पंचांग, 21 मई 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 21 मई 2024
नोटः आज श्रीनृसिंह जयंती है : इस साल नरसिंह जयंती 21 मई को है। भगवान नरसिंह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं, जिन्होंने हिरण्यकश्यप के वध के लिए अवतार लिया। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती मनाई जाती है।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः वैशाख
पक्षः शुक्ल,
तिथिः त्रयोदशी सांय काल 05.40 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः चित्रा (की वृद्धि है जो कि) मंगलवार को प्रातः काल 05.46 तक है,
योगः व्यातिपात दोपहर काल 12.35 है.
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः तुला,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.31, सूर्यास्तः 07.05 बजे।