बाहुड़ा यात्रा: भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा संग पहुंचे जगन्नाथ धाम

बाहुड़ा यात्रा हुई संपन्न, बलभद्र और सुभद्रा संग भगवान जगन्नाथ मौसी के घर से लौटे वापस

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 28       जून   :

भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भैया बलराम तीनों अपनी मौसी के यहां से वापस मंदिर गर्भगृह में लोटे। गुंडीचा मंदिर मौसी के घर आराम करने के बाद भगवान जगन्नाथ, स्वामी बलभद्र और भगवती सुभद्रा आज रथारूढ़ होकर जगन्नाथ धाम लोटे। इस यात्रा को बाहुड़ा यात्रा कहा जाता है भगतों ने रथ यात्रा अनुष्ठान में भाग लिया पुष्प की बारिश कर भगतों ने सर्व मंगल की कामना की।

बता दें कि बहुदा यात्रा 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की वापसी का प्रतीक है, जिसे नीलाद्री बीज कहा जाता है। इस दौरान घंटा, झाल, शंख और ‘हरि बोल’ के उच्चारण के बीच देवताओं को गुंडिचा मंदिर से बाहर लाया गया और उन्हें ‘पहंडी’ जुलूस के जरिए रथ पर ले जाया गया।

मौसी गुंडिचा के घर से आज श्रीमंदिर वापस लौटे महाप्रभु, रूठी हुई पत्नी को मनाया-

उत्कल सांस्कृतिक संघ सेक्टर 31 सिथत श्री जगन्नाथ मंदिर के सचिव अनिल मालिक के अनुसार हेरा पंचमी की एक परंपरा में भगवान को ढूंढ़ते हुए देवी लक्ष्मी गुंडिचा मंदिर जाती हैं। यहां किसी बात से गुस्सा होकर भगवान के रथ का एक पहिया तोड़कर श्रीमंदिर चली आती हैं। द्वादशी पर श्रीमंदिर में लक्ष्मी जी के निर्देश से द्वैतापति दरवाजा बंद कर देते हैं फिर भगवान जगन्नाथ लक्ष्मी जी को मनाकर मंदिर में प्रवेश करते हैं।

भक्तों को दर्शन देने के बाद मौसी के घर रुके थे प्रभु-

पारंपरिक कथानुसार भगवान औषधीयुक्त काढ़ा पीकर स्वस्थ होते और भक्तों को दर्शन देने मंदिर से निकलते हैं। इसके बाद देर रात अपनी मौसी के यहां पहुंचते है। यहां भगवान करीब 8 दिनों तक मौसी के घर रहने के बाद वापस जगन्नाथ धाम लौटते हैं।
ज्ञात हो कि  स्नान करने के बाद भगवान बीमार हो गए थे, इसके बाद 20 जून को दर्शन के लिए मंदिर से बाहर निकले थे और भक्तों ने रथयात्रा पर्व मनाया।

निद्रा में रहेंगे भगवान, मांगलिक कार्यों पर ब्रेक-

मौसी के घर से वापस भगवान मंदिर के गर्भगृह में विराजित होंगे। इसके बाद वे निंद्रा में रहेंगे। बता दें कि वे जब तक निंद्रा में रहेंगे मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। इसके लिए उनके उठने का इंतजार करना होगा। भगवान देव उठानी एकादशी के दिन उठेंगे। उसी दिन से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

इस अवसर पर संस्था के प्रधान डा. आर.के.रथो के अलावा उपाध्यक्ष सरोज के.नायक, बराजा किशोर भंजा, सुशांत नायक, महासचिव अरूण कुमार मलिल्लक, ज्वाइंट सेक्रेटरी भाबाग्रही पात्रा, गंगाधर छटोही, बसंत कुमार दास, अनिल कुमार मल्लिक, सूकुमार भूयान, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार पात्रा तथा पीआरओ मनोज कुमार मोहापात्रा आदि विशेष तौर पर मौजूद थे।