प्रशासन गो वंश के प्रति संवेदनहीन

प्रशासन गो वंश के प्रति संवेदनहीन , नहीं की जा रही  जांच

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 28अक्टूबर :

तीन वर्ष पूर्व यानि वर्ष  2020 में 27/28 अक्तूबर को हुई लगभग 75 गायों की मृत्यु को प्रशासन और मनसा देवी श्राइन बोर्ड ने गंभीरता से नहीं लिया,  शायद इसीलिए इस मामले में पुलिस जांच की जरूरत नहीं समझी गई । प्रशासन द्वारा गठित 3 सदस्य जांच समिति की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि हरे चारे में हाइड्रोजन सायनाइड पाई गई। गायों की मृत्यु हुई किसी बीमारी से नहीं बल्कि जहर से हुई है।

मनसा देवी गोधाम में इतनी तादाद में पशुओं का मरना कोई साधारण बात नहीं मृत पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फूड प्वाइजनिंग की पुष्टि हुई इस मुद्दे पर पीएफ़ए की अध्यक्ष मेनका गांधी ने उपायुक्त पंचकूला को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाने और जांच करने के इसके अतिरिक्त मनसा देवी श्राइन बोर्ड को भी मामले में उचित कदम उठाने के लिए सिफारिश की।

निशू सिंगल( मुख्य अधिकारी जिला परिषद) , राजकुमार( अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंचकूला), डॉ॰अनिल बनवाला (पशुपालन एवं डेयरी ) की रिपोर्ट के अनुसार पानी चारा रोटी आदि के नमूने लिए गए थे जिन में से चारे में HNC पाया गया ।

रिपोर्ट के अनुसार यह चारा गाँव घडूनां (मोहाली) जगतार सिंह, गाँव जंडपुर (मोहाली )के हरबंस सिंह, खुड्डा लहौरा (चंडीगढ़ )के कुलवंत सिंह और गुरमीत सिंह द्वारा सप्लाई किया जाता है। यह जहरीला पदार्थ भले ही लापरवाही के चलते पशु खुराक में आ गया हो लेकिन कानून आपराधिक मामला दर्ज़ होना जरूरी है। इसी मामले में दुर्गा शक्ति गोरक्षा संगठन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष देवराज शर्मा ने मुख्यमंत्री हरियाणा और उपायुक्त पंचकूला से अपील की है के चारा सप्लायर्स और ट्रस्ट के सदस्यों पर अपराधिक प्राथमिकी दर्ज कर जांच करवाई जाए और बेजुबान पशुओं इस दर्दनाक मृत्यु के दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए।
इस बाबत जब इस संवाददाता ने उपायुक्त सुशील सारवान से संपर्क करने की कोशिश की तो अन्य प्रशसानिक व्यस्तताओं के चलते वह बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
आपको बता दें इस गौशाला के सदस्य क्षेत्र के जाने-माने सामाजिक और राजनैतिक व्यक्तित्व है, जिनमें शहर के वर्तमान प्रथम नागरिक भी हैं ।
कुछ स्वरों का कहना है इस मामले में उचित कार्यवाही न होने के पीछे राजनीतिक लीपापोती भी हो सकती।