राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि हम अलग हैं और भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया था। इस पर गोलवलकर गुरुजी ने कहा कि वह हिंदू हैं। ऐसे में हम अगर वसुधैव कुटुंबकम की दिशा में अगर काम कर रहे हैं तो उनके लिए दरवाजे बंद नहीं कर सकते। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि यहां तक कि जिन लोगों ने मजबूरी में गोमांस खाया है, हम उन्हें इस वजह से छोड़ नहीं सकते। हम उनके लिए दरवाजे बंद नहीं करा सकते। यहां तक कि उनकी हम अभी भी घर वापसी करा सकते हैं।
कोरल’पुरनूर’ डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ जयपुर – 02 फरवरी :
राजस्थान के जयपुर में इन दिनों संघ का कार्यक्रम चल रहा है, इसमें शिरकत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले भी पहुंचे हुए हैं। यहां उन्होंने कहा कि भारत में गौ-मांस खाने वालों की भी घर वापसी हो सकती है, क्योंकि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति जन्म से हिंदू है।
होसबोले ने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है। उन्होंने कहा कि लोग अपने मत एवं संप्रदाय का पालन करते हुए संघ के कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संघ कठोर नहीं है, बल्कि लचीला है।” उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए। उन्होंने अगली पीढ़ी के कल्याण के लिए पर्यावरण की रक्षा करने पर बल दिया। होसबाले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा, ‘भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि हम अलग हैं। हम हिंदू नहीं हैं। भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया था। इस पर गोलवलकर जी ने कहा कि वे हिंदू हैं। उनके लिए दरवाजे बंद नहीं हैं, क्योंकि हम वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा पर काम करते हैं। किसी ने मजबूरी में गौ मांस ही क्यों न खाया हो, किसी कारण से वे चले गए तो दरवाजा बंद नहीं कर सकते हैं। आज भी उसकी घर वापसी हो सकती है।’
होसबोले ने कहा, ‘भारत हिंदू राष्ट्र है, क्योंकि इस देश को बनाने वाले हिंदू हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वेद पुराण में हिंदू नहीं हैं, लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं कि इन्हें स्वीकार नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सत्य और उपयोगी बातों को स्वीकार करना चाहिए। डॉ. हेडगेवार इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिंदू कौन हैं। भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले हिंदू हैं, जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वे लोग हिंदू हैं। जो स्वयं को हिंदू माने, वो हिंदू है। जिन्हें हम हिंदू कहते हैं, वो हिंदू हैं।’
होसबोले के स्पीच की बड़ी बातें, कहा- संघ सभी मतों और संप्रदाय को एक मानता है
- संघ न तो दक्षिणपंथी है, और न ही वामपंथी: संघ न तो दक्षिणपंथी है, और न ही वामपंथी है। बल्कि राष्ट्रवादी है। संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। ऐसे में सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा। संघ ने हर दर्द को सहा और कहा, एन्जॉय द पेन।
- राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है: आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण के कार्य करता रहेगा। समाज के लोगों को जोड़कर समाज के लिए काम करेगा। आज संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है। संघ एक जीवन शैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है। हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम RSS है।
- संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए: संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं, दिल चाहिए। केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है। यही वजह है कि आज संघ का प्रभाव भारत के राष्ट्रीय जीवन में है। देश में लोकतंत्र की स्थापना में RSS की भूमिका रही। ये बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी।’
- संघ छपता है तो अखबार बिकता: तमिलनाडु में मतांतरण के विरुद्ध हिंदू जागरण का शंखनाद हुआ था। जब पत्रकार संघ के कहने से खबर तक नहीं छापते थे, लेकिन आज संघ छपता है तो अखबार बिकता है। देश में संघ के सैकड़ों लोगों की हत्याएं हुईं, पर कार्यकर्ता डरे नहीं हैं। संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है और हम नेशनलिस्ट हैं।
इस कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र शर्मा, अशोक परनामी और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे।