पंचांग, 30 दिसम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 30 दिसम्बर 22 :

नोटः आज श्रीदुर्गाष्टमी व्रत है।

श्री दुर्गा सप्तशती पाठ की सही विधि | Prabhu Sharnam
श्रीदुर्गाष्टमी व्रत

विक्रमी संवत्ः 2079

 शक संवत्ः 1944

 मासः पौष

 पक्षः शुक्ल पक्ष

तिथिः अष्टमी सांयः 06.34 तक है,

वारः शुक्रवार।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद, प्रातः कालः 11.24 तक है

योगः वरियाान प्रातः काल 09.45 तक

 करणः बव

 सूर्य राशिः धनु  चन्द्र राशि:  मीन

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक

 सूर्योदयः 0717 सूर्यास्तः 05.30 बजे।