Face masks being donated by SBI R-SETI Doda to Distt Admin

Today Ist consignment of face masks prepared by SBI R-SETI Doda handed over to Distt: Administration received by BDO Bhalla and Marmat. Many more consignments be handed over to the Administration in the days to come.

Entire Banking fraternity and R-SETI has pledged to shoulder its all related responsibilities in the Distt.

WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस हाजिर हों

टॉड यंग ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख को सीनेट बुलाने के लिए जो पत्र भेजा है, उसमें लिखा है कि कोरोना को संभालने को लेकर डब्ल्यूएचओ और उसके प्रमुख ने शुरुआत में चीन की तारीफ की, जो गलत है. साथ ही चीन की ओर से मिल रहे आंकड़ों को सच्चा माना. जबकि, पहले उसकी जांच करनी चाहिए थी.

सीनेटर टॉड यंग

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे विवाद का एक बड़ा हिस्सा विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के प्रमुख भी हैं. स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टड्रोस अधनोम घेब्रेसस एक बार फिर अमेरिका के निशाने पर हैं. इस बार अमेरिका की सीनेट ने उन्हें चीन की मदद करने के आरोप में गवाही देने के लिए पेश होने को कहा है

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार, अमेरिकी सीनेटर टॉड यंग ने WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस को अमेरिकी सीनेट की फॉरेन रिलेशंस सबकमेटी के सामने पेश होने को कहा है. डॉ. टेड्रोस से कहा गया कि आप सीनेट की इस सबकमेटी के सामने बताएंगे कि आपके संगठन ने कैसे इस महामारी को संभाला

आपको बता दें कि इस समय WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस अमेरिकी सीनेट में मौजूदा रिपब्लिकन्स सीनेटर्स और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार ये आरोप लगा रहे हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस महामारी पर चीन के साथ खड़ा था.

ट्रंप ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के झूठ में साथ दे रहे हैं. वहीं, टॉड यंग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के द्वारा फैलाई जा रही गलत जानकारियों को बढ़ावा दे रहे हैं. चीन की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं खुद भी डब्ल्यूएचओ प्रमुख के इस रवैये से बेहद नाराज हूं.

टॉड यंग ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख को सीनेट बुलाने के लिए जो पत्र भेजा है, उसमें लिखा है कि कोरोना को संभालने को लेकर डब्ल्यूएचओ और उसके प्रमुख ने शुरुआत में चीन की तारीफ की, जो गलत है. साथ ही चीन की ओर से मिल रहे आंकड़ों को सच्चा माना. जबकि, पहले उसकी जांच करनी चाहिए थी.

सीनेटर टॉड यंग ने कहा कि हमारी इंटेलिजेंस ने बताया है कि चीन कोरोना वायरस को संभालने में बुरी तरह से कमजोर साबित हुआ है. चीन ने दुनिया को सही आंकड़े नहीं बताएं हैं. न मरीजों के न ही मरने वालों के. चीन ने पूरी दुनिया से कोरोना के बारे में शुरू से ही झूठ बोला है.

टॉड यंग ने कहा कि चीन के इस काम में डब्ल्यूएचओ प्रमुख शुरुआत से ही मदद कर रहे थे. डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के साथ ऐसे खड़े थे जैसे कोई असिस्टेंट खड़ा रहता है. सिर्फ हां में हां मिलाता है.

टॉड यंग ने कहा कि हमने डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. टेड्रोस को अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंधी उपसमिति के सामने बुलाया है. यह समिति डब्ल्यूएचओ प्रमुख से यह जानने की कोशिश करेगी कि अगली बार से अमेरिका डब्ल्यूएचओ को पैसे दे तो किस तरह से दे. क्या पैसे दिए भी जाएं या नहीं. 

सीनेटर यंग को उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख सीनेट के सामने जरूर पेश होंगे. अपनी गवाही देंगे. क्योंकि अमेरिका संगठन को सबसे ज्यादा पैसा देती है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ की तरफ से अभी तक इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है

एसबीआई पेंशन सेल ने पुलिस कर्मियों के लिए मास्क और साइनेटाइजर भेंट किए

पंचकुला – 10 अप्रैल:

आज स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया पेंशन सेल सेक्टर -5 पंचकुला की तरफ से हरियाणा पुलिस के कर्मचारियों के लिए फेस मास्क और  सैनिटाइजर मोहित हांडा DCP पंचकुला  को भेंट  किये गए. इस अवसर पर पेंशन सेल के सहायक  महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह, मुख्य प्रबंधक हरविंदर सिंह के अलावा विजय तिवारी,  प्रेम पवार,  यशपाल बजाज,  पाल सिंह  और सूरज कुमार उपस्थित  थे.

हरियाणा पुलिस  के  तरफ  से सुशील कुमार भी इस मौके पर उपस्थित  थे. पुलिस अधिकारियो ने इस नेक काम के लिए बैंक प्रबंधक का धन्यवाद किया.  मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्य प्रबंधक हरविंदर सिंह ने बताया की इस समय  पूरे  देश  मे  जो महामारी फैली  हुई  है इस समय बैंक कर्मचारी  ना केवल बखूबी  से बैंक ड्यूटी निभा रहे हैं बल्कि राहत कार्यों  मे भी बढ़चढ़  कर हिस्सा ले रहे  है

चंडीगढ़ से एक और फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

कपिल नागपाल, चंडीगढ़ – 10 अप्रैल:

चंडीगढ़ से एक और फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार,पहले कर रहा था कंपाउंडर का काम फिर फर्जी डॉक्टर बन चमकाई क्लीनिक की दुकान

शहर में जमातीयों के साथ ही चंडीगढ़ पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टरों की भी खबर लेनी शुरू कर दी है। पुलिस की इसी सतर्कता के परिणाम स्वरूप मलोया थानाा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले डडूमाजरा में पुलिस ने एक और झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की पुलिस के मुताबिक यह झोलाछाप डॉक्टर पहले कंपाउंर का काम किया करता था। जिसके बाद आरोपी ने जाली डॉक्टर बन क्लीनिक खोल इसे अपना धंधा बना लिया। मामले में मलोया थाना पुलिस ने आरोपी फर्जी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की पहचान डडूमाजरा के रहने वाले ओम प्रकाश के रूप में हुई है। आपको बता बता दें कि लॉक डाउन के दौरान यह चंडीगढ़ पुलिस की ओर से फर्जी डॉक्टर की इस तरह से दूसरी गिरफ्तारी है।

छाया: कपिल नागपाल

जानकारी के अनुसार लॉक डाउन के दौरान तैनात किए गए एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट इंदरजीत सिंह और एसएचओ मलोया पलक गोयल अपनी जनरल ड्यूटी के दौरान क्षेत्र में राउंड पर थी। इस दौरान उन्होंने दीपा क्लीनिक के नाम से मौजूद क्लीनिक के डॉक्टर ओम प्रकाश से बात की। संदेह होने पर पुलिस में जब आरोपी डॉक्टर से उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट डाक्यूमेंट्स और मेडिकल डिग्री मांगी गई तो वह पहले गोलमाल करने लगा । लेकिन जब पुलिस ने उससे सख्ती सेेे पूछताछ की । इस दौरान उसने पुलिस के सामने माना कि उसके पास कोई भी सर्टिफिकेट ,रजिस्ट्रेेशन या डिग्री नहीं है। वह बीते करीब 1 माह से इसी तरह से खुद को डॉक्टर बता क्लीनिक चलाता आ रहा है।

छाया: कपिल नागपाल

पुलिस की माने तो आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह पहले कंपाउंडर का काम करता था। इसके बाद उसने क्लीनिक खोल डॉक्टरी को अपना धंधा बना लिया। मामले में आरोपी फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मेडिकल काउंसिल एक्ट -1956 की धारा 15 और सेक्शन 23 पंजाब मेडिकल रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नेपाल का ज़ालिम मुखिया भारत में कोरोना फैलाने की फिराक में

भारत में कोरोना का कहर जारी है. इस वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. इसी बीच बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया जहां आरोप है कि पड़ोसी देश नेपाल का रहना वाला जालिम मुखिया भारत में कोरोना वायरस फैलाने की योजना बना रहा है. पूरा देश इन दिनों संपूर्ण लॉकडाउन और सीलिंग की वजह से कैद है. बावजूद इसके कोरोना वायरस का कहर रोके नहीं रुक रहा. देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 64 सौ से ज्यादा हो गई है. 199 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है. गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 51 नए केस आने के बाद 720 हो गई है, जिनमें 430 मरकज से जुड़े हैं.

जालिम नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का स्थानीय नेता है

नई दिल्ली (ब्यूरो)10 अप्रैल:

 बिहार से कोरोना वायरस से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. बेतिया के डीएम ने एसपी को पत्र लिखकर बिहार-नेपाल बॉर्डर के संबंध में अलर्ट किया है. इसमें कहा गया है कि तस्कर जालिम मुखिया कोरोना संक्रमित भारतीय मुस्लिमों को भेजकर कोरोना फैलाने की साजिश रच रहा है. 

जालिम मुखिया थाना सेमरा नेपाल से है और भारत में कोरोना फैलाने का प्लान बना रहा है. उसका प्लान 40 से 50 कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों को भारत भेजने का है. जालिम मुखिया हथियार तस्करी, ड्रग्स आदि का धंधा करता है. 

जानकारी के मुताबिक जालिम मुखिया को जालिम मियां के नाम से भी जाना जाता है. जालिम मुखिया बिहार नेपाल सीमा पर स्थित नेपाल के पर्सा जिले के जगरनाथपुर गांव पालिका का मेयर है. जालिम नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का स्थानीय नेता है.

इस मामले में SSB की 47 बटालियन को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है और बगहा, नरकटियागंज, सिकटा मैनताड़, और गौनाहा बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. 

SSB के पत्र पर बिहार के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है, गृह मंत्रालय को भी जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि लोग घुसे नहीं हैं बल्कि घुसने की फिराक में हैं. वहां के डीएम और एसपी को निर्देश दिया गया है. 

आमिर सुबहानी ने कहा कि इन लोगों को घुसने नहीं दिया जाएगा. मामला नेपाल में है लेकिन हमने अपने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. मरकज मामले में  कार्रवाई हो रही है. 

3 अप्रैल को SSB ने जिला प्रशासन से ये इनपुट शेयर किया था. उसके बाद पश्चिम चंपारण DM ने पुलिस को अलर्ट किया. 

इस मामले में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जालिम मुखिया मामले में 4 दिन पहले जिले के डीएम, एसपी को अलर्ट के लिए बोला गया है. कोरोनो संक्रमित लोगों की सूचना दी गई थी. लेकिन सूचना अभी तक पुष्ट नहीं हो पाई है.

वहीं क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर अब मुकदमा दर्ज होगा. गोपालगंज जैसे मामलों पर पुलिस गंभीर है.  सिवान में एक ही परिवार के कई लोग चपेट में आए हैं. जिन इलाकों को सील किया गया है वहां कर्फ्यू जैसे हालात हैं.

क्या WHO चीन के निर्देशों की पालना करता है???

चीन की आपत्तियों के कारण ताइवान को WHO, संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की सदस्यता से बाहर रखा गया है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख Tedros Adhanom Ghebreyesus ने कहा कि वह महीनों से नस्लवादी टिप्पणियों और मौत की धमकियों का शिकार थे।

लेकिन राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि ताइवान ने किसी भी तरह के भेदभाव का विरोध किया, और डॉ। टेड्रोस को द्वीप पर जाने के लिए आमंत्रित किया।

ताइवान ने कहा कि कोरोनोवायरस फैलने के बाद इसे महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच से वंचित कर दिया गया। WHO इसे खारिज करता है।

चीन की आपत्तियों के कारण ताइवान को WHO, संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की सदस्यता से बाहर रखा गया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान को एक टूटता प्रांत मानती है और आवश्यकता पड़ने पर बल द्वारा उसे लेने के अधिकार का दावा करती है।

WHO की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भी आलोचना की गई है, जिन्होंने एजेंसी को अमेरिकी धन वापस लेने की धमकी दी है।

क्या कहा जा रहा है?

डॉ. टेड्रोस ने कहा कि वह पिछले दो से तीन महीनों से नस्लवादी टिप्पणियों के शिकार थे।

“मुझे काला या नीग्रो नाम देना,” उन्होंने कहा। “मुझे काले होने पर गर्व है, या नीग्रो होने पर गर्व है।”

कोरोनोवायरस लड़ाई के दिल में इथियोपिया

कोरोनावायरस: अमेरिका में चीजें गलत हो गई हैं – और सही हो गई हैं
इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है, “मैं कोई
ध्यान नहीं देता।”

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि दुरुपयोग ताइवान से हुआ था, “और विदेश मंत्रालय ने खुद को इससे अलग नहीं किया”।

लेकिन सुश्री त्साई ने कहा कि ताइवान भेदभाव का विरोध कर रहा था।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने उनके हवाले से कहा, “वर्षों से, हमें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से बाहर रखा गया है, और हम किसी और से बेहतर जानते हैं कि यह किसके खिलाफ भेदभाव और अलग-थलग करने जैसा है।”

“यदि महानिदेशक टेड्रोस चीन के दबाव का सामना कर सकते हैं और ताइवान में खुद के लिए कोविद -19 से लड़ने के ताइवान के प्रयासों को देखने के लिए आते हैं, तो वह यह देख पाएंगे कि ताइवान के लोग अनुचित उपचार के सच्चे शिकार हैं।”

ताइवान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जोआन ओउ ने कहा कि टिप्पणियां “गैर जिम्मेदाराना” थीं और आरोप “काल्पनिक” थे। समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि मंत्रालय ने कहा कि वह “बदनामी” के लिए माफी मांग रहा है।

संवाददाताओं का कहना है कि ताइवान वायरस को रोकने के अपने उपायों पर गर्व कर रहा है, जिसमें अभी तक केवल 380 मामले और पांच मौतें हैं।

पिछले महीने, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह ताइवान में वायरस की प्रगति की निगरानी कर रहा था और इसके प्रयासों से सबक सीख रहा था।

अमेरिका के साथ विवाद के बारे में क्या?

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने ट्रम्प से जंग जारी रखी है, जो डब्ल्यूएचओ पर “बहुत चीन-केंद्रित” होने का आरोप लगाते हैं और फंडिंग समाप्त की धमकी देते है।

बुधवार को बोलते हुए, महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेबियस ने डब्ल्यूएचओ के काम का बचाव किया और कोविद -19 के राजनीतिकरण को समाप्त करने का आह्वान किया।

यह बीमारी पहली बार पिछले दिसंबर में चीनी शहर वुहान में सामने आई थी, जिसमें 11 सप्ताह का लॉकडाउन खत्म हुआ था। डब्ल्यूएचओ प्रमुख के एक सलाहकार ने पहले कहा था कि चीन के साथ उनके करीबियों (WHO) की ज़िम्मेदारी इस बीमारी को शुरुआती दौर में समझने की बनती थी जिसमें वह नाकामयाब रहे थे।

टेड्रोस का मानना है कि डब्ल्यूएचओ पर ट्रम्प के हमले अपने स्वयं के प्रशासन की महामारी से निपटने की असमर्थता के संदर्भ में आते हैं, विशेष रूप से अमेरिकी परीक्षण के साथ शुरुआती समस्याएं।

डब्ल्यूएचओ ने जनवरी में एक कोरोनोवायरस परीक्षण को मंजूरी दी थी – लेकिन अमेरिका ने इसका उपयोग करने के बजाय अपने स्वयं के परीक्षण का विकास करने का फैसला किया। हालांकि, फरवरी में, जब परीक्षण किटों को हटा दिया गया, तो उनमें से कुछ ने ठीक से काम नहीं किया, और अनिर्णायक परिणामों का नेतृत्व किया।

सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि देरी ने वायरस को अमेरिका के भीतर फैलने में सक्षम बना दिया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहले डब्ल्यूएचओ की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाई थी। उन्होंने प्रकोप को “अभूतपूर्व” बताया और कहा कि यह कैसे संभाला जाए इसका कोई भी आकलन भविष्य के लिए एक मुद्दा होना चाहिए।

डॉ॰ टेड्रोस को अफ्रीकी संघ से भी समर्थन मिला है, वर्तमान अध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने “एकजुटता, उद्देश्य की एकता और बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए आह्वान किया है कि हम इस असामान्य दुश्मन को दूर करने में सक्षम हैं”।

“हमें दोषारोपण के प्रलोभन से बचना चाहिए,” उन्होंने कहा।

क्या WHO एक वैश्विक संगठन के रूप में पूरी तरह से असफल रहा है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप  तो लगातार WHO की खिंचाई कर रहे हैं. पहले उन्होंने WHO की फंडिंग रोकने की धमकी दी, फिर ये कहा कि WHO को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी. ये बात बिल्कुल सही है, क्योंकि कोरोना वायरस से लड़ाई में WHO ने लगातार गलत फैसले लिए. और ये ऐसे फैसले थे, जिनकी वजह से चीन का बचाव हो रहा था.

चीन में कोरोना संक्रमण के शुरुआती मामले दिसंबर में ही आ गए थे, लेकिन WHO ने कोई जांच नहीं की.

चंडीगढ़, 10 अप्रैल :

कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया का गुस्सा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) पर निकल रहा है क्योंकि WHO एक वैश्विक संगठन के रूप में पूरी तरह से फेल हुआ है. आरोप यही लग रहे हैं कि WHO सिर्फ चीन की बात सुनता है. इसलिए दूसरे देशों ने भी तय कर लिया कि वो WHO की बात नहीं सुनेंगे. भारत का ही उदाहरण लीजिए. 30 जनवरी को WHO के महानिदेशक ने कहा था कि WHO चीन पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की सिफारिश नहीं करेगा. इसके तीन दिन बाद ही भारत ने अपने नागरिकों को चीन की यात्रा ना करने की सलाह दी थी.

16 मार्च को WHO के महानिदेशक ने कहा कि कोरोना से लड़ने का मंत्र है- Test, Test और Test, लेकिन 22 मार्च को भारत ने साफ कर दिया कि बिना देखे सुने Testing नहीं होगी. कोरोना से लड़ने का एक ही मंत्र है- Isolation, Isolation और isolation.

WHO ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए  गाइडलाइंस में कहां कि वो किसी विशेष दवा की सिफारिश नहीं करता, क्योंकि किसी कारगर दवा के सबूत नहीं है. लेकिन भारत ने प्रयोग के तौर पर दो antivirus का इस्तेमाल करने को कहा और इसके बाद इसकी जगह पर hydroxy-chloroquine और antibiotic azithromycin का इस्तेमाल करना शुरू किया. इन दोनों दवाओं का प्रयोग किस तरह से सफल रहा, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज दुनिया के बड़े-बड़े देश भारत से hydroxy-chloroquine मांग रहे हैं.

Hydroxy-chloroquine दवा के निर्यात की मंजूरी देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद कर रहे हैं. ट्रंप ने Tweet करके कहा कि इस मदद को वो कभी भुला नहीं पाएंगे. ट्रंप ने लिखा कि चुनौतीपूर्ण वक्त में दोस्तों के बीच करीबी सहयोग की ज़रूरत होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी मानवता की सेवा हो रही है. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी जवाब दिया और कहा कि मानवता की सेवा के लिए भारत कुछ भी करेगा. ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने तो अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत का शुक्रिया कहा है.

अमेरिका भी कर रहा खिंचाई

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप  तो लगातार WHO की खिंचाई कर रहे हैं. पहले उन्होंने WHO की फंडिंग रोकने की धमकी दी, फिर ये कहा कि WHO को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी. ये बात बिल्कुल सही है, क्योंकि कोरोना वायरस से लड़ाई में WHO ने लगातार गलत फैसले लिए. और ये ऐसे फैसले थे, जिनकी वजह से चीन का बचाव हो रहा था.

चीन में कोरोना संक्रमण के शुरुआती मामले दिसंबर में ही आ गए थे, लेकिन WHO ने कोई जांच नहीं की. 14 जनवरी को WHO ने यहां तक कह दिया कि इस वायरस का इंसान से इंसान में संक्रमण होने का कोई सबूत नहीं है.

24 जनवरी को WHO ने इस वायरस पर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा तो की लेकिन यात्राओं पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की कोई सिफारिश नहीं की. सिर्फ यही नहीं WHO कह रहा था कि यात्रा प्रतिबंध लगाना सही नहीं है. 27 जनवरी को वायरस 13 देशों में फैल चुका था, लेकिन WHO का पूरा फोकस चीन पर ही था. इस वक्त तक भी WHO कोरोना वायरस को महामारी मानने से इनकार करता रहा.

27 जनवरी को ही Wuhan के मेयर ने एक इंटरव्यू में ये बात स्वीकार की थी कि कोरोना से जुड़ी अहम जानकारियों को बताने में देरी नहीं करनी चाहिए. जानकारियां जल्‍दी-जल्दी दी जानी चाहिए. ये वो वक्त था जब WHO के महानिदेशक खुद चीन के दौरे पर गए थे और वहां जाकर कोरोना वायरस से लड़ाई में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ कर रहे थे.

30 जनवरी को WHO ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया. लेकिन WHO को इस वक्त भी ध्यान नहीं आया कि इसे महामारी घोषित करना चाहिए. आखिरकार 11 मार्च को इसे महामारी घोषित किया गया.

मंडियों में खरीदी को सुनिश्चित करें : मुख्य सचिव हरियाणा

चंडीगढ़, 9 अप्रैल:

हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने आगामी गेहूं और सरसों की खरीद को देखते हुए जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे मंडी या खरीद केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाओं का जायजा लें और खरीद केंद्रों के एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट पर कड़ी निगरानी रखी जाए द्य  इसके अलावा, खरीद केंद्रों पर भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए केन्द्रों के स्टाफ, आढ़तियों, श्रमिकों और किसानों को प्रवेश पास जारी किए जाएं।
        मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक में दिए।
        उन्होंने निर्देश दिए कि खरीद केन्द्रों पर मास्क, सैनीटाइजर और थर्मल स्कैनर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्रों पर कंप्यूटर,  लैपटॉप, और टैब्लेट की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रमिकों की मैपिंग की जाए और प्रत्येक श्रमिकों को पास जारी किए जाएं और इस सारी व्यवस्था की कड़ी निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि खरीद करते समय सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पूरी तरह से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के अंतर जिला आवागमन पर कड़ी निगरानी रख जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि  सभी खरीद केन्द्रों के स्टाफ, खरीद एजेंसियों के कर्मचारियों, आढ़तियों, श्रमिकों और किसानों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मास्क उपलब्ध करवाने होंगे, इसके लिए टेक्सटाइल उद्योग और स्वयं सहायता समूहों का सहयोग लिया जाए ताकि मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि खरीद केन्द्रों पर और उसके आस-पास पुलिस कर्मियों की तैनाती भी उचित प्रकार से की जाए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त जिले में खरीद केन्द्रों से संबंधित जो भी कार्य योजना तैयार करें, उसमें पुलिस अधीक्षकों को अवश्य शामिल करें ताकि व्यापक तौर पर बंदोबस्त में कोई कमी न रहे और यह सुनिश्चित करने के लिए एक सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारी को तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक खरीद केंद्र में तैनात अधिकारियों की एक अलग सूची तैयार की जाए। इसके अलावा, मेरी फसल मेरा ब्यौरा  पोर्टल पर किसानों के पंजीकरण की सुविधा के लिए सभी सामान्य सेवा केंद्रों को तुरंत सक्रिय किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रत्येक उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि सभी किसान मेरी फ़ेसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत हैं ताकि मंडियों में उनके प्रवेश के लिए जो तंत्र बनाया गया है उसका अच्छी तरह पालन किया जा सके।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जो क्षेत्र कंटनेमेंट प्लान के दायरे में आते हैं, ऐसे क्षेत्रों में सब्जीवालों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए और इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति घर द्वार पर पहुंचाना सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार, प्रत्येक अधिकारी द्वारा ठिकरी पहरा पर तैनात व्यक्तियों के नाम और संपर्क नंबर सहित विस्तृत विवरण का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने इस संकट की घड़ी में कार्य कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी मुख्यालय और जिला कार्यालयों का सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए और सभी अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का भी ध्यान रखें।

पुलिस लॉकडाउन बुलेटिन

Dated 09.04.2020

#      जिला पंचकुला मे 600 पुलिस कर्मचारी दिन-रात मुस्तैद के साथ डियूटी कर रहे है

#     लॉकडाउन के चलते जिला पंचकुला मे 47 पुलिस नाके लगाये गए है जिनमें 25 अंतरराज्यीय तथा 22 अंतरजिला है

#     नाकाबंदी के दौरान जिला पंचकुला मे दिनांक 09.04.2020 को 1589 वाहनों को चैक किया गया    

#     09 अप्रैल को कुल 02 फोन कॉल प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के सम्बंध मे बनाये गए कन्ट्रोल रूम मे प्राप्त हुई

#     जिला पुलिस द्वारा लगभग 3935 फूड पैकेट्स बांटे गए, जिनमें से 250 पैकेट्स डियूटी पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों तथा लगभग 3685 पैकेट्स आमजन मे बांटे गए

#     दिनांक 09.04.2020 को पुलिस द्वारा 159 क्वारंटाइन किए गए लोगो को चैक किया गया

#     प्रशासन द्वारा बनाये गए शैल्टर होम मे 402 लोगो को पहुंचाया गया

#     लॉकडाउन के दौरान लगाये गए नाकों पर नाकाबंदी के दौरान 1642 वाहनों का चालान किया गया तथा 125 वाहनों को इम्पाउंड किया गया जिनमे से 94 चालान दिनांक 09.04.2020 को किए गये ।

#     अब तक कुल 88 वाहनों के चालान सी0सी0टी0वी0 कैमरा द्वारा किये गए

#     पुलिस द्वारा लॉकडाउन के दौरान पैट्रोलिंग करने के लिए 14 पैट्रोलिंग वाहनों का बंदोबस्त किया गया है

#     लॉकडाउन के नियमों की उल्लंघना करने वालो के खिलाफ 56 अभियोग अंकित किए गये है

#     मोहित हाण्डा भा0पु0से0 पुलिस उपायुक्त पंचकुला द्वारा पुलिस चौकी बरवाला के क्षेत्र मे पडने वाले पंजाब राज्य की सीमा से लगते गांवो तथा थाना पिंजौर के क्षेत्राधिकार मे पडने वाले हिमाचल राज्य की साथ लगते गांवो का दौरा किया गया तथा पुलिस नाकों को चैक किया । 

लॉकडाउन में भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ मोहाली मॉड्यूल ने बांटा अनाज

भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ मोहाली मॉड्यूल की ओर से सफाई कर्मचारियों एवं उनके परिवार के लिए अनाज का वितरण किया गया। संघ ने कोरोना की प्रभाव में अपनी दिनचर्या में नौकरी करने एवं लॉक डाउन के कारण काम करने में असमर्थ होते हुए आम आदमी की सेवा में उनके योगदान की सराहना की। भारतीय स्टेट बैंक मोहाली मॉड्यूल की ओर से उप महासचिव अरुण सिक्का ,प्रधान अजय गुपुरिया, आंचलिक   खजांची सत्येंद्र शर्मा  एवं जोनल कमेटी सदस्य नवदीप दत्ता ,विपन वत्स,रविंदर सिंह वालिया इस अवसर पर मौजूद रहे।