पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 25 जुलाई 2024
नोटः आज नाग पंचमी व्रत पूजन (राजस्थान व बंगाल) : मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की आराधना करने से, सांपों के लिए भय खत्म हो जाता है। साथ ही कुंडली में कालसर्प दोष खत्म करने के लिए भी नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग देवता के साथ-साथ नागपंचमी पर भोलेनाथ की भी पूजा की जाती है, जिससे उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः श्रावण़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः पंचमी रात्रिः काल 01.59 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद सांय काल 04.17
योग शोभन प्रातः काल 07.48 तक है,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः कुम्भ
राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.43, सूर्यास्तः 07.12 बजे।