BJP – Congress joined hands to pay tribute to Vajpayee

Photo: Rakesh Shah

Chandigarh 23 August:
The Asthi Kalash of Atal Bihari Vajpayee was taken to Sri kesh garh sahib from BJP office Kamalam, where hundreds of party workers and local people geatherd to pay the tribute to their Leader. Sitting Member Parliament Kiron Kher, former MP Satya Pal Jain, BJP President Sanjay Tondon were also present.

Photo: Rakesh Shah

Former Railway Minister and Congress Member of Parliament , senior Congress Leaders Subhash Chawla, Pardeep Chhabra and other party leaders and workers also paid Tribute to the former Prime Minister and most respected leader of masses Sh Atal Bihari Vajpayee.

“एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” ने हरियाणा के हित में सुझाया नया ‘जल मार्ग’

फोटो: राकेश शाह


हिमाचल के बद्दी से पिंजौर लाया जा सकता है

राजनैतिक दलों पर लगाया हरियाणा व पंजाब के किसानों की बरगलाने का आरोप

एडवोकट जितेंद्र्नाथ के नेतृत्व मे समिति जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर प्रधान मंत्री को सौंपेगी ज्ञापन


चंडीगढ़, 23 अगस्त-

हरियाणा व पंजाब के बीच राजनैतिक फुटबाल बना एसवाईएल का पानी अगर केंद्र सरकार चाहे तो एक साल के भीतर दक्षिणी हरियाणा के सूखे खेतों को सींच कर हारा-भरा कर सकती है बेशर्ते बिना राजनैतिक स्वार्थ के दृढ़ संकल्प होना चाहिए। यह पानी भी ऐसे रास्ते से आएगा की न पंजाब के किसानों को कोई क्षति होगी ओर न हरियाणा को उसके भाग में कमी आएगी।*

यह रास्ता सुझा रहे हैं “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” के अध्यक्ष अडवोकेट जितेंद्र्नाथ। उन्होने आज यहाँ प्रैस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि उन्होने एसवाईएल नहर के पानी को भाखड़ा डैम से हरियाणा तक लाने का शांति व सद्भाव से मार्ग तलाशने के लिए विस्तार से अध्ययन किया। उन्होने जो मार्ग तालाश किया उससे न तो पंजाब के किसानों को कोई एतराज़ होगा ओर न ही हरियाणा के किसानों के हक़ में कोई कटौती होगी। अगर सरकार ने उनके द्वारा सुझाए हुए मार्ग के रास्ते एसवाईएल का पानी लाने के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं कि तो आगामी 28 अगस्त से शुरू करके करीब 4 महीने तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित कि जाएंगी ओर 1 दिसम्बर 2018 को दिल्ली के जंतर मंत्र पर प्रदर्शन करके प्रधान मंत्री को ज्ञापन सोनपा जाएगा।

उन्होने बताया अगर केंद्र की भाजपा सरकार वास्तव में एसवाईएल के पानी कि समस्या का हल चाहती है तो भाखड़ा डैम से हिमाचल के रास्ते बद्दी होते हुए पिंजौर के साथ से पंचकुला के पास टांगरी नदी से पानी जनसुई हैड तक लाया जा सकता है। उन्होने एक डॉक्यूमेंटरी के मधायम से एसवाईएल के वर्तमान हालात व उनके सुझाए गए रस्तों को दिखते हुए बताया कि जनसुई हैड से आगे नहर का काम पूरा हो चुका है।  भोगोलिक दृष्टि से देखें तो भाखड़ा डैम से वाया हिमाचल हरियाणा कि सीमा मात्र 67 किलोमीटर दूऋ पर है जबकि पंजाब के रास्ते हरियाणा सीमा कि दूरी 156 किलोमीटर पड़ती है।

अडवोकेट जातींद्र्नाथ ने बताया कि उनकी “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” ने जो रास्ता सुझाया है उस रास्ते में पड़ने वाली हिमाचल प्रदेश की ज़मीन पहाड़ी व वीरानी है ओर सरकारी भी है जिसको हिमाचल सरकार बड़ी आसानी से दे सकती है। यहाँ उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा डैम का पानी भी तेज़ बहाव से नीचे कि तरफ आता है जिससे बिजली बनाई जाती है। भाखरा डैम से विद्युत उत्पादन के बाद यह पानी सतलुज नदी में गिरता है। हिमाचल में सतलुज नदी 11 किलोमीटर तक बहती है जिसमें कहीं पर भी एसवाईएल को जोड़ कर पानी लाया जा सकता है। समुद्र तल से सतलुज नदी का लेवल वहाँ पर 1203 फीट है, पंचकुला में 1000 फीट  और अंबाला  में 900 फीट व जनसुई हैड तक 823 फीट समुद्र ताल से ऊंचाई है। कहने का भाव यह है कि सतलुज नदी से लेकर जनसुई हैड तक एसवाईएल का पानी सरपट दौड़ता हुआ आएगा।

उन्होने बताया कि कि ऐसे में यदि एसवाईएल का निर्माण पंजाब के बजाए हिमाचल से सीधा करवाते हैं तो प्रदेश सरकार को खर्चा भी अधिक वहन नहीं करना पड़ेगा ओर पुनर्वास कि समस्या भी नहीं आएगी। इस रास्ते से हरियाणा में पानी लाये जाने से 1100 मेगावाट बिजली भी बनाई जा सकती है ओर प्रदेश वासियों को उनके हक का पानी भी मिल जाएगा, दक्षिणी हरियाणा की पानी की कमी से जूझती बंजर होती जा रही भूमि सिंचित हो जाएगी। दक्षिण हरियाणा का किसान पिछले करीब 43 साल से एसवाईएल के पानी का इंतज़ार कर रहा है। वहाँ का भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है, खेत व जोहड़ की बात तो दूर पीने का पानी तक खारा हो गया है। ख़राब भूमिगत पानी पीने से लोगों में कैंसर जैसी भयानक बिमारियाँ फैलने लगीं हैं।

उन्होने हरियाणा के पंजाब से अलग होने पर एसवाईएल के पानी के मुद्दे पर अभी तक सत्ता में आए सभी राजनैतिक दलों द्वारा मात्र राजनीति किए जाने का आरोप लगाया। सर्वोच्च नयायालय के निर्णय के बावजूद राजनैतिक दलों ने ऐसे हालात पैदा कर दिये है कि अगर पंजाब के रास्ते जबरन एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाया जाता है तो पंजाब के भोलेभाले किसान राजनेताओं के बहकावे में आ कर कोई अवांछित कदम उठा सकते हैं। दोनों प्रदेशों के लोगों में रोटी बेटी का नाता है ओर यहाँ के जवानों का राष्ट्र कि सीमा पर और क्षेत्र के किसानों का राष्ट्र के अन्न भंडार में भरपूर योगदान रहा है। ऐसे में “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” चाहती है कि किसी भी कीमत पर हरियाणा व पंजाब के बीच सामाजिक सद्भाव व प्रेम खत्म नहीं होना चाहिए।

फोटो: राकेश शाह

कभी कांग्रेस तो कभी आईएनएलओ ओर भाजपा सरकारें मामले को सर्वोच्च नयायालय में लंबित बता मुद्दे को लटकती आ रहीं हैं॥ पिछले दिनों सर्वोच्च नयायालय ने अपने फैसले में कहा है कि एसवाईएल नहर बनानी चाहिए  ताकि ब्यास नदी का अतिरिक्त पानी दक्षिणी हरियाणा की प्यासी भूमि को मिल सके। यहाँ यह बात उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने यह बिलकुल नहीं कहा कि यह पानी पंजाब के रास्ते ही आना चाहिए, या यह पानी हिमाचल के रास्ते नहीं आना चाहिए।

जितेंद्र्नाथ ने बताया कि उनकी समिति द्वारा तैयार किए गए ‘वैकल्पिक’ जल मार्ग का खाका बना कर उन्होने 8 जनवरी 2017 को हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री, राज्यपाल व हिमाचल प्रदेश की सरकार को दिया था, जिसका अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सरकारों के मंसूबों को भाँप कर सर्वोच्च नयायालय में एक जनहित याचिका दायर की, कि नयायालय केंद्र एवं राज्य सरकारों को समिति द्वारा सुझाए गए जल मार्ग को प्रशस्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सके, इस मांग को नयायालय ने अपने कार्यक्षेत्र के बाहर कि बात कह कर समिति को सरकारों के द्वार खटखटाने के लिए कहा।

जितेंद्र्नाथ ने कहा कि एसवाईएल मामले पर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा उदासीन रवैये के चलते वह अपने वैकल्पिक जल मार्ग का रास्ता जनता के बीच ले कर आए हैं ताकि प्रदेश की जनता को साथ लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इसके लिए उनकी समिति पूरे हरियाणा में 28 अगस्त से जागरूकता अभियान चलाएगी ओर करीब चार महीने तक गाँव, ब्लाक, कालेज व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को एसवाईएल के पानी के महत्व व सरकार द्वारा इस मुद्दे की उपेक्षा के बारे में समझाया जाएगा। बाद में, ‘एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति’ के नेतृत्व में प्रदेश की जनता द्वारा एक दिसंबर 2018 को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर देश के प्रधान मंत्री श्री मोदी को ज्ञापन सौंपा जाएगा जिसमें एसवाईएल का पानी समिति द्वारा सुझाए गए मार्ग से लाने की मांग की जाएगी। इससे पंजाब व हरियाणा के बीच सामाजिक सद्भाव भी बना रहेगा और हरियाणा के किसानों को उनके हक का पानी भी मिल जाएगा।

एडवोकेट जितेंद्र्नाथ ने एसवाईएल नहर के पानी के मुद्दे के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि 29 जनवरी 1955 को पंजाब, राजस्थान व जम्मू कश्मीर के पानी का बटवारा हुआ था। वर्ष 1966 में हरियाणा बनाने के बाद पंजाब के पानी का बंटवारा हुआ था जिसमें हरियाणा को 3.50 मिलियन एकड़ फुट पानी दिया गया था जो एसवाईएल नहर का निर्माण कर दक्षिण हरियाणा कि भूमि को पंहुचना था, उस नहर का निर्माण आज तक नहीं हुआ।इस पर पिछले 43 सालों से पंजाब ओर हरियाणा में विवाद चल रहा है। वर्ष 1990 तक नहर का थोड़ा बहुत निर्माण चलता रहा परंतु 2 जुलाई 1990 को एक मुखी अभियंता, एक अधीक्षक अभियंता व 22 मजदूरों कि गोली मर कर हत्या कर देने के बाद से नहर निर्माण के लिए पंजाब में कोई नहीं गया। वर्ष 1996 में हरियाणा सरकार उच्चतम नयायालय में चली गयी, जिसका फैसला 2002 में आया लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। हम सब जानते हैं कि पंजाब सरकार ने पिछले दिनों नहर कि भूमि के आबंटन रद्द कर नहर कि भूमि किसानों को लौटा दी व पंजाब के किसानों के इंतकाल कार्वा दिये गए।इस हालत में नहर के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन सरकार के पास नहीं है, पंजाब सरकार ने उच्च नयायालय मे शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि पंजाब के पास नहर के पुनर्निर्माण के लिय भूमि नहीं है।

ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों से समिति का अनुरोध है कि दोनों प्रदेशों के भाई चारे व हरियाणा के किसानों के हित को देखते हुए इनके द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक जल मार्ग से एसवाईएल का पानी हरियाणा को दिया जाये

 

Punjab Settlement of Agricultural Indebtedness Bill, 2018 will get introduced in Vidhan Sabha tomorrow


Chandigarh, August 23, 2018:

The Punjab government has decided to streamline the system of money lending to farmers by fixing a limit on the advance on per acre of land, with the rate of interest also to be duly determined by the government.

The state cabinet, at a meeting chaired by Chief Minister Captain Amarinder Singh, has approved the introduction of the Punjab Settlement of Agricultural Indebtedness Bill, 2018, in the Vidhan Sabha session beginning tomorrow.

The Bill, aimed at further relieving the state’s farmers from the vice of debts, proposes a series of measures to protect the interests of the farming community, saving them from the clutches of unauthorized money lenders who charge exorbitant rates to give unlimited amounts as loans.

With the enactment of the Bill, only licensed money lenders will be allowed to advance the money, with lending by others deemed to be illegal. Only these licensed money lenders will be allowed to move the debt settlement forums, which will be headed by Commissioners. The lender would be required to submit proof of the amount lent to the farmer.

It has also been decided to bring down the total number of debt settlement forums from 22, as per the existing Act passed in 2016, to five, according to an official spokesperson. The new forums would be constituted at the divisional levels. This would help in ensuring a more systematic approach to handling farm debt cases.

The decision to amend the existing law on farm loans has been taken to curb the growing trend of agricultural indebtedness, resulting in mismatch between the prices of agricultural inputs and minimum support price of agricultural produce. The farmers raise loans from both institutional and non-institutional resources. However, while the institutional loans are regulated through various special legislations governing the institutions providing such loans, non-institutional loans are largely unregulated having no mechanism for redressal of grievances of debtor.

In the light of this, the Government has thus enacted the Punjab Settlement of Agricultural Indebtedness Act, 2016 which provide a framework for regulation and settlement of agricultural debts.

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की उम्र में निधन


वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर का निधन, 1 बजे लोधी घाट में होगा अंतिम संस्कार


नई दिल्ली: भारतीय पत्रकारिता जगत के अहम चेहरा रहे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 साल की उम्र में आज निधन हो गया. बताया जा रहा है कि कुलदीप नैयर बीते तीन दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे. काफी समय में से उनकी सेहत बहुत खराब थी. बुधवार की रात करीब साढ़े बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. आज दोपहर एक बजे लोधी रोड पर स्थित घाट में अंतिम संस्कार होगा.

बता दें कि कुलदीप नैयर कई किताबें लिख चुके हैं. कुलदीप भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य करने के बाद वे यू.एन.आई, पी.आई.बी., ‘द स्टैट्समैन’, ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे थे. वे पच्चीस वर्षों तक ‘द टाइम्स’ लन्दन के संवाददाता भी रहे हैं.

गौरतलब है कि पत्रकारिता की दुनिया में कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड भी दिया जाता है. 23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने प्रदान किया था. कुलदीप नैयर अगस्त, 1997 में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.

शुरुआती दिनों में कुलदीप नैय्यर एक उर्दू प्रेस रिपोर्टर थे. वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक थे और उन्हें भारतीय आपातकाल (1 975-77) के अंत में गिरफ्तार किया गया था. वह एक मानवीय अधिकार कार्यकर्ता और शांति कार्यकर्ता भी रहे हैं. वह 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे. 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था, अगस्त 1997 में राज्यसभा में नामांकित किया गया था. वह डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम और ऐप-एड लिखते रहे.

Amarinder Wants Kartarpur Corridor Opened For Sri Guru Nanak Dev Ji Anniversary , Writes to Sushma for Intervention


Chandigarh, August 22, 2018 :

Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh has sought the personal intervention of External Affairs Minister Sushma Swaraj in seeking access from the Pakistan government to enable devotees to visit the historic Gurudwara Sahib in Kartapur on the 550th birth anniversary of Sri Guru Nanak Dev ji.

In a letter to the Union Minister, the Chief Minister has urged Sushma to take up the matter with her counterpart for having the corridor from the International Border to Kartarpur opened for the duration of the celebrations. “This will allow the faithful to pay their respects at the Gurudwara Sahib in Kartarpur,” said Captain Amarinder, pointing out that Kartarpur is located across the river Ravi at a distance of around 4 kms from the International Border near Dera Baba Nanak in Gurdaspur district.

The Chief Minister noted that the 550th Birth anniversary of the first Guru, who breathed his last in Kartarpur, is being observed in November 2019. He pointed out that one of the historical demands of the Sikh community has been to have access to the revered Gurudwara Sahib in Kartarpur. “The Government of Punjab has been requesting Government of India time and again for taking up the matter with the Government of Pakistan for a corridor from the International Border to Kartarpur,” he added.

Captain Amarinder further observed that in pursuance of the long-standing demand, former Prime Minister Dr. Manmohan Singh had made an announcement to this effect at Amritsar on 1st September 2004 on the occasion of the 400th Anniversary of Prakash Utsav of Guru Guru Granth Sahib ji. He had reiterated the same during his subsequent visits to the State in 2005 and 2006. However, despite best efforts this has not materialized, said the Chief Minister, urging Sushma to make personal efforts in the matter.

400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में आज हुई सुनवाई

अजय कुमार

पंचकुला 22 अगस्त 2018:

400 साधुओ को नपुंसक बनाने के मामले में सीबीआई जज कपिल राठी की कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस मामले के मुख्य आरोपी गुरमीत राम रहीम विडिओकोंफ्रेंस से पेश हुए जबकि आरोपी डॉक्टर पंकज गर्ग प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हूए।

आज इस मामले में गवाहियां शुरू हुईं, मामले में शिक़ायतकर्ता हंसराज की गवाही हुई जो अगली सुनवाई में भी जारी रहेगी।

आज सुनवाई के दौरान राम रहीम ने कोर्ट में बेल एप्लिकेशन लगाई जिस पर 23 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।

मामले में आरोपी पंकज गर्ग ने भी विदेश जाने के लिए कोर्ट में इजाज़त मांगी इस पर भी फैसला अगली सुनवाई को होगा।

मुख्य मामले की सुनवाई 4 सितबर को होगी।

बता दें कि फतेहाबाद निवासी हंस राज चौहान की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि डेरे में रहने वाले साधुओं को सब्जबाग दिखाए गए थे कि नपुंसक बनने वाले साधुओं को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह ईश्वर के दर्शन करवाएंगे। आरोप है कि गुरमीत राम रहीम और उसके साथियों ने 400 साधुओं को झांसा देकर नपुंसक बना दिया था। याचिकाकर्ता ने कहा था कि वह भी इन साधुओं में से एक था। उनका जीवन नर्क बन गया है। याची ने कहा था कि वर्ष 1990 से वह डेरे से जुड़ा हुआ था। वर्ष 2000 में ईश्वर के दर्शन करवाने के नाम पर उसके साथ करीब 20 साधुओं को नपुंसक बना दिया गया। इससे उनके शरीर में हारमोनल बदलाव आ गए हैं। लोग उन्हें नपुंसक कहकर छेड़ते हैं।

साधु ने कर ली थी आत्महत्या
याचिका में विनोद कुमार नामक साधु का उदाहरण देकर कहा गया कि विनोद ने सिरसा कोर्ट कांप्लेक्स में आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि वह नपुंसक है। याचिका में दावा किया गया है कि इस तरह 400 साधु डेरे में हैं।

 Over the legal notice served Jakhar claimed that it was an effort to choke the voice of democracy

Photo & News By Rakesh Shah

 

Punjab Congress chief and Gurdaspur MP Sunil Jakhar has received a legal notice from Reliance group after he recently spoke in Parliament on the Rafale deal.
Showing a paper model of the aeroplane, Jakhar had reportedly said that his areroplane-making skills were better than the industrialist’s.

 

Photo & News By Rakesh Shah

Reacting to the notice from Reliance on speaking on the alleged irregularities in the Rafale deal, Jakhar said he stood by his statement and would fight on the issue till the last.
He claimed that it was an effort to choke the voice of democracy.

आशीष के इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल पर कुमार विश्वास का तंज, बोले- बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया


आम आदमी पार्टी अभी अपनों से जूझ रही है. पत्रकार से नेता बने आशुतोष के बाद एक और नेता आशीष खेतान ने पार्टी से इस्तीफा दिया है.


नई दिल्ली: 

आम आदमी पार्टी अभी अपनों से जूझ रही है. पत्रकार से नेता बने आशुतोष के बाद एक और नेता आशीष खेतान ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. आशीष खेतान ने आशुतोष के साथ ही 15 अगस्त को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. आशीष के इस्तीफे के बाद एक बार फिर से आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद के जरीवाल पर तंज कसा है. कुमार विश्वास ने आशीष खेतान के इस्तीफे को एक और आत्मसमर्पित क़ुरबानी का नाम दिया है.

आप नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर के माध्यम से एक कविता साझा किया किया है. जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है और यह बताया है. कुमार ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को आसन तक पहुंचाने में सबने योगदान दिया. बता दें कि इससे पहले जब आशुतोष के इस्तीफे की खबर आई थी, तब भी कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला था.

सब साथ चले, सब उत्सुक थे, तुमको आसन तक लाने में !
कुछ सफल हुए ‘निर्वीर्य’ तुम्हें यह राजनीति समझाने में !
इन आत्मप्रवंचित बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया ?
जो शिलालेख बनता उसको अख़बार बनाकर क्या पाया ? 

(एक और आत्मसमर्पित क़ुरबानी)

कुमार विश्वास ने एक और ट्वीट किया और लिखा हम तो चंद्र गुप्त बनाने निकले थे, हमें क्या पता था चंदा गुप्ता बन जाएगा.

गौरतलब है कि इस्तीफे की बात पर आशीष खेतान ने ट्वीट कर कहा- मैं अभी पूरी तरह से लीगल प्रैक्टिस पर ध्यान दे रहा हूं और इस वक्त सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हूं. बता दें कि पूर्व पत्रकार और AAP नेता आशीष खेतान 2014 में नई दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं और दिल्ली सरकार के दिल्ली डायलॉग कमिशन के उपाध्यक्ष रहे हैं. लंबे समय से पार्टी के कामों में शामिल नहीं हो रहे थे. मगर अब वह वकालत के पेशे से जुड़ गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक आशीष दोबारा नई दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली सीट खाली पड़ी है. सीट कोई मुद्दा नहीं है. वैसे सूत्र बता रहे हैं कि खेतान इस्तीफ़ा दे या ना दें लेकिन फिलहाल वो वैसे भी पार्टी और राजनीति की बजाय लीगल प्रैक्टिस में लगे हैं.

285 arrested during Haryana Police campaign against drugs

Haryana Police have registered 174 cases and arrested 285 people during last three and half months period under a special campaign ‘Prabal Prahar’ being carried out against drug peddlers in Sirsa district.

While stating this on Tuesday, a spokesman of Police Department said large quantity of narcotic substance including 3.700 kilogram (kg) heroin,14.368 kg opium, 24.340 kg ganja, over 1548 kg of poppy husk and doda post, over 1.58 lakh restricted drug pills, 24,390 intoxication capsules and 1004 restricted injections were recovered by the police during this period.

He said that following the directives of Director General of Police, BS Sandhu to tighten the noose around the criminals and antinational elements, Haryana Police is taking strict action to completely curb smuggling of narcotics especially in the bordering areas with Rajasthan and Punjab.

Sandhu also congratulated the police personnel for the wonderful work done for freeing the district of drug menace.

Apart from taking stern action against drug smugglers, he said that Police is also making aware the general public about the ill effects of drug addiction.

People of the district, social organisations, youth clubs and panchayat representatives have also been urged to join this campaign and ensure more involvement, so that a completely drug-free and crime-free society could be established.

The spokesman said that stern action being undertaken by Haryana Police against drug peddlers in the state especially in Sirsa district are now being appreciated by other states too in the northern region.

During the first regional conference held in Chandigarh on Monday, seven states agreed to set up a permanent secretariat in Panchkula for constant monitoring of crackdown on drug peddlers.

Convened by Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar the conference was attended by Punjab CM Amarinder Singh, Uttarakhand CM TS Rawat while Himachal Pradesh CM Jai Ram Thakur participating through video conference.

Representatives of Rajasthan, Delhi and Union Territory Chandigarh also attended the conference. Meanwhile, in yet another crackdown on drug peddlers, Haryana Police today arrested five persons after 30 gram heroin and 3300 banned capsules were recovered from them in district Sirsa.

पंचकुला पुलिस द्वारा गिरफ्तार 3 आरोपी जमानत पर रिहा

अजय कुमार

पंचकूला 21 अगस्तः-

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बतलाया कि पुलिस थाना सैक्टर-14 पंचकूला की टीम द्वारा अभियोगांक 110 दिनांक 20.08.2018 धारा 148, 149, 323, 324, 506, 307 भा0द0सं0 के तहत आरोपी अजय पुत्र लाल चन्द वासी मकान न0 719 राजीव काॅलोनी सैक्टर-17 पंचकूला को विधिपूर्वक गिरफतार किया गया। आरोपी को आज दिनांक 21.08.2018 को पेष अदालत करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया। तफतीष जारी है।
2. पुलिस थाना चण्डीमंदिर की टीम द्वारा अभियोगांक 234 दिनांक 20.08.2018 धारा 323, 506, 34 भा0द0सं0 के तहत आरोपी

1. विरेन्द्र सिंह पुत्र करण वासी गांव खटौली चण्डीमन्दिर, पंचकूला

2. अमन पुत्र राजकुमार वासी गांव खटौली चण्डीमन्दिर, पंचकूला

3. राजकुमार पुत्र रत्न सिंह वासी गांव खटौली चण्डीमन्दिर, पंचकूला को विधिपूर्वक गिरफतार किया गया। आरोपियों को आज दिनांक 21.08.2018 को पेष अदालत किया गया। जहां माननीय न्यायलय द्वारा आरोपियों को बरजमानत रिहा किया गया। तफतीश जारी है।