हरियाणा सचिवालय में औचक निरीक्षण, गैरहाजिर मिले 125 कर्मचारी

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़:

हरियाणा सचिवालय में कर्मचारियों की हाजियों को लेकर मंगलवार को औचक निरीक्षण किया गया। सरकार के निर्देश पर इस्टैब्लिशमेंट ब्रांच कि विभिन्न टीमों ने सचिवालय के सभी तलों पर स्थित विभागों की सभी शाखाओं में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कर्मचारियों की हाजिरी रजिस्टर चेक किए। इस दौरान करीब सवा सौ कर्मचारी गैरहाजिर भी पाए गए। जिस पर इन कर्मचारियों की रजिस्टर में अनुपस्थिति दर्ज कर दी गईं।

उधर, इस कार्रवाई को लेकर हरियाणा सचिवालय में जबरदस्त हड़कंप मचा रहा। कई शाखाओं में कर्मचारियों ने तुरंत मोबाइल कर अपने- अपने साथियों को मोबाइल कर  जल्द से जल्द ड्यूटी पर पहुंचने को कहा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि दरअसल, नए आदेशों के बाद सरकार यह देखना चाह रही थी कि हरियाणा सचिवालय में कर्मचारियों की उपस्थिति का स्टेटस क्या है। इन टीमों के सदस्य अचानक ही सिंह शाखाओं के कार्यालयों में पहुंचे।

उन्होंने वहां कार्यालय अधीक्षकों से हाजिरी रजिस्टर कब्जे में ले एक-एक व्यक्ति की हाजिरी चेक करनी शुरू कर दी। मंत्रियों के साथ रहने वाले स्टाफ को छोड़कर विभिन्न शाखाओं में करीब 459 कर्मचारियों की हाजिरी चेक की गई, जिसमें से करीब 325 कर्मचारी ही उपस्थित मिले। जो कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए हैं। फिलहाल उनकी अनुपस्थिति दर्ज कर दी गई है। लेकिन यह भी देखा जाएगा कि यह कर्मचारी किसी कंटेनमेंट या रेड जोन एरिया में तो नहीं रहती यदि ऐसा हुआ तो इनके बारे में आगे फैसला लिया जाएगा।सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।

तीसरे चरण में कर्मचारियों की हाजिरी को लेकर ये हैं नये आदेश

लॉकडाउन के तीसरे चरण में  राज्य सरकार द्वारा 3 मई को जारी नए आदेशों के तहत हरियाणा और चण्डीगढ़ में स्थित सभी कार्यालयों को ग्रुप-ए एवं बी के अधिकारियों की शतप्रतिशत उपस्थिति और ग्रुप-सी एवं डी के कर्मचारियों की 33 प्रतिशत उपस्थिति के साथ पुन : खोलने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा गया है। मुख्यालय एवं जिला कार्यालयों में गुप-ए एवं बी के अधिकारियों की शतप्रतिशत उपस्थिति के साथ ही ग्रुप-सी एवं डी के कर्मचारियों की ड्यूटी का साप्ताहिक रोस्टर तैयार करने को कहा गया है।

ग्रुप-सी एवं डी के कर्मचारियों को एक-एक सप्ताह छोड़कर कार्यालय आने को कहा जाएगा। प्रथम सप्ताह के रोस्टर में ऐसे कर्मचारियों को शामिल किया जाना चाहिए जो अपने कार्यालय के निकट रहते हैं और कार्यालय आने के लिए अपने वाहन का इस्तेमाल करते हैं। यदि किसी कर्मचारी का आवास कन्टेनमैंट जोन में आता है तो ऐसा कर्मचारी उस समय तक कन्टेनमैंट जोन को नहीं छोड़ेगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा ‘जोन डिक्लेरेशन आर्डर’ वापस नहीं ले लिया जाता है।

बहरहाल, ग्रुप-सी और डी के 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति से सम्बन्धित आदेश मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य, गृह, कृषि, जनस्वास्थ्य, विकास एवं पंचायत, बिजली, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, चिकित्सा शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, सहकारिता, वित्त, आबकारी एवं कराधान, सूचना एवं जनसंपर्क, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों और उनकी घटित इकाइयों (नगर निकाय, बोर्ड, निगम, मिशन, सोसायटी आदि) पर लागू नहीं होगा।  यह आदेश 4 मई, 2020 से आगामी आदेशों तक लागू रहेंगें।

कोविड -19 से बचाव के लिए पंजाब सरकार की तरफ से सेवा केन्द्रों में सफ़ाई और स्वच्छता बनाई रखने सम्बन्धी एडवायजरी जारी

स्टाफ के दफ़्तर आने-जाने के समय में ज़रूरत के अनुसार ढील का सुझाव
सेवा केंद्र के स्टाफ और आने वाले लोगों का रखा जायेगा मुकम्मल रिकॉर्ड

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 6 मई:

पंजाब सरकार ने सेवा केन्द्रों में सफ़ाई और स्वच्छता बनाई रखने संबंधी एक एडवाइजरी जारी की है जिससे कोविड -19 महामारी से स्टाफ और नागरिकों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके।

पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नोवल कोरोनावायरस (कोविड -19) एक संक्रमण की बीमारी है, जो बहुत से मामलों में रेस्पिरेटरी ड्रापलिटज़ के द्वारा पीडि़त लोगों के साथ सीधा संपर्क और दूषित सतह / वस्तु के द्वारा फैलती है और इस वायरस को रासायनिक रोगाणुनाशक के द्वारा आसानी से नष्ट किया जा सकता है। इस प्रकार वायरस संबंधी सही और समय पर मिली जानकारी इस महामारी को काबू करने में अहम स्थान रखती है। राज्य सरकार ने सेवा केन्द्रों की तरफ से दी जाती नागरिक केंद्रित सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए क्रमवार पहुँच अपनाने की योजना बनाई है। सरकार की तरफ से सेवाओं को फिर से चालू करने की आज्ञा दी गई है और सेवा केंद्र जल्द ही सरकार द्वारा निर्धारित योजना के अनुसार अपने काम शुरू करेंगे।

एडवाइजरी के मुताबिक स्टाफ की हाजिऱी सम्बन्धी एक व्यापक योजना तैयार की जानी चाहिए जिसके अंतर्गत स्टाफ को इस तरीके से बिठाया जाये कि उनमें हर समय कम से कम एक मीटर की दूरी बरकरार रहे। उन्होंने आगे कहा कि स्टाफ के लिए एक – एक काउन्टर छोड़ कर बैठने सम्बन्धी संभावना भी तलाशी जा रही है। दफ़्तरी कामकाज के समय में तबदीली लाई जा सकती हैे, दोपहर के खाने और चाय -ब्रेक के समय को ज़रूरत के अनुसार आगे पीछे करने सम्बन्धी योजना बनाई जाये जिससे स्टाफ की सभा को रोका जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि स्टाफ की तरफ से प्राथमिक तौर पर कम से कम 20 सेकिंड के लिए साबुन से हाथ धोते जाएँ और दो घंटे की हैडवॉश प्रोटोकोल की पालना की जानी चाहिए। दस्तावेज़ों या नकद लेन -देन करने वाले अमले को लेन -देन के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से धोने की सलाह दी जाती है। अमले को चाय -ब्रेक / दोपहर के खाने की ब्रेक के समय रिफ्रैशमैंट को छूने से पहले हाथ को धोना / साफ़ करना चाहिए। स्टाफ की तरफ से खाना और बर्तन आपस में सांझे न किया जाएँ।प्रवक्ता ने कहा कि यदि सेवा केंद्र में किसी को तेज बुख़ार हो तो इसका यह मतलब नहीं कि वह कोविड -19 से पीडि़त है। यह सलाह दी जाती है कि ऐसे स्टाफ को जल्द से जल्द बाकी दफ़्तर की अपेक्षा क्वारंटाईन करके डाक्टरी जांच करवाई जाये। कोविड -19 से सम्बन्धी बुख़ार या अन्य लक्षणों की स्थिति में स्टाफ को घर रहने के लिए उत्साहित किया जाये।


अगर किसी सह -कर्मचारी / सहकर्मी की पहचान कोविड -19 पॉजिटिव के तौर पर की जाती है और वह दफ़्तर में अपनी हाजिऱी के दौरान किसी के संपर्क में आया हो तो घबराने की ज़रूरत नहीं है दफ़्तर के प्रमुख को तुरंत हेल्पलाइन नंबर 104 / स्टेट कंट्रोल रूम नंबर 01722920074 /08872090029 पर सूचित करना चाहिए जिससे अगली अपेक्षित कार्यवाही करके डाक्टरी सुविधा लेने में सहायता मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि हेल्पलाइन नंबरों और स्टाफ और दफ़्तर में हाजिऱी के दौरान होने वाले संपर्कों सम्बन्धी सभी तथ्यों की जानकारी देनी चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि दफ़्तर में आने वाले सभी कर्मचारियों और नागरिकों, जो किसी विशेष दिन सेवा केंद्र का दौरा कर चुके हैं, का पूरा और उपयुक्त रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए। स्टाफ को सलाह दी जाती है कि वह सेवा केंद्र या इसके आसपास / बाहर ग़ैर ज़रूरी तरीके से घूमने से गुरेज़ करें और अपनी निर्धारित जगह से ही काम करें। स्टाफ के आपसी संचार के लिए इंटरकॉम / इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रयोग को उत्साहित किया जाये। स्टाफ को कपड़े के मास्क पहनने की सलाह दी जाती है और प्रयोग के बाद मास्क को हर रोज़ साबुन और पानी से धोना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि स्टाफ और लोगों को जागरूक करने के लिए सामाजिक दूरी, हाथ न मिलाने, हाथ साफ़ करने, मास्क और दस्ताने पहनने, साबुन और पानी से हाथ धोने और सैनीटाईजऱ के प्रयोग सम्बन्धी सन्देशों वाले पोस्टरों को सेवा केंद्र के प्रवेश दरवाज़े पर लगाया जाये। बुख़ार से पीडि़त कर्मचारियों की जांच करने के लिए सेवा केन्द्रों की प्रविष्टि और थर्मल स्कैनरों की स्थापना करने की सलाह दी जाती है।

एडवायजरी में कहा गया है कि सेवा केंद्र के सेवा क्षेत्र के सामने 6 फुट की दूरी पर लाईनों /वर्ग /चक्कर लगा कर निशानदेही की जाये। इसी तरह सभी काऊंटरों के सामने भी लाईनों /वर्ग /चक्कर लगा कर निशानदेही की जाये। काउन्टर से पहले लाईन / वर्ग / चक्कर कम-से-कम 2 फुट दूरी पर लगाया जाये जिससे काउन्टर और लोगों में दूरी बनाई जा सके।

लोगों को इन लाईनों /वर्गों /चक्करों में खड़े रह कर अपनी बारी का इन्तज़ार करने की सलाह दी जाये जिससे दो लोगों के दरमियान उचित सामाजिक दूरी को यकीनी बनाया जा सके।

एडवायजरी में कहा गया है कि सेवा केंद्र में आने वाले बुज़ुर्गों के लिए अलग लाईन बनाई जाए। बुज़ुर्गों को सलाह दी जाती है कि वह किसी भी भीड़ वाले स्थान जिसमें सेवा केंद्र भी शामिल हैं, में जाने से परहेज़ करें और अपने काम के लिए किसी रिश्तेदार /देखभाल करने वाले को कहें। सेवा केन्द्रों में बिना काम से किसी को भी अंदर न आने दिया जाये और सिफऱ् अपंग, महिलाओं और बुज़ुर्गों के साथ ही किसी सहायक को अंदर आने दिया जाये।

एडवायजरी में यह सलाह दी गई है कि सेवा केन्द्रों में सिफऱ् योग्य नियुक्ति समय लेकर आने वाले लोगों को ही अंदर आने दिया जाये। सेवा केंद्र के प्रवेश द्वार पर नियुक्ति तय करने की प्रक्रिया का योजनाबद्ध ढंग से प्रचार किया जाये। लोगों से प्राप्त की सेवा के लिए डिजिटल भुगतान करने को प्रेरित किया जाये। काउन्टर पर किसी को भी दस्तावेज़ देने से परहेज़ किया जाये और दस्तावेज़ों को स्पीड पोस्ट के साथ भेजने को प्राथमिकता दी जाये।

स्टाफ और लोगों को सही और पुख्ता जानकारी के लिए पंजाब सरकार के द्वारा बनाई गई कौवा एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाये।

अंदरूनी क्षेत्र जैसे कि दफ़्तरी स्थानों, इन्तज़ार वाले स्थानों, स्टाफ के बैठने का क्षेत्र आदि को हर शाम सेवा केंद्र समय के बाद या प्रात:काल समय से पहले साफ़ किया जाये। यदि किसी भी सतह पर गन्दगी दिखाई देती है तो इसको साबुन और पानी के साथ साफ़ करने के बाद डिसइनफैकट किया जाये। सफ़ाई करने से पहले वर्कर के द्वारा डिस्पोजेबल रबड़ बुट, दस्ताने (हैवी ड्यूटी), कपड़े का मास्क पहना जाये। साफ़ स्थानों से सफ़ाई शुरू की जाये, जिसके बाद ज़्यादा गन्दगी वाले क्षेत्रों की तरफ सफ़ाई की जाये। सभी अंदरूनी क्षेत्र जैसे कि दफ़्तरी स्थानों, इन्तज़ार वाले स्थानों, स्टाफ के बैठने का क्षेत्र आदि को 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोकोलोराईट के साथ या मार्केट में उपलब्ध इस समान्तर अन्य सफ़ाई प्रोडक्ट के साथ डिसइनफैकट किया जाये। ज़्यादा छूने वाली वस्तुओं जैसे कि पब्लिक काउंटर, इंटरकाम सिस्टम, टैलिफ़ोन, प्रिंटर /स्कैनर और दफ़्तर की अन्य मशीनों को रोज़मर्रा के 2 बार सोडियम हाईपोकोलोराईट सोल्यूशन (1 प्रतिशत) के गीले कपड़े या मार्केट में उपलब्ध इस बराबर के अन्य सफ़ाई प्रोडक्ट के साथ साफ़ किया जाये। धातुओं की वस्तुएँ जैसे कि दरवाजों के हैंडल, सिक्यिूरिटी लॉक (ताले), चाभी आदि को साफ़ किया जाये। जो चीजें /सतह को ब्लीच पाउडर के साथ साफ़ नहीं किया जा सकता, उनको 70 प्रतिशत अल्कोहल युक्त डिसइनफैकटेंट के साथ साफ़ किया जाये। साफ़ -सफ़ाई के लिए इस्तेमाल कियेे गए समान को भी इस्तेमाल के बाद सुरक्षित ढंग से साफ़ किया जाये।

सफ़ाई कर्मचारियों की तरफ से सुरक्षा के लिए पहने गए प्रोटैकटिव गियर को नियमित ढंग से नष्ट किया जाये। सफ़ाई कर्मचारियों की तरफ से हर शौचालय की सफ़ाई के लिए अलग समान का प्रयोग किया जाये (जैसे कि पोचे, झाड़ू, नाईलोन स्क्रबर आदि) और सिंक और कम्बोड आदि की सफ़ाई के लिए समान के अलग सैट का प्रयोग किया जाये।

प्रवक्ता ने कहा कि यह सलाह भी दी गई है कि काम वाले स्थानों पर कुदरती हवा को प्रमुखता दी जाये और अगर एयर कंडीशनर /कूलर का प्रयोग करना हो तो इस सम्बन्धी जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों की पालना की जाये।  

एसबीआई पिछड़ा वर्ग कर्माचारी कल्याण संगठन के उपप्रधान बने राजकुमार नीलवान

जगंशेर राणा, चंडीगढ़ 

 भारतीय स्टेट बैंक पिछड़ा वर्ग कर्मचारी कल्याण संगठन चंडीगढ़ सर्कल के चुनाव आनलाइन हुआ। चुनाव में उपप्रधान लाडवा निवासी राजकुमार नीलवान को चुना गया। जबकि डीडीएम विजय कुमार, महिला वर्ग में उपप्रधान ममता, जोनल सहायक सचिव सुभाष चंद, पंचकूला रीजनल सचिव विक्रम कुमार सैनी व दीपक को चुना गया।

उपप्रधान राजकुमार नीलवान ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते हुए सर्कल चुनाव प्रक्रिया आनलाइन रही। नामांकन से लेकर वोटिंग प्रक्रिया भी आनलाइन ही रही। चंडीगढ़ सर्कल के सभी मॉड्यूल व क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिनिधि का चुनाव किया गया। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही जरनल बॉडी की बैठक आयोजित कर संगठन को मजबूत करने के लिए नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। सरकार की पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी के कल्याण व विकास को सभी नीतियों व आदेशों कों बैंकों में लागू कराने के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा। पिछड़ा वर्ग के रिक्त पदों की भर्ती, प्री-प्रमोशन ट्रेनिंग, भेदभाव व उत्पीड़न, पीरियॉडिक मीटिंग सहित अन्य मुद्दों बारे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयेाग व संसदीय समिति को भी भारतीय स्टेट बैंक में पिछड़ा वर्ग के कल्याण हेतु सरकारी आदेशों की उल्लंघना के बारे में अवगत कराया जाएगा। 

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 05.05.2020

Two arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Jitender R/o # 108, Village Kajheri, Chandigarh (age 22 years) and recovered 18 gm heroin from his possession near Public Toilet, Sector-25/38, light point, Chandigarh on 04.05.2020. A case FIR No. 82, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Crime Branch of Chandigarh Police arrested Dishant Goel R/o # 3262, Sector-21/D, Chandigarh and recovered 10.29 gm heroin from his possession near School, Sector-21, Chandigarh on 04.05.2020. A case FIR No. 41, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-19, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Quarrel

A case FIR No. 64, U/S 341, 323, 506, 34 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh on the complaint of Sonu R/o # 1009, EWS Colony, Dhanas, Chandigarh who alleged that two unknown boys quarreled and beaten complainant near his house on 29.04.2020. Investigation of the case is in progress.

Cheating

Karnail Singh R/o # 3509, Sector-22/D, Chandigarh reported that unknown person withdrawn Rs. 20,000/- from his HDFC ATM card on 20.04.2020. A case FIR No. 102, U/S 420 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sanjeev Kumar R/o # 2561, Sector-39/C, Chandigarh reported that unknown person cheated and withdrawn total Rs. 28965/- from complainant’s ATM cards regarding home delivery of liquor from Wine Shop at Sector 22, Chandigarh on 25.04.2020. A case FIR No. 157, U/S 420 IPC & 66-D IT Act has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Shri narsimha

नरसिंह जयंती पर विशेष

चंडीगढ़ (धर्म संस्कृति):

भक्तों की रक्षा के लिए प्रभु धरती पर अवतरित होते हैं। भक्त06 मई 2020 को नृसिंह जयंती को है। भगवान को अपने भक्त सदा प्रिय लगते हैं तथा जो लोग सच्चे भाव से प्रभु को याद करते हैं उन पर प्रभु की कृपा सदा बनी रहती है तथा भगवान अपने भक्तों के सभी कष्टों का क्षण भर में निवारण कर देते हैं।भगवान विष्णु के दशावतारों में नृसिंह अवतार का प्रमुख स्थान है। नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को व्रत-पर्व के रूप में श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती मनाई जाती है। तदनुसर इस वर्ष गुरूवार 9 मई 2017 को नृसिंह जयंती मनाई जाएगी। हिन्दू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस तिथि को भगवान विष्णु जी ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा हेतु नृसिंह के रूप में अवतरित हुए थे। भगववान नृसिंह ने इस दिन भक्त प्रह्लाद के पिता दैत्य हिरण्यकशिपु का वध कर धर्म तथा भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। अतः इस दिन नृसिंह जयंती मनाई जाती है।

नृसिंह पुराण के अनुसार इस पर्व को दोपहर के समय पवित्र नदी, सरोवर आदि पर जाकर आंवले के लेप के साथ अति शुभ फलदायक बताया गया है। उल्लिखित है कि मानसिक संकल्प के साथ उस दिन उपवास करना चाहिए। शाम को प्रदोष के बाद वेदी पर कमल बनाकर उस पर नृसिंह व लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर भगवान नृसिंह का पंचोपचार पूजन करना चाहिए। रात में गायन, वादन, नृसिंह पुराण का श्रवण तथा हरिकीर्तन आदि के साथ रात्रि जागरण से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। दूसरे दिन विप्रों को भोजन कराने के बाद पारण का विधान है।

जयंती पर भगवान नृसिंह के दर्शन पूजन औेर व्रत दान से समस्त पापों का शमन होता है। ईश्वरीय कृपा से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। भगवान नृसिंह के उग्र रूप का दर्शन तथा इनके मंत्रों का जप शत्रुओं की पराजय व नौ ग्रहों की शांति का कारक तो है ही, इससे बाधाओं से पार करने की शक्ति भी प्राप्त होती है। इनका मंत्र ही कष्टों का दमनकारी है।
जानिए भगवान नरसिंह की कथा–

हमारे शास्त्र एवं पुराण प्रभु की महिमा से भरे पड़े हैं। जिनमें बताया गया है कि भगवान सदा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। जब भक्त किसी दुष्ट के सताए जाने पर सच्ची भावना से प्रभु को पुकारते हैं तो भगवान दौड़े चले आते हैं क्योंकि भगवान तो भक्त वत्सल हैं जो सदा ही अपने भक्तों के आधीन रहते हैं। अनादि काल से ही जैसे-जैसे धरती पर दानवों ने देवताओं को तंग किया तथा देवताओं ने आहत होकर अपनी रक्षा करने के लिए प्रभु को पुकारा तो भगवान ने सदा ही किसी न किसी रुप में अवतार लेकर उनकी रक्षा की। अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और हिरण्यकशिपु के आतंक को समाप्त करने के लिए भगवान ने श्री नृसिंह अवतार लिया। जिस दिन भगवान धरती पर अवतरित हुए उस दिन वैशाख मास की चतुर्दशी थी। इसी कारण यह दिन नृसिंह जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस बार (मंगलवार) 09 मई 2017 को नृसिंह जयंती का उपवास है।

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि रहते थे। ऋषि कश्यप के पत्नी का नाम दिति था तथा उनकी दो संतान थी। ऋषि कश्यप ने प्रथम पुत्र का नाम ‘हरिण्याक्ष’ तथा दूसरे पुत्र का नाम ‘हिरण्यकशिपु’ रखा था। परंतु ऋषि के दोनों संतान असुर प्रवृति का था।

आसुरी प्रवृति होने के कारण भगवान विष्णु जी के वराह रूप ने पृथ्वी की रक्षा हेतु ऋषि कश्यप के पुत्र ‘हरिण्याक्ष का वध कर दिया था। अपने भाई की मृत्यु से दुखी तथा क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने अपने भाई की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए अजेय होने का संकल्प लिया। हिरण्यकशिपु ने भगवान ब्रह्मा जी का कठोर तप किया।

जानिए कैसे करें नरसिंह जयंती का व्रत—
नृसिंह जयंती के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहर्त में उठकर स्नान आदिसे निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए एवम भगवान नृसिंह की पूजा विधि-विधान से करे। इस दिन प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि क्रियाओं से निपटकर भगवान विष्णु जी के नृसिंह रूप की विधिवत धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प एवं फलों से पूजा एवं अर्चना करनी चाहिए तथा विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।भगवान नृसिंह की पूजा फल, फूल, धुप, दीप, अगरबत्ती, पंचमेवा, कुमकुम, केसर, नारियल, अक्षत एवम पीतांबर से करे। सारा दिन उपवास रखें तथा जल भी ग्रहण न करें। सांयकाल को भगवान नृसिंह जी का दूध, दही, गंगाजल, शहद, चीनी के साथ ही गाय के मक्खन अथवा घी आदि से अभिषेक करने के पश्चात चरणामृत लेकर फलाहार करना चाहिए। नृसिंह जयंती के दिन व्रत-उपवास एवम पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान नृसिंह को प्रसन्न करने हेतु निम्न मन्त्र का जाप करे —

ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥

इन मंत्रो के जाप करने से समस्त प्रकार के दुखो का निवारण होता है तथा भगवान नृसिंह की कृपा से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। भगवान नृसिंह अपने भक्तो की सदैव रक्षा करते है। इस तरह नृसिंह द्वादशी की कथा सम्पन्न हुआ। प्रेम से बोलिए भगवान विष्णु रूप नृसिंह देव की जय।

जानिए क्या है प्रभु का स्वरूप —
शास्त्रों के अनुसार श्री नृसिंह जी को भगवान विष्णु जी का अवतार माना जाता है तथा इसमें उनका आधा शरीर नर तथा आधा शरीर सिंह के समान है तभी इस रूप को भगवान विष्णु जी के श्री नृसिंह अवतार के रूप में पूजा जाता है।

जानिए क्या है व्रत का पुण्यफल —
व्रत के प्रभाव से जहां जीव की सभी कामनाओं की पूर्ति हो जाती है वहीं मनुष्य का तेज और शक्तिबल भी बढ़ता है। जीव को प्रभु की भक्ति भी सहज ही प्राप्त हो जाती है। शत्रुओं पर विजय पाने के लिए यह व्रत करना अति उत्तम फल दायक है तथा इस दिन जप एवं तप करने से जीव को विशेष फल प्राप्त होता है।

ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम:।
शत्रु बाधा हो या तंत्र मंत्र बाधा,भय हो या अकाल मृत्यु का डर।इस मंत्र के जप करने से शांति हो जाती है।शत्रु निस्तेज होकर भाग जाते है,भूत पिशाच भाग जाते है तथा असाध्य रोग भी ठीक होने लगता है।ये श्रीविष्णु अवतार तथा भक्त वत्सल है।एक लोक प्रसिद्ध कथा है,कि जब आद्य शंकराचार्य कामाख्या गये थे,तो वहाँ का एक प्रसिद्ध तांत्रिक ने उनपर भीषण तंत्र प्रयोग कर दिया,जिसके कारण शंकराचार्य को भगन्दर रोग हो गया।आद्य चाहते तो प्रयोग निष्फल कर सकते थे,परन्तु उन्होनें वेदना सहन किया।परन्तु शंकराचार्य के एक प्रिय शिष्य ने ॐकार नृसिंह मंत्र प्रयोग कर के उस दुष्ट तांत्रिक का तंत्र प्रभाव दूर कर दिया।इसके परिणाम वह तांत्रिक मारा गया और शंकराचार्य स्वस्थ हो गये।इस मंत्र को जपने से अकाल मृत्यु से भी रक्षा होती है।इनका रुप थोड़ा उग्र है,परन्तु भक्त के सारे संकट तत्क्षण दूर कर देते है। गवान नृसिंह बहुत ही उग्र देवता हैं और इनकी उपसना में की गयी कोई भी गलती क्षम्य नही है। इसीलिए इनकी साधना किसी अनुभवी गुरू के सानिध्य में ही करनी चाहिए। अपने गुरूदेव, गणेश जी आदि का ध्यान करने के पश्चात श्री नृसिंह भगवान का धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजन करना चाहिए…

*************आत्म-देह रक्षार्थ श्री नरसिंह मंत्र-प्रयोग **************
मंत्र-:—–ॐ नमो महा नरसिंहाय -सिंहाय सिंह-मुखाय विकटाय वज्रदन्त-नखाय माम् रक्ष -रक्ष मम शरीरं नख-शिखा पर्यन्तं रक्ष रक्षां कुरु-कुरु मदीय शरीरं वज्रांगम कुरु-कुरु पर -यन्त्र, पर-मंत्र, पर-तंत्राणां क्षिणु – क्षिणु खड्गादि-धनु -बाण-अग्नि-भुशंडी आदि शस्त्राणां इंद्र-वज्रादि ब्र्ह्मस्त्राणां स्तम्भय -स्तम्भय ,, जलाग्नि-मध्ये रक्ष ,, गृह -मध्ये ,, ग्राम-मध्ये ,,नगर-मध्ये ,, नगर-मध्ये ,, वन-मध्ये ,,रण-मध्ये ,, श्मशान-मध्ये रक्ष-रक्ष ,, राज-द्वारे राज-सभा मध्ये रक्ष रक्षां कुरु-कुरु ,, भूत-प्रेत -पिशाच -देव-दानव-यक्ष-किन्नर-राक्षस , ब्रह्म-राक्षस ,, डाकिनी-शाकिनी-मौन्जियादि अविधं प्रेतानां भस्मं कुरु-कुरु भो: अत्र्यम- गिरो सिंही -सिंहमुखी ज्वलज्ज्वाला जिव्हे कराल -वदने मां रक्ष-रक्ष ,, मम शरीरं वज्रमय कुरु-कुरु दश -दिशां बंध-बंध वज्र-कोटं कुरु-कुरु आत्म-चक्रं भ्रमावर्त सर्वत्रं रक्ष रक्ष सर्वभयं नाशय -नाशय ,, व्याघ्र -सर्प-वराह-चौरदिन बन्धय-बन्धय,, पिशाच-श्वान दूतान्कीलय-कीलय हुम् हुम् फट !!

*******मृत्य्वष्टकम्************

।। मार्कण्डेय उवाच ।।
नारायणं सहस्राक्षं पद्मनाभं पुरातनम् ।
प्रणतोऽस्मि हृषीकेशं किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। १
गोविन्दं पुण्डरीकाक्षमनन्तमजमव्ययम् ।
केशवं च प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। २
वासुदेवं जगद्योनिं भानुवर्णमतीन्द्रियम् ।
दामोदरं प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। ३
शङ्खचक्रधरं देवं छन्नरुपिणमव्ययम् (छन्दोरुपिणमव्ययम्) ।
अधोक्षजं प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। ४
वाराहं वामनं विष्णुं नरसिंहं जनार्दनम् ।
माधवं च प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। ५
पुरुषं पुष्करं पुण्यं क्षेमबीजं जगत्पतिम् ।
लोकनाथं प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। ६
भूतात्मानं महात्मानं जगद्योनिमयोनिजम् (यज्ञयोनिमयोनिजम्) ।
विश्वरुपं प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। ७
सहस्रशीर्षसं देवं व्यक्ताऽव्यक्तं सनातनम् ।
महायोगं प्रपन्नोऽस्मि किं मे मृत्युः करिष्यति ? ।। ८
।।फल-श्रुति।।
इत्युदीरितमाकर्ण्य स्तोत्रं तस्य महात्मनः ।
अपयातस्ततो मृत्युर्विष्णुदूतैश्च पीडितः ।। ९
इत्येन विजितो मृत्युर्मार्कण्डेयेन धीमता ।
प्रसन्ने पुण्डरीकाक्षे नृसिंहं नास्ति दुर्लभम् ।। १०
मृ्त्य्वष्टकमिदं (मृत्युञ्जयमिदं) पुण्यं मृत्युप्रशमनं शुभम् ।
मार्कण्डेयहितार्थाय स्वयं विष्णुरुवाच ह ।। ११
य इदं पठते भक्त्या त्रिकालं नियतः शुचिः ।
नाकाले तस्य मृत्युः स्यान्नरस्याच्युतचेतसः ।। १२
हृत्पद्ममध्ये पुरुषं पुरातनं (पुराणम्) नारायणं शाश्वतमादिदेवम् ।
संचिन्त्य सूर्यादपि राजमानं मृत्युं स योगी जितवांस्तदैव ।। १३

।।श्रीनरसिंह पुराणे अन्तर्गत मार्कण्डेयमृत्युञ्जयो नाम (मृत्य्वष्टकं नाम) स्तोत्र।।
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..भगवान नृसिंह विष्णुजी के सबसे उग्र अवतार माने जाते है। उनके बीज मंत्र के जप से शत्रुओं का नाश होकर कोर्ट-कचहरी के मुकदमे आदि में विजय प्राप्त होती है। इससे शत्रु शमन होकर पराक्रम में बढ़ोतरी होती है तथा आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
नृसिंह मंत्र से तंत्र मंत्र बाधा, भूत पिशाच भय, अकाल मृत्यु का डर, असाध्य रोग आदि से छुटकारा मिलता है तथा जीवन में शांति की प्राप्ति हो जाती है।इसके लिए लाल रंग के आसन पर दक्षिणाभिमुख बैठकर रक्त चंदन या मूंगे की माला से नित्य एक हजार बार जप करने से लाभ मिलता है।

जानिए भगवान नृसिंह का बीज मंत्र।

‘श्रौं’/ क्ष्रौं (नृसिंहबीज)— इस बीज में क्ष् = नृसिंह, र् = ब्रह्म, औ = दिव्यतेजस्वी, एवं बिंदु = दुखहरण है। इस बीज मंत्र का अर्थ है ‘दिव्यतेजस्वी ब्रह्मस्वरूप श्री नृसिंह मेरे दुख दूर करें’।जीवन में सर्वसिद्धि प्राप्ति के लिए 40 दिन में पांच लाख जप पूर्ण करें।
* उपरोक्त मंत्र का प्रतिदिन रात्रि काल में जाप करें।
* मंत्र जप के दौरान नित्य देसी घी का दीपक जलाएं।
* 2 लड्डू, 2 लौंग, 2 मीठे पान और 1 नारियल भगवान नृसिंह को पहले और आखरी दिन भेट चढ़ाएं।
* अगले दिन विष्णु मंदिर में उपरोक्त सामग्री चढ़ा दीजिए।
* अंतिम दिन दशांश हवन करें।
* अगर दशांश हवन संभव ना हो तो पचास हजार मंत्र संख्या और जपे।
अगर आप कई संकटों से घिरे हुए हैं या संकटों का सामना कर रहे हैं, तो भगवान विष्णु या श्री नृसिंह प्रतिमा की पूजा करके संकटमोचन नृसिंह मंत्र का स्मरण करें –

****** संकटमोचन श्री नृसिंह मंत्र *****************

ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।

.******श्री नृसिंह देव स्तवः*******
(गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय)
प्रहलाद ह्रदयाहलादं भक्ता विधाविदारण।
शरदिन्दु रुचि बन्दे पारिन्द् बदनं हरि ॥१॥
नमस्ते नृसिंहाय प्रहलादाहलाद-दायिने।
हिरन्यकशिपोर्बक्षःर शिलाटंक नखालये ॥२॥
इतो नृसिंहो परतोनृसिंहो, यतो-यतो यामिततो नृसिंह।
बर्हिनृसिंहो ह्र्दये नृसिंहो, नृसिंह मादि शरणं प्रपधे ॥३॥
तव करकमलवरे नखम् अद् भुत श्रृग्ङं।
दलित हिरण्यकशिपुतनुभृग्ङंम्।
केशव धृत नरहरिरुप, जय जगदीश हरे ॥४॥
वागीशायस्य बदने लर्क्ष्मीयस्य च बक्षसि।
यस्यास्ते ह्र्देय संविततं नृसिंहमहं भजे ॥५॥
श्री नृसिंह जय नृसिंह जय जय नृसिंह।
प्रहलादेश जय पदमामुख पदम भृग्ह्र्म ॥६॥

जानिए नरसिंह देव के नाम—–
१ नरसिंह
२ नरहरि
३ उग्र विर माहा विष्णु
४ हिरण्यकश्यप अरी
तीर्थस्थल

नरसिंह विग्रह के दस (१०) प्रकार
१ उग्र नरसिंह
२ क्रोध नरसिंह
३ मलोल नरसिंह
४ ज्वल नरसिंह
५ वराह नरसिंह
६ भार्गव नरसिंह
७ करन्ज नरसिंह
८ योग नरसिंह
९ लक्ष्मी नरसिंह
१० छत्रावतार नरसिंह/पावन नरसिंह/पमुलेत्रि नरसिंह..

.…हिन्दू धर्म पंचाग का वैशाख माह विष्णु भक्ति का शुभ काल माना गया है। भगवान विष्णु का स्वरूप शांत, सौम्य व आनंदमयी माना गया है। किंतु विष्णु अवतार से जुडे पौराणिक प्रसंग साफ करते हैं कि धर्म रक्षा और धर्म आचरण की सीख देने के लिए लिए युग और काल के मुताबिक भगवान विष्णु अलग-अलग स्वरूपों में प्रकट हुए।

इसी कड़ी में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नृसिंह के प्राकट्य की पुण्य घड़ी मानी जाती है। भगवान नृसिंह की उपासना भक्त प्रहलाद की तरह ही सारे संकटों, मुश्किलों, दु:खों और मुसीबतों से बचाकर मनचाहे सुखों को देने वाली मानी गई है।

अगर आप भी संकट में घिरे हों या सामना कर रहे हैं, तो संकटमोचन के लिए इस नृसिंह मंत्र का स्मरण भगवान विष्णु या नृसिंह प्रतिमा की पूजा कर जरूर करें –
– भगवान नृसिंह सुबह व शाम के बीच की घड़ी में प्रकट हुए। इसलिए प्रदोष काल यानी सुबह-शाम के मिलन के क्षणों में ही गंध, चंदन, फूल व नैवेद्य चढ़ाकर नीचे लिखा नृसिंह मंत्र मनोरथ सिद्धि की प्रार्थना के साथ बोलें व धूप, दीप से आरती कर प्रसाद ग्रहण करें –
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।

…..भगवान विष्णु लक्ष्मीपति और श्रीपति भी पुकारे जाते हैं। मंगलकारी, ऐश्वर्यसंपन्न और शान्तिस्वरूप देवता भगवान विष्णु की भक्ति जगत के लिए सुखदायी है। धार्मिक मान्यता है कि विष्णु की प्रसन्नता से देवी लक्ष्मी कृपा भी बरसने लगती है।
यही कारण है कि देवी उपासना के विशेष दिन शुक्रवार को भगवान विष्णु की उपासना का महत्व है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार के साथ विष्णु अवतार भगवान नृसिंह की जयंती का विशेष योग बना है। जिसमें एक विशेष मंत्र से लक्ष्मी और भगवान नृसिंह का ध्यान सुख-समृद्धि, शक्ति और वैभव पाने की कामना को शीघ्र पूरा करने वाला माना गया है।
जानिए, यह आसान लक्ष्मी-नृसिंह मंत्र व पूजा विधि –
– सुबह स्नान के बाद देवालय में भगवान नृसिंह व मां लक्ष्मी की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराकर सुंदर वस्त्र व गहने पहनाएं।
– भगवान नृसिंह को केसर चन्दन, पीले सुगंधित फूल, पीताम्बरी रेशमी वस्त्र, इत्र, यज्ञोपवीत अर्पित करें। इसी तरह माता लक्ष्मी को लाल पूजा सामग्रियां चढ़ावें। नैवेद्य, धूप व दीप लगाकर नीचे लिखे लक्ष्मी-नृसिंह मंत्र का आसन पर बैठकर कम से कम 108 बार सुख-शांति, समृद्धि की कामना से स्मरण करें –

ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम:।

– इस मंत्र जप के बाद भगवान नृसिंह व मां लक्ष्मी की आरती कर उनको स्नान कराया जल चरणामृत के रूप में ग्रहण करें।

…भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए उनके नरसिंह गायत्री मंत्र का जाप करें
मंत्र-
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि |
तन्नो नरसिंह प्रचोदयात ||

पांच माला के जाप से आप पर भगवान नरसिंह की कृपा होगी
इस महा मंत्र के जाप से क्रूर ग्रहों का ताप शांत होता है
कालसर्प दोष, मंगल, राहु ,शनि, केतु का बुरा प्रभाव नहीं हो पाटा
एक माला सुबह नित्य करने से शत्रु शक्तिहीन हो जाते हैं
संध्या के समय एक माला जाप करने से कवच की तरह आपकी सदा रक्षा होती है
यज्ञ करने से भगवान् नरसिंह शीघ्र प्रसन्न होते हैं .
मंत्र-ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय
मंत्र जाप संध्या के समय करने से शीघ्र फल मिलता है

2)ऋण मोचक नरसिंह मंत्र

है यदि आप ऋणों में उलझे हैं और आपका जीवन नरक हो गया है, आप तुरंत इस संकट से मुक्ति चाहते हैं तो ऋणमोचक नरसिंह मंत्र का जाप करें
भगवान नरसिंह की प्रतिमा का पूजन करें
पंचोपचार पूजन कर फल अर्पित करते हुये प्रार्थना करें
मिटटी के पात्र में गंगाजल अर्पित करें
हकीक की माला से छ: माला मंत्र का जाप करें
काले रंग के आसन पर बैठ कर ही मंत्र जपें
मंत्र-ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:
रात्रि के समय मंत्र जाप से शीघ्र फल मिलता है

3)शत्रु नाशक नरसिंह मंत्र

यदि आपको कोई ज्ञात या अज्ञात शत्रु परेशान कर रहा हो तो शत्रु नाश का नरसिंह मंत्र जपें
भगवान विष्णु जी की प्रतिमा का पूजन करें
धूप दीप पुष्प सहित जटामांसी अवश्य अर्पित कर प्रार्थना करें
चौमुखे तीन दिये जलाएं
हकीक की माला से पांच माला मंत्र का जाप करें
काले रंग के आसन पर बैठ कर ही मंत्र जपें
मंत्र-ॐ नृम नरसिंहाय शत्रुबल विदीर्नाय नमः
रात्री को मंत्र जाप से जल्द फल मिलता है

4)यश रक्षक मंत्र

यदि कोई आपका अपमान कर रहा है या किसी माध्यम से आपको बदनाम करने की कोशिश कर रहा है तो यश रक्षा का नरसिंह मंत्र जपें
भगवान नरसिंह जी की प्रतिमा का पूजन करें
कुमकुम केसर गुलाबजल और धूप दीप पुष्प अर्पित कर प्रार्थना करें
सात तरह के अनाज दान में दें
हकीक की माला से सात माला मंत्र का जाप करें
काले रंग के आसन पर बैठ कर ही मंत्र जपें
मंत्र-ॐ करन्ज नरसिंहाय यशो रक्ष
संध्या के समय किया गया मंत्र शीघ्र फल देता है

5)नरसिंह बीज मंत्र

यदि आप पूरे विधि विधान से भगवान नरसिंह जी का पूजन नहीं कर सकते तो आपको चलते फिरते मानसिक रूप से लघु मंत्र का जाप करना चाहिए
लघु मंत्र के जाप से भी मनोरथ पूरण होते हैं
मंत्र-ॐ नृम नृम नृम नरसिंहाय नमः ।
भगवान नरसिंह को मोर पंख चढाने से कालसर्प दोष दूर होता है
भगवान नरसिंह को दही अर्पित करने से मुकद्दमों में विजय मिलती है
भगवान नरसिंह को नाग केसर अर्पित करने से धन लाभ मिलता है
भगवान नरसिंह को बर्फीला पानी अर्पित करने से शत्रु पस्त होते हैं
भगवान नरसिंह को मक्की का आटा चढाने से रूठा व्यक्ति मान जाता है
भगवान नरसिंह को लोहे की कील चढाने से बुरे ग्रह टलते हैं
भगवान नरसिंह को चाँदी और मोती चढाने से रुका धन मिलता है
भगवान नरसिंह को भगवा ध्वज चढाने से रुके कार्य में प्रगति होती है
भगवान नरसिंह को चन्दन का लेप देने से रोगमुक्ति होती है..

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आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः वैशाख़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्दशी सांयः 07.45 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः चित्रा दोपहर 01.51 तक, 

योगः सिद्धि रात्रि 08.38 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मेष, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.41, 

सूर्यास्तः 06.55 बजे।

नोटः आज श्रीनृसिंह जयंती तथा श्री सत्यनारायण व्रत है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

सोनिया गांधी द्वारा त्रासदी की आग पर राजनीति की रोटियां सेंकने की साजिश

मामला गरीब मजदूरों से जुड़ा था. जो कि एक बड़ा वोटबैंक है. इसलिए कांग्रेस ने तुरंत मुद्दा लपकने की कोशिश की. गांधी खानदान तुरंत सामने आ गया. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला कि ‘रेलवे ऐसे समय में रेल टिकट के लिए प्रवासी मजदूरों से पैसे वसूल रहा है जिस समय वह PM-CARE फंड में पैसे दान कर रहा है’.  इसके बाद माननीय सोनिया गांधी जी प्रकट हुईं और गरीब मजदूरों के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हुए अपने कांग्रेसी दरबारियों को आदेश जारी किया कि गरीब मजदूरों के हिस्से का किराया प्रदेश कांग्रेस कमिटियां वहन करेंगी.   जबकि हकीकत है कि यदि किसी जगह का किराया 1000(एक हजार) रुपए है. तो उसमें से 850 रुपए रेल मंत्रालय दे रहा था. 150 रुपए राज्य सरकारों को देना है. इसमें मजदूरों से एक भी रुपए लेने की बात ही नहीं थी.  लेकिन विपक्ष ने भ्रम फैलाकर इस मुद्दे पर हंगामा खड़ा कर दिया. 

नई दिल्ली: 

रेल मंत्रालय ने अपने घर से दूर फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की. लेकिन इस पर जमकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. कांग्रेस और विपक्ष ने इसे सरकार पर निशाने का हथियार बना लिया. लेकिन सच सामने आया तो सब हक्के बक्के रह गए. 

कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अधिकांश राज्यों से राज्य सरकारों ने सरकारी फंड से प्रवासी मजदूरों के किराए का भुगतान किया है, जबकि महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान की सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक राज्य पहुँचाने के लिए उनसे किराया वसूला है।

यहां से शुरू हुआ विवाद 

श्रमिक स्पेशल ट्रेनें सामाजिक सरोकार के तहत चलाई गई हैं. रेल मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि ‘रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और संकट के इस समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है.’ रेल मंत्रालय के इस आदेश के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया. 

लेकिन इस पर विवाद इसलिए शुरू हो गया क्योंकि आरोप लगाया गया कि भूखे प्यासे श्रमिकों को घर पहुंचाने के एवज में उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है. विपक्ष ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि जिन गरीब मजदूरों के पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं. वह घर पहुंचने के लिए किराया कहां से देंगे. इसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. 

कांग्रेस ने हमेशा की तरह शुरू कर दी राजनीति
मामला गरीब मजदूरों से जुड़ा था. जो कि एक बड़ा वोटबैंक है. इसलिए कांग्रेस ने तुरंत मुद्दा लपकने की कोशिश की. गांधी खानदान तुरंत सामने आ गया. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला कि ‘रेलवे ऐसे समय में रेल टिकट के लिए प्रवासी मजदूरों से पैसे वसूल रहा है जिस समय वह PM-CARE फंड में पैसे दान कर रहा है’. 

इसके बाद माननीय सोनिया गांधी जी प्रकट हुईं और गरीब मजदूरों के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हुए अपने कांग्रेसी दरबारियों को आदेश जारी किया कि गरीब मजदूरों के हिस्से का किराया प्रदेश कांग्रेस कमिटियां वहन करेंगी.  

कांग्रेस का झांसा इतना बड़ा था कि महाबुद्धिमान होने का दावा करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी भी इसकी चपेट में आ गए. उन्होंने कहा कि “यह कितना मूर्खतापूर्ण है कि सरकार भूखे मजदूरों से रेलवे का महंगा किराया वसूल रही है और विदेश से लोगों को मुफ्त लेकर आ रही है.  अगर रेलवे ने इसकी जिम्मेदारी लेने से मना किया था तो PM केयर्स से इसका इंतजाम करना चाहिए.” हालांकि बाद में रेल मंत्रालय से बात करने के बाद उनका भ्रम दूर हुआ. 

ये है पूरी सच्चाई

बाद में रेल मंत्रालय ने पूरी तरह साफ किया कि गरीब मजदूरों से किसी तरह का किराया नहीं वसूला जा रहा था. बल्कि उन्हें घर पहुंचाने का 85 फीसदी खर्च खुद मंत्रालय अपनी तरफ से प्रदान कर रहा था. जबकि 15 फीसदी हिस्सा उन राज्य सरकारों से वसूला जा रहा था, जिन राज्यों के लिए ट्रेनें रवाना हो रही थीं. 

इसे साफ शब्दों में इस प्रकार समझें. यदि किसी जगह का किराया 1000(एक हजार) रुपए है. तो उसमें से 850 रुपए रेल मंत्रालय दे रहा था. 150 रुपए राज्य सरकारों को देना है. इसमें मजदूरों से एक भी रुपए लेने की बात ही नहीं थी.  लेकिन विपक्ष ने भ्रम फैलाकर इस मुद्दे पर हंगामा खड़ा कर दिया. 

राज्य सरकारों ने भी स्पष्ट किया
प्रवासी मजदूरों में से सबसे ज्यादा संख्या बिहार के लोगों की है. जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामने आकर स्पष्ट किया कि किसी भी मजदूर को एक रुपए भी देने की जरूरत नहीं है. 

इसके बाद पूरा मामला शीशे की तरह साफ हो गया और कांग्रेस की राजनीति की कलई उतर गई. 

जब 85 फीसदी केंद्र सरकार दे रही है. बाकी का 15 फीसदी राज्य सरकार दे रही है तो किस कांग्रेसी को कहां पैसा खर्च करना है. जिसके लिए सोनिया गांधी ने उन्हें आदेश दिया है. ये सिर्फ और सिर्फ गुरबत की त्रासदी की आग पर राजनीति की रोटियां सेंकने की साजिश थी.

भौम प्रदोश व्रत कथा और महत्व

इस बार मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष या मंगल प्रदोष व्रत कहा जाता है। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है, एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत महत्वपूर्ण होता है मंगल प्रदोष व्रत (Mangal Pradosh Vrat): जो भी साधक इस व्रत को सच्चे ह्रदय से करता है भगवान शिव उसकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उसके जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है.

मंगल प्रदोष व्रत (Mangal Pradosh Vrat):

 हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व है. 5 अप्रैल मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इन दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. प्रदोष व्रत का महत्व वार यानी कि दिन के हिसाब से अलग-अलग होता है. मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को मंगल प्रदोष व्रत या भौम प्रदोष व्रत भी कहते हैं. मान्यता है कि जो भी साधक इस व्रत को सच्चे ह्रदय से करता है भगवान शिव उसकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उसके जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है. ऐसे जातक को सुयोग्य जीवनसाथी की भी प्राप्ति होती है.

इसकी कथा इस प्रकार है यह 11वें रूद्रावतार रामभक्त हनुमान जी से संबन्धित है।

एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था। वृद्धा की हनुमानजी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमानजी की आराधना करती थी। एक बार हनुमानजी ने उसकी श्रद्धा की परीक्षा लेने की सोची। हनुमानजी साधु का वेश धारण कर वृद्धा के घर गए और पुकारने लगे- है कोई हनुमान भक्त, जो हमारी इच्छा पूर्ण करे? पुकार सुन वृद्धा बाहर आई और बोली- आज्ञा महाराज। हनुमान (वेशधारी साधु) बोले- मैं भूखा हूं, भोजन करूंगा, तू थोड़ी जमीन लीप दे।

वृद्धा दुविधा में पड़ गई। अंतत: हाथ जोड़कर बोली- महाराज। लीपने और मिट्टी खोदने के अतिरिक्त आप कोई दूसरी आज्ञा दें, मैं अवश्य पूर्ण करूंगी। साधु ने तीन बार प्रतिज्ञा कराने के बाद कहा- तू अपने बेटे को बुला। मैं उसकी पीठ पर आग जलाकर भोजन बनाऊंगा। यह सुनकर वृद्धा घबरा गई, परंतु वह प्रतिज्ञाबद्ध थी। उसने अपने पुत्र को बुलाकर साधु के सुपुर्द कर दिया।

वेशधारी साधु हनुमानजी ने वृद्धा के हाथों से ही उसके पुत्र को पेट के बल लिटवाया और उसकी पीठ पर आग जलवाई। आग जलाकर दु:खी मन से वृद्धा अपने घर में चली गई। इधर भोजन बनाकर साधु ने वृद्धा को बुलाकर कहा- तुम अपने पुत्र को पुकारो ताकि वह भी आकर भोग लगा ले।इस पर वृद्धा बोली- उसका नाम लेकर मुझे और कष्ट न पहुंचाओ।

लेकिन जब साधु महाराज नहीं माने तो वृद्धा ने अपने पुत्र को आवाज लगाई। अपने पुत्र को जीवित देख वृद्धा को बहुत आश्चर्य हुआ और वह साधु के चरणों में गिर पड़ी। हनुमानजी अपने वास्तविक रूप में प्रकट हुए और वृद्धा को भक्ति का आशीर्वाद दिया।

प्रदोष व्रत:

प्रदोष व्रत की पूजा सुबह सूर्योदय और शाम को प्रदोष काल यानी कि गोधूली बेला में करनी उचित रहती है.

प्रदोष व्रत की पूजा-विधि:

प्रदोष व्रत के साधक को दिन सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर त्याग देना चाहिए. इसके बाद नहा-धोकर पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव का भजन कीर्तन और पूजा-पाठ करना चाहिए. इसके बाद पूजाघर में साफ-सफाई करनी चाहिए. इसके बाद पूजा के स्थान और पूरे घर में गंगाजल से पवित्रीकरण करना चाहिए. पूजाघर को गाय के गोबर से लीपना चाहिए. हिंदू धर्म में गाय के गोबर को काफी पवित्र माना गया है. यदि आप ऐसा नहीं भी करते हैं तो परेशानी की बात नहीं है.

अगर केले के पत्ते मिल सकें तो इन पत्तों और रेशमी कपड़ों की सहायता से एक मंडप तैयार करना चाहिए. आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बनानी चाहिए. व्रती को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए.

करें इस मंत्र का जाप:

प्रदोष की पूजा करते समय साधक को भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का पाठ करना चाहिए. इसके बाद शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए.

rashifal

आज का राशिफल

Aries

05 मई 2020: आपकी सकारात्मक सोच पुरस्कृत होगी, क्योंकि आप अपनी कोशिशों में क़ामयाबी पा सकते हैं. आर्थिक मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रूरत है. अपनी महत्वाकांक्षाओं को माता-पिता को बतलाने का सही समय है. वे आपको सहयोग देंगे. आपको भी ध्यान केंद्रित कर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है. क्या आपने कभी गुलाब और केवड़े की महक को एक साथ महसूस किया है? आज आपकी ज़िन्दगी प्यार-मोहब्बत के नज़रिए से ऐसे ही महकने को है. अगर आप व्यवसाय में किसी नये भागीदार को जोड़ने पर विचार कर रहे हैं, तो यह ज़रूरी होगा कि उससे कोई भी वादा करने से पहले आप सभी तथ्य अच्छी तरह जांच लें. आज के दिन शुरू किया गया निर्माण का कार्य संतोषजनक रूप से पूरा होगा. जब आपका जीवनसाथी जब सारे मनमुटाव भुलाकर प्यार के साथ आपके पास फिर आएगा, तो जीवन और भी सुन्दर लगेगा.

Taurus

05 मई 2020: अचानक आए अप्रत्याशित ख़र्चे आपके ऊपर आर्थिक तौर पर बोझ डाल सकते हैं. विवाद, मतभेद और दूसरों की आपमें कमियां निकालने की आदत को नज़रअन्दाज़ करें. कोई आपको प्यार से दूर नहीं कर सकता है. नयी परियोजनाओं और ख़र्चों को टाल दें. सुनी-सुनाई बातों पर आंखें मूंदकर यक़ीन न करें और उनकी सच्चाई को भली-भांति परख लें. आज के दिन जीवन साथी पर किया गया संदेह आने वाले दिनों में आपके वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है. आज आपके पास पर्याप्त वक़्त होने की संभावना है, लेकिन इन क़ीमती पलों को ख़्याली पुलाव पकाने में न गंवाएं. कुछ पुख़्ता करना आने वाले सप्ताह की बेहतरी में मददगार साबित होगा.

Gemini

05 मई 2020: नया आर्थिक क़रार अंतिम रूप लेगा और धन आपकी तरफ़ आएगा. बुज़ुर्ग रिश्तेदार अपनी बेजा मांगों से आपको परेशान कर सकते हैं. प्यार-मोहब्बत के लिहाज़ से दिन थोड़ा मुश्किल रहेगा. पैसे बनाने के उन नए विचारों का उपयोग करें, जो आज आपके ज़ेहन में आएं. आज आपका जीवनसाथी आपकी वजह से दुःखी महसूस कर सकता है. लंबे समय के बाद आप भरपूर नींद का मज़ा ले पाएंगे. इसके बात आप बहुत शान्त और तरोताज़ा महसूस करेंगे.

Cancer

05 मई 2020: v

Leo

05 मई 2020: अपनी ख़ुशियों को दूसरों के साथ साझा करना आपकी सेहत को भी बेहतर करेगा. लेकिन ख़याल रखें कि इसे नज़रअंदाज़ करना बाद में भारी पड़ सकता है. आज निवेश के जो नए अवसर आपकी ओर आएं, उनपर विचार करें. लेकिन धन तभी लगाएं जब आप उन योजनाओं का भली-भांति अध्ययन कर लें. जीवनसाथी आपको धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने के लिए प्रेरित करेगा. दूसरी बुरी आदतें छोड़ने के लिए भी बढ़िया समय है, क्योंकि जब लोहा गर्म हो तभी वार किया जाता है. प्यार के नज़रिए से यह दिन बेहद ख़ास रहेगा. नए विचार फ़ायदेमंद साबित होंगे. ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा सकते हैं. अपने जीवनसाथी के स्नहे से भीगकर आप ख़ुद को राजसी महसूस कर सकते हैं. अपने प्रियजनों के साथ फ़िल्म देखना बढ़िया और मज़ेदार रहने वाला है.

Virgo

05 मई 2020: रचनात्मक काम आपको सुक़ून देगा. दूसरों को प्रभावित करने के लिए ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें. पारिवारिक परेशानियों को हल करने में आपका बच्चों जैसा मासूम बर्ताव अहम किरदार अदा करेगा. अगर आप अपने प्रिय को पर्याप्त समय न दें, तो वह नाराज़ हो सकता/सकती है.  आपका वर्चस्ववादी स्वभाव आलोचना की वजह बन सकता है. टैक्स और बीमे से जुड़े विषयों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है. आपका जीवनसाथी रोज़ाना की ज़रूरतों को पूरा करने से अपने हाथ पीछे खींच सकता है, जिसके चलते आपका मन उदास होने की संभावना है. परिवार के साथ मिलकर किसी ज़रूरी फ़ैसले को अन्तिम रूप दिया जा सकता है. ऐसा करने के लिए यही सही वक़्त भी है. आगे चलकर यह निर्णय काफ़ी लाभदायक साबित होगा.

Libra

05 मई 2020: धैर्य बनाए रखें, क्योंकि आपकी समझदारी और प्रयास आपको सफलता ज़रूर दिलाएंगे. दूसरों को प्रभावित करने के लिए ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें. जिसके साथ आप रहते हैं, उससे वाद-विवाद करने से बचें. यदि कोई समस्या है, तो उसे शान्ति से बातचीत करके सुलझाएं . सावधान रहें, क्योंकि प्यार में पड़ना आज के दिन आपके लिए दूसरी कठिनाइयां खड़ी कर सकता है. नई शुरू की परियोजनाएं उम्मीद के मुताबिक़ परिणाम नहीं देंगी. वक़ील से क़ानूनी सलाह लेने के लिए अच्छा दिन है. आप अपने जीवनसाथी को समझने में आपसे ग़लती हो सकती है, जिसकी वजह से सारा दिन उदासी में गुज़रेगा.

Scorpio

05 मई 2020: स्वास्थ्य का ध्यान रखें और चीज़ों को व्यवस्थित करें. वे निवेश-योजनाएं जो आपको आकर्षित कर रहीं हैं, उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश करें- कोई भी क़दम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें. अपने क़रीबी लोगों के सामने ऐसी बातें उठाने से बचें, जो उन्हें उदास कर सकती हैं. आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा. पेशेवर तौर पर अपने अच्छे काम की पहचान आपको मिल सकती है. ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा सकते हैं. वैवाहिक जीवन के उजले पहलू का अनुभव करने के लिए अच्छा दिन है. बाग़बानी करना आपके लिए सुकून भरा हो सकता है – इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा.

Sagittarius

05 मई 2020: कुछ रचनात्मक करने के लिए अपने दफ़्तर से जल्दी निकलने की कोशिश करें. अपने ख़र्चों पर क़ाबू रखें और आज हाथ खोलकर व्यय करने से बचें. पारिवारिक मोर्चे पर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन अन्य पारिवारिक सदस्यों के सहयोग से आप समस्या का समाधान करने में सफल रहेंगे. यह ज़िंदगी का हिस्सा है और कोई भी इससे नहीं बच सकता है. प्यार-मोहब्बत के मामले में दबाव बनाने की कोशिश न करें. कार्यक्षेत्र में आज आपके सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. आपका खुशदिल अन्दाज़ आपकी सबसे बड़ी पूंजी साबित होगा. आपका जीवनसाथी आज ऊर्जा और प्रेम से भरपूर है. अपने अच्छे लेखन के साथ आज आप किसी अकल्पनीय उड़ान पर जा सकते हैं.

Capricorn

05 मई 2020: अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है. नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं. ख़र्चों में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी आपके मन की शांति को भंग करेगी. आसमान ज़्यादा उजला नज़र आएगा, फूलों में ज़्यादा रंग दिखेंगे और आपके आस-पास सब कुछ चमक उठेगा – क्योंकि आप इश्क़ का सुरूर महसूस कर रहे हैं! अगर आप कार्यक्षेत्र में तनाव लेंगे, तो इससे आपके अलावा किसी और का नुक़सान नहीं होगा. अगर आप किसी विवाद में उलझ जाएं तो तल्ख़ टिप्पणी करने से बचिए. अगर थोड़ी-सी कोशिश की जाए तो जीवनसाथी के साथ आज का दिन आपकी ज़िन्दगी के सबसे रोमानी दिनों में से एक हो सकता है. आज के दिन कुछ न करें, सिर्फ़ अस्तित्व का आनन्द लें और अहोभाव से ख़ुद को सराबोर होने दें. स्वयं को भाग-दौड़ के लिए बाध्य न करें. अच्छी चीज़ों को ग्रहण करने के लिए आपका दिमाग़ खुला रहेगा. ख़र्चों में इज़ाफ़ा होगा, लेकिन साथ ही आमदनी में हुई बढ़ोतरी इसको संतुलित कर देगी. कोई ऐसा इंसान जिसके मन में आपके लिए ग़लत भावना थी आज मामला निबटाने और आपसे सुलह करने के लिए पहल करेगा. आप अपने प्रिय की बांहों में आराम महसूस करेंगे. लेखक और मीडियाकर्मी बड़ी ख्याति प्राप्त कर सकते हैं. दूसरों को राज़ी करने की आपकी प्रतिभा आपको काफ़ी फ़ायदा पहुंचाएगी. पड़ोसियों का दख़ल शादीशुदा ज़िन्दगी में दिक़्क़त पैदा करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन आप व आपके जीवनसाथी के बीच का बंधन बहुत मज़बूत है और इसे तोड़ना आसान नहीं है . किसी पुरानी ख़राब घटना का ज़िक्र करने से बचें, नहीं तो वातावरण में तनाव पैदा हो सकता है.

Aquarius

05 मई 2020: इच्छाशक्ति की कमी आपको भावनात्मक और मानसिक परेशानियों में फंसा सकती है. आपके घर से जुड़ा निवेश फ़ायदेमंद रहेगा. पारिवारिक तनावों को अपनी एकाग्रता भंग न करने दें. बुरा दौर ज़्यादा सिखाता है. उदासी के भंवर में ख़ुद को खोकर वक़्त बर्बाद करने से बेहतर है कि ज़िंदगी के सबक़ को जानने और सीखने की कोशिश की जाए. उपहार/भेंट वग़ैरह भी आज आपके प्रिय का मूड बदलने में नाकाम रहेंगे. इससे पहले कि वरिष्ठ को पता लगे, लंबित काम जल्दी ही निबटा लें. महत्वपूर्ण लोगों के साथ बातचीत करते वक़्त अपने शब्दों को ग़ौर से चुनें. आप अपने जीवनसाथी को समझने में आपसे ग़लती हो सकती है, जिसकी वजह से सारा दिन उदासी में गुज़रेगा.

Pisces

05 मई 2020: उन लोगों की तरह बर्ताव न करें जो अपने सपनों की ख़ातिर अपने घर और सेहत को क़ुर्बान कर देते हैं और सिर्फ़ अपनी महत्वाकांक्षाओं के पीछे भागते हैं. अपने निवेश और भविष्य की योजनाओं को गुप्त रखें. कोई ऐसा रिश्तेदार जो बहुत दूर रहता है, आज आपसे संपर्क कर सकता है. आज के इस ख़बसूरत दिन प्रेम-संबंध में आपकी सभी शिकायतें ग़ायब हो जाएंगी. महत्वपूर्ण व्यापारिक सौदे करते समय दूसरों के दबाव में न आएं. आपका खुशदिल अन्दाज़ आपकी सबसे बड़ी पूंजी साबित होगा. आपके साथी का असीम प्यार और समर्थन आपके प्यार के बंधन को और मजबूत करेगा. अगर आप विशेषज्ञ की सलाह के बिना निवेश करेंगे, तो नुक़सान मुमकिन है. अगर आप खुले दिल से अपनी बात रखें, तो आपकी मोहब्बत आज आपके सामने प्यार के फ़रिश्ते के रूप में आएगी. बिना गहराई से समझे-बूझे किसी व्यावसायिक/क़ानूनी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर न करें. जल्दबाज़ी में फ़ैसले न करें, ताकि ज़िन्दगी में आगे आपको पछताना न पड़े. जीवनसाथी के साथ थोड़ा मज़ाक़, थोड़ी छेड़-छाड़ आपको किशोरावस्था के दिनों की याद दिला देंगे. सितारों की मानें तो आज आप अपने एक बेहतरीन शाम गुज़ारने वाले हैं. बस इतना याद रखें कि कोई भी चीज़ ज़रूरत से ज़्यादा हो तो अच्छी नहीं होती है.

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आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942,

 मासः वैशाख़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः त्रयोदशी रात्रिः 11.22 तक है, 

वारः मंगलवार, 

नक्षत्रः हस्त सांय 04.39 तक, 

योगः वज्र रात्रि 12.42 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः मेष, 

चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.42, 

सूर्यास्तः 06.55 बजे।

नोटः आज भौम प्रदोष व्रत है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।