सेक्टर 11 के हुक्का बार पर रेड

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आज सेक्टर 11 के बैकयार्ड कैफ़े में ड्रग्स और हेल्थ डिपार्टमेंट कि रेड हुई. हुक्का, पनीर इत्यादि के सैंपल भरे गए. यह सब काम पुलिस कि उपस्थिति में किया गया.

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सत्ता में रहते हुए पागल है विज़ साहब ,सत्ता से जाने के बाद क्या हाल होगा: भुक्कल

अनिल विज द्वारा विधानसभा में हुड्डा को पागल कहे जाने पर भी बोली भुक्कल कहा,”सत्ता में रहते हुए पागल है विज़ साहब ,सत्ता से जाने के बाद क्या हाल होगा”?

गीता भुक्कल यहीं नहीं रुकीं उन्होंने आगे पूछा ,”विधानसभा में नशा करके आते है क्या विज साहब”
भुक्कल ने आगे कहा,” विज को शोले का गब्बर बनने का ज्यादा शौक चढ़ा है, लेकिन विज़ साहब भूल रहे है शोले के गब्बर का क्या हाल हुआ था.”

फिर गीता भुक्कल ने मुख्यमंत्री खट्टर पर निशान साधा, कहा,” मुख्यमंत्री जी विधानसभा में रहते है मौन, मुख्यमंत्री खट्टर जी को बस हुड्डा साहब की रथ यात्रा सपने में दिखती है”

करन दलाल को निलंबित करने पर भी बोली भुक्कल,कहा, “एकतरफा कार्यवाही हुई है, लोकदल व बीजेपी के विधायक विधानसभा में साठ गाठ करके आते है”

अपना क्रोध जाहिर करते हुए गीता ने कैप्टन अभिमन्यु को भी नहीं बख्शा कहा,” वित्त मंत्री अभिमन्यु हमेशा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं, मुझे शक है कि अभिमन्यु पूर्व सैनिक रहे भी है या नही?”

सुभास बराला ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के निर्णयों पर चर्चा से अवगत करवाया

भाजपा विधायक दल कि बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने बताया कि 28 अक्टूबर के बदले 1 नवम्बर को होगी और इसमें प्रधान मंत्री श्री मोदी जी को भी निमंत्रण दिया गया है

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यसमिति कि बैठक में हुए फैसलों पर चर्चा हुई और तय हुआ कि 2 से 22 अक्तूबर तक महात्मा गाँधी कि 150वीं जयंती के अवसर पर विधानसभा स्तर के कार्यक्रम होंगे और इनकी ज़िम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं को दी जायेगी .

31 अक्टूबर को सरदार पटेल कि मूर्ती का अनावरण होगा, ‘रन फार यूनिटी’ कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसके लिए विधायकों को अपने अपने क्षेत्र में रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

17 से 25 सितम्बर तक विशेष सप्ताह मनाया जाएगा और विधायकों को प्रधान मंत्री के ‘मन कि बात’ कार्यक्रम सुनाने के लिए भी प्रेरित किया गया.

The Election Commission served show cause notice to Arvind’s AAP


The move comes after report by the Central Board of Direct Taxes on the alleged concealment of donations by the party.


The Election Commission on Tuesday served a show-cause notice on the Aam Aadmi Party seeking an explanation for alleged incorrect disclosures on contributions.

The move comes after report by the Central Board of Direct Taxes on the alleged concealment of donations by the party.

Asking why action should not be taken against the party under Para 16A of the Election Symbol (Reservation & Allotment) order 1968 for failure to follow its lawful directions, the Commission sought its response within 20 days.

“Your representation should reach the office of the Commission within 20 days from the date of receipt of the notice, failing which the matter will be decided on merits based on information available on record,” said the notice.

The AAP submitted the original contribution report for 2014-15 which was received by the EC on September 30, 2015. It had later submitted a revised report on March 20, 2017.

The original report contained a list of 2,696 donors with the total donation amounting to over Rs.37.45 crore and the revised report showed the total amount as Rs.37.60 crore received from 8,264 donors.

Action based on CBDT report

However, a report was submitted to the EC by the Central Board of Direct Taxes in January 2018, “regarding the concealment of donations received by the Aam Aadmi Party (AAP) during Financial Year 2014-15 and other discrepancies…”

The report alleged concealment of donations.

“It is stated that the bank account of the AAP has recorded total credits of Rs.67.67 crore, including Rs.64.44 crore from donations in excess of Rs.20,0001. However, the party has disclosed total income of Rs.54.15 crore from donations in its audited accounts for the year,” said the EC.

Therefore, the report said, it has been held by the Assessing Officer that Rs.13.16 crore have not been accounted for by the party and these donations have been held to be from unknown sources.

विवेकपूर्ण मतदान ही देगा परिपक्व नेतृत्व

स्तुति वैष्णव बीएमसी द्वितीय वर्ष

हमारा देश भारत लोकतांत्रिक देश है। यहाँ सरकारें लोंगो द्वारा चुनीं जाती हैं, हम कई बार निष्पक्ष होकर चुनाव में अपना मत देते हैं, और कई बार चुनिंदा पार्टी द्वारा किये गए कुछ कच्चे दावों में आकर, अपना मत जो बहुत कीमती है, हमारा हक है उसे यूँ ही किसी को भी डाल कर जीता कर व्यर्थ न गवाएं, वोट ही तो है डाल देंगे किसी को भी ये सोच रख कर एक नेता ना चुनें  क्यों कि वो एक नेता ही है जो भारत का इतिहास बदलने में कामयाब हो जाये और कुछ सुनहरी इतिहास लिख दे।
वोट बहुत कीमती है इसका सही प्रयोग करे क्यों कि लोकतंत्र हमसे है ना कि हम किसी पर निर्भर हैं मैं हमेशा खुद के अनुभव रखती हूँ किसी और का उदहारण देने से पहले शुरुआत खुद से ही करनी चाहिए, ” कुछ समय पहले मैं एक पोलिटिकल लीडर से मिली, मैंने देश का नागरिक होते हुए अपने सारी समस्याएं रखी उन्होंने मिलने के लिए समय भी दिया मिले भी बहुत अच्छे से सुना भी बहुत ध्यान से, मुझे कुछ उम्मीद की किरण भी नज़र आई शायद कुछ सहारा मिल जाये पर मुझे ये उम्मीद बिल्कुल नही थी कि वो मुझे कुछ इस प्रकार उत्तर देंगे कि मैं कोशिश करूंगा तुम भी कोशिश करती रहो इतनी जल्दी यह मुमकिंन नही।  अगर उनके लिए ये मुमकिंन नही था तो किसके लिए होगा हम लोगो ने जिन्हें चुना इस लिए जो देश को संभाल सके वो हमसे कोशिश करते रहने को कह कर खुद सियासत की ऐश लूट रहे है मेरे मुददे इतने बड़े भी नही थे कि उन्हें इतना सोचना पड़े या कोशिश करनी पड़े और ऐसा नही है कि मुझे सहारे की जरूरत है या मैं अपनी लड़ाई अकेले नही लड़ सकती पर हमारा देश सिर्फ राजनीति पर निर्भर है यहाँ का हर बड़ा और अहम निर्णय एक नेता ही लेता है,ऐसे सुना मैने बहुत बार  पर सवाल ये नही की फैसला लेता कोन है या किसके द्वारा लिया जाता है सवाल ये है?  हमारा देश लोकतंत्र से चलता है अर्थ ये हुआ लोगों के लिए, लोगों के द्वारा , लोंगो से फिर क्यों जो लोग उन्हें चुनते हैं, जरूरत पड़ने पर उन्हें ही ऐसे बेसहारा सा छोड़ दिया जाता है,पर जो लोग उन्हें चुन कर सत्ता सौंप सकते हैं, वो लोग उन्हें गिरा भी सकते हैं। कमजोर कोई नही होता पर हमने जिन्हें देश सौंपा है उनका कोई कर्तव्य नही आम जनता के प्रति आपस मे मार काट करके क्या हासिल होगा ? कुर्सी पर बैठने से पहले सब भाई, बहन, माँ होते हैं कुर्सी मिलने के बाद वो भाई बहन  माँ बोझ से लगते हैं कही अब कोई काम न करवाना पड़ जाए, सत्ता मिलने पर हम ऊंची ऊंची प्रेस कॉन्फ्रेंस रैली में भारी भारी शब्दो का प्रयोग कर सबको इतना यकीन दिला देते हैं हम तुम्हारे हैं तुम्हारे साथ हैं , पर ये साथ कुछ देश के लिए देश के नागरिकों के लिये अपने भारत के लिए सोचे तो सत्ता सौंप कर हमें भी खुशी होगी, आपस की झड़प छोड़ देश का सोचे तो शायद हमारे देश के नौजवानो को वीजा लगवा कर बाहर का मुंह नही देखना पड़ेगा जो आवाज उठाता है उसकी आवाज को हमेशा के लिए दबा दिया जाता है, ये सत्ता का खेल ही कुछ ऐसा है मैं ये नही कहूंगी पार्टी डिबेट खत्म कर दें पर वो बहस एक दूसरे को नीचा दिखाने की जगह अगर किसी नागरिक, हमारे देश के लोगो के हित के लिए होने लगे कि कौन देश के उन्ह मुददों का सुझाव बेहतर देगा कौन उसे लागू करनवाने की पहल करेगा तो “सत्ता” का ये “खेल” बेहद खुदसूरत हो जाएगा। और इस को खेल खेलने और देखने का नज़रिया खुद बदल जाएगा।

प्रदेश में कुल 513 गौशालाएं हैं जिनमें से 500 पंजीकृत और 13 अपंजीकृत गौशालाएं हैं: धनखड़

चंडीगढ़, 11 सितंबर:

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में कुल 513 गौशालाएं हैं जिनमें से 500 पंजीकृत और 13 अपंजीकृत गौशालाएं हैं।

यह जानकारी आज यहां विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक श्री जगबीर सिंह मलिक द्वारा इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में दी।

इन गौशालाओं में रखे गए गौवंश की कुल संख्या 366398 है जिनमें से 321848 गौवंश की टैगिंग की गई है। जिला अम्बाला की 9 गौशालाओं में रखे गए 5573 गौवंश में से 5318 गौवंश की टैगिंग की गई है। इसीप्रकार, जिला भिवानी की 37 गौशालाओं में रखे गए 18948 गौवंश में से 16480, जिला चरखीदादरी की 13 गौशालाओं में रखे गए 4464 गौवंश में से 3598, जिला फरीदाबाद की 6 गौशालाओं में रखे गए 4628 गौवंश में से 3083, जिला फतेहाबाद की 54 गौशालाओं में रखे गए 30259 गौवंश में से 28318, जिला गुरुग्राम की 16 गौशालाओं में रखे गए 18554 गौवंश में से 17921, जिला हिसार की 51 गौशालाओं में रखे गए 41248 गौवंश में से 40131, जिला झज्जर की 9 गौशालाओं में रखे गए 16009 गौवंश में से 14702, जिला जींद की 35 गौशालाओं में रखे गए 35469 गौवंश में से 24583, जिला कैथल की 17 गौशालाओं में रखे गए 20152 गौवंश में से 18004, जिला करनाल की 21 गौशालाओं में रखे गए 13530 गौवंश में से 12677, जिला कुरुक्षेत्र की 24 गौशालाओं में रखे गए 8728 गौवंश में से 7637, जिला नारनौल की 22 गौशालाओं में रखे गए 16075 गौवंश में से 13782, जिला मेवात की 12 गौशालाओं में रखे गए 5719 गौवंश में से 4860, जिला पानीपत की 22 गौशालाओं में रखे गए 14584 गौवंश में से 14307, जिला पंचकूला की 11 गौशालाओं में रखे गए 4281 गौवंश में से 3778, जिला पलवल की 13 गौशालाओं में रखे गए 5693 गौवंश में से 5383, जिला रेवाड़ी की 6 गौशालाओं में रखे गए 3705 गौवंश में से 2529, जिला रोहतक की 10 गौशालाओं में रखे गए 18043 गौवंश में से 15514, जिला सिरसा की 104 गौशालाओं में रखे गए 44272 गौवंश में से 38520, जिला सोनीपत की 23 गौशालाओं में रखे गए 33583 गौवंश में से 28123 और जिला यमुनानगर की 8 गौशालाओं में रखे गए 2881 गौवंश में से 2600 गौवंश की टैगिंग की गई है।

इसके अतिरिक्त, पशु विभाग द्वारा पंचकूला में चलाए जा रहे पशु चिकित्सा केन्द्र या पॉली क्लीनिक और उनमें पशुओं की गई कुल ओपीड

सभी छात्र संगठनों ने एक मंच पर आकर , प्रत्यक्ष चुनाव की उठाई मांग

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कोरल

चंडीगढ़, 11 सितम्बर:

प्रदेश में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति(एनएसयूआई-इनसो-एसएफआई-जीबीएसएसओ-दिशा छात्र संगठन आदि) छात्र संगठनों ने 11 सितम्बर को विधानसभा का घेराव किया।आंदोलन शालीमार चौंक से हजारो छात्रो के साथ शुरू हुआ और विधानसभा की ओर कूच किया।इस आंदोलन में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा , इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला व एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज भट्टी , जीबीएसएसओ , दिशा छात्र संगठन आदि भी अपने संगठन के छात्रो को आंदोलन में लाए।

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विधानसभा घेराव का प्रस्ताव इनसो, एसएफआई और एनएसयूआई के आह्वान पर चंडीगढ़ में संयुक्त छात्र संगठनों की बैठक में हुआ था और सभी छात्र संगठनों ने प्रत्यक्ष सहमति जताते हुए मंच साझा किया था। गत दिनों एमएलए होस्टल में हुई बैठक में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव संघर्ष समीति का गठन भी किया गया था। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि अब राज्य सरकार के विरुद्ध सभी छात्र संगठन एक मंच से प्रत्यक्ष चुनाव कराने की लड़ाई लड़ रहे है जिसका सबूत प्रत्यक्ष चुनावो के लिए सभी छात्र संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित विधानसभा घेराव ने दे दिया है।

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ज्ञापन सौंपने के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आज जॉइंट कमेटी का प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर प्रोटेस्ट हुआ,जिसमे सभी छात्र संगठन एकजुट नजर आए। दिग्विजय ने कहा कि एबीवीपी उन लोगों का संगठन है जो नागपुर संघ कार्यालय के आर्डर पर चलता है और एबीवीपी को हरियाणा के हितों से कोई वास्ता नही। साथ ही दिग्विजय ने एबीवीपी को मोलिस्ट लोगों का संगठन करार दिया। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय ने कहा कि सरकार निककरधारियों को पदों पर बिठाना चाहती है, जो कतई मंजूर नहीं और सरकार को एकजुटता के आगे झुकना होगा और प्रत्यक्ष चुनाव करवाने होंगे।

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एनएसयूआई की ओर से बोलते हुए प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि राजनैतिक मतभेदों और गतिरोधों के बावजूद छात्रों के हकों के लिए आवाज बुलंद करना ही प्रत्यक्ष छात्र संगठन का दायित्व बनता है। सरकार अप्रत्यक्ष चुनावो को प्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष चुनावो को अप्रत्यक्ष तौर पर करवा रही है।मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव की प्रणाली को बदल कर प्रत्यक्ष कर दिया तो छात्र संघ चुनाव जोकि प्रत्यक्ष होने चाहिए उन्हें अप्रत्यक्ष कर दिया।यदि सरकार ने जल्द प्रत्यक्ष चुनाव कराने के लिए आदेश जारी नही करे तो एक बड़ा क्रांतिकारी आंदोलन किया जाएगा।बुद्धिराजा ने कहा कि एबीवीपी को इस प्रदर्शन में आने के लिए निमंत्रण दिया था, शायद सरकार के दबाव के चलते वे नहीं आये।

प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति के संयोजक व एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज भट्टी ने कहा कि 13 सितम्बर-14 सितम्बर 2018 को बैठक करके क्रांतिकारी फैसला लिया जाएगा।

छात्र नेताओं ने कहा कि हरियाणा में करीब 22 साल बाद होने वाले छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर नहीं कराए गए इसलिए सभी छात्र संगठनो ने एक प्रदेशव्यापी आंदोलन खड़ा कर विधानसभा का घेराव किया है। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन से पहले प्रदेश स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में सभी छात्र संगठनों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के नाम साझा ज्ञापन वाइस चांसलर्स को सौंपा गया और जब सरकार यह मांग नहीं मानी इसलिए विधानसभा का घेराव किया गया।साथ ही अब भी मांग नही मानी गई तो वह यह संघर्ष जारी रखेंगे।

आन्दोलन में हिस्सा लेने वालों में मुख्य तौर पर इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला,एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा,एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष से शहनवाज, एनएसयूआई से प्रताप , शुभम,हरजीत,हरदीप,मोहित, इनसो से अनिल धूल,जसविंदर खेरा,एसएफआई से शहनवाज ,सुमित,जीबीएसओ से सुमित व दिशा छात्र संगठन से इंदरजीत सिंह ,आसिफ,प्रिंस आदि भी शामिल थे।

प्रत्यक्ष चुनावों को लेकर छात्र संघों द्वारा प्रदर्शन

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चंडीगढ़, 11 सितम्बर:

हरियाणा में छात्र संघ चुनाव करवाये जाने को लेकर विभिन छात्र संघो द्वारा संयुक्त प्रदर्शन किया गया। हरियाणा के विभिन्न छात्र संगठन विधानसभा घेराव के लिए पंचकूला से चंडीगढ़ निकले, लेकिन चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर चंडीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेटिंग कर रोक दिया गया और उसके बाद वाटर कैनन की बौछारें की। प्रदर्शन में इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा और अन्य छात्र संगठन शामिल हुए। प्रदर्शन की अगुवाई इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने की। सभी छात्र संगठनों की मांग थी की हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से करवाया जाए, जिसको लेकर छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन पंचकूला के तहसीलदार को सौंपा, वहीँ इस प्रदर्शन में एबीवीपी से कोई नही पहुंचा।

तहसीलदार वीरेंद्र सिंह ने छात्र संगठनों द्वारा दिये गए ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

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ज्ञापन सौंपने के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आज जॉइंट कमेटी का प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर प्रोटेस्ट हुआ,जिसमे सभी छात्र संगठन एकजुट नजर आए। दिग्विजय ने कहा कि एबीवीपी उन लोगों का संगठन है जो नागपुर संघ कार्यालय के आर्डर पर चलता है और एबीवीपी को हरियाणा के हितों से कोई वास्ता नही। साथ ही दिग्विजय ने एबीवीपी को मोलिस्ट लोगों का संगठन करार दिया। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय ने कहा कि सरकार निककरधारियों को पदों पर बिठाना चाहती है, जो कतई मंजूर नहीं और सरकार को एकजुटता के आगे झुकना होगा और प्रत्यक्ष चुनाव करवाने होंगे।

 

हरियाणा एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने छात्र संघ को प्रत्यक्ष रुप में करवाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में 4 साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री ने छात्र संघ चुनाव का फैसला लिया है, जिसका उनके द्वारा स्वागत भी किया गया, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव उन्हें मंजूर नही। बुद्धिराजा ने कहा कि आज हरियाणा में मेयर के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से करवाए जा रहे हैं लेकिन छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाना चाहती है जिस के विरोध में आज में प्रदर्शन किया है। बुद्धिराजा ने कहा कि एबीवीपी को इस प्रदर्शन में आने के लिए निमंत्रण दिया था, शायद सरकार के दबाव के चलते वे नहीं आये।

Why Captain Chooses 10 September as state holiday?

The Sacred scripture

Adi Granth: literally means “the first book.” This is the early compilation of the Sikh Scriptures by Guru Arjan Dev Ji, the fifth Sikh Guru, in 1604. This Granth (Book) is the Holy Scripture of the Sikhs. The tenth Sikh Guru, Guru Gobind Singh Ji added further holy Shabads to this Granth during the period of 1704 to 1706. Then in 1708, before taking leave for his heavenly abode, Guru Gobind Singh Ji affirmed the Adi Granth as the perpetual Guru of the Sikhs and the Granth then became known as the Sri Guru Granth Sahib Ji.

Important Milestones

  • 30 August 1604: Completion of Adi Granth

Please see Sri Guru Granth Sahib for full details

The original copy of the scripture, called Adi Granth, compiled and authenticated by Guru Arjan Dev still exists today and is kept at Kartarpur which is a town about 15 km. north west of the city of JalandharPanjabIndia. This is the only Holy Scripture in the world which was written by the founders of the religion during their lifetime. All other holy scriptures were completed after their founders had left for their heavenly abodes. Further, this is the only holy scripture that can be considered a “universal Granth” because it contains the hymns of both Hindu and Muslim saints.

 

Now the question rises when we don’t found any other day(Hindu or Islamic calendar date) how come Captain Amrinder Singh CM Punjab declares 10 September instead of 1st September. or there is something else which he might like to share with general masses.

Why he chooses 10th September??? Can any one please ……….

Answer is so simple people of Punjab will remain busy in Gurudwaras and enjoying sudden holiday for no reason and no one will ask him for his contribution in Rahul’s cause.

कांग्रेस के भारत बंद से जनता परेशान

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भारत बंद की असलियत ये थी की मंच पर नेता तो दिखे लेकिन जनता गायब थी. कहीं कहीं तो हालात ऐसे थे कि जनता से ज्यादा मंच पर नेता नज़र आए

व्यापारिक प्रतिष्ठानों को धमका कर बंद करवाया गया.


 

कांग्रेस और विपक्षी दलों के भारत बंद को पूरी तरह से विफल करार देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विपक्षी दलों के भारत बंद से देश की जनता को परेशानी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि देश की जनता को पता है कि तेल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से जुड़ी हैं और तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में कमी की है, जिसके कारण तेल की कीमतें बढ़ी हैं.

तेल की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि कई बार तेल की कीमतें बढ़ी हैं, तो कम भी हुई हैं. सरकार की नीति और नीयत साफ है. सरकार कोशिश में लगी हुई है. जल्द से जल्द देश की जनता को राहत मिलेगी. तेल सस्ता होगा. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पूछा कि जहानाबाद की उस मासूम बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन है, जिसकी जिंदगी भारत बंद की वजह से चली गई.

कांग्रेस समर्थकों का अहिंसक और शान्ति प्रिय प्रदर्शन

बंद को जनता का समर्थन नहीं

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सहयोगी दलों के भारत बंद को जनता का समर्थन नहीं मिला. इसी से हताश होकर बंद समर्थकों ने जगह जगह हिंसा की और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ उग्र प्रदर्शन किया.

उन्होंने कहा कि भारत बंद की असलियत ये थी की मंच पर नेता तो दिखे लेकिन जनता गायब थी. कहीं कहीं तो हालात ऐसे थे कि जनता से ज्यादा मंच पर नेता नज़र आए. विपक्षी पार्टियां बंद के लिए मंच पर इकट्ठा नहीं हुई थी, बल्कि सबकी नजर दिल्ली की सत्ता पर लगी है. लेकिन विपक्ष का ये सपना पूरा होने वाला नहीं है. हुसैन ने विश्वास व्यक्त किया कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी क्षणिक है और इस समस्या का हल जल्द निकलेगा.