की घुसपैठ की कोशिशें बढ़ती जा रही हैं. ड्रैगन ने मंगलवार को चुमार में घुसपैठ की कोशिश की. हालांकि, भारतीय जवानों को देख चीन के सैनिक वहां से उल्टे पांव भाग गए. चीनी सेना की लगभग 7 से 8 बख्तरबंद गाड़ियां चेपुजी कैंप से भारतीय क्षेत्र की ओर बढ़ रही थीं. भारतीय सुरक्षाबलों ने भी घुसपैठ को रोकने के लिए वाहनों को तैनात किया. भारतीय जवान चीनी सैनिकों की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर हैं. 

इससे पहले सोमवार की रात को चीन के सैनिकों ने ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप में घुसपैठ की कोशिश की. चीनी सैनिक अंधेरे का फायदा उठाकर भारतीय क्षेत्र में घुस रहे थे, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उसकी साजिश को नाकाम कर दिया. चीन ने 29-30 अगस्त की रात को भी घुसपैठ की कोशिश की थी और इस बार भी भारतीय जवानों ने उसे नाकाम कर दिया था.

बता दें कि भारत और चीन के बीच मई के शुरुआती दिनों से ही तनाव की स्थिति है. 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों की जान चली गई थी. लेकिन अब अगस्त में एक बार फिर नई जगह पर विवाद शुरू हुआ है. पहले जहां पर विवाद था, अब उससे अलग हटकर पैंगोंग झील की दक्षिणी तरफ आ गया है.

चीन की हरकत पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था, क्योंकि 29-30 अगस्त की रात के बाद चीनी सैनिकों ने सोमवार की रात को भी घुसैपठ की कोशिश की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्त्व ने कहा कि तनाव को कम करने के लिए सैन्य स्तर की बातचीत हो रही है, लेकिन इसी बीच चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की फिर कोशिश की. अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने राजनयिक और सैन्य माध्यम से चीन के सामने मामला उठाया. 

वहीं, चीन से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजित डोभाल, CDS जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख शामिल हुए. ये बैठक करीब दो घंटे चली. 

चीन की हरकतों की पहले से थी जानकारी

सीमा पर भारतीय सेना को चीन की हरकतों की जानकारी पहले से थी. भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट, सिख लाइट इन्फेंट्री ने 29-30 अगस्त की रात को चीन की साजिश को नाकाम किया. पिछले एक हफ्ते से ही भारत ने बॉर्डर पर एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को तैनात किया हुआ है, जिससे चीनी इलाकों पर निशाना बनाया जा सकता है.

हरियाणा भाजपा ने की 22 जिलाध्यक्षों की घोषणा

हरियाणा बीजेपी ने बुधवार को जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी। भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की नई टीम में 22 जिलाध्यक्षों में से पुराने 18 जिलाध्यक्षों को बदल दिया गया है। रोहतक के जिलाध्यक्ष अजय बंसल और फरीदाबाद के जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा ही अपनी कुर्सी बचा सके. वहीं यमुनानगर और रेवाड़ी के जिलाध्यक्ष की मौत हो जाने के बाद उनकी कुर्सी पहले ही खाली हो चुकी थी। ऐसे में 22 में से 20 नए जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चंडीगढ़(ब्यूरो) – 19 अगस्त :

लंबे मंथन के बाद बुधवार सुबह हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नामों की सूची मंगलवार देर शाम प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ व संगठन मंत्री सुरेश भट्ट ने सौंपी थी। इससे पहले जिलाध्यक्षों के नाम पर एक राय बनाने के लिए नई दिल्ली में हरियाणा भाजपा के नेताओं की बैठक हुई। इसमें सीएम मनोहर लाल भी मौजूद रहे। धनखड़ व भट्ट ने सीएम को नए जिलाध्यक्षों की सूची दी व उनसे सभी नामों पर सहमति ली।

सीएम से सूची ओके कराने के बाद ही नड्डा के साथ प्रदेशाध्यक्ष व संगठन मंत्री की बैठक हुई। संगठन में अन्य नियुक्तियों को लेकर भी भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई। उस बारे में भी सीएम से चर्चा की गई। नियुक्तियों को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी बातचीत हुई है। नए प्रदेशाध्यक्ष के कुर्सी संभालने के बाद से ही नई टीम की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। ओपी धनखड़ अपनी नई टीम को लेकर सबके साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद व अपनी नई टीम भी घोषित कर सकते हैं।
 

10 अक्तूबर से पहले ही संपन्न होगा बरोदा उपचुनाव

बरोदा विधानसभा का उपचुनाव 10 अक्टूबर से पहले संपन्न कराने की तैयारी है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसके संकेत दिए हैं। हरियाणा चुनाव आयोग को तीन दिन में तैयारियों की रिपोर्ट देनी होगी। कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के अप्रैल महीने में निधन से यह सीट खाली हुई है।

  1. अंबाला से राजेश बतोरा
  2. करनाल से योगेंद्र राणा
  3. सिरसा से आदित्य देवीलाल
  4. राजेश खापड़ा, यमुनानगर
  5. कुरुक्षेत्र से राजकुमार सैनी
  6. कैथल से अशोक ढांढ
  7. जींद से राजू मोर
  8. पानीपत से अर्चना गुप्ता
  9. सोनीपत से मोहनलाल बडोली विधायक
  10. झज्जर से विक्रम कादयान
  11. भिवानी से शंकर धूपड
  12. दादरी से सत्येंद्र परमार
  13. रोहतक से अजय बंसल
  14. नूह से नरेंद्र पटेल
  15. रेवाड़ी से हुकुमचंद यादव
  16. पलवल से चरण सिंह तेवतिया
  17. फरीदाबाद से गोपाल शर्मा
  18. महेंद्रगढ़ से राकेश शर्मा
  19. गुरुग्राम से गार्गी कक्कड़
  20. पंचकूला से अजय शर्मा
  21. हिसार से कैप्टन भूपेंद्र सिंह
  22. फतेहाबाद से बलदेव गिरोहा

नई सूची से कई नेताओं को लगा धक्का

भाजपा की इस नई सूची से काफी राजनेताओं को धक्का लगा है, क्योंकि कई जिलाध्यक्ष दोबारा से रिपीट करने की आस लगाए बैठे थे। बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नामों की सूची मंगलवार देर शाम प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ व संगठन मंत्री सुरेश भट्ट ने सौंपी थी. इससे पहले जिलाध्यक्षों के नाम पर एक राय बनाने के लिए नई दिल्ली में हरियाणा भाजपा के नेताओं की बैठक हुई। इसमें सीएम मनोहर लाल भी मौजूद रहे. धनखड़ व भट्ट ने सीएम को नए जिलाध्यक्षों की सूची दी व उनसे सभी नामों पर सहमति ली।

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पंचांग 18 अगस्त 2020

आज 18 अगस्त को भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. हालांकि शाम से अमावस्या भी लग रही है. इसी वजह से आज दर्श अमावस्या है. दर्श अमावस्या के दिन चांद आसमान में दिखाई नहीं देता या यूं कहें कि गायब हो जाता है. इस दिन लोग अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः भाद्रपद़़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः चतुर्दशी तिथि प्रातः 10.40 तक है, 

वारः मंगलवार, 

नक्षत्रः आश्लेषा रात्रि 04.08 तक, 

योगः वरीयान रात्रि 12.34 तक, 

करणः शकुनि, 

सूर्य राशिः सिंह, 

चंद्र राशिः कर्क, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.55, 

सूर्यास्तः 06.54 बजे।

नोटः आज कुशाग्रहणी अमावस है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

PM at Lal Quila, addresing the Nation

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से सातवीं बार राष्ट्र को संबोधित कर तिरंगा फहराएंगे. प्रधानमंत्री को सलामी देने वाले गॉर्ड ऑफ ऑनर दस्ते में थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस से एक-एक अधिकारी और 24 जवान शामिल होंगे. यहां पढ़ें Independence Day पर पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन से जुड़े Live Updates:

9:00 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है. इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है. वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है.

8:59 am (IST) पीएम ने कहा कि हमारी Policies, हमारे Process, हमारे Products, सब कुछ Best होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे. 21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा. अब साधारण से काम नहीं चलेगा

8:57 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पाँच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पाँच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे. बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए. अब NCC का विस्तार देश के 173 border और coastal districts तक सुनिश्चित किया जाएगा. इस अभियान के तहत करीब 1 लाख नए NCC Cadets को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें भी करीब एक तिहाई बेटियों को ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. अगले 1000 दिन में, लक्षद्वीप को भी सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ दिया जाएगा.

8:54 am (IST) हमारे देश में 1300 से ज्यादा Islands हैं. इनमें से कुछ चुनिंदा Islands को, उनकी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, देश के विकास में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए, नई विकास योजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है. देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है. हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज़ गति से विस्तार हो रहा है. भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है. भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है: PM 

8:51 am (IST) इसी प्रकार हमारे पूर्व के ASEAN देश, जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं. इनके साथ भारत का हज़ारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है. बौद्ध धर्म की परम्पराएं भी हमें उनसे जोड़ती हैं: PM 

8:50 am (IST) इनसे से कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के  समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है- PM

8:49 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है. हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं. इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है. आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं. जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है.

8:45 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आँख उठाई है, देश ने, देश की ना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है 

8:41 am (IST) देश के 100 चुने हुये शहरों में प्रदूषण कम करने के लिए एक holistic approach के साथ एक विशेष अभियान पर भी काम हो रहा है: PM

8:39 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सच्ची ताकत स्थानीय इकाइयों में है. हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं.

8:39 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि  बीते वर्ष लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर, वहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है. हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है.

8:39 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि  जिस प्रकार से सिक्कम ने ऑर्गैनिक स्टेट के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही आने वाले दिनों में लद्दाख, अपनी पहचान एक कार्बन neutral क्षेत्र के तौर पर बनाए, इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है.

8:37 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि   ये एक साल जम्मू कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का साल है. ये एक साल जम्मू कश्मीर में महिलाओं, दलितों को मिले अधिकारों का साल है! ये जम्मू कश्मीर में शरणार्थियों के गरिमापूर्ण जीवन का भी एक साल है.

8:37 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर विकास की तस्वीर अलग-अलग दिखती है. छ क्षेत्र बहुत आगे हैं, कुछ क्षेत्र बहुत पीछे. कुछ जिले बहुत आगे हैं, कुछ जिले बहुत पीछे. ये असंतुलित विकास आत्मनिर्भर भारत के सामने बहुत बड़ी चुनौती है.

8:34 am (IST) आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं. जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर Production की भी तैयारी है: PM

8:33 am (IST) आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है. ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा:. आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक Health ID में समाहित होगी-PM

8:29 am (IST) जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक Lab थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा Labs हैं: PM

8:29 am (IST) पीएम ने कहा कि आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं: PM देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं.कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं.

8:27 am (IST) पीएम ने कहा कि मेरे प्रिय देशवासियों, हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिलाशक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया, देश को मजबूती दी है.

8:26 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस संदर्भ में सचेत है, सतर्क है और इन खतरों का सामना करने के लिए फैसले ले रहा है और नई-नई व्यवस्थाएं भी लगातार विकसित कर रहा है. देश में नई राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है.

8:24 am (IST) साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं. बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है. आने वाले एक हजार दिन में इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.आने वाले 1000 दिन में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा: PM

8:23 am (IST) आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है. इसी सोच के साथ देश को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है. PM

8:23 am (IST) कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है. अभी पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ है-PM

8:20 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा आधार है.इस ताकत को बनाए रखने के लिए हर स्तर पर, निरंतर काम हो रहा है

8:17 am (IST) मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए: PM

8:17 am (IST) मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए: PM

8:17 am (IST) इसी लाल किले से पिछले वर्ष मैंने जल जीवन मिशन का ऐलान किया था. आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है: PM

8:14 am (IST) देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपए का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है: PM 

8:14 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा  कि विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं. ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर, वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, रोजगार के बेहतर अवसर मिलें. मेरे प्यारे देशवासियों, आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है – आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान.

8:12 am (IST) वोकल फॉर लोकल, Re-Skill और Up-Skill का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा: PM

8:09 am (IST) 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. अपने इन साथियों को अपने गाँव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है: PM

8:08 am (IST)  हमारे देश का सामान्य नागरिक, चाहे शहर में रह रहा हो या गांव में, उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है: PM

8:07 am (IST)   मेरे प्यारे देशवासियों. हमारे यहां कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्.. किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है: PM 

8:07 am (IST) अब Infrastructure में Silos को खत्म करने का युग आ गया है. इसके लिए पूरे देश को Multi-Modal Connectivity Infrastructure से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है: PM 

8:05 am (IST)  भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत पूरी होगी National Infrastructure Pipeline Project से. आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है PM

8:05 am (IST) इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को identify भी किया जा चुका है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा: PM

8:03 am (IST) वन नेशन- वन टैक्स Insolvency और Bankruptcy Code बैंकों का Merger, आज देश की सच्चाई है कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे?,कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे सिर्फ कुछ महीना पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे. आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है: PM

8:03 am (IST) इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है. बीते वर्ष, भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है – PM

8:01 am (IST) कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया. आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है. ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है- PM

8:00am(IST) मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी Creativity हमारी skills को बढ़ाना भी है.

7:58 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि SPACE सेक्टर को खोलने जैसे उपाय हमारे युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर पैदा करेंगे और उनके कौशल और क्षमता को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर प्रदान करेंगे.

7:55 am (IST) पीएम ने कहा कि एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे. आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं.

7:54 am (IST)  आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा: PM

7:51 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारत इस सपने को साकार करेगा. मुझे अपने साथी भारतीयों की क्षमताओं, आत्मविश्वास और क्षमता पर भरोसा है. एक बार जब हम कुछ करने की ठान लेते हैं, तब तक हम आराम नहीं करते, जब तक हम उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते.

7:50 am (IST) आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है. ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है. अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे. तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है.- PM

7:49 am (IST)  पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच, 130 करोड़ भारतीयों ने एक आत्म निर्भय भारत बनाने का संकल्प लिया है

7:47 am (IST)  पीएम ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी

7:45 am (IST) प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है. आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है.

7:44 am (IST) पीएम ने कहा  कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो.

7:42 am (IST) पीएम ने कहा कि अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे. एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है

7:42 am (IST) PM  नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे देश के कुछ हिस्सों के प्रति संवेदना जाहिर की और कहा कि जरूरत के इस समय में वह नागरिकों के साथ हैं.

7:36 am (IST) प्रधानमंत्री का संबोधन शुरु. प्रधानमंत्री ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियों,इस पावन पर्व पर, आप सभी को बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं

7:31 am (IST) प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण किया और इसके बाद सेना के बैंड ने राष्ट्रगान की

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को शुभकामनाएं दी. उन्होंने लिखा #स्वतंत्रतादिवस के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।  जय हिंद! Happy Independence Day to all fellow Indians. Jai Hind!

74वें स्वतन्त्रता दिवस ई पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविन्द का राष्ट्र के नाम संदेश

राष्ट्रपति ने कहा कि अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर, हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके, हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में, विश्व समुदाय के साथ खड़ा रहता है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को देशवासियों को संबोधित किया। देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान के बल पर ही, हम सब, आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गाँधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे। उनके व्यक्तित्व में एक संत और राजनेता का जो समन्वय दिखाई देता है, वह भारत की मिट्टी में ही संभव था।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुँचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते, प्रभावी कदम उठा‍ लिए थे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं। ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इसी दौरान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए ‘अम्फान’ चक्रवात ने भारी नुकसान पहुँचाया , जिससे हमारी चुनौतियाँ और बढ़ गयीं। इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली। इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है। संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की शुरुआत कर सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गँवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने तथा जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके।

किसी भी परिवार को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए जरूरतमन्द लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। इस अभियान से हर महीने, लगभग 80 करोड़ लोगों को राशन मिलना सुनिश्चित किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर, हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके, हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में, विश्व समुदाय के साथ खड़ा रहता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए, हाल ही में सम्पन्न चुनावों में मिला भारी समर्थन, भारत के प्रति व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना का प्रमाण है। आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।

उन्होंने कहा कि जवानों के शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है। हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है।

राष्ट्रपति ने बताया कि कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। किसान बिना किसी बाधा के, देश में कहीं भी, अपनी उपज बेचकर उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को नियामक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ में संशोधन किया गया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि हमारे देश और युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।