panchang-2-5

आज-का-पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया प्रातः 10.16 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः अनुराधा प्रातः 06.33 तक, 

योगः परिघ रात्रि 09.34 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मेष, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.39, 

सूर्यास्तः 06.57 बजे।

नोटः आज श्री नारद जयंती और वीणादान का पर्व है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत व गिरफ्तारी पर रोक लगाने से कोर्ट ने किया इनकार

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 8 मई:

पंजाब के पूर्व चर्चित डीजीपी सुमेध सिंह सैनी जिनके खिलाफ कल पर्चा भी दर्ज हुआ था। उनके खिलाफ धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), धारा 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), धारा-344 (गलत तरीके से कारावास), 330 (स्वेच्छा से स्वीकारोक्ति पर चोट करने का कारण) और धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया था। आज उन्होने मोहाली की अदालत मे अडिशनल जज डा हरप्रीत कौर की अदालत मे अर्जी देकर अपनी अग्रिम जमानत देने की गुहार लगाई।

सैनी की तरफ से पंजाब व हरियाणा हाईकेार्ट के वकील सतनाम सिंह कलेर पेश हुूए जबकि दूसरे पक्ष की तरफ से पंजाब के पूर्व डीजीपी एस.एस.विरक के बेटे प्रदीप सिंह विरक पेश हुए। माननीय योग अदालत ने सैनी को आगामी राहत देने से मना करते हुूए केस की अगली सुनवाई कल शनिवार के लिए टाल दी साथ ही सरकार व पुलिस को नोटिस जारी कर दिया।

यह पता चला है कि कल को अडिशनल जज मोनिका गोयल की अदालत मे सुनवाई होगी। वही जज ने सैनी की फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी इंकार कर दिया है।

बाला साहब की शिवसेना मनाएगी टीपू सुल्तान की पुण्यतिथि

हम जिन बातों का प्राण दे कर विरोध करते हैं समय आने पर उनही बातों को चुपचाप मान लेते हैं।

महाराष्ट्र और कर्नाटक के विवादित 12 पंचायत क्षेत्रों और 865 गांवों में आज भी मराठा वीर शिवाजी की शौर्य गाथा गायी जाती है। इस क्षेत्र में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो वीर शिरोमणि शिवाजी की तुलना टीपू सुल्तान से कर लज्जित महसूस न हो। लेकिन सत्ता की लालसा इंसान को कहाँ से कहाँ ले जा सकती है, सत्ता की चाहत में इंसान कितना बदल सकता है, अगर इसका जीवंत उदाहरण देखना है तो एक बार महाराष्ट्र की ओर नजर दौड़ा लीजिए. वो महाराष्ट्र जहाँ के मुख्यमंत्री शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे हैं जिन्होंने कांग्रेस तथा एनसीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई है. सरकार बनाने के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना वो भी करती हुई नजर आ रही है, जिसका ज्वलंत विरोध बाला साहेब करते थे.

17 नवंबर, 2012 को श्रद्धेय बाला साहेब ठाकरे का निधन हुआ था। उस दिन उनके सम्‍मान में मुंबई जैसे ठहर गई थी। भारतीय राजनीति में प्रबल हिन्‍दुत्‍व प्रवर्तकों में बाला साहेब का नाम बड़े सम्‍मान से लिया जाता है। हालांकि वे चुनाव कभी नहीं लड़े, फिर भी राजनीति में उनका दखल जबरदस्‍त था। भारत के इतिहास में संभवत: वह पहले व्‍यक्ति थे, जिन्‍हें मुसलमानों के विरुद्ध बोलने पर वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था। आज उन्‍हीं की संतान और पार्टी नेता सत्‍ता के लोभ में उनके आदर्शों और मूल्‍यों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

खबर के मुताबिक़, शिवसेना की तरफ से उस टीपू सुल्तान को श्रद्धांजलि दी गई है, जिस टीपू सुल्तान ने अनगिनत हिंदुओं का कत्लेआम किया था तथा शिवसेना उस टीपू सुल्तान को हिन्दू संहारक कहती थी. दरअसल सोशल मीडिया पर शिवसेना नेता का एक पोस्टर सामने आया है जिसमें वह टीपू सुल्तान को उसकी मौत वाले दिन पर श्रद्धांजलि दे रहा है. ये पोस्टर सामने आते ही हिंदूवादी कार्यकर्ता शिवसेना की जबरदस्त आलोचना कर रहे हैं तथा कह रहे हैं कि उद्धव राज में बाला साहेब की शिवसेना अब पूरी तरह से बदल चुकी है.

रामटेक से शिवसेना सांसद कृपाल तुमाने ने हाल ही में टीपू सुल्‍तान जयंती का बैनर बनवाया। इस पर तुमाने ने पार्टी का नाम तो लिखवाया ही, बाला साहेब का चित्र भी लगाया। जिस पार्टी की नींव आक्रांताओं के विरोध पर रखी गई हो, जो छत्रपति शिवाजी महाराज को प्रेरणास्रोत मानती हो, उसी ने आक्रांताओं को अपना आदर्श और राजा घोषित कर दिया! 20-30 साल की अपनी राजनीतिक यात्रा में शिवसेना इस स्थिति में पहुंच गई, यह देख कर बाला साहेब की आत्‍मा को बहुत कष्‍ट हो रहा होगा। भारत की संस्‍कृति को ध्‍वस्‍त कर इस्लामिक जिहाद के सिपहसालारों को महिमामंडित कर मुसलमानों का वोट हासिल करने का यह प्रपंच हालांकि नया नहीं है, पर अभी तक यह कांग्रेस और वामपंथी दलों तक ही सीमित था। जिस टीपू सुल्तान को शिवसेना ने अपना नया आदर्श चुना है, उसके बारे में सभी को जानना चाहिए।

याद कीजिये वो समय जब शिवसेना कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता में नहीं थी तब वह टीपू सुल्तान को लेकर क्या सोचती थी. शिवसेना टीपू सुल्तान के कुकृत्यों पर प्रहार करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ती थी. 2015 में शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने टीपू सुल्तान और हिंदवा सूर्य छत्रपति शिवाजी के बीच तुलना पर कठोर स्वरों में कहा था, “टीपू सुल्तान एक निर्दयी शासक था जिसने हिंदुओं का जनसंहार किया और जिसका इस्लाम के अलावा किसी भी दूसरे धर्म के अस्तित्व में विश्वास नहीं था. उसने मंदिर और गिरिजाघर ध्वस्त कराए. और वे कहते हैं कि वह एक अच्छा शासक था?”

ऐसा था टीपू सुल्‍तान

टीपू सुल्तान ने 17 वर्षों के शासनकाल में दक्षिण के लगभग सभी बड़े नगरों को नष्‍ट कर दिया। इनमें कोडागु (कुर्ग), कालीकट (कोझिकोड), मालाबार भी शामिल थे। उसने 1788 में कुर्गनगर में भी तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी, मंदिर तोड़ डाले और समूचे नगर को वीरान कर दिया। वह हिन्‍दुओं का बलात् कन्‍वर्जन भी कराता था। कुर्नूल के नवाब को लिखे उसके पत्र से इसकी पुष्टि होती है।

बर्बरता की पराकाष्‍ठा

कालीकट के विनाश का वर्णन अनेक पुर्तगाली, जर्मन, ब्रिटिश मिशनरियों और सेना के अधिकारियों ने अपने संस्‍मरणों में किया है। इन्‍होंने लिखा है कि कैसे 30,000 आक्रांता आगे-आगे लोगों को मारते हुए बढ़ते थे और पीछे से 30,000 की सेना लेकर हाथी पर सवार टीपू हिन्‍दुओं को हाथियों के पैरों से बांध कर मार डालता था। बच्चों को माताओं के गले में लटका कर और माताओं को पेड़ से लटका कर मार डाला जाता था। टीपू के राज में पुरुषों को इस्लाम में कन्‍वर्ट किया जाता था और बेटियों का जबरन मुसलमानों से निकाह करा दिया जाता था। चारों ओर मौत का भयंकर दृश्य होता था । मिशनरी गुनसेट लिखता है, ‘टीपू ने कालीकट को जमीन में मिला दिया था।‘

कांग्रेस ने शुरु कि आक्रांता का महिमामंडन

ऐसे बर्बर आक्रांता का कोई महिमामंडन करेगा तो किसी भी स्वाभिमानी देश भक्त का खून उबलेगा। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि महिमामंडन की शुरुआत कैसे हुई। 70 के दशक में कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति के तहत टीपू सुलतान पर एक डाक टिकट जारी किया। भगवन गिडवानी ने ‘द सोर्ड ऑफ टीपू सुल्‍तान’ नामक उपन्‍यास लिखकर इस फैसले को न्‍यायोचित बताया। इसके बाद गिरीश कर्नाड ने “टीपू विनाकाणा सुगालु” (The Dreams of Tipu Sultan) नामक नाटक लिखा। नई पीढ़ी इसे ही सच मानती है। आज के सूचना माध्यमों पर इनके द्वारा रचित-कल्पित टीपू पुराण ही हावी हैं।

गिडवानी ने अपने उपन्‍यास में टीपू को महान देशभक्त, कुशल रणनीतिकार ,हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक , मंदिरों का उद्धारक घोषित किया। 1799 की श्रीरंगपट्टनम की अंतिम लड़ाई में टीपू के मरने तक पूरे राज्‍य में केवल दो मंदिरों में पूजा होती थी। उसने दक्षिण की प्रमुख भाषा कन्नड़ को हटाकर फारसी को राजभाषा बना दिया। उसके मरने के बाद कर्नल विलियम को 22,000 हस्‍तलिखित पत्र मिले। इनमें हिन्‍दुओं को काफिर और विधर्मी बताया गया है। पूरे देश में केवल कन्नड़ मुसलमान ही ऐसा है जो अपनी मातृभाषा कन्नड़ नहीं बोल सकता। इसका पूरा श्रेय गिडवानी के टीपू को ही जाता है। आज भी कन्नड़ में बलपूर्वक घुसाए गए शब्द जैसे- खाता, खिरडी , खानसुमरी, गुदास्ता, तख़्त ,जमाबन्दी, अमलदार आदि चलन में हैं। टीपू ने मुहम्मद के जन्म से आरम्भ कर कैलेंडर बनवाया था, जिसके महीनों के नाम अरबी शब्दों से शुरू होते थे।

देशभक्‍त नहीं था

कुछ लोग कहते हैं कि टीपू ने मंदिरों के पास महल बनाया, जो हिन्दुओं के प्रति उसका सम्‍मान दर्शाता है। लेकिन सच यह है कि मुसलमान मंदिर के पास अपना महल या मस्जिद भाईचारे की भावना से नहीं बनाता है। वह मंदिर आने वालों को यह बताना चाहता है कि तुम्हारा भगवान है ही नहीं, केवल अल्लाह है। धिम्‍मी हिन्‍दुओं को यही समझने की जरूरत है। टीपू को देशभक्त व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बताने वालों को यह पता होना चाहिए कि उसने अंग्रेजों के विरुद्ध केवल इसलिए लड़ाई लड़ी, क्‍योंकि वह फ्रांसिसियों का आधिपत्य स्वीकार कर चुका था। उसने फ्रांस से संधि की थी कि जीतने के बाद आधा राज्‍य टीपू और आधा फ्रांसिसियों का होगा। टीपू द्वारा 2 अप्रैल, 1797 को फ्रांस की सेना को दिए गए आमंत्रण में इसका स्पष्ट उल्लेख है। यह ब्रिटिश अभिलेखागार में आज भी उपलब्ध है।

जब मराठा साम्राज्य उत्कर्ष पर था, तब भयभीत टीपू ने 1797 में अफगान शासन जमनशाह को भारत पर उत्‍तर की ओर से आक्रमण करने के लिए पत्र लिखा था। इसमें उसने स्‍वयं दक्षिण से आक्रमण करने की बात लिखी है। वह भारत से इस्‍लाम के दुश्‍मन काफिरों को खत्‍म करना चाहता था। यह पत्र उसे कट्टरपंथी घोषित करने के लिए उपयुक्‍त है। अंग्रेजों से अपने साम्राज्‍य को बचाने के लिए दुश्मन से हाथ मिलाकर अंग्रेजों से लड़ने वाले एक क्रूर आक्रांता को स्वतंत्रता सेनानी बताया जा रहा है तो मराठों, मेवाड़ के राजपूतों , गोरखाओं को यह सम्मान क्यों नहीं दिया गया? क्योंकि वे देश की अस्मिता व हिन्‍दुओं के सम्मान के लिए लड़े थे ? वीर सावरकर से शुरू कर आज शिवसेना टीपू सुल्‍तान तक पहुंच गई है। वह दिन दूर नहीं, जब इसके सहयोगी उसे छत्रपति शिवाजी महाराज को भी दूर कर देंगे।

न्यायाधीश एस के यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश एस के यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। उन्हें सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के संबंध में दायर एक मामले में समय से निर्णय देने का निर्देश भी दिया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आरोपी हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अगस्त अंत तक मुकदमे की सुनवाई को पूरा करे और अपना फैसला सुनाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए। मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत कई अन्‍य आरोपी हैं। तीन अन्य आरोपियों गिरिराज किशोर (Giriraj Kishore), विश्‍व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल (Ashok Singhal) और विष्णु हरि डालमिया (Vishnu Hari Dalmia) की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। 

विशेष जज एसके यादव ने शीर्ष अदालत को चिट्ठी लिखकर और समय बढ़ाने की मांग की थी। 20 अप्रैल को ही विशेष जज एसके यादव की नौ महीने की तय सीमा पूरी हो गई थी। शीर्ष अदालत का मानना है कि विशेष सीबीआई जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाएं क्‍योंकि वे इस पूरे केस से बखूबी वाकिफ हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि पहले तय मियाद के मुताबिक, अप्रैल में लखनऊ की निचली अदालत को फैसला दे देना था लेकिन किन्‍हीं कारणों की वजह से यह टल गया है। यह साल 1992 में छह दिसंबर को अयोध्‍या में कारसेवकों द्वारा ढांचे को गिराने का मामला है। 

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 08.05.2020

One person arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Lakhbir Singh resident of Distt. Moahli and recovered 20 bottles of English wine from his possession near HBC Bridge, Dhanas on 07.05.2020. They also disobeyed the curfew orders issued by DM, Chandigarh. A case FIR No. 84, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Two arrested for consuming liquor

Chandigarh Police arrested Sham and Munish both resident of Maloya, Chandigarh, while consuming liquor at public place on 07.05.202. They also disobeyed the curfew orders issued by DM, Chandigarh. A case FIR No. 82, U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 & 188 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Vickey resident of DMC, Chandigarh, while consuming liquor at public place on 07.05.202. They also disobeyed the curfew orders issued by DM, Chandigarh. A case FIR No. 83, U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 & 188 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Assault

          A case FIR No. 71, U/S 341, 506, 34 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh on the complaint of Kuldeep Gupta R/o # 663/a, Small Flats, Dhanas, Chandigarh against Vineet, Ajit and suraj resident not known, who run away after beaten/thretened to complainant’s near EWS Colony, Dhanas on 02.05.2020. Complainant got injured and got admitted in GH-16, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

          Sunil Nayar R/o # 120, Phase-2, BDC, Sector-26, Chandigarh reported that Sanjay, James, Gulu, Mariyapa and Naveen all resident not known all they beaten complainant at his residence on 06.05.2020. A case FIR No. 93, U/S 147, 149, 323 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Complainant got injured and admitted in Civil Hospital, Maniamajra, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Accident

          A case FIR No. 84, U/S 279, 304-A IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Gulshan Kumar R/o # 3343, Maloya Colony, Chandigarh against Lavish Kumar driver of Tata Ace No. PB10-GW8473 hit to complainant’s son (Cyclist) aged about 5 years near # 3281, Maloya Colony, Chandigarh on 07.05.2020. He got injuries and admitted in PGI, where duty doctor declared him brought dead. Investigation of the case is in progress.

Missing/Abduction

          A person resident of Chandigarh reported that his son aged about 13 years has been missing from his residence from 05.05.2020. A case FIR No.78 U/S 363 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A person resident of Chandigarh reported that unknown person abducted his daughter aged about 17 years from his residence on 06.05.2020. A case FIR No.104 U/S 363 IPC has been registered in PS-MJ, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

Dr. Pardeep Atter R/o # 1147, Sector -21, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s mobile phone from his residence on 07.05.2020. A case FIR No.45 U/S 380 IPC has been registered in PS-19, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद अब IMD के वेदर बुलेटिन में

भारत ने पाकिस्तान को साफ और कड़े शब्दों में समझा दिया है कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के क्षेत्रों को भी अब अपने वेदर बुलेटिन में शामिल कर लिया है। यानी आईएमडी ने अपने बुलेटिन में ‘जम्‍मू और कश्‍मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद’ को भी शामिल कर लिया है।

  • पाकिस्‍तानी सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने का आदेश
  • भारत पहले ही कर चुका है साफ, गिलगित-बाल्टिस्तान देश का अभिन्‍न अंग
  • ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए’ हुए इलाकों में हस्‍तक्षेप ना करें पाकिस्‍तान : भारत
  • भारतीय मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को भी दी जगह

नई दिल्‍ली

भारत ने पाकिस्‍तान को साफ-साफ समझा दिया है कि गिलगित-बाल्टिस्‍तान उसका अभिन्‍न अंग है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जम्‍मू-कश्‍मीर सब-डिविजन को अब ‘जम्‍मू और कश्‍मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद’ कहना शुरू कर दिया है। गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद, दोनों पर पाकिस्‍तान ने अवैध रूप से कब्‍जा कर रखा है। मंगलवार को IMD ने नॉर्थवेस्‍ट इंडिया के लिए जो अनुमान जारी किए, उसमें गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को भी शामिल किया गया है।

क्‍यों अहम है IMD का ये कदम?
IMD की ओर से अपने बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को जगह देना बड़ा अहम है। IMD के डायरेक्‍टर-जनरल मृत्‍युंजय महापात्रा ने कहा कि ‘IMD पूरे जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लिए वेदर बुलेटिन जारी करता रहा है। हम बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्‍तान, मुजफ्फराबाद का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्‍योंकि वह भारत का हिस्‍सा है।’ इसी महीने की शुरुआत में भारत ने साफ कहा था कि पाकिस्‍तान का इन इलाकों पर कोई हक नहीं है। दरअसल वहां की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्‍तान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्‍तान में चुनाव कराने के आदेश दिए थे। भारत ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्‍तान को वहां पर दखल देने का कोई हक नहीं है।

पाकिस्‍तान की अदालत नहीं कर सकती फैसला: भारत
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र भी जारी किया था। बयान के मुताबिक, तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।’ बयान में कहा गया, ‘यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए’ हुए हैं।

भारत ने दिया कानून का हवाला
पाकिस्‍तान से भारत ने कहा था कि संसद से 1994 में पास एक प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर पर स्थिति साफ है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के हालिया कदम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर उसके ‘अवैध कब्जे’ को छुपा नहीं सकते हैं और न ही इस पर पर्दा डाल सकते हैं कि पिछले सात दशकों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया, शोषण किया गया और उन्हें स्वतंत्रता से वंचित’ रखा गया।

हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती

धर्मपाल वर्मा (धर्म-संस्कृति), चंडीगढ़

महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्वत्थामा बहुत क्रोधित हो गये।

उन्होंने पांडव सेना पर एक बहुत ही भयानक अस्त्र “नारायण अस्त्र” छोड़ दिया।

इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था।यह जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और तुरंत नष्ट कर देता था।

भगवान श्रीकृष्ण जी ने सेना को अपने अपने अस्त्र शस्त्र छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी न लाएं, यह उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता है।

नारायण अस्त्र धीरे~धीरे अपना समय समाप्त होने पर शांत हो गया।

इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गयी।

इस कथा प्रसंग का औचित्य समझें?…

हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती। प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर, मन में सुविचार रख कर एक जगह ठहर जाना चाहिए। तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे।

कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा।

भगवान श्रीकृष्ण जी का बताया हुआ उपाय है, यह व्यर्थ नहीं जाएगा।

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आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा दोपहरः 01.02 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः विशाखा प्रातः 08.38 तक, 

योगः वरीयान दोपहर 12.56 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः मेष, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.39, 

सूर्यास्तः 06.56 बजे।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार को दी श्रद्धांजलि

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़:

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार के निधन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में अमित कुमार का निधन हुआ है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। एक कोरोना योद्धा को सभी समय पर इलाज न मिल पाना बेहद दु:खद है। अमित कुमार ने आखिरी दिन तक अपना फर्ज निभाया और कोरोना महामारी के कठिन समय में दूसरों की जान बचाते हुए अपना बलिदान दिया है।

कांस्टेबल अमित कुमार सोनीपत के रहने वाले थे। महज़ 31 साल की कम उम्र में कोरोना संक्रमण के चलते उनका निधन हो गया। नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कांस्टेबल अमित कुमार को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भगवान से प्रार्थना करी कि कोरोना योद्धा के परिवारजनों को यह कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि वे और पूरा हरियाणा दु:ख इस घड़ी में परिवार के साथ है। हुड्डा ने सरकार से कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार को हर संभव मदद करने की अपील की।

खानपुर medical college मैं 101 कोरोना पॉजिटिव उपचाराधीन है

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़ :

चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब 2005 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने उस समय सोनीपत जिले के गांव खानपुर कला में महिला शिक्षा संस्थान कन्या गुरुकुल अस्तित्व में था lहजारों की संख्या में देश प्रदेश की कन्याएं इस संस्थान में पढ़ रही थी। यहां के महत्व को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे महिला विश्वविद्यालय के रूप में इसके संस्थापक भगत फूल सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय बनाने का फैसला किया यहीं एक नया मील पत्थर साबित हुआ। भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का फैसला लेकर उस समय जन-जन की वाह वाही लूटी थी l

आज पूरा प्रदेश महसूस कर रहा है कि ग्रामीण अंचल में स्थित यह मेडिकल कॉलेज बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। आज स्थिति यह है कि खानपुर medical college मैं 101 कोरोना पॉजिटिव उपचाराधीन है। इस समय इसे विशेष तौर पर कोरोना उपचार के लिए प्रयुक्त किया जा रहा हैl खानपुर कला medical college का लाभ सोनीपत पानीपत करनाल सहित कई जिलों को मिल रहा है l