फ्रेंच पियानोवादक शनि दिलुका आज शहर में प्रस्तुति देंगे

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 14 दिसंबर :

                        फ्रेंच पियानो वादक, शनि दिलुका का एक अनूठा संगीत कार्यक्रम यहां गुरुवार 15 दिसंबर को सेक्टर 18 के टैगोर थिएटर में आयोजित किया जाएगा। शनि दिलुका अपनी पीढ़ी के सबसे महान पियानोवादकों में से एक हैं।

                        कॉन्सर्ट का आयोजन भारत में फ्रांसीसी दूतावास, इंस्टीट्यूट फ्रैंक, एलायंस फ्रांसेस डी चंडीगढ़, चंडीगढ़ सांस्कृतिक विभाग और फर्टाडोस द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार शाम 7 बजे से शुरू होने वाले इस कॉन्सर्ट में सभी के लिए एंट्री फ्री है।
     
                        उनके माता पिता श्रीलंकाई है तथा वह मोनैको में जन्मी पली हैं। तथा 6 वर्ष की आयु में एक कार्यक्रम के दौरान यहाँ की राजकुमारी ग्रेस ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनको सम्मानित किया। वह भारतीय महाद्वीप की एकमात्र पियानोवादक हैं जिन्होंने जूरी की सर्वसम्मति के साथ प्रथम पुरस्कार प्राप्त करते हुए पेरिस कंजर्वेटरी में प्रवेश किया और मार्था अर्गेरिच की अध्यक्षता वाली प्रतिष्ठित लेक कोमो इंटरनेशनल पियानो अकादमी में प्रवेश किया। कैलस, रोस्ट्रोपोविच या मेनुहिन जैसे दिग्गजों के बाद, वह एक विशिष्ट कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित लेबल वार्नर क्लासिक्स में शामिल हुईं।

                        शनि दिलुका भारत के केवल दो शहरों दिल्ली और चंडीगढ़ में भ्रमण किया है।

फिल्म ‘एंग्री अन्ना’ में विलेन के किरदार में नजर आएगा हिसार का प्रदीप सोनी

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंटहिसार :   

आगामी 16 दिसंबर को ओटीटी पर रिलीज होने जा रही मूवी ‘एंग्री अन्ना’ में बैंक कालोनी हिसार निवासी अभिनेता प्रदीप सोनी विलेन नदीम के किरदार में नजर आएंगे। वे इस फिल्म में मुख्य विलेन के राइट हैंड के रूप में दिखेंगे। इस फिल्म का निर्माण कीर्ति मोशन पिक्चर्स द्वारा किया जा रहा है। अभिनेता प्रदीप सोनी ने बताया कि इस फिल्म में उन्होंने विलेन के किरदार के साथ-साथ एसिस्टेंड डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है। ‘एंग्री अन्ना’ फिल्म किडनी कांड पर आधारित है जिसमें किडनी गैंग का खुलासा किया गया है। प्रदीप सोनी ने बताया कि इस फिल्म में उन्होंने मुख्य विलेन मोरे गुर्जर के साथ नदीम के रूप में उनके राइट हैंड की भूमिका अदा की है जो उसके पूरे किडनी रैकेट को मैनेज करता है। इस फिल्म में हीरो का रोल अरुण नागर ने निभाया है जो इस फिल्म के डायरेक्टर भी हैं। वहीं रवि वर्मा फिल्म में इंस्पेक्टर का रोल निभा रहे हैं।

प्रदीप सोनी इससे पहले भी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं हाल ही में उनकी फिल्म ‘बल्ली वर्सिज बिरजू’ भी रिलीज हुई थी। ‘एंग्री अन्ना’ फिल्म में भी प्रदीप सोनी ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी है और शानदार अभिनय का परिचय देकर फिल्म जगत में एक अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिल्म ‘एंग्री अन्ना’ में भी उनका नया अंदाज देखने को मिलेगा। प्रदीप सोनी का कहना है कि अपनी मेहनत और अभिनय के दम पर वे एक दिन फिल्म जगत की ऊंचाईयों पर जरूर पहुंचेंगे इसका उन्हें विश्वास है। फिल्मी दुनिया में हिसार का नाम रोशन करना उनका सपना है।

panchang

पंचांग 12 दिसम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 12 दिसम्बर 22 :

विक्रमी संवत्ः 2079, 

 तिथिः चतुर्थी,

शक संवत्ः 1944,

 मासः पौष,

 पक्षः कृष्ण पक्ष,

सांयः 06.49 तक है,

 वारः सोमवार।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः पुष्य,

रात्रि कालः 11.36 तक है,

 योगः ऐन्द्र प्रातः काल 06.06 तक,

 करणः बालव,

 सूर्य राशिः वृश्चिक,

 चंद्र राशिः कर्क,

 राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,

 सूर्योदयः 07.08, सूर्यास्तः 05.21 बजे। 

मुंबई में मोरल UPPA भारत अवार्ड्स 2022 का भव्य और सफल आयोजन, भाग्यश्री, केसी बोकाडिया सहित कई हस्तियां हुईं सम्मानित

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, मुंबई :

            मुंबई के किंग सर्कल में स्थित शनमुखानंद हॉल में भव्य रूप से मोरल UPPA भारत अवार्ड्स 2022 का आयोजन किया गया जहां बॉलीवुड के कई सितारों, निर्माता, निर्देशक और संगीतकारों को सम्मान से नवाजा गया। 

            मोरल UPPA भारत अवार्ड्स 2022 का आयोजन उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट एसोसिएशन ने किया और फार्च्यून लाइफ लाइन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के शब्बीर शेख द्वारा इसे मैनेज किया गया। वामिक खान, संजय सिंह और शब्बीर शेख की मेहनत से यह कार्यक्रम काफी कामयाब रहा जहां सैकड़ों लोगों की भीड़ नजर आई।

             इस अवार्ड में चीफ गेस्ट्स के रूप में केसी बोकाडिया, निर्माता धीरज कुमार, अभिनेत्री भाग्यश्री, शाहबाज खान, दिलीप सेन, अनूप सिंह ठाकुर, संगीतकार राशिद खान, एहसान कुरैशी, सुनील पाल, रईस अंसारी, संजीव गुप्ता, योगेश लखानी, अरशद सिद्दीकी,खालिद हकीम, डॉ विमल गुरुजी, सय्यद हुसैनी अशरफ, चंद्रपाल सिंह, डायरेक्टर अनीस बारुदवाले, एक्टर प्रोड्यूसर सलीम, लेखक निर्देशक निशात, राईटर डायरेक्टर निसार अख्तर, डायरेक्टर साबिर शेख, अशफाक शेख, एक्टर सुलेमान शेख, डायरेक्टर कमल चन्द्रा इत्यादि उपस्थित रहे।

            आपको बता दें कि भारत निर्माण महासम्मेलन पिछले 16 वर्षों से उत्तरप्रदेश में मनाया जाता रहा है लेकिन इस बार यह अवार्ड फ़ंजशन देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में किया गया जो काफी कामयाब रहा।निर्माता धीरज कुमार ने इस पुरस्कार समारोह के आयोजकों की प्रशंसा की और कहा कि यह अवार्ड एक बेहतर पहल है जो हौसला बढ़ाता है।

            आयोजक वामिक खान ने कहा कि हमने इस समारोह में जीवन के कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों को ट्रॉफी से नवाजा जैसे फिल्मी दुनिया, खेल, समाज सेवा, बिज़नस सहित कई फील्ड में उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अगला अवार्ड समारोह हम देश की राजधानी दिल्ली में करेंगे।

            शब्बीर शेख ने यहां यूपीएए भारत अवार्ड्स 2022 की सफलता पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की। सभी आयोजकों और मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।मोरल UPPA भारत अवार्ड्स 2022 का प्रोमोशन, पब्लिसिटी और मार्केटिंग फार्च्यून लाइफ लाइन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के शब्बीर शेख द्वारा की गई है। 

फीचर फिल्म दी ब्लैक  पियानो का  हुआ मुहर्त, अगले साल से शुरू होगी शूटिंग

भारत के अलावा यूके में भी होगी शूटिंग 

हॉलीवुड के कलाकारों का भी दिखेगा अभिनय

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला :

            हॉरर और सस्पेंस से भरी फीचर फिल्म ”  दी ब्लैक  पियानो ” का वीरवार को चंडीगढ़ में स्क्रीन मुहूर्त किया गया। इस फिल्म की शूटिंग साल 2023 में शुरू की जाएगी जिसकी पूरी शूटिंग UK में की जाएगी। जैसा की अधिकतर हॉरर फिल्मो में VFX का इस्तेमाल किया जाता है ताकि फिल्म और भी बेहतर बने, लेकिन इस फिल्म ka अधिकतर भाग बिना VFX के शूट किया जायेगा जिससे यह फिल्म अधिक से अधिक वास्तविक लगे |

            फिल्म “THE BLACK PIANO” में अधिकतर कलाकार यूके के यानि हॉलीवुड के देखने को मिलेंगे और साथ ही सपोर्टिंग कलाकारों के रूप में बॉलीवुड कलाकारों के साथ-साथ NSD के कलाकार देखने को मिलेंगे, जिससे NSD के कलाकारों को भी काम करने का और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलेगा। यह फिल्म हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओ में देखने को मिलेगी, फिल्म को थिएटर के साथ साथ बड़े OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी रिलीज़ किया जायेगा |

            फिल्म “THE BLACK PIANO” के निर्माता “अश्वनी तनेजा” (Ashwani Taneja ) है इस फिल्म से पहले अश्वनी के प्रोडक्शन हाउस “Epitome Production House ” द्वारा एक और फीचर फिल्म Hanky Panky का भी प्रोडक्शन चल रहा है, जिसकी शूटिंग कनाडा में चल रही है, और साथ ही इस फिल्म के सह निर्माता ‘सोनू’ है, फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर ‘बजिंदर सिंह’ है और पोस्ट प्रोडक्शन मैनेजर ‘विशाल’ है. फिल्म का निर्देशन ‘मयंक शर्मा’ (MAYYANK SHARRMA ) द्वारा किया जायेगा जो ‘विकसी’, ‘भैया जी स्माइल’ तथा ‘छोटे उस्ताद’ जैसी फिल्मो का निर्देशन कर चुके है और साथ ही फिल्म की सह निर्देशक ‘संजलि सूरी’ (SANJALI SURI ) है इसके साथ ही फिल्म के कला निर्देशक ‘अन्नू’ (Annu ) है, इस फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर ‘बजिंदर सिंह’ है और पोस्ट प्रोडक्शन मैनेजर ‘विशाल’ है. फिल्म “THE BLACK PIANO” के लेखक ‘नवाब’ है |

‘द कश्मीर फाइल्स’ ने कश्मीरी पंडितों की त्रासदी का दस्तावेजीकरण करके उनके लिए एक हीलिंग प्रोसेस शुरू किया : अनुपम खेर

  • ‘फिल्म में मेरे आंसू और मुश्किलें असली हैं’ – अनुपम खेर

रघुनंदन पराशरडेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो –  23 नवम्बर :

            सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि द कश्मीर फाइल्स  के मुख्य अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि 32 साल बाद इस फिल्म ने दुनिया भर के लोगों को 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई त्रासदी के बारे में जागरूक होने में मदद की है। वे पणजी, गोवा में 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में आयोजित इफ्फी टेबल टॉक्स में हिस्सा ले रहे थे।उन्होंने कहा,”ये सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है। निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म के लिए दुनिया भर से लगभग 500 लोगों का साक्षात्कार लिया था। 19 जनवरी 1990 की रात को बढ़ती हिंसा के बाद 5 लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में अपने घरों और यादों को छोड़ना पड़ा था।एक कश्मीरी हिंदू के रूप में मैंने उस त्रासदी को जिया है। लेकिन उस त्रासदी को कोई कुबूल करने को तैयार नहीं था। दुनिया इस त्रासदी को छिपाने की कोशिश कर रही थी। इस फिल्म ने उस त्रासदी का दस्तावेजीकरण करके एक हीलिंग प्रोसेस शुरू किया।”एक त्रासदी को परदे पर जीने की प्रक्रिया याद करते हुए अनुपम खेर ने कहा कि “द कश्मीर फाइल्स” उनके लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं है,बल्कि एक भावना है जिसे उन्होंने निभाया है। उन्होंने कहा, “चूंकि मैं उन लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं जिन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया है, इसलिए मैं सर्वोत्तम संभव तरीके से इसे व्यक्त करने को एक बड़ी जिम्मेदारी मानता हूं। मेरे आंसू, मेरी मुश्किलें जो आप इस फिल्म में देख रहे हैं, वे सब असली हैं।”

            अनुपम खेर ने आगे कहा कि इस फिल्म में एक अभिनेता के रूप में अपने शिल्प का इस्तेमाल करने के बजाय, उन्होंने असल जिंदगी की घटनाओं के पीछे की सच्चाई को अभिव्यक्ति देने के लिए अपनी आत्मा का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि फिल्म के पीछे मुख्य विषय ये है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने कहा, “उम्मीद हमेशा आसपास ही कहीं होती है।”कोविड महामारी और उसके बाद लगे लॉकडाउन ने लोगों के फिल्में देखने के तरीके को प्रभावित किया है। अनुपम खेर ने इस तथ्य पर जोर देते हुए कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म से दर्शकों को विश्व सिनेमा और विभिन्न भाषाओँ की फिल्में देखने की आदत पड़ गई है। उन्होंने कहा, “दर्शकों को यथार्थवादी फिल्मों का स्वाद मिला। जिन फिल्मों में वास्तविकता का अंश होगा, वे निश्चित रूप से दर्शकों के साथ जुड़ेंगी। कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों की सफलता इसका प्रमाण है। गाने और कॉमेडी के बगैर भी यह फिल्म कमाल की साबित हुई। यह वास्तव में सिनेमा की जीत है।”उन्होंने उभरते फिल्म निर्माताओं को सलाह देते हुए कहा कि किसी को भी अपने जेहन से यह धारणा निकाल देनी चाहिए कि वे किसी भाषा विशेष के फिल्म उद्योग से आते हैं। श्री खेर ने कहा, “इसके बजाय, सभी फिल्म निर्माताओं को खुद की पहचान भारतीय फिल्म उद्योग के एक ऐसे फिल्म निर्माता के रूप में करनी चाहिए जोकि एक खास भाषा की फिल्म कर रहा है। यह फिल्म उद्योग जिंदगी से भी बड़ा है।”इफ्फी के साथ अपनी यात्रा को याद करते हुए अनुपम ने कहा कि उन्होंने पहली बार 1985 में 28 साल की उम्र में अपनी फिल्म सारांश के लिए इफ्फी में भाग लिया था। उन्‍होंने कहा, “चूंकि मैंने उस फिल्म में 65 साल की उम्र के व्‍यक्ति का किरदार निभाया था, इसलिए उस समय इफ्फी में मुझे किसी ने नहीं पहचाना। 37 साल बाद 532 से अधिक फिल्मों के साथ इफ्फी के लिए फिर से गोवा में होना, मेरे लिए एक महान क्षण है, जो एक प्रतिष्ठित महोत्‍सव बनकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ महोत्‍सवों में शुमार हो चुका है।”

            बातचीत में अनुपम खेर ने यह भी घोषणा की कि वह उड़िया फिल्म प्रतीक्षा का हिंदी में निर्माण करेंगे, जो – पिता-पुत्र की एक जोड़ी की कहानी है, जिसमें बेरोजगारी एक प्रमुख विषय है। उन्‍होंने कहा कि वह स्‍वयं भी इसमें एक मुख्य भूमिका निभाएंगे। प्रतीक्षा के निदेशक अनुपम पटनायक भी महोत्‍सव स्थल पर पीआईबी द्वारा कलाकारों और फिल्मकारों की मीडिया और प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बातचीत के दौरान मंच साझा कर रहे थे। कश्मीर फाइल्स के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने बातचीत में शामिल होते हुए कहा कि यह फिल्म थी जिसने उन्हें चुना था, न कि उन्‍होंने इस फिल्‍म को चुना था।

            सारांश: कृष्णा पंडित एक युवा कश्मीरी पंडित शरणार्थी हैं जो अपने दादा पुष्करनाथ पंडित के साथ रहते हैं। उनके दादा ने 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को देखा था। उन्हें कश्मीर से भागना पड़ा था और उन्‍होंने जीवन भर धारा 370 को निरस्‍त किए जाने के लिए संघर्ष किया था। कृष्‍णा का मानना है कि उनके माता-पिता की मौत कश्मीर में एक दुर्घटना में हुई थी। जेएनयू के छात्र के रूप में, अपनी गुरु प्रोफेसर राधिका मेनन के प्रभाव में वह इस बात पर यकीन करने से इंकार करते हैं कि कोई नरसंहार हुआ था और वह आज़ाद कश्मीर के लिए लड़ता है। अपने दादा की मृत्यु के बाद ही उन्‍हें सच्चाई का पता चलता है।

अनुराग सिंह ठाकुर ने इफ्फी 53वें इंडियन पैनोरमा खंड का किया उद्घाटन 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 21 नवम्बर :

            गोवा में आयोजित किए जा रहे 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के इंडियन पैनोरमा खंड का आरंभ आज पूरे भारत से एकत्र की गई कहानियों को बड़े पर्दे पर जीवंत रूप से उतारने के वादे के साथ हुआ।उद्घाटन समारोह में इस वर्ष की इंडियन पैनोरमा 2022 श्रेणी के तहत इफ्फी के लिए आधिकारिक रूप से चयनित 25 फीचर और 20 गैर-फीचर फिल्मों के बारे में दर्शकों को अवगत कराया गया।

            इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने उन फिल्म निर्माताओं को बधाई दी, जिनकी फिल्में इफ्फी में दिखाई जा रही हैं। उन्होंने सभी फिल्मों को देखने के लिए समय निकालने और उनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन इंडियन पैनोरमा हेतु करने के लिए ज्‍यूरी के सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया।

            इस अवसर पर अपने संबोधन में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अपूर्वा चंद्रा ने कहा, “इंडियन पैनोरमा खंड के तहत हम देश के चारों कोनों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे।”इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उद्घाटन फिल्मों हैडिनलेंटू (फीचर) और द शो मस्ट गो ऑन (नॉन-फीचर) के फिल्म निर्माताओं को सम्मानित किया।श्री अनुराग सिंह ठाकुर फिल्म द शो मस्ट गो ऑन की निर्देशक दिव्या कौवासजी को सम्मानित कर रहे हैं ।श्री अनुराग सिंह ठाकुर फिल्म हैडिनलेंटू के निर्देशक पृथ्वी कोनानूर को सम्मानित कर रहे हैं

            गैर-फीचर फिल्म श्रेणी में उद्घाटन फिल्म द शो मस्ट गो ऑन  की निर्देशक दिव्या कौवासजी ने कहा, “लॉकडाउन के समय जब मैं अपने भाई, जो फिल्म निर्माता भी हैं, के साथ घर पर कैद थी, तो हमने पारसी थिएटर के पुराने कलाकारों की रिहर्सल के दौरान शूट की गई फिल्म की फुटेज को संपादित करने का फैसला किया। वे सभी कलाकार 30 साल से अधिक समय तक मंच से दूर रहने के बाद एक अंतिम शो के लिए साथ आ रहे थे। मुझे पारसी थिएटर के इन महान लोगों से प्यार हो गया, उनके आखिरी शो की इस रॉ फुटेज को संपादित करते हुए मैं गर्व से कह सकती हूं कि इस फिल्म ने एडिटिंग टेबल पर जन्‍म लिया है।

            फीचर फिल्म श्रेणी की उद्घाटन फिल्म हैडिनलेंटू  निर्देशक पृथ्वी कोनानूर की चौथी फिल्म है और इसका प्रीमियर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव बुसान 2022 में भी होने जा रहा है। फिल्म के निदेशक पृथ्वी कोनानूर ने फिल्म को सम्मान और मान्यता देने के लिए इफ्फी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म हमारे समय के शहरी समाज में किशोरों के सामने आने वाले संवेदनशील मुद्दों से संबंधित है।इंडियन पैनोरमा इफ्फी का एक प्रमुख घटक है जिसके तहत फिल्म कला के प्रचार के लिए सर्वश्रेष्ठ समकालीन भारतीय फिल्मों का चयन किया जाता है। इफ्फी के अंतर्गत इसकी शुरुआत 1978 में भारतीय फिल्मों और भारत की समृद्ध संस्कृति और सिनेमाई कला को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

            कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ज्यूरी के सदस्यों को भी सम्मानित किया।

            इंडियन पैनोरमा का चयन पूरे भारत के सिने जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा किया जाता है, जिसमें फीचर फिल्मों के लिए एक 12 सदस्यीय ज्‍यूरी और गैर-फीचर फिल्मों के लिए एक  छह सदस्यीय ज्‍यूरी होती है, जिनका नेतृत्व उनके अध्यक्षों द्वारा किया जाता है। अपनी निजी विशेषज्ञता का प्रयोग करते हुए, प्रतिष्ठित ज्‍यूरी पैनल आम सहमति बनाने में समान रूप से योगदान देते हैं, जिसकी बदौलत संबंधित श्रेणियों में इंडियन पैनोरमा फिल्मों का चयन होता है।

            बारह सदस्यों वाली फीचर फिल्म ज्‍यूरी की अध्यक्षता विख्‍यात निर्देशक और संपादक विनोद गणात्रा ने की। छह सदस्यों वाली गैर-फीचर फिल्म ज्‍यूरी की अध्यक्षता विख्‍यात फिल्मकार, निर्माता, लेखक और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ओइनम डोरेन ने की।

            इंडियन पैनोरमा  खंड के लिए चयनित फिल्मों को फिल्म कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत और विदेशों में अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों, द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के अंतर्गत भारतीय फिल्म सप्ताहों,  सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रोटोकॉल के तहत के बाहर आयोजित होने वाले विशिष्‍ट फिल्‍म समारोहों,  और भारत में विशेष इंडियन पैनोरमा समारोहों के अंतर्गत गैर-लाभकारी स्क्रीनिंग के तहत भी  दिखाया जाएगा।

इंडियन पैनोरमा की उद्घाटन फिल्मों के बारे में:

हैडिनलेंटू:

            12वीं कक्षा के विद्यार्थी – दीपा और हरि, शनिवार की दोपहर को कॉलेज खत्‍म होने के बाद कक्षा में अपने अंतरंग पलों को दीपा के फोन पर रिकॉर्ड कर लेते हैं। सोमवार को प्रिंसिपल उन्हें  बुलाकर बताते हैं कि उनका वीडियो अब इंटरनेट पर है। इस घटना से उनके परिवार बिल्‍कुल सन्‍न रह जाते हैं । कॉलेज प्रशासन उनके भाग्य का फैसला करता है जबकि वे निष्‍कासित  रहते हैं। लेकिन जब उनकी जाति का सवाल सामने आता है तो हालात बेकाबू  होने लगते हैं।

द शो मस्ट गो ऑन

            दशकों की निष्क्रियता के बाद पारसी रंगमंच के पुराने कलाकार एक अंतिम प्रस्‍तुति के लिए मंच पर लौट आए हैं। वे रिहर्सल में डूबे हुए हैं, वृत्तचित्र मंच पर आखिरी बार प्रस्‍तुति करने के उनके जज्‍बे का वृतांत प्रस्‍तुत करता है। रिहर्सल की यह रचनात्मक आपा-धापी, उनके रिश्‍तों, विशिष्ट संवेदनाओं और अनूठे हास्य का अंतरंग चित्र प्रस्‍तुत करती है। लेकिन अंतिम प्रस्‍तुति की पूर्व संध्या पर कलाकारों के साथ एक बड़ी त्रासदी हो जाती है। क्या यह सब कुछ बदल देगा? या शो विल गो ऑन?

आईएफएफआई 53 का फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर पुरस्‍कार मैगास्टार चिरंजीवी को 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो,21 नवम्बर :

            सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि चिरंजीवी। जी हां, 2022 के लिए आईएफएफआई का इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड मैगास्टार और अभिनेता-निर्माता चिरंजीवी कोनिडेला को दिया जाता है। केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आईएफएफआई के 53वें संस्करण के रविवार को गोवा में भव्य उद्घाटन के मौके पर यह घोषणा की।

            4 दशकों से अधिक के शानदार फिल्मी करियर में, चिरंजीवी ने तेलुगु में 150 से अधिक फीचर फिल्मों के साथ-साथ हिंदी, तमिल और कन्नड़ में कुछ फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें तेलुगु सिनेमा के सबसे सफल और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक माना जाता है।उन्होंने 1982 में इनिट्लो रामय्या वीडिलो कृष्णाय्या में अपने प्रदर्शन के साथ जनता की कल्पना पर कब्जा कर लिया। उनकी अपने दिलचस्‍प नृत्य प्रदर्शन और शक्ति से भरपूर लड़ाई के दृश्यों के लिए सराहना की जाती है। उनके प्रभाव ने उन्हें मैगास्टार की उपाधि दिलाई।भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए 2006 में  उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

            आईएफएफआई के उद्घाटन समारोह में मंच पर केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन की उपस्थिति में इस पुरस्कार की घोषणा की। यह पुरस्‍कार पसंदीदा मेगास्टार को सिनेमा में उनके योगदान, लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्य के लिए मान्‍यता प्रदान करता है।

            जाने-माने अभिनेता को बधाई देते हुए, केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि चिरंजीवी का लगभग 4 दशकों का एक शानदार करियर रहा है, जिसमें एक अभिनेता, नर्तक और निर्माता के रूप में 150 से अधिक फिल्में शामिल हैं। दिल को छू लेने वाले प्रदर्शन!” सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, “दिल को छू लेने वाले अविश्वसनीय अभिनय से, वह तेलुगु सिनेमा में बेहद लोकप्रिय हैं।वहीदा रहमान, रजनीकांत, इलैयाराजा, एसपी बालासुब्रह्मण्यम, अमिताभ बच्चन, सलीम खान, बिस्वजीत चटर्जी, हेमा मालिनी और प्रसून जोशी जैसे फिल्मी दिग्गजों को पहले इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

अभिनेत्री पायल गोगा कपूर अब मुंबई के ‘सोशल मीडिया” नाटक के बाद ‘जय श्री राम'(रामायण) नाटक में दिखेंगी

शर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई :

          हर प्रकार के विभिन्न नाटकों में मंचन करनेवाली प्रतिभाशाली अभिनेत्री व सुप्रसिद्ध अभिनेता गोगा कपूर की बेटी पायल गोगा कपूर ने ज्यादातर नाटकों में,कुछ फिल्मों में व कुछ धारावाहिकों में काम किया है और अपनी प्रतिभा को एक अलग मुकाम तक पहुँचाया है। उन्हें नाटक के दर्शकों से मिलनेवाली लाइव प्रतिक्रिया व स्टेज शो काफी पसंद है,इस कारण उन्होंने नाटकों में ज्यादा काम किया और कुछ लोग ‘नाटक क्वीन'(थिएटर क्वीन) भी कहते है।

            अभी पिछले हफ्ते उनके रूही जे अब्बास द्वारा निर्मित और संजय झा द्वारा लिखित हिंदी पारिवारिक कॉमेडी नाटक ‘सोशल मीडिया’ (बचके रहना रे बाबा) का सुपरहिट शो हुआ। जिसमें वे विंदू दारा सिंह की बीबी बनी है। उसमें पायल के कैरेक्टर के कई सेड है।उसके बारे में पायल गोगा कपूर कहती है,” यह बहुत ही अच्छा शो रहा। इसे हमलोग इसका शो पूरे देश व विदेश में करने वाले हैं। इसमें मै शुरू से लास्ट तक हूँ और कैरेक्टर में काफी वेरायटी है, जिसे बताकर मैं इसे लीक नहीं करना चाहती हूँ।”

              इस हफ्ते पायल के नए नाटक ‘जय श्री राम'(रामायण)का शो है’, जोकि पुनीत इस्सर द्वारा प्रजेंट है और सिद्धांत इस्सर द्वारा निर्देशित नाटक है। इस बारे में पायल कहती है,”यह ढाई घंटे का शो है, जिसमें पूरी रामायण को दिखाया है। इसमें मैं रावण की बहन सूर्पनखा की भूमिका निभाया है, लेकिन इसमें अलग तरह की कैरेक्टर है। इसमें नार्मल और खूबसूरत दिखती हूँ ना कि बड़े दाँत वाली डरावनी असुर लगती हूँ। अच्छा और थोड़ा डिफरेंट तरह की सूर्पनखा हूँ। इसमें कुछ लोगों को छोड़कर किसी का भी रोल लंबा नहीं है।”

          पायल गोगा कपूर का शाहबाज़ खान के साथ का एक उर्दू प्ले ‘दाग ओ हिजाब’ था , जोकि गुरुवार को ज़ी थिएटर चैनल पर भी प्रसारित हुआ। इससे पहले कई फिल्मों,धारावाहिकों व विज्ञापन फिल्मों में काम कर चुकी हैं।अब जल्द ही दो वेब सीरीज़ में दिखेंगी।अपने भविष्य की योजना के बारे में पायल कपूर कहती है,”अब मैं अपना पूरा फोकस फ़िल्म व धारावाहिकों पर करने जा रही हैं।मैं भविष्य में भी एक अच्छे आर्टिस्ट के तौर पर अपनी पहचान बनाये रखना चाहती हूँ और अपने माँ बाप के नाम को रोशन करना चाहती हूँ,हमारे माँ बाप ही हमारे भगवान है। जीवन में अच्छे काम करते रहना है।”

सतिंदर सरताज का नया रोमांटिक गीत  ज़रा फासले ते रिलीज़ , सुनिए प्यार व खूबसूरती से भरे बोल 

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :

            जब भी कोई सतिंदर सरताज शब्द बोलता है तो एक अद्भुत सुरीली आवाज दिल को आकर्षित करती है। कई हिट फ़िल्म व  गाने देने के बाद अब रिलीज हो रहा है  ज़रा फासले ते साॅन्ग निस्संदेह ये दिखाता है कि यह अपने प्यार भरे जज्बातों से दर्शकों के दिलों पर राज करेगा। 

            सरताज अपने गीतों के जरिए नैतिकता के सिद्धांतों की पैरवी कर रहे हैं। इसके साथ ही वह बाकी सिंगर्स, लेखक को आगे बढ़ने और इसका पालन करने और दर्शकों के प्यार का स्वाद चखने का मार्ग प्रशस्त कर  रहे हैं। सरताज के बड़ी संख्या में प्रशंसक उनकी अच्छाई, निष्ठा और वे जो लिख रहे हैं, गा रहे हैं और रचना कर रहे हैं उसके गूढ़ ज्ञान का प्रमाण है। सरताज की रचनात्मकता हमेशा एक अलग स्तर को छूती है और नए मानक स्थापित करती है। उनके प्रोजेक्ट हर बार गहरे अर्थ, मूल्यों और दर्शकों को विस्मित करते हैं।

            सरताज के अनुसार युवाओं की मानसिकता को अच्छे और बुरे गीतों की पहचान करनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक दर्शक अच्छे गानों की मांग करें  ,जो संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और प्रकृति के करीब हैं। इससे ग्लैमराइज्ड, अल्कोहलिक या गैंगस्टर गानों पर खुदबखुद  रोक लगेगी। 

            इस गाने को सतिंदर सरताज ने गाया, लिखा और कंपोज किया है। म्यूजिक बीट मिनिस्टर ने दिया है और वीडियो रिक्की  ने डायरेक्ट किया है। गाने को  को  जुगनू ग्लोबल के लेबल के तहत रिलीज किया गया है। यह गाना दर्शकों के दिलों को जरूर छुएगा।