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पंचांग, 05 जुलाई 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 05 जुलाई 2023 :

Kajari Teej 2023 : लाइफ पार्टनर से लवली रिलेशन के लिए रखें ये व्रत
कज्जली तृतीया व्रत

नोटः कज्जली तृतीया व्रत है।इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत अच्छे वर की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन माता पार्वती की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और समृद्धि बनी रहती है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (प्रथम शुद्ध), 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया प्रातः काल 10.03 तक है, 

वारः बुधवार।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा प्रातः काल 05.40 तक है, 

योगः वैधृति प्रातः काल 07.47 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः मकर,

 राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.32, सूर्यास्तः 07.19 बजे।