SSP Sangrur Mandeep Singh Sidhu briefing media persons about arrest of drug smugglers

Sangrur, July 10, 2018: Four drug smugglers were arrested and 900 grams Heroin, supplied by a Delhi-based African national, recovered from them in Sangrur district.

The police said that three accused were residents of Bazigar Basti, Dhuri and one of Nabha in the district.

Around 1000 Alprasafe tablets were also recovered from them.

The investigation showed all the accused had bought these drugs from an African national staying in Uttam Nagar, New Delhi for Rs 11 lakh.

They used to sell Heroin to local addicts in small quantity.

Recovered household items which smugglers had purchased with drug money

These drug smugglers also used this drug money to purchase luxury household items and vehicles which have been confiscated by the police.

The recovered items included one Alto car, two Motorcycles, two Scooters, two Refrigerators, three washing machines, two water coolers, two LCD, 15 gas  cylinders, 2 steel almirah, one double bed and one sofa set.

The state government has decided to strip Harmanpreet of the DSP rank


The Deputy Superintendent of Police rank, according to Indian women’s cricket team twenty 20 skipper Harmanpreet Kaur, has reportedly been withdrawn by the Punjab government.


The Deputy Superintendent of Police rank, according to Indian women’s cricket team twenty 20 skipper Harmanpreet Kaur, has reportedly been withdrawn by the Punjab government over the controversy over her graduation degree. According to The Times of India, the decision was taken by the state government after a probe confirmed that her degree was fake.

Reacting to the report, Harmanpreet Kaur’s manager said that no official communication had been received by the cricketer. He said, “We have not received any official letter from Punjab police regarding the termination of her job. This is the same degree which she submitted in the Railways. How it can be fake and forged?”

This comes days after the cricketer snubbed mediapersons when the controversy about her degree came to the fore. She had made mediapersons wait for over an hour outside her vanity van during an event in Mohali.

After hours of persuasion, Harmanpreet Kaur had issued a statement saying, “I am aware of it (controversy), government is taking care of that. I am hoping for a positive response.”

Harmanpreet was earlier employed with the Indian Railways but was relieved from her duties earlier in 2018 after she put in a request to join Punjab Police.

The Punjab government had also taken up the matter with the Railway Ministry to waive the bond condition and allow Harmanpreet, who is a native of Moga, to join as a DSP in Punjab Police from March 1.

The Times of India report says that the Punjab government has written a letter to her communicating that since her educational qualification remains that of a class 12 passout, she can be retained in Punjab Police department only as a constable.

It further said that though the state government has decided to strip her of the DSP rank, they would not go ahead with any legal action against Harmanpreet, citing her international repute as an Indian cricketer.

मोदी जी को न्यूनतम समर्थन मूल्य के झूठ व फ़रेब पर चर्चा करने की खुली चुनौती


वादा था ‘‘लागत+50 %’’ समर्थन मूल्य का देंगे मौका, अब ‘झूठे ठुमके’ लगा कर रहे अन्नदाता से धोखा

झूठ की बुवाई – जुमलों का खाद, वोटों की फसलें – वादे नहीं याद, झांसों का खेल – मोदी सरकार फेल


साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र व पठानकोट की भूमि पर आयोजित जनसभाओं में देश के किसान को ‘लागत+50% मुनाफा’ की सार्वजनिक घोषणा की, जिसे प्रधानमंत्री ने पूरे देश में दोहराया। भाजपा ने अपने 2014 के घोषणापत्र के पृष्ठ 44 पर बाकायदा किसान को ‘लागत + 50 % मुनाफा’ देने का वायदा अंकित किया। सच्चाई यह है कि 4 सालों से लागत+50 % मुनाफा का ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ की बिसात पर मोदी सरकार कभी खरी नहीं उतरी।

हार की कगार पर खड़ी मोदी सरकार ने 4 जुलाई, 2018 को ‘समर्थन मूल्य’ की झूठ को ‘एक राजनैतिक लॉलीपॉप’ के जुमले की तरह देश को पेश करने का छल किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री ने तो ‘झूठे ठुमके’ लगाकर किसानों को बरगलाने व बेशर्मी की एक नई मिसाल बना डाली। दूसरी तरफ, चाटुकारिता की दौड़ में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए बादल परिवार ने तो समर्थन मूल्य की झूठी शान बघारने के लिए मलोट, पंजाब में 11 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री की धन्यवाद जनसभा तक रख डाली।

सच तो यह है न समर्थन मूल्य मिला, न मेहनत की कीमत। न खाद/कीटनाशनक दवाई/बिजली/डीज़ल की कीमतें कम हुईं और न ही हुआ फसल के बाजार भावों का इंतजाम। क्या झूठी वाहवाही लूटने, अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनने, ढ़ोल- नगाड़े बजाने व समाचारों की सुर्खियां बटोरने से आगे बढ़ मोदी जी व हरियाणा/पंजाब के भाजपाई-अकाली दल नेतागण देश को जवाब देंगे:-

1. ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ (commission for agricultural costs and prices) की 2018-19 की रिपोर्ट के मुताबिक (संलग्नक A1) खरीफ फसलों की कीमत ‘लागत+50% मुनाफा के आधार’ पर निम्नलिखित होनी चाहिए –

Cost+50% as per CACP recommendations for year 2018-19 (Rs/Qtl. Cost+50% (Rs/Qtl.) MSP actually given for Kharif 2018-19 (Rs/Qtl.) Difference of ‘Cost+50%’ & MSP (Rs/Qtl.)
Paddy
1560 2340 1750 590
Jowar
2138 3274.5 2430 844.5
Ragi
2370 3555 2897 658
Maize
1480 2220 1700 520
Arhar
4981 7471.5 5675 1796.5
Moong
6161 9241.5 6975 2266.5
Urad
4989 7483.5 5600 1883.5
Ground Nut
4186 6279 4890 1389
Sunflower
4501 6751.5 5388 1363.5
Soyabean
2972 4458 3399 1059
Cotton
4514 6771 5150 1621

04 जुलाई, 2018 को मोदी सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य ‘लागत+50%’ की शर्त को कहीं भी पूरा नहीं करता। यह किसान के साथ धोखा नहीं तो क्या है?

20 जून, 2018 को नमो ऐप पर किसानों से बातचीत करते हुए खुद मोदी जी ने ‘लागत+50%’ का आंकलन ‘C2’ के आधार पर देने का वादा किया (http://www.hindkisan.com/video/pm-modis-interaction-with-farmers-via-namo-app/)। स्पष्ट तौर पर कहा कि किसान के मज़दूरी व परिश्रम + बीज + खाद + मशीन + सिंचाई + ज़मीन का किराया आदि शामिल किया जाएगा। फिर वह वायदा आज जुमला क्यों बन गया?

अगर चार वर्षों में ‘लागत+50%’ मुनाफा सही मायनों में मोदी सरकार ने किसान को दिया होता, तो लगभग 200,000 करोड़ रुपया किसान की जेब में उसकी मेहनत की कमाई के तौर पर जाता। परंतु यह बात मोदी जी व भाजपा देश को नहीं बताएंगे। यह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं तो क्या है?

2. ​क्या मोदी सरकार ने लागत निर्धारित करते वक्त निम्नलिखित मूलभूत बातों पर ध्यान दिया, जैसे कि:-

i. ​16 मई, 2014 को डीज़ल की कीमत 56.71 रु. प्रति लीटर थी। यह लगभग 11.15 रु प्रति लीटर बढ़कर आज 67.86 रु. हो गई है।
ii. ​यहां तक कि पिछले 6 महीने में खाद की कीमतें बेलगाम हो 24 प्रतिशत तक बढ़ गईं। IFFCO DAP खाद का 50 किलो का कट्टा जनवरी, 2018 में 1091 रु में बेच रहा था, जो आज बढ़कर 1290 रु प्रति 50 किलो हो गया है। हर साल किसान 89.80 लाख टन DAP खरीदता है, यानि उसे 5561 रु करोड़ की चपत लगी।
ज़िंक – सलफेट की कीमतें 50 रु किलो से बढ़कर 80 रु किलो हो गयी, यानी 60% की बढ़ोतरी । इसी प्रकार “सुपर” के 50 kg के कट्टे की कीमत 260 रु से बढ़कर 310 रु हो गयी, यानी 20 % की बढ़ोतरी ।
iii. ​कीटनाशक दवाई हों, बिजली हो, सिंचाई के साधन हों या खेती के उपकरण, उन सबकी कीमतें बेतहाशा बढ़ गईं।

3. ​क्या मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार खेती पर टैक्स नहीं लगाया?

70 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसान और खेती पर टैक्स लगाने वाली यह पहली सरकार है। खाद पर 5% जीएसटी, ट्रैक्टर/कृषि उपकरणों पर 12 % जीएसटी, टायर/ट्यूब/ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी, कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी, कोल्ड स्टोरेज़ इक्विपमेंट पर 18 प्रतिशत जीएसटी पिछले एक साल में मोदी सरकार ने लगा डाला।

4.छोटे किसान को कर्जमाफी से मोदी सरकार कन्नी क्यों काट रही?

देश की आबादी में 62 प्रतिशत किसान हैं। परंतु प्रधानमंत्री, मोदी जी ने छोटे और मंझले किसान की कर्जमाफी से साफ इंकार कर दिया। प्रश्न बड़ा साफ है – यदि मोदी सरकार अपने चंद पूंजीपति मित्रों का 2,41,000 करोड़ रु. बैंकों का कर्ज माफ कर सकती है, तो खेत मजदूर व किसान को कर्ज के बोझ से मुक्ति क्यों नहीं दे सकती?

5. ​प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राईवेट बीमा कंपनी मुनाफा योजना बन गई?

2016-17 व 2017-18 में कृषि कल्याण से मोदी सरकार ने 19,800 करोड़ रु. इकट्ठा किए, जिसका इस्तेमाल फसल बीमा योजना में किया गया, परंतु फसल बीमा योजना से बीमा कंपनियों को 14,828 करोड़ का मुनाफा हुआ, जबकि किसान को मुआवज़े के तौर पर मिला केवल 5,650 करोड़।

6. ​क्या मोदी सरकार में किसान मुसीबत में और माफिया की पौ बारह सच नहीं?

भाजपा सरकार ने गेहूँ पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत कर दिया। अनाज माफिया से मिलीभगत साफ है। कांग्रेस सरकार ने 2013-14 में 9261 करोड़ रु. के गेहूँ का निर्यात हुआ, जो 2016-17 में घटकर 4375 करोड़ रु. रह गया। साल 2015-16 में भाजपा सरकार ने 44 रु. प्रति किलो पर दाल के आयात की अनुमति दी थी, जबकि दालें 230 रु. प्रति किलो बिकी थीं। 2016-17 में भी 221 लाख टन के दाल के बंपर उत्पादन के बावजूद भाजपा सरकार ने 44 रु. प्रति किलो की दर से 66 लाख टन दाल के आयात की अनुमति दे दी। साफ है, किसान पिस रहा है और अनाज माफिया फलफूल रहा है।

7. ​क्या कृषि निर्यात औंधे मुंह नहीं गिरा और विदेशों से कृषि उत्पादों का बेतहाशा आयात नहीं बढ़ा?

किसान पर दोहरी मार यह है कि कृषि निर्यात में 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई और कृषि आयात 10.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ गया। यानि किसान को 19.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

हम प्रधानमंत्री/राष्ट्रीय कृषि मंत्री को समर्थन मूल्य के झूठ, फ़रेब व किसान से किये गए कुठाराघात पर खुले मंच से चर्चा की चुनौती देते है।

परेशान किसान कह रहा है –

अपनी फसलों के दाम, खुद्दारी के साथ चाहता हूँ,
तेरा रहमो करम नहीं, अपना हक चाहता हूँ ,

आख़िर कब तक छलेगा तू मुझे देखना चाहता हूँ,
कितने दिनों तक चलेगा झूठ ये तेरा देखना चाहता हूँ,

समाचारों की सुर्खियों से सिर्फ सरोकार है तुझे,
मैं तो बस अपने खेतों की खुशियाँ चाहता हूँ।

गृहमंत्री कि मौजूदगी में 6000 छात्र एसपीसी के दायित्वों कि शपथ लेंगे


21 जुलाई को गुरूग्राम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 6000 स्कूली छात्र इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के प्रति अपने दायित्व की शपथ लेंगे।


चंडीगढ।

हरियाणा में युवा पीढ़ी कानून, नागरिक भावना, लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन बेहतर तरीके से कर सकें, इसके लिए उनके व्यवहार और दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। पुलिसिंग व्यवस्था से नजदीकी से परिचित कराने तथा समय आने पर इस प्रकार की भूमिका को समाज हित में निभाने के लिए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की तर्ज पर छात्र पुलिस कैडेट (एसपीसी) को शुरू किया जा रहा है। हरियाणा के स्कूली छात्रों को राष्ट्र्र, पदेश और समाज के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में प्रारंभ किए जा रहे इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सरकार की मंशा छात्रों को राष्ट्रीय युवा नीति के उद्दश्यों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र निर्माण में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है।

छात्र पुलिस कैडेट अभियान में आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को पुलिस विभाग गृह विभाग, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर न केवल व्यवस्था से परिचित कराएंगे, अपितु अलग-अलग परिस्थितियों में वह क्या कदम उठाएं, इसका भी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। छात्र, छात्राओं को कानून का सम्मान करने, अनुशासन बनाए रखने, सामुदायिक भावना, समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यही नहीं उन्हें परिवार, समुदाय, पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए नशा, असभ्य एवं असहिष्णु व्यवहार, सामाजिक बुराईयों के खिलाफ लडऩे के लिए प्रेरित करेगा।

वर्ष 2006 में कोच्चि पुलिस ने शुरू किया था प्रोजेक्ट…

वर्ष 2006 में केरल के कोच्चि सिटी पुलिस द्वारा 30 स्कूलों के 400 छात्रों के साथ एक अभियान शुरू किया गया, जिसमें पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके साथ सामुदायिक मुद्दों पर चर्चा करते हुए पुलिसिंग व्यवस्था से परिचय कराया गया। इसके बाद छात्रों के रूझान और उनकी इच्छा को देखते हुए इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया और जनवरी 2010 में कोझिकोड में भीड प्रबंधन में ऐसे प्रशिक्षित छात्रों की क्षमता का उपयोग किया गया। इसके बाद 2 अगस्त 2010 में 127 स्कूलों के 11 हजार विद्यार्थियों के साथ प्रोजेक्ट शुरू किया गया।

हमारा मकसद प्रदेश के युवाओं को सामाजिक व्यवस्था के प्रति जवाबदेह बनाने तथा पुलिसिंग व्यवस्था से परिचित कराने का है। हाल ही में इजराइल दौरे के दौरान देखा था कि प्रत्येक युवा को सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य है, ताकि वह अपने राष्ट्र के हितों के प्रति सजग बन सकें और उचित समय आने पर अपना योगदान दे सकें। इस पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा हुई तो उन्होंने केरल में एक दशक से चल रही छात्र पुलिस कैडेट को अपनाने की सलाह दी। 21 जुलाई को गुरूग्राम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 6000 स्कूली छात्र इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के प्रति अपने दायित्व की शपथ लेंगे।
मनोहर लाल, मुख्यमंत्री हरियाणा

आखिरकार निगम ने कंपनी को किया टर्मिनेट, मेयर और शहरवासियों की जीत


एग्जिक्यूशन की पावर कमिश्नर के पास है, वही इस बारे में बता सकते हैं। परंतु इतना स्पष्ट है कि काम हो चुका है।
-देवेश मौदगिल, मेयर, चंडीगढ़


चंडीगढ़। शहरवासियों को बधाई। पेड पार्किंग का ठेका लंबी जद्दोजहद के बाद आज रद कर दिया गया। पिछले तीन-चार महीनों से चल रहे पेड पार्किंग के मुद्दे का आज आखिरकार पटाक्षेप हो ही गया। नगर निगम चंडीगढ़ ने इस तिमाही की रकम समय से अदा न होने के चलते पार्किंग ठेका कंपनी ‘आर्या टोल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड’ को आखिरकार टर्मिनेट कर दिया।

नगर निगम के मेयर देवेश मौदगिल के पदभार संभालते ही कई परेशानियों का अंबार खड़ा हो गया था। किंतु वह शहर के आम लोगों के साथ थे। बार-बार उनका यही कहना होता था कि जब पार्किंग स्मार्ट नहीं हुई तो पैसे क्यों बढ़ाए जाएं। उनके कार्यकाल के पूर्व ही किए गए एक एमओयू में सारी शर्तें लगभग पार्किंग ठेकेदार आर्या इंफ्रा टोल प्रा.लि के पक्ष में थी।

पूर्व मेयर अरुण सूद भी ठेकेदार के पक्ष में ही सदन की बैठकों में बार-बार बयान देते रहे और कहते रहे कि एमओयू की शर्तों के अनुसार ठेका रद नहीं हो सकता किंतु शुक्र है आखिरकार ठेका रद हो गया और मेयर देवेश मौदगिल की वास्तविक रूप में विजय हुई क्योंकि उन्होंने शुरू में ही कहा था कि ठेका रद करा कर ही दम लेंगे।

निगम ने की पार्किंग चलाने की तैयारी….

इस बीच नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से विगत तीन दिनों से ठेका रद करने के बाद पजेशन की तैयारी की जा रही थी। सूत्रों ने बताया कि कंपनी को आदेश भेजा जा चुका है कि जितना जल्दी हो वह पार्किंग्स खाली कर दे ताकि निगम उन पार्किंग्स को अपने विभागीय कर्मियों द्वारा संचालित कर सके। पता चला है कि ठेके को संचालित करने के लिए कुल 240  कर्मियों की टीम गठित की जा चुकी है उन्हेें पर्चियां भी थमा दी गई हैं। इसके अलावा चार अधिकारी भी इसकी मॉनिटरिंग के लिए तैनात किए जा चुके हैं।

जेई सीधे तौर पर इसकी सुपरविजन करेगा। इसके इंचार्ज एसडीओ पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगें और रिपेार्ट हर रोज देंगे। इसके इलावा डेली कलेक्शन एसडीई पार्किंग कार्यालय में जमा की जाएगी। पार्किंग स्थलों ड्यूटी करने वालों की दो टीमें गठित की गई हैं जिसके तहत पहली टीम सुबह  7  बजे अपना कार्यभार संभालेगी और ६ घंटे की ड्यूटी करेगी, जबकि दूसरी टीम सायं  7 बजे तक ड्यूटी करेगी। कुल 13 घंटों की ड्यूटी शामिल है।

सदर की विगत माह की बैठक में इस पर लंबी चौड़ी बहस हुई थी। अधिकांश पार्षद मेयर के फैसले के साथ थे। उनके द्वारा गठित कमेटियों ने भी ठेकेदार द्वारा किए गए वॉयलेशन का हवाला देकर ठेका रद करने की सिफारिश की थी। अभी हाल ही में ज्वाइन किए नगर निगम कमिशनर आईएएस केके यादव ने भी पूरे मामले का अध्ययन करने को एक माह का समय मांगा था।

विगत  29जून को सदन की मासिक बैठक के दौरान भी पार्षदों में रोष था कि ठेका टर्मिनेट क्यों नहीं हो रहा जबकि सदन ने इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया हुआ है। कमिश्नर ने उसी वक्त कहा था कि जज्बाती होने से काम नहीं होता और सदन के प्रस्ताव से भी ठेका रद नहीं किया जा सकता। अत: कानूनी प्रक्रिया के तहत वॉयलेशन को ही आधार मानकर आगे कार्रवाई करना उचित होगा। उन्होंने निगम की कानूनी शक्तियों का हवाला भी दिया था।

संवाददाताओं ने ठेका कंपनी के ठेकेदार सुनील बदलानी से फोन पर संपर्क किया उनका जवाब था कि उनका ठेका टर्मिनेट कर दिया गया। साथ ही उनका यह भी कहना था कि कंपनी इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और जो भी उसका बकाया होगा उसे लेकर ही रहेगी।

अंतत: आर्याटोल इंफ्रा प्रा लि. इनके जाल में फंस ही गई। विगत शुक्रवार को निगम द्वारा कंपनी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था। अगले दिन उसे तिमाही की बकाया राशि करीब  3.69 करोड़ रुपये की अदायगी निगम के खाते में करनी थी। निर्धारित समय व तिथि बीत जाने के बावजूद कंपनी ने पैसों की अदायगी नहीं की। निगम के ज्वाइंट कमिशनर तेजदीप सैनी ने कहा था कि वॉयलेशन के तहत कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हांलाकि आज संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर तेजदीप सैनी ने कोई बात नहीं की, किंतु मतलब साफ था कि निगम की तरफ एक्शन हो चुका था।

बता दें कि पेड पार्किंग शहरवासियों में भी पार्किंग दरे डबल किए जाने के खिलाफ भारी रोष था। लोगों का कहना था कि पार्किंग तो स्मार्ट हुई नहीं, लेकिन ठेकेदार ने दरें डबल कर दी। उधर, ठेकेदार का कहना था कि नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से समझौते के अनुसार उसे सेक्टर- 22 की पार्किंग की पूरी जगह उपलब्ध नहीं कराई गई लिहाजा कंपनी को ठेका लेने के साथ ही १० करोड़ की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। किंतु आखिरकार जीत शहर के लोगों की ही हुई है।

 

PU Senate Adjourned

The Senate Meeting of Panjab University was held today with 16 members participating in the meeting. After the Vice Chancellor’s statement, several members recall the contributions of Prof. Arun K. Grover, Vice Chancellor, PU during the last 6 six years.

Before the taking up of Agenda items, a few members opined that the meeting be postponed in view of thin attendance. However, some members opined that agenda items like ratification of CAS promotions, confirmation of employees and items related to commencement of new session be dealt with by the members present and remaining matters be deferred to a later sitting of the Senate, to be rescheduled in a near future.

There was lack of consensus on the above two alternatives. A vote was then taken  on the above options. Seven persons favoured the former option and six members favoured the latter one.

The Vice Chancellor opined that he shall inform the Chancellor’s office of the deliberations of today’s Senate meeting and shall seek the guidance on convening of the next sitting of the Senate from Chairperson of Senate, namely, The Chancellor, PU on whose behalf the VC presides over the Senate meeting.

The Senate, however, authorised the Vice Chancellor to take a call on the essential items related to the smooth commencement of new academic session in consultation with Dean Student Welfare, Prof. Emanual Nahar, Fellow, PU.

‘GST has brought transparency in the system’


The Institute of Cost Association of India (ICAI ) holds one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017


Chandigarh, July 8, 2018: 

The Institute of Cost Association of India (ICAI ), Northern India Regional Council and its Chandigarh Panchkula Chapter held  one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017, at The Lalit Hotel, IT Park here today.

Delivering a key note address on the occasion, CMA Sanjay Gupta, President of ICAI-CMA said, “Ethics and Integrity need to be brought in the system and we are working in all aspects to bringing the transparency in the economic system.” He further updated the participants about new initiatives of the ICAI-CMA and what challenges the Accounting bodies have to face in the regime of Artificial Intelligence (IA) era when audit will not be the job of the accounting professionals.

While addressing the gathering, CMA Sanjay Tandon, Chandigarh-  BJP President who was one of the Guests of Honour, called GST, India’s one of the biggest economic reform, which brought transparency  in the Indian Economic system and said, “Earlier government worked on 30 % of the society, which was reasonably good but the effect of decision making could do better. But Modi government addressed the rest 70 percent of the society.

During the seminar, Vivek Atray, IAS Retd said, “World is looking at Indian Economy with a lot of confidence and faith that India will lead the way and show the way to many developing countries.  Indian economy has transformed from one phase to another, more transparency and efficiency came in the system which without GST was not possible”. He appreciate the efforts of CMA profession for conducting such seminars in the interest of all stake holders.

On the occasion, CMA Sunil K Singh Chairman –NIRC also expressed his views on the theme of the seminar, “New Economic Reforms and role of CMA profession”. He also requested the government to give CMA its due role  in achieving the mission of ‘Make in India’. CMA L.N. Aggarwal, Chairman Chandigarh-Panchkula Chapter welcomed all the participants for joining the seminar and making a valuable for all the stake holders.

CMA D.S. Bhatia, presented the formal vote of thanks and submitted to the President of the Institute for its premises in tricity as this part of the country has potential for the profession.

Delivering a key note address on the insolvency and bankruptcy code, Virender Kulharia, IA&AS, Deputy Accountant General, said, “CMA Profession has made equal understanding with professionals , which give limited certification for practice. And wish that there should held more interaction with government monitors and institutes to explore and can do cross pollination of ideas”.

While talking on GST, CMA Anil Sharma, Secretary of Northern India of the Institute talked about the issues, which needs to be addressed by the government.K. Gaurav Dhawan, Additional Commissioner CGST also expressed his view point and also informed the participants about government initiatives to make the GST more user-friendly. CMA Rakesh Bhalla Chief General Manager, SML ISUZU raised various issues that have not been addressed so far and have made working of the dealers more complicated.

In afternoon session CMA Rajansh Thukral explained the scope and challenges of Banking and Insolvency Code. CMA Varind Jain another speaker on the issues talked about the impact of IB Code on Indian economy and the banking system which is facing tough time with NPA.

To evaluate the business net worth in real terms, Valuation Rules -2016 have been released by the government where in professionals like Cost Accountants (CMAs), and other professionals have been authorized to evaluate the business assets such as goodwill, shares, plants & machinery, building etc. What are the challenges faced by Industry and these professionals were discussed at this one day seminar. CMA Aseem Jain, expressed is view point and explain the provisions of Valuations Rules -2016.

WHY PM DEVELOPED SUDDEN LOVE FOR FARMERS AS POLL CLOCK STARTS TICKING


MODI REGIME UNABLE TO MATCH UPA GOVERNMENT IN INCREASING MSP OF CROPS


Chandigarh, July 8:

Senior Congress Leader and Jail & Cooperation Minister, Punjab, S. Sukhjinder Singh Randhawa has termed the step undertaken by the Union Government to increase the Minimum Support Price (MSP) of the Kharif crops as a mere attempt to befool the farming community for the sake of electoral gains. In a statement, S. Randhawa questioned as to why during the past 4 years the Union Government didn’t care at all to remember the plight of the farmers. When the farmers were organizing protests and demonstrations in Delhi and demanding their rightful due the Prime Minister paid any attention to their misery then but now with the general elections fast approaching the BJP has made enacted a drama to encash the farmers’ vote bank. But, now the farming community has become totally aware of the politics of falsehood being perpetrated and would not at all fall prey to the lollypop promises.

Randhawa further said that during the term of Dr. Manmohan Singh as Prime Minister, the MSP of paddy crop increased 6 percent in first 5 years and 38 percent in second 5 years term. Whereas the Modi Government till date has effected the increase up to 29 percent only which is a clear cut proof of fraud being perpetrated on the farmers. The PM in his speeches promises moon to the farmers and talks of doubling their income but the bitter reality is that he is unable to give farmers the rightful price of their crops even. Furthermore, the PMand the BJP leaders are misguiding the farmers that the crop rates have been increased by one and a half percent which is a blatant lie. The truth is that the Union Government is still unable to give MSP to the farmers as per the Swaminathan Committee recommendations.

Attacking further, S. Randhawa said that during the previous polls too, Mr. Modi made false promises to the people at Bathinda and now with the polls fast approaching again, he would try to lure the farmers with his false promises but the farmers won’t fall into his trap again.

Two juveniles sentenced to three years’ imprisonment each for killing a youth


The victim was the only son of his parents. His father Tej Pal works in the Postgraduate Institute of Medical Education and Research’s sanitation department.

 


Chandigarh

July 7, 2018

Two juveniles, who stabbed to death an 18-year-old man at Sector 25 market in August 2016, were sentenced to three years’ imprisonment each by the juvenile court of Chandigarh on Saturday. The court also slapped a fine of Rs 600 each on the convicts. The accused were arrested after a CCTV footage of the incident went viral. The two have been sentenced to imprisonment under sections 302 (murder), 147 (rioting) and 148 (rioting, armed with deadly weapon) of the Indian Penal Code.

The juveniles were granted bail after furnishing bonds in the court on Saturday.

The victim was the only son of his parents. His father Tej Pal works in the Postgraduate Institute of Medical Education and Research’s sanitation department. The incident occurred in August 2016 when the victim, Vikas, was at the Sector 25 market along with two friends. When he was about to leave, a youth started beating him up. Though he tried to run away, a group of youths caught him within seconds and pounced on him with sharp weapons. When Vikas fell on the ground, he was repeatedly stabbed in the neck, back and head. A passer-by intervened but the attackers managed to flee, leaving the victim bleeding. The victim was rushed to Government Multi-Specialty Hospital (GMSH) Sector 16, Chandigarh, where he succumbed to injuries. Police then registered a case under Section 302 of the IPC at Sector 11 PS in Chandigarh.

During investigation, nine persons, including Kuldeep, Vishal, Vikas alias Polcia and Raju and five juveniles, were arrested initially. Later, when the juvenile court declared three of the five juveniles as major, only two juveniles were tried in the juvenile court while the other seven were tried in the Chandigarh district court.

According to police, the accused were arrested after the police received vital clues about the incident from the CCTV footage. The accused were apprehended from the jungle area of Sector 25. They were all residents of Sector 25, Chandigarh. Police had learnt that there was an old enmity of the victim with the accused youths which led to the murder. The victim was involved in a brawl with the accused earlier as well, following which they planned to assault him. Vikas had entered into a brawl with the other group following which a cross-case was also registered against him at Sector 11 PS following which Vikas had returned home from jail just 15 days before his murder.

During the trial, the counsel for defence, Rohit Mahajan, argued in court that the juveniles had been falsely implicated in the case as one of them was the brother of an accused Kuldip because of which the juvenile was also held by the police among the nine arrested. It was also argued that the victim was a history-sheeter and several criminal cases were pending against him in the juvenile court.

After hearing the arguments and going by evidence, the court held the duo guilty and sentenced them to imprisonment for three years. Mahajan said they would appeal against the order in the sessions court.

Traffic chaos following closure of the railway crossing 126


Local residents said after the closure of the railway crossing, rush on the internal roads in Modern Housing Complex towards Kalagram light point, which links to Madhya Marg, has increased.


Chandigarh

June 7, 2018

Commuters through Madhya Marg are having a tough time due to traffic chaos following closure of the railway crossing 126 at Manimajra here due to an ongoing construction work of a Railway Under Bridge (RUB), even as the authorities are claiming to reopen it in the next 10-15 days.

Local residents said after the closure of the railway crossing, rush on the internal roads in Modern Housing Complex towards Kalagram light point, which links to Madhya Marg, has increased. “Earlier, commuters from Manimajra and Panchkula preferred the railway crossing, but as it has been barricaded from both the sides, people have no option, but to use the Madhya Marg,” said a local resident.

Though the RUB work had started in February, the road through the railway crossing had been closed on June 25 for shifting the underground pipelines of sewage, rainwater and drinking water.

In the peak hours, the stretch between Railway and Housing Board light points on Madhya Marg becomes more chaotic.

Sub-divisional Engineer (SDE) with the Chandigarh Municipal Corporation (MC), Joginder Kumar, however, said two-wheeler riders are allowed to use the crossing.

Even though the two-wheeler riders are passing through the railway crossing, Randhir Singh, a resident of Modern Housing Complex, said four-wheelers cannot. “We have to use Kala Gram light point to reach Madhya Marg. The crossing was considered to be an alternative route, widely being used by emergency vehicles, including ambulances,” said the Panjab University employee.

The SDE said the railway crossing will reopen within 10 days. “The work of shifting all the pipelines are in last stage. The road, which was dug for shifting the pipelines, will be reconstructed. “

The work of shifting the three underground pipelines is being done by a private contractor, Pawan Kumar, under the supervision of public health department of Chandigarh Municipal Corporation (MC).

A traffic police inspector, too, confirmed a communication from the public health department of the MC, suggesting that the railway crossing will reopen within a fortnight. He, however, said that it seemed to take more time.

Meanwhile, the work was halted for over three hours on Saturday following a complaint that the private contractor was stealing electricity from a nearby tube well for welding.

Senior officers, including SDE Joginder Kumar, went to the spot. Kumar said they found the complaint to be valid. “We have told the contractor to use his generator. Pawan said that the generator had developed a technical snag, so he had to take electricity from the nearby MC tube well in emergency. We are planning to take action against him,” said Kumar.

Later, contractor Kumar start using his generator for the welding work. A JE-rank officer, present on the spot, said, after the completion of the work of shifting the pipelines, the union territory administration will take care of rest of the work. “Railway authorities will take over in the last phase. It will take around seven months to complete the RUB,” said the officer.

The railway ministry had given a go ahead for the RUB back in 2013, however, the foundation stone was laid only in April 2017. The RUB will be of low height, 10 feet, under which CTU buses cannot pass. Its width will be 36 feet.