पंचांग, 15 नवम्बर 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 16 नवम्बर 2023 :

नोटः आज भ्रात द्वितीया (भाई दूज) यम द्वितीया एवं यमुना स्नान पर्व है। कलम दवात पूजन एवं विश्वकर्मा पूजन है।

भ्रात द्वितीया (भाई दूज) यम द्वितीया एवं यमुना स्नान पर्व : भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।

विश्वकर्मा पूजन : भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जा रही है। इस दिन वर्कशॉप, मशीन, कारखाने, औजार, कार्यस्थल, दुकान आदि छोटे बड़े संस्थान की साफ सफाई कर पूजा अर्चना की जाती है और भगवान विश्वकर्मा से निवेदन किया जाता है। ऐसा करने से उन्नति होती है और मनोकामना पूरी होती है।

कलम दवात पूजन : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज और यम द्वितिया का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन कायस्थ कुल के इष्ट श्री चित्रगु्प्त की भी पूजा की जाती है। इतना ही नहीं इस दिन कलम-दवात और बहीखातों की पूजा का भी विधान है। इस साल चित्रगुप्त की पूजा 6 नवंबर, दिन शनिवार को की जाएगी। चित्रगुप्त भगवान को यमराज का सहयोगी माना जाता है। मान्यता है कि चित्रगुप्त सभी प्राणियों के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। उनकी लेखनी के आधार पर ही लोगों के स्वर्ग और नर्क निर्णय होता है। चित्रगुप्त भगवान को कायस्थ समाज का इष्ट देव माना जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः कार्तिक, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः द्वितीया दोपहर काल 01.48 तक

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः ज्येष्ठा रात्रि काल 03.01 तक है, 

योगः अतिगण्ड दोपहर काल  12.07 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.48, सूर्यास्तः 05.23 बजे।