पंचांग 23 जुलाई 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 23 जुलाई 2024
नोटः आज से श्री मंगला गौरी व्रत एवं शक श्रावण प्रारम्भ हो रहा है।
श्री मंगला गौरी व्रत : सावन माह के हर मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने पर माना जाता है कि वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की चाह में इस व्रत को रख सकती हैं। मंगला गौरी व्रत के दिन मान्यतानुसार मां गौरी का पूजन होता है।
नोटः आज प्रातः 09.21 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पॉच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः श्रावण़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वितीया दोपहर काल 10.24 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः धनिष्ठा रात्रि काल 08.18
योग आयुष्मान दोपहर काल 02.36 तक है,
करणः गर,
सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः मकर
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.42, सूर्यास्तः 07.13 बजे।