मोरनी में 26 अक्तूबर को सांय 5 बजे रात्रि ठहराव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा

मोरनी/पंचकूला 25 अक्तूबर:
जिला प्रशासन द्वारा मोरनी खण्ड के गांव मांधना के राजकीय वरिष्ट माध्यमिक विद्यालय में लोगों की समस्याओं की सुनवाई एवं समाधान के लिए 26 अक्तूबर को सांय 5 बजे रात्रि ठहराव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त मुकुल कुमार करेंगें।
     इस संबध में जानकारी देते हुए जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी उत्तम ढालिया ने बताया कि दरबार में खाद्य एवं  पूर्ति विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, कृषि विभाग, बागवानी, पशु पालन, जनस्वास्थ्य विभाग, बिजली वितरण निगम, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं एवं स्कीमों की जानकारी के स्टाल लगाए जाएगें।  इस रात्रि ठहराव कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निदान किया जाएगा। वही नागरिकों विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा इस मौके पर सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं उपलब्धियों को दर्शाने वाली डॉक्यूमैंट्री फिल्म भी दिखाई जाएगी।

गेहूं की एक ही किस्म की बिजाई न करके दो या तीन किस्मों का चुनाव करना चाहिए: डॉ वंदना

पंचकूला, 25 अक्तूबर:
कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला द्वारा जिला के अंतर्गत पडऩे वाले गांव रिहोड़ में किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन में गांव के सरपंच सहित प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केन्द्र इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर करता रहता है ताकि  कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा अनुमोदित कृषि प्रौद्यौगिकी  को किसानो तक पहुंचाया जा सके। यह समय रबी फसलों की बिजाई का है तथा इस समय यदि किसानों को गेहूं, सरसों व अन्य फसलों के बारे में उचित जानकारी होगी तो निश्चित ही फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।
प्रशिक्षण शिविर में केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ0 वंदना ने गेहूं की नवीनतम किस्मों जैसे ए.डी. व एच.डी. 2967, डब्ल्यू.यू. 1105, एच.डी. 3086 आदि की बिजाई करने की सलाह दी। इसके साथ-साथ इस बात पर भी बल दिया गया कि गेहूं की एक ही किस्म की बिजाई न करके दो या तीन किस्मों का चुनाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि किसान खादों का अंधाधुंध प्रयोग न करके भूमि जांच के आधार पर करें। जमीन में जैविक कार्बन की मात्रा में सुधार के लिए फसल अवशेषों को जमीन में ही मिलाएं तथा जमीन की कार्बन:नाईट्रोजन अनुपात  को सही रखने के लिए यूरिया की सिफारिशशुदा मात्रा की एक तिहाई मात्रा बिजाई के समय डालें। खरपतवार नियंत्रण करना भी एक महत्वपूर्ण पहलु है। गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए जमाव से पहले प्र्रयोग करने वाले खरपतवार नाशकों का प्रयोग करने की सलाह दी। इसके लिए स्टा प नामक दवा की 1500 मि0ली0 दवा को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर बिलाई के तुरंत बाद फलैट कैन नोजल छिडक़ाव करें। इस छिडक़ाव से लगभग 70 प्रतिशत खरपतवारों का नियंत्रण हो जाता है।
केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 राजेश लाठर ने फसल विविधिकरण को अपनाने का आह्वान किया तथा फल-फूल एवं सब्जियों की काश्त करने की सलाह दी ताकि किसानों की आय में बढोतरी हो सके। डॉ0 गुरनाम सिंह ने फसलों पर होने वाले आय-व्यय का ब्यौरा रखने व सरकार द्वारा वित संबंधी सहायता की जानकारी रखने की आवश्यकता बताई। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 गजराज ने फसल अवशेष प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि मृदा स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है और अवशेष मिट्टी में मिलाने से इसमें सुधार होता है।

पंचकुला में निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए तनाव प्रबंधन और सॉफ्ट कौशल विकास विषय पर एकदिवसीय कोर्स का आयोजन किया गया

पंचकूला, 25 अक्टूबर :
हरियाणा गुप्तचर विभाग (सीआईडी) द्वारा पुलिस लाइन, पंचकुला में निजी सुरक्षाकर्मियों के लिए तनाव प्रबंधन और सॉफ्ट कौशल विकास विषय पर एकदिवसीय कोर्स का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर एडीजीपी सीआईडी श्री अनिल कुमार राव ने अतिथि वक्ताओं व अन्य प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक पुलिसकर्मी अपने दायित्व की प्रकृति और प्राप्त प्रशिक्षण के कारण तनावपूर्ण परिस्थितियों से एक अलग रुप से निपटने की क्षमता रखता है।
  पुलिसकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रकाश डालते हुए श्री राव ने अतिथि वक्ताओं से कहा कि वे सरल एवं आसान तकनीक के माध्यम से उन्हें तनाव व क्रोध आदि का सामना करने बारे अवगत कराएं।
  एक दिवसीय कोर्स में वक्ताओं के एक पैनल को आमंत्रित किया गया था। शुरुआती सत्र में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर शालिनी सिंह ने आवेग,  आक्रामकता प्रबंधन व भावनात्मक विषयों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने प्रश्नावली और सरल मानसिक अभ्यास के माध्यम से कर्मियों के साथ भी बातचीत की। यह एक महत्वपूर्ण सत्र था क्योंकि प्रोफेसर शालिनी सिंह व्यक्तिगत व्यक्तित्व के गुणों को समझने में सक्षम हैं।
  इस सत्र के बाद श्री रवि शंकर के साथ रहने वाले आर्ट ऑफ लीविंग के विशेषज्ञ श्री राजीव बत्रा ने बातचीत के माध्यम से वर्तमान में मानसिक खुशहाली के महत्व को समझाया।
अतिथि वक्ताओं में पुलिस आयुक्त, पंचकुला, श्रीमती चारू बाली, जो 1995 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, ने अपने जीवन से व्यावहारिक उदाहरण प्रतिभागियों के साथ साझा किए। उन्होंने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर और विश्वास के साथ सौंपा कार्य करने पर ध्यान केंद्रित करके तनाव का सामना करने की बात की। उन्होंने भागवत गीता का भी जिक्र किया और बताया कि गीता ने उन्हें कैसे प्रेरित किया।
  आखिरी वक्ता श्री अमित बेरीे, जो एक ध्यान विशेषज्ञ और वैदिक चिकित्सक हैं, ने पुलिस कर्मियों के साथ सरल मानसिक अभ्यास किया और उन्हें दिन के व्यस्त कार्यक्रम से ध्यान और व्यायाम करने के लिए कुछ समय निकालने के लिए पे्ररित किया
   इस कोर्स से हरियाणा पुलिस बल के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण बनकर सामने आया। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले पुलिसकर्मी अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए अपने जीवन को खतरे में डाल कर महत्वपूर्ण स्थानों पर कर्तव्यों का पालन कर रहे थे।
  बाद में, मीडिया से बातचीत करते हुए, एडीजीपी सीआईडी श्री अनिल कुमार राव ने कहा कि यह पुलिसकर्मियों के साथ एक महत्वपूर्ण सत्र था और इस तरह के कार्यक्रम निरंतर जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी मनोबल के साथ कठिन से कठिन चुनौतियो का सामना करने के लिए तैयार है।
   इस अवसर पर आईजी मुख्यमंत्री उडऩदस्ता श्री राजिंदर सिंह, डीआईजी इंटेलिजेंस श्री सतेन्द्र गुप्ता, एसपी इंटेलिजेंस श्री राजेश कलिया, डीएसपी मुख्यालय श्रीमती पूर्णिमा सिंह और डीएसपी सीआईडी, श्री सुरिंदर वत्स भी मौजूद थे।

भ्रष्टाचार पर पूर्ण लगाम लगाना एक चुनौती है परंतु जन जागरण के माध्यम से जनता के सहयोग से हम इस पर पूर्णत अंकुश लगा सकते हैं: खट्टर

पंचकूला, 25 अक्तूबर:
हरियाणा के  मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि पिछले चार वर्षों में वर्तमान सरकार ने सरकारी कार्यालयों में सूचना प्रोद्यौगिकी का अधिक से अधिक उपयोग कर राजकाज करने के तौर-तरीकों को बदलकर काफी हद तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर प्रदेश में भाई-भतीजावाद, जातिवाद व क्षेत्रवाद को समाप्त कर, एक नई राजनैतिक संस्कृति तथा आर्थिक शुचिता सृजित की है। इसके फलस्वरूप प्रदेश के विकास की दिशा व स्वरूप बदला है, जिस पर जनता ने अपनी मौहर लगाई है।
मुख्यमंत्री आज सेक्टर-1 स्थित रेड बिश्प में सरकार के चार वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में बेमिसाल चार साल रखा सबका ख्याल विषय पर हरियाणा केबिनेट के सभी मंत्रियों व अधिकारियों के साथ एक प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने  चार वर्षों के दौरान किसानों, कर्मचारियों , खिलाडिय़ों ,युवाओं, सैनिकों, श्रमिकों तथा समाज के हर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों के बारे विषयवार विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिन आशाओं व अपेक्षाओं से लोगों ने चार वर्ष पूर्व भाजपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता सौंपी थी, उस पर हमने खरा उतरने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सेवा भावना के साथ एक टीम के रूप में कार्य कर रही है, हम सत्ता भोगने के लिए नहीं आए बल्कि जन सेवा को सर्वांपरि मानकर कार्य कर रहे है।
 उन्होंने कहा कि हालांकि भ्रष्टाचार पर पूर्ण लगाम लगाना एक चुनौती है परंतु जन जागरण के माध्यम से जनता के सहयोग से हम इस पर पूर्णत अंकुश लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वे सख्त से सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कटाक्ष करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि पहली नवंबर, 2013 की गोहाना रैली में इतनी घोषणाएं कर दी थी कि अधिकारी भी पीछे हटकर कहने लगे की इतना तो बजट ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केवल वहीं घोषणाएं करते हैं, जिन्हें पूरा करना संभव है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले चार वर्षों में 6800 घोषणाएं की हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी हंै या पूरी होने वाली हैं, जबकि पिछली कांगे्रस सरकार के 10 साल के कार्याकाल में 6500 घोषणाएं की थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी ने 176 चुनावी वायदे किये थे, जिनमें से 160 पूरे हो चुके हंै। उन्होंने कहा कि 1 नवम्बर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन 2,000 रुपये मासिक होने के साथ ही हमारा एक ओर चुनावी वायदा पूरा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों के लिए सरकार के पास पर्याप्त फण्ड उपलब्ध है। वर्ष 2014 में प्रदेश का बजट लगभग 61 हजार करोड़ रुपये का था, जो वर्ष 2018-19 में एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी वित्त वर्ष का बजट वर्ष 2014 के बजटï से दोगुना होगा। पिछली सरकार के बिजली निगमों पर लगभग 28 हजार करोड़ रुपये के ऋण को सरकार ने अपने खातों में लिया है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली के बिलों में दो रुपये प्रति यूनटि की दर से कमी की गई है। इसके बावजूद भी बिजली निगमों की चारों कंपनियां भी  पहलीबार लाभ में आई है।
उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से हरियाणा को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता सर्वेक्षण-2018, सौर ऊर्जा, खुले में शौच से मुक्त प्रदेश तथा डिजिटिलाइजेशन में कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि तालाबों के पानी का उपयोग सिंचाई व अन्य कार्यों में करने के लिए हरियाणा तालाब प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसके तहत प्रदेश के 14 हजार तालाबों के पानी को उपचारित कर अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जायेगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हमें आने वाली पीढिय़ों को ध्यान में रख कर कार्य करना चाहिए। उन्हें अच्छे संस्कारों के साथ-साथ स्वच्छता, पर्यावरण जैसे कार्यों से जोडऩा चाहिए। वन महोत्सव के अवसर पर छठी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए पौधगिरी कार्यक्रम के तहत 21 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था जबकि 30 सितंबर तक बच्चों द्वारा 24 लाख पौधे लगाये गये।
मुख्यमंत्री ले कहा कि लम्बे समय से विवादों में रहे कुण्डली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे को पिछले चार वर्षों में न केवल पूरा किया है  बल्कि इस एक्सप्रेस-वे के दोनों और दिल्ली से भी बड़ा क्षेत्र विकसित किया जाएगा और इस मार्ग के दोनों और विश्व स्तरीय अत्याधुनिक मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित पंचग्राम से पांच शहर विकसित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 11 पत्रकारों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना  के अन्तर्गत आयुष्मान भारत  हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा  कार्ड  भी वितरित किए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री  ने अपने मंत्रिमण्डल सहयोगियों के साथ चार साल वर्षों की उपलब्धियों पर  बेमिसाल चार साल रखा सबका ख्याल पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर शिक्षामंत्री श्री राम बिलास शर्मा, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि एवं कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार,, उद्योग मंत्री श्री विपुल गोयल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी,जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्यमंत्री डॉ. बनवारी लाल, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री नायब सिंह सैनी, सांसद रतनलाल कटारिया, पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता और कालका की विधायक श्रीमती लतिका शर्मा, मुख्य सचिव श्री डी.एस ढेसी, सूचना जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेश श्री सुमीर पाल सरो,मीडिया सलाहकार  श्री राजीव जैन, पंचकुला के उपायुक्त श्री मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवार के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

Police File

DATED

25.10.2018

One arrested for consuming liquor at public place

One case U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh against one person who was arrested while consuming liquor at public place. Later he bailed out.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Action against Gambling/Satta

Chandigarh Police arrested Lalit Kumar Mandal R/o # 1668, near inner Maszid, Burail, Chandigarh while he was playing satta near New Labor Chowk, Sector-44, Chandigarh on 24.10.2018. Total cash Rs. 310/- was recovered from his possession. A case FIR No. 386, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-34, Chandigarh. Later he was bailed out. Investigation of the case is in progress.

One arrested under NDPS Act

Crime Branch of Chandigarh Police arrested Abhishek R/o # 3603, Bhaskar Colony, Sector-25, Chandigarh near turn, Govt. Toilet, Sector-25, Chandigarh and recovered 30 Injections of Buprenorphine and Pheniramine Meleate from his possession. A case FIR No. 318, U/S 22 NDPS Act has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

Sh. Ajay Kumar R/o # 1089/2, Sector-39/B, Chandigarh reported that unknown person stolen away 5 water taps, 1 angle walve, 2 wash basins and 1 wash basin mixer from his residence on 23.10.18. A case FIR No. 419, U/S 380 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

 

MV theft

Sh. Saurav R/o # 2555/2, Sector-44/C, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Honda City Car No.CH-01BL-6214 while parked near Gurudwara, Sector-34, Chandigarh. A case FIR No.385 has been registered in PS-34 Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Suspected IB sleuths held outside Alok Verma’s residence in Delhi


We are verifying their identity, says Home Ministry


Four men, allegedly belonging to the Intelligence Bureau, were held outside the official residence of CBI director Alok Verma in the early hours on Thursday.

Mr. Verma who was stripped of all official functions a day ago, was present at the 2 Janpath bungalow, when his personal security officers spotted a suspicious white colour car parked in a lane opposite the house.

All the four were held by the PSOs and apprehended for questioning. The Delhi police was also informed about the suspected persons.

An official present at the bungalow claimed that the persons belonged to the Intelligence Bureau (IB). “We have obtained their ID cards, CGHS card and Aadhar card. Their identities will be verified with their concerned department. They have been handed over to local police for further questioning,” said a police official.

The officer refused to comment whether the ‘IB officers’ were purportedly snooping on Mr. Verma.

When contacted, a senior Home Ministry official said, “we are verifying if they belonged to the IB.

Mrs. Tourism Pageant 2018 Philippines

Photo by Ranjeet Singh Ahluwalia, Story by Purnoor

 

Mrs. Tourism Pageant Delegates Were Presented to the People from the Press (Oct. 21, 2018) Manuel Resort Municiplaity of Pinan, Zamboanga Del Norte.

Congratulations! Mrs. New Zealand Melany Andrea Silva Ramirez (Darling of the Press) •

MANUEL RESORT – THE OFFICIAL RESIDENCE FROM OCTOBER 19 TO 21 •

DAKAK PARK BEACH RESORT – OFFICIAL RESIDENCE FORM OCTOBER 22 TO 29, 2018 •

MRS. TOURISM 2018 HAS 5 MAJOR TITLE

1. MRS. TOURISM GLOBE

2. MRS. TOURISM EARTH

3. MRS. TOURISM INTERNATIONAL

4. MRS. TOURISM WORLD

5. MRS. TOURISM UNIVERSE

 

The international winners of Mrs. Tourism will be the face and voice of the pageant’s advocacy to stop racial discrimination while at the same time promote her own personal social platform. As such, each winner will be tagged as “ The Mother Who Cares for the World.” #MrsTouriamPageant2018 #Mtp2018 #pageantry #pageantrymagazine #pageantryInternational #allaboutpageants

Festive season: New Zealand all set to glitter

Feature by Purnoor

 

Most films and even daily soaps feature Karva Chauth as an important ritual and tradition. It comes as surprise because of marriage, as an institution has huge prominence in India. This year, Karva Chauth happens to be on 27th October 2018. 

Karva Chauth is incomplete without Sargi. In fact, Sargi is synonymous with this festival as it highlights the deep-rooted love and respect in the Indian families. Sargi is a pre-dawn meal provided by the mother-in-law to her daughter-in-law before Karva Chauth.

Karva Chauth Sargi comprises of sweet and salty snacks such as Matthi, mithai, dry fruits and some gifts. Baya is followed by Sargi. Like Sargi is a gift from the mother-in-law, the Baya is sent by the girl’s mother. These gifts mark the importance of this occasion as the girl fasts for the life longevity of her husband.

Indians abroad celebrate and rejoice the festival in their own way Ranjeet Singh Ahluwalia has come up with a photo feature of the celebrations organised in NewZealand by Rainbow Ladies Club.

Indians away from home still highlight their culturally alive spirits.

 

 

 

ego clashes of Verma with Asthana, irreparably damages CBI

तुमसे पहले जो शख्स यहाँ तख्त-नशीन था  

उसको भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यकीन था 

(The man who sat on this throne before you was equally convinced of being God)

Urdu couplets often have a unique way expressing baser human impulses. This particular couplet quite aptly describes CBI director Alok Verma, who seemed to have entertained a delusion of holding an office bigger than the whole system.

He will go down in the history of the Indian Police Service (IPS) as the man who destroyed a critically important institution. Not that his juniors like Rakesh Asthana and AK Sharma were any less culpable, but, unlike the Central Bureau of Investigation (CBI) chief, they did not harbour delusions of being gods. Look at the manner in which the trouble began in CBI, with a petty ego clash that snowballed into one of the biggest administrative crises the Narendra Modi government has faced. It started with the induction of chosen officers in the CBI by different groups within the agency. CBI special director Asthana pitched for certain individuals while director Verma wanted his own nominees to fill the vacancies. The obvious implication was that officers were not selected on the basis of competence but by personal preferences. Verma’s choices were not inducted, apparently at the intervention of Asthana.

File image of Alok Verma. Getty images

File image of Alok Verma.

The fight that began with this one-upmanship turned into a full-fledged internecine war with another much-maligned agency, the Enforcement Directorate(ED), joining in support of Verma. Asthana’s name began to figure in a mysterious diary recovered in a probe and it began circulating among various activists-turned-lawyers who have made a business out of PILs in courts. Asthana hit back in his own way by ferreting out details of dubious deals which apparently implicated his director and a host of other officials.

Without going into the merits and veracity of the charges and counter-charges (which will be scrutinised in the court of law), there is no doubt that officers in the CBI and ED operated exactly like gangs of criminals. And, prima facie, the mendacity and treachery involved in the case surpasses even the standards of the underworld. The manner in which officials have been dragging each other’s family members in their accusations is outright obnoxious. And Verma not only let this happen but was complicit – ignoring the fact that this was destroying the very institution he presided over.

What compounds Verma’s misdoings is his deliberate indiscretion in the recent past; look at the manner in which he gave audience to Arun Shourie and Prashant Bhushan who approached him to seek an investigation into the Rafale deal. Given the history of the CBI, the director has never personally entertained any complaint which is political in nature. In essence, Verma was apparently fortifying his position with the help of Shourie and Bhushan in the event of an administrative action against him. He was conscious of the fact that the CVC was seized of the issues of corruption against him and has initiated action. His meeting with Shourie and Bhushan was calculated to pre-empt any action by the government against him. That the story conformed to the premeditated script is evident in the manner in which the opposition started targeting the government on the Rafale deal after Verma’s forced vacation.

There is no doubt that Verma has earned a name for himself as the first CBI director restrained from entering the headquarters of the agency he headed. But it would be wrong to assume that the denouement came suddenly.

On the other hand, the terminal decline of the CBI began about three decades back, during the Rajiv Gandhi era, when the agency was used to settle political scores. If one has any doubt, one should recall the lurid details of the diary of slain badminton star Syed Modi’s wife, Amita Modi, leaked deliberately by the CBI investigators to the media. The CBI indulged more in character assassination than solving the crime. As a result, the Syed Modi murder still remains a mystery. The agency’s investigation into the Bofors pay-off yielded nothing for decades on end except manipulation by officials to serve the interests of their political masters. There are umpteen instances when the CBI manipulated evidence and planted witnesses to take the case in a particular direction. Apparently, this overt criminality on the part of CBI investigators has been not only consistently overlooked but actively encouraged by those assigned to play the leadership role in the agency. It suited a depraved political executive to have a corrupt and pusillanimous federal investigating agency that meekly kowtows to the political masters.

In this context, there are no tears that need to be shed for the exit of Verma or Asthana who fell prey to encouraging a criminal culture. The charges against Asthana appear very flimsy. It is inconceivable that such a weak FIR could have been filed against its own special director without clearance from the director. Verma has displayed hardly a sign of sagacity as a leader and sided with officials with dubious integrity to carry on the ego clash like a street fight. The denouement of his actions has invariably ruined the institution irreparably.

स्वामी सानंद (जी डी अग्रवाल) के बलिदान की स्मृति में और संत गोपाल दास के तप के लिए सामूहिक प्रार्थना

गंगा-भक्त स्वामी सानंद (जी डी अग्रवाल)

गंगा की आस्था-पवित्रता बनाए रखने के लिए गंगा-भक्त स्वामी सानंद (जी डी अग्रवाल) ने 111 दिन अनशन के बाद शरीर का त्याग कर दिया. गंगा भक्त के इस बलिदान के स्मृति में और संत गोपाल दास (121वां दिन अनशन) के तप के लिए 21 अक्टूबर दिन रविवार को उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में सामूहिक प्रार्थना, यज्ञ-हवन, आरती, सभा इत्यादि का आयोजन हो रहा है. लखनऊ में भी गांधी प्रतिमा हज़रतगंज पर शाम 4 से 6 सामूहिक प्रार्थना किया गया. इसमें शहर के दर्जनों गणमान्य नागरिक शामिल हुए.

आलोक ने कहा कि गंगा केवल नदी नहीं है यह भारतीय सभ्यता संस्कृति का तप है, मूल है जो आस्था पर टिकी है. गंगा पर संकट का मतलब पूरी भारतीय सभ्यता संस्कृति पर संकट से है. अतहर ने गंगा पर जी डी अग्रवाल का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. पूरा समाज एकजुट होकर जी डी अग्रवाल की इच्छा को पूरा करेगा. संतोष परिवर्तक ने गंगा और उसके लिए हो रहे बलिदानों पर स्वलिखित कविता सुनाई. कार्यक्रम में लाल बहादुर राय, इमरान, नायब इमाम टीले वाली मस्जिद, उषा विश्वकर्मा, आफरीन, मोहित, प्रदीप पाण्डेय, हरिभान यादव इत्यादि लोग शामिल हुए.

ऐसा लगता है कि सरकार ने तय कर लिया है कि वह प्रत्यक्ष उदाहरण से अंग्रेजी राज के जुल्मों की याद दिलाएगी। चंडीगढ़ पीजीआई में भी संथारा की घोषणा कर चुके संत गोपाल दास जी पर प्रशासन के अत्यचार जारी हैं। 18 अक्टूबर की आधी रात में पीजीआई पहुंचाए गए संत गोपालदास जी ने फिर से एलोपैथिक ट्रीटमेंट न लेने का अपना प्रण दोहराया साथ ही कहा कि यदि सरकार को बहुत जरूरी लगे तो यूनानी या आयुर्वेद चिकित्सा कर सकती है। उनकी देखभाल के लिए बनी पीजीआई मेडिकल टीम ने इस सब पर अपनी रिर्पोट बनाते हुए सन्त जी को दिल्ली एम्स रेफर करने की सलाह दी। लेकिन पीजीआई के निदेशक ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन एक बड़े अमले के साथ पीजीआई पहुंचा, सन्त जी के सहयोगियों को बाहर किया और फोर्स फीडिंग शुरू कर दी। सन्त जी ने यथाशक्ति इसका विरोध करते हुए अपनी नाक में ठूंसी गई नली निकाल कर बाहर फेंक दी। इसके बाद प्रशासन ने उनके दोनों हाथ ही बांध दिये। अस्पताल में उपस्थित सूत्रों के अनुसार सन्त जी के साथ पहले से ही हरिद्वार से चार पुलिस कर्मियों की ड्यूटी थी अब चंडीगढ़ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगा दी है। एक 40 किलो वजनी कृशकाय हो चुके सन्त के साथ यह व्यवहार सरकार के डर की गहराई ही दर्शाता है। -राजेश बहुगुणा