Wednesday, August 27

इसरो के प्रतिष्ठित युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम के लिए अर्हता प्राप्त की चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 11 मई 2022 ; भवन विद्यालय…

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कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 11 मई : श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रधानाचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक की अध्यक्षता…

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चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 10 मई : सरकारी हाई स्कूल कजेहरी सेक्टर 53  चंडीगढ़ में बालिका भारत परियोजना के तहत मातृ…

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Koral ‘Purnoor’, Demokratic Front, Chandigarh May 10, 2022 This is to inform that the result of examination December, 2021 of the…

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Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 9, 2022 दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ   दयानन्द चेयर के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने मुख्यवक्ता डॉ. प्रशान्त का परिचय देते हुए बताया कि छः दर्शनों के समन्वय की पहली स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थप्रकाश के तृतीय समुल्लास में की है। दयानन्द ने सृष्टि विद्या नामक विषय के छः कारणों का उल्लेख करते हुए छः दर्शनों में बडा व्यावहारिक समन्वय स्थापित किया है। डॉ. प्रशान्त आचार्य ने बताया कि भारतीय-दर्शन जैसा शब्द विदेशियों द्वारा दिया गया है। भारतीय छात्रों को विश्वविद्यालयों में जो न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, पूर्व मीमांसा एवं उत्तर मीमांसा का क्रम पढाया जाता है, वह भारतीय चेतना से मेल नहीं खाता। सत्यार्थप्रकाश में स्वामी दयानन्द ने सर्वप्रथम मीमांसा दर्शन को पढने का निर्देश किया है, उसके बाद वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग और वेदान्त। इस क्रम से पढने में पाठक को पूर्वापर ज्ञान का परिचय स्वतः हो जाता है। ऋषियों की ग्रन्थ लेखन शैली पर भी विचार विमर्श किया गया, जिसमें 50 से अधिक छात्र, शोधच्छात्र, अध्यापक आदि विद्यमान थे। इस कार्यक्रम में चण्डीगढ के विभिन्न महाविद्यालयों से जैसे सैक्टर 10 डी.ए.वी से डॉ. सुमित्र बालिया, डॉ. सुषमा अलंकार, गवर्मेन्ट कॉलेज सैक्टर 11 से डॉ. चन्दन गुप्ता, पी.यू के अंग्रेजी विभाग से डॉ. दीप्ति गुप्ता आदि अध्यापकों ने भी भाग लिया।

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पंचकूला संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 9 मई : राजकीय महाविद्यालय कालका में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया ।…

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