- अंग्रेजी डॉक्यूमेंट्री की मिली जबरदस्त सफलता के बाद, अब इसको पंजाबी में लॉन्च किया गया है
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 15 जून, 2022:
पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक, सऊदी अरब, तिब्बत, बांग्लादेश, भारत और श्रीलंका आदि दूर देशों में गुरु नानक देव जी की प्रतिष्ठित यात्राओं पर अंग्रेजी सीरीज़ का नया पंजाबी संस्करण आज यहां सिंगापुर निवासी पति-पत्नी की जोड़ी अमरदीप सिंह और विनइंदर कौर ने जारी किया।
गुरु नानक देव जी की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए, युगल ने काफी लंबी यात्राएं की और, ‘‘सैनत, गुरु नानक दे पेंडेयां दी रूहानी छाप’’ (ਸੈਨਤ, ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇ ਪੈਂਡਿਆਂ ਦੀ ਰੂਹਾਨੀ ਛਾਪ), (Sainat, Guru Nanak Dey Paindeyan Di Roohani Chaap) नामक पंजाबी डॉक्यूमेंट्री बनाई, जो आध्यात्मिक विचार-विमर्श और संवाद के लिए गुरु नानक देव जी द्वारा अलग अलग धर्मों के प्रमुख स्थलों पर की गई विशाल यात्रा का काफी अधिक विस्तार से वर्णन करती है। यह सीरीज़ TheGuruNanak.com पर पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध है।
इस डॉक्यूमेंट्री का अंग्रेजी संस्करण सितंबर 2021 में ‘‘एलेगॉरी, ए टेपेस्ट्री ऑफ गुरु नानक ट्रेवल्स’’ शीर्षक के तहत जारी किया गया था। ये अंग्रेजी संस्करण भी TheGuruNanak.com पर पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध है।
गुरु नानक देव जी पर 24-एपिसोड की यह डॉक्यूमेंट्री ‘लॉस्ट हेरिटेज प्रोडक्शंस’, सिंगापुर स्थित प्रोडक्शन हाउस और ‘सिख लेंस प्रोडक्शंस’, यूएसए स्थित गैर-लाभकारी संगठन की संयुक्त प्रोडक्शन है। इसे 9 देशों में 150 से अधिक अलग अलग धार्मिक और बहु-विश्वास स्थलों पर फिल्माया गया है, जिन पर गुरु नानक देव जी ने 22 साल की लंबी आध्यात्मिक खोज के दौरान 15वीं शताब्दी में अलग अलग यात्राएं की थी।
अमरदीप सिंह ने कहा कि ‘‘इतनी नाजुक और अस्थिर दुनिया में, यह समझने का इससे बेहतर समय कभी नहीं रहा कि गुरु नानक देव जी ने अपने अनुभवात्मक ज्ञान को सांझा करने और मानव जाति की एकता का प्रचार करने के लिए 22 साल तक अलग अलग दिशाओं में यात्राएं क्यों की थीं।’’
विनइंदर कौर ने कहा कि ‘‘गुरु नानक देव जी के 260 से अधिक शब्दों (मुखवचनों या वाक) को रागों में महत्वपूर्ण अध्यात्मिक और व्यवहारिक सोच का आह्वान करने के लिए प्रस्तुत किया गया है, जो इस डॉक्यूमेंट्री का आधार है। इसके अलावा, उपमहाद्वीप के 14 संतों, गुरु नानक देव जी के समकालीन और पूर्ववर्तियों के आख्यान, जिनके छंद गुरु ग्रंथ साहिब में निहित हैं, इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ में प्रस्तुत किए गए हैं।’’
सबसे पुरानी ‘जन्मसाखियों’ (गुरु नानक देव जी की जीवनी) के विश्लेषणात्मक अध्ययन और गुरु नानक देव जी के छंदों में रूपक संदेशों द्वारा समर्थित, टीम ने गुरु नानक देव जी द्वारा देखे गए भौगोलिक क्षेत्रों में सभी बहु-विश्वास स्थलों के शोध और फिल्मांकन में तीन साल से अधिक समय बिताया। इसके बाद, 24-एपिसोड की डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए पूरे डेटा को संपादित (एडीटिंग) करने में उन्हें दो साल से अधिक का समय लगा। पोस्ट प्रोडक्शन आदि के बाद इन सीरीज़ को तैयार कर प्रस्तुत किया गया है।
अमरदीप और विनइंदर के लिए, गुरु नानक देव जी के नक्शेकदम पर चल रहा हर पल दार्शनिक रूप से मुक्तिदायक रहा है। इसने उन्हें अपनी स्वयं की कंडीशनिंग (आत्मशुद्धि)को चुनौती देने, पुरानी चीजों को छोडऩे और फिर से सीखने और विविधता में एकता की सुंदरता को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अमरदीप ने अंत में कहा कि ‘‘हम इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ के हिंदी, शाहमुखी और उर्दू संस्करणों के निर्माण के इस गैर-व्यावसायिक प्रयास के लिए सामुदायिक समर्थन की मांग कर रहे हैं। हम दुनिया भर में सकारात्मकता और सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों के साथ निरंतर सहयोग करेंगे।’’
अपने शानदार अभियान की एक झलक प्रदान करते हुए, अमरदीप ने कहा कि ‘‘हमने सऊदी अरब में मक्का के रेगिस्तान से तिब्बत में कैलाश पर्वत तक यात्रा की, खतरनाक अफगानिस्तान के दूरदराज के क्षेत्रों की खोज की, इराक में भीषण गर्मी का अनुभव किया, पाकिस्तान में बलोच क्षेत्रों में खुष्क बलूची पहाड़ों को पार किया। इसके साथ ही हिंद महासागर से होकर श्रीलंका द्वीपसमूह पर भी गए। इतना ही नहीं, हमने ईरान में फारसी संस्कृति के साथ भी घुलने-मिलने का प्रयास किया, बांग्लादेश में डेल्टा क्षेत्र को पार किया और भारत में चारों दिशाओं में अलग अलग जगहों तक जाकर शूटिंग की।’’
वर्तमान भू-राजनीतिक प्रतिबंधों और सांस्कृतिक जनादेश में, अमरदीप और विनइंदर के लिए गुरु नानक देव जी पर एक इतनी विस्तृत डॉक्यमेंट्री बनाना आसान नहीं था। हालांकि, कोई भी मुश्किल चुनौती उनको एक ऐसी अमूल्य डॉक्यूमेंट्रीज तैयार करने से रोक नहीं पाई जो कि आने वाली पीढिय़ों के लिए एक सौगात है।