ऐश्वर्या यादव के लिए राजनीति में आसान नहीं हैं राहें
क्या ऐश्वर्या राय अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगी? क्या ऐश्वर्या राय का बिहार के छपरा (सारण) सीट से 2019 में चुनाव लड़ने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा? सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल ऐसा ही लग रहा है. आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव की बहू और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय का अगला लोकसभा चुनाव लड़ना संभव नहीं हो सकता, क्योंकि कानूनी तौर पर उनकी उम्र अभी चुनाव लड़ने की नहीं हुई है.
लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की उम्र 25 साल होना जरूरी है. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, ऐश्वर्या की उम्र अभी 23 साल है. अगले साल 10 फरवरी को उनकी उम्र 24 साल ही हो पाएगी. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, ऐश्वर्या राय की मैट्रिक के सर्टिफिकेट के मुताबिक, जन्म तिथि 10 फरवरी 1995 है. ऐसे में वो 10 फरवरी 2020 को 25 साल की हो रही हैं. लिहाजा उसके पहले उनके लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ना संभव ही नहीं है.
हालांकि राजनीतिक गलियारों में पिछले कई महीनों से उनके सारण (छपरा) लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं. लेकिन, फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
दरअसल, लालू परिवार के भीतर पहले से ही सत्ता संघर्ष चल रहा है. परिवार में तीन ध्रुव बन गए हैं. लालू यादव के दोनों बेटों और बेटी मीसा भारती का. लालू यादव ने पहले ही अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दिया है. पहले नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम और फिर सरकार से बाहर होने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर तेजस्वी को लालू ने आगे कर दिया है. आरजेडी कार्यकर्ताओं और नेताओं के भीतर भी यह संदेश दे दिया गया है कि अगला चुनाव जीतने की सूरत में मुख्यमंत्री की कुर्सी तेजस्वी को ही मिलेगी.
लेकिन, दूसरी तरफ, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव रह-रह कर अपनी नाराजगी का अपने ढंग से इजहार करते रहते हैं. तेजस्वी को अर्जुन और अपने-आप को कृष्ण (अर्जुन का सारथी) बताने वाले तेजप्रताप कभी-कभी पार्टी के भीतर अपनी उपेक्षा से नाराज हो जाते हैं. हकीकत तो यही है कि खुद लालू यादव भी पहले तेजप्रताप को राजनीति में नहीं उतारना चाहते थे. लेकिन, बाद में परिवार के भीतर दबाव के बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त उन्हें मैदान में उतार दिया था. तेजप्रताप यादव नीतीश सरकार में मंत्री भी बने थे. फिलहाल विधायक हैं.
लेकिन, अब तेजप्रताप यादव की शादी भूतपूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के परिवार में होने के बाद उनकी भी राजनीतिक हसरतें बढ़ने लगी हैं. खुद के बजाए उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय की राजनीतिक एंट्री की संभावना के चलते परिवार के भीतर सत्ता संघर्ष बढ़ने लगा है.
हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि आरजेडी विधायक और ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय भी लालू यादव की बदौलत अब अपने-आप को राजनीति में जिंदा रखने की कोशिश में हैं. वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेल्लारी का भी मानना है कि ‘चंद्रिका राय ने खुद को राजनीति में अब स्थायी तौर पर स्थापित कर लिया है.’ उनका कहना है कि ‘अपनी बेटी ऐश्वर्या राय में चंद्रिका राय बहुत संभावना देख रहे हैं.’
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बहू ऐश्वर्या राय को लेकर सियासी चर्चा काफी पहले से ही हो रही है. इसी साल 12 मई को लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की ऐश्वर्या राय से शादी हुई है. शादी के बाद से ही उनके चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हो रही है. आरजेडी नेता भी दबी जुबान से ही स्वीकार करते हैं कि ऐश्वर्या की राजनीति में एंट्री तो होगी ही.
ऐश्वर्या राय बिहार के सारण जिले के परसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चंद्रिका राय की बेटी हैं. जबकि दादा दारोगा राय बिहार के मुख्यमंत्री भी थे. राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली ऐश्वर्या की शादी भी बिहार के दूसरे राजनीतिक परिवार में हुई तो अटकलों का बाजर गर्म हो गया था. आरजेडी के कई पोस्टर में उनकी तस्वीरों के सामने आने के बाद तो करीब-करीब साफ हो गया कि आज नहीं तो कल ऐश्वर्या राजनीति के मैदान में कदम तो रखेंगी ही.
लेकिन, ये 2019 में मुमकिन होता नहीं दिख रहा है. हालांकि इस सवाल पर आरजेडी के विधायक और ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान चंद्रिका राय ने कहा कि ‘चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने को लेकर फैसला तो राष्ट्रीय अध्यक्ष (लालू यादव ) को करना है.’ लेकिन, उम्र के सवाल पर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
कहा यह भी जा रहा है कि लालू यादव के बड़े बेटे और चंद्रिका राय के दामाद तेजप्रताप यादव को ‘गाइडेंस’ चंद्रिका राय की तरफ से भी मिल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप यादव की चंद्रिका राय के यहां आना-जाना और राजनीतिक सलाह लेना खूब हो रहा है. परिवार के भीतर तेजप्रताप की राजनीतिक महत्वाकांक्षा का बढ़ना और पत्नी ऐश्वर्या की राजनीति में आने की कोशिश के चलते परिवार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
इसके अलावा बेटी मीसा भारती फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं. लेकिन, उनका भी मन दिल्ली से ज्यादा बिहार की सियासत में ही ज्यादा लगता है. लालू-राबड़ी संतान में सबसे बड़ी होने के चलते उन्हें भी विरासत पर हक ज्यादा बड़ा दिखता है.
लालू यादव को इस बात का एहसास है. सूत्रों के मुताबिक, तभी तो लालू फिलहाल जेल जाने से पहले भी परिवार के भीतर शांति का पाठ पढ़ा कर गए हैं. लेकिन, परिवार के भीतर महत्वाकांक्षा पर लालू का शांति-संदेश कितना कारगर होगा, इसको लेकर अभी प्रश्न-चिन्ह है. फिलहाल लालू परिवार की बड़ी बहू की राजनीतिक हसरत 2019 तक दबी-दबी सी दिख रही है. लेकिन, अगले विधानसभा चुनाव तक चुनाव लड़ने की उम्र होने पर लालू परिवार के भीतर सियासत के नए रंग-रूप देखने को मिल सकते हैं.
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