पंचांग, 14 अक्टूबर 2023
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 14 अक्टूबर 2023 :
नोटः आश्विनी/महालय अमावस, सर्वपितृश्राद्ध है। एवं शनिवासरी अमावस है। तथा चतुर्दशी एवं अमावस का श्राद्ध, पितृ-विसर्जन, श्राद्ध समाप्त है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः आश्विनी,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः अमावस रात्रि कालः 11.25 तक,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त सांय काल 04.24 तक है,
योगः ऐन्द्र प्रातः काल 10.24 तक,
करणः च्तुष्पद,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः कन्या,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.25, सूर्यास्तः 05.48 बजे।