पंचांग, 26 अप्रैल 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 26 अप्रैल 2024

नोटः आज सर्वार्थ सिद्धि योग है। सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण वार और नक्षत्र के संयोग से बनता है। जब कुछ नक्षत्र किसी विशेष सप्ताह के दिन पड़ते हैं, तो यह एक योग बनाता है जो किसी भी गतिविधि को करने के लिए शुभ माना जाता है। इस विशेष मुहूर्त को सर्वार्थ सिद्धि योग कहते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः वैशाख 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः  द्वितीया प्रातः काल 07.47 तक है, 

वारः शुक्रवार।

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः  अनुराधा रात्रि काल 03.40 तक हैं, 

योगः वरीयान प्रातः काल 04.19 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः  मेष, चन्द्र राशिः  वृश्चिक, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.49, सूर्यास्तः 06.50 बजे।