15 को मुख्यमंत्री को दिखाएंगे काले झंडे : विजय बंसल
सेब मंडी के विरोध में करेगे प्रदर्शन , काले झंडे दिखाकर करेंगे स्वागत
सेब मंडी क्यो, उद्योग क्यो नही
पिंजोर:
एचएमटी में 15 नवम्बर को सेब मंडी की आधारशिला रखने के लिए मुख्यमंत्री आ रहे है जिसके विरोध में एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सभी विपक्षी दलों के नेता,कार्यकर्ता व एचएमटी के कर्मचारी काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने बताया कि देर शाम एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति की एक बैठक पिंजौर में हुई जिसमें सर्वसमिति से निर्णय लिया गया कि सरकार के सेब मंडी लगाने के तानाशाह फैसले के विरोध में काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।बन्सल ने बताया कि सेब मंडी को न लगाने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है जिसमे मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार,मुख्य प्रशासक हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड,चेयरमेन HSIIDC , अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार इंडस्ट्रीज व कामर्स विभाग आदि को कानूनी नोटिस भेज दिया गया है व यदि कार्यवाही न हुई तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।विजय बंसल ने बताया कि हजारो की संख्या में संघर्ष समिति काले झंडे दिखाकर अपना रोष व्यक्त करेगे।
बैठक में विजय बंसल संरक्षक एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति, कांग्रेस प्रदेश महासचिव मनवीर गिल, सतिंदर टोनी पूर्व पार्षद , दीपांशु बंसल राष्ट्रीय संयोजक एनएसयूआई आरटीआई व मीडिया सेल , दिनेश वाल्मीकि, दीनानाथ शर्मा पूर्व जिलाध्यक्ष इनेलो, नायब , चंचल, सतपाल , बलबीर रेतगढ़िया,रूपचंद, बब्बल,बबली शर्मा आदि ने सम्भोधित कर आगामी रणनीति बनाई।
सन 1962 में तत्कालीन मुख्यमंत्री, संयुक्त पंजाब स्व प्रताप सिंह केरोंन ने एचएमटी को उद्योग लगाने के लिए 846 एकड़ भूमि निशुल्क दी थी।अब 27 अकटुबर 2016 को एचएमटी ट्रेक्टर प्लांट बन्द कर दिया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने 24 अकटुबर 2018 को सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर एचएमटी में सेब मंडी लगाने का निर्णय लिया है।विजय बंसल ने मांग करी है कि सेब मंडी न लगाकर ,नया उद्योग लगाया जाए।23 दिसम्बर 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय मे व राज्य हरियाणा सरकार ने 30 मई 2018 को एचएमटी के मामले को सुलझाने के लिए विशेष बैठक कर प्रदेश व देश की जनता को ठगने का काम किया।बैठक में निर्णय लिए गए कि केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति देदी है कि एचएमटी 446 एकड़ जमीन का कब्जा हरियाणा सरकार को दे जिसमे 297 एकड़ पर HSIIDC , 62.54 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पूरी कीमत एचएमटी को देगी व बकाया 149 एकड़ की 60 प्रतिशत रकम जमा करवाएगी।बंसल ने बताया कि सरकार व एचएमटी इस जगह पर उद्योग लगाने की बजाय , 100 एकड़ भूमि में फल व सेब मंडी लगा रही है जिससे न तो प्रदेश सरकार को कोई आय होगी, न ही किसी युवा को रोजगार मिलेगा व जनता का 100 करोड़ खुर्द बुर्द करने का काम कर रहे है।पंचकूला में सेब मंडी का प्रोजेक्ट फेल साबित हुआ है और वहां के निवासियों की दुर्गंध की शिकायत की वजह से इसे बदलकर पिंजोर व आसपास की जनता को सेब की दुर्गंध देने के लिए जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।इस क्षेत्र में किसानो द्वारा सेब की पैदावार भी नही है।33 एकड़ जमीन रेलवे द्वारा एक्वायर का मुआवजा,18 एकड़ एनएचआई व कौशल्या डैम द्वारा अधिकृत जमीन का मुआवजा भी एचएमटी को देने का निर्णय लिया।इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि सेब मंडी पहले से पंचकूला,परवाणू,सोलन , चंडीगढ़ में स्थापित है।हरियाणा में सेब पर पहले 4 प्रतिशत मार्किट फीस थी जोकि अब शून्य हो चुकी है वही , चंडीगढ़ में 2 प्रतिशत मार्किट फीस है।हरियाणा में मार्किट फीस न होने से सरकार को आय न होकर नुकसान होगा।
बंसल ने आरोप लगाया है कि एचएमटी व सरकार की मिलीभगत से पहले एचएमटी को बन्द किया गया,अब सरकार द्वारा जमीन को एचएमटी को दिया गया,फिर जमीन को खुर्द बुर्द करने के लिए अपर्याप्त व गैर संबंधित प्रोजेक्ट्स को लगाने के लिए स्वीकृति दी गई और प्रदेश की जनता के पैसे को बर्बाद करने के लिए व कॉरपोरेट मित्रो को फायदे पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया।भाजपा के देश व प्रदेश में शासन के 4 वर्ष पूरे हो गए है जोकि पूरी तरह विफल साबित हुए है।एक तरफ जहां सरकार मेक इन इंडिया व स्किल्ड इंडिया की बात करती है वही विश्वस्तरीय भारतीय उत्पादों व उद्योगों को बंद करने में कोई कसर नही छोड़ रही।एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने भाजपा सरकार की 4 वर्ष कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है, केंद्र में हरियाणा से सम्बंधित 6 मंत्री है व राज्य में शिवालिक क्षेत्र से 4 मंत्री-10 विधायक है जबकि स्थानीय विधायक व सांसद भाजपा से है , परन्तु एचएमटी को बचाने में तथा भाजपा के चुनावी वायदों को पूरा करने में सभी विफल साबित हुए है।
इसके साथ ही तथ्यों के आधार पर बंसल ने यह भी कहा कि सेब मंडी लगने से कितने स्थानीय युवाओ को रोजगार मिलेगा,सरकार को कितनी आय होगी व स्थानीय व्यापार कितना बढेगा।बंसल ने कहा कि सेब मंडी लगने से दुर्गंध होगी-दरअसल ,पंचकूला में जब सब मंडी लगाई गई थी तब वहां आबादी नही थी अब जब वहां आबादी होगई है तो उसे स्थानांतरित करने के लिए एचएमटी को विकल्प बनाया जा रहा है जिससे पिंजोर वासियो समेत गार्डन के पर्यटकों पर भी असर पड़ेगा व पिंजोरवासियो को दुर्गंध का शिकार होना पड़ेगा।इस क्षेत्र में सेब की पैदावार तक नही है, हिमाचल आदि से जो भी व्यापारी आता है वह प्लेदार भी अपने लाते है, ऐसे में क्षेत्र के शिक्षित युवाओ को न तो रोजगार मिलेगा व न ही स्थानीय लोगो के लिए व्यापार के साधन।इसके साथ ही बंसल ने बताया कि सेब मंडी का कारोबारी समय केवल 2 माह का होता है,ऐसे में इस क्षेत्र को किसी प्रकार से फायदा नही होने वाला।विजय बंसल के अनुसार यदि सरकार 100 करोड़ खर्चना चाहती है तो सरकार को कोई उद्योग लगाने में क्या परेशानी है?सेब मंडी से केवल जनता के 100 करोड़ बर्बाद करना व एचएमटी की जमीन को खुर्द बुर्द करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है , इस जनविरोधी मनसूबे को किसी भी हाल में पूरा नही होने दिया जाएगा।विजय बंसल के अनुसार यदि सरकार द्वारा सेब मंडी के प्रोजेक्ट को रद्द करने के लिए शीघ्र कोई कार्यवाही नही करी तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।