पंचांग, 03 जनवरी 2023
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 03 जनवरी 23 :
नोटः सुजन्म द्वादशी व्रत है। इस द्वादशी तिथि के दिन जो भक्त स्नान आदि से पवित्र होकर श्री नारायण का भक्तिपूर्वक नाम लेता है, व्रत धारण करता है। और तीनों प्रहर श्री नारायण की पूजा में उपासना में लीन रहता है। वह भक्त साधक सम्पूर्ण यज्ञों का फल पाकर श्री नारायण के धाम को पाता है। उसके समस्त पापों एवं दोषों का नाश होता है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः पौष,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः द्वादशी रात्रि कालः 10.02 तक है,
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः कृतिका दोपहरः कालः 04.26 तक है,
योगः शुभ प्रातः काल 07.06 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः वृष,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.33 बजे।