पंजाब पुलिस ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित जिलों में चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

– मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार पंजाब पुलिस लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

– एनडीआरएफ की 15 टीमें और एसडीआरएफ की दो इकाइयां सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में तैनात, सेना को भी बुलाया गयाः डीजीपी गौरव यादव

– बाढ़ से निपटने के लिए 24 घंटे राज्य नियंत्रण कक्ष; किसी भी आपात स्थिति के दौरान लोग 112 पर कॉल कर सकते हैंः विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला

– पंजाब पुलिस ने बाढ़ के कारण उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिए किए पुख्ता प्रबंध

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : राज्य में लगातार तीसरे दिन की बारिश को देखते हुए, पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों के साथ मिलकर राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव और जल निकासी अभियान तेज कर दिया है। यह जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने आज यहां दी। उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में एसएएस नगर, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर ग्रामीण और पटियाला शामिल हैं।

राज्य में विस्तृत बाढ़ रोकथाम तंत्र सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के बाद, डीजीपी गौरव यादव और विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला व्यक्तिगत रूप से राज्य में बाढ़ की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, जबकि सीपी/एसएसपी को फील्ड में रहकर नियमित अंतराल पर अपने-अपने जिलों में स्थिति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी के लिए कहा गया है।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में जल भराव और निकासी के साथ-साथ बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें और एसडीआरएफ की दो इकाइयां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, रूपनगर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, जालंधर, एसबीएस नगर, एसएएस नगर और पठानकोट सहित जिलों में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की 12 टुकड़ियों को भी बुलाया गया है।

उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के साथ हमारी टीमें बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं।

विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे सक्रिय रूप से काम कर रहा है और संबंधित जिलों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिलों से प्रति घंटे रिपोर्ट ली जा रही है.